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कॉमेडी नाइट्स विद् कपिल

सूची कॉमेडी नाइट्स विद् कपिल

कॉमेडी नाइट्स विद् कपिल कलर्स चैनल पर प्रसारित होने वाला हास्य अभिनेता कपिल शर्मा का एक हास्य कार्यक्रम हैं इसमें दर्शकों को हास्य रस के साथ-साथ गणमान्य व्यक्तियों के बारे में जानने-समझने का अवसर मिलता है क्योंकि कार्यक्रम में विशिष्ट व्यक्तियों से साक्षात्कार भी किया जाता है। .

11 संबंधों: भारत, मुम्बई, लोनावला, साक्षात्कार, हास्य, हास्य व्यंग्य, हास्य अभिनेता, हिन्दी, वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, कपिल शर्मा, कलर्स (टीवी चैनल)

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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लोनावला

लोनावला या लोनावाला (मराठी: लोणावळा), भारतीय राज्य महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित एक पर्वतीय स्थल और नगर परिषद है। यह दो प्रमुख शहरों पुणे और मुंबई के बीच, पुणे से 64 किमी और मुंबई से 96 किमी की दूरी पर स्थित है। भारत भर में लोनावला इसकी प्रसिद्ध मिठाई चिक्की के लिए प्रसिद्ध है। यह पुणे और मुंबई के बीच के रेलमार्ग पर स्थित एक प्रमुख स्टेशन भी है। पुणे और मुंबई के बीच स्थित दोनों प्रमुख सड़कों, मुम्बई-पुणे द्रुतगति मार्ग और मुंबई-पुणे राजमार्ग पर भी यह पड़ता है। मानसून के दौरान यह जीवंत हो उठता है, जब चारों ओर हरियाली छा जाती है और सभी सूखे झरने और तालाब पानी से भर जाते हैं। .

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साक्षात्कार

दूरदर्शन के लिये साक्षात्कार का एक दृष्य दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच बातचीत एवं विचारों का आदान-प्रदान साक्षात्कार (Interview) कहलाता है। इसमें एक या कई व्यक्ति किसी एक व्यक्ति से प्रश्न पूछते हैं और वह व्यक्ति इन प्रश्नों के जवाब देता है या इन पर अपनी राय व्यक्त करता है। साक्षात्कार, साहित्य की एक विधा भी है। .

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हास्य

हास्य 9 रसों में से एक रस है जिसका अर्थ सुखांतक अथवा कामदी होता है। रस का अर्थ एक भाव/आस्वाद से होता है और रस-सिद्धान्त में प्राचीन भारतीय कला जिसमें रंगमंच, संगीत, नृत्य, काव्य और शिल्पकला भी शामिल है। श्रेणी:भारतीय शास्त्रीय संगीत श्रेणी:भारतीय कला हास्य रस का उदाहरण --- बन्दर ने कहा बंदरिया से चलो नहाने चले गंगा। बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे हुडदंगा॥ .

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हास्य व्यंग्य

हास्य व्यंग्य का मूल स्रोत हमारी हजारों बरस पुरानी संस्कृति, सभ्यता और जीवन दर्शन में देखा जा सकता है। भारतीय संस्कृति में मृत्यु, भय और दु:ख का कोई खास वजूद नहीं है। हमारे दार्शनिकों ने जिस ब्रह्म की अवधारणा को समाज के सामने रखा वह सत् चित् के साथ ही आनंद का स्वरूप है। ब्रह्म आनंद के रूप में सभी प्राणियों में निवास करता है। उस आनंद की अनुभूति जीवन का परम लक्ष्य माना जाता है। इसी से ब्रह्मानंद शब्द की रचना हुयी है। वह रस, माधुर्य, लास्य का स्वरूप है। इसीलिये ब्रह्म जब माया के संपर्क से मूर्तरूप लेता है तो उसकी लीलाओं में आनंद को ही प्रमुखता दी गयी है। हमारे कृष्ण रास रचाते हैं, छल करते हैं, लीलायें दीखाते हैं। वे वृंदावन की कुंज गलियों में आनंद की रसधार बहा देते हैं। मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम भी होली में रंग, गुलाल उड़ाते हैं और सावन में झूला झूलते हैं। उनकी मर्यादा मे भी भक्त आनंद का अनुभव करते हैं। हमारी संस्कृति में मृत्यु और दु:ख को ज्यादा अहमियत नहीं दी गयी है। मृत्यु एक परिवर्तन का प्रतीक है। हम नहीं मानते कि शरीर के साथ आत्मा मर सकती है। वह तो एक पहनावा बदल कर दूसर पहन लेती है। हमारे देश में प्रचलित ऐसे मत, पंथ भी हैं जिनमें शरीर का समय पूरा होने पर खुशी मनाई जाती है। नाच-गाने के साथ, बड़े उमंग और उत्साह से पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार यह मानकर किया जाता है कि जीवात्मा अब अपने स्वामी ब्रह्म से मिलने जा रही है। मिलन की इस पावन बेला मे दु:ख, दर्द और शोक की जरूरत नहीं है। हमारे नटराज भोले भण्डारी सामाधि के साथ ही आनंद के भी प्रतीक हैं। वे नृत्य, गायन, व्याकरण, भाषा और ऐसी तमाम गतिविधियों के केन्द्र हैं जिनसे प्राणी के मन में आनंद का सागर हिलोरें लेने लगता है। हमारे अवतारों की तिथियाँ बड़े उत्साह और पूरी श्रध्दा के साथ मनाई जाती हैं। इन अवतारों की निधन तिथियों को कोई भूल कर भी याद नहीं करना चाहता है। वजह साफ है। हम मानते हैं कि अवतार ने प्रकट होने का उद्देश्य पूरा कर लिया अब उसे मूल तत्व यानि ब्रह्म में लीन हो जाना चाहिये। हास्य व्यंग्य की यह धारा वेदों के जमाने से लगातार हमारे देश मे बह रही है। इसी सांस्कृतिक अवधारणा ने हमें वह अमृत पिलाया है जिसके सबब हमारी सभ्यता आज भी सनातन कही जाती है। भारतीय संस्कृति में ईश्वर की अवधारणा इस तरह रची बुनी गयी है कि हम उससे डरते नहीं हैं। वह कोयी ऐसी शक्ति नहीं है जिससे डरना जरूरी हो। वह प्राणियों में भय का संचार नहीं करता। वह हमारा आदि स्रोत है। हम उसी के अंग हैं। वह जड़ चेतन में व्याप्त है। हम उसके के साथ कोई भी रिश्ता बनाने के लिये स्वतंत्रत हैं। इसीलिये संत कबीर ने कहा था - कोई उपासक अपने उपास्य से इमने आत्मविश्वास के साथ ऐसा रिश्ता जोड़ने का साहस नहीं कर सकता। यह हमारी संस्कृति की खास देन है। हम अपने उपास्य से अनेक रूपों में प्रेम कर सकते हैं। हम उसके दास, सखा, सेवक यहां तक कि शत्रु और स्वामी भी बन सकते हैं। हमारी इसी वैचारिक स्वतंत्रता ने समाज को हास्य व्यंग्य का उपहार दिया है। हम मानते हैं कि ब्रह्म के अलावा सभी जीव गुण और दोष के पुतले हैं। गुण और दोष का मिश्रण ही मनुष्य की खास पहचान है। हम आनंद की अनुभूति के लिये पैदा हुये हैं। रोने-धोने, बिसूरने और निषेधात्मक भयादोहन करने वाली चिंताओं में बैचेन रह कर जिंदगी गुजारना हमारे जीवन का मकसद कतई नहीं है। समाज में विषमताएं हैं, गरीबी है, आर्थिक द्वंद हैं, दुरूह समस्याएं हैं इसके बावजूद हर हाल मे हंसते रहना और चुनौतियों का डट कर मुकबला करना हमारी संस्कृति का मूल संदेश है। इसलिये हम आये दिन त्यौहार मनाते हैं और सारे गमों को भुलाकर आनंद की नदी में डुबकी लगाते हैं। हम बूढ़े नहीं होते। हमारा शरीर बूढ़ा होता है। बुढ़ापे में भी फागुन आता है तो होली के हुड़दंग में जवान महिलाओं को बुढ़ऊ बाबा से देवर का रिश्ता जोड़ने में कोई हिचक नहीं होती। वे मगन हो कर गाने लगते हैं - यह बंधनों से मुक्त समाज का प्रतीक है। हम अपने आराध्य देवताओं के साथ भी हंसी मजाक करने से बाज नहीं आते हैं। कुछ नमूने देखिये। भगवान जगन्नाथ के मंदिर में उनका दर्शन कर एक भक्त कवि के मन में सवाल उठता है कि भगवान काठ क्यों हो गये। कठुआ जाना लोक बोली का एक मुहावरा है। भक्त अपनी कल्पना की उड़ान से संस्कृत में जो छंद रचता है उसका हिन्दी रूपान्तर कुछ इस तरह किया जा सकता है - दूसरा भक्त कवि आशुतोष शंकर का दर्शन कर सोचता है कि इस भोले भण्डारी, जटाधारी, बाघम्बर वस्त्र पहनने वाले के पास खेती-बारी नहीं है। रोजी का कोई साधन नहीं है तो इनका गुजारा कैसे होते है। भक्त संस्कृत में छंद कहता है - उनके पास पांच मुंह हैं। उनके एक बेटे (कार्तिकेय) के छह मुंह हैं। दूसरे बेटे गजानन का पेट तो हाथी का है। यह दिगबंर कैसे गुजारा करता अगर अन्नपूर्णा पत्नी के रूप में उसके घर नहीं आतीं। संस्कृत, पालि, अपभ्रंश साहित्य में हास्य व्यंग्य के हजारों उदाहरण मिल सकते हैं। कहीं ये उक्तियाँ गहरे उतर कर चोट करती हैं। कहीं सिर्फ गुदगुदा कर पाठकों और दार्शकों को हंसने पर मजबूर कर देती हैं। संस्कृत की यह धारा लोकजीवन में इस कदर रच बस गयी है कि आज भी हमारे लोकगीतों में देवताओं के साथ छेड़-छाड़, हंसी मजाक करने में लोक गायकों को कोई संकोच नहीं होता है। हरिमोहन झा ने अपनी हास्य व्यंग्य पर आधारित पुस्तक खट्टर काका में देवी-देवताओं और अवतारों के साथ खूब जम कर ठिठोली की है। अगर भूल से यह पुस्तक किसी नास्तिक के हाथ लग जाये तो वह इस हंसी मजाक को गंभीरता से ले लेगा और उसकी नास्तिकता और प्रगाढ़ हो जायेगी जबकि यह देवी दवताओं के साथ किया गया मात्र हंसी मजाक है। हिन्दी और उर्दू साहित्य के विकास के साथ ही हास्य व्यंग्य विधा परवान चढ़ने लगी। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और अकबर इलाहाबादी जैसे कवियों ने इसे कलेवर दिया। बाबू बालमुकुंद गुप्त अपने अन्योक्तिपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये व्यंग्य साहित्य में एक नया मानक बनाने मे सफल हुये। उर्दू शायरों ने तो ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेजियत पर ऐसे तीखे प्रहार किये कि अंग्रेज उसे समझ भी नहीं पाते थे और हिन्दुस्तानी उसका जायका लेते थे। अकबर साहब फरमाते हैं - जनाब अकबर इलाहाबादी ब्रिटिश अदालत में मुंसिफ थे लेकिन वे अपने व्यंग के तीरों से ऐसा गहरा घाव करते थे कि पढ़नेवाला एक बार उसे पढ़कर हजारों बार उस पर सोचने को मजबूर हो जाता था। लार्ड मैकाले की शिक्षा पध्दति का पोस्टमार्टम जिस बेबाकी से अकबर साहब ने किया उसकी गहराई तक आज के व्यंगकार सोच भी नहीं सकते हैं - तोप खिसकी प्रोफेसर पहुंचे। बसूला हटा तो रंदा है। प्लासी की लड़ाई में सिराज्जुदौला को शिकस्त देकर तमाम देसी रियासतों को जंग में मात देकर अंग्रेजों ने तोप पीछे हटा ली और अंग्रेजी पढ़ाने वाले प्रोफेसरों को आगे कर दिया। तोप के बसूले ने समाज को छील दिया और प्रोफेसर के रंदे ने उसे अंग्रेजों के मनमाफिक कर दिया। तोप और प्रोफसर का यह तालमेल ब्रिटिश शिक्षापध्दति पर बेजोड़ और बेरहम हमला है। पं0 मदनमोहन मालवीय और सर सैयद अहमद खाँ जिन दिनों हिन्दू यूनिवर्सिटी और मुस्लिम यनिवर्सिटी की स्थापना के लिये प्रयास कर रहे थे उन्हीं दिनों अकबर साहब ने एक शेर कहा था - यहाँ सन की शब्द पर गौर कीजिये। दोनों शब्दों को मिला देने पर जो अर्थ निकलता है वह शायर के हुनर की मिसाल है। अकबर साहब पं0 मदनमोहन मालवीय कि मित्र थे। उन्हें सर सैयद अहमद खाँ की अंग्रेज परस्ती फूटी ऑंखों नहीं भाती थी। वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में कोताही नहीं करते थे। इक्कीसवीं सदी में हास्य व्यंग्य की विधा का नया कलेवर नई दिशा की ओर संकेत कर रहा है। वह समाज की विसंगतियों का आईना है। जनभावनाओं की हसरत नापने के लिये थर्मामीटर का काम करता है। हमारे तथाकथित लोकतंत्र में जितने पाखंड विद्रूप हैं, जितनी विसंगतियाँ हैं, सियासत में छल-प्रपंच का पासा खेला जा रहा है उसका चित्रण करने के लिये गंभीर गाढ़े शब्दों में रचे गये साहित्य की जरूरत नहीं है। बेरोजगारी, जनसंख्या विस्फोट, जाति विद्वेष, धार्मिक उन्मांद के दम घोंटू वातावरण में हास्य व्यंग समाज को ऑक्सीजन देने का काम करता है। इस बहाने समाज का तनाव कम होता है और उसे राहत मिलती है। .

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हास्य अभिनेता

हास्य अभिनेता का अर्थ वह अभिनेता होता है जो अपने अभिनय के माध्यम से लोगों को हँसा देता है। हिंदी फिल्मों में कुछ लोग इसी कार्य के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं जैसे जॉनी वॉकर, महमूद, आदि। कुछ मुख्य पात्रों ने भी हास्य अभिनय का खूब प्रदर्शन किया है जैसे गोविन्दा, ऋतेश देशमुख, आदि कलाकार। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स

वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, मुम्बई में स्थित चलचित्र फ़िल्मों पर आधारित स्टूडियो है। .

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कपिल शर्मा

कपिल शर्मा एक भारतीय हास्य अभिनेता हैं। फरवरी 2013 में, कपिल शर्मा फोर्ब्स इंडिया पत्रिकाओं में शीर्ष 100 हस्तियों के बीच में चुने गए थे और वह उस सूची में 96 वें स्थान पर थे। अनिल कपूर ने कपिल शर्मा को अपनी फिल्म में एक भूमिका भी दी थी। वे जल्द ही अनीस बज़मी की चलचित्र(फ़िल्म) "इट्स माय लाइफ", अब्बास मस्तान की किस किसको प्यार करूँ व करन जौहर की फ़िल्म में भी नज़र आऐ है वह एक बहुमुखी गायक भी माने जाते हैं। वह उनके चुटकुले कृत्रिम सामाजिक निर्माणों को ही निशाना बनाते हैं। कॉमेडी नाइट्स विद कपिल एक भारतीय हास्य शो है, जो कलर्स टीवी चैनेल पर प्रसारित किया जाता है। इस शो के मेज़बान हास्य अभिनेता कपिल शर्मा हैं। यह शो एक अंग्रेज़ी चैनेल "कुमार्स एट न° 42" के समान बनाया गया है। .

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कलर्स (टीवी चैनल)

कलर्स एक हिन्दी टी वी चैनल है, जो भारत और पड़ोसी देशों में प्रसारित होता है। यह वायकॉम 18 नेटवर्क का भाग है। इसे 21 जुलाई, 2008 को आरंभ किया गया था। इस चैनल को अपने स्थापन के एकदम बाद से ही बहुत प्रसिद्धि मिली। अपनी अपार रेटिंग्स ने इसे हिन्दी मनोरंजन चैनलों की सूची में स्टार प्लस के बाद दूसरे स्थान पर ला कर खड़ा कर दिया है। हाल ही में कलर्स टीवी ने ब्रिटेन में भी स्काई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर चैनल लॉन्च किया है। .

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