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केन्‍द्रीय इलेक्‍ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान (सीरी)

सूची केन्‍द्रीय इलेक्‍ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान (सीरी)

केन्‍द्रीय इलेक्‍ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान (Central Electronics Engineering Research Institute / सीरी), पिलानी, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक संघटक प्रयोगशाला है जिसकी स्थापना सन् 1953 में हुई थी। वास्तविक अनुसंधान एवं विकास कार्य वर्ष 1958 के अंतिम भाग से आरंभ हुआ। यह संस्थान मुख्यत: अर्धचालक युक्तियों, इलेक्ट्रोनिक प्रणालियों और इलेक्ट्रोनिक नलिकाओं के क्षेत्र में शोध् एवं विकास में कार्यरत है। अनेक परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आरंभ से ही आधारभूत सुविधाएँ, विशिष्‍ट जनशक्ति एवं विशेषज्ञता के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है। पिलानी में मुख्यालय के साथ-साथ चेन्‍नै में इसका क्षेत्रीय केन्द्र है जो कि सी.एस.आई.आर काम्‍प्‍लेक्स के परिसर में कार्यरत है। इस क्षेत्रीय केन्द्र में मुख्यत: कागज एवं खाद्य पदार्थ प्रक्रमण सम्बन्धी शोध एवं विकास कार्य चल रहा है। .

5 संबंधों: एकीकृत परिपथ, पिलानी, प्रयोगशाला, शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद

एकीकृत परिपथ

माइक्रोचिप कम्पनी की इप्रोम (EPROM) स्मृति के एकीकृत परिपथ आधुनिक सरफेस माउण्ट आईसी ऐटमेल (Atmel) की एक आईसी, जिसके अन्दर स्मृति ब्लॉक, निवेश निर्गम (इन्पुट-ऑउटपुट) एवं तर्क के ब्लॉक देखे जा सकते हैं। यह एक ही चिप में पूरा तन्त्र (System on Chip) है। एलेक्ट्रॉनिकी में एकीकृत परिपथ या एकीपरि (इन्टीग्रेटेड सर्किट (IC)) को सूक्ष्मपरिपथ (माइक्रोसर्किट), सूक्ष्मचिप, सिलिकॉन चिप, या केवल चिप के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अर्धचालक पदार्थ के अन्दर बना हुआ एलेक्ट्रॉनिक परिपथ ही होता है जिसमें प्रतिरोध, संधारित्र आदि पैसिव कम्पोनेन्ट (निष्क्रिय घटक) के अलावा डायोड, ट्रान्जिस्टर आदि अर्धचालक अवयव निर्मित किये जाते हैं। जिस प्रकार सामान्य परिपथ का निर्माण अलग-अलग (डिस्क्रीट) अवयव जोड़कर किया जाता है, आईसी का निर्माण वैसे न करके एक अर्धचालक के भीतर सभी अवयव एक साथ ही एक विशिष्ट प्रक्रिया का पालन करते हुए निर्मित कर दिये जाते हैं। एकीकृत परिपथ आजकल जीवन के हर क्षेत्र में उपयोग में लाये जा रहे हैं। इनके कारण एलेक्ट्रानिक उपकरणों का आकार अत्यन्त छोटा हो गया है, उनकी कार्य क्षमता बहुत अधिक हो गयी है एवं उनकी शक्ति की जरूरत बहुत कम हो गयी है। संकर एकीकृत परिपथ भी लघु आकार के एकीपरि (एकीकृत परिपथ) होते हैं किन्तु वे अलग-अलग अवयवों को एक छोटे बोर्ड पर जोड़कर एवं एपॉक्सी आदि में जड़कर (इम्बेड करके) बनाये जाते हैं। अतः ये मोनोलिथिक आई सी से भिन्न हैं। .

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पिलानी

पिलानी राजस्थान(भारत) के झुन्झुनू जिले का एक कस्बा है। मशहूर बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान यहीं पर स्थित है। पिलानी के नाम के पीछे एक कहानी प्रचलित है। पिलानिया गोत्र का एक योद्धा यहाँ के राजा के किले की रक्षा करते हुए शहीद हुआ था। राजा ने उसके सम्मान में इस जगह का नाम पिलानी रख दिया। पिलानी शेखावटी क्षेत्र में स्थित है और अपने इन्तेहाई मौसम के लिये प्रसिद्ध है। शेखावटी क्षेत्र की हवेलियाँ अपने भित्तिचित्रों के लिये जानी जाती हैं। यह भारत के प्रसिद्द उद्योगपति श्री घनश्यामदास बिड़ला का पैतृक स्थल है। पिलानी, भारत के उत्कृष्ट संस्थानों में से एक बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी, बिड़ला बालिका विद्यापीठ व 'सीरी' (CEERI) के लिए प्रसिद्द है। २०१० में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रोजेक्ट पिलानी के निकट स्थापित करने की परियोजना स्वीकार की। .

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प्रयोगशाला

उन्नीसवीं शताब्दी के भौतिकशास्त्री एवं रसायनज्ञ माइकल फैराडे अपनी प्रयोगशाला में जैव रसायन प्रयोगशाला प्रयोगशाला एक ऐसी सुविधा (कक्ष, भवन या स्थान) को कहते हैं, जो वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रयोग एवं मापन के लिए आवश्यक माहौल प्रदान करता है। .

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शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी

हिताची की J100 परिवर्तनीय आवृत्ति ड्राइव का कार्ड ठोस-अवस्था-एलेक्ट्रानिकी का उपयोग करके विद्युत शक्ति का परिवर्तन एवं नियंत्रण से सम्बन्धित ज्ञान को शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी (Power electronics) कहते हैं। यद्यपि शक्ति एलेक्ट्रानिकी में छोटे-मोटे सभी इलेक्ट्रॉनिक अवयव प्रयुक्त होते हैं, किन्तु निम्नलिखित अवयवय शक्ति एलेक्ट्रानिकी के विशिष्टि पहचान हैं-.

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वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद भारत का सबसे बड़ा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान एवं विकास संबंधी संस्थान है। इसकी स्थापना १९४२ में हुई थी। इसकी ३९ प्रयोगशालाएं एवं ५० फील्ड स्टेशन भारत पर्यन्त फैले हुए हैं। इसमें १७,००० से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। आधिकारिक जालस्थल हालांकि इसकी वित्त प्रबंध भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा होता है, फिर भी ये एक स्वायत्त संस्था है। इसका पंजीकरण भारतीय सोसायटी पंजीकरण धारा १८६० के अंतर्गत हुआ है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं/संस्थानों का एक बहुस्थानिक नेटवर्क है जिसका मैंडेट विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयुक्त अनुसंधान तथा उसके परिणामों के उपयोग पर बल देते हुए अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं प्रारंभ करना है। वतर्मान में ३९ अनुसंधान संस्थान हैं जिनमें पाँच क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाएं शामिल हैं। इनमें से कुछेक संस्थानों ने अपने अनुसंधान क्रियाकलापों को और गति प्रदान करने के लिए प्रायोगिक, सर्वेक्षण क्षेत्रीय केन्द्रों की भी स्थापना की है तथा वतर्मान में 16 प्रयोगशालाओं से सम्बद्ध ऐसे 39 केन्द्र कायर्रत हैं। सीएसआईआर की गिनती विश्‍व में इस प्रकार के 2740 संस्‍थानों में 81वें स्‍थान पर होती है।(सितंबर २०१४) .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग शोध संस्थान

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