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क्रीडांगन

सूची क्रीडांगन

कोलकाता का '''इडेन गार्डेन''' ग्रीस में इलिस (Elis) के मैदान में पहाड़ों एवं नदियों से घिरा हुआ एक मनोरम स्थान है जिसको ओलिंपिया (Olympia) कहते हैं। वहाँ दुनिया का पहला खेल का मैदान बना था। ग्रीक लोग इस बात में विश्वास करते थे कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क हो सकता है। उन्होंने खेल के महत्व को समझा और खेलों को अपनी सभ्यता में ऊँचा स्थान दिया। ग्रीस में लगभग हर बड़े शहर में व्यायामशाला (gymmasium) होती थी जिसमें शहर के नवयुवक जाकर कसरत करते थे। फिर उन्होंने बड़े बड़े खेल संगठित किए जिनमें सारे ग्रीस से नवयुवक आकर भाग लेते थे। इन खेलों में ओलिंपियन, पीथियन, निमियन तथा इस्थमियन (Olympian, Pythian, Nemean and Isthmian) बड़े मशहूर हैं। इन चारों खेलों में सबसे पुराने और सबसे बड़े ओलिंपियन खेल थे। ओलिंपियन खेल चार साल में एक बार होते थे और जिस महीने में ये होते थे उसमें आपस की लड़ाइयाँ और झगड़े बंद हो जाते थे ताकि नौजवान शांतिपूर्वक आकर उनमें भाग ले सकें और असंख्य दर्शक भी आ सकें। ओलिंपिया का मैदान बहुत बड़ा था जिसमें दर्शकों के बैठने की पर्याप्त जगह थी और बीच में दौड़ने का मैदान था। इसमें आदमी दौड़ते थे और रथों की दौड़ होती थी। फाँदने की जगह और कुश्ती के अखाड़े भी होते थे। करीब की पहाड़ी के ऊ पर जियस (Zeus) का मंदिर था जहाँ ओलिंपिक दौड़ में जीतनेवाले खिलाड़ी ले जाए जाते थे। ओलिंपिक एक दौड़ होती थी जो स्टेड (Stade) या 606 फुट की दूरी में होती थी। स्टेड से ही स्टेडियम (Stadium) शब्द बना। ग्रीस में स्थान स्थान पर ऐसे मैदान थे जहाँ पर दौड़नेवाले ओर देखनेवाले इकट्ठा होते थे। ग्रीस के बाद रोम में खेलों की बहुत चर्चा रही और रोमवासियों ने कई प्रकार के खेल के मैदान बनवाए। रोम में खेल सरकारी खर्चे पर होते थे तथा बहुधा त्योहारों के अवसर पर आयोजित किए जाते थे। लड़ाई जीतने की खुशी में, या किसी बड़े आदमी के मर जाने पर भी, रोम में खेल होते थे। रोमवासी खेलों के पीछे पागल थे, परंतु उन्हें ग्रीसवासियों की तरह खेल में स्वयं भाग लेने की चाह नहीं थी, वरन देखने का अधिक शौक था। रोम का सबसे बड़ा खेल का मैदान कोलोसियम (Colosseum) था, जिसके खंडहर अब भी मौजूद हैं। इसमें पचास हजार आदमी बैठ सकते थे। रोम के खेलों के मैदान में रथों और मामूली घोड़ों के अलावा और भी खेल होते थे, उदाहरणत: जंगली जानवरों की लड़ाई या जंगली पशुओं एवं आदमियों की लड़ाई। एक एक खेल में हजारों जानवर और सैकड़ों आदमी मारे जाते थे। कोलोसियम के निर्माण के अवसर पर जो खेल हुए थे उनमें 9,000 जानवर मारे गए थे। फिर इन मैदानों में ग्लैडिएटरों (Gladiators) की लड़ाई भी होती थी। ये लोग मामूली या लड़ाई के कैदी होते थे और आपस में जान की बाजी लगाकर लड़ते थे। जब कोई मारा जाता था तो मैदान दर्शकों के शोर गुल से गूँज उठता था। रोम में खेल के कुछ मैदान ऐसे भी थे जिनमें पानी भर दिया जाता था और एक झील बन जाती थी। इस झील में नियमित रूप से समुद्री लड़ाइयाँ होती थीं और बहुत आदमी मारे जाते थे। मध्य युग में खेल का महत्व समाप्त हो गया। 19वीं सदी तक खेल का कोई मैदान नहीं बना। सिर्फ स्पेन और मेक्सिको में साँड़ों की लड़ाई के कुछ मैदान बने। इन मैदानों में आदमी साँड़ों से लड़ते थे और हजारों आदमी उसका तमाशा देखते थे। ये लड़ाइयाँ स्पेन में अब भी होती थी। 19वीं सदी में यूरोपवालों ने खेल के महत्व को फिर से समझा और ओलिंपिक खेलों को पुनर्जीवित किया। आधुनिक युग में पहला ओलिंपिक खेल 1896 में एथेंस में आयोजित किया गया और उसके लिये संगमरमर का क्रीडांगण बनाया गया जिसमें 66 हजार आदमी बैठ सकते थे। तब से बराबर खेल के मैदान सारी दुनिया में बनते जा रहे हैं। 20वीं सदी में जितने क्रीडांगण बने हैं, उतने इतिहास के किसी काल में नहीं बने। केवल अमेरिका में ही सौ से ऊ पर खेल के मैदान बने हैं, जिनमें बंद एवं खुले दोनों प्रकार के मैदान शामिल हैं। लंदन, न्यूयार्क तथा शिकागो में बहुत बड़े बड़े ढँके हुए क्रीडांगण हैं। इनमें बैडमिंटन, टेनिस, बॉक्सिंग और बर्फ के खेल होते हैं। शिकागो का बंद क्रीडांगण इतना बड़ा है कि उसमें दो लाख आदमी आ सकते हैं। खेल के इन मैदानों का आकार भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है। कुछ मैदान गोल होते हैं, कुछ अंडे की शकल के, कुछ चौकोर और कुछ घोड़े की नाल की तरह। बीच में दौड़ने वालों के लिए क्रमश: ऊ ँची होती जानेवाले आसनों की श्रेणियाँ होती है। आजकल के स्टेडियम दर्शनीय होते हैं। इनके सीमेंट के भवन बहुत शानदार और सुंदर होते हैं। ओलिंपिक खेलों का आजकल ढंग यह होता है कि भिन्न-भिन्न देश उनको बारी बारी से अपने यहाँ आयोजित करते हैं। इसलिए जिस देश की बारी होती है उसमें एक बहुत बड़ा स्टेडियम तैयार हो जाता है। बहुत से देशों में आधुनिक स्टेडियम इसी प्रकार बने हैं। श्रेणी:खेल.

3 संबंधों: मध्ययुग, यूनान, रोम

मध्ययुग

रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत, पाश्चात्य सभ्यता एक हजार वर्षों के लिये उस युग में प्रविष्ट हुई, जो साधारणतया मध्ययुग (मिडिल एजेज) के नाम से विख्यात है। ऐतिहासिक रीति से यह कहना कठिन है कि किस किस काल अथवा घटना से इस युग का प्रारंभ और अंत होता है। मोटे तौर से मध्ययुग का काल पश्चिमी यूरोप में पाँचवीं शताब्दी के प्रारंभ से पंद्रहवीं तक कहा जा सकता है। तथाकथित मध्ययुग में एकरूपता नहीं है और इसका विभाजन दो निश्चित एवं पृथक् युगों में किया जा सकता है। 11वीं शताब्दी के पहले का युग सतत संघर्षों, अनुशासनहीनता, तथा निरक्षरता के कारण 'अंधयुग' कहलाया, यद्यपि इसमें भी यूरोप को रूपांतरित करने के कदम उठाए गए। इस युग का प्रारंभ रोमन साम्राज्य के पश्यिमी यूरोप के प्रदेशों में, बर्बर गोथ फ्रैंक्स वैंडल तथा वरगंडियन के द्वारा स्थापित जर्मन साम्राज्य से होता है। यहाँ तक कि शक्तिशाली शार्लमेन (742-814) भी थोड़े ही समय के लिये व्यवस्था ला सका। शार्लमेन के प्रपौलों की कलह तथा उत्तरी स्लाव और सूरासेन के आक्रमणों से पश्चिमी यूरोप एक बार फिर उसी अराजकता को पहुँचा जो सातवीं और आठवीं शताब्दी में थी। अतएव सातवीं और आठवीं शताब्दी का ईसाई संसार, प्रथम शताब्दी के लगभग के ग्रीक रोम जगत् की अपेक्षा सभ्यता एवं संस्कृति की निम्न श्रेणी पर था। गृहनिर्माण विद्या के अतिरिक्त, शिक्षा, विज्ञान तथा कला किसी भी क्षेत्र में उन्नति नहीं हुई थी। फिर भी अंधयुग उतना अंध नहीं था, जितना बताया जाता है। ईसाई भिक्षु एवं पादरियों ने ज्ञानदीप को प्रज्वलित रखा। 11वीं शताब्दी के अंत से 15वीं शताब्दी तक के उत्तर मध्य युग में मानव प्रत्येक दिशा में उन्नतिशील रहा। राष्ट्रीय एकता की भावना इंग्लैंड में 11वीं शताब्दी में, तथा फ्रांस में 12वीं शताब्दी में आई। शार्लमैन के उत्तराधिकारियों की शिथिलता तथा ईसाई चर्च के अभ्युदय ने, पोप को ईसाई समाज का एकमात्र अधिष्टाता बनने का अवसर दिया। अतएव, पोप तथा रोमन सम्राट् की प्रतिस्पर्धा, पावन धर्मयुद्ध, विद्या का नियंत्रण तथा रोमन केथोलिक धर्म के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप इत्यादि में इस प्रतिद्वंद्विता का आभास मिलता है। 13वीं शताब्दी के अंत तक राष्ट्रीय राज्य इतने शक्तिशाली हो गए थे कि चर्च की शक्ति का ह्रास निश्चित प्रतीत होने लगा। नवीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी तक, पश्चिमी यूरोप का भौतिक, राजनीतिक तथा सामाजिक आधार सामंतवाद था, जिसके उदय का कारण राजा की शक्तियों का क्षीण होना था। समाज का यह संगठन भूमिव्यवस्था के माध्यम से पैदा हुआ। भूमिपति सामंत को अपने राज्य के अंतर्गत सारी जनता का प्रत्यक्ष स्वामित्व प्राप्त था। मध्ययुग नागरिक जीवन के विकास के लिये उल्लेखनीय है। अधिकांश मध्ययुगीन नगर सामंतों की गढ़ियों, मठों तथा वाणिज्य केंद्रों के आस पास विकसित हुए। 12वीं तथा 13वीं शताब्दी में यूरोप में व्यापार की उन्नति हुई। इटली के नगर विशेषतया वेनिस तथा जेनोआ पूर्वी व्यापार के केंद्र बने। इनके द्वारा यूरोप में रूई, रेशम, बहुमूल्य रत्न, स्वर्ण तथा मसाले मँगाए जाते थे। पुरोहित तथा सामंत वर्ग के समानांतर ही व्यापारिक वर्ग का ख्याति प्राप्त करना मध्ययुग की विशेषताओं में है। इन्हीं में से आधुनिक मध्यवर्ग प्रस्फुटित हुआ। मध्ययुग की कला तथा बौद्धिक जीवन अपनी विशेष सफलताओं के लिये प्रसिद्ध है। मध्ययुग में लैटिन अंतरराष्ट्रीय भाषा थी, किंतु 11वीं शताब्दी के उपरांत वर्नाक्यूलर भाषाओं के उदय ने इस प्राचीन भाषा की प्राथमिकता को समाप्त कर दिया। विद्या पर से पादरियों का स्वामित्व भी शीघ्रता से समाप्त होने लगा। 12वीं और 13वीं शताब्दी से विश्वविद्यालयों का उदय हुआ। अरस्तू की रचनाओं के साथ साथ, कानून, दर्शन, तथा धर्मशास्त्रों का अध्ययन सर्वप्रिय होने लगा। किंतु वैज्ञानिक साहित्य का सर्वथा अभाव था। भवन-निर्माण-कला की प्रधानता थी, जैसा वैभवशाली चर्च, गिरजाघरों तथा नगर भवनों से स्पष्ट है। भवननिर्माण की रोमन पद्धति के स्थान पर गोथिक पद्धति विकसित हुई। आधुनिक युग की अधिकांश विशेषताएँ उत्तर मध्ययुग के प्रवाहों की प्रगाढ़ता है। .

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यूनान

यूनान यूरोप महाद्वीप में स्थित देश है। यहां के लोगों को यूनानी अथवा यवन कहते हैं। अंग्रेजी तथा अन्य पश्चिमी भाषाओं में इन्हें ग्रीक कहा जाता है। यह भूमध्य सागर के उत्तर पूर्व में स्थित द्वीपों का समूह है। प्राचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौज़ूद है, जैसे - तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि। यूनानी भाषा ने आधुनिक अंग्रेज़ी तथा अन्य यूरोपीय भाषाओं को कई शब्द दिये हैं। तकनीकी क्षेत्रों में इनकी श्रेष्ठता के कारण तकनीकी क्षेत्र के कई यूरोपीय शब्द ग्रीक भाषा के मूलों से बने हैं। इसके कारण ये अन्य भाषाओं में भी आ गए हैं।ग्रीस की महिलाएं देह व्यापार के धंधे में सबसे आगे है.

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रोम

यह लेख इटली की राजधानी एवं प्राचीन नगर 'रोम' के बारे में है। इसी नाम के अन्य नगर संयुक्त राज्य अमरीका में भी है। स्तनधारियों की त्वचा पर पाए जाने वाले कोमल बाल (en:hair) के लिये बाल देखें। इसका पर्यायवाची शब्द रोयाँ या रोआँ (बहुवचन - रोएँ) है। ---- '''रोम''' नगर की स्थिति रोम (Rome) इटली देश की राजधानी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

स्टेडियम, खेल का मैदान, क्रीडांगण

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