5 संबंधों: तारा, तारा (बौद्ध धर्म), वन, खैर, कमल।
तारा
तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण गैस की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण (gravitation) इनके द्रव्य को संघटित रखता है। मेघरहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओं की तरह बिखरे हुए, टिमटिमाते प्रकाशवाले बहुत से तारे दिखलाई देते हैं। .
नई!!: खदिरवनी और तारा · और देखें »
तारा (बौद्ध धर्म)
हरी तारा (तिब्बत, १९९३) महायान तिब्बती बौद्ध धर्म के सन्दर्भ में तारा (तिब्बती: སྒྲོལ་མ, Dölma) या आर्य तारा एक स्त्री बोधिसत्व हैं। वज्रयान बौद्ध धर्म में वे स्त्री बुद्ध के रूप में हैं। वे "मुक्ति की जननी" के रूप में मान्य हैं तथा कार्य एवं उपलब्धि के क्षेत्र में सफलता की द्योतक हैं। उन्हें जापान में 'तारा बोसत्सु' (多羅菩薩) तथा चीनी बौद्ध धर्म में डुओलुओ पुसा कहते हैं। श्रेणी:बोधिसत्व श्रेणी:बौद्ध धर्म.
नई!!: खदिरवनी और तारा (बौद्ध धर्म) · और देखें »
वन
National Park)). एक क्षेत्र जहाँ वृक्षों का घनत्व अत्यधिक रहता है उसे वन कहते हैं। पेड़ जंगल के कई परिभाषाएँ, है जो कि विभिन्न मानदंडों पर आधारित हैं। वनों ने पृथ्वी के लगभग ९.४% भाग को घेर रखा है और कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 30% भाग घेर रखा है। कभी वन कुल भूमि क्षेत्र के ५०% भाग में फैल हुए थे। वन जीव जन्तुओं के लिए आवास स्थल, जल-चक्र को प्रभावित करते हैं और मृदा संरक्षण के काम आते हैं इसी कारण यह पृथ्वी के जैवमण्डल का अहम हिस्सा कहलाते हैं। इतिहास बताता है, कि "वन" एक बीहड़ क्षेत्र जिसका मतलब कानूनी तौर पर बाजू के लिए निर्धारित शिकार के द्वारा सामंती कुलीनता है और इन शिकार जंगलों जरूरी ज्यादा अगर में सभी (देखें जंगली नहीं थे रॉयल वन। हालांकि, शिकार के जंगलों अक्सर वुडलैंड के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया जबकि, शब्द वन अंततः जंगली भूमि अधिक सामान्यतः मतलब करने के लिए आया था। एक वुडलैंड जो की एक जंगल से भिन्न है। .
नई!!: खदिरवनी और वन · और देखें »
खैर
खैर में भारत के बिहार राज्य के अन्तर्गत पुर्णिया मण्डल के अररिया जिले का एक गाँव है। बिहार के जिले .
नई!!: खदिरवनी और खैर · और देखें »
कमल
'''कमल''' - यही भारत का राष्ट्रीय पुष्प भी है। कमल (वानस्पतिक नाम:नीलंबियन न्यूसिफ़ेरा (Nelumbian nucifera)) वनस्पति जगत का एक पौधा है जिसमें बड़े और सुन्दर फूल खिलते हैं। यह भारत का राष्ट्रीय पुष्प है। संस्कृत में इसके नाम हैं - कमल, पद्म, पंकज, पंकरुह, सरसिज, सरोज, सरोरुह, सरसीरुह, जलज, जलजात, नीरज, वारिज, अंभोरुह, अंबुज, अंभोज, अब्ज, अरविंद, नलिन, उत्पल, पुंडरीक, तामरस, इंदीवर, कुवलय, वनज आदि आदि। फारसी में कमल को 'नीलोफ़र' कहते हैं और अंग्रेजी में इंडियन लोटस या सैक्रेड लोटस, चाइनीज़ वाटर-लिली, ईजिप्शियन या पाइथागोरियन बीन। कमल का पौधा (कमलिनी, नलिनी, पद्मिनी) पानी में ही उत्पन्न होता है और भारत के सभी उष्ण भागों में तथा ईरान से लेकर आस्ट्रेलिया तक पाया जाता है। कमल का फूल सफेद या गुलाबी रंग का होता है और पत्ते लगभग गोल, ढाल जैसे, होते हैं। पत्तों की लंबी डंडियों और नसों से एक तरह का रेशा निकाला जाता है जिससे मंदिरों के दीपों की बत्तियाँ बनाई जाती हैं। कहते हैं, इस रेशे से तैयार किया हुआ कपड़ा पहनने से अनेक रोग दूर हो जाते हैं। कमल के तने लंबे, सीधे और खोखले होते हैं तथा पानी के नीचे कीचड़ में चारों ओर फैलते हैं। तनों की गाँठों पर से जड़ें निकलती हैं। .
नई!!: खदिरवनी और कमल · और देखें »