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कॉफ़ी

सूची कॉफ़ी

कॉफ़ी का प्यालाकॉफ़ी (अरब. قهوة क़हवा उत्तेजक पेय पदार्थ) — एक लोकप्रिय पेय पदार्थ (साधारणतया गर्म) है, जो कॉफ़ी के पेड़ के भुने हुए बीजों से बनाया जाता है। कॉफ़ी में कैफ़ीन होने के कारण वह हल्के उद्दीपक सा प्रभाव डालती है। इसके विषय में वैज्ञानिकों का कोई निश्चित मत नहीं हैं। जहाँ एक ओर कहा जाता है कि कॉफ़ी से शुक्राणुओं की सक्रियता बढ़ती है वहीं दूसरी ओर कुछ अध्ययनों में यह भी पता चला है कि अधिक कॉफ़ी पीने से मतिभ्रम भी हो सकता है। .

22 संबंधों: ऊर्जा, चाय, दंतकथा, दूध, पादप, प्राणी, बर्फ़, बीज, भाप, भेड़, श्वेत, शीतल पेय, गड़रिया, इतालवी भाषा, इथियोपिया, कैफ़ीन, कॉफ़ीख़ाना, अरबी भाषा, १९ मार्च, २००८, २००९, २६ अप्रैल

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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चाय

चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है।भारतीय.

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दंतकथा

ऐसी कहानियाँ या बातें जो कहीं लिखी नहीं गईं, किंतु परंपरागत रूप से सुनी जाती हैं और दोहराई जाती हैं दन्तकथा कहलाती हैं। ये लोक कथाओं का ही एक रूप है। इनमें सच्चाई हो भी सकती है और नहीं भी हो सकती। श्रेणी:शब्दार्थ.

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दूध

एक गिलास दूध दूध एक अपारदर्शी सफेद द्रव है जो मादाओं के दुग्ध ग्रन्थियों द्वारा बनाया जता है। नवजात शिशु तब तक दूध पर निर्भर रहता है जब तक वह अन्य पदार्थों का सेवन करने में अक्षम होता है। साधारणतया दूध में ८५ प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्व यानी खनिज व वसा होता है। गाय-भैंस के अलावा बाजार में विभिन्न कंपनियों का पैक्ड दूध भी उपलब्ध होता है। दूध प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -२) युक्त होता है, इनके अलावा इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है। इसके अलावा इसमें कई एंजाइम और कुछ जीवित रक्त कोशिकाएं भी हो सकती हैं।। इकॉनोमिक टाइम्स, २२ मार्च २००९ .

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पादप

पादप या उद्भिद (plant) जीवजगत का एक बड़ी श्रेणी है जिसके अधिकांश सदस्य प्रकाश संश्लेषण द्वारा शर्कराजातीय खाद्य बनाने में समर्थ होते हैं। ये गमनागम (locomotion) नहीं कर सकते। वृक्ष, फर्न (Fern), मॉस (mosses) आदि पादप हैं। हरा शैवाल (green algae) भी पादप है जबकि लाल/भूरे सीवीड (seaweeds), कवक (fungi) और जीवाणु (bacteria) पादप के अन्तर्गत नहीं आते। पादपों के सभी प्रजातियों की कुल संख्या की गणना करना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि सन् २०१० में ३ लाख से अधिक प्रजाति के पादप ज्ञात हैं जिनमें से 2.7 लाख से अधिक बीज वाले पादप हैं। पादप जगत में विविध प्रकार के रंग बिरंगे पौधे हैं। कुछ एक को छोड़कर प्रायः सभी पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं। इनके भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। पादपों में सुकेन्द्रिक प्रकार की कोशिका पाई जाती है। पादप जगत इतना विविध है कि इसमें एक कोशिकीय शैवाल से लेकर विशाल बरगद के वृक्ष शामिल हैं। ध्यातव्य है कि जो जीव अपना भोजन खुद बनाते हैं वे पौधे होते हैं, यह जरूरी नहीं है कि उनकी जड़ें हों ही। इसी कारण कुछ बैक्टीरिया भी, जो कि अपना भोजन खुद बनाते हैं, पौधे की श्रेणी में आते हैं। पौधों को स्वपोषित या प्राथमिक उत्पादक भी कहा जाता है। 'पादपों में भी प्राण है' यह सबसे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने कहा था। पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन वनस्पति विज्ञान कहलाता है। .

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प्राणी

प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। .

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बर्फ़

बर्फ़ जल की ठोस अवस्था को कहते हैं। सामन्य दाब पर ० डिग्री सेल्सियस पर जल जमने लगता है, जल की इसी जमी हुई अवस्था को बर्फ़ कहते हैं। श्रेणी:जल *.

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बीज

विभिन्न पौधों के बीज बीज की परिभाषा बीज एक परिपक्व बीजाण्ड है,जो निषेचन के बाद क्रियाशिल होता है,बीज उचित परिस्थितिया जैसे जल,वायु,सूर्य प्रकास आदि मिलने पर क्रियाशिल होता है। .

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भाप

सौ डिग्री सेंट्रिग्रेड से अधिक गरम किसी वस्तु पर जल डालने से अचानक भाप पैदा होता है। पानी की गैसीय अवस्था या जलवाष्प को भाप (steam) कहते हैं। शुष्क भाप अदृश्य होती है, परंतु जब भाप में जल की छोटी-छोटी बूँदें मिली होती हैं तब उसका रंग सफेद होता है, जैसा रेल के इंजन से निकलती भाप में स्पष्ट दिखाई देता है। जब भाप में जल की बूँदे उपस्थित होती हैं, तो इसे 'आर्द्र भाप' (wet steam) कहते हैं। यदि जल की बूँदों का सर्वथा अभाव हो तो यह 'शुष्क भाप' (dry steam) कहलाती है। .

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भेड़

भेड़ अर्जेंटीना में भेड़ों के झुंड भेड़ एक प्रकार का पालतू पशु है। इसे मांस, ऊन और दूध के लिए पाला जाता है। .

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श्वेत

श्वेत रंग प्रत्यक्ष प्रकाश के सभी रंगों को मिलाने पर बनता है।.

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शीतल पेय

शीतल पेय अर्थात ठडे पेय पदार्थ। श्रेणी:पेय.

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गड़रिया

गडरिया एक जाति है जो पिछड़े वर्ग में आती है। इनका मुख्य व्यवसाय भेड़,बकरी पालना था। इनको विभिन्न नामो से जाना जाता है जैसे - पाल, बघेल, धनगर। यह जाति भारत में प्रायः सभी राज्यों में निवास करती हैं। अधिकतर लोग हिंदूधर्म को मानते है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा, कोरिया जैसे उत्‍तरी जिलों के साथ-साथ मुंगेली, बिलासपुर, रायपुर, राजनांदगाूंव जैसे जिलों में भी गड़रिया समुदाय की संख्‍या उल्‍लेखनीय है। छत्‍तीसगढ़ के विभिन्‍न जिलों में गड़रिया जाति की मुख्यतः 4 प्रमुख उपजाति निवास करती है -(1)- ढेंगर (2)-देशहा, (3)-झेरिया, (4)-कोसरिया। यहॉं इस जाति को गड़ेरी नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा झाडे, वराडे, और नीखर उपजाति भी कुछ भागो में निवास करती हैं। भेड़-बकरी पालन करना इस समुदाय का प्रमुख कार्य है। समय के साथ-साथ अब लोग धीरे-धीरे नौकरी तथा अन्‍य व्‍यवसायों की ओर भी अग्रसर हाे रहे हैं। उत्‍तर प्रदेश जैसे राज्‍य में गड़रिया समुदाय के कई राजनेता अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में सफल रहे हैं। इलाहाबाद से निर्वतमान विधायक श्रीमती पूजा पाल इनमें सबसे जाना-पहचाना नाम है। इस समुदाय में शिक्षा का व्‍यापक प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण पूर्व में महिलाऍं मुख्‍यत: घरेलू कार्यों में ही अपना योगदान देती थीं। बदलते समय के साथ शिक्षा के प्रसार का परिणाम है कि छत्‍तीसगढ़ जैसे राज्‍य में भी इस समुदाय की बेटियाँ समाज के अन्‍य वर्गों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मुख्‍य धारा में अपना प्रतिनिधित्‍व प्रस्‍तुत कर रही हें। श्रेणी:व्यवसाय.

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इतालवी भाषा

इतालवी (अथवा इटैलियन) भाषा (Italiano ईतालियानो) इटली की मुख्य और राजभाषा है। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसकी जननी लातिनी है। इसकी लिपि रोमन लिपि है। ये स्विट्ज़रलैंड के दो कैण्टन की भी राजभाषा है। कोर्सिका (फ्रांसीसी), त्रियेस्ते (यूगोस्लाविया) के कुछ भाग तथा सानमारीनो के छोटे से प्रजातंत्र में भी इतालवी बोली जाती है। .

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इथियोपिया

इथियोपिया (गिइज़: ኢትዮጵያ, इत्योप्प्या) अफ्रीका के सींग में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है जो सरकारी तौर पर इथियोपिया संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में जाना जाता है। यह अफ़्रीका का दूसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश है और इसमें 85.2 लाख से अधिक लोग बसे हुए हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से यह अफ़्रीका का दसवाँ सबसे बड़ा देश है। इसकी राजधानी अदीस अबाबा है। इथियोपिया सूडान से दक्षिणपूर्व में, इरिट्रिया से दक्षिण में, जिबूती और सोमालिया से पश्चिम में, केन्या से उत्तर में और दक्षिण सूडान से पूर्व में स्थित है। यह दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला स्थल-रुद्ध देश है। .

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कैफ़ीन

कैफीन (Caffeine) एक कड़वी, सफेद क्रिस्टलाभ एक्सेंथाइन एलकेलॉइड (क्षाराभ) है, जो एक मनोस्फूर्तिदायक या साइकोएक्टिव (मस्तिष्क को प्रभावित करनेवाली) उत्तेजक औषधि है। एक जर्मन रसायनशास्त्री फ्रेडरिक फर्डीनेंड रंज ने 1819 में कैफीन की खोज की थी। उन्होंने कैफीन (kaffein) शब्द का इजाद किया, जो कॉफी का एक रासायनिक यौगिक है, (जिसके लिए जर्मन शब्द काफी (Kaffee) है), जो अंग्रेजी में कैफीन बन गया (और जर्मन में कोफीन (Koffein) में बदल गया).

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कॉफ़ीख़ाना

काफ़े द फ़्लोर, पैरिस का एक कॉफ़ीख़ाना कॉफ़ीख़ाना, कॉफ़ीघर या कॉफ़ीहाउस (coffeehouse) ऐसे स्थान को बोलते हैं जो ग्राहकों को कॉफ़ी का पेय बनाकर पिलाए। यह बहुत हद तक चायख़ाने की तरह होता है और इसे एक प्रकार का विशेष रेस्तरां समझा जा सकता है। अक्सर इसमें कॉफ़ी के साथ-साथ चाय, चॉकलेट पेय और हलकी खाने की चीज़ें भी उपलब्ध होती हैं। यूरोप, तुर्की, ईरान और मध्य पूर्व के अन्य भागों में कॉफ़ीख़ानों का बहुत रिवाज है। अरब देशों और मध्य पूर्व के अन्य हिस्सों के कॉफ़ीख़ानों में अक्सर हुक़्क़े भी मिलते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में भी कुछ स्थानों पर कॉफ़ीख़ाने मौजूद हैं। विश्व के कई स्थानों में कॉफ़ीख़ानों का गहरा सांस्कृतिक महत्व है। उत्तर भारत के चायख़ानों की तरह वही लोगों के मिलने का स्थान होते हैं। अक्सर लेखक अपनी लिखाईयाँ कॉफ़ीख़ानों में रचते हैं। अपने स्थाई ग्राहकों के लिए कॉफ़ीख़ाने एक अनौपचारिक सभा-स्थल का काम देते हैं।, John Wiley & Sons, 2011, ISBN 978-1-4443-9337-8,...

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अरबी भाषा

अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .

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१९ मार्च

१९ मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ७८वाँ (लीप वर्ष मे ७९वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और २८७ दिन बाकी है। जार्ज बुश दवारा इराक युद्ध का आगज्। .

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२००८

२००८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

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२६ अप्रैल

26 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 116वॉ (लीप वर्ष में 117 वॉ) दिन है। साल में अभी और 249 दिन बाकी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

कहवा, काफी, कॉफी, कॉॅफी, कोफी

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