लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

क्यूलेक्स

सूची क्यूलेक्स

क्यूलेक्स क्यूलेक्स, मच्छरो का एक वंश हैं। सभी मच्छरों की तरह ही इसके जीवन चक्र की चार अवस्थाएं हैं: अण्डा, लारवा, प्यूपा एंव व्यस्क.

7 संबंधों: प्यूपा, मच्छर, मलेरिया, रोगवाहक, जल, वंश, इल्ली

प्यूपा

मधुमक्खी में प्यूपा अवस्था का विकाश. कोशित या प्यूपा (pupa) कुछ कायान्तरण करने वाले कुछ कीटों के जीवन-चक्र की एक अवस्था का नाम है। यह कायान्तर के दौरान होने वाली चार अवस्थाओं में से एक अवस्था है। इन कीटों के कायान्तरण की चार अवस्थाएं ये हैं - भ्रूण (embryo), डिंभ (larva), प्यूपा तथा पूर्ण कीट या पूर्णक (imago)। श्रेणी:कीट.

नई!!: क्यूलेक्स और प्यूपा · और देखें »

मच्छर

मच्छर मच्छर एक हानिकारक कीट है। यह संसार के प्राय सभी भागो में पाया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के रोंगो के जीवाणुओं को वहन करता है। मच्छर गड्ढ़े, तालाबों, नहरों तथा स्थिर जल के जलाशयों के निकट अंधेरी और नम जगहों पर रहता है। मच्छर एकलिंगी जन्तु हैं यानी नर और मादा मच्छर का शरीर अलग-अलग होते हैं। सिर्फ मादा मच्छर ही मनुष्य या अन्य जन्तुओं के रक्त चूसती है, जबकि नर मच्छर पेड़-पौधों का रस चूसते हैं। .

नई!!: क्यूलेक्स और मच्छर · और देखें »

मलेरिया

मलेरिया या दुर्वात एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है। प्रत्येक वर्ष यह ५१.५ करोड़ लोगों को प्रभावित करता है तथा १० से ३० लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है जिनमें से अधिकतर उप-सहारा अफ्रीका के युवा बच्चे होते हैं। मलेरिया को आमतौर पर गरीबी से जोड़ कर देखा जाता है किंतु यह खुद अपने आप में गरीबी का कारण है तथा आर्थिक विकास का प्रमुख अवरोधक है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियंत्रण किया जा सकता है। मलेरिया की रोकथाम के लिये यद्यपि टीके/वैक्सीन पर शोध जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपलब्ध नहीं हो सका है। मलेरिया से बचने के लिए निरोधक दवाएं लम्बे समय तक लेनी पडती हैं और इतनी महंगी होती हैं कि मलेरिया प्रभावित लोगों की पहुँच से अक्सर बाहर होती है। मलेरिया प्रभावी इलाके के ज्यादातर वयस्क लोगों मे बार-बार मलेरिया होने की प्रवृत्ति होती है साथ ही उनमें इस के विरूद्ध आंशिक प्रतिरोधक क्षमता भी आ जाती है, किंतु यह प्रतिरोधक क्षमता उस समय कम हो जाती है जब वे ऐसे क्षेत्र मे चले जाते है जो मलेरिया से प्रभावित नहीं हो। यदि वे प्रभावित क्षेत्र मे वापस लौटते हैं तो उन्हे फिर से पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। .

नई!!: क्यूलेक्स और मलेरिया · और देखें »

रोगवाहक

रोगवाहक वे प्राणी हैं, जो संक्रामक रोगों को एक रोगी से निरोग व्यक्ति में फैलाते हैं। ऐसे प्राणी जो किसी तरह रोगजनक विषाणु आदि का किसी अन्य स्वस्थ जीव तक ले जा कर उसे रोग से ग्रसित करते हैं, अर्थात रोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का कार्य करते हैं। इन्हें रोगवाहक कहते हैं। .

नई!!: क्यूलेक्स और रोगवाहक · और देखें »

जल

जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है। पृथ्वी का लगभग 71% सतह को 1.460 पीटा टन (पीटी) (1021 किलोग्राम) जल से आच्छदित है जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0.001% जल वाष्प और बादल (इनका गठन हवा में जल के निलंबित ठोस और द्रव कणों से होता है) के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटिओं में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों में 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकिओं, जैविक निकायों, विनिर्मित उत्पादों के भीतर और खाद्य भंडार में निहित है। बर्फीली चोटिओं, हिमनद, एक्वीफर या झीलों का जल कई बार धरती पर जीवन के लिए साफ जल उपलब्ध कराता है। जल लगातार एक चक्र में घूमता रहता है जिसे जलचक्र कहते है, इसमे वाष्पीकरण या ट्रांस्पिरेशन, वर्षा और बह कर सागर में पहुॅचना शामिल है। हवा जल वाष्प को स्थल के ऊपर उसी दर से उड़ा ले जाती है जिस गति से यह बहकर सागर में पहँचता है लगभग 36 Tt (1012किलोग्राम) प्रति वर्ष। भूमि पर 107 Tt वर्षा के अलावा, वाष्पीकरण 71 Tt प्रति वर्ष का अतिरिक्त योगदान देता है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर जलसंकट है और अनुमान है कि 2025 तक विश्व की आधी जनसंख्या इस जलसंकट से दो-चार होगी।.

नई!!: क्यूलेक्स और जल · और देखें »

वंश

Tutankhamun was a member of the Eighteenth dynasty of Egypt. किसी एक ही परिवार से एक के बाद एक शासन करने वाले व्यक्तियों को वंश (dynasty) कहते हैं। .

नई!!: क्यूलेक्स और वंश · और देखें »

इल्ली

पिरहारटिया इसाबेल्ला का लार्वा, जिसे सामान्यतः बैन्डेड वुली कैटरपिलर के रूप में जाना जाता है वेस्टर्न टेन्ट कैटरपिलर इल्ली या कैटरपिलर, लेपिडोप्टेरा प्रजाति (कीड़े की एक प्रजाति जिसमें तितलियां और मॉथ शामिल हैं) के एक सदस्य के लार्वा रूप हैं। आहार के मामले में वे अधिकांशतः शाकाहारी हैं, लेकिन कुछ प्रजातियां कीटभक्षी है। कैटरपिलर खाऊ होते हैं और इनमें से कई को कृषि में कीट माना जाता है। कई मॉथ प्रजातियों को, कृषि उत्पाद और फलों को नुकसान पहुंचाने के कारण उनकी कैटरपिलर अवस्था में ज्यादा जाना जाता है। इस अंग्रेज़ी शब्द की व्युत्पत्ति आरंभिक 16वीं सदी में हुई, मध्यकालीन अंग्रेज़ी catirpel (कैटिरपेल), catirpeller (कैटिरपेलर) से, जो प्राचीन उत्तरी फ्रांस के catepelose: cate, बिल्ली (लैटिन के cattus से) + pelose, रोएंदार (लैटिन के pilōsus से) का परिवर्तित रूप है। .

नई!!: क्यूलेक्स और इल्ली · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »