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कानजी

सूची कानजी

कानजी (漢字 Category:Articles containing Japanese-language text; जापानी उच्चारण: kandʑi  सुनो Category:Articles with hAudio microformats ), जापान द्वारा अपनाए गए शब्द-चिह्निक चीनी अक्षरों (हानज़ी) जिन्हें आधुनिक जापानी लेखन पद्धति में हिरागाना और काताकाना के साथ उपयोग किया जाता है। जापानी शब्द कानजी के चीनी अक्षरों का शाब्दिक अर्थ है "हान अक्षर" और चीनी शब्द हानज़ी के समान अक्षरों से लिखा जाता है। .

32 संबंधों: चीनी भाषा, चीनी भावचित्र, दर्रा, द्वितीय विश्वयुद्ध, पारम्परिक चीनी वर्ण, फ़ुरिगाना, फीनयीन, बौद्ध धर्म, बेकजे, मन्दारिन भाषा, मानयोशू, यू चीनी, लेखनवर्तनी, शब्द-चिह्न, सरलीकृत चीनी वर्ण, साहित्य, संज्ञा, स्वनानुकरणात्मक, हान चीनी, हानजा, हिरागाना, जापानी भाषा, जापानी लेखन पद्धति, वियतनामी भाषा, विशेषक चिह्न, गुलदाउदी, ओसाका, काताकाना, काना (लिपि), कुन्फ़्यूशियसी धर्म, कोरियाई भाषा, उच्च शिक्षा

चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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चीनी भावचित्र

चीनी लिपि में 'आँख' के लिए भावचित्र 'आँख' के भावचित्र का हस्त-लिखित रूप शांग राजवंश काल में हड्डियों पर खरोंचे गए स्वर-अर्थ संयुक्त भावचित्र - इनसे भविष्यवानियाँ की जाती थीं सन् १४३६ में बनी चीनी भावचित्र सिखाने के लिए एक पुस्तक का पृष्ठ गाय के चित्र से कैसे उसका आधुनिक भावचित्र बदलावों के साथ उत्पन्न हुआ चीनी भावचित्रों में हर दिशा में खीची जाने वाली हर प्रकार की लकीर का एक भिन्न नाम है - हर भावचित्र में यह लकीरें अलग तरह से सम्मिलित होती हैं - यहाँ दिखाए गए भावचित्र 永 का मतलब 'हमेशा' या 'सनातन' है हानज़ी अथवा चीनी भावचित्र (अंग्रेज़ी: Chinese characters, चाइनीज़ कैरॅक्टर्ज़) चीनी भाषा और (कुछ हद तक) जापानी भाषा लिखने के लिए इस्तेमाल होने वाले भावचित्र होते हैं। इन्हें चीनी के लिए जब प्रयोग किया जाए तो यह हानज़ी(汉字/漢字, hanzi) कहलाते हैं और जब जापानी के लिए प्रयोग किया जाए तो कानजी (漢字, kanji) कहलाते हैं। पुराने ज़माने में इनका प्रयोग कोरियाई भाषा और वियतनामी भाषा के लिए भी होता था। चीनी भावचित्र दुनिया की सब से पुरानी चलती आ रही लिखने की विधि है।, Hans Jensen, Allen & Unwin, 1969,...

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दर्रा

पहाडियों एव पर्वतिय क्षेत्रों में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गों को दर्रा कहा जाता हैं। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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पारम्परिक चीनी वर्ण

पारम्परिक चीनी वर्ण (सरलीकृत चीनी: 正体字; पारम्परिक चीनी: 正體字) का अर्थ उन वर्णसमूह से है जिनमें नवसृजित वर्ण सम्मिलित नहीं है या वे वर्ण प्रतिस्थापन नहीं है जो १९४६ के पश्चात गढे़ गए थे। इस लिपि के अन्तर्गत अन्य चीनी लिपियों की तुलना में अधिक जटिल वर्ण हैं। पारम्परिक चीनी वर्ण ताइवान, हांगकांग और मकाउ में प्रयुक्त किए जाते हैं, जबकि मुख्यभूमि चीन, सिंगापुर और मलेशिया में सरलीकृत चीनी वर्ण प्रयुक्त होते हैं। .

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फ़ुरिगाना

१८४० में प्रकाशित ''रसायन विज्ञान का परिचय ''(लेखक उदागावा योआन)'' ''में वोल्टा बैटरी का चित्र और विवरण।  फ़ुरिगाना (振り仮名?) एक जापानी पठन सहायक है जिसमें छोटे काना को कानजी के पास छापा जाता है, ताकि उसके उच्चारण को दर्शाया जा सके। यह एक तरह का रूबी पाठ है। फ़ुरिगाना को जापानी में योमिगाना (読み仮名) या रुबी ルビ) भी कहते हैं। आधुनिक जापानी में इसे आम तौर पर दुर्लभ कानजी या दुर्लभ, अमानक पठन दिखाने के लिए या बच्चों और विद्यार्थियों के किताबों में इस्तेमाल किया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के पहले इसका चलन अधिक था।Geoffrey Sampson (1990). फ़ुरिगाना को आम तौर पर हिरागाना में लिखा जाता है, लेकिन कुछ मामलों में काताकाना का भी उपयोग होता है। खड़ी लिखाई (तातेगाकी) में फ़ुरिगाना को अक्षरों के बाएँ ओर रखा जाता है, जबकी समस्तरीय लिखाई (योकोगाकी) में इसे अक्षरों के ऊपर रखा जाता है। .

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फीनयीन

'चीनी फीनयीन कार्यक्रम' चीनी अक्षरों के उच्चारण को दर्शाने वाला एक प्रतीक है, जिसमें दो भाग हैं, जिन में स्वर व ब्यंजन रखे गए, व्यंजनों की संख्या 21 व स्वर 39 है। चीनी भाषा के अक्षरों को ठीक तरह से पहचानने में लोगों की मदद करने के लिए चीन सरकार ने वर्ष 1958 में चीनी पिनयिन कार्यक्रम प्रकाशित किया। इस कार्यक्रम में चीनी अक्षरों को चीनी उच्चारण के अनुरूप प्रदर्शित करने के लिए प्राचीन रोम की भाषा (लैटिन) अक्षरों को अपनाया गया। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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बेकजे

३७५ ईसवी में अपने चरम पर बेकजे राज्य बेकजे (कोरियाई: 백제, अंग्रेज़ी: Baekje) या पेकचे एक प्राचीन कोरियाई राज्य था जो दक्षिण-पूर्वी कोरिया में स्थित था। यह १८ ईसापूर्व से ६६० ईसवी तक अस्तित्व में रहा। गोगुरयेओ और सिल्ला के साथ यह 'प्राचीन कोरिया के तीन राज्यों' में से एक था। बेकजे राज्य की स्थापना गोगुरयेओ राज्य के संस्थापक जुमोंग (추몽, Jumong) के तीसरे बेटे ओंजो (온조왕, Onjo) ने के थी। जैसे-जैसे तीनों राज्य कोरियाई प्रायद्वीप पर अपना प्रभाव बढ़ाते गए, बेकजे कभी गोगुरयेओ और सिला के साथ लड़ता था और कभी संधियाँ करता था।, Jae-un Kang, Jae-eun Kang, Homa & Sekey Books, 2006, ISBN 978-1-931907-37-8,...

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मन्दारिन भाषा

यह चीन में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा हैं। .

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मानयोशू

Nukata no Ōkimi, a replica from vol.1 मानयोशू, जापान का सबसे पुराना काव्य संकलन है, जिसको ७५९ ईसा पूर्व में नारा काल में संग्रहीत किया गया था। इस ग्रन्थ में जापान के कई महान कवियों की रचनाओं का समावेश है।.

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यू चीनी

यू दक्षिणी चीन में बोली जाने वाली चीनी की प्राथमिक शाखा है, विशेष कर गुआंगदोंग और गुआंगशी में इसके बोलने वाले रहते हैं।.

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लेखनवर्तनी

लेखनवर्तनी (orthography) या लेखनविधि किसी भाषा को लिखने के स्थापित मानकों को कहते हैं। इसमें विराम, अर्ध-विराम, प्रश्नचिन्ह, शब्दों के बीच में प्रयोग होने वाली जगह या अन्य चिन्ह, इत्यादि आते हैं। .

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शब्द-चिह्न

आधुनिक चीनी वर्ण 'रि', जिसका अर्थ सूर्य अथवा दिन होता है। शब्द-चिह्न या लोगोग्राम (logogram) उस लिपि को कहते हैं जिसमें एक अकेला 'वर्ण' एक पूर्ण शब्द को निरूपित करता है। चीनी भाषा के अधिकांश वर्ण, शब्द-चिह्न हैं। इस लिपि-समूह में कुछ सबसे पुरानी लिपियाँ जैसे चीनी, अफ्रीकाई, मध्य अमेरिकाई आदि आती हैं। श्रेणी:लिपि *.

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सरलीकृत चीनी वर्ण

सरलीकृत चीनी वर्ण (सरलीकृत चीनी: 简体字; पारम्परिक चीनी: 簡體字) वे वर्ण है जो मुख्यभूमि चीन पर उपयोग के लिए मानकीकृत हैं। यह समकालीन चीनी लिखित भाषा के लिए प्रचलित बहुत से मानकीकृत वर्णसमूहो में से एक है। चीनी जनवादी गणराज्य की सरकार ने साक्षरता बढ़ाने के लिए इन वर्णो को मुद्रण में प्रोत्साहन दिया है। ये आधिकारिक रूप से चीनी जनवादी गणराज्य और सिंगापुर में प्रयुक्त होते हैं। पारम्परिक चीनी वर्ण मुख्यतः चीनी गणराज्य या ताइवान, हांगकांग और मकाउ में प्रयुक्त होते हैं। विदेशो में रहने वाले चीनी समुदाय पारम्परिक चीनी का उपयोग करते हैं लेकिन मुख्य भूमि चीन के अप्रवासी अधिकांशतः सरलीकृत चीनी का उपयोग करते हैं। .

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साहित्य

किसी भाषा के वाचिक और लिखित (शास्त्रसमूह) को साहित्य कह सकते हैं। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें आदिवासी भाषाओं में मिलता है। इस दृष्टि से आदिवासी साहित्य सभी साहित्य का मूल स्रोत है। .

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संज्ञा

भाषा विज्ञान में, संज्ञा एक विशाल, मुक्त शाब्दिक वर्ग का सदस्य है, जिसके सदस्य वाक्यांश के कर्ता के मुख्य शब्द, क्रिया के कर्म, या पूर्वसर्ग के कर्म के रूप में मौजूद हो सकते हैं। शाब्दिक वर्गों को इस संदर्भ में परिभाषित किया जाता है कि उनके सदस्य अभिव्यक्तियों के अन्य प्रकारों के साथ किस तरह संयोजित होते हैं। संज्ञा के लिए भाषावार वाक्यात्मक नियम भिन्न होते हैं। अंग्रेज़ी में, संज्ञा को उन शब्दों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो उपपद और गुणवाचक विशेषणों के साथ होते हैं और संज्ञा वाक्यांश के शीर्ष के रूप में कार्य कर सकते हैं। पारंपरिक अंग्रेज़ी व्याकरण में Noun, आठ शब्दभेदों में से एक है। .

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स्वनानुकरणात्मक

स्वनानुकरणात्मक या ध्वनि-अनुकरणात्मक (अंग्रेजी:Onomatopoeia) शब्द वो शब्द होते हैं जिनका, उच्चारण उनके अर्थ का द्योतक होता है। दूसरे शब्दों में यह वो शब्द होते हैं जो जिनका उच्चारण उनसे संबद्ध वस्तु से मिलता है या यह किसी ध्वनि का अनुकरण करते हैं। इनके उदाहरण हैं, घड़ी की टिक टिक, गट गट करके पानी पीना, जानवरों और पक्षियों द्वारा की जाने वाली ध्वनियां जैसे कि बिल्ली की म्याऊं या कबूतर की गुटरगूं आदि। स्वनानुकरणात्मक शब्द सभी भाषाओं में समान नहीं होते हैं; ये कुछ हद तक उस व्यापक भाषाई प्रणाली के अनुरूप होते हैं जिसका कि यह हिस्सा होते हैं: इसीलिए किसी घड़ी की आवाज जो हिन्दी में टिक टिक होती है वही अंग्रेजी में टिक टॉक, चीनी में दि दा और जापानी में कैचिन कैचिन होती है। स्वनानुकरणात्मक शब्दों का प्रयोग कॉमिक्स में बहुतायत से होता है। .

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हान चीनी

चीन में विभिन्न जातियों का फैलाव - हान चीनी पूर्व की ओर गाढ़े ख़ाकी रंग में हैं हान चीनी (चीनी: 汉族, हानज़ू या हानरेन) चीन की एक जाति और समुदाय है। आबादी के हिसाब से यह विश्व की सब से बड़ी मानव जाति है। कुल मिलाकर दुनिया में १,३१,०१,५८,८५१ हान जाति के लोग हैं, यानी सन् २०१० में विश्व के लगभग २०% जीवित मनुष्य हान जाति के थे। चीन की जनसँख्या के ९२% लोग हान नसल के हैं। इसके अलावा हान लोग ताइवान में ९८% और सिंगापुर में ७८% होने के नाते उन देशों में भी बहुतायत में हैं। हज़ारों साल के इतिहास में बहुत सी अन्य जातियाँ और क़बीले समय के साथ हान जाति में मिलते चले गए जिस से वर्तमान हान समुदाय में बहुत सांस्कृतिक, सामाजिक और आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) विविधताएँ हैं।, Nature Publishing Group, 2004 .

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हानजा

हानजा, चीनी वर्णों के लिए प्रयुक्त होने वाला कोरियाई शब्द है। यह उन शब्दों के लिए प्रयुक्त होता है जो चीनी वर्णों से लिए गए हैं और जो कोरियाई उच्चारण के साथ बोले जाते है। हानजा मल या हानजा-इओ वे शब्द हैं जो हानजा के साथ लिखे जाते हैं। हन्मुन का अर्थ शास्त्रीय चीनी लेखन से है, लेकिन हानजा को कभी-कभार हन्मुन के लिए भी प्रयुक्त किया जाता है। हानजा में बहुत परिवर्तन नहीं आया है इसलिए बहुत से चीनी वर्ण वैसे ही हैं जैसे की पारम्परिक चीनी वर्ण। केवल कुछ ही हानजा वर्ण कोरिया के लिए अनुपम हैं। हालांकि दशक १४४० में, ध्वनि पर आधारित कोरियाई वर्णमाला का आविष्कार, राजा सेजोंग महान ने किया था। सर्वप्रथम इसका बहुत उपयोग नहीं हुआ। तथापि, प्रारम्भिक १९वीं और २०वीं सदी के दौरान इसका उपयोग हानजा से अद्जिक था और यह अब कोरिया की आधिकारिक भाषा है। पर तब तक, लगभग हर कोई हानजा लिखना और पढ़ना जानता था, इसलिए अधिकान्श प्राचीन कोरियाई पुस्तकें हानजा में लिखी हुई हैं। जो विद्यार्थी कोरियाई इतिहास का अध्यन करते हैं वे ह्ंजा भी सीखते हैं ताकि एतिहासिक दस्तावेज़ों को पढ़ा जा सके। कोरिया में आज भी बच्चे हानजा सीखते हैं और बहुत से कोरियाई शब्दों की जड़े हानजा में ही हैं। श्रेणी:कोरियाई भाषा.

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हिरागाना

हिराकाना या हिरागाना जापानी भाषा में प्रयुक्त तीन प्रमुख लिपियों में से एक है। अन्य दो हैं - काताकाना और कांजी, यद्यपि यूरोपीय शब्दों के लिए रोमाजी का भी प्रयोग होता है। हिरागाना शुद्ध जापानी शब्दों के लिए इस्तेमाल होता है जबकि अन्य चीनी शब्दों के चीनी यथावत या जापानीकृत उच्चारण लिखने के लिए होता है। श्रेणी: जापानी भाषा.

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जापानी भाषा

जापानी भाषा (जापानी: 日本語 नीहोंगो) जापान देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। द्वितीय महायुद्ध से पहले कोरिया, फार्मोसा और सखालीन में भी जापानी बोली जाती थी। अब भी कोरिया और फार्मोसा में जापानी जाननेवालों की संख्या पर्याप्त है, परंतु धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जा रही है। भाषाविद इसे 'अश्लिष्ट-योगात्मक भाषा' मानते हैं। जापानी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में नहीं आती। भाषाविद इसे ख़ुद की जापानी भाषा-परिवार में रखते हैं (कुछ इसे जापानी-कोरियाई भाषा-परिवार में मानते हैं)। ये दो लिपियों के मिश्रण में लिखी जाती हैं: कांजी लिपि (चीन की चित्र-लिपि) और काना लिपि (अक्षरी लिपि जो स्वयं चीनी लिपिपर आधारित है)। इस भाषा में आदर-सूचक शब्दों का एक बड़ा तंत्र है और बोलने में "पिच-सिस्टम" ज़रूरी होता है। इसमें कई शब्द चीनी भाषा से लिये गये हैं। जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है। हाइकु इसकी प्रमुख काव्य विधा है। .

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जापानी लेखन पद्धति

आधुनिक जापानी लेखन पद्धति तीन लिपियों का मिश्रण है-.

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वियतनामी भाषा

मूलतः वियतनामी भाषा बोलने वाले क्षेत्र वियतनामी भाषा वियतनाम की राजभाषा है। जब वियतनाम फ्रांस का उपनिवेश था तब इसे अन्नामी (Annamese) कहा जाता था। वियतनाम के ८६% लोगों की यह मातृभाषा है तथा लगभग ३० लाख वियतनामी बोलने वाले यूएसए में रहते हैं। यह ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की भाषा है। वियतनामी भाषा की अधिकांश शब्दराशि चीनी भाषा से ली गयी है। यह वैसे ही है जैसे यूरोपीय भाषाएं लैटिन एवं यूनानी भाषा से शब्द ग्रहण की हैं उसी प्रकार वियतनामी भाषा ने चीनी भाषा से मुख्यत: अमूर्त विचारों को व्यक्त करने वाले शब्द उधार लिये हैं। वियतनामी भाषा पहले चीनी लिपि में ही लिखी जाती थी (परिवर्धित रूप की चीनी लिपि में) किन्तु वर्तमान में वियतनामी लेखन पद्धति में लैटिन वर्णमाला को परिवर्तित (adapt) करके तथा कुछ डायाक्रिटिक्स (diacritics) का प्रयोग करके लिया जाता है। .

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विशेषक चिह्न

किसी वर्ण के मूल चिह्न के ऊपर, नीचे, अलग-बगल लगने वाले चिह्नों को विशेषक चिह्न (diacritic /daɪ.əˈkrɪtɪk/) कहते हैं। विशेषक चिह्न लगाने के बाद मूल वर्ण का उच्चारण/नाम/अर्थ आदि बदल जाते हैं। कुछ विशेषक चिह्न जैसे एक्यूट (acute,  ´ ) तथा ग्रेव (grave,  ` ) को प्रायः 'आघात' (accents) कहा जाता है। देवनागरी के व्यंजनों पर लगने वाली मात्राएँ भी विशेषक चिह्न हैं। उदाहरण: ą, ć, ę, ł, ń, ó, ś, ź, ż श्रेणी:लिपि.

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गुलदाउदी

गुलदाउदी (Chrysanthemum) एक बारहमासी सजावटी फूलों का पौधा है। इसकी लगभग 30 प्रजातियों पाई जाती हैं। मुख्यतः यह एशिया और पूर्वोत्तर यूरोप मे पाया जाता है। ग्रीक भाषा के (Anemone) अनुसार क्राइसैंथिमम शब्द का अर्थ स्वर्णपुष्प है। इस जाति का पुष्प छोटा तथा सम्मित एनीमोन सदृश होता है। बेंथैम तथा हूकर (Bentham and Hooker, 1862-93) के वनस्पति-विभाजन-क्रम के आधार पर गुलदाऊउदी का स्थान नीचे दिए हुए क्रम के अनुसार निर्धारित होता है: वर्ग द्विदलीय (Dicotyledon) गैमोपेटैली (Gamopetalae) श्रेणी इनफेरी (Inferae) आर्डर ऐस्टरेलीज़ (Asterales) कुल कॉम्पॉज़िटी (Compositae) जीनस क्राइसैंथिमम .

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ओसाका

ओसाका (大阪府) जापान का एक शहर है। .

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काताकाना

काताकाना जापानी भाषा को लिखने के लिए प्रयुक्त लिपि है। इसमें प्रायः उन शब्दों को लिखा जाता है जो चीनी (या विदेशी) मूल के हैं लेकिन जापान में उनका उच्चारण या अर्थ अलग हैं। जापानी लिखने के लिए हिराकाना और कांजी का भी इस्तेमाल होता है। श्रेणी:जापानी भाषा.

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काना (लिपि)

काना जापान की सिलैबिक लिपियाँ है जो कांजी से भिन्न है। कांजी लिपि लोगोग्राफिक (logographic) है। काना लिपियाँ तीन हैं -.

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कुन्फ़्यूशियसी धर्म

कुफ़ु के कुन्फ़्यूशियस मन्दिर का दाचेंग हाल कनफ़ूशीवाद या कुंगफुत्सीवाद या कुन्फ़्यूशियसी धर्म (en:Confucianism, चीनी: 儒學, अर्थात विद्वानों का आश्रम) चीन का एक प्राचीन और मूल धर्म, दर्शन और सदाचार की विचारधारा है। इसके प्रवर्तक थे चीनी दार्शनिक कुन्फ़्यूशियस (en:Confucius, चीनी: कुंग-फ़ू-त्सू), जिनका जन्म 551 ईसापूर्व और मरण 479 ईसापूर्व माना जाता है। ये धर्म मुख्यतः सदाचार और दर्शन की बातें करता है, देवताओं और ईश्वर के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं कहता। इसलिये इसे धर्म कहना ग़लत प्रतीत होता है, इसे जीवनशैली कहना अधिक उचित है। ये धार्मिक प्रणाली कभी चीनी साम्राज्य का राजधर्म हुआ करती थी। .

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कोरियाई भाषा

कोरियाई भाषा दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया की आधिकारिक भाषा है और इसे बोलने वालों की संख्या लगभग ८ करोड़ है। इस भाषा का विकास १४४३ ई० में किंगसेजोंग के शासनकाल में हुआ। इस भाषा की लिपि हंगुल (Hangul 한글) है। कोरियन में 한 (हान/Haan) का अर्थ है - कोरिया अथवा महान और 글/गुल/geul का अर्थ है - लिपि। इस प्रकार हंगुल का अर्थ हुआ - "महान लिपि" अथवा "कोरियन लिपि"। कोरियायी भाषा अल्टाइक कुल की भाषा है जो चीनी की भाँति संसार की प्राचीन भाषाओं में गिनी जाती है। चीनी की भाँति यह भी दाए से बाई ओर लिखी जाती है। इसका इतिहास कोरिया के इतिहास की तरह ही 4000 वर्ष प्राचीन है। प्राचीन काल में चीनी लोग कोरिया में जाकर बस गए थे, इसलिये वहाँ की भाषा भी चीनी भाषा से काफी प्रभावित है। चीनी और कोरियायी के अनेक शब्द मिलते जुलते हैं: उस समय कोरिया के विद्वानों की बोलचाल की भाषा तो कोरियायी थी लेकिन वे चीनी में लिखते थे। चीनी लिपि में लिखी जानेवाली कोरियायी भाषा की लिपि हानमून/hanmun कही जाती थी। जबतक कोई विद्वान प्राचीन चीनी का ज्ञाता न हो तब तक वह पूर्ण विद्वान नहीं माना जाता था। कोरियायी भाषा अपनी शिष्टता और विनम्रता के लिये प्रसिद्ध है। शिष्टता और विनम्रतासूचक कितने ही शब्द इस भाषा में पाए जाते हैं। कोरिया के लोग अभिवादन के समय "आप शांतिपूर्वक आएँ", "आप शांतिपूर्वक सोएँ" जैसे आदरसूचक शब्दों का प्रयोग करते हैं। .

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उच्च शिक्षा

एक उच्चतर शिक्षा संस्थान में गणित का शिक्षण उच्च शिक्षा (higher education) उच्च शिक्षा का अर्थ है सामान्य रूप से सबको दी जानेवाली शिक्षा से ऊपर किसी विशेष विषय या विषयों में विशेष, विशद तथा शूक्ष्म शिक्षा। यह शिक्षा के उस स्तर का नाम है जो विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक विश्वविद्यालयों, कम्युनिटी महाविद्यालयों, लिबरल आर्ट कालेजों एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों आदि के द्वारा दी जाती है। प्राथमिक एवं माध्यमिक के बाद यह शिक्षा का तृतीय स्तर है जो प्राय: ऐच्छिक (non-compulsory) होता है। इसके अन्तर्गत स्नातक, परास्नातक (postgraduate education) एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण आदि आते हैं। .

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