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खनपो जिगमेद फुनछोगस्

सूची खनपो जिगमेद फुनछोगस्

खनपो जिगमेद फुनछोगस् (तिब्बती: འཇིགས་མེད་ཕུན་ཚོགས་འབྱུང་གནས།, Wylie: 'jig med phun tshogs 'byung gnas; 1933-2004) एक ञिङमा लामा से Sertha के Amdo(dhomay)। उनके परिवार के थे खानाबदोशहै। दो साल की उम्र में उन्होंने पहचान की थी के रूप में पुनर्जन्म के Terton Sogyal, Lerab Lingpa (1852-1926)। उन्होंने अध्ययन Dzogchen पर Nubzor मठ, प्राप्त नौसिखिया समन्वय 14 पर और पूरा समन्वय पर 22 या (1955)। खेनपो जिग्मे Phuntsok था सबसे प्रभावशाली लामा की ञिङमा परंपरा के तिब्बती बौद्ध धर्म में समकालीन तिब्बत (अनुसार करने के लिए खेनपो Samdup था, जो अपने शिष्य)। एक तिब्बती बौद्ध ध्यान गुरु और प्रसिद्ध शिक्षक के महान पूर्णता (Dzogchen), वह की स्थापना की Sertha बौद्ध संस्थान, 1980 में स्थानीय रूप से जाना जाता है के रूप में Larung Gar, एक गैर सांप्रदायिक अध्ययन केंद्र के साथ लगभग 10,000 भिक्षुओं, नन, और रखना, छात्रों को अपने उच्चतम पर भरोसा है। वह खेला एक महत्वपूर्ण भूमिका में सशक्त शिक्षण तिब्बती बौद्ध धर्म के बाद के उदारीकरण के धार्मिक अभ्यास 1980 में.

27 संबंधों: चिंगहई, चेंगदू, चीनी जनवादी गणराज्य, ञिङमा, तिब्बत, तिब्बती पंचांग, तिब्बती बौद्ध धर्म, तिब्बती भाषा, तेनजिन ग्यात्सो, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, पद्म नोर्बु रिन्पोछे, पल्युल संप्रदाय, पंचेन लामा, बंजारा, बोड स्वायत्त क्षेत्र, भारत, मैसूर, लामा, लारूंग गार बौद्ध एकेडमी, शन्शी, सांस्कृतिक क्रांति, सिचुआन, हान चीनी, वयली लिप्यंतरण, गांसू, अतियोग, अम्दो

चिंगहई

चिंगहई (चीनी: 青海; अंग्रेजी: Qinghai, मंगोल: Көкнуур, कोक नूर; तिब्बती: མཚོ་སྔོན་) जनवादी गणराज्य चीन के पश्चिमी भाग में स्थित एक प्रांत है। इसकी राजधानी शिनिंग शहर है। यह प्रांत अधिकतर तिब्बत के पठार पर स्थित है और परंपरागत रूप से तिब्बती लोग इसके अधिकतर भाग को तिब्बत का एक क्षेत्र समझते हैं जिसका तिब्बती नाम 'आमदो' है। इस प्रान्त का नाम चिंगहई झील पर पड़ा है। ऐतिहासिक रूप से यह इलाक़ा चीन का भाग नहीं था बल्कि इसपर कई जातियों में खींचातानी चलती थी, जिनमें तिबाती, हान चीनी, मंगोल और तुर्की लोग शामिल थे। चीन की एक महत्वपूर्ण नदी ह्वांग हो (उर्फ़ 'पीली नदी') इसी प्रान्त के दक्षिणी भाग में जन्म लेती है जबकि यांग्त्से नदी और मिकोंग नदी इसके दक्षिण-पश्चिमी भाग में जन्मती हैं।, Shelley Jiang, Shelley Cheung, Macmillan, 2004, ISBN 978-0-312-32005-8,...

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चेंगदू

चेंगदू (चीनी: 成都, अंग्रेजी: Chengdu दक्षिण-पश्चिमी चीन के सिचुआन प्रान्त की राजधानी है। इसमें १,४०,४७,६२५ लोग रहते हैं (२०१० जनगणना के अनुसार)। यह शहर आर्थिक, यातायात और उद्योग की दृष्टि से पश्चिमी चीन के सब में महत्वपूर्ण नगरों में से है। सन् २००७ में चीन में निवेश पर किए गए एक अध्ययन में चेंगदू निवेश के लिए १० सब से अच्छे शहरों में से एक था। चीनी अख़बार 'चाइना डेली' के अनुसार चेंगदू रहने के लिए चीन का चौथा सब से अच्छा नगर है। प्राचीनकाल में चेंगदू चीन का हिस्सा नहीं बल्कि संभवतः एक 'सानशिंगदुई' नामक कांस्य युग संस्कृति का केंद्र था। इसपर चीन के चिन राजवंश ने ३१६ ईसापूर्व में क़ब्ज़ा कर के अपने साम्राज्य का भाग बनाया। चेंगदू अपने चायख़ानों के लिए प्रसिद्ध है और एक कहावत है कि 'सिचुआन के चायख़ाने दुनिया में सब से अच्छे हैं और चेंगदू के चायख़ाने सिचुआन में सबसे अच्छे हैं'।, Jack Quian, AuthorHouse, 2006, ISBN 978-1-4259-7590-6,... 'The teahouses in Sichuan top the world, and those in Chengdu top Sichuan.' This widespread saying not only points out the status of Chengdu's teahouses but also the inseverable ties between Chengdu culture and tea... .

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चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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ञिङमा

ञिङमा (तिब्बती भाषा: རྙིང་མ་པ།, अंग्रेज़ी: Nyingma), तिब्बती बौद्ध धर्म की पांच प्रमुख शाखाओं में से एक हैं। तिब्बती भाषा में "ञिङमा" का अर्थ "प्राचीन" होता है। कभी-कभी इसे ङग्युर (སྔ་འགྱུར།, Ngagyur) भी कहा जाता है जिसका अर्थ "पूर्वानूदित" होता है, जो नाम इस सम्प्रदाय द्वारा सर्वप्रथम महायोग, अनुयोग, अतियोग और त्रिपिटक आदि बौद्ध ग्रंथों को संस्कृत इत्यादि भारतीय भाषों से तिब्बती में अनुवाद करने के कारण रखा गया। तिब्बती लिपि और तिब्बती भाषा के औपचारिक व्याकरण की आधारशिला भी इसी ध्येय से रखी गई थी। आधुनिक काल में ञिङमा संप्रदाय का धार्मिक संगठन तिब्बत के खम प्रदेश पर केन्द्रित है। .

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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तिब्बती पंचांग

वर्ष १९२३-२४ के तिब्बती पंचांग का मुखपृष्ट तिब्बती पंचांग (तिब्बती: ལོ་ཐོ, लो'थो) चन्द्रसौर पंचांग है। तिब्बती वर्ष १२ या १३ चन्द्र मास का होता है। प्रत्येक मास प्रथमा (new moon) से आरम्भ होता है। दो या तीन वर्ष बाद वर्ष में १३ माह कर दिये जाते हैं ताकि औसत वर्ष एक सौर वर्ष (३६५.२५ दिन) का हो जाय। तिब्बती नव-वर्ष को लो-गसर (ལོ་གསར་) कहते हैं। .

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तिब्बती बौद्ध धर्म

तिब्बती बौद्ध धर्म बौद्ध धर्म की महायान शाखा की एक उपशाखा है जो तिब्बत, मंगोलिया, भूटान, उत्तर नेपाल, उत्तर भारत के लद्दाख़, अरुणाचल प्रदेश, लाहौल व स्पीति ज़िले और सिक्किम क्षेत्रों, रूस के कालमिकिया, तूवा और बुर्यातिया क्षेत्रों और पूर्वोत्तरी चीन में प्रचलित है।An alternative term, "lamaism", and was used to distinguish Tibetan Buddhism from other buddhism.

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तिब्बती भाषा

तिब्बती भाषा (तिब्बती लिपि में: བོད་སྐད་, ü kä), तिब्बत के लोगों की भाषा है और वहाँ की राजभाषा भी है। यह तिब्बती लिपि में लिखी जाती है। ल्हासा में बोली जाने वाली भाषा को मानक तिब्बती माना जाता है। .

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तेनजिन ग्यात्सो

चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो (६ जुलाई, 1934 - वर्तमान) तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरू हैं। उनका जन्म ६ जुलाई १९३५ को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले ये ओमान परिवार में हुआ था। दो वर्ष की अवस्था में बालक ल्हामो धोण्डुप की पहचान 13 वें दलाई लामा थुबटेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में की गई। दलाई लामा एक मंगोलियाई पदवी है जिसका मतलब होता है ज्ञान का महासागर और दलाई लामा के वंशज करूणा, अवलोकेतेश्वर के बुद्ध के गुणों के साक्षात रूप माने जाते हैं। बोधिसत्व ऐसे ज्ञानी लोग होते हैं जिन्होंने अपने निर्वाण को टाल दिया हो और मानवता की रक्षा के लिए पुनर्जन्म लेने का निर्णय लिया हो। उन्हें सम्मान से परमपावन की कहा जाता है। .

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धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश की शीतकालीन राजधानी है। यह हिमाचल राज्य के कांगड़ा जिले का मुख्यालय है, और कांगड़ा नगर से १६ किमी की दूरी पर स्थित है। धर्मशाला के मैक्लॉडगंज उपनगर में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के मुख्यालय हैं, और इस कारण यह दलाई लामा का निवास स्थल तथा निर्वासित तिब्बती सरकार की राजधानी है। धर्मशाला को भारत सरकार के स्मार्ट सिटीज मिशन के अंतर्गत एक स्मार्ट नगर के रूप में विकसित होने वाले सौ भारतीय नगरों में से एक के रूप में भी चुना गया है। ऐसी मान्यता है की नगर का नाम धर्मशाला शब्द से उत्पन्न हुआ है। यह नगर वर्ष १८४९ में कांगड़ा में स्थित सैन्य छावनी के लिए अस्तित्व में आया। वर्ष १८५५ में धर्मशाला को कांगड़ा जिले का मुख्यालय घोषित किया गया था। धर्मशाला में सिविलियन और छावनी क्षेत्र की बढ़ती चहल-पहल को देखते हुए यहां सुविधाएं लोगों को मुहैया करवाने के लिए नगर परिषद बनाने का विचार बना था। पांच मई १८६७ को यहां नगर परिषद अस्तित्व में आई थी। उस समय बनी नगर परिषद की पहली बैठक भी ६ मई १८६७ को तत्कालीन जिलाधीश सीएफ एल्फिनस्टोन की अध्यक्षता में हुई थी। धर्मशाला के १८६७ में नगर परिषद बनने के बाद यहां सुविधाओं में इजाफा हुआ। १८९६ में धर्मशाला में बिजली भी लोगों मिलनी शुरू हुई थी। तत्पश्चात नगर में कार्यालयों के विकास के अतिरिक्त व्यापार व वाणिज्य, सार्वजनिक संस्थान, पर्यटन सुविधाओं तथा परिवहन गतिविधयों में भी उन्नति हई। वर्ष १९०५ व् १९८६ के भूकम्पों से नगर का बहुत नुकसान हुआ। १९२६ से १९४७ के बीच यहां पर इंटर कॉलेज सहित महाविद्यालय खुला तो वर्ष १९३५ में सिनेमा हाल भी यहां खुला। बढ़ते समय के साथ-साथ सामाजिक सुधारों के साथ संगीत, साहित्य और कला के क्षेत्र में भी यह क्षेत्र कहीं पीछे नहीं रहा। १९६० से महामिहम दलाई लामा का मुख्यालय भी धर्मशाला में स्थित है। .

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पद्म नोर्बु रिन्पोछे

'''पद्म नोर्बु रिन्पोछे''' फोटो द्वारा: Chris Fynn, 1981 पद्म नोर्बु रिन्पोछे, पद्नोर रिन्पोछे या ड्रुब्वाङ पद्म नोर्बु रिन्पोछे (तिब्बती: པདྨ་ནོར་བུ་, Wylie: pad ma nor bu, 1932 - मार्च 27, 2009) ञिङमा पल्युल सांप्रदायिक मठ के ग्यारहवें सिंहासन-धारक और ञिङमा संप्रदाय के तीसरे परम प्रमुख गुरु हैं। उन्हें भारतीय बौद्ध धर्म के महापण्डित विमलमित्र के अवतार के रूप में भी माना जाता है। बौद्ध वज्रयान महासन्धि शिक्षण परंपरा का सुविज्ञ गुरु होने की कारण से तिब्बती बौद्ध की दुनिया में व्यापक रूप से प्रसिद्ध थे। .

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पल्युल संप्रदाय

पल्युल सांप्रदायिक मूल मठ, तिब्बत चीन दक्षिण भारत, मैसूर, बैलाकुप्पे में मौजूदा पल्युल सांप्रदायिक मठ, नाम्ड्रोल्लिङ पद्म सम्भव बौद्ध विहार पल्युल संप्रदाय पल्युल मठ तिब्बती बौद्ध धर्म के ञिङमा पारम्परिक छ मूल मठ में से एक है। इस मठ को पल्युल संप्रदाय के प्रथम सिंहासन धारक विद्याधर कुन्जाङ शेसरब द्वारा 1665 में स्थापित किया गया था, जो आजकल चीन के सिचुआन प्रांत, बैयु काउंटी, गर्जे तिब्बती स्वायत्त प्रान्त के पूर्वी शहर में है। वास्तव में पल्युल एक जगह का नाम था और बाद में उस जगह पर स्थापित मठ और गोन्पा को पल्युल मठ या पल्युल गोन्पा कहा गया, और उसी मठ से सम्बंधित बौद्ध महासिद्ध और गुरु द्वारा दिएगए बौद्ध शिक्षण संप्रदाय का नाम भी पल्युल संप्रदाय रहा गया। .

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पंचेन लामा

पंचेन लामा दलाई लामा के बाद तिब्बत के दूसरे सबसे प्रभावशाली धर्म गुरु हैं। ये चीन सरकार द्वारा निर्वासित नहीं किए गए हैं। इसलिए ये तिब्बत में ही रहते हैं। .

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बंजारा

तिब्बत की लगभग ४०% आबादी खानाबदोश है। बंजारा या 'खानाबदोश' (Nomadic people) मानवों का ऐसा समुदाय है जो एक ही स्थान पर बसकर जीवन-यापन करने के बजाय एक स्थान से दूसरे स्थान पर निरन्तर भ्रमणशील रहता है। एक आकलन के अनुसार विश्व में कोई ३-४ करोड़ बंजारे हैं। कई बंजारा समाजों ने बड़े-बड़े साम्राज्य तक स्थापित करने में सफलता पायी। .

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बोड स्वायत्त क्षेत्र

बोड (तिब्बती: བོད་རང་སྐྱོང་ལྗོངས་, पारंपारिक चीनी: 西藏自治區, सरल चीनी:西藏自治区) एक स्वायत् क्षेत है चीन मैं। श्रेणी:जनवादी गणराज्य चीन के स्वायत्त क्षेत्र.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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मैसूर

मैसूर भारत के कर्नाटक प्रान्त का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह प्रदेश की राजधानी बंगलौर से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दक्षिण में तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है। .

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लामा

तिब्बत के बौध साधु या धर्म गुरु को लामा कहा जाता है। उनकी कई कोटियाँ होती है। नीचे से लेकर ऊपर तक जैसे दलाई लामा, पंचेन लामा, कर्मापा लामा आदि। .

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लारूंग गार बौद्ध एकेडमी

लारूंग गार बौद्ध एकेडमी, चिनी: 喇荣五明佛学院) सन् १९८० में, तिब्बती बौद्ध विद्वान खनपो जिगमेद फुनछोगस् द्वारा स्थापित एक ञिङमा साम्प्रदायिक तिब्बती बौद्ध विद्यापीठ है। यह विद्यालय सेरता काउंटी, गरजे, सिचुआन प्रांत में स्थित है। इस शैक्षिक संस्थान उद्देश्य तिब्बती बौद्ध धर्म में एक दुनियावी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए और, सन १९६६-७६ की चिनिया सांस्कृतिक क्रांति द्वारा किया गया विनाशकारी प्रभाव का ध्यान में लेकर तिब्बती बौद्ध छात्रवृत्ति नवीकरण के जरूरत को पूरा करने के लिए किया गया है। इसके दूरस्थ स्थान के बावजूद, यह दुनिया में तिब्बती बौद्ध अध्ययन के लिए सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली केन्द्रों में से एक है, यह की छात्रों का संख्या में १०,००० से अधिक भिक्षुओं, भिक्षुणियों है। बीजिंग. चीन के चेंगदू से करीब 600 किमी दूर यह स्कूल 1980 में एक इमारत में शुरू हुआ था। अब फैलकर कस्बे में बदल गया है। कस्बे का निर्माण सिर्फ दान से हुआ है। नाम है लारुंग गार बुद्धिस्ट एकेडमी। यह दुनिया का सबसे बड़ा रिहायशी बौद्ध विद्यालय है। यहां पर तिब्बत के पारंपरिक बौद्ध शिक्षा का अध्ययन करने के लिए कई देशों से बच्चे आते हैं। यहां सभी घरों के रंग लाल और भूरे हैं। लड़के-लड़कियों के रहने वाले इलाकों को सड़कों से बांटा गया है। .

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शन्शी

चीन के नक़्शे में शन्शी प्रान्त (लाल रंग) (चीनी: 山西; पिनयिन लिप्यन्तरण: Shānxī; वेड-जाइल्ज़ लिप्यन्तरण: Shan-hsi; अंग्रेज़ी: Shansi) उत्तर चीन में स्थित एक प्रांत हैं। शन्शी का अर्थ चीनी भाषा में 'पश्चिम पर्वत' है। शन्शी की राजधानी ताइयुआन शहर है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2 शन्शी प्रान्त का क्षेत्रफल १,५६,८०० वर्ग किमी है, यानी भारत के ओडिशा राज्य के लगभग बराबर। सन् २०१० की जनगणना में शन्शी की प्रांतीय आबादी ३,५७,१२,१११ थी। .

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सांस्कृतिक क्रांति

सांस्कृतिक क्रांति (सरलीकृत चीनी: 无产阶级文化大革命; परंपरिक चीनी: 無產階級文化大革命, Long form: 'चीन की महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति') जनवादी गणराज्य चीन में माओ त्से-तुंग द्वारा चलाया गया एक सामाजिक-राजनीतिक आन्दोलन था सन् १९६६ से आरम्भ होकर सन् १९७६ तक चला। माओ उस समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष थे। 16 मई 1966 को शुरू हुई यह क्रांति 10 वर्षों तक चली और इसने चीन के सामाजिक ढांचे में कई बड़े परिवर्तन किए। इस क्रांति की शुरुआत की घोषणा करते हुए माओ-त्से-तुंग ने चेतावनी दी थी कि बुर्जुआ वर्ग कम्युनिस्ट पार्टी में अपना प्रभाव क़ायम करके एक तरह की तानाशाही स्थापित करना चाहता है। वास्तव में सांस्कृतिक क्रांति का अभियान माओ ने अपनी पार्टी को प्रतिद्वंद्वियों से छुटकारा दिलाने के लिए शुरू किया था। .

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सिचुआन

सिचुआन (四川, Sichuan या सचवान (Szechwan)) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिणी भाग में स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त की राजधानी चेंगदू है। चीन द्वारा तिब्बत पर नियंत्रण पाने से पहले सिचुआन के कुछ इलाक़े तिब्बत का हिस्सा हुआ करते थे और ऐतिहासिक रूप से यह प्रान्त चीन और तिब्बत के बीच खींचातानी का क्षेत्र रहा है। .

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हान चीनी

चीन में विभिन्न जातियों का फैलाव - हान चीनी पूर्व की ओर गाढ़े ख़ाकी रंग में हैं हान चीनी (चीनी: 汉族, हानज़ू या हानरेन) चीन की एक जाति और समुदाय है। आबादी के हिसाब से यह विश्व की सब से बड़ी मानव जाति है। कुल मिलाकर दुनिया में १,३१,०१,५८,८५१ हान जाति के लोग हैं, यानी सन् २०१० में विश्व के लगभग २०% जीवित मनुष्य हान जाति के थे। चीन की जनसँख्या के ९२% लोग हान नसल के हैं। इसके अलावा हान लोग ताइवान में ९८% और सिंगापुर में ७८% होने के नाते उन देशों में भी बहुतायत में हैं। हज़ारों साल के इतिहास में बहुत सी अन्य जातियाँ और क़बीले समय के साथ हान जाति में मिलते चले गए जिस से वर्तमान हान समुदाय में बहुत सांस्कृतिक, सामाजिक और आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) विविधताएँ हैं।, Nature Publishing Group, 2004 .

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वयली लिप्यंतरण

thumb वयली लिप्यंतरण (Wylie transliteration) तिब्बती लिपि के रोमनीकरण की एक विधि है जिसमें उन रोमन वर्णों का उपयोग किया जाता है जो अंग्रेजी भाषा के किसी साधारण टाइपराइटर पर भी उपलब्ध होते हैं। यह नाम, टरेल वी वयली (Turrell V. Wylie) के नाम पर पड़ा है जिन्होने १९५९ में इस योजना को प्रस्तुत किया था। समय के साथ यह लिप्यन्तरण योजना एक मानक बन गयी (विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका में)। तिब्बती भाषा के रोमनीकरण की सभी योजनाओं में सदा एक दुविधा की स्थिति पायी जाती है। यह दुविधा यह है कि रोमनीकरन करते समय बोली/कही गयी तिब्बती भाषा के उच्चारण को संरक्षित रखने की कोशिश की जाय या तिब्बती लिपि की वर्तनी का अनुकरण किया जाय। बात यह है कि तिब्बती में लिखी और बोली गयी भाषा में बहुत अन्तर होता है। वयली लिप्यन्तरण से पहले प्रचलित लिप्यन्तरण योजनाएँ न तो उच्चारण को पूर्णतः संरक्षित कर पातीं थीं न ही लिपि की वर्तनी को। वयली लिप्यन्तरण योजना, तिब्बती उच्चारण का अनुगमन नहीं करती बल्कि तिब्बती लिपि (वर्तनी) को रोमन लिपि में प्रस्तुत करने की योजना है। .

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गांसू

गांसू (चीनी: 甘肃) उत्तर-पश्चिमी चीन में स्थित एक प्रान्त है। इसका नाम उईग़ुर भाषा के "कांग" (अर्थ: विस्तृत) और "सू" (अर्थ: पानी) शब्दों से उत्पन्न हुआ है। गांसू की राजधानी लानझू शहर है जो इस प्रांत के दक्षिणपूर्व में स्थित है। इस प्रांत की आबादी 2009 में 2.6 करोड़ थी (लगभग हरियाणा के बराबर) और इसका क्षेत्रफल लगभग 454,000 वर्ग किमी है (लगभग उत्तर प्रदेश का दुगना)। यहाँ पर हुई समुदाय के बहुत से लोग रहते हैं, जो नस्ल के तो चीनी हैं लेकिन इस्लाम के अनुयायी हैं। गांसू के दक्षिण-पश्चिमी भाग में बहुत से तिब्बती लोग भी रहते हैं। .

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अतियोग

अतियोग और (तिब्बती: རྫོགས་པ་ཆེན་པོ།, जोग्स्पछेन्पो, संस्कृत: अतियोग एवं महासन्धि) बज्रयान अन्तर्गत के सबसे सर्वोच्च तान्त्रिक संप्रदाय है। इस संप्रदाय ञिङमा संप्रदाय का नौ यान मध्ये नौवां यान है। श्रेणी:जाति श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अम्दो

अम्दो (तिब्बती: ཨ༌མདོ, अंग्रेज़ी: Amdo) तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक है, जिन्हे तिब्बती भाषा में तिब्बत के तीन 'चोलका' कहा जाता है। अन्य दो प्रान्त खम और इउ-त्संग हैं।, Ashild Kolas, Monika P Thowsen, pp.

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