लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

कोशिका केन्द्रक

सूची कोशिका केन्द्रक

केन्द्रक का चित्र कोशिका विज्ञान में केन्द्रक (लातीनी व अंग्रेज़ी: nucleus, न्यूक्लियस) वनस्पतियों, प्राणियों और सुकेन्द्रिक जीवों की अधिकांश कोशिकाओं में एक झिल्ली द्वारा बंद एक भाग (या कोशिकांग) होता है। सुकेन्द्रिक जीवों की हर कोशिका में अधिकतर एक केन्द्रक होता है, लेकिन स्तनधारियों की लाल रक्त कोशिकाओं में कोई केन्द्रक नहीं होता और ओस्टियोक्लास्ट कोशिकाओं में कई केन्द्रक होते हैं। प्राणियों के केन्द्रकों का व्यास लगभग ६ माइक्रोमीटर होता है और यह उनकी कोशिकाओं का सबसे बड़ा कोशिकांग होता है। कोशिका केन्द्रकों में कोशिकाओं की अधिकांश आनुवंशिक सामग्री होती है, जो कई लम्बे डी॰ ऍन॰ ए॰ अणुओं में सम्मिलित होती है, जिनके रेशों कई प्रोटीनों के प्रयोग से गुण सूत्रों (क्रोमोज़ोमों) में संगठित होते हैं। इन गुण सूत्रों में उपस्थित जीन कोशिका का जीनोम होते हैं और कोशिका की प्रक्रियाओं को संचालित करते हैं। केन्द्रक इन जीनों को सुरक्षित रखता है और जीन व्यवहार संचालित करता है, यानि केन्द्रक कोशिका का नियंत्रणकक्ष होता है। पूरा केन्द्रक एक लिपिड द्विपरत की बनी झिल्ली द्वारा घिरा होता है जो केन्द्रक झिल्ली (nuclear membrane) कहलाती है और जो केन्द्रक के अन्दर की सामग्री को कोशिकाद्रव्य से पृथक रखता है। केन्द्रक के भीतर केन्द्रक आव्यूह (nuclear matrix) कहलाने वाला रेशों का ढांचा होता है जो केन्द्रक को आकार बनाए रखने के लिए यांत्रिक सहारा देता है, ठीक उसी तरह जैसे कोशिका कंकाल पूरी कोशिका को यांत्रिक सहारा देता है। .

29 संबंधों: झिल्ली, डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल, परमाणु नाभिक, प्राणी, प्रोटीन, माइक्रोमीटर, रेशा, लातिन भाषा, लाल रक्त कोशिका, लिपिड द्विपरत, सुकेन्द्रिक, स्तनधारी, जीन, जीन व्यवहार, जीनोम, जीव, वनस्पति, व्यास, गुणसूत्र, आनुवंशिकी, केन्द्रक झिल्ली, केन्द्रक आव्यूह, कोशिका, कोशिका विज्ञान, कोशिका कंकाल, कोशिकाद्रव्य, कोशिकांग, अणु, अंग्रेज़ी भाषा

झिल्ली

झिल्ली (membrane) दो स्थानों, दिकों, अंगों, पात्रों या खंडो के बीच स्थित एक पतली अवरोधक परत होती है जो कुछ चुने पदार्थों, अणुओं, आयनों या अन्य सामग्रियों को आर-पार जाने देती है लेकिन अन्य सभी को रोकती है। जीव-शरीरों में ऐसी कई झिल्लियाँ पाई जाती हैं, जिन्हें जैवझिल्लियाँ कहा जाता है। इनका कोशिका झिल्ली और कई ऊतकों को ढकने वाली झिल्लियाँ उदाहरण हैं। इनके अलावा मानवों ने कई कृत्रिम झिल्लियों का निर्माण भी करा है, जिनके प्रयोग से अलग-अलग रसायनों और पदार्थों को अलग करा जाता है। मसलन रिवर्स ऑस्मोसिस (आर ओ) नामक जल-स्वच्छिकरण यंत्र में जल को एक कृत्रिम झिल्ली से निकालकर उस से कई हानिकारक पदार्थों और सूक्ष्मजीवियों को हटाकर पीने योग्य बनाया जाता है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और झिल्ली · और देखें »

डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल

डीएनए के घुमावदार सीढ़ीनुमा संरचना के एक भाग की त्रिविम (3-D) रूप डी एन ए जीवित कोशिकाओं के गुणसूत्रों में पाए जाने वाले तंतुनुमा अणु को डी-ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल या डी एन ए कहते हैं। इसमें अनुवांशिक कूट निबद्ध रहता है। डी एन ए अणु की संरचना घुमावदार सीढ़ी की तरह होती है। डीएनए की एक अणु चार अलग-अलग रास वस्तुओं से बना है जिन्हें न्यूक्लियोटाइड कहते है। हर न्यूक्लियोटाइड एक नाइट्रोजन युक्त वस्तु है। इन चार न्यूक्लियोटाइडोन को एडेनिन, ग्वानिन, थाइमिन और साइटोसिन कहा जाता है। इन न्यूक्लियोटाइडोन से युक्त डिऑक्सीराइबोस नाम का एक शक्कर भी पाया जाता है। इन न्यूक्लियोटाइडोन को एक फॉस्फेट की अणु जोड़ती है। न्यूक्लियोटाइडोन के सम्बन्ध के अनुसार एक कोशिका के लिए अवश्य प्रोटीनों की निर्माण होता है। अतः डी इन ए हर एक जीवित कोशिका के लिए अनिवार्य है। डीएनए आमतौर पर क्रोमोसोम के रूप में होता है। एक कोशिका में गुणसूत्रों के सेट अपने जीनोम का निर्माण करता है; मानव जीनोम 46 गुणसूत्रों की व्यवस्था में डीएनए के लगभग 3 अरब आधार जोड़े है। जीन में आनुवंशिक जानकारी के प्रसारण की पूरक आधार बाँधना के माध्यम से हासिल की है। उदाहरण के लिए, एक कोशिका एक जीन में जानकारी का उपयोग करता है जब प्रतिलेखन में, डीएनए अनुक्रम डीएनए और सही आरएनए न्यूक्लियोटाइडों के बीच आकर्षण के माध्यम से एक पूरक शाही सेना अनुक्रम में नकल है। आमतौर पर, यह आरएनए की नकल तो शाही सेना न्यूक्लियोटाइडों के बीच एक ही बातचीत पर निर्भर करता है जो अनुवाद नामक प्रक्रिया में एक मिलान प्रोटीन अनुक्रम बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। वैकल्पिक भानुमति में एक कोशिका बस एक प्रक्रिया बुलाया डीएनए प्रतिकृति में अपने आनुवंशिक जानकारी कॉपी कर सकते हैं। डी एन ए की रूपचित्र की खोज अंग्रेजी वैज्ञानिक जेम्स वॉटसन और के द्वारा सन १९५३ में किया गया था। इस खोज के लिए उन्हें सन १९६२ में नोबेल पुरस्कार सम्मानित किया गया। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल · और देखें »

परमाणु नाभिक

नाभिक, परमाणु के मध्य स्थित धनात्मक वैद्युत आवेश युक्त अत्यन्त ठोस क्षेत्र होता है। नाभिक, नाभिकीय कणों प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन से बने होते है। इस कण को नूक्लियान्स कहते है। प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है और दोनों का आंतरिक कोणीय संवेग (स्पिन) १/२ होता है। प्रोटॉन इकाई विद्युत आवेशयुक्त होता है जबकि न्यूट्रॉन अनावेशित होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन दोनो न्यूक्लिऑन कहलाते है। नाभिक का व्यास (10−15 मीटर)(हाइड्रोजन-नाभिक) से (10−14 मीटर)(युरेनियम) के दायरे में होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान नाभिक के कारण ही होता है, इलेक्ट्रान का योगदान लगभग नगण्य होता है। सामान्यतः नाभिक की पहचान परमाणु संख्या Z (प्रोटॉन की संख्या), न्यूट्रॉन संख्या N और द्रव्यमान संख्या A(प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन संख्या) से होती है जहाँ A .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और परमाणु नाभिक · और देखें »

प्राणी

प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और प्राणी · और देखें »

प्रोटीन

रुधिरवर्णिका(हीमोग्लोबिन) की संरचना- प्रोटीन की दोनो उपइकाईयों को लाल एंव नीले रंग से तथा लौह भाग को हरे रंग से दिखाया गया है। प्रोटीन या प्रोभूजिन एक जटिल भूयाति युक्त कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। कुछ प्रोटीन में इन तत्वों के अतिरिक्त आंशिक रूप से गंधक, जस्ता, ताँबा तथा फास्फोरस भी उपस्थित होता है। ये जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) के मुख्य अवयव हैं एवं शारीरिक वृद्धि तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए आवश्यक हैं। रासायनिक गठन के अनुसार प्रोटीन को सरल प्रोटीन, संयुक्त प्रोटीन तथा व्युत्पन्न प्रोटीन नामक तीन श्रेणियों में बांटा गया है। सरल प्रोटीन का गठन केवल अमीनो अम्ल द्वारा होता है एवं संयुक्त प्रोटीन के गठन में अमीनो अम्ल के साथ कुछ अन्य पदार्थों के अणु भी संयुक्त रहते हैं। व्युत्पन्न प्रोटीन वे प्रोटीन हैं जो सरल या संयुक्त प्रोटीन के विघटन से प्राप्त होते हैं। अमीनो अम्ल के पॉलीमराईजेशन से बनने वाले इस पदार्थ की अणु मात्रा १०,००० से अधिक होती है। प्राथमिक स्वरूप, द्वितीयक स्वरूप, तृतीयक स्वरूप और चतुष्क स्वरूप प्रोटीन के चार प्रमुख स्वरुप है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। जन्तुओं के शरीर के लिए कुछ आवश्यक प्रोटीन एन्जाइम, हार्मोन, ढोने वाला प्रोटीन, सिकुड़ने वाला प्रोटीन, संरचनात्मक प्रोटीन एवं सुरक्षात्मक प्रोटीन हैं। प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की आधारभूत संरचना की स्थापना एवं इन्जाइम के रूप में शरीर की जैवरसायनिक क्रियाओं का संचालन करना है। आवश्यकतानुसार इससे ऊर्जा भी मिलती है। एक ग्राम प्रोटीन के प्रजारण से शरीर को ४.१ कैलीरी ऊष्मा प्राप्त होती है। प्रोटीन द्वारा ही प्रतिजैविक (एन्टीबॉडीज़) का निर्माण होता है जिससे शरीर प्रतिरक्षा होती है। जे.

नई!!: कोशिका केन्द्रक और प्रोटीन · और देखें »

माइक्रोमीटर

माइक्रोमीटर लंबाई की बहुत छोटी इकाई होती है। इसका मान माइक्रो-मीटर होता है। इसे माइक्रोन भी कहा जाता है। श्रेणी:परिमाण की कोटि (लम्बाई).

नई!!: कोशिका केन्द्रक और माइक्रोमीटर · और देखें »

रेशा

रेशा (fiber) किसी प्राकृतिक या कृत्रिम पदार्थों के बने पतले तंतु को कहते हैं। यह ऊन, कपास, कागज़, पेड़ों की छाल, पॉलिएस्टर और कई अन्य सामग्रियों के हो सकते हैं। आम तौर पर पतले तंतु को ही रेशा कहा जाता है। मोटे तंतुओं को अक्सर 'रज्जू' (chord) कहा जाता है। मानवीय प्रयोग में कई प्रकार के रेशों को बुनकर चीज़ें बनाई जाती है, उदाहरण के लिये वस्त्र। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और रेशा · और देखें »

लातिन भाषा

लातीना (Latina लातीना) प्राचीन रोमन साम्राज्य और प्राचीन रोमन धर्म की राजभाषा थी। आज ये एक मृत भाषा है, लेकिन फिर भी रोमन कैथोलिक चर्च की धर्मभाषा और वैटिकन सिटी शहर की राजभाषा है। ये एक शास्त्रीय भाषा है, संस्कृत की ही तरह, जिससे ये बहुत ज़्यादा मेल खाती है। लातीना हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसी से फ़्रांसिसी, इतालवी, स्पैनिश, रोमानियाई और पुर्तगाली भाषाओं का उद्गम हुआ है (पर अंग्रेज़ी का नहीं)। यूरोप में ईसाई धर्म के प्रभुत्व की वजह से लातीना मध्ययुगीन और पूर्व-आधुनिक कालों में लगभग सारे यूरोप की अंतर्राष्ट्रीय भाषा थी, जिसमें समस्त धर्म, विज्ञान, उच्च साहित्य, दर्शन और गणित की किताबें लिखी जाती थीं। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और लातिन भाषा · और देखें »

लाल रक्त कोशिका

मानव की लाल रुधिर कणिकाओं का परिवर्धित दृश्य लाल रक्त कोशिका (red blood cells), रक्त की सबसे प्रमुख कोशिका है। यह रीढ़धारी जन्तुओं के श्वसन अंगो से आक्सीजन लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं तक पहुंचाने का सबसे सहज और व्याप्त माध्यम है। इस कोशिका में केन्द्रक नहीं होता है। इसकी औसत आयु १२० दिन की है।.

नई!!: कोशिका केन्द्रक और लाल रक्त कोशिका · और देखें »

लिपिड द्विपरत

लिपिड द्विपरत (lipid bilayer) या फ़ॉस्फ़ोलिपिड द्विपरत (phospholipid bilayer) लिपिड अणुओं की दो परतों की बनी एक झिल्ली होती है। यह लगभग सभी जीवों की कोशिकाओं को चादर की तरह लपेटे रहती है। इसका काम हानिकारक रासायनों को बाहर रखना और लाभदायक रासायनों को भीतर लाना होता है। इस द्वीपरत के छिद्र केवल कुछ नैनोमीटर चौड़े ही होते हैं। यह ध्रुवीय होती है यानि को बाहर रखने और कणों को उनके विद्युतीय लक्षणों के आधार पर अंदर-बाहर जाने की अनुमति देती है। कोशिका के अलावा कोशिका के अन्दर के कई अंशों को भी उनकी अपनी लिपिड द्विपरत ने ढका हुआ होता है। लिपिड यौगिक अक्सर उभयसंवेदी (amphiphilic) होते हैं, यानि उनका एक भाग जलस्नेही और एक भाग जलविरोधी होता है। जब उन्हें किसी जलीय वातावरण में डाला जाए तो वह दो परत की चादरों में व्यवस्थित हो जाते हैं, जिसमें। जलस्नेही सिर बाहर की तरफ़ और जलविरोधी दुमें अन्दर की ओर होती हैं। यह द्वीपरत शरीर में कई स्थानों पर प्रयोग होती है, मसलन कोशिकाओं का बाहरी खोल इसी से बनी झिल्ली का निर्मित होता है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और लिपिड द्विपरत · और देखें »

सुकेन्द्रिक

कुछ युकेरियोटी जीव सुकेंद्रिक या युकेरियोट (eukaryote) एक जीव को कहा जाता है जिसकी कोशिकाओं (सेल) में झिल्लियों में बंद असरल ढाँचे हों। सुकेंद्रिक और अकेंद्रिक (प्रोकेरियोट) कोशिकाओं में सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि सुकेंद्रिक कोशिकाओं में एक झिल्ली से घिरा हुआ केन्द्रक (न्यूक्लियस) होता है जिसके अन्दर आनुवंशिक (जेनेटिक) सामान होता है। जीवविज्ञान में सुकेंद्रिक कोशिकाओं वाले जीवों के टैक्सोन को 'सुकेंद्रिक' या 'युकेरियोटी' (eukaryota) कहते हैं।, Mary K. Campbell, Shawn O. Farrell, pp.

नई!!: कोशिका केन्द्रक और सुकेन्द्रिक · और देखें »

स्तनधारी

यह प्राणी जगत का एक समूह है, जो अपने नवजात को दूध पिलाते हैं जो इनकी (मादाओं के) स्तन ग्रंथियों से निकलता है। यह कशेरुकी होते हैं और इनकी विशेषताओं में इनके शरीर में बाल, कान के मध्य भाग में तीन हड्डियाँ तथा यह नियततापी प्राणी हैं। स्तनधारियों का आकार २९-३३ से.मी.

नई!!: कोशिका केन्द्रक और स्तनधारी · और देखें »

जीन

गुणसूत्रों पर स्थित डी.एन.ए. (D.N.A.) की बनी वो अति सूक्ष्म रचनाएं जो अनुवांशिक लक्षणों का धारण एवं उनका एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरण करती हैं, जीन (gene) वंशाणु या पित्रैक कहलाती हैं। जीन, डी एन ए के न्यूक्लियोटाइडओं का ऐसा अनुक्रम है, जिसमें सन्निहित कूटबद्ध सूचनाओं से अंततः प्रोटीन के संश्लेषण का कार्य संपन्न होता है। यह अनुवांशिकता के बुनियादी और कार्यक्षम घटक होते हैं। यह यूनानी भाषा के शब्द जीनस से बना है। जीन आनुवांशिकता की मूलभूत शारीरिक इकाई है। यानि इसी में हमारी आनुवांशिक विशेषताओं की जानकारी होती है जैसे हमारे बालों का रंग कैसा होगा, आंखों का रंग क्या होगा या हमें कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। और यह जानकारी, कोशिकाओं के केन्द्र में मौजूद जिस तत्व में रहती है उसे डी एन ए कहते हैं। जब किसी जीन के डीएनए में कोई स्थाई परिवर्तन होता है तो उसे म्यूटेशन याउत्परिवर्तन कहा जाता है। यह कोशिकाओं के विभाजन के समय किसी दोष के कारण पैदा हो सकता है या फिर पराबैंगनी विकिरण की वजह से या रासायनिक तत्व या वायरस से भी हो सकता है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और जीन · और देखें »

जीन व्यवहार

कोशिका विज्ञान और अनुवांशिकी में जीन व्यवहार (gene expression) वह प्रक्रिया होती है जिसमें किसी जीन में उपस्थित सूचना के प्रयोग से किसी जीन उत्पाद का निर्माण होता है। यह उत्पाद अक्सर प्रोटीन होते हैं लेकिन कुछ जीनों का कार्य अंतरण आर॰ऍन॰ए॰ (transfer RNA) की उत्पत्ति होता है। विश्व के सभी ज्ञात जीवों की जीववैज्ञानिक प्रक्रियाओं के लिए जीन व्यवहार आवश्यक है। यह ज़रूरी नहीं है कि किसी जीव की जीनों में उपस्थित हर सम्भव जीन व्यवहार सक्रीय हो। कई जीन व्यवहार जीव की परिस्थितियों के आधार पर सकीय या असक्रीय होते हैं। मानवों में बालों का सफ़ेद हो जाने के पीछे साधारणत जीन व्यवहार होता है, जिसमें केश श्वेत कर देने का व्यवहार किसी परिस्थिति के कारण या बढ़ती आयु में स्वयं सक्रीय हो जाता है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और जीन व्यवहार · और देखें »

जीनोम

किसी भी जीव के डी एन ए में विद्यमान समस्त जीनों का अनुक्रम संजीन या जीनोम (Genome) कहलाता है। मानव जीनोम में अनुमानतः 80,000-1,00,000 तक जीन होते हैं। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और जीनोम · और देखें »

जीव

कवक जीव (Organism) शब्द जीवविज्ञान में सभी जीवन-सन्निहित प्राणियों के लिए प्रयुक्त होता है, जैसे: कशेरुकी जन्तु, कीट, पादप अथवा जीवाणु। एक जीव में एक या एक से अधिक कोशिकाएँ होते हैं। जिनमें एक कोशिका पाया जाता है उसे एक कोशिकीय जीव है; एक से अधिक कोशिका होने पर उस जीव को बहुकोशिकीय जीव कहा जाता है। मनुष्य का शरीर विशेष ऊतकों और अंगों में बांटा होता है, जिसमें कोशिकाओं के कई अरबों की रचना में बहुकोशिकीय जीव होते हैं। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और जीव · और देखें »

वनस्पति

पेड़-पौधों या वनस्पतिलोक का अर्थ है, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के ऱूप, रचना, स्थानिक प्रसार, या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से नहीं है। यह शब्द फ्लोरा शब्द से कहीं अधिक बड़ा है जो विशेष रूप से जाति की संरचना से संबधित होता है। शायद सबसे करीबी पर्याय ''वनस्पति'' समाज है, लेकिन पेड़-पौधे शब्द स्थानिक पैमानों की विस्तृत श्रेणी से संबध रख सकता है, जिनमें समस्त विश्व की वनस्पति-संपदा समाविष्ट है। प्राचीन लाल लकड़ी के वन, तटीय सदाबहार वन, दलदल में जमने वाली काई, रेगिस्तानी मिट्टी की पर्तें, सड़क के किनारे उगने वाली घास, गेहूं के खेत, बाग-बगीचे-ये सभी पेड़-पौधों की परिभाषा में शामिल हैं। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और वनस्पति · और देखें »

व्यास

कोई विवरण नहीं।

नई!!: कोशिका केन्द्रक और व्यास · और देखें »

गुणसूत्र

गुण सूत्र का चित्र १ क्रोमेटिड २ सेन्ट्रोमियर ३ छोटी भुजा ४ लम्बी भुजा गुणसूत्र या क्रोमोज़ोम (Chromosome) सभी वनस्पतियों व प्राणियों की कोशिकाओं में पाये जाने वाले तंतु रूपी पिंड होते हैं, जो कि सभी आनुवांशिक गुणों को निर्धारित व संचारित करते हैं। प्रत्येक प्रजाति में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित रहती हैं। मानव कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या ४६ होती है जो २३ के जोड़े में होते है। इनमे से २२ गुणसूत्र नर और मादा में समान और अपने-अपने जोड़े के समजात होते है। इन्हें सम्मिलित रूप से समजात गुणसूत्र (Autosomes) कहते है। २३वें जोड़े के गुणसूत्र स्त्री और पुरूष में समान नहीं होते जिन्हे विषमजात गुणसूत्र (heterosomes) कहते है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और गुणसूत्र · और देखें »

आनुवंशिकी

पैतृक गुणसूत्रों के पुनर्संयोजन के फलस्वरूप एक ही पीढी की संतानें भी भिन्न हो सकती हैं। आनुवंशिकी (जेनेटिक्स) जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत आनुवंशिकता (हेरेडिटी) तथा जीवों की विभिन्नताओं (वैरिएशन) का अध्ययन किया जाता है। आनुवंशिकता के अध्ययन में ग्रेगर जॉन मेंडेल की मूलभूत उपलब्धियों को आजकल आनुवंशिकी के अंतर्गत समाहित कर लिया गया है। प्रत्येक सजीव प्राणी का निर्माण मूल रूप से कोशिकाओं द्वारा ही हुआ होता है। इन कोशिकाओं में कुछ गुणसूत्र (क्रोमोसोम) पाए जाते हैं। इनकी संख्या प्रत्येक जाति (स्पीशीज) में निश्चित होती है। इन गुणसूत्रों के अंदर माला की मोतियों की भाँति कुछ डी एन ए की रासायनिक इकाइयाँ पाई जाती हैं जिन्हें जीन कहते हैं। ये जीन गुणसूत्र के लक्षणों अथवा गुणों के प्रकट होने, कार्य करने और अर्जित करने के लिए जिम्मेवार होते हैं। इस विज्ञान का मूल उद्देश्य आनुवंशिकता के ढंगों (पैटर्न) का अध्ययन करना है अर्थात्‌ संतति अपने जनकों से किस प्रकार मिलती जुलती अथवा भिन्न होती है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और आनुवंशिकी · और देखें »

केन्द्रक झिल्ली

केन्द्रक झिल्ली (nuclear membrane) या केन्द्रक आवरक (nuclear envelope) वनस्पतियों, प्राणियों और सुकेन्द्रिक जीवों की कोशिकाओं के कोशिका केन्द्रक (cell nucleus) को घेरने वाली झिल्ली होती है। यह दो लिपिड द्विपरतों से बनी हुई होती है (एक बाहरी और एक भीतरी)। कोशिका की अधिकांश अनुवांशिक (जेनेटिक) सामग्री केन्द्रक झिल्ली के भीतर सुरक्षित रहती है। इस झिल्ली में कई केन्द्रक छिद्र (nuclear pores) होते हैं जिनके द्वारा केन्द्रक से कोशिका के अन्य भागों के बीच कुछ सामग्री आ-जा सकती है। बाहरी केन्द्रक झिल्ली आंतरद्रव्यजालिका (endoplasmic reticulum) की बाहरी झिल्ली के साथ जुड़ी हुई होती है। भीतरी केन्द्रक झिल्ली केन्द्रक के अन्दर केन्द्रक आव्यूह (nuclear matrix) से जुड़ी होती है जिस से केन्द्रक के आकार को ढांचीय सहारा मिलता है। केन्द्रक झिल्ली औसतन २०-४० नैनोमीटर चौड़ी होती है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और केन्द्रक झिल्ली · और देखें »

केन्द्रक आव्यूह

जीवविज्ञान और कोशिका विज्ञान में केन्द्रक आव्यूह (nuclear matrix) रेशों का एक जाल होता है जो वनस्पतियों, प्राणियों और सुकेन्द्रिक जीवों की कोशिकाओं के कोशिका केन्द्रकों (cell nucleus) में फैला हुआ होता है। लेकिन जहाँ कोशिका कंकाल एक स्थिर ढांचा होता है वहाँ केन्द्रक आव्यूह के बारे में अनुम्मान है कि यह एक लचीला ढांचा होता है जो केन्द्रक को कई खुले कक्षों में विभाजित करता है जिनमें अणु स्वतंत्रता से पूरे केन्द्रक में आ-जा सकते हैं। हालांकि यह समझा जाता है कि केन्द्रक आव्यूह केन्द्रक को ढांचीय सहारा प्रदान करता है, इसके अन्य कार्यों को लेकर वैज्ञानिकों में विवाद है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और केन्द्रक आव्यूह · और देखें »

कोशिका

कोशिका कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं। 'कोशिका' का अंग्रेजी शब्द सेल (Cell) लैटिन भाषा के 'शेलुला' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ 'एक छोटा कमरा' है। कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। कोशिका की खोज रॉबर्ट हूक ने १६६५ ई० में किया।"...

नई!!: कोशिका केन्द्रक और कोशिका · और देखें »

कोशिका विज्ञान

घटक अणुओं के रूप में कोशिकाओं की समझ कोशिका की सामान्यीकृत संरचना तथा कोशिका के आणविक घटक कोशिका विज्ञान (Cytology) या कोशिका जैविकी (Cell biology) में कोशिकाओं के शरीरक्रियात्मक गुणों (physiological properties), संरचना, कोशिकांगों (organelles), वाह्य पर्यावरण के साथ क्रियाओं, जीवनचक्र, विभाजन तथा मृत्यु का वैज्ञानिक अध्यन किया जाता है। यह अध्ययन सूक्ष्म तथा आणविक स्तरों पर किया जाता है। कोशिकाओं के घटकों तथा उनके कार्य करने की विधि का ज्ञान सभी जैविक विज्ञानों के लिये मूलभूत तथा महत्व का विषय है। विशेषतः विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं के बीच समानता और अन्तर की बारीक समझ कोशिकाविज्ञान, अणुजैविकी (molecular biology) तथा जैवचिकित्सीय क्षेत्रों के लिये महत्वपूर्ण है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और कोशिका विज्ञान · और देखें »

कोशिका कंकाल

'''यूकेरायोटिक कोशिकापंजर''' - ऐक्टिन तंतु (लाल), सूक्ष्म-नालिका या माइक्रोट्यूबूल्स (हरा), नाभिक (नीला) प्रोटीनयुक्त जालिकावत तन्तु जो कोशिकाद्रव्य में मिलता है कोशिका कंकाल (Cytoskeleton / कोशिकापंजर) कहते हैं! इसका कार्य कोशिका को यांत्रिक सहायता, गति, आकार को बनाए रखना है! .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और कोशिका कंकाल · और देखें »

कोशिकाद्रव्य

कोशिका के कोशिका झिल्ली के अंदर केन्द्रक को छोड़कर सम्पूर्ण पदार्थों को कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) कहते हैं। यह सभी कोशिकाओं में पाया जाता है तथा कोशिका झिल्ली के अंदर तथा केन्द्रक झिल्ली के बाहर रहता है। यह रवेदार, जेलीनुमा, अर्धतरल पदार्थ है। यह पारदर्शी एवं चिपचिपा होता है। यह कोशिका के 70% भाग की रचना करता है। इसकी रचना जल एवं कार्बनिक तथा अकार्बनिक ठोस पदार्थों से हुई है। इसमें अनेक रचनाएँ होती हैं। प्रकाश सूक्ष्मदर्शी में सभी कोशिकांगों को स्पष्ट नहीं देखा जा सकता है। इन रचनाओं को स्पष्ट देखने के लिए इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी या किसी अन्य अधिक विभेदन क्षमता वाले सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता पड़ती है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और कोशिकाद्रव्य · और देखें »

कोशिकांग

लयनकाय (13) तारक केन्द्र (centriole) जिस प्रकार शरीर के विभिन्न अंग भिन्न-भिन्न कार्य करते हैं, उसी प्रकार कोशिका के अन्दर स्थित संरचनाएँ विशिष्ट कार्य करती हैं। अतः इन संरचनाओं को कोशिकांग कहते हैं। उदाहरण के लिये, माइटोकांड्रिया या सूत्रकणिका कोशिका का 'शक्तिगृह' (power house) कहलाता है क्योंकि इसी में कोशिका की अधिकांश रासायनिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और कोशिकांग · और देखें »

अणु

साधारण चीनी का अणु - इसमें १२ कार्बन (काला रंग), २२ हाइड्रोजन (सफ़ेद रंग) और ११ आक्सीजन (लाल रंग) के परमाणु एक दुसरे से जुड़े हुए होते हैं अणु पदार्थ का वह छोटा कण है जो प्रकृति के स्वतंत्र अवस्था में पाया जाता है लेकिन रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग नहीं ले सकता है। रसायन विज्ञान में अणु दो या दो से अधिक, एक ही प्रकार या अलग अलग प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बना होता है। परमाणु मजबूत रसायनिक बंधन के कारण आपस में जुड़े रहते हैं और अणु का निर्माण करते हैं। अणु की संकल्पना ठोस, द्रव और गैस के लिये अलग अलग हो सकती है। अणु पदार्थ के सबसे छोटे भाग को कहते हैं। यह कथन गैसो के लिये ज्यादा उपयुक्त है। उदाहरण के लिये, ओक्सीजन गैस उसके स्वतन्त्र अणुओ का एक समूह है। द्रव और ठोस में अणु एक दूसरे से किसी ना किसी बन्धन में रह्ते है, इनका स्वतन्त्र अस्तित्व नहीं होता है। कई अणु एक दूसरे से जुडे होते है और एक अणु को अलग नहीं किया जा सकता है। अणु में कोई विद्युत आवेश नहीं होता है। अणु एक ही तत्व के परमाणु से मिलकर बने हो सकते हैं या अलग अलग तत्वों के परमाणु से मिलकर। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और अणु · और देखें »

अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

नई!!: कोशिका केन्द्रक और अंग्रेज़ी भाषा · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

केन्द्रक, केंद्रक, कोशिका केन्द्रकों

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »