3 संबंधों: झारखण्ड, धनबाद, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद।
झारखण्ड
झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.
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धनबाद
धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .
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वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद भारत का सबसे बड़ा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान एवं विकास संबंधी संस्थान है। इसकी स्थापना १९४२ में हुई थी। इसकी ३९ प्रयोगशालाएं एवं ५० फील्ड स्टेशन भारत पर्यन्त फैले हुए हैं। इसमें १७,००० से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। आधिकारिक जालस्थल हालांकि इसकी वित्त प्रबंध भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा होता है, फिर भी ये एक स्वायत्त संस्था है। इसका पंजीकरण भारतीय सोसायटी पंजीकरण धारा १८६० के अंतर्गत हुआ है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं/संस्थानों का एक बहुस्थानिक नेटवर्क है जिसका मैंडेट विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयुक्त अनुसंधान तथा उसके परिणामों के उपयोग पर बल देते हुए अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं प्रारंभ करना है। वतर्मान में ३९ अनुसंधान संस्थान हैं जिनमें पाँच क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाएं शामिल हैं। इनमें से कुछेक संस्थानों ने अपने अनुसंधान क्रियाकलापों को और गति प्रदान करने के लिए प्रायोगिक, सर्वेक्षण क्षेत्रीय केन्द्रों की भी स्थापना की है तथा वतर्मान में 16 प्रयोगशालाओं से सम्बद्ध ऐसे 39 केन्द्र कायर्रत हैं। सीएसआईआर की गिनती विश्व में इस प्रकार के 2740 संस्थानों में 81वें स्थान पर होती है।(सितंबर २०१४) .
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यहां पुनर्निर्देश करता है:
केन्द्रीय ईंधन अनुसंधान संस्थान, केन्द्रीय खनन अनुसंधान संस्थान।