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कार्टूनिस्ट्स क्लब ऑफ इंडिया

सूची कार्टूनिस्ट्स क्लब ऑफ इंडिया

कार्टूनिस्ट्स क्लब ऑफ इंडिया CCI: भारतीय कार्टूनिस्टों के बीच सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, भारत में कार्टून कला की सार्थकता एवं सकारात्मकता के लिए एक प्रगतिशील मंच प्रदान करने के लक्ष्य से भारतीय कार्टूनिस्टों का एक पंजीकृत संगठन .

12 संबंधों: चन्दर, त्र्यम्बक शर्मा, दूरदर्शन, प्राण कुमार शर्मा, भारतीय कार्टूनिस्ट, मंजुल, शेखर गुरेरा, सतीश आचार्य, हरिओम तिवारी, हिन्दुस्तान टाईम्स, काक (कार्टूनिस्ट), कुट्टी

चन्दर

तारा चन्दर एक कार्टूनकार हैं। .

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त्र्यम्बक शर्मा

त्र्यम्बक शर्मा त्र्यम्बक शर्मा (५ सितम्बर १९७०) भारत के युवा कार्टूनिस्ट हैं। उन्हें विशेष रूप से कार्टून आधारित एकमात्र मासिक पत्रिका कार्टून वाच के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। शंकर्स वीकली के बाद भारत में कार्टून पत्रिका प्रारंभ करने वाले त्र्यम्बक शर्मा का जन्म छत्तीसगढ़ में और शिक्षा दुर्ग-भिलाई और रायपुर में हुई। भिलाई के कल्याण महाविद्यालय से विज्ञान में स्नातक होने के बाद त्र्यम्बक ने रायपुर से पत्रकारिता में स्नातक डिग्री प्राप्त की। कार्टून वाच पत्रिका के प्रकाशन के चलते वे सपरिवार रायपुर में ही बस गए। त्र्यम्बक कार्टूनिस्ट की नज़र से उन्होंने तीन वर्ष रायपुर के सुप्रसिद्ध अंग्रेज़ी दैनिक़ द हितवाद मे तथा एक वर्ष हिंदी दैनिक देशबंधु में मे बतौर संवाददाता कार्य भी किया। रायपुर में दैनिक नवभारत में काम करते हुए उन्होंने १९९१ में दैनिक कार्टून बनाना प्रारंभ किया। १९९२ से उनके कार्टून दैनिक भास्कर के रायपुर संस्करण में प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित होना प्रारंभ हुए। १९९६ में उन्होंने दैनिक भास्कर की नौकरी छोड़कर मासिक पत्रिका कार्टून वाच का प्रकाशन रायपुर से आरम्भ किया। कार्टून वाच राजनीतिक और सामाजिक कार्टूनों पर आधारित भारत की एक मात्र हिंदी कार्टून मासिक पत्रिका है। यह पत्रिका जहाँ पुराने कार्टूनिस्टों के कार्टूनों का पुनः प्रकाशन करती है वहीं नए कार्टूनिस्टों की प्रतिभा को सामने लाने का लिए भी मंच प्रदान करती है। देश-विदेश में अपनी प्रदर्शनियाँ करने वाले त्र्यंबक रायपुर में एक कार्टून संग्रहालय बनाने में लगे हैं। .

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दूरदर्शन

दूरदर्शन या टेलीविजन (या संक्षेप में, टीवी) एक ऐसी दूरसंचार प्रणाली है जिसके द्वारा चलचित्र व ध्वनि को दो स्थानों के बीच प्रसारित व प्राप्त किया जा सके। यह शब्द दूरदर्शन सेट, दूरदर्शन कार्यक्रम तथा प्रसारण के लिये भी प्रयुक्त होता है। दूरदर्शन का अंग्रेजी शब्द 'टेलिविज़न' लैटिन तथा यूनानी शब्दों से बनाया गया है जिसका अर्थ होता है दूर दृष्टि (यूनानी - टेली .

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प्राण कुमार शर्मा

प्राण द्वारा रचित कॉमिक पात्र चाचा चौधरी कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा (१५ अगस्त १९३८ – ६ अगस्त २०१४) जिन्हें प्राण के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय कार्टूनिस्ट प्राण ने १९६० से कार्टून बनाने की शुरुआत की। प्राण को सबसे ज्यादा लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने बनाया। सर्वप्रथम लोटपोट के लिए बनाये उनके ये कार्टून पात्र बेहद लोकप्रिय हुए और आगे चलकर प्राण ने चाचा चौधरी और साबू को केन्द्र में रखकर स्वतंत्र कॉमिक पत्रिकाएं प्रकाशित की। उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र मिलाप से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी। ६ अगस्त २०१४ को उनका कैंसर से निधन हो गया। .

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भारतीय कार्टूनिस्ट

भारत में कार्टून कला की शुरुआत ब्रिटिश काल में मानी जाती है और केशव शंकर पिल्लई जिन्हें "शंकर" के नाम से भी जाना जाता है को भारत कार्टून कला का पितामह कहा जाता है। शंकर ने १९३२ में हिंदुस्तान टाईम्स में कार्टून बनाना प्रारम्भ किए। शंकर के अलावा आर के लक्षमण, कुट्टी मेनन, रंगा, आबू अब्राहम और मारियो मिरांडा ऐसे नाम है जिन्होंने भारतीय कार्टून कला को आगे बढाया और पहचान दी। शंकर के बाद धीरे धीरे कार्टून कला का भारत में विकास हुआ और आज भारत में हर प्रान्त और भाषा में कार्टूनिस्ट काम कर रहे हैं। भारतीय कार्टूनिस्टों के बीच सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, कार्टून कला की सार्थकता एवं सकारात्मकता के लिए एक प्रगतिशील मंच प्रदान करने के लक्ष्य से एक पंजीकृत संगठन कार्टूनिस्ट्स क्लब ऑफ इंडिया की भी स्थापना की गयी .

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मंजुल

कार्टूनिस्ट मंजुल ने १९८९ में कार्टून बनाने के शुरुआत की.

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शेखर गुरेरा

सम्पादकीय कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा (पूरा नाम: चंद्रशेखर गुरेरा) एक भारतीय कार्टूनिस्ट हैं। इन्हें भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय से मान्यता प्राप्त है। इन्हें दैनिक पाकेट कार्टून के माध्यम से भारत के राजनीतिक एवं सामाजिक परिवेश पर चंद पंक्तियों में सटीक एवं गुदगुदाती टिप्पणियों के लिए जाना जाता है। इनके दैनिक कार्टून अंग्रेजी, हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा के दैनिक समाचार पत्रों: द पायनियर, पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, हिंदसमाचार एवं जगबानी में प्रकाशित होते हैं। इन्होंने अपने कार्टून जीवन की शुरुआत १९८४ में बतौर स्नातक कर रहे विज्ञान के एक छात्र, फ्रीलांसर के रूप में की थी। .

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सतीश आचार्य

कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य का जन्म कर्नाटक में उडुपी के निकट कुन्दपुर में हुआ। मेंगलोर विश्वविद्यालय से फाइनेंस में एमबीए सतीश वर्तमान में मिड-डे मुंबई में २००३ से ग्राफिक एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। बतौर कार्टूनिस्ट सतीश १९९४ से विभिन्न पत्र पत्रिकाओं और वेबसाइट्स के लिए काम करते आ रहे हैं जिनमें जैम, मिड-डे, हंगामा.कॉम, डी आई पब्लिकेशन और कन्नड़ दैनिक कर्नाटक माला प्रमुख हैं। .

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हरिओम तिवारी

कोई विवरण नहीं।

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हिन्दुस्तान टाईम्स

हिन्दुस्तान टाईमज़ का दफ़तर नई दिल्ली में स्थित हिन्दुस्तान टाईमज़ हाउस हिन्दुस्तान टाईमज़ (अंग्रेज़ी: Hindustan Times (HT)) भारत का एक रोज़मर्रा अंग्रेज़ी अख़बार है। पाठकों की संख्या मुताबिक यह भारत के बड़े अख़बारों में से है। द टाईमज़ ऑफ़ इंडिया के बाद इसका दूसरा नंबर है। यह १९२४ में मास्टर सुन्दर सिंह लायलपुरी द्वारा कायम किया गया। .

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काक (कार्टूनिस्ट)

कार्टूनिस्ट काक Kaak (मूल नाम: हरिश्चन्द्र शुक्ल) देश के उन दुर्लभ कार्टूनिस्टों में से हैं जो मूलतः हिंदी भाषी प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका इत्यादि से ही जुड़ें रह कर कार्टून जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। व्यंग की अपनी अनोखी शैली के चलते काक राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय और जटिल राजनीतिक विषयों को बहुत ही सरलता से आम आदमी से जोड़कर अपने व्यंगचित्रों में प्रस्तुत करते हैं। एक हिंदी कहावत के अनुसार काक अर्थात पक्षी कौवा जो किसी के झूठ पर अपनी कर्कश ध्वनि से आवाज़ उठाता है। .

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कुट्टी

चित्रकार कार्टूनिस्ट कुट्टी का जन्म १९२१ में केरल में हुआ। अपनी पढ़ाई के दौरान ही कुट्टी को राजनीतिक कार्टूनों में रूचि पैदा हो गई थी। कुट्टी उस समय के अंग्रेज़़ी शासन में उपलब्ध पत्र पत्रिकाओं में छापे कार्टूनों को बड़े चाव से देखते थे और उन्हें दोबारा बनाकर अपने साथियों का मनोरन्जन भी करते थे। इसी तरह कार्टून बनाते हुए कुट्टी इस काम में माहिर हो गए। .

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