3 संबंधों: रासायनिक संश्लेषण, कार्बनिक यौगिक, कार्बनिक अभिक्रिया।
रासायनिक संश्लेषण
रसायन विज्ञान में उद्देश्यपूर्वक एक या क्रम से कई रासायनिक अभिक्रियाएँ कराकर एक या अनेक उत्पाद बनाने की क्रिया को रासायनिक संश्लेषण (chemical synthesis) कहते हैं। रासायनिक संश्लेषण सम्यक प्रकार से चुने हुए कुछ ज्ञात अभिकर्मकों (reagents) या अभिकारकों (reactants) से आरम्भ की जाती है। इसके उपरान्त इन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं से गुजारते हुए अन्तिम उत्पाद तक ले जाया जाता है। .
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कार्बनिक यौगिक
मिथेन सबसे सरल कार्बनिक यौगिक कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। .
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कार्बनिक अभिक्रिया
क्लेजन पुनर्विन्यास जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में कार्बनिक यौगिक भाग लेते हैं उन्हें कार्बनिक अभिक्रियाएँ (Organic reactions) कहते हैं। दहन सबसे पुरानी कार्बनिक अभिक्रिया है। इसी तरह वसा का साबुनीकरण करके साबुन बनाना भी प्राचीन कार्बनिक अभिक्रिया है। आधुनिक कार्बनिक रसायन का जन्म वोहलर (Wöhler) द्वारा 1828 में यूरिया के निर्माण से हुआ। बहुत से मानव-निर्मित रसायनों जैसे औषधि, प्लास्टिक, भोजन में मिलाये जाने वाले पदार्थ, वस्त्र आदि कार्बनिक अभिक्रियाओं पर ही निर्भर हैं। .