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कल चौधवीं की रात थी

सूची कल चौधवीं की रात थी

कल चौधवीं की रात थी ये फ़िल्म ख़ामोशी की मशहूर ग़ज़ल है। जिसे फ़िल्म के लिए ग़ुलाम अली, असद अमानत अली ख़ान और आबिदा प्रवीण वग़ैरा।http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2008-02-19/parties/27765643_1_mesmerising-pune-audiences-and-music-lovers-extremely-popular-vocalistये मशहूर शायर, हास्य लेखक, पर्यटक और पत्रकार इबन इंशा ने लिखी थी। कुमार सानू ने इसे फ़िल्म जयाला के लिए गाया,1990 के दशक में काफ़ी मक़बूल हुआ। .

2 संबंधों: जगजीत सिंह, ग़ज़ल

जगजीत सिंह

जगजीत सिंह (८ फ़रवरी १९४१ - १० अक्टूबर २०११) का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं। उनका संगीत अंत्यंत मधुर है और उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती से घुल-मिल जाती है। खालिस उर्दू जानने वालों की मिल्कियत समझी जाने वाली, नवाबों-रक्कासाओं की दुनिया में झनकती और शायरों की महफ़िलों में वाह-वाह की दाद पर इतराती ग़ज़लों को आम आदमी तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को पहले पहल दिया जाना हो तो जगजीत सिंह का ही नाम ज़ुबां पर आता है। उनकी ग़ज़लों ने न सिर्फ़ उर्दू के कम जानकारों के बीच शेरो-शायरी की समझ में इज़ाफ़ा किया बल्कि ग़ालिब, मीर, मजाज़, जोश और फ़िराक़ जैसे शायरों से भी उनका परिचय कराया। जगजीत सिंह को सन २००३ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। फरवरी २०१४ में आपके सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए। .

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ग़ज़ल

यह अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य विधा है जो बाद में फ़ारसी, उर्दू, नेपाली और हिंदी साहित्य में भी बेहद लोकप्रिय हुइ। संगीत के क्षेत्र में इस विधा को गाने के लिए इरानी और भारतीय संगीत के मिश्रण से अलग शैली निर्मित हुई। .

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