4 संबंधों: रासायनिक इंजीनियरी, विलयन, गैस, क्रिस्टल।
रासायनिक इंजीनियरी
प्रक्रम अभियन्ता (Process engineers) संयंत्रों की डिजाइन करते हैं, निर्माण करते हैं और इन्हें चलाते हैं। रासायनिक अभियान्त्रिकी (en:Chemical Engineering) रसायन शास्त्र, भौतिकी, अर्थशास्त्र वगैरह और उनके सिद्धान्तों को औद्योगिक उपयोगों में प्रयुक्त कराने वाला विज्ञान या व्यवसाय है। इसका मुख्य हिस्सा प्रक्रम अभियान्त्रिकी कहलाता है, जिसमें भारी मात्रा में निर्मित रसायनों को औद्योगिक स्तर पर सहज तरीके से बनाने का अध्ययन किया जाता है। लेकिन आज रासायनिक अभियान्त्रिकी सिर्फ़ इसी तक सीमित नहीं है। आज रासायनिक अभियन्ता जैवप्रौद्योगिकी (जेनेटिक्स, ख़मीरीकरण आदि) विषयों पर काम और शोध करते हैं और विमान, अन्तरिक्ष यान, खाद्य पदार्थ, जैवमेडिकल संयन्त्र, सिलिकॉन तकनीकी.
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विलयन
नमक चीनी के घोल की प्रस्तुति दो या दो से अधिक पदार्थों के समांगी मिश्रण को विलयन कहते हैं। किसी निश्चित तापमान पर विलयन के उपादानों का आपेक्षिक अनुपात एक सीमा तक परिवर्तित किया जा सकता है। जब चीनी को पानी में घोला जाता है तो एक समांगी मिश्रण बनता है। यह समांगी मिश्रण चीनी का पानी में विलयन कहलाता है। विलेय + विलायक .
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गैस
गैसों का कण मॉडल: गैसों के कणों के बीच की औसत दूरी अपेक्षाकृत अधिक होती है। गैस (Gas) पदार्थ की तीन अवस्थाओं में से एक अवस्था का नाम है (अन्य दो अवस्थाएँ हैं - ठोस तथा द्रव)। गैस अवस्था में पदार्थ का न तो निश्चित आकार होता है न नियत आयतन। ये जिस बर्तन में रखे जाते हैं उसी का आकार और पूरा आयतन ग्रहण कर लेते हैं। जीवधारियों के लिये दो गैसे मुख्य हैं, आक्सीजन गैस जिसके द्वारा जीवधारी जीवित रहता है, दूसरी जिसे जीवधारी अपने शरीर से छोड़ते हैं, उसका नाम कार्बन डाई आक्साइड है। इनके अलावा अन्य गैसों का भी बहु-प्रयोग होता है, जैसे खाना पकाने वाली रसोई गैस। पानी दो गैसों से मिलकर बनता है, आक्सीजन और हाइड्रोजन। .
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क्रिस्टल
क्रिस्टलीय, बहुक्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय पदार्थों की सूक्ष्म संरचना स्फटिक, इस बहुमणिभीय खनिज की पर्तें स्पष्ट पारदर्शी होतीं हैं बिस्मथ का क्रिस्टल इन्सुलिन का क्रिस्टल गैलियम, जिसकी वृहत एकपर्त होती हैं रसायन शास्त्र, खनिज शास्त्र एवं पदार्थ विज्ञान में क्रिस्टल उन ठोसों को कहते हैं जिनके अणु, परमाणु या आयन, एक व्यवस्थित क्रम में लगे होते हैं तथा यही क्रम सभी तरफ दोहराया जाता है। प्रतिदिन के प्रयोग के अधिकतर पदार्थ बहुक्रिस्टलीय (पॉलीक्रिटलाइन) होते हैं। क्रिस्टलों तथा क्रिस्टल निर्माण के वैज्ञानिक अध्ययन को क्रिस्टलकी (crystallography) कहते हैं। क्रिस्टल बनने की प्रक्रिया को क्रिस्टलन या क्रिस्टलीकरण (crystallization या solidification) कहते हैं। .
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