लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

कर्नाटक

सूची कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

364 संबंधों: चामाराजानगर जिला, चालुक्य, चालुक्य राजवंश, चावल, चित्रदुर्ग जिला, चिकबलपुर, चिकमगलूर जिला, चोल राजवंश, ट्वेन्टी ट्वेन्टी, टीवी९, एच॰ डी॰ कुमारस्वामी, एफ एम प्रसारण, एम चिन्नास्वामी स्टेडियम, एशियानेट सुवर्ण, ऐहोल, डेक्कन हेराल्ड, डीडी चंदना, तमिल, तमिल नाडु, तहसील, तालिकोट का युद्ध, तालकाड़, तुमकुर जिला, तुलू भाषा, तुंगभद्रा नदी, तृतीय शताब्दी, तेलुगू भाषा, थोमस बैबिंगटन मैकाले, द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, द हिन्दू, द इंडियन एक्सप्रेस, दावणगेरे जिला, दक्षिण पश्चिम रेलवे, दक्षिण भारत, दक्षिण कन्नड़ जिला, दक्कन का पठार, दूरदर्शन, देवनहल्ली, दीपावली, धर्मस्थल, कर्नाटक, धारवाड़, धारवाड़ पेड़ा, धारवाड़ जिला, नरसिंह, नाग पंचमी, नागरहोल अभयारण्य, नंद वंश, नंदी हिल, पत्तदकल, पद्म भूषण, ..., पद्म विभूषण, पर्यटन भूगोल, पश्चिम रेलवे (भारत), पश्चिम गंग वंश, पश्चिमी घाट, पाषाण युग, पंद्रहवीं लोकसभा का मंत्रिमंडल, पंकज आडवाणी, पुरन्दर दास, पुर्तगाल, प्रकाश पादुकोण, फ़ारसी साहित्य, फ्रांसिस ज़ेवियर, फॉरेन्हाइट, बनवासी, बन्नेरुघट्टा जैव उद्यान, बयालुसीमा, बसव, बसव जयंती, बसवन्ना बागेवाड़ी, बसवराज राजगुरु, बहमनी सल्तनत, बादामी, बागलकोट जिला, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, बिसिबेले भात, बिजापुर जिला, बंगलौर, बंगलौर विश्वविद्यालय, बंगलोर (ग्रामीण) जिला, बंगलोर जिला, बुक्क राय प्रथम, ब्याल आईटी निवेश क्षेत्र, बौद्ध धर्म, बेलगाँव, बेलगाम जिला, बेलगाम विमानक्षेत्र, बेल्लारी, बेल्लारी जिला, बेल्लारी विमानक्षेत्र, बेलूर, बीदर, बीदर जिला, बीजापुर, बीजापुर सल्तनत, भरतनाट्यम्, भारत में कन्नड़ टीवी चैनलों की सूची, भारत सरकार, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत इलैक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत का प्रधानमन्त्री, भारत का इतिहास, भारत के राष्ट्रपति, भारत के राष्ट्रीय उद्यान, भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत के जल प्रपात, भारत के उपराष्ट्रपति, भारत की स्वतन्त्रता, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय प्रबन्धन संस्थान, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय हॉकी टीम, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय वन सेवा, भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, भीमसेन जोशी, मदिकेरी, मद्दूर वड़ा, मयूरशर्मा, मराठी भाषा, मलयप्रभा नदी, मलयालम भाषा, मल्लिकार्जुन बी मंसूर, मलेशिया, मसाला दोसा, महानगरीय क्षेत्र, महामस्तकाभिषेक, महायान, महाराष्ट्र, मानसून, मालेनाडु, मांड्य ज़िला, मगोड प्रपात, मंगलौर विश्वविद्यालय, मंगलौर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, मकर संक्रान्ति, मुदबिद्री, मुद्रा स्फीति दर, मुरुदेश्वर, मुख्य मंत्री, मुग़ल साम्राज्य, मुंबई क्रिकेट टीम, मौर्य राजवंश, मैसूर, मैसूर पाक, मैसूर जिला, मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर का पठार, मैसूर का साम्राज्य, मैंगलुरु, मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड, मेलकोट, यादगीर, यू२, रणजी ट्रॉफी, रामनगरम जिला, रामानुज, रायचूड़ जिला, रायचूर, राष्ट्रकूट राजवंश, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरतकल, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, राष्ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशालाएं, राहुल द्रविड़, राजा रवि वर्मा, राज्य सभा, राज्यपाल, राजेन्द्र चोल २, राजेन्द्र प्रथम, राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रागी, रागी मन्नी, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर, लिंगायत मत, लोक सभा, शरावती नदी, शास्त्रीय संगीत, शिमोगा जिला, शिवासमूद्रम प्रपात, श्रवणबेलगोला, शृंगेरी, सत्रहवीं शताब्दी, समुद्र तल, साड़ी, सातवाहन, सायकिल, सारनाथ, सार्वजनिक प्रतिष्ठान, सिरसी, सिंडिकेट बैंक, सिंधु घाटी सभ्यता, सिंह, सवाई गंधर्व, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन, संस्कृत भाषा, सकल घरेलू उत्पाद, स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर, स्वामी हरिदास, सूचना प्रौद्योगिकी, सेल्सियस, सोना, सोलापुर जिला, हड़प्पा, हम्पी, हरिहर, हर्मैन मोग्लिंग, हाथी, हासन जिला, हावेरी जिला, हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड, हिन्दुस्तान मशीन टूल्स, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, हिन्दू, हिन्दी, हुबली, हुबली विमानक्षेत्र, हैलेबिडु, होयसल राजवंश, हीनयान, जनता दल, जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र, जय भारत जननीय तनुजते, जयसिंह, जलप्रपात, ज़ी कन्नड़, जवागल श्रीनाथ, ज्ञानपीठ पुरस्कार, ज्वार, जैन दर्शन, जैन धर्म, जैन ग्रंथ, जैवप्रौद्योगिकी, जोलड रोट्टी, जोग जल प्रपात, ईटीवी कन्नड़, ईसाई धर्म, वर्ग मील, विधान परिषद, विधान सभा, विधान सौध, विधायक, विप्रो, विमानक्षेत्र, विशिष्टाद्वैत, विश्व धरोहर, विश्व स्नूकर चैंपियनशिप, विश्वेश्वरैया उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान, विजयनगर, विजयनगर साम्राज्य, विजया बैंक, वजुभाई वाला, वेंकटेश प्रसाद, वीरप्पा मोइली, खो-खो, गणेश चतुर्थी, गदग जिला, गिल्ली डंडा, गंडबेरुण्ड, गंगूबाई हंगल, गुड़ी पड़वा, गुलबर्ग, गुलबर्ग जिला, गुलबर्ग विश्वविद्यालय, गोल गुम्बद, गोवा, गोकर्ण, गोकर्ण, भारत, गोकाक, गोकक जल प्रपात, ऑल इण्डिया रेडियो, ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप, आदि शंकराचार्य, आन्ध्र प्रदेश, आईएनजी वैश्य बैंक, आकाशवाणी, इस्लाम, इंडियन प्रीमियर लीग, इंफोसिस, कदंब वंश, कन्नड़, कन्नड़ भाषा, कबड्डी, करावली, कर्नाटक चित्रकला परिषत, कर्नाटक प्रीमियर लीग, कर्नाटक बैंक, कर्नाटक रत्न, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम, कर्नाटक सरकार, कर्नाटक संगीत, कर्नाटक विश्वविद्यालय, कर्नाटक क्रिकेट टीम, कर्नाटक के जिले, कर्नाटक उच्च न्यायालय, कस्तूरी टीवी, क़ानून एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार, कारवार, कार्कल, कालिदास सम्मान, कासरकोड जिला, कावेरी नदी, काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस, किंगफिशर एयरलाईन्स, किंगफिशर रेड, कुदरेमुख, कुदालसंगम, कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान, कुप्पाली वी गौड़ा पुटप्पा, कुलोत्तुंग चोल प्रथम, कुवेंपु विश्वविद्यालय, कुक्के सुब्रमण्या मंदिर, क्राइस्ट विश्वविद्यालय, क्रिकेट, क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र, कृष्णा नदी, केनरा बैंक, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, केन्द्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान, केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, केम्पेगोडा अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, केरल, कॉर्पोरेशन बैंक, कोडगु जिला, कोप्पल जिला, कोरोमंडल तट, कोलार जिला, कोंकण रेलवे, कोंकणी भाषा, अनिल कुंबले, अब्बे जल प्रपात, अभयारण्य, अम्बा विलास महल, अरब सागर, अशोक, अशोकस्तम्भ, अगुम्बे, अक्का महादेवी, उडुपी, उडुपी ज़िला, उडुपी कृष्ण मंदिर, उत्तर कन्नड़ ज़िला, उदया टीवी, उन्चल्ली प्रपात, उपमा, उर्दू भाषा, उर्दू साहित्य, १ नवंबर, १०वीं शताब्दी, १०९८, ११२२, १२वीं शताब्दी, १६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची, १६वीं शताब्दी, १९५६, १९७४, ४ मई, ५वीं शताब्दी ईसा सूचकांक विस्तार (314 अधिक) »

चामाराजानगर जिला

चामाराजानगर भारतीय राज्य कर्नाटक का दक्षिणी जिला है जिसकी सीमाएं तमिलनाडु तथा केरल से मिलती हैं। यह बंगलोर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और इसे १९९८ में मैसूरु जिले से अलग कर बनाया गया था। यहाँ बर वनवासी जातियों की अधिकता है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और चामाराजानगर जिला · और देखें »

चालुक्य

कोई विवरण नहीं।

नई!!: कर्नाटक और चालुक्य · और देखें »

चालुक्य राजवंश

चालुक्य प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध क्षत्रिय राजवंश है। इनकी राजधानी बादामी (वातापि) थी। अपने महत्तम विस्तार के समय (सातवीं सदी) यह वर्तमान समय के संपूर्ण कर्नाटक, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिणी मध्य प्रदेश, तटीय दक्षिणी गुजरात तथा पश्चिमी आंध्र प्रदेश में फैला हुआ था। .

नई!!: कर्नाटक और चालुक्य राजवंश · और देखें »

चावल

मिश्रित चावल: सफेद चावल, भूरा चावल, लाल चावल और जंगली चावल चावल विभिन्न आकार, रंग, रूप में आते हैं। धान से लेकर सफेद चावल बनाने की प्रक्रिया धान के बीज को चावल कहते हैं। यह धान से ऊपर का छिलका हटाने से प्राप्त होता है। चावल सम्पूर्ण पूर्वी जगत में प्रमुख रूप से खाए जाने वाला अनाज है। भारत में भात, खिचड़ी सहित काफी सारे पक्वान्न बनते हैं। चावल का चलन दक्षिण भारत और पूर्वी-दक्षिणी भारत में उत्तर भारत से अधिक है। इसे संस्कृत में 'तण्डुल' कहा जाता है और तमिल में 'अरिसि' कहा जाता है। इसे कभी-कभार 'षड्रस' भी कहा जाता है, क्योंकि में स्वाद के छहों प्रमुख रस मौजूद हैं। सांस्कृतिक हिंदी में पके हुए चावल को भात कहा जाता है, किन्तु अधिकतर हिन्दी भाषी 'भात' शब्द का प्रयोग कम ही करते हैं। चावल की फ़सल को धान कहते हैं। बासमती चावल भारत का प्रसिद्ध चावल जो विदेशों को निर्यात भी किया जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और चावल · और देखें »

चित्रदुर्ग जिला

चित्रदुर्ग भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और चित्रदुर्ग जिला · और देखें »

चिकबलपुर

चिकबलपुर (ಕನ್ನಡ: ಚಿಕ್ಕಬಳ್ಳಾಪುರ) कर्नाटक राज्य के चिकबलपुर जिला का मुख्यालय शहर है। श्रेणी:कर्नाटक श्रेणी:कर्नाटक के शहर.

नई!!: कर्नाटक और चिकबलपुर · और देखें »

चिकमगलूर जिला

चिकमगलूर भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और चिकमगलूर जिला · और देखें »

चोल राजवंश

चोल (तमिल - சோழர்) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। दक्षिण भारत में और पास के अन्य देशों में तमिल चोल शासकों ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। 'चोल' शब्द की व्युत्पत्ति विभिन्न प्रकार से की जाती रही है। कर्नल जेरिनो ने चोल शब्द को संस्कृत "काल" एवं "कोल" से संबद्ध करते हुए इसे दक्षिण भारत के कृष्णवर्ण आर्य समुदाय का सूचक माना है। चोल शब्द को संस्कृत "चोर" तथा तमिल "चोलम्" से भी संबद्ध किया गया है किंतु इनमें से कोई मत ठीक नहीं है। आरंभिक काल से ही चोल शब्द का प्रयोग इसी नाम के राजवंश द्वारा शासित प्रजा और भूभाग के लिए व्यवहृत होता रहा है। संगमयुगीन मणिमेक्लै में चोलों को सूर्यवंशी कहा है। चोलों के अनेक प्रचलित नामों में शेंबियन् भी है। शेंबियन् के आधार पर उन्हें शिबि से उद्भूत सिद्ध करते हैं। 12वीं सदी के अनेक स्थानीय राजवंश अपने को करिकाल से उद्भत कश्यप गोत्रीय बताते हैं। चोलों के उल्लेख अत्यंत प्राचीन काल से ही प्राप्त होने लगते हैं। कात्यायन ने चोडों का उल्लेख किया है। अशोक के अभिलेखों में भी इसका उल्लेख उपलब्ध है। किंतु इन्होंने संगमयुग में ही दक्षिण भारतीय इतिहास को संभवत: प्रथम बार प्रभावित किया। संगमकाल के अनेक महत्वपूर्ण चोल सम्राटों में करिकाल अत्यधिक प्रसिद्ध हुए संगमयुग के पश्चात् का चोल इतिहास अज्ञात है। फिर भी चोल-वंश-परंपरा एकदम समाप्त नहीं हुई थी क्योंकि रेनंडु (जिला कुडाया) प्रदेश में चोल पल्लवों, चालुक्यों तथा राष्ट्रकूटों के अधीन शासन करते रहे। .

नई!!: कर्नाटक और चोल राजवंश · और देखें »

ट्वेन्टी ट्वेन्टी

ट्वेन्टी ट्वेन्टी (टी ट्वेन्टी) क्रिकेट का वह रूप है जिसमें दो टीमों के बीच में अधिकतम 20 ओवर (षटक) का मुकाबला होता है। इसमें केवल एक ही पारी का खेल होता है। इसका आरम्भ संयुक्त राजशाही में सन 2003 में हुआ था। हाल ही में खेल के इस प्रारूप ने बड़ी सफलता प्राप्त की है, क्योंकि खेल का समय नाटकीय ढंग से घट गया है जहां पहले एक दिवसीय मुकाबले मे लगभग पूरा दिन लग जाता था वहां इसका फैसला महज कुछ घंटों में ही हो जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और ट्वेन्टी ट्वेन्टी · और देखें »

टीवी९

टीवी९ एक समाचार चैनल है। यह तेलुगु भाषा का चैनल है। श्रेणी:तेलुगु चैनल.

नई!!: कर्नाटक और टीवी९ · और देखें »

एच॰ डी॰ कुमारस्वामी

हरदनहल्ली देवगौड़ा कुमारस्वामी (जन्म १६ दिसम्बर १९५९) एक भारतीय राजनितज्ञ हैं जो कि २००६ से २००७ के मध्य भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक के १८वें मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके पिता ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं। गौड़ा कन्नड़ फ़िल्मों के निर्माता, वितरक तथा प्रदर्शक भी हैं। वह अपने समर्थकों के मध्य कुमारान्ना के नाम से भी जाने जाते हैं। वह जनता दल (सेक्युलर) के कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष भी हैं। श्री एच डी कुमारस्वामी ने 23 मई 2018 को कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजूभाई वाला ने विधान सौध प्रांगण में आयोजित समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।कुमारस्वामी कोंगेरस के गठबंधन से मुख्यमंत्री बने हैं। .

नई!!: कर्नाटक और एच॰ डी॰ कुमारस्वामी · और देखें »

एफ एम प्रसारण

एफ एम प्रसारण एक प्रकार का रेडियो प्रसारण है, जिसमें कैरियर की आवृत्ति को प्रसारण ध्वनि के अनुसार मॉड्यूलेट किया जाता है। इस प्रक्रिया को आवृत्ति माड्यूलेशन या आवृत्ति मॉड्यूलन कहते हैं। इस प्रक्रिया द्वारा मॉड्यूलन कर जब रेडियो प्रसारण होता है, उसे एफ़ एम प्रसारण कहते हैं। डीमॉड्यूलेटेड एफ़-एम संकेत वर्णक्रम एवं उप-कैरियर .

नई!!: कर्नाटक और एफ एम प्रसारण · और देखें »

एम चिन्नास्वामी स्टेडियम

एम चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलूरु के एक प्रसिद्ध क्रिकेट का मैदान हैं। .

नई!!: कर्नाटक और एम चिन्नास्वामी स्टेडियम · और देखें »

एशियानेट सुवर्ण

एशियानेट सुवर्ण स्टार समूह का एक टीवी चैनल है।.

नई!!: कर्नाटक और एशियानेट सुवर्ण · और देखें »

ऐहोल

ऐहोल (कन्नड़ ಐಹೊಳೆ) कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिला में एक प्राचीन मंदिर समूह के लिए प्रसिद्ध स्थल है। यह पत्तदकल के पूर्व में मलयप्रभा नदी के तट पर स्थित है। बादामी इसके पश्चिम में स्थित है। ऐहोल के प्राचीन स्मारकों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया हुआ है, एवं इनके युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने के प्रयास जारी हैं। ---- पुलकेसि २ के काल के चालुक्य क्षेत्र, ६४० ई. लाद खान मंदिर रावण पहाड़ी गुफ़ा रावण पहाड़ी गुफ़ा के भीतर .

नई!!: कर्नाटक और ऐहोल · और देखें »

डेक्कन हेराल्ड

डेक्कन हेराल्ड भारत में प्रकाशित होने वाला एक अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र है।.

नई!!: कर्नाटक और डेक्कन हेराल्ड · और देखें »

डीडी चंदना

डीडी चंदना एक कन्नड़ टीवी चैनल है। यह एक सरकारी चैनल है। .

नई!!: कर्नाटक और डीडी चंदना · और देखें »

तमिल

एक तमिल परिवार श्रीलंका में तमिल बच्चे भरतनाट्यम तमिल एक मानमूल है, जिनका मुख्य निवास भारत के तमिलनाडु तथा उत्तरी श्री लंका में है। तमिल समुदाय से जुड़ी चीजों को भी तमिल कहते हैं जैसे, तमिल तथा तमिलनाडु के वासियों को भी तमिल कहा जाता है। तामिल, द्रविड़ जाति की ही एक शाखा है। बहुत से विद्वानों की राय है कि 'तामिल' शब्द संस्कृत 'द्राविड' से निकला है। मनुसंहिता, महाभारत आदि प्राचीन ग्रंथों में द्रविड देश और द्रविड जाति का उल्लेख है। मागधी प्राकृत या पाली में इसी 'द्राविड' शब्द का रूप 'दामिलो' हो गया। तामिल वर्णमाला में त, ष, द आदि के एक ही उच्चारण के कारण 'दामिलो' का 'तामिलो' या 'तामिल' हो गया। शंकराचार्य के शारीरक भाष्य में 'द्रमिल' शब्द आया है। हुएनसांग नामक चीनी यात्री ने भी द्रविड देश को 'चि—मो—लो' करके लिखा है। तमिल व्याकरण के अनुसार द्रमिल शब्द का रूप 'तिरमिड़' होता है। आजकल कुछ विद्वानों की राय हो रही है कि यह 'तिरमिड़' शब्द ही प्राचीन है जिससे संस्कृतवालों ने 'द्रविड' शब्द बना लिया। जैनों के 'शत्रुंजय माहात्म्य' नामक एक ग्रंथ में 'द्रविड' शब्द पर एक विलक्षण कल्पना की गई है। उक्त पुस्तक के मत से आदि तीर्थकर ऋषभदेव को 'द्रविड' नामक एक पुत्र जिस भूभाग में हुआ, उसका नाम 'द्रविड' पड़ गया। पर भारत, मनुसंहिता आदि प्राचीन ग्रंथों से विदित होता है कि द्रविड जाति के निवास के ही कारण देश का नाम द्रविड पड़ा। तामिल जाति अत्यंत प्राचीन हे। पुरातत्वविदों का मत है कि यह जाति अनार्य है और आर्यों के आगमन से पूर्व ही भारत के अनेक भागों में निवास करती थी। रामचंद्र ने दक्षिण में जाकर जिन लोगों की सहायता से लंका पर चढ़ाई की थी और जिन्हें वाल्मीकि ने बंदर लिखा है, वे इसी जाति के थे। उनके काले वर्ण, भिन्न आकृति तथा विकट भाषा आदि के कारण ही आर्यों ने उन्हें बंदर कहा होगा। पुरातत्ववेत्ताओं का अनुमान है कि तामिल जाति आर्यों के संसर्ग के पूर्व ही बहुत कुछ सभ्यता प्राप्त कर चुकी थी। तामिल लोगों के राजा होते थे जो किले बनाकर रहते थे। वे हजार तक गिन लेते थे। वे नाव, छोटे मोटे जहाज, धनुष, बाण, तलवार इत्यादि बना लेते थे और एक प्रकार का कपड़ा बुनना भी जानते थे। राँगे, सीसे और जस्ते को छोड़ और सब धातुओं का ज्ञान भी उन्हें था। आर्यों के संसर्ग के उपरांत उन्होंने आर्यों की सभ्यता पूर्ण रूप से ग्रहण की। दक्षिण देश में ऐसी जनश्रुति है कि अगस्त्य ऋषि ने दक्षिण में जाकर वहाँ के निवासियों को बहुत सी विद्याएँ सिखाई। बारह-तेरह सौ वर्ष पहले दक्षिण में जैन धर्म का बड़ा प्रचार था। चीनी यात्री हुएनसांग जिस समय दक्षिण में गया था, उसने वहाँ दिगंबर जैनों की प्रधानता देखी थी। तमिल भाषा का साहित्य भी अत्यंत प्राचीन है। दो हजार वर्ष पूर्व तक के काव्य तामिल भाषा में विद्यमान हैं। पर वर्णमाला नागरी लिपि की तुलना में अपूर्ण है। अनुनासिक पंचम वर्ण को छोड़ व्यंजन के एक एक वर्ग का उच्चारण एक ही सा है। क, ख, ग, घ, चारों का उच्चारण एक ही है। व्यंजनों के इस अभाव के कारण जो संस्कृत शब्द प्रयुक्त होते हैं, वे विकृत्त हो जाते हैं; जैसे, 'कृष्ण' शब्द तामिल में 'किट्टिनन' हो जाता है। तामिल भाषा का प्रधान ग्रंथ कवि तिरुवल्लुवर रचित कुराल काव्य है। .

नई!!: कर्नाटक और तमिल · और देखें »

तमिल नाडु

तमिल नाडु (तमिल:, तमिऴ् नाडु) भारत का एक दक्षिणी राज्य है। तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई (चेऩ्ऩै) है। तमिल नाडु के अन्य महत्त्वपूर्ण नगर मदुरै, त्रिचि (तिरुच्चि), कोयम्बतूर (कोऽयम्बुत्तूर), सेलम (सेऽलम), तिरूनेलवेली (तिरुनेल्वेऽली) हैं। इसके पड़ोसी राज्य आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं। तमिल नाडु में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तमिल है। तमिल नाडु के वर्तमान मुख्यमन्त्री एडाप्पडी  पलानिस्वामी  और राज्यपाल विद्यासागर राव हैं। .

नई!!: कर्नाटक और तमिल नाडु · और देखें »

तहसील

तहसील भारत की एक प्रशासनिक ईकाई है। एक राज्य कई जिलों से मिलकर बना होता है। एक जिले के अन्दर कई तालुक या तहसील या प्रखण्ड होते हैं।तहसील का प्रभाई अधिकारी तहसीलदार होता है। श्रेणी:प्रशासनिक विभाग श्रेणी:प्रशासन राजस्थान के करौली जिले मे ब्लॉक वाइज तहसील निम्न प्रकार है.

नई!!: कर्नाटक और तहसील · और देखें »

तालिकोट का युद्ध

तालिकोट का युद्ध कन्नड़: ತಾಳಿಕೋಟೆ, तेलुगु) (२६ जनवरी १५६५), विजयनगर साम्राज्य एवं दक्खिन के सल्तनत के बीच घमासान युद्ध था, जिसका परिणाम विजयनगर की हार और दक्षिण भारत के अंतिम हिन्दू साम्राज्य का पतन रहा। .

नई!!: कर्नाटक और तालिकोट का युद्ध · और देखें »

तालकाड़

तालकाड़ (जिसे तालकाड़ु भी कहते हैं) (ತಲಕಾಡು) कर्नाटक राज्य में मैसूर से ४५ कि.मी और कीतिनारायण मंदिर, मैसूर जिला clr .

नई!!: कर्नाटक और तालकाड़ · और देखें »

तुमकुर जिला

तुमकुर भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। क्षेत्रफल - 10598 वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और तुमकुर जिला · और देखें »

तुलू भाषा

तुलू भारत के कर्नाटक राज्य के पश्चिमी किनारे में स्थित दक्षिण कन्नड़ और उडुपि जिलों में तथा उत्तरी केरल के कुछ भागों में प्रचलित भाषा है। पहले तुलू ब्राह्मण वैदिक और संस्कृत साहित्य लिखने के लिये 'तिगलारि' नामक लिपि को उपयोग करते थे। लेकिन बहुत कम साहित्य तुलू भाषा में मिला है। पर आज इस लिपि को जाननेवाले बहुत कम हैं। पुरानी तिगलारि लिपि मलयालम लिपि से बहुत मिलती है। अब तुलू लिखने के लिये कन्नड़ लिपि का प्रयोग किया जाता है। यह पंच द्राविड भाषाओं में एक है। दक्षिण कन्नड और उडुपी जिलों की अधिकांश लोगों की मातृभाषा तुळु है। इसलिए ये दोनो जिले सम्मिलित रूप से तुलुनाडु नाम से जाने जाते हैं। केरल के कासरगोड जिले में भी बहुत लोग तुलू भाषा बोलते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और तुलू भाषा · और देखें »

तुंगभद्रा नदी

तुंगभद्रा नदी दक्षिण भारत में बहने वाली एक पवित्र नदी हैं। यह कर्नाटक एवं आन्ध्र प्रदेश में बहती हुई आन्ध्र प्रदेश में एक बड़ी नदी कृष्णा नदी में मिल जाती है। रामायण में तुंगभद्रा को पंपा के नाम से जाना जाता था। तुंगभद्रा नदी का जन्म तुंगा एवं भद्रा नदियों के मिलन से हुआ है। ये पश्चिमी घाट के पूर्वा ढाल से होकर बहती है। पश्चिमी घाट के गंगामूला नामक स्थान से (उडुपी के पास) समुद्र तल से कोई ११९८ मीटर की ऊँचाई से तुंग तथा भद्रा नदियों का जन्म होता है जो शिमोगा के पास जाकर सम्मिलित होती हैं जहाँ से इसे तुंगभद्रा कहते हैं। उत्तर-पूर्व की ओर बहती हुई, आंध्रप्रदेश में महबूब नगर ज़िले में गोंडिमल्ला में जाकर ये कृष्णा नदी से मिल जाती है। इसके किनारों पर कई हिंदू धार्मिक स्थान हैं। आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित शृंगेरी मठ तुंगा नदी के बांई तट पर बना है और इनमें सबसे अधिक प्रसिद्ध है। चौदहवीं सदी में स्थापित दक्कनी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रही हंपी भी इसी के किनारे स्थित है। हंपी में बहती तुंगभद्रा नदी हम्पी के निकट तुंग नदी एवं भद्रा नदी के संगम से तुंगभद्रा नदी का उद्गम होता है। .

नई!!: कर्नाटक और तुंगभद्रा नदी · और देखें »

तृतीय शताब्दी

तृतीय शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। तीसरी शताब्दी ईसा के बाद २०० से ३०० वर्ष तक। श्रेणी:शताब्दी.

नई!!: कर्नाटक और तृतीय शताब्दी · और देखें »

तेलुगू भाषा

तेलुगु भाषा (तेलुगू:తెలుగు భాష) भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों की मुख्यभाषा और राजभाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार के अन्तर्गत आती है। यह भाषा आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के अलावा तमिलनाडु, कर्णाटक, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में भी बोली जाती है। तेलुगु के तीन नाम प्रचलित हैं -- "तेलुगु", "तेनुगु" और "आंध्र"। .

नई!!: कर्नाटक और तेलुगू भाषा · और देखें »

थोमस बैबिंगटन मैकाले

थॉमस मैकाले लॉर्ड टॉमस बैबिंग्टन मैकॉले (Thomas Babington Macaulay; सटीक उच्चारण: थौमस् बैबिंग्टन् मैकाॅलेऽ) (२५ अक्टूबर १८०० - २८ दिसम्बर १८५९) ब्रिटेन का राजनीतिज्ञ, कवि, इतिहासकार था। निबन्धकार और समीक्षक के रूप मे उसने ब्रिटिश इतिहास पर जमकर लिखा। सन् १८३४ से १८३८ तक वह भारत की सुप्रीम काउंसिल में लॉ मेंबर तथा लॉ कमिशन का प्रधान रहा। प्रसिद्ध दंडविधान ग्रंथ "दी इंडियन पीनल कोड" की पांडुलिपि इसी ने तैयार की थी। अंग्रेजी को भारत की सरकारी भाषा तथा शिक्षा का माध्यम और यूरोपीय साहित्य, दर्शन तथा विज्ञान को भारतीय शिक्षा का लक्ष्य बनाने में इसका बड़ा हाथ था। .

नई!!: कर्नाटक और थोमस बैबिंगटन मैकाले · और देखें »

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (The Times of India, TOI के रूप में संक्षेपाक्षरित) भारत में प्रकाशित एक अंग्रेज़ी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रबन्धन और स्वामित्व बेनेट कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया जाता है। दुनिया में सभी अंग्रेजी भाषा के व्यापक पत्रों में इस अखबार की प्रसार संख्या सर्वाधिक है। 2005 में, अखबार ने रिपोर्ट दी कि (24 लाख से अधिक प्रसार के साथ) इसे ऑडिट बुरो ऑफ़ सर्क्युलेशन के द्वारा दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी भाषा के सामान्य समाचार पत्र के रूप में प्रमाणित किया गया है। इसके वावजूद भारत के भाषायी समाचार पत्रों (विशेषत: हिन्दी के अखबारों) की तुलना में इसका प्रसार बहुत कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया को मीडिया समूह बेनेट, कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित किया जाता है, इसे टाइम्स समूह के रूप में जाना जाता है, यह समूह इकॉनॉमिक टाइम्स, मुंबई मिरर, नवभारत टाइम्स (एक हिंदी भाषा का दैनिक), दी महाराष्ट्र टाइम्स (एक मराठी भाषा का दैनिक) का भी प्रकाशन करता है। .

नई!!: कर्नाटक और द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया · और देखें »

द हिन्दू

द हिन्दू (द हिन्दू) भारत में प्रकाशित होने वाला एक दैनिक अंग्रेज़ी समाचार पत्र है। इसका मुख्यालय चेन्नई में है और इसका साप्ताहिक पत्रिका के रूप में प्रकाशन वर्ष 1878 में आरम्भ हुआ। यह दैनिक के रूप में वर्ष 1889 में आरम्भ हुआ। यह भारत के शीर्ष दैनिक अंग्रेज़ी समाचार पत्रों में से एक है। भारतीय पाठक सर्वेक्षण के 2014 के अनुसार यह भारत में पढ़े जाने वाले अंग्रेज़ी समाचार पत्रों में तीसरे स्थान पर है। पहले दो स्थानों पर द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और हिन्दुस्तान टाइम्स पाये गये। द हिन्दू मुख्य रूप से दक्षिण भारत में पढ़ा जाता है और केरल एवं तमिलनाडु में सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अंग्रेज़ी दैनिक समाचार पत्र है। वर्ष २०१० के आँकड़ों के अनुसार इस उद्यम में 1,600 से अधिक लोगों को काम दिया गया है और इसकी वार्षिक आय $200 मिलियन से अधिक है। इसकी आय के मुख्य स्रोतों में अंशदान और विज्ञापन प्रमुख हैं। वर्ष 1995 में अपना ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध करवाने वाला, द हिन्दू प्रथम भारतीय समाचार पत्र है। नवम्बर 2015 के अनुसार, यह भारत के नौ राज्यों में 18 स्थानों से प्रकाशित होता है: बंगलौर, चेन्नई, हैदराबाद, तिरुवनन्तपुरम, विजयवाड़ा, कोलकाता, मुम्बई, कोयंबतूर, मदुरै, नोएडा, विशाखपट्नम, कोच्चि, मैंगलूर, तिरुचिरापल्ली, हुबली, मोहाली, लखनऊ, इलाहाबाद और मलप्पुरम। .

नई!!: कर्नाटक और द हिन्दू · और देखें »

द इंडियन एक्सप्रेस

द इंडियन एक्सप्रेस की एक प्रति दि इंडियन एक्सप्रेस (The Indian Express) भारत में प्रकाशित होने वाला एक अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र है। .

नई!!: कर्नाटक और द इंडियन एक्सप्रेस · और देखें »

दावणगेरे जिला

दावणगेरे भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय दावणगेरे है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - ०८१९२ जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और दावणगेरे जिला · और देखें »

दक्षिण पश्चिम रेलवे

दक्षिण पश्चिम रेलवे भारतीय रेल की एक इकाई है। इसे लघुरूप में दपरे कहा जाता है। इसकी स्थापना 1 अप्रैल 2003 में हुई थी। इसका मुख्यालय हुबली में स्थित है। .

नई!!: कर्नाटक और दक्षिण पश्चिम रेलवे · और देखें »

दक्षिण भारत

भारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं। अपनी संस्कृति, इतिहास तथा प्रजातीय मूल की भिन्नता के कारण यह शेष भारत से अलग पहचान बना चुका है। हलांकि इतना भिन्न होकर भी यह भारत की विविधता का एक अंगमात्र है। दक्षिण भारतीय लोग मुख्यतः द्रविड़ भाषा जैसे तेलुगू,तमिल, कन्नड़ और मलयालम बोलते हैं और मुख्यतः द्रविड़ मूल के हैं। .

नई!!: कर्नाटक और दक्षिण भारत · और देखें »

दक्षिण कन्नड़ जिला

दक्षिण कन्नड का स्थान कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ (तुलु,कन्नड:ದಕ್ಷಿಣ ಕನ್ನಡ) भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय मैंगलूर है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - 1,897,730 (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और दक्षिण कन्नड़ जिला · और देखें »

दक्कन का पठार

दक्कन का पठारदक्कन का पठार जिसे विशाल प्रायद्वीपीय पठार के नाम से भी जाना जाता है, भारत का विशालतम पठार है। दक्षिण भारत का मुख्य भू भाग इस ही पठार पर स्थित है। यह पठार त्रिभुजाकार है। इसकी उत्तर की सीमा सतपुड़ा और विन्ध्याचल पर्वत शृंखला द्वारा और पूर्व और पश्चिम की सीमा क्रमशः पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट द्वारा निर्धारित होती है। यह पठार भारत के ८ राज्यो में फैला हुआ है। दक्कन शब्द संस्कृत के शब्द दक्षिण का अंग्रेजी अपभ्रंश शब्द डक्कन का हिन्दीकरण है। यह भारत भू भाग का सबसे विशाल खंड है! .

नई!!: कर्नाटक और दक्कन का पठार · और देखें »

दूरदर्शन

दूरदर्शन या टेलीविजन (या संक्षेप में, टीवी) एक ऐसी दूरसंचार प्रणाली है जिसके द्वारा चलचित्र व ध्वनि को दो स्थानों के बीच प्रसारित व प्राप्त किया जा सके। यह शब्द दूरदर्शन सेट, दूरदर्शन कार्यक्रम तथा प्रसारण के लिये भी प्रयुक्त होता है। दूरदर्शन का अंग्रेजी शब्द 'टेलिविज़न' लैटिन तथा यूनानी शब्दों से बनाया गया है जिसका अर्थ होता है दूर दृष्टि (यूनानी - टेली .

नई!!: कर्नाटक और दूरदर्शन · और देखें »

देवनहल्ली

देवनहल्ली (कन्नड़: ದೇವನಹಳ್ಳಿ) जिसे पूर्व में देवनदोड्डी, देवनपुरा, या यूसुफ़ाबाद भी कहते थे दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित क्षेत्र है। यह शहर रआजधानी बंगलुरु से बाहर पर स्थित है। यहीं नवनिर्मित बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह विमानक्षेत्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है। इसके पड़ोस में ही दो देवनहल्ली व्यापार पार्क भी निर्माणाधीन हैं जो हवाई-अड्डे से दूरी पर हैं। साथ ही एक एयरोस्पेस पार्क, विज्ञान पार्क एवं एक १००० करोड़ वित्तीय नगर (फ़ाईनेन्शियल सिटी) भी प्रक्रिया में है। एक नयी उपग्रहीय रिंग मार्ग सड़क शहर को दोड्डबल्लपुर से जोड़ेगी। इसके निकटवर्ती ही $२२ बिलियन, का ब्याल आईटी निवेश क्षेत्र निर्माणाधीन है, जो भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा क्षेत्र होगा। क्षेत्र में आगामी २ वर्षों में कुल अवसंरचना विकास अनुमानित $३० बिलियन से अधिक अपेक्षित है। क्षेत्र में महत्वपूर्ण वाणिज्यिक और आवासीय विकास के साथ, अचल संपत्ति में उच्च मांग में है देवनहल्ली दुर्ग का प्रवेशद्वार विख्यात शासक टीपू सुल्तान का जन्म देवनहल्ली में ही १७५० में हुआ था। देवनहल्ली दुर्ग का बाहरी परकोटा .

नई!!: कर्नाटक और देवनहल्ली · और देखें »

दीपावली

दीपावली या दीवाली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है।The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X – p.540 "Diwali /dɪwɑːli/ (also Divali) noun a Hindu festival with lights...". दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।Jean Mead, How and why Do Hindus Celebrate Divali?, ISBN 978-0-237-534-127 भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का त्योहार है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो माऽ सद्गमय, तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीवाली नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश है। .

नई!!: कर्नाटक और दीपावली · और देखें »

धर्मस्थल, कर्नाटक

श्रीमंजुनाथ स्वामी मंदिर धर्मस्थल (ಧರ್ಮಸ್ಥಳ) कर्नाटक राज्य के बेलथंगड़ी ताल्लुके में नेत्रवती नदी के तीर पर स्थित एक मंदिर गांव है। यह दक्षिण कन्नड़ जिला में पड़ता है। Lakshadeepa http://www.ourkarnataka.com/temples/dharmasthala2.htm.

नई!!: कर्नाटक और धर्मस्थल, कर्नाटक · और देखें »

धारवाड़

धारवाड़ कर्नाटक का एक नगर है। यह धारवाड़ जिले का मुख्यालय है। १९६१ में इसे हुबली के साथ मिला दिया गया जिससे हुबली-धारवाड नामक जुड़वा नगर बने। इसका क्षेत्रफल लगभग २०० वर्ग किमी है। यह बंगलुरु से ४२५ किमी उत्तर-पश्चिम में राष्ट्रीय राजमार्ग ४ पर बंगलुरु और पुणे के बीच स्थित है। यहाँ का दुर्ग ऊँची नीची भूमि पर स्थित है। कपास, इमारती लकड़ी और अनाज का व्यापार होता है। यहाँ वस्त्र बनाने के कारखाने हैं। बीड़ी, सुगंधित पदार्थ और चूड़ियों के कुटीर उद्योग हैं। कर्नाटक कालेज एवं वन-प्रशिक्षण-महाविद्यालय नामक शिक्षा सस्थाएँ उल्लेखनीय हैं।.

नई!!: कर्नाटक और धारवाड़ · और देखें »

धारवाड़ पेड़ा

धारवाड़ पेड़ा एक कन्नड़ खाना है। श्रेणी:दक्षिण भारतीय खाना श्रेणी:कर्नाटक का खाना.

नई!!: कर्नाटक और धारवाड़ पेड़ा · और देखें »

धारवाड़ जिला

धारवाड़ जिला धारवाड़ भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय धारवाड़ है। धारवाड़ कर्नाटक में दक्षिणी पठार के पश्चिमी भाग में प्रमुख जिला है। मालप्रभा, तुंगभद्रा, बेनीहाला, वर्दा, धर्मा एवं कुमुद्वती नदियाँ इस जिले में बहती हैं। ये नदियाँ नौगम्य नहीं हैं। जिले के उत्तरी-पूर्वी किनारे पर बलुआ पत्थर, पश्चिम में लैटराइट तथा शेष भाग में नाइस और मणिभ शिस्ट हैं। यहाँ पाई जानेवाली स्फटिशिल स्वर्णमय होने के कारण प्रसिद्ध है। यहाँ कपाट (Kappat) पहाड़ियों में कुछ स्वर्ण मिलता है। कपास इस जिले की प्रमुख उपज है। इसके अतिरिक्त, धान, तिलहन, ज्वार, दाल, एवं बाजरा की भी खेती होती है। जंगलों में सागौन और बाँस मिलते हैं। हुबली तथा धारवाड़ में सूती वस्त्र के कारखाने हैं। बुनाई और धुनाई के कुटीर उद्योग धंधे हैं। रणेबेन्नूर तथा गडग में व्यापारिक मंडियाँ हैं। यह जिला दक्षिण में राज्य करनेवाले विभिन्न राजवंशों के अधीन रहा है। चालुक्य वंश के आधिपत्य के प्रमाण बहुत अधिक हैं। १४वीं शताब्दी में यह मुसलमानों के अधिकार में चला गया और इसके पश्चात् विजयनगर के नवनिर्मित हिंदू राज्य शासक के अधिकार में आ गया। १५६५ ई. में युद्ध में राजा के हारने के पश्चात् १५७३ ई. में बीजापुर के सुल्तान के अधिकार में आने से पूर्व तक यह स्वतंत्र रहा। पेशवा, हैदरअली तथा मराठों के अधिकार में रहने के बाद सन् १८१७ में पेशवा से ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार में आया। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और धारवाड़ जिला · और देखें »

नरसिंह

प्रहलाद एवं उसकी माता '''नरसिंहावतार''' को हिरण्यकश्यप के वध के समय नमन करते हुए नरसिंह नर + सिंह ("मानव-सिंह") को पुराणों में भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। जो आधे मानव एवं आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं, जिनका सिर एवं धड तो मानव का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे वे भारत में, खासकर दक्षिण भारत में वैष्णव संप्रदाय के लोगों द्वारा एक देवता के रूप में पूजे जाते हैं जो विपत्ति के समय अपने भक्तों की रक्षा के लिए प्रकट होते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और नरसिंह · और देखें »

नाग पंचमी

नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है। नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने या प्रत्यूर्जता से उनकी मृत्यु हो जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। नागपंचमी के ही दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुश्ती का आयोजन होता है जिसमें आसपास के पहलवान भाग लेते हैं। गाय, बैल आदि पशुओं को इस दिन नदी, तालाब में ले जाकर नहलाया जाता है। इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है।- .

नई!!: कर्नाटक और नाग पंचमी · और देखें »

नागरहोल अभयारण्य

कर्नाटक में स्थित नागरहोल अपने वन्य जीव अभयारण्य के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह उन कुछ जगहों में से एक है जहां एशियाई हाथी पाए जाते हैं। हाथियों के बड़े-बड़े झुंड यहां देखे जा सकते हैं। मानसून से पहले की बारिश में यहां बड़ी संख्या में रंगबिरंगे पक्षी दिखाई देते हैं। उस समय पूरा वातावरण उनकी चहचहाट से गूंज उठता है। पशुप्रेमियों के लिए यहां देखने और जानने के लिए बहुत कुछ है। एक जमाने में यह जगह मैसूर के राजाओं के शिकार का स्‍थल था। लेकिन बाद में इसे अभयारण्य बना दिया गया। अब यह राजीव गांधी अभयारण्य के नाम से जाना जाता है। यह पार्क दक्कन के पठार का हिस्सा है। जंगल के बीच में नागरहोल नदी बहती है, जो कबीनी नदी में मिल जाती है। कबीनी नदी पर बने बांध के कारण पार्क के दक्षिण में एक झील बन गई है जो इस उद्यान को बांदीपुर टाइगर रिजर्व से अलग करती है। .

नई!!: कर्नाटक और नागरहोल अभयारण्य · और देखें »

नंद वंश

३२३ ईसा पूर्व में धनानन्द के शासनकाल में नन्दवंश का साम्राज्य अपनी चरम अवस्था में था नंदवंश प्राचीन भारत का एक नाई राजवंश था जिसने पाँचवीं-चौथी शताब्दी ईसा पूर्व उत्तरी भारत के विशाल भाग पर शासन किया। .

नई!!: कर्नाटक और नंद वंश · और देखें »

नंदी हिल

नंदी दुर्ग (अंग्रेज़ी:नंदी हिल्स) कर्नाटक राज्य के चिकबलपुर जिला में चिकबलपुर शहर से मात्र १० कि.मी और बंगलुरू से लगभग ४५ कि॰मी॰ पर स्थित पहाड़ी कर्बा है। यह समुद्रतल से लगभग १४५० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बंगलुरू से हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ७ (NH-7) पर लगभग ४० किलोमीटर चलने के बाद यहाँ के लिए रास्ता अलग होता है। यहाँ जाने के लिए सरकारी बसें भी उपलब्ध हैं। यह अपेक्षाकृत कम विकसित पर्यटन स्थल है इसलिए ऊपर खाने पीने के लिए कम विकल्प हैं। कम विकसित होने के कारण यहां प्रायः भीड़ नहीं होती है। यह टीपू सुल्तान का ग्रीष्मावकाश निवास स्थल था और आस पास कुछ पुरानी इमारतें तथा वाटिकाएं हैं। इसे नंदी दुर्ग भी कहते हैं। इसके निकटवर्ती कस्बे हैं मुद्देनहल्ली और कनिवेनारायणपुरम। इस क्षेत्र में ५० वर्ग कि.मी भाग, आने वाले २२ बिलियन के ब्याल आईटी निवेश क्षेत्र की स्थली है। ये कर्नाटक की मूल संरचना इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है। इसी पहाड़ी से अर्कवती, पेन्नार, पोन्नैयार और पलार नदियां निकलती हैं।http://horticulture.kar.nic.in/nandi.htm File:Source of Palar.jpg|Source of Palar at Nandi Hills File:Source of Arkavathy River.jpg|Source of Arkavathy River .

नई!!: कर्नाटक और नंदी हिल · और देखें »

पत्तदकल

पत्तदकल (कन्नड़ - ಪಟ್ಟದಕಲ್ಲು) भारत के कर्नाटक राज्य में एक कस्बा है, जो भारतीय स्थापत्यकला की वेसर शैली के आरम्भिक प्रयोगों वाले स्मारक समूह के लिये प्रसिद्ध है। ये मंदिर आठवीं शताब्दी में बनवाये गये थे। यहाँ द्रविड़ (दक्षिण भारतीय) तथा नागर (उत्तर भारतीय या आर्य) दोनों ही शैलियों के मंदिर हैं। पत्तदकल दक्षिण भारत के चालुक्य वंश की राजधानी बादामी से २२ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित हैं। चालुक्य वंश के राजाओं ने सातवीं और आठवीं शताब्दी में यहाँ कई मंदिर बनवाए। एहोल को स्थापत्यकला का विद्यालय माना जाता है, बादामी को महाविद्यालय तो पत्तदकल को विश्वविद्यालय कहा जाता है। पत्तदकल शहर उत्तरी कर्नाटक राज्य में बागलकोट जिले में मलयप्रभा नदी के तट पर बसा हुआ है। यह बादामी शहर से २२ कि.मि.

नई!!: कर्नाटक और पत्तदकल · और देखें »

पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

नई!!: कर्नाटक और पद्म भूषण · और देखें »

पद्म विभूषण

पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। भारत रत्‍न के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है। पद्म विभूषण के बाद तीसरा नागरिक सम्मान पद्म भूषण है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं। श्रेणी:सम्मान श्रेणी:पद्म विभूषण.

नई!!: कर्नाटक और पद्म विभूषण · और देखें »

पर्यटन भूगोल

वास्को डि गामा कालीकट, भारत के तट पर 20 मई 1498। पर्यटन भूगोल या भू-पर्यटन, मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इस शाखा में पर्यटन एवं यात्राओं से सम्बन्धित तत्वों का अध्ययन, भौगोलिक पहलुओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। नेशनल जियोग्रेफ़िक की एक परिभाषा के अनुसार किसी स्थान और उसके निवासियों की संस्कृति, सुरुचि, परंपरा, जलवायु, पर्यावरण और विकास के स्वरूप का विस्तृत ज्ञान प्राप्त करने और उसके विकास में सहयोग करने वाले पर्यटन को "पर्यटन भूगोल" कहा जाता है। भू पर्यटन के अनेक लाभ हैं। किसी स्थल का साक्षात्कार होने के कारण तथा उससे संबंधित जानकारी अनुभव द्वारा प्राप्त होने के कारण पर्यटक और निवासी दोनों का अनेक प्रकार से विकास होता हैं। पर्यटन स्थल पर अनेक प्रकार के सामाजिक तथा व्यापारिक समूह मिलकर काम करते हैं जिससे पर्यटक और निवासी दोनों के अनुभव अधिक प्रामाणिक और महत्त्वपूर्ण बन जाते है। भू पर्यटन परस्पर एक दूसरे को सूचना, ज्ञान, संस्कार और परंपराओं के आदान-प्रदान में सहायक होता है, इससे दोनों को ही व्यापार और आर्थिक विकास के अवसर मिलते हैं, स्थानीय वस्तुओं कलाओं और उत्पाद को नए बाज़ार मिलते हैं और मानवता के विकास की दिशाएँ खुलती हैं साथ ही बच्चों और परिजनों के लिए सच्ची कहानियाँ, चित्र और फिल्में भी मिलती हैं जो पर्यटक अपनी यात्रा के दौरान बनाते हैं। पर्यटन भूगोल के विकास या क्षय में पर्यटन स्थल के राजनैतिक, सामाजिक और प्राकृतिक कारणों का बहुत महत्त्व होता है और इसके विषय में जानकारी के मानचित्र आदि कुछ उपकरणों की आवश्यकता होती है। .

नई!!: कर्नाटक और पर्यटन भूगोल · और देखें »

पश्चिम रेलवे (भारत)

पश्चिम रेलवे भारतीय रेल की एक इकाई है। इसे लघुरूप में परे कहा जाता है। इसकी स्थापना 5 नवम्बर 1951 में हुई थी। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। .

नई!!: कर्नाटक और पश्चिम रेलवे (भारत) · और देखें »

पश्चिम गंग वंश

पश्चिम गंग वंश (३५०-१००० ई.) (ಪಶ್ಚಿಮ ಗಂಗ ಸಂಸ್ಥಾನ) प्राचीन कर्नाटक का एक राजवंश था। ये पूर्वी गंग वंश से अलग थे। पूर्वी गंग जिन्होंने बाद के वर्षों में ओडिशा पर राज्य किया। आम धारण के अनुसार पश्चिम गंग वंश ने शसन तब संभाला जब पल्लव वंश के पतन उपरांत बहुत से स्वतंत्र शासक उठ खड़े हुए थे। इसका एक कारण समुद्रगुप्त से युद्ध भी रहे थे। इस वंश ने ३५० ई से ५५० ई तक सार्वभौम राज किया था। इनकी राजधानी पहले कोलार रही जो समय के साथ बदल कर आधुनिक युग के मैसूर जिला में कावेरी नदी के तट पर तालकाड स्थानांतरित हो गयी थी। .

नई!!: कर्नाटक और पश्चिम गंग वंश · और देखें »

पश्चिमी घाट

भारत की प्रमुख पर्वत-शृंखलाएँ; इसमें पश्चिमी तट के लगभग समान्तर जो पर्वत-श्रेणी है, वही ''''पश्चिमी घाट'''' कहलाती है। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत शृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय शृंखला उत्‍तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्‍बी है। विश्‍व में जैविकीय विवधता के लिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण है और इस दृष्टि से विश्‍व में इसका 8वां स्थान है। यह गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू होती है और महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से होते हुए कन्याकुमारी में समाप्‍त हो जाती है। वर्ष 2012 में यूनेस्को ने पश्चिमी घाट क्षेत्र के 39 स्‍थानों को विश्व धरोहर स्‍थल घोषित किया है।" पश्चिमी घाट का संस्कृत नाम सह्याद्रि पर्वत है। यह पर्वतश्रेणी महाराष्ट्र में कुंदाइबारी दर्रे से आरंभ होकर, तट के समांतर, सागरतट से ३० किमी से लेकर १०० किमी के अंतर से लगभग ४,००० फुट तक ऊँची दक्षिण की ओर जाती है। यह श्रेणी कोंकण के निम्न प्रदेश एवं लगभग २,००० फुट ऊँचे दकन के पठार को एक दूसरे से विभक्त करती है। इसपर कई इतिहासप्रसिद्ध किले बने हैं। कुंदाईबारी दर्रा भरुच तथा दकन पठार के बीच व्यापार का मुख्य मार्ग है। इससे कई बड़ी बड़ी नदियाँ निकलकर पूर्व की ओर बहती हैं। इसमें थाल घाट, भोर घाट, पाल घाट तीन प्रसिद्ध दर्रे हैं। थाल घाट से होकर बंबई-आगरा-मार्ग जाता है। कलसूबाई चोटी सबसे ऊँची (५,४२७ फुट) चोटी है। भोर घाट से बंबई-पूना मार्ग गुजरता है। इन दर्रो के अलावा जरसोपा, कोल्लुर, होसंगादी, आगुंबी, बूँध, मंजराबाद एवं विसाली आदि दर्रे हैं। अंत में दक्षिण में जाकर यह श्रेणी पूर्वी घाट पहाड़ से नीलगिरि के पठार के रूप में मिल जाती है। इसी पठार पर पहाड़ी सैरगाह ओत्तकमंदु स्थित है, जो सागरतल से ७,००० फुट की ऊँचाई पर बसा है। नीलगिरि पठार के दक्षिण में प्रसिद्ध दर्रा पालघाट है। यह दर्रा २५ किमी चौड़ा तथा सगरतल से १,००० फुट ऊँचा है। केरल-मद्रास का संबंध इसी दर्रे से है। इस दर्रे के दक्षिण में यह श्रेणी पुन: ऊँची हाकर अन्नाईमलाई पहाड़ी के रूप में चलती है। पाल घाट के दक्षिण में श्रेणी की पूर्वी पश्चिमी दोनों ढालें खड़ी हैं। पश्चिमी घाट में सुंदर सुंदर दृश्य देखने को मिलती हैं। जंगलों में शिकार भी खेला जाता है। प्राचीन समय से यातायात की बाधा के कारण इस श्रेणी के पूर्व एवं पश्चिम के भागों के लोगों की बोली, रहन सहन आदि में बड़ा अंतर है। यहाँ कई जंगली जातियाँ भी रहती हैं। पश्चिमी घाट का उपग्रह से लिया गया चित्र .

नई!!: कर्नाटक और पश्चिमी घाट · और देखें »

पाषाण युग

पाषाण युग इतिहास का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों (संस्कृत - पाषाणः) पर अत्यधिक आश्रित था। उदाहरणार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से आग पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ (२५ लाख साल पूर्व) से लेकर काँस्य युग तक फैला हुआ है। भीमबेटका स्थित पाषाण कालीन शैल चित्र .

नई!!: कर्नाटक और पाषाण युग · और देखें »

पंद्रहवीं लोकसभा का मंत्रिमंडल

२२ और २८ मई २००९ को शपथ ग्रहण की। भारत की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रियों ने २२ और २८ मई २००९ को शपथ ग्रहण की। इस प्रकार प्रधान मंत्री के मंत्रीमंडल में कुल ५९ मंत्रियों को शामिल किया गया है। इनकी सूची इस प्रकार से है:- .

नई!!: कर्नाटक और पंद्रहवीं लोकसभा का मंत्रिमंडल · और देखें »

पंकज आडवाणी

पंकज आडवाणी (सिंधी:पंकज आडवाणी, پنڪج آڏواڻي,कन्नड़:ಪಂಕಜ್ ಅಡ್ವಾಣಿ) (जन्म २४ जुलाई १९८५, पुणे) स्नूकर और बिलियर्ड्स के विश्व विजेता हैं। पंकज ने पहला पेशेवर बिलियर्ड्स विश्व खिताब २००९ में जीता। इससे पहले वह एमेच्योर विश्व बिलियर्ड्स और स्नूकर चैंपियनशिप जीत चुके थे। पंकज ने 2006 में दोहा में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। .

नई!!: कर्नाटक और पंकज आडवाणी · और देखें »

पुरन्दर दास

पुरन्दर दास (ಪುರಂದರದಾಸರು, 1484-1564) कर्णाटक संगीत के महान संगीतकार थे। इन्हें कर्णाटक संगीत जगत के 'पितामह' मानते हैं। इनके कई कृतियां समकालीन तेलुगु गेयकार अन्नमचार्य से प्रेरित थे। .

नई!!: कर्नाटक और पुरन्दर दास · और देखें »

पुर्तगाल

पुर्तगाली गणराज्य यूरोप खंड में स्थित देश है। यह देश स्पेन के साथ आइबेरियन प्रायद्वीप बनाता है। इस राष्ट्र का भाषा पुर्तगाली भाषा है। इस राष्ट्र का राजधानी लिस्बन है। पुर्तगाली नाविक वास्को द गामा ने 1498 AD में भारत के समुद्री मार्ग की खोज की थी। .

नई!!: कर्नाटक और पुर्तगाल · और देखें »

प्रकाश पादुकोण

प्रकाश पडुकोण एक प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे। इनका जन्म १० जून, १९५५ को हुआ था और वे कर्नाटक के रहने वाले थे। भारत में बैडमिंटन के कई महान एकल खिलाड़ी हुए हैं, लेकिन भारतीय बैडमिंटन के बारे में दुनिया के दृष्टिकोण पर सबसे गहरा असर पादुकोण ने डाला। इन्होंने ही सबसे पहले यह दिखाया था कि चीनियों का मुकाबला कैसे किया जा सकता है। नियंत्रण और सटिकता का इस्तेमाल करते हुए वे खेल को धीमा करके अपनी गति पर ले आते थे और उनकी चतुराई उन्हें डगमगा देती थी। १९८१ में कुआलालंपुर में विश्व कप फाइनल में हान जियान को १५-० से ध्वस्त कर दिए थे। ये लगातार नौ साल 1971 से 1979 तक वरिष्ठ राष्ट्रीय चैंपियन रहे | प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण इन्हीं की बेटी है। .

नई!!: कर्नाटक और प्रकाश पादुकोण · और देखें »

फ़ारसी साहित्य

फारसी भाषा और साहित्य अपनी मधुरता के लिए प्रसिद्ध है। फारसी ईरान देश की भाषा है, परंतु उसका नाम फारसी इस कारण पड़ा कि फारस, जो वस्तुत: ईरान के एक प्रांत का नाम है, के निवासियों ने सबसे पहले राजनीतिक उन्नति की। इस कारण लोग सबसे पहले इसी प्रांत के निवासियों के संपर्क में आए अत: उन्होंने सारे देश का नाम 'पर्सिस' रख दिया, जिससे आजकल यूरोपीय भाषाओं में ईरान का नाम पर्शिया, पेर्स, प्रेज़ियन आदि पड़ गया। .

नई!!: कर्नाटक और फ़ारसी साहित्य · और देखें »

फ्रांसिस ज़ेवियर

फ्रांसिस ज़ेवियर का जन्म 7 अप्रैल, 1506 ई. को स्पेन में हुआ था। पुर्तगाल के राजा जॉन तृतीय तथा पोप की सहायता से वे जेसुइट मिशनरी बनाकर 7 अप्रैल 1541 ई को भारत भेजे गए और 6 मार्च 1542 ई. को गोवा पहुँचे जो पुर्तगाल के राजा के अधिकार में था। गोवा में मिशनरी कार्य करने के बाद वे मद्रास तथा त्रावणकोर गए। यहाँ मिशनरी कार्य करने के उपरांत वे 1545 ई. में मलाया प्रायद्वीप में ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए रवना हो गए। उन्होंने तीन वर्ष तक धर्म प्रचारक (मिशनरी) कार्य किया। मलाया प्रायद्वीप में एक जापानी युवक से जिसका नाम हंजीरो था, उनकी मुलाकात हुई। सेंट जेवियर के उपदेश से यह युवक प्रभावित हुआ। 1549 ई. में सेंट ज़ेवियर इस युवक के साथ पहुँचे। जापानी भाषा न जानते हुए भी उन्होंने हंजीरों की सहायता से ढाई वर्ष तक प्रचार किया और बहुतों की खिष्टीय धर्म का अनुयायी बनाया। जापान से वे 1552 ई. में गोवा लौटे और कुछ समय के उपरांत चीन पहुँचे। वहाँ दक्षिणी पूर्वी भाग के एक द्वीप में जो मकाओ के समीप है बुखार के कारण उनकी मृत्यु हो गई। मिशनरी समाज उनको काफी महत्व का स्थान देता और उन्हें आदर तथा सम्मान का पात्र समझता, है क्योंकि वे भक्तिभावपूर्ण और धार्मिक प्रवृत्ति के मनुष्य थे। वे सच्चे मिशनरी थे। संत जेवियर ने केवल दस वर्ष के अल्प मिशनरी समय में 52 भिन्न भिन्न राज्यों में यीशु मसीह का प्रचार किया। कहा जाता है, उन्होंने नौ हजार मील के क्षेत्र में घूम घूमकर प्रचार किया और लाखों लोगों को यीशु मसीह का शिष्य बनाया। श्रेणी:१५०६ जन्म श्रेणी:१५५२ मृत्यु श्रेणी:स्पेनिश संत श्रेणी:स्पेनिश रोमन कैथोलिक संत श्रेणी:चीन में कैथोलिक संत श्रेणी:जापान में कैथोलिक संत श्रेणी:१५वीं शताब्दी के कैथोलिक संत श्रेणी:१६वींण शताभ्दी के कैथोलिक लोग श्रेणी:एंग्लिकन संत.

नई!!: कर्नाटक और फ्रांसिस ज़ेवियर · और देखें »

फॉरेन्हाइट

फॉरेन्हाइट, तापमान मापने का एक पैमाना है। इस पैमाने के अनुसार पानी, सामान्य दबाव पर 32 डिग्री फॉरेन्हाइट पर जमता है और 212 डिग्री फॉरेन्हाइट पर उबलता है। फारेनहाइट पैमाना ही पहले पहल प्रचलन में आने वाला ताप का पैमाना (स्केल) था। परम्परागत ज्वर मापने के लिये प्रयुक्त थर्मामीटर में इसी पैमाने का प्रयोग होता है। यदि किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान 98 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो जाता है तो वह ज्वर पीड़ित होता है। कमरे का ताप दर्शाने वाले 'थर्मामीटर, जिसमें अन्दर का पैमाना डिग्री सेल्सियस में अंकित है और बाहरी पैमाना डिग्री फारेनहाइट में सेल्सियस और फॉरेनहाइट तापमान का आपस में सम्बन्ध श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:इम्पीरियल इकाईयाँ.

नई!!: कर्नाटक और फॉरेन्हाइट · और देखें »

बनवासी

बनवासी (ಬನವಾಸಿ) कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ जिला में एक मंदिरों वाला कस्बा है। इसकी सीमा शिवमोगा जिला से लगती है। .

नई!!: कर्नाटक और बनवासी · और देखें »

बन्नेरुघट्टा जैव उद्यान

बंगलुरु स्थित बानेरघाट राष्ट्रीय उद्यान जंगली बिल्लियों, भारतीय तेंदुओं, बाघ, चीतों और हाथियों को नैसर्गिक रूप से साक्षात देखने के लिए बेंगलोर से २० किलो मीटर दक्षिण में बानेरघाट राष्ट्रीय उद्यान बहुत सुंदर स्थल है। जू-सफारी में ड्राइव करते हुए पिंजरों में बंद जानवरों को देखा जा सकता हैं। इस पार्क में एक साँप और मगरमच्छों का फार्म भी है। बन्नेरघटता बायोलॉजिकल पार्क 2002 में बन्नेरघटता नेशनल पार्क के एक हिस्से से बनाया गया था। यह 20km दक्षिण बंगलौर, कर्नाटक, भारत में स्थित है। बंगलौर से पार्क करने के लिए यात्रा के बारे में एक और एक आधे घंटे लगते हैं। यह जगह सबसे अमीर प्राकृतिक प्राणि भंडार में से एक घर है। 25,000 एकड़ (104.27 वर्ग किमी) प्राणी उद्यान इस बंगलौर में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बना देता है। प्राणी रिजर्व। बन्नेरघटता राष्ट्रीय उद्यान में वन्य जीवों और तेजी से बढ़ते शहर बैंगलोर की शहरी आबादी के लिए मनोरंजन की सुविधाएं बनाने के लिए विशेष गहनता के साथ वन्य जीवन पर्यटन को बढ़ावा देने के संरक्षण के लिए अगस्त 1971 में कल्पना की थी और शुरू किया गया था। .

नई!!: कर्नाटक और बन्नेरुघट्टा जैव उद्यान · और देखें »

बयालुसीमा

बयालुसीमा(कन्नड़ ಬಯಲುಸೀಮೆ) दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के मालनाड क्षेत्र के पूर्वी ओर के क्षेत्र को कहा जाता है। यह फैला हुआ खुला मैदानी क्षेत्र है जिसमें कुछ टीले मिल जाते हैं। इसमें धारवाड़, बेलगाम, गडग, हवेरी, बीजापुर, बागलकोट, गुलबर्ग, रायचूर, कोप्पल, बेल्लारी, चित्र दुर्ग, देवनगिरी, तुमकुर, हस्सन और मांड्या जिले आते हैं। यह नाम संभवतः कन्नड़ भाषा से व्युत्पन्न है, जिसका अर्थ है समतल भूमि या खुली भूमि, क्योंकि यहां से पड़ोसी क्षेत्रों का निर्बाध दृश्य सुलभ होता है। इसी कारण से इसे कई बार मैदान भी कहा जाता है। बयालसीमा की स्थिति दक्खिन पठार में मालनाड क्षेत्र के पूर्वी ओर पश्चिमी घाट के पूर्वी छोर पर है। बयालुसीमा के खानपान, बोलियां और शैलियाम भिन्न स्थानों पर बदलते रहते हैं। बयालसीमा की स्थिति दक्खिन पठार में मालनाड क्षेत्र के पूर्वी ओर पश्चिमी घाट के पूर्वी छोर पर है। श्रेणी:कर्नाटक के क्षेत्र.

नई!!: कर्नाटक और बयालुसीमा · और देखें »

बसव

150px गुरु बसव अथवा गुरु बसव (ಬಸವಣ್ಣ) या बसवेश्वर (ಬಸವೇಶ್ವರ), (११३४-११९६)) एक दार्शनिक और सामाजिक सुधारक थे। उन्होने हिंदू धर्म में जाति व्यवस्था और अनुष्ठान के विरुद्ध संघर्ष किया। उन्हें विश्व गुरु और भक्ति भंडारी भी कहा जाता है। अपनी शिक्षाओं और preachings सभी सीमाओं से परे जाना और कर रहे हैं सार्वभौमिक और अनन्त है। वह एक महान मानवीय था। गुरु बसवन्नाजिसमें परमात्मा अनुभव जीवन लिंग, जाति और सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी उम्मीदवारों को समान अवसर देने का केंद्र था जीवन की एक नई तरह की वकालत की। अपने आंदोलन के पीछे आधारशिला परमेश्वर के एक सार्वभौमिक अवधारणा में दृढ़ विश्वास था। गुरु बसवन्नाmonotheistic निराकार भगवान की अवधारणा के एक समर्थक है।M. R. Sakhare, History and Philosophy of the Lingayat Religion, Prasaranga, Karnataka University, Dharwad एक सच्चे दूरदर्शी अपने समय से आगे विचारों के साथ, वह एक है कि विकास के चरम पर एक और सब को समृद्ध समाज के अनुरूप। एक महान रहस्यवादी जा रहा है, के अलावा गुरु बसवन्नाप्रधानमंत्री ने दक्षिणी Kalachuri साम्राज्य दक्षिण भारत में गया था और एक साहित्यिक क्रांति Vachana साहित्य शुरू करने से उत्पन्न। गुरु बसवन्नास्वभाव, विकल्प, पेशे से एक राजनेता, स्वाद, सहानुभूति द्वारा एक मानवतावादी और सजा से एक सामाजिक सुधारक द्वारा पत्र की एक आदमी एक आदर्शवादी द्वारा एक फकीर किया गया है करने के लिए कहा जाता है। कई महान योगियों और समय के रहस्यवादी यह कि भगवान है और जीवन में देखने का एक नया तरीका को परिभाषित Vachanas (Lit.

नई!!: कर्नाटक और बसव · और देखें »

बसव जयंती

बसव जयंती वीरशैव लिंगायत हिंदू धर्म का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण त्यौहार है। यह पूरे भारत में हर्षोल्लास सहित मनाया जाता है। इसमें लिंगायत मत के प्रसारक बसव की जयंती मनायी जाती है। श्रेणी:कर्नाटक की संस्कृति श्रेणी:लिंगायत मत.

नई!!: कर्नाटक और बसव जयंती · और देखें »

बसवन्ना बागेवाड़ी

बसवन्ना बागेवाड़ी भारत के राज्य कर्नाटक में स्थित एक लिंगायत मत क्ला महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह बसवन्ना की जन्मस्थली है। यह बीजापुर जिले में स्थित है। .

नई!!: कर्नाटक और बसवन्ना बागेवाड़ी · और देखें »

बसवराज राजगुरु

बसवराज राजगुरु को भारत सरकार द्वारा सन १९९१ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये कर्नाटक से हैं। श्रेणी:१९९१ पद्म भूषण श्रेणी:कर्नाटक के लोग.

नई!!: कर्नाटक और बसवराज राजगुरु · और देखें »

बहमनी सल्तनत

सन् 1470 का बहमनी सल्तनत बहमनी सल्तनत (1317-1518) दक्कन का एक इस्लामी राज्य था। इसकी स्थापना ३ अगस्त १३४७ को एक तुर्क-अफ़गान सूबेदार अलाउद्दीन बहमन शाह ने की थी। इसका प्रतिद्वंदी हिन्दू विजयनगर साम्राज्य था। १५१८ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप - गोलकोण्डा, बीजापुर, बीदर, बीरार और अहमदनगर के राज्यों का उदय हुआ। इन पाँचों को सम्मिलित रूप से दक्कन सल्तनत कहा जाता था। श्रेणी:बहमनी सल्तनत श्रेणी:भारत की सल्तनत.

नई!!: कर्नाटक और बहमनी सल्तनत · और देखें »

बादामी

बादामी शब्द के कई अर्थ हैं.

नई!!: कर्नाटक और बादामी · और देखें »

बागलकोट जिला

बागलकोट भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और बागलकोट जिला · और देखें »

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान (कन्नड़ भाषा:ಬಂಡೀಪುರ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಉದ್ಯಾನ) दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह प्रोजेक्ट टाइगर के तहत सन् १९७३ में एक टाइगर रिज़र्व के रूप में स्थापित किया गया था। एक समय यह मैसूर राज्य के महाराजा की निजी आरक्षित शिकारगाह थी। बांदीपुर अपने वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ कई प्रकार के बायोम हैं, लेकिन इनमें शुष्क पर्णपाती वन प्रमुख है। उद्यान ८७४ वर्ग किलोमीटर (३३७ वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है और भारत के लुप्तप्राय वन्य जीवन की कई प्रजातियों का संरक्षण स्थल है। आसपास के नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (६४३ वर्ग किलोमीटर (२४८ वर्ग मील)), मुदुमलाइ राष्ट्रीय उद्यान (320 वर्ग किलोमीटर (120 वर्ग मील)) और वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (344 वर्ग किलोमीटर (133 वर्ग मील)) के साथ कुल मिलाकर 2183 वर्ग किलोमीटर (843 वर्ग मील) का यह नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है जिससे यह दक्षिण भारत का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र बन जाता है। बांदीपुर चामराजनगर जिले के गुण्द्लुपेट तालुके में स्थित है। यह मैसूर शहर से ८० किलोमीटर (५० मील) की दूरी पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल ऊटी जाने के मार्ग पर स्थित है। इसकी वजह से बहुत से पर्यटन यातायात बांदीपुर से होकर गुज़रते हैं और वर्ष इन वाहनों से हुई टक्कर के कारण कई वन्य प्राणियों की मृत्यु हो जाती है। इन हादसों को कम करने की दृश्टि से सरकार ने गोधुलि वेला से भोर तक बांदीपुर से गुज़रने वाले यातायात पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। .

नई!!: कर्नाटक और बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान · और देखें »

बिसिबेले भात

बिसिबेले भात एक अवधी व्यंजन है। इसका मुख्य घटक बासमती चावल है। श्रेणी:उत्तर भारत का खाना श्रेणी:चावल के व्यंजन.

नई!!: कर्नाटक और बिसिबेले भात · और देखें »

बिजापुर जिला

बिजापुर या बीजापुर भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और बिजापुर जिला · और देखें »

बंगलौर

कर्नाटक का उच्च न्यायालय बंगलौर (अन्य वर्तनी: बेंगलुरु) (कन्नड़: ಬೆಂಗಳೂರು; उच्चारण) भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी है। बेंगलुरु शहर की जनसंख्या ८४ लाख है और इसके महानगरीय क्षेत्र की जनसंख्या ८९ लाख है, और यह भारत गणराज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर और पांचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। दक्षिण भारत में दक्कन के पठारीय क्षेत्र में ९०० मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित यह नगर अपने साल भर के सुहाने मौसम के लिए जाना जाता है। भारत के मुख्य शहरों में इसकी ऊंचाई सबसे ज़्यादा है। वर्ष २००६ में बेंगलूर के स्थानीय निकाय बृहत् बेंगलूर महानगर पालिकबी बी एम पी) ने एक प्रस्ताव के माध्यम से शहर के नाम की अंग्रेज़ी भाषा की वर्तनी को Bangalore से Bengaluru में परिवर्तित करने का निवेदन राज्य सरकार को भेजा। राज्य और केंद्रीय सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद यह बदलाव १ नवंबर २०१४ से प्रभावी हो गया है। .

नई!!: कर्नाटक और बंगलौर · और देखें »

बंगलौर विश्वविद्यालय

बैंगलोर विश्वविद्यालय (BU) एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है, जो कर्नाटक राज्य, भारत के बैंगलोर शहर में स्थित है। यह विश्वविद्यालय भारत के पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है जिसकी स्थापना सन 1886 में हुई थी तथा यह भारत के अग्रणी बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है। विश्वविद्यालय, भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ (AIU) का एक भाग है तथा 'उत्कृष्टता के लिये संभावित' (Potential for Excellence) की प्रतिष्ठा के नजदीक है जो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशा निर्देशों के अनुसार भारत के 10 शीर्ष विश्वविद्यालयों के लिये आरक्षित है। विश्वविद्यालय, प्रतिष्ठित विदेशी तथा स्थानीय विश्वविद्यालयों, संगठनों तथा संस्थाओं के साथ एमओयू के द्वारा शोध कार्य में संलग्न है। इसके कई विभाग उत्कृष्टता के केन्द्र के रूप में UGC द्वारा चिन्हित किये गये हैं। .

नई!!: कर्नाटक और बंगलौर विश्वविद्यालय · और देखें »

बंगलोर (ग्रामीण) जिला

बंगलोर (ग्रामीण) भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। श्रेणी:कर्नाटक के जिले .

नई!!: कर्नाटक और बंगलोर (ग्रामीण) जिला · और देखें »

बंगलोर जिला

बंगलोर(कन्नड: ಬೆಂಗಳೂರು, बेन्गळूरु) भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। इसका मुख्यालय बंगलोर नगर है जो राज्य की राजधानी है तथा देश एवं दुनिया के बङे नगरों में गिना जाता है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और बंगलोर जिला · और देखें »

बुक्क राय प्रथम

संगम राजवंश में जन्मे बुक्क (ಬುಕ್ಕ; 1357-1377 ई.) विजयनगर साम्राज्य के सम्राट थे। इन्हें बुक्क राय प्रथम के नाम से भी जाना जाता है। प्रोफेसर ए. वी.

नई!!: कर्नाटक और बुक्क राय प्रथम · और देखें »

ब्याल आईटी निवेश क्षेत्र

बंगलौर ब्याल आईटीआईआर या ब्याल आई.टी निवेश क्षेत्र एक ५० कि.मी२ (१२,००० एकड़) में फैला सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र है। यह बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र से १५ कि.मी उत्तर में स्थित है। इसके लिये कर्नाटक राज्य मंत्रिमंडल से अनुमति २८ जनवरी २०१० को और केन्द्र सरकार से ५ जून २०१० को स्वीकृत हो चुकी है। यह नंदी हिल पर चिकबल्लपुर और दोड्डबल्लपुर के बीच मुदेनहल्ली/कानिवेनारायणपुर में स्थापित होगा। राज्य सरकार ने किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है और ५६-७० लाख रु.

नई!!: कर्नाटक और ब्याल आईटी निवेश क्षेत्र · और देखें »

बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

नई!!: कर्नाटक और बौद्ध धर्म · और देखें »

बेलगाँव

बेलगांव कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। बेलगाबं एक जेल का नाम हे जहां वीर_सावरकर जी को रखा गया था। श्रेणी:कर्नाटक श्रेणी:कर्नाटक के शहर.

नई!!: कर्नाटक और बेलगाँव · और देखें »

बेलगाम जिला

बेलगाम भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और बेलगाम जिला · और देखें »

बेलगाम विमानक्षेत्र

कोई विवरण नहीं।

नई!!: कर्नाटक और बेलगाम विमानक्षेत्र · और देखें »

बेल्लारी

बेल्लारी कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:कर्नाटक श्रेणी:कर्नाटक के शहर.

नई!!: कर्नाटक और बेल्लारी · और देखें »

बेल्लारी जिला

बेल्लारी भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है, जो अपनी राजनैतिक सरगर्मियों के कारण विख्यात है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और बेल्लारी जिला · और देखें »

बेल्लारी विमानक्षेत्र

बेल्लारी विमानक्षेत्र कर्नाटक स्थित हवाईअड्डा है। श्रेणी:भारत में विमानक्षेत्र.

नई!!: कर्नाटक और बेल्लारी विमानक्षेत्र · और देखें »

बेलूर

बेलूर (ಬೇಲೂರು, या बेलुरु) कर्नाटक राज्य के हसन जिलाहसन जिले का एक कस्बा है। बेलूर को मुख्यतः मन्दिर और शिल्प कला का दर्शन कराने वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। हैलेबिडु के साथ जुड़वा नगर कही जाने वाली यह जगह तीन शताब्दियों तक (११वीं शताब्दी के मध्य से १४वीं शताब्दी के मध्य तक) होयसल वंश का गढ़ था। बेलूर-हेलिबिड की स्थापना जन अनुयायी नृपा कामा ने की थी। लेकिन इसे वास्तविक प्रसिद्धि होयसला वंश के शासन काल में बने मंदिरों के लिए मिली। होयसला शासक कला और शिल्प के संरक्षक थे। बेलूर और हेलिबिड में इन्होंने भव्य मंदिरों का निर्माण कराया जो आज भी उसी शान से खड़े हैं। .

नई!!: कर्नाटक और बेलूर · और देखें »

बीदर

बीदर दुर्ग के प्रवेशद्वार के पास बीदर कर्नाटक प्रान्त का एक शहर एवं जिला है। इसके उत्तर में नांदेड़ तथा उस्मानाबाद, पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिय में उस्मानाबाद, दक्षिण में गुलबर्गा तथा पूर्व में मेदक जिले स्थित हैं। इसके मध्य में २,३५० फुट ऊँचा पठार है। यहाँ का जलवायु शुष्क तथा स्वास्थ्यप्रद है। वर्षा का वार्षिक औसत ३७ इंच है। कृषि में ज्वार, गेहूँ, धान, बाजरा, कपास तथा तिलहन उगाए जाते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और बीदर · और देखें »

बीदर जिला

बीदर भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बीदर है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और बीदर जिला · और देखें »

बीजापुर

बीजापुर कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। यह आदिलशाही बीजापुर सल्तनत की राजधान भी रहा है। बहमनी सल्तनत के अन्दर बीजापुर एक प्रान्त था। बंगलौर के उत्तर पश्चिम में स्थित बीजापुर कर्नाटक का प्राचीन नगर है। .

नई!!: कर्नाटक और बीजापुर · और देखें »

बीजापुर सल्तनत

The House of Bijapur: Album leaf, ca. 168 बीजापुर सल्तनत या आदिलशाही सल्तनत (1490-1686) दक्कन का एक राज्य था। यह बहमनी सल्तनत का एक प्रांत था जिसका सूबेदार युसूफ़ आदिलशाह था जिसने बीजापुर को 1490 में स्वतंत्र घोषित कर दिया। उसने इसके साथ ही आदिलशाही वंश की स्थापना भी की। 1686 में औरंगजेब ने इसको मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया। श्रेणी:दक्षिण भारत का सम्राज्य श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:भारत के सल्तनत श्रेणी:मुगलकालिन भारत en:Adil Shahi.

नई!!: कर्नाटक और बीजापुर सल्तनत · और देखें »

भरतनाट्यम्

भरतनाट्यम् नृत्य पर डाक टिकटभरतनाट्यम् या चधिर अट्टम मुख्य रूप से दक्षिण भारत की शास्त्रीय नृत्य शैली है। यह भरत मुनि के नाट्य शास्त्र (जो ४०० ईपू का है) पर आधारित है। वर्तमान समय में इस नृत्य शैली का मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अभ्यास किया जाता है। इस नृत्य शैली के प्रेरणास्त्रोत चिदंबरम के प्राचीन मंदिर की मूर्तियों से आते हैं। भरतनाट्यम् को सबसे प्राचीन नृत्य माना जाता है। इस नृत्य को तमिलनाडु में देवदासियों द्वारा विकसित व प्रसारित किया गया था। शुरू शुरू में इस नृत्य को देवदासियों के द्वारा विकसित होने के कारण उचित सम्मान नहीं मिल पाया| लेकिन बीसवी सदी के शुरू में ई. कृष्ण अय्यर और रुकीमणि देवी के प्रयासों से इस नृत्य को दुबारा स्थापित किया गया। भरत नाट्यम के दो भाग होते हैं इसे साधारणत दो अंशों में सम्पन्न किया जाता है पहला नृत्य और दुसरा अभिनय| नृत्य शरीर के अंगों से उत्पन्न होता है इसमें रस, भाव और काल्पनिक अभिव्यक्ति जरूरी है। भरतनाट्यम् में शारीरिक प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा जाता है -: समभंग, अभंग, त्रिभंग भरत नाट्यम में नृत्य क्रम इस प्रकार होता है। आलारिपु - इस अंश में कविता(सोल्लू कुट्टू) रहती है। इसी की छंद में आवृति होती है। तिश्र या मिश्र छंद तथा करताल और मृदंग के साथ यह अंश अनुष्ठित होता है, इसे इस नृत्यानुष्ठान कि भूमिका कहा जाता है। जातीस्वरम - यह अंश कला ज्ञान का परिचय देने का होता है इसमें नर्तक अपने कला ज्ञान का परिचय देते हैं। इस अंश में स्वर मालिका के साथ राग रूप प्रदर्शित होता होता है जो कि उच्च कला कि मांग करता है। शब्दम - ये तीसरे नम्बर का अंश होता है। सभी अंशों में यह अंश सबसे आकर्षक अंश होता है। शब्दम में नाट्यभावों का वर्णन किया जाता है। इसके लिए बहुविचित्र तथा लावण्यमय नृत्य पेश करेक नाट्यभावों का वर्णन किया जाता है। वर्णम - इस अंश में नृत्य कला के अलग अलग वर्णों को प्रस्तुत किया जाता है। वर्णम में भाव, ताल और राग तीनों कि प्रस्तुति होती है। भरतनाट्यम् के सभी अंशों में यह अंश भरतनाट्यम् का सबसे चुनौती पूर्ण अंश होता है। पदम - इस अंश में सात पन्क्तियुक्त वन्दना होती है। यह वन्दना संस्कृत, तेलुगु, तमिल भाषा में होती है। इसी अंश में नर्तक के अभिनय की मजबूती का पता चलता है। तिल्लाना - यह अंश भरतनाट्यम् का सबसे आखिरी अंश होता है। इस अंश में बहुविचित्र नृत्य भंगिमाओं के साथ साथ नारी के सौन्दर्य के अलग अलग लावणयों को दिखाया जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और भरतनाट्यम् · और देखें »

भारत में कन्नड़ टीवी चैनलों की सूची

यह कन्नड़ भाषा के टीवी चैनलों की सूची है: .

नई!!: कर्नाटक और भारत में कन्नड़ टीवी चैनलों की सूची · और देखें »

भारत सरकार

भारत सरकार, जो आधिकारिक तौर से संघीय सरकार व आमतौर से केन्द्रीय सरकार के नाम से जाना जाता है, 29 राज्यों तथा सात केन्द्र शासित प्रदेशों के संघीय इकाई जो संयुक्त रूप से भारतीय गणराज्य कहलाता है, की नियंत्रक प्राधिकारी है। भारतीय संविधान द्वारा स्थापित भारत सरकार नई दिल्ली, दिल्ली से कार्य करती है। भारत के नागरिकों से संबंधित बुनियादी दीवानी और फौजदारी कानून जैसे नागरिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, अपराध प्रक्रिया संहिता, आदि मुख्यतः संसद द्वारा बनाया जाता है। संघ और हरेक राज्य सरकार तीन अंगो कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका के अन्तर्गत काम करती है। संघीय और राज्य सरकारों पर लागू कानूनी प्रणाली मुख्यतः अंग्रेजी साझा और वैधानिक कानून (English Common and Statutory Law) पर आधारित है। भारत कुछ अपवादों के साथ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्याय अधिकारिता को स्वीकार करता है। स्थानीय स्तर पर पंचायती राज प्रणाली द्वारा शासन का विकेन्द्रीकरण किया गया है। भारत का संविधान भारत को एक सार्वभौमिक, समाजवादी गणराज्य की उपाधि देता है। भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली के संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है। इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। .

नई!!: कर्नाटक और भारत सरकार · और देखें »

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचइएल या भेल) भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग व विनिर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। बीएचईएल आज भारत में ऊर्जा संबंधी मूलभूत संरचना क्षेत्र में विशालतम इंजीनियरिंग एवं विनिर्माण उद्यम है। बीएचईएल की स्थापना हुए 5० वर्ष से अधिक समय बीत चुके है, जिसने भारत में देशी भारी विद्युत उपस्कर उद्योग को जन्म दिया। यह एक ऐसा सपना था, जो निष्पादन के शानदार ट्रैक रिकॉर्ड के साथ कल्पना से अधिक पूरा हुआ। कम्पनी १९७१-७२ से निरन्तर लाभ अर्जित कर रही है और १९७६-७७ से लाभांश का भुगतान कर रही है। बीएचईएल उत्तर प्रदेश के झाँसी शहर और बबीना टाउन के बीचों बीच बसा हुआ है। बीएचईएल ३० प्रमुख उत्पाद समूहों के अंतर्गत १८० से अधिक उत्पादों का विनिर्माण करता है और विद्युत उत्पादन एवं पारेषण, उद्योग, परिवहन, दूरसंचार, नवीकरण योग्य ऊर्जा आदि जैसे भारती अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों की पूर्ति करता है। बीएचईएल के १५ विनिर्माण प्रभागों, पावर सेक्टर के ४ क्षेत्रीय केन्द्रों, १५० से अधिक परियोजना साइटों, ८ सेवा केन्द्रों और १८ क्षेत्रीय कार्यालयों का व्यापक नेटवर्क कम्पनी को अपने ग्राहकों की शीघ्रता से सेवा करने और उन्हें दक्षता के साथ एवं प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर उपयुक्त उत्पाद, प्रणालियों और सेवाएं उपलब्ध कराने में समर्थ करता है। इसके उत्पादों की गुणवत्ता का उच्च स्तर और विश्वसनीयता, इसके अपने अनुसंधान और विकास केन्द्रों में विकसित प्रौद्योगिकियों के साथ विश्व की अग्रणी कम्पनियों से सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों में से कुछ को प्राप्त करके और अनुकूल बनाकर अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन, इंजीनियरिंग और विनिर्माण पर बल द्ने के कारण है। बीएचईएल ने गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (आईएसओ-९००१), पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (आईएसओ-१४००१) और व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (ओएचएसएएस १८००१) के लिए प्रमाणन प्राप्त कर चुका है तथा समग्र गुणवत्ता प्रबंधन के मार्ग पर अग्रसर है। बीएचईएल ने कैप्टिव और औद्योगिक प्रयोगकर्ताओं के लिए ९०,००० मे.वा.यूटिलिटीज से अधिक विद्युत उत्पादन के लिए उपस्कर स्थापित किए हैं।.

नई!!: कर्नाटक और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड · और देखें »

भारत इलैक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन एक सैन्य एवं नागरिक उपकरण एवं संयंत्र निर्माणी है। भारत सरकार द्वारा सन १९५४ में सैन्य क्षेत्र की विशेष चुनौतीपूर्ण आवश्यकताऐं पूरी करने हेतु रक्षा मन्त्रालय के अधीन इसकी स्थापना की गई थी। इलेक्ट्रानिक उपकरण व प्रणालियों का विकास तथा उत्पादन देश में ही करने के उद्देश्य से इसका पहला कारखाना बंगलुरू में लगाया गया था, किन्तु आज यह अपनी नौ उत्पादन इकाईयों, कई क्षेत्रीय कार्यालय तथा अनुसन्धान व विकास प्रयोगशालाओं से युक्त सार्वजनिक क्षेत्र का एक विशाल उपक्रम है, जिसे अपने व्यावसायिक प्रदर्शन के फलस्वरूप भारत सरकार से नवरत्न उद्योग का स्तर प्राप्त हुआ है। .

नई!!: कर्नाटक और भारत इलैक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड · और देखें »

भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

नई!!: कर्नाटक और भारत का प्रधानमन्त्री · और देखें »

भारत का इतिहास

भारत का इतिहास कई हजार साल पुराना माना जाता है। मेहरगढ़ पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है जहाँ नवपाषाण युग (७००० ईसा-पूर्व से २५०० ईसा-पूर्व) के बहुत से अवशेष मिले हैं। सिन्धु घाटी सभ्यता, जिसका आरंभ काल लगभग ३३०० ईसापूर्व से माना जाता है, प्राचीन मिस्र और सुमेर सभ्यता के साथ विश्व की प्राचीनतम सभ्यता में से एक हैं। इस सभ्यता की लिपि अब तक सफलता पूर्वक पढ़ी नहीं जा सकी है। सिंधु घाटी सभ्यता वर्तमान पाकिस्तान और उससे सटे भारतीय प्रदेशों में फैली थी। पुरातत्त्व प्रमाणों के आधार पर १९०० ईसापूर्व के आसपास इस सभ्यता का अक्स्मात पतन हो गया। १९वी शताब्दी के पाश्चात्य विद्वानों के प्रचलित दृष्टिकोणों के अनुसार आर्यों का एक वर्ग भारतीय उप महाद्वीप की सीमाओं पर २००० ईसा पूर्व के आसपास पहुंचा और पहले पंजाब में बस गया और यहीं ऋग्वेद की ऋचाओं की रचना की गई। आर्यों द्वारा उत्तर तथा मध्य भारत में एक विकसित सभ्यता का निर्माण किया गया, जिसे वैदिक सभ्यता भी कहते हैं। प्राचीन भारत के इतिहास में वैदिक सभ्यता सबसे प्रारंभिक सभ्यता है जिसका संबंध आर्यों के आगमन से है। इसका नामकरण आर्यों के प्रारम्भिक साहित्य वेदों के नाम पर किया गया है। आर्यों की भाषा संस्कृत थी और धर्म "वैदिक धर्म" या "सनातन धर्म" के नाम से प्रसिद्ध था, बाद में विदेशी आक्रांताओं द्वारा इस धर्म का नाम हिन्दू पड़ा। वैदिक सभ्यता सरस्वती नदी के तटीय क्षेत्र जिसमें आधुनिक भारत के पंजाब (भारत) और हरियाणा राज्य आते हैं, में विकसित हुई। आम तौर पर अधिकतर विद्वान वैदिक सभ्यता का काल २००० ईसा पूर्व से ६०० ईसा पूर्व के बीच में मानते है, परन्तु नए पुरातत्त्व उत्खननों से मिले अवशेषों में वैदिक सभ्यता से संबंधित कई अवशेष मिले है जिससे कुछ आधुनिक विद्वान यह मानने लगे हैं कि वैदिक सभ्यता भारत में ही शुरु हुई थी, आर्य भारतीय मूल के ही थे और ऋग्वेद का रचना काल ३००० ईसा पूर्व रहा होगा, क्योंकि आर्यो के भारत में आने का न तो कोई पुरातत्त्व उत्खननों पर अधारित प्रमाण मिला है और न ही डी एन ए अनुसन्धानों से कोई प्रमाण मिला है। हाल ही में भारतीय पुरातत्व परिषद् द्वारा की गयी सरस्वती नदी की खोज से वैदिक सभ्यता, हड़प्पा सभ्यता और आर्यों के बारे में एक नया दृष्टिकोण सामने आया है। हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु-सरस्वती सभ्यता नाम दिया है, क्योंकि हड़प्पा सभ्यता की २६०० बस्तियों में से वर्तमान पाकिस्तान में सिन्धु तट पर मात्र २६५ बस्तियां थीं, जबकि शेष अधिकांश बस्तियां सरस्वती नदी के तट पर मिलती हैं, सरस्वती एक विशाल नदी थी। पहाड़ों को तोड़ती हुई निकलती थी और मैदानों से होती हुई समुद्र में जाकर विलीन हो जाती थी। इसका वर्णन ऋग्वेद में बार-बार आता है, यह आज से ४००० साल पूर्व भूगर्भी बदलाव की वजह से सूख गयी थी। ईसा पूर्व ७ वीं और शुरूआती ६ वीं शताब्दि सदी में जैन और बौद्ध धर्म सम्प्रदाय लोकप्रिय हुए। अशोक (ईसापूर्व २६५-२४१) इस काल का एक महत्वपूर्ण राजा था जिसका साम्राज्य अफगानिस्तान से मणिपुर तक और तक्षशिला से कर्नाटक तक फैल गया था। पर वो सम्पूर्ण दक्षिण तक नहीं जा सका। दक्षिण में चोल सबसे शक्तिशाली निकले। संगम साहित्य की शुरुआत भी दक्षिण में इसी समय हुई। भगवान गौतम बुद्ध के जीवनकाल में, ईसा पूर्व ७ वीं और शुरूआती ६ वीं शताब्दि के दौरान सोलह बड़ी शक्तियां (महाजनपद) विद्यमान थे। अति महत्‍वपूर्ण गणराज्‍यों में कपिलवस्‍तु के शाक्‍य और वैशाली के लिच्‍छवी गणराज्‍य थे। गणराज्‍यों के अलावा राजतंत्रीय राज्‍य भी थे, जिनमें से कौशाम्‍बी (वत्‍स), मगध, कोशल, कुरु, पान्चाल, चेदि और अवन्ति महत्‍वपूर्ण थे। इन राज्‍यों का शासन ऐसे शक्तिशाली व्‍यक्तियों के पास था, जिन्‍होंने राज्‍य विस्‍तार और पड़ोसी राज्‍यों को अपने में मिलाने की नीति अपना रखी थी। तथापि गणराज्‍यात्‍मक राज्‍यों के तब भी स्‍पष्‍ट संकेत थे जब राजाओं के अधीन राज्‍यों का विस्‍तार हो रहा था। इसके बाद भारत छोटे-छोटे साम्राज्यों में बंट गया। आठवीं सदी में सिन्ध पर अरबी अधिकार हो गाय। यह इस्लाम का प्रवेश माना जाता है। बारहवीं सदी के अन्त तक दिल्ली की गद्दी पर तुर्क दासों का शासन आ गया जिन्होंने अगले कई सालों तक राज किया। दक्षिण में हिन्दू विजयनगर और गोलकुंडा के राज्य थे। १५५६ में विजय नगर का पतन हो गया। सन् १५२६ में मध्य एशिया से निर्वासित राजकुमार बाबर ने काबुल में पनाह ली और भारत पर आक्रमण किया। उसने मुग़ल वंश की स्थापना की जो अगले ३०० सालों तक चला। इसी समय दक्षिण-पूर्वी तट से पुर्तगाल का समुद्री व्यापार शुरु हो गया था। बाबर का पोता अकबर धार्मिक सहिष्णुता के लिए विख्यात हुआ। उसने हिन्दुओं पर से जज़िया कर हटा लिया। १६५९ में औरंग़ज़ेब ने इसे फ़िर से लागू कर दिया। औरंग़ज़ेब ने कश्मीर में तथा अन्य स्थानों पर हिन्दुओं को बलात मुसलमान बनवाया। उसी समय केन्द्रीय और दक्षिण भारत में शिवाजी के नेतृत्व में मराठे शक्तिशाली हो रहे थे। औरंगज़ेब ने दक्षिण की ओर ध्यान लगाया तो उत्तर में सिखों का उदय हो गया। औरंग़ज़ेब के मरते ही (१७०७) मुगल साम्राज्य बिखर गया। अंग्रेज़ों ने डचों, पुर्तगालियों तथा फ्रांसिसियों को भगाकर भारत पर व्यापार का अधिकार सुनिश्चित किया और १८५७ के एक विद्रोह को कुचलने के बाद सत्ता पर काबिज़ हो गए। भारत को आज़ादी १९४७ में मिली जिसमें महात्मा गाँधी के अहिंसा आधारित आंदोलन का योगदान महत्वपूर्ण था। १९४७ के बाद से भारत में गणतांत्रिक शासन लागू है। आज़ादी के समय ही भारत का विभाजन हुआ जिससे पाकिस्तान का जन्म हुआ और दोनों देशों में कश्मीर सहित अन्य मुद्दों पर तनाव बना हुआ है। .

नई!!: कर्नाटक और भारत का इतिहास · और देखें »

भारत के राष्ट्रपति

भारत के राष्ट्रपति, भारत गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 53 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित हैं। वह भारतीय सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी हैं। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शांति की घोषणा करने वाला होता है। वह देश के प्रथम नागरिक हैं। भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। सिद्धांततः राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है। पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद् के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति अधिकतम कितनी भी बार पद पर रह सकते हैं इसकी कोई सीमा तय नहीं है। अब तक केवल पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने ही इस पद पर दो बार अपना कार्यकाल पूरा किया है। प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं तथा इस पद को सुशोभीत करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 25 जुलाई 2007 को पद व गोपनीयता की शपथ ली थी। - Fadoo Post - 14 july 2017 वर्तमान में राम नाथ कोविन्द भारत के चौदहवें राष्ट्रपति हैं। .

नई!!: कर्नाटक और भारत के राष्ट्रपति · और देखें »

भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

नई!!: कर्नाटक और भारत के राष्ट्रीय उद्यान · और देखें »

भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

नई!!: कर्नाटक और भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश · और देखें »

भारत के जल प्रपात

कर्नाटक का जोग प्रपात भारत के जल प्रपातों की राज्यवार सूची .

नई!!: कर्नाटक और भारत के जल प्रपात · और देखें »

भारत के उपराष्ट्रपति

भारत में राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद कार्यकारिणी में दूसरा सबसे बड़ा पद होता है। भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष के तौर पर विधायी कार्यों में भी हिस्सा लेता है। भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू हैं जो ५ अगस्त २०१७ को चुने गये थे। .

नई!!: कर्नाटक और भारत के उपराष्ट्रपति · और देखें »

भारत की स्वतन्त्रता

भारत का ध्वज भारत की स्वतंत्रता से तात्पर्य ब्रिटिश शासन द्वारा 15 अगस्त, 1947 को भारत की सत्ता का हस्तांतरण भारत की जनता के प्रतिनिधियों को किए जाने से है। इस दिन दिल्ली के लाल किले पर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर स्वाधीनता का ऐलान किया। भारत के स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत 1857 में हुए सिपाही विद्रोह को माना जाता है। स्वाधीनता के लिए हजारों लोगो ने जान की बली दी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1930 कांग्रेस अधिवेशन में अंग्रेजो से पूर्ण स्वराज की मांग की थी। .

नई!!: कर्नाटक और भारत की स्वतन्त्रता · और देखें »

भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड

भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। इसका मुख्यालय बंगलौर में है। .

नई!!: कर्नाटक और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड · और देखें »

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, भारत सरकार के संस्कृति विभाग के अन्तर्गत एक सरकारी एजेंसी है, जो कि पुरातत्व अध्ययन और सांस्कृतिक स्मारकों के अनुरक्षण के लिये उत्तरदायी होती है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, ए.एस.

नई!!: कर्नाटक और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग · और देखें »

भारतीय पुलिस सेवा

भारतीय पुलिस सेवा, जिसे आम बोलचाल में भारतीय पुलिस या आईपीएस, के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के एक अंग के रूप में कार्य करता है, जिसके अन्य दो अंग भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईएएस और भारतीय वन सेवा या आईएफएस हैं जो ब्रिटिश प्रशासन के अंतर्गत इंपीरियल पुलिस के नाम से जाना जाता था। .

नई!!: कर्नाटक और भारतीय पुलिस सेवा · और देखें »

भारतीय प्रबन्धन संस्थान

भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई आई एम) भारत के सर्वोत्तम प्रबंधन संस्थान हैं। प्रबन्धन की शिक्षा के अतिरिक्त ये अनुसंधान व सलाह (कांसल्टेंसी) का कार्य भी करते हैं। वर्तमान में ६ भारतीय प्रबन्धन संस्थान हैं जो बंगलुरू, अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, इन्दौर तथा कोझीकोड में स्थित हैं। ये प्रबन्धन में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा की उपाधि प्रदान करते हैं जो एम बी ए के समतुल्य है। इन संस्थानों में प्रवेश अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा कामन ऐडमिशन टेस्ट (सी ए टी) के आधार पर होता है। यह परीक्षा दुनिया की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी परिक्षाओं में से है। .

नई!!: कर्नाटक और भारतीय प्रबन्धन संस्थान · और देखें »

भारतीय प्रशासनिक सेवा

भारतीय प्रशासनिक सेवा (अंग्रेजी: Indian Administrative Service) अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। इसके अधिकारी अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (तथा भारतीय पुलिस सेवा) में सीधी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है तथा उनका आवंटन भारत सरकार द्वारा राज्यों को कर दिया जाता है। आईएएस अधिकारी केंद्रीय सरकार, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रणनीतिक और महत्वपूर्ण पदों पर काम करते हैं। सरकार के वेस्टमिंस्टर प्रणाली के बाद दूसरे देशों की तरह, भारत में स्थायी नौकरशाही के रूप में आईएएस भारत सरकार के कार्यकारी का एक अविभाज्य अंग है, और इसलिए प्रशासन को तटस्थता और निरंतरता प्रदान करता है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस / आईएफओएस) के साथ, आईएएस तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है - इसका संवर्ग केंद्र सरकार और व्यक्तिगत राज्यों दोनों के द्वारा नियोजित है। उप-कलेक्टर/मजिस्ट्रेट के रूप में परिवीक्षा के बाद सेवा की पुष्टि करने पर, आईएएस अधिकारी को कुछ साल की सेवा के बाद जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के रूप में जिले में प्रशासनिक आदेश दिया जाता है, और आमतौर पर, कुछ राज्यों में सेवा के १६ साल की सेवा करने के बाद, एक आईएएस अधिकारी मंडलायुक्त के रूप में राज्य में एक पूरे मंडल का नेतृत्व करता है। सर्वोच्च पैमाने पर पहुंचने पर, आईएएस अधिकारी भारत सरकार के पूरे विभागों और मंत्रालयों की का नेतृत्व करते हैं। आईएएस अधिकारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ता में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रतिनियुक्ति पर, वे विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, एशियाई विकास बैंक और संयुक्त राष्ट्र या उसकी एजेंसियों जैसे अंतरसरकारी संगठनों में काम करते हैं। भारत के चुनाव आयोग की दिशा में भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर आईएएस अधिकारी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा उक्त नियमावली के अनुसार सेवा संबंधी मामलों का क्रियान्वयन किया जाता है।पदोन्नति, अनुशासनिक कार्यवाही इत्यादि के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा ही दिशानिर्देश तैयार की जाती है। इन मामलों पर कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार को आख्या/रिपोर्ट भेजी जाती है। जिस पर भारत सरकार विचार कर राज्य सरकार (कार्मिक विभाग) को मामलों पर कार्यवाही करने का आदेश देती है। तत्पश्चात् कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार के आदेशों को जारी कर कार्यवाही की जाती है। .

नई!!: कर्नाटक और भारतीय प्रशासनिक सेवा · और देखें »

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भारत के 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं। ये संस्थान भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" हैं। 2018 तक, सभी 23 आईआईटी में स्नातक कार्यक्रमों के लिए सीटों की कुल संख्या 11,279 है। .

नई!!: कर्नाटक और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान · और देखें »

भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय

भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी:नेश्नल लॉ स्कूल ऑफ इण्डिया युनिवर्सिटी, NLSIU या NLS) विधि संकाय में अंडर ग्रेजुएट और स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए एक शैक्षणीक संस्था है। यह कर्नाटक राज्य की राजधानी बंगलुरु के पश्चिमी उपशहरी क्षेत्र नागरभावी के निकटस्थ है। इसकी स्थापना १९८७ में एक की स्थापना के उपरांत हुई थी। .

नई!!: कर्नाटक और भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय · और देखें »

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अधिकतर कांग्रेस के नाम से प्रख्यात, भारत के दो प्रमुख राजनैतिक दलों में से एक हैं, जिन में अन्य भारतीय जनता पार्टी हैं। कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में २८ दिसंबर १८८५ में हुई थी; इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। १९वी सदी के आखिर में और शुरूआती से लेकर मध्य २०वी सदी में, कांग्रेस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में, अपने १.५ करोड़ से अधिक सदस्यों और ७ करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक केन्द्रीय भागीदार बनी। १९४७ में आजादी के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आज़ादी से लेकर २०१६ तक, १६ आम चुनावों में से, कांग्रेस ने ६ में पूर्ण बहुमत जीता हैं और ४ में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व किया; अतः, कुल ४९ वर्षों तक वह केन्द्र सरकार का हिस्सा रही। भारत में, कांग्रेस के सात प्रधानमंत्री रह चुके हैं; पहले जवाहरलाल नेहरू (१९४७-१९६५) थे और हाल ही में मनमोहन सिंह (२००४-२०१४) थे। २०१४ के आम चुनाव में, कांग्रेस ने आज़ादी से अब तक का सबसे ख़राब आम चुनावी प्रदर्शन किया और ५४३ सदस्यीय लोक सभा में केवल ४४ सीट जीती। तब से लेकर अब तक कोंग्रेस कई विवादों में घिरी हुई है, कोंग्रेस द्वारा भारतीय आर्मी का मनोबल गिराने का देश में विरोध किया जा रहा है । http://www.allianceofdemocrats.org/index.php?option.

नई!!: कर्नाटक और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस · और देखें »

भारतीय हॉकी टीम

भारतीय हॉकी टीम भारत की राष्ट्रीय मैदानी हॉकी टीम है। 1928 में भारतीय हॉकी टीम अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ की पहली गैर यूरोपीय सदस्य टीम बनी। भारत-मलेशिया हॉकी मैच, दिल्ली, ५ अक्टूबर २०१० 1928 में, टीम ने अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता और 1956 तक ओलंपिक में भारतीय पुरुष टीम नाबाद रही, लगातार छह स्वर्ण पदक जीते। भारतीय हॉकी टीम ने अबतक आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते है, जो सभी राष्ट्रीय टीमों से अधिक है। .

नई!!: कर्नाटक और भारतीय हॉकी टीम · और देखें »

भारतीय जनता पार्टी

भारतीय जनता पार्टी (संक्षेप में, भाजपा) भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक हैं, जिसमें दूसरा दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। यह राष्ट्रीय संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है।.

नई!!: कर्नाटक और भारतीय जनता पार्टी · और देखें »

भारतीय वन सेवा

भारतीय वन सेवा (भाविसे) एक को तीन अखिल भारतीय सेवा के अन्य दो की जाने वाली भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा की है। भाविसे 1966 में अखिल भारतीय सेवा अधिनियम 1951 के तहत बनाया गया था। बहरहाल, यह एक अच्छी तरह से आयोजित भारतीय वन सेवा, जो ब्रिटिश राज के दौरान 1865 से 1935 के अस्तित्व का केवल एक पुनरुद्धार किया गया। भाविसे अधिकारियों की औपचारिक प्रशिक्षण की शुरुआत वापस 1867 के लिए जब पाँच उम्मीदवारों फ्रांस और जर्मनी में प्रशिक्षण से गुजरना करने के लिए चयन किया गया तिथियाँ.

नई!!: कर्नाटक और भारतीय वन सेवा · और देखें »

भारतीय विज्ञान संस्थान

भारतीय विज्ञान संस्थान का प्रशासकीय भवन भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिये अग्रगण्य शिक्षा संस्थान है। यह बंगलुरु में स्थित है। इस संस्थान की गणना भारत के इस तरह के उष्कृष्टतम संस्थानों में होती है। संस्थान ने प्रगत संगणन, अंतरिक्ष, तथा नाभिकीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया है।  2016 तक यह संस्थान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 250 संस्थानों में से एक था .

नई!!: कर्नाटक और भारतीय विज्ञान संस्थान · और देखें »

भारतीय खेल प्राधिकरण

भारतीय खेल प्राधिकरण (Sports Athority of India) भारत के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय का महत्वपूर्ण अंग है। अपनी खेल प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से भारतीय खेल प्राधिकरण युवाओं में प्रतिभा उत्पन्न करने का काम करता है। इसके लिए वह उन्हें आवष्यक आधारभूत ढ़ांचा, उपकरण, प्रषिक्षण सुविधाएं और प्रतियोगिता के अवसर प्रदान करता है। खेल आज मानव व्यक्तित्व के चौमुखी विकास का अभिन्न अंग है और खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने का राष्ट्रीय गौरव और मनोबल पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। इस बदलते राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य की बढ़ती मांगों की पूर्ति के लिए सरकार ने खेलों में उत्कृष्तता लाने के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने का दायित्व अपने उपर लिया है। .

नई!!: कर्नाटक और भारतीय खेल प्राधिकरण · और देखें »

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

नई!!: कर्नाटक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन · और देखें »

भीमसेन जोशी

पंडित भीमसेन गुरुराज जोशी (ಪಂಡಿತ ಭೀಮಸೇನ ಗುರುರಾಜ ಜೋಷಿ, जन्म: फरवरी ०४, १९२२) शास्त्रीय संगीत के हिन्दुस्तानी संगीत शैली के सबसे प्रमुख गायकों में से एक है। .

नई!!: कर्नाटक और भीमसेन जोशी · और देखें »

मदिकेरी

समुद्र तल से 1525 मीटर की ऊंचाई पर बसा मदिकेरी कर्नाटक के कोडगु जिले का मुख्यालय है। मदिकेरी को दक्षिण का स्कॉटलैंड कहा जाता है। यहां की धुंधली पहाड़ियां, हरे वन, कॉफी के बगान और प्रकृति के खूबसूरत दृश्य मदिकेरी को अविस्मरणीय पर्यटन स्थल बनाते हैं। मदिकेरी और उसके आसपास बहुत से ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी हैं। यह मैसूर से 125 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है और कॉफी के उद्यानों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। 1600 ईसवी के बाद लिंगायत राजाओं ने कुर्ग में राज किया और मदिकेरी को राजधानी बनाया। मदिकेरी में उन्होंने मिट्टी का किला भी बनवाया। 1785 में टीपू सुल्तान की सेना ने इस साम्राज्य पर कब्‍जा करके यहां अपना अधिकार जमा लिया। चार वर्ष बाद कुर्ग ने अंग्रेजों की मदद से आजादी हासिल की और राजा वीर राजेन्द्र ने पुनर्निमाण कार्य किया। 1834 ई. में अंग्रेजों ने इस स्थान पर अपना अधिकार कर लिया और यहां के अंतिम शासक पर मुकदमा चलाकर उसे जेल में डाल दिया। .

नई!!: कर्नाटक और मदिकेरी · और देखें »

मद्दूर वड़ा

मद्दूर वड़ा (ಮದ್ದೂರು ವಡೆ) एक प्रकार का वड़ा होता है और केवल कर्नाटक राज्य विशेष के खानपान में आता है। इस अल्पाहार का नाम कर्नाटक राज्य के मांड्या जिला के मद्दूर कस्बे से आया है। यह शहर बंगलुरु एवं मैसूर शहरों के बीच बसा हुआ है और मद्दूर वड़े इन दोनों के बीच रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग पर बसों व रेलों में बेचा जाता है। यह चावल के आटे, सूची एवं मैदा से बनता है। इसमें कड़ी पत्ता, कसा हुआ नारियल, हींग एवं बारीक कटी प्याज भी पड़ती है। सभी चीजों को तेल में हल्का छौंक लगा कर भूना जाटा है और फिर कुछ पानी के साथ मिलाकर गूंधा जाता है। तब इसके बड़े बनाये जाते हैं और सुनहरे भूरे रंग होने तक तेल में तले जाते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और मद्दूर वड़ा · और देखें »

मयूरशर्मा

तालगुण्ड स्तंभ मयूरशर्मा के जीवन की झलक दिखाता है। मयूरशर्मा (ಮಯೂರಶರ್ಮ) (या मयूरशर्मन, मयूरवर्मा) (३४५ - ३६५ ई०) कर्नाटक के आधुनिक शिमोगा जिला के तालगुण्डा का एक ब्राह्मण पंडित था। इसने बनवासी के कदंब वंश की स्थापना की थी। यह वंश ही था जिसने सबसे पहले आधुनिक कर्न्टक की भुमि पर राज्य किया था।Kamath (2001), p30Moraes (1931), pp9-10 इसने अपना नाम मयूरवर्मन कर लिया था, जिससे वह ब्राह्मण से क्षत्रिय लगे। इस वंश के शसन पूर्व कर्नाटक भुमि पर बाहर का शसन था और तब इस वंश ने स्वतंत्र राज्य बसाया और स्थानीय भाषा कन्नड़ को राजभाशा के रूप में अपनाया। कन्नड़ भाशा के प्राचीनतम शिलालेख व अभिलेख इसी वंश के मिलते हैं।Ramesh (1984), p2, pp10-11 .

नई!!: कर्नाटक और मयूरशर्मा · और देखें »

मराठी भाषा

मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .

नई!!: कर्नाटक और मराठी भाषा · और देखें »

मलयप्रभा नदी

मलयप्रभा नदी भारत की एक प्रमुख नदी हैं। यह पश्चिमी घाट से निकलती है। .

नई!!: कर्नाटक और मलयप्रभा नदी · और देखें »

मलयालम भाषा

मलयालं (മലയാളം, मलयालम्‌) या कैरली (കൈരളി, कैरलि) भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है। मलयालं, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। इस पर संस्कृत का प्रभाव ईसा के पूर्व पहली सदी से हुआ है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। अरबों के साथ सदियों से व्यापार संबंध अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर भी भाषा पर पड़ा है। .

नई!!: कर्नाटक और मलयालम भाषा · और देखें »

मल्लिकार्जुन बी मंसूर

मल्लिकार्जुन भीमारयप्पा मंसूर (कन्नड़:ಮಲ್ಲಿಕಾರ್ಜುನ ಮನ್ಸೂರ್) (१९१०-१९९२) हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में जयपुर-अतरौली घराने के खयाल शैली के गायक थे। इनको भारत सरकार द्वारा सन १९७६ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से हैं। .

नई!!: कर्नाटक और मल्लिकार्जुन बी मंसूर · और देखें »

मलेशिया

मलेशिया अधिनियम 1963 (दस्तावेज़) अंग्रेजी ग्रंथों में मलेशिया से संबंधित समझौते (दस्तावेज़) मलेशिया दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक उष्णकटिबंधीय देश है। यह दक्षिण चीन सागर से दो भागों में विभाजित है। मलय प्रायद्वीप पर स्थित मुख्य भूमि के पश्चिम तट पर मलक्का जलडमरू और इसके पूर्व तट पर दक्षिण चीन सागर है। देश का दूसरा हिस्सा, जिसे कभी-कभी पूर्व मलेशिया के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण चीन सागर में बोर्नियो द्वीप के उत्तरी भाग पर स्थित है। मलय प्रायद्वीप पर स्थित कुआलालंपुर देश की राजधानी है, लेकिन हाल ही में संघीय राजधानी को खासतौर से प्रशासन के लिए बनाए गए नए शहर पुत्रजया में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह 13 राज्यों से बनाया गया एक एक संघीय राज्य है। मलेशिया में चीनी, मलय और भारतीय जैसे विभिन्न जातीय समूह निवास करते हैं। यहां की आधिकारिक भाषा मलय है, लेकिन शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में ज्यादातर अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाता है। मलेशिया में १३० से ज्यादा बोलियां बोली जाती हैं, इनमें से ९४ मलेशियाई बोर्नियो में और ४० प्रायद्वीप में बोली जाती हैं। यद्यपि देश सरकारी धर्म इस्लाम है, लेकिन नागरिकों को अन्य धर्मों को मानने की स्वतंत्रता है। .

नई!!: कर्नाटक और मलेशिया · और देखें »

मसाला दोसा

चटनी के साथ मसाला दोसा मसाला दोसा एक आंध्र प्रदेश का खाना है। श्रेणी:दक्षिण भारतीय खाना श्रेणी:आंध्र प्रदेश का खाना.

नई!!: कर्नाटक और मसाला दोसा · और देखें »

महानगरीय क्षेत्र

ग्रेटर टोक्यो एरिया, विश्व का सबसे घनी आबादी वाला महानगरीय क्षेत्र है, जिसकी जनसंख्या ३ करोड़ पचास लाख है। महानगरीय क्षेत्र एक विशाल जनसंख्या केंद्र और उसके पड़ोसी क्षेत्र को मिलाकर होता है। इसमें एकदम निकटता से जुड़े शहर एवं अन्य प्रभावित क्षेत्र भी गिने जा सकते हैं। इसमें सबसे बड़े शहर के नाम से ही इस क्षेत्र के नाम को जाना जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और महानगरीय क्षेत्र · और देखें »

महामस्तकाभिषेक

महामस्तकाभिषेक, दो शब्दों के मेल से बना है– महा और मस्तकाभिषेक जिसका अर्थ होता है, बड़े स्तर पर आयोजित होने वाला अभिषेक। सबसे प्रचलित महामस्तकाभिषेक गोमटेश्वर बाहुबली का होता है जो १२ वर्ष के अन्तराल पर दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के श्रवणबेलगोला शहर में आयोजित किया जाता है। यहाँ पर भगवान बाहुबली की १८ मी.

नई!!: कर्नाटक और महामस्तकाभिषेक · और देखें »

महायान

गन्धार से पहली सदी ईसवी में बनी महात्मा बुद्ध की मूर्ति महायान, वर्तमान काल में बौद्ध धर्म की दो प्रमुख शाखाओं में से एक है। दूसरी शाखा का नाम थेरवाद है। महायान बुद्ध धर्म भारत से आरम्भ होकर उत्तर की ओर बहुत से अन्य एशियाई देशों में फैल गया, जैसे कि चीन, जापान, कोरिया, ताइवान, तिब्बत, भूटान, मंगोलिया और सिंगापुर। महायान सम्प्रदाय कि आगे और उपशाखाएँ हैं, जैसे ज़ेन/चान, पवित्र भूमि, तियानताई, निचिरेन, शिन्गोन, तेन्दाई और तिब्बती बौद्ध धर्म।, Stuart Chandler, University of Hawaii Press, 2004, ISBN 978-0-8248-2746-5,...

नई!!: कर्नाटक और महायान · और देखें »

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .

नई!!: कर्नाटक और महाराष्ट्र · और देखें »

मानसून

जब ITCZ(उष्ण कटिबंधीय संरक्षित क्षेत्र)से जब व्यापारिक एवं समाॅगी हवाये ऊपर की ओर कोरियोलिस बल के कारण भारत के राज्य केरल मे 2महिना 10दिन मे मानसून पहुंचता है जो कि यहां सबसे पहले सबसे बाद मे भी मानसून यही होता है लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा मानसून मासिनराम(मेघालय) मे होती है जो कि वहा पर औषतन बरसात 11873मिमी॰ की होती है । तमिलनाडु के नागरकायल (कन्याकुमारी के पास) में मानसून के बादल मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है। यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.

नई!!: कर्नाटक और मानसून · और देखें »

मालेनाडु

मालेनाडु भारत के पश्चिमी घाट की पर्वतमाला का एक पर्वत है। श्रेणी:दक्षिण भारत के पर्वत.

नई!!: कर्नाटक और मालेनाडु · और देखें »

मांड्य ज़िला

मांड्य भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। इसका मुख्यालय मांड्या में स्थित है। हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार सागा मांडवया ने यहां पर तपस्या की थी। तभी से इस स्थान को मांडया के नाम से जाना जाता है। मांडया बैंगलोर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मांडया पहले मैसूर जिले का हिस्सा था। यह स्थान समुद्र तल से 2500-3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस जिले में पांच प्रमुख नदियां कावेरी, हेमवती, शिमाशा, लोकपावनी और वीरवैष्णवी बहती है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और मांड्य ज़िला · और देखें »

मगोड प्रपात

मगोड़ प्रपात मगोड़ प्रपात दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित एक जल प्रपात है। यह बेदती या गंगावली नदी के २०० मी.

नई!!: कर्नाटक और मगोड प्रपात · और देखें »

मंगलौर विश्वविद्यालय

मंगलौर विश्वविद्यालय (कन्नड: ಮಂಗಳೂರು ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯ) (MU) कर्नाटक राज्य के मंगलौर शहर से १८ कि.मी दूर कोनाजे में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय कला, वाणिज्य, विज्ञान, विधि, और प्रबन्धन के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान करता है। .

नई!!: कर्नाटक और मंगलौर विश्वविद्यालय · और देखें »

मंगलौर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

मंगलौर विमानक्षेत्र मंगलौर (Mangalore International Airport) में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VOML और IATA कोड है IXE। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 5300 फी.

नई!!: कर्नाटक और मंगलौर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र · और देखें »

मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। एक दिन का अंतर लौंद वर्ष के ३६६ दिन का होने ही वजह से होता है | मकर संक्रान्ति उत्तरायण से भिन्न है। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं, यह भ्रान्ति गलत है कि उत्तरायण भी इसी दिन होता है । उत्तरायण का प्रारंभ २१ या २२ दिसम्बर को होता है | लगभग १८०० वर्ष पूर्व यह स्थिति उत्तरायण की स्थिति के साथ ही होती थी, संभव है की इसी वजह से इसको व उत्तरायण को कुछ स्थानों पर एक ही समझा जाता है | तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और मकर संक्रान्ति · और देखें »

मुदबिद्री

मूदबिदरी (ಮೂಡಬಿದ್ರಿ, ಮೂಡಬಿದ್ರಿ) जिसे मुदबिद्री, मूदबिरी या बेद्रा भी कहते हैं, दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में मुख्यालय से ३७ कि॰मी॰ पूर्वोत्तर में स्थित एक कस्बा है। .

नई!!: कर्नाटक और मुदबिद्री · और देखें »

मुद्रा स्फीति दर

मुद्रा स्फीति दर मुद्रा स्फीति,मूल्य सूचकांक की वृद्धि की दर, को मापने का तरीका है। श्रेणी:मुद्रा स्फीति श्रेणी:अर्थशास्त्र.

नई!!: कर्नाटक और मुद्रा स्फीति दर · और देखें »

मुरुदेश्वर

मुरुदेश्वर (ಮುರುಡೇಶ್ವರ) दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड जिले के भटकल तहसील स्थित एक कस्बा है। 'मुरुदेश्वर' भगवान शिव का एक नाम है। यहां शंकर की दूसरी सबसे ऊँची मूर्ति स्थित है। यह कस्बा अरब सागर के तट पर स्थित है और मंगलुरु से १६५ किलोमीटर दूर अरब सागर के किनारे बहुत ही सुन्दर एवं शांत स्थान पर बना हुआ है। मुरुदेश्वर सागरतट, कर्णाटक के सब से सुन्दर तटों में से एक है। पर्यटकों के लिए यहाँ आना दोगुना लाभप्रद रहता है, जहां एक ओर इस धार्मिक स्थल के दर्शन होते हैं, वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द भी मिलता है। .

नई!!: कर्नाटक और मुरुदेश्वर · और देखें »

मुख्य मंत्री

मुख्य मंत्री भारत के प्रांतों का राजनैतिक प्रमुख होता है। .

नई!!: कर्नाटक और मुख्य मंत्री · और देखें »

मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

नई!!: कर्नाटक और मुग़ल साम्राज्य · और देखें »

मुंबई क्रिकेट टीम

सचिन तेंदुलकर, मुंबई क्रिकेट टीम का एक अग्रणी खिलाड़ी मुंबई क्रिकेट टीम भारतीय शहर मुंबई की अन्तर्राज्यीय स्तर की क्रिकेट टीम है। यह टीम भारतीय क्रिकेट के अन्तर्राज्यीय स्तर की प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी की सबसे शक्तिशालि टीम है। टीम ने भारतीय क्रिकेट टीम के बहुत से अग्रणी क्रिकेटर दिये हैं। इस टीम ने ३९ उपाधियां प्राप्त की हैं जिसमें हाल की २००९-२०१० टूर्नामेंट है। इस टीम का गृहस्थान मैदान दक्षिण मुंबई में चर्च गेट रेलवे स्टेशन के निकट स्थित वांखेडे स्टेडियम है। इस टीम का पूर्व नां बॉम्बे क्रिकेट टीम था जिसे बाद में शहर के पुनर्नामकरण के चलते बदल कर मुंबई कर दिया गया। .

नई!!: कर्नाटक और मुंबई क्रिकेट टीम · और देखें »

मौर्य राजवंश

मौर्य राजवंश (३२२-१८५ ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली एवं महान राजवंश था। इसने १३७ वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री कौटिल्य को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। मौर्य साम्राज्य के विस्तार एवं उसे शक्तिशाली बनाने का श्रेय सम्राट अशोक को जाता है। यह साम्राज्य पूर्व में मगध राज्य में गंगा नदी के मैदानों (आज का बिहार एवं बंगाल) से शुरु हुआ। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने ३२२ ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विकास किया। उसने कई छोटे छोटे क्षेत्रीय राज्यों के आपसी मतभेदों का फायदा उठाया जो सिकन्दर के आक्रमण के बाद पैदा हो गये थे। ३१६ ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राज्य में मौर्य वंश का बेहद विस्तार हुआ। सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ। .

नई!!: कर्नाटक और मौर्य राजवंश · और देखें »

मैसूर

मैसूर भारत के कर्नाटक प्रान्त का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह प्रदेश की राजधानी बंगलौर से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दक्षिण में तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है। .

नई!!: कर्नाटक और मैसूर · और देखें »

मैसूर पाक

मैसूर पाक (कन्नड़: ಮೈಸೂರು ಪಾಕ್), कर्नाटक का एक मीठा व्यंजन है, जिसे बहुत सारे घी, बेसन, मेवा व चीनी से बनाया जाता है। मूल रूप से इसे मसूर (दाल) पाक कहा जाता था और इसे मसूर की दाल से तैयार बेसन से बनाया जाता था। इसके नाम का उद्गम संभवत: इसी मसूर दाल और पाक (किसी खाद्य वस्तु को चीनी की चाशनी में पका पर उस पर चीनी की परत चढ़ाना) से हुआ है। .

नई!!: कर्नाटक और मैसूर पाक · और देखें »

मैसूर जिला

मैसूर भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। क्षेत्रफल - 6,268 वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और मैसूर जिला · और देखें »

मैसूर विश्वविद्यालय

मैसूर विश्वविद्यालय भारत के कर्नाटक प्रान्त में स्थित मैसूर जिले में है। श्रेणी:मैसूर श्रेणी:कर्नाटक के विश्वविद्यालय.

नई!!: कर्नाटक और मैसूर विश्वविद्यालय · और देखें »

मैसूर का पठार

मैसूर का पठार का विस्तार कर्नाटक के पूर्वी व मध्यवर्ती भाग, दक्षिणी-पश्चिमी आन्ध्र प्रदेश व पश्चिमी तमिलनाडु राज्यों में पाया जाता है। इस पठार की मूल चट्टानें बहुत ही कठोर और पुरानी हैं जिनमें प्राचीन जीवाशेषों का पूर्ण अभाव पाया जाता है। ये मुख्यतः आग्नेय अथवा रवेदार हैं जिनमें ग्रेनाइट, नीस, बेसाल्ट बलुआ-पत्थर व क्वार्टजाइट मुख्य हैं। इस पटार की चट्टानें खनिज पदार्थों की दृष्टि से काफी धनी हैं। खनिज पदार्थों के अतिरिक्त यहां भवन निर्माण एवं सड़क निर्माण हेतु बैसाल्ट व ग्रेनाइट पत्थर भी पाया जाता है। श्रेणी:पठार श्रेणी:मैसूर.

नई!!: कर्नाटक और मैसूर का पठार · और देखें »

मैसूर का साम्राज्य

विजय नगर राज्य के समय में ही 1612 ई0 में ओडियार नामक राजा ने मैसूर राज्य की स्थापना की इस मैसूर राज्य में आगे चलकर दो प्रमुख शासक हुए-हैदर अली एवं टीपू। इन्होंने अंग्रेजों के विरूद्ध संघर्ष जारी रखा। टीपू, हैदर अली दक्षिण भारत का पहला शासक था जिसे अंग्रेजों को पराजित करने में सफलता मिली। दक्षिण में मैसूर राज्य और अंग्रेजों के बीच कुल चार युद्ध हुए। इन युद्धों की एक खास विशेषता यह थी कि इसमें मराठे और हैदराबाद के निजाम अंग्रेजों द्वारा बनाये गये त्रिगुट में शामिल थे। श्रेणी:भारत के साम्राज्य श्रेणी:दक्षिण भारत का इतिहास श्रेणी:मैसूर राज्य.

नई!!: कर्नाटक और मैसूर का साम्राज्य · और देखें »

मैंगलुरु

मैंगलुरु (तुळु: कुड्ला; कोंकणी: कोडयाल; ब्यारि: मायकला; कन्नड: ಮಂಗಳೂರು / मंगलुरु) भारत के कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। यह शहर देश के पश्चिमी भाग में आता है। इस शहर के पूर्व में पश्चिमी घाट और पशिचम में अरब सागर है। मैंगलूर दक्षिण कन्नड जिले का मुख्यालय है। .

नई!!: कर्नाटक और मैंगलुरु · और देखें »

मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड

Mमैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड (एम.आर.पी.एल), मंगलौर शहर से उत्तर में स्थित कटिपल्ला में स्थापित एक तेल-शोधन कारखाना है। श्रेणी:कर्नाटक श्रेणी:मंगलौर श्रेणी:भारत की तेल रिफाइनरियाँ.

नई!!: कर्नाटक और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड · और देखें »

मेलकोट

मेलकोट (ಮೇಲುಕೋಟೆ) या मेलुकोट कर्नाटक के मांड्या जिला के पांडवपुरा ताल्लुके का एक तीर्थ स्थान है। इस स्थान को तिरुनारायणपुरम् भी कहा जाता है। यहां कावेरी नदी के समक्ष एक पथरीली पहाड़ी है जिसे यदुगिरि या यादवगिरि कहा जाता है। यह मैसूर से लगभग ५१ कि.मी और बंगलुरु से १३३ कि.मी दूर है। .

नई!!: कर्नाटक और मेलकोट · और देखें »

यादगीर

यादगीर कस्बा कर्नाटक राज्यके नवगठित यादगीर जिला का मुख्यालय है। इसका सृजन १० अप्रैल २०१० को हुआ है। श्रेणी:कर्नाटक के शहर.

नई!!: कर्नाटक और यादगीर · और देखें »

यू२

यू२ एक कन्नड़ टीवी चैनल है। यह एक संगीत चैनल है। श्रेणी:कन्नड़ चैनल.

नई!!: कर्नाटक और यू२ · और देखें »

रणजी ट्रॉफी

रणजी ट्रॉफी भारत की एक घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता है। रणजी ट्रॉफी में एक घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट चैम्पियनशिप क्षेत्रीय क्रिकेट संघों का प्रतिनिधित्व टीमों के बीच भारत में खेला जाता है। प्रतियोगिता वर्तमान में, 27 टीमों के होते भारत और दिल्ली (जो एक केंद्र शासित प्रदेश है) में 29 राज्यों में से 21 के साथ कम से कम एक प्रतिनिधित्व कर रही है।प्रतियोगिता पहले भारतीय क्रिकेटर हैं, जो इंग्लैंड और ससेक्स, रणजीतसिंहजी जो भी "रणजी" में जाना जाता था के लिए खेला के नाम पर है। .

नई!!: कर्नाटक और रणजी ट्रॉफी · और देखें »

रामनगरम जिला

रामनगर (जिसे क्लोज़पेट भी कहा जाता था) बंगलोर (ग्रामीण) जिला से निकाला हुआ एक जिला है। .

नई!!: कर्नाटक और रामनगरम जिला · और देखें »

रामानुज

रामानुजाचार्य (अंग्रेजी: Ramanuja जन्म: १०१७ - मृत्यु: ११३७) विशिष्टाद्वैत वेदान्त के प्रवर्तक थे। वह ऐसे वैष्णव सन्त थे जिनका भक्ति परम्परा पर बहुत गहरा प्रभाव रहा। वैष्णव आचार्यों में प्रमुख रामानुजाचार्य की शिष्य परम्परा में ही रामानन्द हुए जिनके शिष्य कबीर और सूरदास थे। रामानुज ने वेदान्त दर्शन पर आधारित अपना नया दर्शन विशिष्ट अद्वैत वेदान्त लिखा था। रामानुजाचार्य ने वेदान्त के अलावा सातवीं-दसवीं शताब्दी के रहस्यवादी एवं भक्तिमार्गी आलवार सन्तों के भक्ति-दर्शन तथा दक्षिण के पंचरात्र परम्परा को अपने विचारों का आधार बनाया। .

नई!!: कर्नाटक और रामानुज · और देखें »

रायचूड़ जिला

रायचूड़ जिला, कर्नाटक रायचूर भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और रायचूड़ जिला · और देखें »

रायचूर

रायचूर कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:कर्नाटक श्रेणी:कर्नाटक के शहर.

नई!!: कर्नाटक और रायचूर · और देखें »

राष्ट्रकूट राजवंश

राष्ट्रकूट (ರಾಷ್ಟ್ರಕೂಟ) दक्षिण भारत, मध्य भारत और उत्तरी भारत के बड़े भूभाग पर राज्य करने वाला राजवंश था। .

नई!!: कर्नाटक और राष्ट्रकूट राजवंश · और देखें »

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरतकल

राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, सूरतकल की स्थापना १९६० में की गई थी तथा २६ जून २००२ को इसे राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरतकल के रूप में स्तरोन्नत किया गया था। संस्थान, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग तथा संचार इंजीनियरिंग, धातुकर्मीय इंजीनियरिंग, खनन इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग तथा सूचना प्रौद्योगिकी विषयों में अवर स्नातक पाठयक्रम संचालित करता है। रिपोर्टाधीन वर्ष के दौरान अवर स्नातक पाठयक्रमों हेतु कुल लगभग ४८० छात्र दाखिल किए गए थे। संस्थान २१ स्नातकोत्तर कार्यक्रम भी संचालित करता है। इस संस्थान में पीएच डी कार्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरतकल · और देखें »

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS, NOS या राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय), भारत के मुक्त विद्यालयों की शिक्षा-परिषद है। यह एक स्वायत्त संगठन है। इसकी स्थापना भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 1989 के नवम्बर में हुई थी। इसका उद्देश्य देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विद्यार्थियों को सस्ती शिक्षा सुलभ कराना है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद आदि की भांति राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान भी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर परीक्षा संचालित करता है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर लगभग 15 लाख छात्रों के वर्तमान नामांकन के साथ यह दुनिया में सबसे बड़ी खुली स्कूली शिक्षा प्रणाली है। .

नई!!: कर्नाटक और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान · और देखें »

राष्ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशालाएं

राष्‍ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशालाएं (अंग्रेज़ी:नेशनल एरोस्पेस लैबोरेटरीज़, एनएएल) वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद का एक संघटक है, जो वैमानिकी एवं सम्‍बद्ध क्षेत्र में भारत का सर्वश्रेष्‍ठ नागर अनुसंधान एवं विकास संस्‍थापन है एनएएल की स्‍थापना 1959 में दिल्‍ली में हुई थी फिर 1960 में इसे बेंगलूर लाया गया। एनएएल का मुख्‍य उद्देश्‍य है सुदृढ विज्ञान द्वारा वांतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास तथा उडा़न यानों के अभिकल्‍प एवं निर्माण में इनका प्रयोगात्‍मक प्रयोग सामान्‍य औद्योगिक अनुप्रयोगों में आधारभूत वांतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का प्रयोग करना भी एनएएल का उद्देश्‍य है। 1959 में जब एनएएल की स्‍थापना हुई (1993 तक राष्‍ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशालाएं कहता था) वैमानिकी क्षेत्र में उच्‍च स्‍तरीय अनुसंधान एवं विकास और राष्‍ट्रीय वांतरिक्ष कार्यक्रमों केलिए अत्‍याधुनिक सुवधिाएं उपलब्‍ध कराना ही इसका प्रमुख उद्देश्‍य था जैसे अपने दृश्‍य वक्‍तव्‍य में दर्शाया है, एनएएल का मुख्‍य उद्देश्‍य है सुदृढ विज्ञान द्वारा वांतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास तथा उडा़न यानों के अभिकल्‍प एवं निर्माण में इनका प्रयोगात्‍मक प्रयोग सामान्‍य औद्योगिक अनुप्रयोगों में आधारभूत वांतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का प्रयोग करना भी एनएएल का उद्देश्‍य है। वांतरिक्ष क्षेत्र में एनएएल का कार्य पूर्ण व्‍यापी है कुछ ही सालों में, एनएएल ने भारतीय वांतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए महत्‍वपूर्ण योगदान प्रदान किया है, कभी कभी इन कार्यक्रमों के लिए राष्‍ट्रीय एजेण्‍डा भी बना दिया है पिछले दशक के दौरान एनएएल ने नागर क्षेत्र हेतु छोटे व मध्‍यम आकारवाले वायुयान के अभिकल्‍प एवं विकास पर किए गए प्रयासों में भी अग्र रहा है। .

नई!!: कर्नाटक और राष्ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशालाएं · और देखें »

राहुल द्रविड़

राहुल शरद द्रविड़ (कन्नड़: ರಾಹುಲ್ ಶರದ್ ದ್ರಾವಿಡ,राहुल शरद द्रविड) (11 जनवरी 1973 को जन्मे) भारतीय राष्ट्रीय टीम के सबसे अनुभवी क्रिकेटरों में से एक हैं, 1996 से वे इसके नियमित सदस्य रहें हैं।अक्टूबर 2005 में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में नियुक्त किये गए और सितम्बर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया। १६ साल तक भारत का प्रतिनिधित्व करते रहने के बाद उन्होंने वर्ष २०१२ के मार्च में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मैट से सन्यास ले लिया। द्रविड़ को वर्ष 2000 में पांच विसडेन क्रिकेटरों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया। द्रविड़ को 2004 के उद्घाटन पुरस्कार समारोह में इस वर्ष के आईसीसी प्लेयर और वर्ष के टेस्ट प्लेयर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लम्बे समय तक बल्लेबाजी करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें दीवार के रूप में जाना जाता है, द्रविड़ ने क्रिकेट की दुनिया में बहुत से रिकॉर्ड बनाये हैं। द्रविड़ बहुत शांत व्यक्ति है। "दीवार" के रूप में लोकप्रिय द्रविड़ पिच पर लम्बे समय तक टिके रहने के लिए जाने जाते हैं। सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर के बाद वे तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दस हज़ार से अधिक रन बनाये हैं, 14 फ़रवरी 2007 को, वे दुनिया के क्रिकेट इतिहास में छठे और भारत में सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली के बाद तीसरे खिलाड़ी बन गए जब उन्होंने एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस हज़ार रन का स्कोर बनाया वे पहले और एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्होंने सभी 10 टेस्ट खेलने वाले राष्ट्र के विरुद्ध शतक बनाया है। 182 से अधिक कैच के साथ वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच का रिकॉर्ड द्रविड़ के नाम है। द्रविड़ ने 18 अलग-अलग भागीदारों के साथ 75 बार शतकीय साझेदारी की है, यह एक विश्व रिकॉर्ड है। .

नई!!: कर्नाटक और राहुल द्रविड़ · और देखें »

राजा रवि वर्मा

राजा रवि वर्मा की कलाकृति- '''ग्वालिन''' राजा रवि वर्मा (१८४८ - १९०६) भारत के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता हिंदू महाकाव्यों और धर्मग्रन्थों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्‍तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं। वडोदरा (गुजरात) स्थित लक्ष्मीविलास महल के संग्रहालय में उनके चित्रों का बहुत बड़ा संग्रह है। .

नई!!: कर्नाटक और राजा रवि वर्मा · और देखें »

राज्य सभा

राज्य सभा भारतीय लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। लोकसभा निचली प्रतिनिधि सभा है। राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं। जिनमे 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित होते हैं। इन्हें 'नामित सदस्य' कहा जाता है। अन्य सदस्यों का चुनाव होता है। राज्यसभा में सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमे एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवा-निवृत होते हैं। किसी भी संघीय शासन में संघीय विधायिका का ऊपरी भाग संवैधानिक बाध्यता के चलते राज्य हितों की संघीय स्तर पर रक्षा करने वाला बनाया जाता है। इसी सिद्धांत के चलते राज्य सभा का गठन हुआ है। इसी कारण राज्य सभा को सदनों की समानता के रूप में देखा जाता है जिसका गठन ही संसद के द्वितीय सदन के रूप में हुआ है। राज्यसभा का गठन एक पुनरीक्षण सदन के रूप में हुआ है जो लोकसभा द्वारा पास किये गये प्रस्तावों की पुनरीक्षा करे। यह मंत्रिपरिषद में विशेषज्ञों की कमी भी पूरी कर सकती है क्योंकि कम से कम 12 विशेषज्ञ तो इस में मनोनीत होते ही हैं। आपातकाल लगाने वाले सभी प्रस्ताव जो राष्ट्रपति के सामने जाते हैं, राज्य सभा द्वारा भी पास होने चाहिये। भारत के उपराष्ट्रपति (वर्तमान में वैकेया नायडू) राज्यसभा के सभापति होते हैं। राज्यसभा का पहला सत्र 13 मई 1952 को हुआ था। .

नई!!: कर्नाटक और राज्य सभा · और देखें »

राज्यपाल

राज्यपाल या गवर्नर (अंग्रेज़ी: governor) शासन करने वाले ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जो किसी देश के शासक के अधीन हो और उस देश के किसी भाग पर शासन कर रहा हो। संघीय देशों में संघ के राज्यों पर शासन कने वाले व्यक्तियों को अक्सर राज्यपाल का ख़िताब दिया जाता है। कुछ संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे गणतंत्रों में राज्यपाल सीधे उस राज्य की जनता द्वारा चुने जाते हैं और वह उस राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक अध्यक्ष होते हैं, जबकि भारत जैसे संसदीय गणतंत्रों में अक्सर राज्यपाल केन्द्रीय सरकार या शासक नियुक्त करती है और वह नाम मात्र का अध्यक्ष होता है (वास्तव में राज्य सरकार को चुना हुआ मुख्य मंत्री चलाता है, जो औपचारिक रूप से राज्यपाल के नीचे बतलाया जाता है)।, Nancy Harris, Heinemann-Raintree Classroom, 2007, ISBN 978-1-4034-9514-3,...

नई!!: कर्नाटक और राज्यपाल · और देखें »

राजेन्द्र चोल २

राजेन्द्र चोल द्वितीय अपने बड़े भ्राता राजाधिराज चोल के उत्तराधिकारीThe History and Culture of the Indian People: The struggle for empire, page 241 थे। इनको कोप्पम के युद्ध में अपने भ्राता के संग याद किया जाता है, जहां इन्होंने पश्चिमी चालुक्य वंश के राजा सोमेश्वर १ का पासा प.

नई!!: कर्नाटक और राजेन्द्र चोल २ · और देखें »

राजेन्द्र प्रथम

चोल साम्राज्य राजेन्द्र प्रथम (1012 ई. - 1044 ई.) चोल राजवंश का सबसे महान शासक था। उसने अपनी महान विजयों द्वारा चोल सम्राज्य का विस्तार कर उसे दक्षिण भारत का सर्व शक्तिशाली साम्राज्य बनाया। उसने 'गंगई कोंड' की उपाधि धारण की तथा गंगई कोंड चोलपुरम नामक नगर की स्थापना की। वहीं पर उसने चोल गंगम नामक एक विशाल सरोवर का भी निर्माण किया। .

नई!!: कर्नाटक और राजेन्द्र प्रथम · और देखें »

राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय

राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी:Rajiv Gandhi University of Health Sciences), कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में स्थित एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९९६ में कर्नाटक सरकार द्वारा की गई थी। .

नई!!: कर्नाटक और राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय · और देखें »

रागी

रागी या मड़ुआ अफ्रीका और एशिया के सूखे क्षेत्रों में उगाया जाने वाला एक मोटा अन्न है। यह एक वर्ष में पक कर तैयार हो जाता है। यह मूल रूप से इथियोपिया के उच्च इलाकों का पौधा है जिसे भारत में कोई चार हजार साल पहले लाया गया। ऊँचे इलाकों में अनुकूलित होने में यह काफी समर्थ है। हिमालय में यह २,३०० मीटर की ऊंचाई तक उगाया जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और रागी · और देखें »

रागी मन्नी

रागी मन्नी एक कन्नड़ खाना है। श्रेणी:दक्षिण भारतीय खाना श्रेणी:कर्नाटक का खाना.

नई!!: कर्नाटक और रागी मन्नी · और देखें »

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर (लघु:RCB) बैंगलोर आधारित इंडियन प्रीमियर लीग की एक टीम है। यह टीम भारतीय उद्योगपति विजय माल्या के स्वामित्व वाली है। इसके सी.ई.ओ. हैं बृजेश पटेल एवं कप्तान विराट कोहली है कोहली की कप्तानी में २०१६ इंडियन प्रीमियर लीग में ये फाइनल तक गए परन्तु सनराइजर्स हैदराबाद से मात खानी पड़ी। .

नई!!: कर्नाटक और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर · और देखें »

लिंगायत मत

बसवेश्वर की बहुत प्रतिष्ठा है। लिंगायत मत भारतवर्ष के प्राचीनतम सनातन हिन्दू धर्म का एक हिस्सा है। इस मत के ज्यादातर अनुयायी दक्षिण भारत में हैं। यह मत भगवान शिव की स्तुति आराधना पर आधारित है। भगवान शिव जो सत्य सुंदर और सनातन हैं, जिनसे सृष्टि का उद्गार हुआ, जो आदि अनंत हैं। हिन्दू धर्म में त्रिदेवों का वर्णन है जिनमें सर्वप्रथम भगवान शिव का ही नाम आता है। शिव जिनसे सृष्टि की उत्पत्ति हुई। इसके पश्चात भगवान ब्रह्मा की उत्पत्ति जो सम्पूर्ण जगत को जीवन प्रदान करते हैं। भगवान विष्णु जो सम्पूर्ण जगत के पालनहार हैं। तीसरे अंश भगवान महेश (शंकर) की उत्पत्ति जीवन अर्थात अमुक्त आत्माओं को नष्ट करके पुनः जीवन मुक्ति चक्र में स्थापित करना है। लिंगायत सम्प्रदाय भगवान शिव जो कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश, चराचर जगत के उत्पत्ति के कारक हैं उनकी स्तुति आराधना करता है। आप अन्य शब्दों में इन्हें शैव संप्रदाय को मानने वाले अनुयायी कह सकते हैं। इस सम्प्रदाय की स्थापना 12वीं शताब्दी में महात्मा बसवण्णां ने की थी। इस मत के उपासक लिंगायत (ಲಿಂಗಾಯತರು) कहलाते हैं। यह शब्द कन्नड़ शब्द लिंगवंत से व्युत्पन्न है। ये लोग मुख्यतः महात्मा बसवण्णा की शिक्षाओं के अनुगामी हैं। .

नई!!: कर्नाटक और लिंगायत मत · और देखें »

लोक सभा

लोक सभा, भारतीय संसद का निचला सदन है। भारतीय संसद का ऊपरी सदन राज्य सभा है। लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से गठित होती है। भारतीय संविधान के अनुसार सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है, जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में भारत का राष्ट्रपति यदि चाहे तो आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो प्रतिनिधियों को लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है। लोकसभा की कार्यावधि 5 वर्ष है परंतु इसे समय से पूर्व भंग किया जा सकता है .

नई!!: कर्नाटक और लोक सभा · और देखें »

शरावती नदी

शरावती नदी भारत की एक प्रमुख नदी हैं। यह पश्चिमी घाट से निकलती है। इस नदी पर भारतभर में प्रसिद्ध जोग जल प्रपात स्थित है, जो गोवा से दक्षिण दिशा में करीब १६० किलोमीटर की दूरी पर है। .

नई!!: कर्नाटक और शरावती नदी · और देखें »

शास्त्रीय संगीत

भारतीय शास्त्रीय संगीत या मार्ग, भारतीय संगीत का अभिन्न अंग है। शास्त्रीय संगीत को ही ‘क्लासिकल म्जूजिक’ भी कहते हैं। शास्त्रीय गायन ध्वनि-प्रधान होता है, शब्द-प्रधान नहीं। इसमें महत्व ध्वनि का होता है (उसके चढ़ाव-उतार का, शब्द और अर्थ का नहीं)। इसको जहाँ शास्त्रीय संगीत-ध्वनि विषयक साधना के अभ्यस्त कान ही समझ सकते हैं, अनभ्यस्त कान भी शब्दों का अर्थ जानने मात्र से देशी गानों या लोकगीत का सुख ले सकते हैं। इससे अनेक लोग स्वाभाविक ही ऊब भी जाते हैं पर इसके ऊबने का कारण उस संगीतज्ञ की कमजोरी नहीं, लोगों में जानकारी की कमी है। .

नई!!: कर्नाटक और शास्त्रीय संगीत · और देखें »

शिमोगा जिला

शिमोगा या शिवमोग्गा भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2007 जनगणना)4,75352 साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - 08182 जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और शिमोगा जिला · और देखें »

शिवासमूद्रम प्रपात

शिवासमूद्रम प्रपात (कन्नड़: ಶಿವನಸಮುದ್ರ) कावेरी नदी पर है जो 98 मीटर की ऊँचाई से जल गिराता है। इसका उपयोग जल विद्दुत उत्पादन के लिए होता है। इस पर स्थापित जल विद्दुत गृह एशिया का प्रथम जल विद्दुत गृह है जिसकी स्थापना 1902 में हुई थी। .

नई!!: कर्नाटक और शिवासमूद्रम प्रपात · और देखें »

श्रवणबेलगोला

श्रवणवेलगोल (कन्नड: ಶ್ರವಣಬೆಳಗೊಳ) हासन जिला में स्थित एक शहर है। यह बंगलुरु से १५८ कि॰मी॰ दूर स्थित है। यह एक प्रसिद्ध जैन तीर्थ है। कन्नड़ में 'वेल' का अर्थ होता है श्वेत, 'गोल' का अर्थ होता है सरोवर। शहर के मध्य में एक सुंदर श्वेत सरोवर के कारण यहां का नाम बेलगोला और फ़िर श्रवणबेलगोला पड़ा। यह स्थान विंध्यगिरि और चंद्रगिरि के मध्य स्थित है। विंध्यगिरि पर 7 तथा चंद्रगिरि पर 14 जैन मंदिर हैं। एक श्री बाहुबली स्वामी का मंदिर है। चित्र:Gomateswara.jpg|गोमतेश्वर की प्रतिमा ९७८-९९३ ई. File:Jain Inscription.jpg|अंतिम श्रुतकेवाली भद्रबाहु स्वामी और सम्राट चंद्रगुप्त का आगमन दर्शाता शिलालेख (श्रवणबेलगोला) चंद्रगुप्त के विस्तृत राज्य की जानकारी तो हमे तमिल ग्रंथ अहनानूर तथा मुरनानूर से भी प्राप्त होती है .

नई!!: कर्नाटक और श्रवणबेलगोला · और देखें »

शृंगेरी

शृंगेरी (कन्नड: ಶೃಂಗೇರಿ), कर्नाटक के चिकमंगलूर जिला का एक तालुका है। आदि शंकराचार्य ने यहाँ कुछ दिन वास किया था और शृंगेरी तथा शारदा मठों की स्थापना की थी। शृंगेरी मठ प्रथम मठ है। यह आदि वेदान्त से संबंधित है। यह शहर तुंग नदी के तट पर स्थित है, व आठवीं शताब्दी में बसाया गया था। शृंगेरी विरूर स्टेशन से ९० किमी दूर तुंगभद्रा नदी के वामतट पर छोटा-सा ग्राम है। शृंगेरी का नाम यहाँ से १२ किमी दूर स्थित शृंगगिरि पर्वत के नाम पर ही पड़ा, जिसका अपभ्रंश 'शृंगेरी' है। यह शृंगी ऋषि का जन्मस्थल माना जाता है। शृंगेरी में एक छोटी पहाड़ी पर शृंगी ऋषि के पिता विभांडक का आश्रम भी बताया जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और शृंगेरी · और देखें »

सत्रहवीं शताब्दी

सत्रहवीं शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। शताब्दी, सत्रहवीं.

नई!!: कर्नाटक और सत्रहवीं शताब्दी · और देखें »

समुद्र तल

समुद्र तल से ऊँचाई दिखाता एक बोर्ड समुद्र तल या औसत समुद्र तल (अंग्रेज़ी:Mean sea level) समुद्र के जल के उपरी सतह की औसत ऊँचाई का मान होता है। इसकी गणना ज्वार-भाटे के कारण होने वाले समुद्री सतह के उतार चढ़ाव का लंबे समय तक प्रेक्षण करके उसका औसत निकाल कर की जाती है। इसे समुद्र तल से ऊँचाई (MSL-Metres above sea level) में व्यक्त किया जाता है। इसका प्रयोग धरातल पर स्थित बिंदुओं की ऊँचाई मापने के लिये सन्दर्भ तल के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग उड्डयन में भी होता है। उड्डयन में समुद्र की सतह पर वायुमण्डलीय दाब को वायुयानों के उड़ान की उँचाई के सन्दर्भ (डैटम) के रूप में उपयोग किया जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और समुद्र तल · और देखें »

साड़ी

साड़ी एक सबसे सुंदर पारंपरिक पोशाक है भारतीय। दैनिक दिनचर्या साड़ी में भारत के उत्तर से एक घरेलू भारतीय महिला, अच्छी तरह से बाँधी एवं पहनी हुई बाएँ साड़ी (कुछ इलाकों में सारी कहा जाता है) भारतीय स्त्री का मुख्य परिधान है। यह शायद विश्व की सबसे लंबी और पुराने परिधानों में से गिना जाता है। यह लगभग 5 से 6 गज लम्बी बिना सिली हुए कपड़े का टुकड़ा होता है जो ब्लाउज या चोली और साया के ऊपर लपेटकर पहना जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और साड़ी · और देखें »

सातवाहन

सातवाहन प्राचीन भारत का एक राजवंश था। इसने ईसापूर्व २३० से लेकर दूसरी सदी (ईसा के बाद) तक केन्द्रीय दक्षिण भारत पर राज किया। यह मौर्य वंश के पतन के बाद शक्तिशाली हुआ था। इनका उल्लेख ८वीं सदी ईसापूर्व में मिलता है। अशोक की मृत्यु (सन् २३२ ईसापूर्व) के बाद सातवाहनों ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था। सीसे का सिक्का चलाने वाला पहला वंश सातवाहन वंश था, और वह सीसे का सिक्का रोम से लाया जाता था। .

नई!!: कर्नाटक और सातवाहन · और देखें »

सायकिल

भीतरी नली में हवा भरने के लिए बुड के हवा वाल्ब का बहुधा प्रयोग होता है, जिसकी बनावट चित्र 13.

नई!!: कर्नाटक और सायकिल · और देखें »

सारनाथ

सारनाथ, काशी अथवा वाराणसी के १० किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था जिसे "धर्म चक्र प्रवर्तन" का नाम दिया जाता है और जो बौद्ध मत के प्रचार-प्रसार का आरंभ था। यह स्थान बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थों में से एक है (अन्य तीन हैं: लुम्बिनी, बोधगया और कुशीनगर)। इसके साथ ही सारनाथ को जैन धर्म एवं हिन्दू धर्म में भी महत्व प्राप्त है। जैन ग्रन्थों में इसे 'सिंहपुर' कहा गया है और माना जाता है कि जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ का जन्म यहाँ से थोड़ी दूर पर हुआ था। यहां पर सारंगनाथ महादेव का मन्दिर भी है जहां सावन के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। सारनाथ में अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार इत्यादि दर्शनीय हैं। भारत का राष्ट्रीय चिह्न यहीं के अशोक स्तंभ के मुकुट की द्विविमीय अनुकृति है। मुहम्मद गोरी ने सारनाथ के पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया था। सन १९०५ में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया। उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया। वर्तमान में सारनाथ एक तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है। .

नई!!: कर्नाटक और सारनाथ · और देखें »

सार्वजनिक प्रतिष्ठान

सार्वजनिक प्रतिष्ठान सरकार के द्वारा चालित कम्पनियों के लिए संयुक्त रूप से प्रयुक्त शब्द है। सार्वजनिक प्रतिष्ठान की परिभाषा और सीमा निर्धारण सम्बंधित देश पर निर्भर करता है, लेकिन अधिकतर देशों में पुलिस, सेना, राजमार्ग, परिवहन, प्राथमिक शिक्षा जैसी सुविधाएं सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में समाहित होती हैं। .

नई!!: कर्नाटक और सार्वजनिक प्रतिष्ठान · और देखें »

सिरसी

सिरसी कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ जिले का एक शहर है। इसकी जनसंख्या 95,574 है। यहां का "मारिकांबा मन्दिर" काफ़ी प्रसिद्ध है। .

नई!!: कर्नाटक और सिरसी · और देखें »

सिंडिकेट बैंक

सिंडीकेट बैंक भारत का एक प्रमुख बैंक है।.

नई!!: कर्नाटक और सिंडिकेट बैंक · और देखें »

सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता अपने शुरुआती काल में, 3250-2750 ईसापूर्व सिंधु घाटी सभ्यता (3300 ईसापूर्व से 1700 ईसापूर्व तक,परिपक्व काल: 2600 ई.पू. से 1900 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है। जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान,पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम और उत्तर भारत में फैली है। प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ, यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कालक्रमों में से एक थी, और इन तीन में से, सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित। सम्मानित पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है। यह हड़प्पा सभ्यता और 'सिंधु-सरस्वती सभ्यता' के नाम से भी जानी जाती है। इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थे। दिसम्बर २०१४ में भिर्दाना को सिंधु घाटी सभ्यता का अब तक का खोजा गया सबसे प्राचीन नगर माना गया है। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं। 7वी शताब्दी में पहली बार जब लोगो ने पंजाब प्रांत में ईटो के लिए मिट्टी की खुदाई की तब उन्हें वहां से बनी बनाई इटे मिली जिसे लोगो ने भगवान का चमत्कार माना और उनका उपयोग घर बनाने में किया उसके बाद 1826 में चार्ल्स मैसेन ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा। कनिंघम ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया। 1856 में कराची से लाहौर के मध्य रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान बर्टन बंधुओं द्वारा हड़प्पा स्थल की सूचना सरकार को दी। इसी क्रम में 1861 में एलेक्जेंडर कनिंघम के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की। 1904 में लार्ड कर्जन द्वारा जॉन मार्शल को भारतीय पुरातात्विक विभाग (ASI) का महानिदेशक बनाया गया। फ्लीट ने इस पुरानी सभ्यता के बारे में एक लेख लिखा। १९२१ में दयाराम साहनी ने हड़प्पा का उत्खनन किया। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया व दयाराम साहनी को इसका खोजकर्ता माना गया। यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी में फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिन्धु घाटी सभ्यता रखा गया। प्रथम बार नगरों के उदय के कारण इसे प्रथम नगरीकरण भी कहा जाता है। प्रथम बार कांस्य के प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता के १४०० केन्द्रों को खोजा जा सका है जिसमें से ९२५ केन्द्र भारत में है। ८० प्रतिशत स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से ३ प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है। .

नई!!: कर्नाटक और सिंधु घाटी सभ्यता · और देखें »

सिंह

सिंह के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

नई!!: कर्नाटक और सिंह · और देखें »

सवाई गंधर्व

रामभाउ कुण्डगोलकर, प्रचलित नाम: पंडित सवाई गंधर्व (१९ जनवरी १८८६ – १२ सितंबर १९५२), एक प्रसिद्ध गायक एवं किरण घराने के मराठी रंगमंच कलाकर थे। ये अब्दुल करीम खान के शिष्य थे और इनके शिष्यों में भारत रत्न धारक भीमसेन जोशी हैं। पंडित गंधर्व किरन घराने के शैलियों को विभिन्न शिष्यों में बांटने के लिये प्रसिद्ध रहे हैं। इन शिष्यों में प्रमुख कुछ हैं: भीमसेन जोशी, Pt. Basavaraj Rajguru.http://music.indobase.com/classical-singers/pandit-bhimsen-joshi.html Pandit Bhimsen Joshi - Pandit Bhimsen Joshi Classical Singer - Pandit Bhimsen Joshi Khayal Singer.

नई!!: कर्नाटक और सवाई गंधर्व · और देखें »

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन या यूपीए या संप्रग (अंग्रेजी: United Progressive Alliance UPA) भारत में एक राजनीतिक गठबंधन है। इसका नेतृत्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस करती है। संप्रग अध्यक्षा सोनिया गांधी. .

नई!!: कर्नाटक और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन · और देखें »

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

नई!!: कर्नाटक और संस्कृत भाषा · और देखें »

सकल घरेलू उत्पाद

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या जीडीपी या सकल घरेलू आय (GDI), एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है, यह एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के भीतर सभी अंतिम माल और सेवाओ का बाजार मूल्य है। GDP (सकल घरेलू उत्पाद) को तीन प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है, जिनमें से सभी अवधारणात्मक रूप से समान हैं। पहला, यह एक निश्चित समय अवधि में (आम तौर पर 365 दिन का एक वर्ष) एक देश के भीतर उत्पादित सभी अंतिम माल और सेवाओ के लिए किये गए कुल व्यय के बराबर है। दूसरा, यह एक देश के भीतर एक अवधि में सभी उद्योगों के द्वारा उत्पादन की प्रत्येक अवस्था (मध्यवर्ती चरण) पर कुल वर्धित मूल्य और उत्पादों पर सब्सिडी रहित कर के योग के बराबर है। तीसरा, यह एक अवधि में देश में उत्पादन के द्वारा उत्पन्न आय के योग के बराबर है- अर्थात कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति की राशि, उत्पादन पर कर औरसब्सिडी रहित आयात और सकल परिचालन अधिशेष (या लाभ) GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के मापन और मात्र निर्धारण का सबसे आम तरीका है खर्च या व्यय विधि (expenditure method): "सकल" का अर्थ है सकल घरेलू उत्पाद में से पूंजी शेयर के मूल्यह्रास को घटाया नहीं गया है। यदि शुद्ध निवेश (जो सकल निवेश माइनस मूल्यह्रास है) को उपर्युक्त समीकरण में सकल निवेश के स्थान पर लगाया जाए, तो शुद्ध घरेलू उत्पाद का सूत्र प्राप्त होता है। इस समीकरण में उपभोग और निवेश अंतिम माल और सेवाओ पर किये जाने वाले व्यय हैं। समीकरण का निर्यात - आयात वाला भाग (जो अक्सर शुद्ध निर्यात कहलाता है), घरेलू रूप से उत्पन्न नहीं होने वाले व्यय के भाग को घटाकर (आयात) और इसे फिर से घरेलू क्षेत्र में जोड़ कर (निर्यात) समायोजित करता है। अर्थशास्त्री (कीनेज के बाद से) सामान्य उपभोग के पद को दो भागों में बाँटना पसंद करते हैं; निजी उपभोग और सार्वजनिक क्षेत्र का (या सरकारी) खर्च.

नई!!: कर्नाटक और सकल घरेलू उत्पाद · और देखें »

स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर

स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर भारतीय स्टेट बैंक का एक सहयोगी बैंक है। स्टेट बैंक ऑफ मैसूर भारत में एक राष्ट्रीयकृत बैंक था, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में था। यह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पांच सहयोगी बैंकों में से एक था। स्टेट बैंक ऑफ मैसूर की स्थापना १९१३ में महाराज कृष्ण राजा वाडीयार चतुर्थ के संरक्षण में बैंक ऑफ मैसूर लिमिटेड ने बैंकिंग समिति के महान इंजीनियर-स्टेटमैन की अध्यक्षता में, भारत रत्न सर एम। विश्वावरय के रूप में की थी। १९५३ के दौरान, "मैसूर बैंक" को सरकारी व्यवसाय और ट्रेजरी परिचालन करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के एजेंट के रूप में नियुक्त किया गया था और मार्च १९६० में, यह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(सहायक बैंक)के तहत भारतीय स्टेट बैंक की सहायक कंपनी बन गई थी। अधिनियम १९५९। अब बैंक स्टेट बैंक समूह के अधीन एक एसोसिएट बैंक है और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ९२।३३ प्रेतिशत शेयर हैं। बैंक के शेयरों को बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया गया है। श्रेणी:भारतीय बैंक भारतीय स्टेट बैंक .

नई!!: कर्नाटक और स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर · और देखें »

स्वामी हरिदास

स्वामी हरिदास (1480 - 1575) भक्त कवि, शास्त्रीय संगीतकार तथा कृष्णोपासक सखी संप्रदाय के प्रवर्तक थे। इन्हें ललिता सखी का अवतार माना जाता है। वे वैष्णव भक्त थे तथा उच्च कोटि के संगीतज्ञ भी थे। वे प्राचीन शास्त्रीय संगीत के उद्भट विद्वान एवम् चतुष् ध्रुपदशैली के रचयिता हैं। प्रसिद्ध गायक तानसेन इनके शिष्य थे। अकबर इनके दर्शन करने वृन्दावन गए थे। ‘केलिमाल’ में इनके सौ से अधिक पद संग्रहित हैं। इनकी वाणी सरस और भावुक है। स्वामी हरिदास का जन्म 1490 में हुआ था। इनके जन्म स्थान और गुरु के विषय में कई मत प्रचलित हैं। इनका जन्म समय कुछ ज्ञात नहीं है। ये महात्मा वृन्दावन में निंबार्क सखी संप्रदाय के संस्थापक थे और अकबर के समय में एक सिद्ध भक्त और संगीत-कला-कोविद माने जाते थे। कविताकाल सन् 1543 से 1560 ई. ठहरता है। प्रसिद्ध गायनाचार्य तानसेन इनका गुरूवत् सम्मान करते थे। यह प्रसिद्ध है कि अकबर बादशाह साधु के वेश में तानसेन के साथ इनका गाना सुनने के लिए गया था। कहते हैं कि तानसेन इनके सामने गाने लगे और उन्होंने जानबूझकर गाने में कुछ भूल कर दी। इसपर स्वामी हरिदास ने उसी गाना को शुद्ध करके गाया। इस युक्ति से अकबर को इनका गाना सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो गया। पीछे अकबर ने बहुत कुछ पूजा चढ़ानी चाही पर इन्होंने स्वीकार नहीं की। .

नई!!: कर्नाटक और स्वामी हरिदास · और देखें »

सूचना प्रौद्योगिकी

२००५ में विश्व के विभिन्न देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर व्यय राशि (यूएसए की तुलना में) सूचना प्रौद्योगिकी (en:information technology) आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रानिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। .

नई!!: कर्नाटक और सूचना प्रौद्योगिकी · और देखें »

सेल्सियस

सेल्सियस तापमान मापने का एक पैमाना है। इसे सेन्टीग्रेड पैमाना भी कहते हैं। इस पैमाने के अनुसार पानी, सामान्य दबाव पर 0 डिग्री सेल्सियस पर जमता है और 100 डिग्री सेल्सियस पर उबलता है। सेल्सिस विश्व में तापमान के लिये सबसे लोकप्रिय माप है। यह पैमाना दैनिक वातावरणीय तथा अन्य कामों मे काफी प्रयुक्त होता है। अमेरिका व अन्य कई राष्ट्र सेल्सियस की बजाय फ़ारेनहाइट का प्रयोग करते हैं। विश्वभर के लिये मानक इकाई केल्विन है जिसकी स्केल (पैमाना) सेल्सियस से मिलती है। .

नई!!: कर्नाटक और सेल्सियस · और देखें »

सोना

सोना या स्वर्ण (Gold) अत्यंत चमकदार मूल्यवान धातु है। यह आवर्त सारणी के प्रथम अंतर्ववर्ती समूह (transition group) में ताम्र तथा रजत के साथ स्थित है। इसका केवल एक स्थिर समस्थानिक (isotope, द्रव्यमान 197) प्राप्त है। कृत्रिम साधनों द्वारा प्राप्त रेडियोधर्मी समस्थानिकों का द्रव्यमान क्रमश: 192, 193, 194, 195, 196, 198 तथा 199 है। .

नई!!: कर्नाटक और सोना · और देखें »

सोलापुर जिला

सोलापुर महाराष्ट्र का एक जिला है। सोलापुर महाराष्ट्र का एक जिला है मुंबई से पूरब की ओर 350 किलोमीटर के लगभग पड़ता है सोलापुर मध्य रेलवे के 5 डिवीजनों में से एक है सोलापुर डिवीजन मध्य रेलवे में आता है .

नई!!: कर्नाटक और सोलापुर जिला · और देखें »

हड़प्पा

सिंधु घाटी सभ्यता मे हड़प्पा का स्थान हड़प्पा पूर्वोत्तर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक पुरातात्विक स्थल है। यह साहिवाल शहर से २० किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। सिन्धु घाटी सभ्यता के अनेकों अवशेष यहाँ से प्राप्त हुए हैं। सिंधु घाटी सभ्यता को इसी शहर के नाम के कारण हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। १९२१ में जब जॉन मार्शल भारत के पुरातात्विक विभाग के निर्देशक थे तब दयाराम साहनी ने इस जगह पर सर्वप्रथम खुदाई का कार्य करवाया था। दयाराम साहनी के अलावा माधव स्वरुप व मार्तीमर वीहलर ने भी खुदाई का कार्य किया था। हड़प्पा शहर का अधिकांश भाग रेलवे लाइन निर्माण के कारण नष्ट हो गया था। .

नई!!: कर्नाटक और हड़प्पा · और देखें »

हम्पी

हम्पी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी (पम्पा से निकला हुआ) नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी। भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को के विश्व के विरासत स्थलों में शामिल किया गया है। हर साल यहाँ हज़ारों की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। हम्पी का विशाल फैलाव गोल चट्टानों के टीलों में विस्तृत है। घाटियों और टीलों के बीच पाँच सौ से भी अधिक स्मारक चिह्न हैं। इनमें मंदिर, महल, तहख़ाने, जल-खंडहर, पुराने बाज़ार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष....

नई!!: कर्नाटक और हम्पी · और देखें »

हरिहर

दायें विष्णु तथा बायें शंकर। इन्हें 'शिवकेशव' भी कहते हैं। हिन्दू धर्म में, विष्णु (.

नई!!: कर्नाटक और हरिहर · और देखें »

हर्मैन मोग्लिंग

हर्मैन मोग्लिंग का चित्र, कामत्स पॉट पौउरी पर हर्मैन मोग्लिंग (१८११-१८८१) बेसल मिशन से एक जर्मन मिशनरी थे, जिनके जीवन का अधिकांश भाग पश्चिमी कर्नाटक क्षेत्र में बीता। इन्हें ही प्रथम कन्नड़ समाचार पत्र मंगलुरु समाचार के १८४३ में प्रकाशन का श्रेय भि जाता है।Hermann Mögling's contribution to the Kannada literature is mentioned by इन्हें अपने कन्नड़ कार्य बाइब्लिओथेका कैर्नाटेका के लिये डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली थी। इन्होंने बहुत से कन्नड़ कार्यों का जर्मन भाषा में अनुवाद भी किया था। .

नई!!: कर्नाटक और हर्मैन मोग्लिंग · और देखें »

हाथी

अफ़्रीकी हाथी का कंकाल हाथी जमीन पर रहने वाला एक विशाल आकार का प्राणी है। यह जमीन पर रहने वाला सबसे विशाल स्तनपायी है। यह एलिफैन्टिडी कुल और प्रोबोसीडिया गण का प्राणी है। आज एलिफैन्टिडी कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ऍलिफ़स तथा लॉक्सोडॉण्टा। तीसरी प्रजाति मैमथ विलुप्त हो चुकी है।जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- ''लॉक्सोडॉण्टा'' प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) तथा (अफ़्रीकी जंगलों का हाथी) - और ऍलिफ़स जाति का भारतीय या एशियाई हाथी।हालाँकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,अन्य मानते हैं कि पश्चिमी अफ़्रीका का हाथी चौथी जाति है।ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले हिमयुग में ही विलुप्त हो गई थीं, हालाँकि मैमथ का बौना स्वरूप सन् २००० ई.पू.

नई!!: कर्नाटक और हाथी · और देखें »

हासन जिला

हासन भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय हासन है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और हासन जिला · और देखें »

हावेरी जिला

हावेरी भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और हावेरी जिला · और देखें »

हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड

हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत का एक सार्वजनिक प्रतिष्ठान है, जो हवाई संयन्त्र निर्माण करता है। इसका मुख्यालय बंगलुरु में है। दिसम्बर, १९४० में भूतपूर्व मैसूर राजसी राज्य एवं असाधारण दूरद्रष्टा उद्यमी श्री सेठ वालचन्द हीराचन्द के सहयोग से बेंगलूर में शुरु हुआ। एच ए एल की आपूर्तियाँ / सेवाएँ प्रमुख रूप से भारतीय रक्षा सेनाओं, तटरक्षक तथा सीमा सुरक्षा बल के लिए हैं। भारतीय विमान - वाहकों तथा राज्य सरकारों को भी परिवहन विमानों तथा हेलिकाप्टरों की पूर्ति की गयी है। कंपनी ने गुणवत्ता एवं किफायती दरों के माध्यम से ३० से अधिक देशों में निर्यात क्षेत्र में पदार्पण किया है। आज भारत भर में एच ए एल की १६ उत्पादन इकाइयाँ एवं ९ अनुसंधान व विकास केन्द्र हैं। इसके उत्पाद-क्रम में देशीय अनुसंधान व विकास के अधीन १२ प्रकार के विमान एवं लाइसेंस के अधीन १३ प्रकार के विमान हैं। एच ए एल द्वारा अब तक ३३०० से भी अधिक विमानों, ३४०० से अधिक विमान-इंजनों का उत्पादन तथा ७७०० से अधिक विमानों एवं २६,००० से अधिक इंजनों का ओवरहाल किया गया है। एच ए एल को अनुसंधान व विकास, प्रौद्योगिकी, प्रबंधकीय निष्पादन, निर्यात, ऊर्जा की बचत, गुणवत्ता एवं सामाजिक दायित्वों के निर्वहण में अनेक अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। गुणवत्ता एवं दक्षता में कारपोरेट उपलब्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय सूचना एवं विपणन केन्द्र (आई आई एम सी) ने मेसर्स ग्लोबल रेटिंग, युनाइटेड किंगडम के संयोजन से मेसर्स हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड को अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (वैश्विक मूल्यांकन नेता २००३), लंदन, यू.के.

नई!!: कर्नाटक और हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड · और देखें »

हिन्दुस्तान मशीन टूल्स

हिन्दुस्तान मशीन टूल्स भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। इसकी स्थापना १९५३ में भारत सरकार द्वारा यन्त्र उपकरण निर्माण उद्योग के रूप में की थी| इस समय कंपनी घड़ी, ट्रैक्टर, मुद्रण यन्त्र समूह, धातु अभिरूपण साँचे, रूपदा संचकन (die casting) एवं प्‍लास्टिक प्रसंस्करण यन्त्र समूह आदि के विनिर्माण क्षेत्र में कार्यरत है | हिन्दुस्तान मशीन टूल्स की, देश भर में, नौ स्थानों पर विनिर्माण ईकाईयां हैं| हिन्दुस्तान मशीन टूल्स के अंतर्गत पांच अनुषंगी कंपनियां हैं, जो एक नियंत्रक कंपनी के नियंत्रण क्षेत्र में आती हैं| यह नियंत्रक कंपनी ट्रैक्टर व्यापार का भी सीधे नियंत्रण करती है| .

नई!!: कर्नाटक और हिन्दुस्तान मशीन टूल्स · और देखें »

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत भारतीय शास्त्रीय संगीत के दो प्रमुख शैली में से एक है। दूसरी प्रमुख शैली है - कर्नाटक संगीत। यह एक परम्प्रिक उद्विकासी है जिसने 11वीं और 12वीं शताब्दी में मुस्लिम सभ्यता के प्रसार ने भारतीय संगीत की दिशा को नया आयाम दिया। यह दिशा प्रोफेसर ललित किशोर सिंह के अनुसार यूनानी पायथागॉरस के ग्राम व अरबी फ़ारसी ग्राम के अनुरूप आधुनिक बिलावल ठाठ की स्थापना मानी जा सकती है। इससे पूर्व काफी ठाठ शुद्ध मेल था। किंतु शुद्ध मेल के अतिरिक्त उत्तर भारतीय संगीत में अरबी-फ़ारसी अथवा अन्य विदेशी संगीत का कोई दूसरा प्रभाव नहीं पड़ा। "मध्यकालीन मुसलमान गायकों और नायकों ने भारतीय संस्कारों को बनाए रखा।" राजदरबार संगीत के प्रमुख संरक्षक बने और जहां अनेक शासकों ने प्राचीन भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा को प्रोत्साहन दिया वहीं अपनी आवश्यकता और रुचि के अनुसार उन्होंने इसमें अनेक परिवर्तन भी किए। हिंदुस्तानी संगीत केवल उत्तर भारत का ही नहीं। बांगलादेश और पाकिस्तान का भी शास्त्रीय संगीत है। .

नई!!: कर्नाटक और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत · और देखें »

हिन्दू

शब्द हिन्दू किसी भी ऐसे व्यक्ति का उल्लेख करता है जो खुद को सांस्कृतिक रूप से, मानव-जाति के अनुसार या नृवंशतया (एक विशिष्ट संस्कृति का अनुकरण करने वाले एक ही प्रजाति के लोग), या धार्मिक रूप से हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ मानते हैं।Jeffery D. Long (2007), A Vision for Hinduism, IB Tauris,, pages 35-37 यह शब्द ऐतिहासिक रूप से दक्षिण एशिया में स्वदेशी या स्थानीय लोगों के लिए एक भौगोलिक, सांस्कृतिक, और बाद में धार्मिक पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त किया गया है। हिन्दू शब्द का ऐतिहासिक अर्थ समय के साथ विकसित हुआ है। प्रथम सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व में सिंधु की भूमि के लिए फारसी और ग्रीक संदर्भों के साथ, मध्ययुगीन युग के ग्रंथों के माध्यम से, हिंदू शब्द सिंधु (इंडस) नदी के चारों ओर या उसके पार भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लोगों के लिए भौगोलिक रूप में, मानव-जाति के अनुसार (नृवंशतया), या सांस्कृतिक पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त होने लगा था।John Stratton Hawley and Vasudha Narayanan (2006), The Life of Hinduism, University of California Press,, pages 10-11 16 वीं शताब्दी तक, इस शब्द ने उपमहाद्वीप के उन निवासियों का उल्लेख करना शुरू कर दिया, जो कि तुर्किक या मुस्लिम नहीं थे। .

नई!!: कर्नाटक और हिन्दू · और देखें »

हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

नई!!: कर्नाटक और हिन्दी · और देखें »

हुबली

हुबली भारत के कर्नाटक प्रांत का एक प्रमुख नगर है। यह धारवाड़ नगर से 24 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है और दक्षिणी रेलवे का केन्द्रिय कार्यालय यहा है। यह कपास, अनाज, नमक, ताँबे के बरतन, साबुन एवं खाद के व्यापार का प्रमुख केंद्र है। नगर में सूत कातने, कपास ओटने और गाँठ बाँधने के कारखाने हैं। यहाँ रेलवे का वर्कशाप तथा वस्त्र बुनने की मिल है। यहाँ सेना की छावनी है। .

नई!!: कर्नाटक और हुबली · और देखें »

हुबली विमानक्षेत्र

हुबली विमानक्षेत्र कर्नाटक स्थित हवाईअड्डा है। श्रेणी:भारत में विमानक्षेत्र.

नई!!: कर्नाटक और हुबली विमानक्षेत्र · और देखें »

हैलेबिडु

हैलेबिडु (कन्नड़ ಹಳೆಬೀಡು) कर्नाटक राज्य के हसन जिला में स्थित है। इसे पूर्व में दोरसमुद्र या द्वारसमुद्र भी कहा जाता था। यह होयसाल राजवंश की राजधानी रहा है। इस कारण यह होयसाल स्थापात्य कला का अद्भुत केन्द्र है, जिसके मुख्य नमूने हैं होयसालेश्वर और केदारेश्वर मंदिर। वर्तमान हैलेबिडु का अर्थ है नष्ट शहर। इस शहर को बहमनी साम्राज्य द्वारा दो बार नष्ट किया गया था। हेलिबिड को भारतीय मंदिर और शिल्प कला का दर्शन कराने वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। बेलूर के संग जुड़वा नगर कही जाने वाली यह जगह तीन शताब्दियों तक (११वीं शताब्दी के मध्य से १४वीं शताब्दी के मध्य तक) होयसल वंश का गढ़ था। बेलूर-हेलिबिड की स्थापना जन अनुयायी नृपा कामा ने की थी। लेकिन इसे वास्तविक प्रसिद्धि होयसला वंश के शासन काल में बने मंदिरों के लिए मिली। होयसला शासक कला और शिल्प के संरक्षक थे। बेलूर और हेलिबिड में इन्होंने भव्य मंदिरों का निर्माण कराया जो आज भी उसी शान से खड़े हैं। .

नई!!: कर्नाटक और हैलेबिडु · और देखें »

होयसल राजवंश

होयसल प्राचीन दक्षिण भारत का एक राजवंश था। इसने दसवीं से चौदहवीं शताब्दी तक राज किया। होयसल शासक पश्चिमी घाट के पर्वतीय क्षेत्र वाशिन्दे थे पर उस समय आस पास चल रहे आंतरिक संघर्ष का फायदा उठाकर उन्होने वर्तमान कर्नाटक के लगभग सम्पूर्ण भाग तथा तमिलनाडु के कावेरी नदी की उपजाऊ घाटी वाले हिस्से पर अपना अधिकार जमा लिया। इन्होंने ३१७ वर्ष राज किया। इनकी राजधानी पहले बेलूर थी पर बाद में स्थानांतरित होकर हालेबिदु हो गई। Siegessäule in चेन्नकेशव मंदिर, बेलूर Shiva und Parvati, होयसलेश्वर मंदिर, हालेबिदु .

नई!!: कर्नाटक और होयसल राजवंश · और देखें »

हीनयान

हीनयान थेरवाद अथवा 'स्थविरवाद' रूढिवादी बौद्ध परम्परा है। .

नई!!: कर्नाटक और हीनयान · और देखें »

जनता दल

जनता दल भारत में एक राजनीतिक दल है। श्रेणी:भारत के राजनीतिक दल श्रेणी:आधार.

नई!!: कर्नाटक और जनता दल · और देखें »

जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

भारत उनतीस राज्यों और सात केन्द्र शासित प्रदेशों का एक संघ है। सन् 2009 में, लगभग 1.15 अरब की जनसंख्या के साथ भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत के पास विश्व की कुल भूक्षेत्र का 2.4% भाग है, लेकिन यह विश्व की 17% जनसंख्या का निवास स्थान है। गंगा के मैदानी क्षेत्र विश्व के सबसे विशाल उपजाऊ फैलावों में से एक हैं और यह विश्व के सबसे सघन बसे क्षेत्रों में से एक है। दक्कन के पठार के पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्र भी विश्व के सबसे सघन क्षेत्रों में हैं। पश्चिमी राजस्थान में स्थित थार मरुस्थल विश्व के सबसे सघन मरुस्थलों में से एक है। उत्तर और उत्तर-पूर्व में हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में बसे राज्यों में ठंडे शुष्क मरुस्थल और उपजाऊ घाटियां हैं। कठिन संरचना के कारण इन राज्यों में देश के अन्य भागों की तुलना में जनसंख्या घनत्व कम है। .

नई!!: कर्नाटक और जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र · और देखें »

जय भारत जननीय तनुजते

जय भारत जननीय तनुजते (ಜಯ ಭಾರತ ಜನನಿಯ ತನುಜಾತೆ) एक कन्नड़ कविता है, जिसका संपादन भारतीय कन्नड़ कवि कुवेम्पु ने किया था। यह कविता ६ जनवरी २००४ को कर्नाटक राज्य काई आधिकारिक गान घोषित हुई थी। .

नई!!: कर्नाटक और जय भारत जननीय तनुजते · और देखें »

जयसिंह

जय सिंह नाम के व्यक्ति.

नई!!: कर्नाटक और जयसिंह · और देखें »

जलप्रपात

जल प्रपात एक प्रमुख प्रवाही जल (नदी) कृत अपरदनात्मक स्थलरुप हैं। .

नई!!: कर्नाटक और जलप्रपात · और देखें »

ज़ी कन्नड़

ज़ी कन्नड़ एक कन्नड़ टीवी चैनल है। यह एक मनोरंजन चैनल है। श्रेणी:कन्नड़ चैनल.

नई!!: कर्नाटक और ज़ी कन्नड़ · और देखें »

जवागल श्रीनाथ

जवागल श्रीनाथ एक पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है। श्रीनाथ अपने समय में भारतीय टीम के लिए टेस्ट तथा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला करते थे। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:भारतीय टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी.

नई!!: कर्नाटक और जवागल श्रीनाथ · और देखें »

ज्ञानपीठ पुरस्कार

पुरस्कार-प्रतीकः वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई २२ भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। १९६५ में १ लाख रुपये की पुरस्कार राशि से प्रारंभ हुए इस पुरस्कार को २००५ में ७ लाख रुपए कर दिया गया जो वर्तमान में ग्यारह लाख रुपये हो चुका है। २००५ के लिए चुने गये हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे जिन्हें ७ लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार १९६५ में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। उस समय पुरस्कार की धनराशि १ लाख रुपए थी। १९८२ तक यह पुरस्कार लेखक की एकल कृति के लिये दिया जाता था। लेकिन इसके बाद से यह लेखक के भारतीय साहित्य में संपूर्ण योगदान के लिये दिया जाने लगा। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक सात बार यह पुरस्कार पा चुके हैं। यह पुरस्कार बांग्ला को ५ बार, मलयालम को ४ बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को तीन-तीन बार, असमिया, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को दो-दो बार मिल चुका है। .

नई!!: कर्नाटक और ज्ञानपीठ पुरस्कार · और देखें »

ज्वार

ज्वार ज्वार के दाने ज्वार (Sorghum vulgare; संस्कृत: यवनाल, यवाकार या जूर्ण) एक प्रमुख फसल है। ज्वार कम वर्षा वाले क्षेत्र में अनाज तथा चारा दोनों के लिए बोई जाती हैं। ज्वार जानवरों का महत्वपूर्ण एवं पौष्टिक चारा हैं। भारत में यह फसल लगभग सवा चार करोड़ एकड़ भूमि में बोई जाती है। यह खरीफ की मुख्य फसलों में है। यह एक प्रकार की घास है जिसकी बाली के दाने मोटे अनाजों में गिने जाते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और ज्वार · और देखें »

जैन दर्शन

जैन दर्शन एक प्राचीन भारतीय दर्शन है। इसमें अहिंसा को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। जैन धर्म की मान्यता अनुसार 24 तीर्थंकर समय-समय पर संसार चक्र में फसें जीवों के कल्याण के लिए उपदेश देने इस धरती पर आते है। लगभग छठी शताब्दी ई॰ पू॰ में अंतिम तीर्थंकर, भगवान महावीर के द्वारा जैन दर्शन का पुनराव्रण हुआ । इसमें वेद की प्रामाणिकता को कर्मकाण्ड की अधिकता और जड़ता के कारण मिथ्या बताया गया। जैन दर्शन के अनुसार जीव और कर्मो का यह सम्बन्ध अनादि काल से है। जब जीव इन कर्मो को अपनी आत्मा से सम्पूर्ण रूप से मुक्त कर देता हे तो वह स्वयं भगवान बन जाता है। लेकिन इसके लिए उसे सम्यक पुरुषार्थ करना पड़ता है। यह जैन धर्म की मौलिक मान्यता है। सत्य का अनुसंधान करने वाले 'जैन' शब्द की व्युत्पत्ति ‘जिन’ से मानी गई है, जिसका अर्थ होता है- विजेता अर्थात् वह व्यक्ति जिसने इच्छाओं (कामनाओं) एवं मन पर विजय प्राप्त करके हमेशा के लिए संसार के आवागमन से मुक्ति प्राप्त कर ली है। इन्हीं जिनो के उपदेशों को मानने वाले जैन तथा उनके साम्प्रदायिक सिद्धान्त जैन दर्शन के रूप में प्रख्यात हुए। जैन दर्शन ‘अर्हत दर्शन’ के नाम से भी जाना जाता है। जैन धर्म में चौबीस तीर्थंकर (महापुरूष, जैनों के ईश्वर) हुए जिनमें प्रथम ऋषभदेव तथा अन्तिम महावीर (वर्धमान) हुए। इनके कुछ तीर्थकरों के नाम ऋग्वेद में भी मिलते हैं, जिससे इनकी प्राचीनता प्रमाणित होती है। जैन दर्शन के प्रमुख ग्रन्थ प्राकृत (मागधी) भाषा में लिखे गये हैं। बाद में कुछ जैन विद्धानों ने संस्कृत में भी ग्रन्थ लिखे। उनमें १०० ई॰ के आसपास आचार्य उमास्वामी द्वारा रचित तत्त्वार्थ सूत्र बड़ा महत्वपूर्ण है। वह पहला ग्रन्थ है जिसमें संस्कृत भाषा के माध्यम से जैन सिद्धान्तों के सभी अंगों का पूर्ण रूप से वर्णन किया गया है। इसके पश्चात् अनेक जैन विद्वानों ने संस्कृत में व्याकरण, दर्शन, काव्य, नाटक आदि की रचना की। संक्षेप में इनके सिद्धान्त इस प्रकार हैं- .

नई!!: कर्नाटक और जैन दर्शन · और देखें »

जैन धर्म

जैन ध्वज जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। 'जैन धर्म' का अर्थ है - 'जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म'। जो 'जिन' के अनुयायी हों उन्हें 'जैन' कहते हैं। 'जिन' शब्द बना है 'जि' धातु से। 'जि' माने - जीतना। 'जिन' माने जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी वाणी को जीत लिया और अपनी काया को जीत लिया और विशिष्ट ज्ञान को पाकर सर्वज्ञ या पूर्णज्ञान प्राप्त किया उन आप्त पुरुष को जिनेश्वर या 'जिन' कहा जाता है'। जैन धर्म अर्थात 'जिन' भगवान्‌ का धर्म। अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धान्त है। जैन दर्शन में सृष्टिकर्ता कण कण स्वतंत्र है इस सॄष्टि का या किसी जीव का कोई कर्ता धर्ता नही है।सभी जीव अपने अपने कर्मों का फल भोगते है।जैन धर्म के ईश्वर कर्ता नही भोगता नही वो तो जो है सो है।जैन धर्म मे ईश्वरसृष्टिकर्ता इश्वर को स्थान नहीं दिया गया है। जैन ग्रंथों के अनुसार इस काल के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव आदिनाथ द्वारा जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ था। जैन धर्म की अत्यंत प्राचीनता करने वाले अनेक उल्लेख अ-जैन साहित्य और विशेषकर वैदिक साहित्य में प्रचुर मात्रा में हैं। .

नई!!: कर्नाटक और जैन धर्म · और देखें »

जैन ग्रंथ

जैन साहित्य बहुत विशाल है। अधिकांश में वह धार्मिक साहित्य ही है। संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओं में यह साहित्य लिखा गया है। महावीर की प्रवृत्तियों का केंद्र मगध रहा है, इसलिये उन्होंने यहाँ की लोकभाषा अर्धमागधी में अपना उपदेश दिया जो उपलब्ध जैन आगमों में सुरक्षित है। ये आगम ४५ हैं और इन्हें श्वेतांबर जैन प्रमाण मानते हैं, दिगंबर जैन नहीं। दिंगबरों के अनुसार आगम साहित्य कालदोष से विच्छिन्न हो गया है। दिगंबर षट्खंडागम को स्वीकार करते हैं जो १२वें अंगदृष्टिवाद का अंश माना गया है। दिगंबरों के प्राचीन साहित्य की भाषा शौरसेनी है। आगे चलकर अपभ्रंश तथा अपभ्रंश की उत्तरकालीन लोक-भाषाओं में जैन पंडितों ने अपनी रचनाएँ लिखकर भाषा साहित्य को समृद्ध बनाया। आदिकालीन साहित्य में जैन साहित्य के ग्रन्थ सर्वाधिक संख्या में और सबसे प्रमाणिक रूप में मिलते हैं। जैन रचनाकारों ने पुराण काव्य, चरित काव्य, कथा काव्य, रास काव्य आदि विविध प्रकार के ग्रंथ रचे। स्वयंभू, पुष्प दंत, हेमचंद्र, सोमप्रभ सूरी आदि मुख्य जैन कवि हैं। इन्होंने हिंदुओं में प्रचलित लोक कथाओं को भी अपनी रचनाओं का विषय बनाया और परंपरा से अलग उसकी परिणति अपने मतानुकूल दिखाई। .

नई!!: कर्नाटक और जैन ग्रंथ · और देखें »

जैवप्रौद्योगिकी

जैवप्रौद्योगिकी या जैवतकनीकी तकनीकी का वो विषय है जो अभियान्त्रिकी और तकनीकी के डाटा और तरीकों को जीवों और जीवन तन्त्रों से सम्बन्धित अध्ययन और समस्या के समाधान के लिये उपयोग करता है। जिन विश्वविद्यालयों में ये अलग निकाय नहीं होता, वहाँ इसे रासायनिक अभियान्त्रिकी, रसायन शास्त्र या जीव विज्ञान निकाय में रख दिया जाता है। जैव प्रौद्योगिकी लागू जीव विज्ञान के एक क्षेत्र है कि इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और अन्य bioproducts आवश्यकता क्षेत्रों में रहने वाले जीवों और bioprocesses का इस्तेमाल शामिल है। जैव प्रौद्योगिकी भी निर्माण प्रयोजन के लिए इन उत्पादों का इस्तेमाल करता.

नई!!: कर्नाटक और जैवप्रौद्योगिकी · और देखें »

जोलड रोट्टी

जोलड़ रोटी (ಜೋಳದ ರೊಟ್ಟಿ) एक विशिष्ट उत्तर कर्नाटक का व्यंजन है। यह ज्वार से बनी एक प्रकार की रोटी होती है। श्रेणी:कन्नड़ खाना.

नई!!: कर्नाटक और जोलड रोट्टी · और देखें »

जोग जल प्रपात

जोग जल प्रपात जोग प्रपात कर्नाटक में शरावती नदी पर है। यह चार छोटे-छोटे प्रपातों - राजा, राकेट, रोरर और दाम ब्लाचें - से मिलकर बना है। इसका जल 250 मीटर की ऊँचाई से गिरकर बड़ा सुन्दर दृश्य उपस्थित करता है। इसका एक अन्य नाम जेरसप्पा भी है। .

नई!!: कर्नाटक और जोग जल प्रपात · और देखें »

ईटीवी कन्नड़

ईटीवी कन्नड़ एक कन्नड़ टीवी चैनल है। यह एक मनोरंजन चैनल है। श्रेणी:कन्नड़ चैनल.

नई!!: कर्नाटक और ईटीवी कन्नड़ · और देखें »

ईसाई धर्म

'''ईद्भास/क्रॉस''' - यह ईसाई धर्म का निशान है ईसाई धर्म (अन्य प्रचलित नाम:मसीही धर्म व क्रिश्चियन धर्म) एक इब्राहीमीChristianity's status as monotheistic is affirmed in, amongst other sources, the Catholic Encyclopedia (article ""); William F. Albright, From the Stone Age to Christianity; H. Richard Niebuhr; About.com,; Kirsch, God Against the Gods; Woodhead, An Introduction to Christianity; The Columbia Electronic Encyclopedia; The New Dictionary of Cultural Literacy,; New Dictionary of Theology,, pp.

नई!!: कर्नाटक और ईसाई धर्म · और देखें »

वर्ग मील

वर्ग मील क्षेत्रफल की इकाई कै। यह मील गुणा मील होता है। श्रेणी:क्षेत्रफल की इकाई.

नई!!: कर्नाटक और वर्ग मील · और देखें »

विधान परिषद

विधान परिषद कुछ भारतीय राज्यों में लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं। विधान परिषद विधानमंडल का अंग है। आंध्र प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के रूप में, (उन्तीस में से) सात राज्यों में विधान परिषद है। इसके अलावा, राजस्थान और असम को भारत की संसद ने अपने स्वयं के विधान परिषद बनाने की मंजूरी दे दी है। .

नई!!: कर्नाटक और विधान परिषद · और देखें »

विधान सभा

विधान सभा या वैधानिक सभा जिसे भारत के विभिन्न राज्यों में निचला सदन(द्विसदनीय राज्यों में) या सोल हाउस (एक सदनीय राज्यों में) भी कहा जाता है। दिल्ली व पुडुचेरी नामक दो केंद्र शासित राज्यों में भी इसी नाम का प्रयोग निचले सदन के लिए किया जाता है। 7 द्विसदनीय राज्यों में ऊपरी सदन को विधान परिषद कहा जाता है। विधान सभा के सदस्य राज्यों के लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि उन्हें किसी एक राज्य के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर चुना जाता है। इसके अधिकतम आकार को भारत के संविधान के द्वारा निर्धारित किया गया है जिसमें 500 से अधिक व् 60 से कम सदस्य नहीं हो सकते। हालाँकि विधान सभा का आकार 60 सदस्यों से कम हो सकता है संसद के एक अधिनियम के द्वारा: जैसे गोवा, सिक्किम, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी। कुछ राज्यों में राज्यपाल 1 सदस्य को अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त कर सकता है, उदा० ऐंग्लो इंडियन समुदाय अगर उसे लगता है कि सदन में अल्पसंख्यकों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। राज्यपाल के द्वारा चुने गए या नियुक्त को विधान सभा सदस्य या MLA कहा जाता है। प्रत्येक विधान सभा का कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है जिसके बाद पुनः चुनाव होता है। आपातकाल के दौरान, इसके सत्र को बढ़ाया जा सकता है या इसे भंग किया जा सकता है। विधान सभा का एक सत्र वैसे तो पाँच वर्षों का होता है पर लेकिन मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्यपाल द्वारा इसे पाँच साल से पहले भी भंग किया जा सकता है। विधानसभा का सत्र आपातकाल के दौरान बढ़ाया जा सकता है लेकिन एक समय में केवल छः महीनों के लिए। विधान सभा को बहुमत प्राप्त या गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने पर भी भंग किया जा सकता है। .

नई!!: कर्नाटक और विधान सभा · और देखें »

विधान सौध

१९५८ में निर्मित बेंगलुरु का विधान सौध, कर्नाटक सरकार के सचिवालय और राज्य की विधान सभा के कार्यस्थल के रूप में उपयोग में लाया जाता है। बेंगलुरु ग्रेनाइट से नव-द्रविड़ शैली में बनी यह इमारत भारतीय स्थापत्य कला का शानदार उदाहरण है। इसे रविवार रात्रि के समय कृत्रिम प्रकाश में देखना सुखद अनुभव है। .

नई!!: कर्नाटक और विधान सौध · और देखें »

विधायक

विधानसभा का सदस्य (संक्षेप में एमएलए) या विधानमंडल का सदस्य (संक्षेप में एमएल) वह प्रतिनिधि है जिसे किसी निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा एक उप-राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र के विधानमंडल (लेजिस्लेचर) या विधानसभा (लेजिस्लेटिव एसेंबली) के लिए चुना जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और विधायक · और देखें »

विप्रो

विप्रो लिमिटेड, भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है, जिसका मुख्यालय बेंगलूर में है। इसकी स्थापना १९६६ में एक व्यवसायी के पुत्र अज़ीम प्रेमजी ने किया था। आज इसकी आय कोई 350 अरब रुपये प्रतिवर्ष है और मुनाफ़ा कोई 70 अरब रुपये। यह सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की सेवा कंपनी है। १९७७ में जनता सरकार के समय विदेशी कंपनियों (जैसे IBM) के भारत छोड़ने के आदेश के बाद इसके व्यवसाय में असरदार इजाफ़ा हुआ था। आज यह एक बहु व्यवसाय तथा बहु स्थान कंपनी के रूप में उभरी है। इसका व्यसाय उपभोक्ता उत्पादों, अधोसरंचना यांत्रिकी से विशिष्ट सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों और सेवाओं तक विस्तारीत है। कंपनी की आंतरिक कार्यप्रणाली अन्य सॉफ्टवेर कंपनियों के मुकाबले अधिक सख़्त है। .

नई!!: कर्नाटक और विप्रो · और देखें »

विमानक्षेत्र

दक्षिण कोरिया के इंचेयन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र की टर्मिनल बिल्डिंग। यह एक बडआ विमानक्षेत्र माना जाता है। मेक्सिको का मेक्सिको सिटी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र का टर्मिनल-२। यह दक्षिण अमरीका का सबसे बडआ विमानक्षेत्र है सुवर्णभूमि विमानक्षेत्र, बैंगकाक, का यात्री टर्मिनल, थाईलैंड बार्रा विमानक्षेत्र, स्कॉटलैंड विमानक्षेत्र, जो कि तटीय उड़ानपट्टी का प्रयोग रिगणित या अनुसूचित उड़ानों के लिए करता है। पारापारौमु विमानक्षेत्र, एक छोटा विमानक्षेत्र जेटब्लू एयरवेज़ का विमान चिबाओ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, सैन्टियागो, डोमिनिकन गणराज्य में विमानक्षेत्र या हवाई अड्डा वह स्थान होता है, जहां कोई भी वायु वाहन, जैसे वायुयान (ऐरोप्लेन), हैलीकॉप्टर, इत्यादि उड़ान भरते और उतरते हैं। विमानों को यहां भंडारण भी किया जा सकता है। एक विमानक्षेत्र में कम से कम एक उड़ान पट्टी अवश्य होती है, एक हैलीपैड और टर्मिनल इमारत भी होती हैं। इनके अलावा हैंगर भी हो सकते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और विमानक्षेत्र · और देखें »

विशिष्टाद्वैत

विशिष्टाद्वैत (विशिष्ट+अद्वैत) आचार्य रामानुज (सन् 1037-1137 ईं.) का प्रतिपादित किया हुआ यह दार्शनिक मत है। इसके अनुसार यद्यपि जगत् और जीवात्मा दोनों कार्यतः ब्रह्म से भिन्न हैं फिर भी वे ब्रह्म से ही उदभूत हैं और ब्रह्म से उसका उसी प्रकार का संबंध है जैसा कि किरणों का सूर्य से है, अतः ब्रह्म एक होने पर भी अनेक हैं। इस सिद्धांत में आदि शंकराचार्य के मायावाद का खंडन है। शंकराचार्य ने जगत को माया करार देते हुए इसे मिथ्या बताया है। लेकिन रामानुज ने अपने सिद्धांत में यह स्थापित किया है कि जगत भी ब्रह्म ने ही बनाया है। परिणामस्वरूप यह मिथ्या नहीं हो सकता। .

नई!!: कर्नाटक और विशिष्टाद्वैत · और देखें »

विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

नई!!: कर्नाटक और विश्व धरोहर · और देखें »

विश्व स्नूकर चैंपियनशिप

विश्व स्नूकर चैम्पियनशिप विश्व भर में आयोजित होने वाला व्यावसायिक स्नूकर प्रतियोगिता/टूर्नामेण्ट है। .

नई!!: कर्नाटक और विश्व स्नूकर चैंपियनशिप · और देखें »

विश्वेश्वरैया उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान

विश्वेश्वरैया उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान (विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट ऑफ एड्वांस्ड टेक्नोलॉजी), जिसे वीआईएटी भी कहते हैं, मुद्दनहल्ली-कानिवेनारायणपुरा, कर्नाटक में निर्माणाधीन एक उन्नत प्रौद्योगिकी अभियांत्रिकी संस्थान है। संस्थान नंदी हिल्स के निकट लगभग ६०० करोड़ रु की लागत से तैयार हो रहा है। .

नई!!: कर्नाटक और विश्वेश्वरैया उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान · और देखें »

विजयनगर

विजयनगर साम्राज्य की राजधानी; अब यह हम्पी (पम्पा से निकला हुआ) नगर है। .

नई!!: कर्नाटक और विजयनगर · और देखें »

विजयनगर साम्राज्य

विजयनगर साम्राज्य - १५वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य (1336-1646) मध्यकालीन दक्षिण भारत का एक साम्राज्य था। इसके राजाओं ने ३१० वर्ष राज किया। इसका वास्तविक नाम कर्णाटक साम्राज्य था। इसकी स्थापना हरिहर और बुक्का राय नामक दो भाइयों ने की थी। पुर्तगाली इसे बिसनागा राज्य के नाम से जानते थे। इस राज्य की १५६५ में भारी पराजय हुई और राजधानी विजयनगर को जला दिया गया। उसके पश्चात क्षीण रूप में यह और ८० वर्ष चला। राजधानी विजयनगर के अवशेष आधुनिक कर्नाटक राज्य में हम्पी शहर के निकट पाये गये हैं और यह एक विश्व विरासत स्थल है। पुरातात्त्विक खोज से इस साम्राज्य की शक्ति तथा धन-सम्पदा का पता चलता है। .

नई!!: कर्नाटक और विजयनगर साम्राज्य · और देखें »

विजया बैंक

विजया बैंक, बंगलौर, कर्नाटक, भारत में अपने कॉर्पोरेट कार्यालय के साथ एक सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है। यह भारत में राष्ट्रीयकृत बैंकों में से एक है। बैंक अपने विभिन्न वितरण चैनलों के माध्यम से ग्राहकों को वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। बैंक का देश भर में १९०० शाखाओं (अगस्त २०१६) का नेटवर्क है और १६५१ एटीएम सहित ३,५०० से अधिक ग्राहक स्पर्श अंक हैं। विजया बैंक की स्थापना श्री के नेतृत्व में किसानों के एक समूह ने की थी। अत्तार बालकृष्ण शेट्टी २३ अक्टूबर १९३१ को कर्नाटक राज्य के दक्षिणा कन्नड़ जिले के मंगलौर में। चूंकि यह शुभ विजयदाष्मी दिवस पर स्थापित किया गया था, इसका नाम 'विजया बैंक' था। १९३१ में विजया बैंक का जन्म १९२७-३० की महामंदी से उत्पन्न आर्थिक अराजकता से पहले किया गया था। विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ा। कृषकों की दयनीय परिस्थितियों से प्रेरित, श्री अतावारा बालकृष्ण शेट्टी अपने कष्टों को खत्म करने के लिए कुछ संस्थागत उपाय तैयार करने के लिए निर्धारित थे। श्री बी.बी.

नई!!: कर्नाटक और विजया बैंक · और देखें »

वजुभाई वाला

वजुभाई वाला (जन्म: 23 जनवरी 1939) एक भारतीय राजनेता हैं। वर्तमान में वे कर्नाटक के राज्यपाल हैं। इसके पूर्व वे गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष थे। .

नई!!: कर्नाटक और वजुभाई वाला · और देखें »

वेंकटेश प्रसाद

वेंकटेश प्रसाद एक पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है। प्रसाद अपने समय में भारतीय टीम के लिए टेस्ट तथा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला करते थे। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:भारतीय टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:जीवित लोग.

नई!!: कर्नाटक और वेंकटेश प्रसाद · और देखें »

वीरप्पा मोइली

श्री वीरप्पा मोइली को भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में क़ानून एवं न्याय मंत्रालय में मंत्री बनाया गया है। श्रेणी:भारत सरकार के मंत्री श्रेणी:भारत सरकार के मंत्री श्रेणी:1940 में जन्मे लोग श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्रेणी:मूर्तिदेवी पुरस्कार प्राप्तकर्ता.

नई!!: कर्नाटक और वीरप्पा मोइली · और देखें »

खो-खो

खो-खो खेल खो-खो एक भारतीय मैदानी खेल है। इस खेल में मैदान के दोनो ओर दो खम्भों के अतिरिक्त किसी अन्य साधन की जरूरत नहीं पड़ती। यह एक अनूठा स्वदेशी खेल है, जो युवाओं में ओज और स्वस्थ संघर्षशील जोश भरने वाला है। यह खेल पीछा करने वाले और प्रतिरक्षक, दोनों में अत्यधिक तंदुरुस्ती, कौशल, गति और ऊर्जा की माँग करता है। खो-खो किसी भी तरह की सतह पर खेला जा सकता है। .

नई!!: कर्नाटक और खो-खो · और देखें »

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था।गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस प्रतिमा का नो दिन तक पूजन किया जाता है। बड़ी संख्या में आस पास के लोग दर्शन करने पहुँचते है। नो दिन बाद गाजे बाजे से श्री गणेश प्रतिमा को किसी तालाब इत्यादि जल में विसर्जित किया जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और गणेश चतुर्थी · और देखें »

गदग जिला

गदग भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और गदग जिला · और देखें »

गिल्ली डंडा

गिल्ली डंडा गिल्ली डंडा पूरे भारत में काफी प्रसिद्ध खेल है। इसे सामान्यतः एक बेलनाकार लकड़ी से खेला जाता है जिसकी लंबाई बेसबॉल या क्रिकेट के बल्ले के बराबर होती है। इसी की तरह की छोटी बेलनाकार लकड़ी को गिल्ली कहते हैं जो किनारों से थोड़ी नुकीली या घिसी हुई होती है। खेल का उद्देश्य डंडे से गिल्ली को मारना है। गिल्ली को ज़मीन पर रखकर डंडे से किनारों पर मारते हैं जिससे गिल्ली हवा में उछलती है। गिल्ली को हवा में ही ज़मीन पर गिरने से पहले फिर डंडे से मारते हैं। जो खिलाड़ी सबसे ज्यादा दूर तक गिल्ली को पहुँचाता है वह विजयी होता है। इस खेल के लिये कम से कम दो खिलाड़ियो की आवश्यकता होती है। खेल प्रारम्भ करने के लिये पहले। जमीन पर एक छोटा सा लम्बा गड्ढा करते है। फिर उस पर गिल्ली रख कर डन्डे से उछालते है। यदि सामने खड़ा खिलाड़ी गिल्ली को हवा मे ही पकड़ लेता है तो खिलाड़ी हार जाता है किन्तु यदि ऐसा नही होता तो सामने खड़ा खिलाड़ी गिल्ली को डन्डे पर मारता है जो कि जमीन के गड्ढे पर रखा होता है, यदि गिल्ली डंडे पर लग जाती है तो खिलाड़ी हार जाता है अन्यथा पहला खिलाड़ि फिर गिल्ली को दन्दे से उसके किनारे पर मारता है जिससे गिल्ली हवा मे उछलती है, इसे फिर दन्दे से मारते है और गिल्ली को दूर फेकने को प्रयास करते है। यदि गिल्ली को हवा मे लपक लिया जाये तो खिलाड़ी हार जाता है, अन्यथा दुसरा खिलाड़ी गिल्ली को वही से दन्दे पर मारता है, दन्दे पर लगने की स्थिति मे दूसरे की बारी आती है। यदि गिल्ली को मारते समय डंडा जमीन से छू जाता है तो खिलाड़ी को गिल्ली को एस प्रकार मारना होता है कि उसका डंडे वाला हाथ उसके एक पैर के नीचे रहे। इसे हुच्चको कहते है। गिल्ली को किनारे से मारने का प्रत्येक खिलाड़ी को तीन बार मौका मिलता है। इस खेल मे अधिकतम खिलाड़ियो कि सन्ख्या निर्धारित नही होती है। .

नई!!: कर्नाटक और गिल्ली डंडा · और देखें »

गंडबेरुण्ड

कर्नाटक राज के आधिकारिक चिह्न कर्नाटक राज्य के आधिकारिक चिह्न में ''गंद बेरुंड'' बीच में बना है। इसके ऊपर घेरे हुए चार सिंह चारों दिशाओं में देख रहे हैं। इसे सारनाथ में अशोक स्तंभ से लिया गया है। इस चिह्न में दो शरभ हैं, जिनके हाथी के सिर और सिंह के धड़ हैं। कर्नाटक की राजनीति में मुख्यतः तीन राजनैतिक पार्टियों: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल का ही वर्चस्व रहता है। श्रेणी:कर्नाटक.

नई!!: कर्नाटक और गंडबेरुण्ड · और देखें »

गंगूबाई हंगल

गंगूबाई हंगल (ಗಂಗೂಬಾಯಿ ಹಾನಗಲ್) (जन्मः ५ मार्च १९१३- मृत्युः २१ जुलाई २००९) हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रख्यात गायिका थीं। उन्होने स्वतंत्र भारत में खयाल गायिकी की पहचान बनाने में महती भूमिका निभाई। भारतीय शास्त्रीय संगीत की नब्ज पकड़कर और किराना घराना की विरासत को बरकरार रखते हुए परंपरा की आवाज का प्रतिनिधित्व करने वाली गंगूबाई हंगल ने लिंग और जातीय बाधाओं को पार कर व भूख से लगातार लड़ाई करते हुए भी उच्च स्तर का संगीत दिया। उन्होंने संगीत के क्षेत्र में आधे से अधिक सदी तक अपना योगदान दिया। इनकी आत्मकथा 'नन्ना बदुकिना हादु' (मेरे जीवन का संगीत) शीर्षक से प्रकाशित हुई है। .

नई!!: कर्नाटक और गंगूबाई हंगल · और देखें »

गुड़ी पड़वा

गुड़ी पड़वा (मराठी-पाडवा) के दिन हिन्दू नव संवत्सरारम्भ माना जाता है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता है। इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है। 'गुड़ी' का अर्थ 'विजय पताका' होता है। कहते हैं शालिवाहन नामक एक कुम्हार-पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से प्रभावी शत्रुओं का पराभव किया। इस विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है। ‘युग‘ और ‘आदि‘ शब्दों की संधि से बना है ‘युगादि‘। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि‘ और महाराष्ट्र में यह पर्व 'ग़ुड़ी पड़वा' के रूप में मनाया जाता है।इसी दिन चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ होता है। .

नई!!: कर्नाटक और गुड़ी पड़वा · और देखें »

गुलबर्ग

गुलबर्गा (आधिकारिक तौर पर कलबुरगि) भारतीय राज्य कर्नाटक (भारत) का एक प्रमुख शहर है। यह गुलबर्गा जिले का प्रशासनिक मुख्यालय और उत्तर कर्नाटक क्षेत्र का एक प्रमुख शहर है। गुलबर्गा, कर्णाटक की राज्यधानी बैंगलोर के उत्तर में हैं 623 किलोमीटर और हैदराबाद से 220 किलोमीटर दूर है। गुलबर्गा पहले हैदराबाद राज्य के अंतर्गत आता था लेकिन 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम में नवगठित मैसूर राज्य (अब कर्नाटक के रूप में जाना जाता है) में शामिल किया गया था। गुलबर्गा तुअर दाल एवं चूना पत्थर के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला तेजी से शहरीकरण की ओर बाद रहा है एवं गुलबर्गा महानगर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह शहर अपने वास्तुकला, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कई स्थानों के लिए जाना जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और गुलबर्ग · और देखें »

गुलबर्ग जिला

गुलबर्ग भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय गुलबर्ग है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और गुलबर्ग जिला · और देखें »

गुलबर्ग विश्वविद्यालय

गुलबर्ग विश्वविद्यालय कर्नाटक राज्य में कर्नाटक विश्वविद्यालय का एक स्नातकोत्तर केन्द्र है। १९८० में कर्नाटक सरकार ने एक कानून के तहत इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था। इस विश्वविद्यालय के अधिकारक्षेत्र में गुलबर्ग जिला, बीदर जिला, रायचूर जिला, बेल्लारी जिला एवं कोप्पल जिला आते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और गुलबर्ग विश्वविद्यालय · और देखें »

गोल गुम्बद

गोल गुम्बज़ या गोल गुम्बद, फ़ारसी گل گنبذ बीजापुर के सुल्तान मुहम्मद आदिल शाह का मकबरा है और बीजापुर, कर्णाटक में स्थित है। इसको फ़ारसी वास्तुकार दाबुल के याकूत ने १६५६ ई० में निर्माण करवाया था। हालांकि मूल रूप में साधारण निर्माण होने पर भी अपनी स्थापत्य विशेषताओं के कारण दक्खिन वास्तुकला का विजय स्तंभ माना जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और गोल गुम्बद · और देखें »

गोवा

right गोवा या गोआ (कोंकणी: गोंय), क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया। .

नई!!: कर्नाटक और गोवा · और देखें »

गोकर्ण

* हिन्दू लम्बाई गणना की इकाई हेतु देखें - गोकर्ण (इकाई).

नई!!: कर्नाटक और गोकर्ण · और देखें »

गोकर्ण, भारत

गोकर्ण (ಗೋಕರ್ಣ) दक्षिण भारत के कर्नाटक में मैंगलोर के पास स्थित एक ग्राम है। इस स्थान से हिन्दू धर्म के लोगों की गहरी आस्थाएं जुड़ी हैं, साथ ही इस धार्मिक जगह के खूबसूरत बीचों के आकर्षण से भी लोग खिंचे चले आते हैं। अपने ऐतिहासिक मंदिरों के साथ सागर तटों के लिए भी यह स्थान मशहूर है। यहां माना जाता है कि शिवजी का जन्म गाय के कान से हुआ और इसी वजह से इसे गोकर्ण कहा जाता है। साथ ही एक धारण के अनुसार कि गंगावली और अघनाशिनी नदियों के संगम पर बसे इस गांव का आकार भी एक कान जैसा ही है। इस कारण से लोगों की यहां काफी आस्था है और यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां देखने लायक कई मंदिर हैं। वैसे, यहां के खूबसूरत बीच ढेरों पर्यटकों को लुभाते हैं। कुल मिलाकर यहां के बेहतरीन प्राकृतिक माहौल में धामिर्क आस्थाओं को गहराई से अनुभव किया जा सकता है। .

नई!!: कर्नाटक और गोकर्ण, भारत · और देखें »

गोकाक

गोकाक जलप्रपात गोकाक कर्नाटक के बेलगाँव जनपद में गोकाक तालुके का प्रधान नगर है। यह दक्षिणी रेलमार्ग (पहले का दक्षिण मराठा रेलमार्ग) पर स्थित गोकाक स्टेशन से १२ किमी दूर स्थित है और राजमार्ग द्वारा उससे जुड़ा हुआ है। पहले यहाँ कपड़ों की बुनाई तथा रँगाई का व्यवसाय बहुत उन्नत था जो बाद में अवनत हो गया। हल्की लकड़ी तथा स्थानीय क्षेत्र में प्राप्य एक विशेष प्रकार की मिट्टी से निर्मित खिलौने तथा चित्रादि बनाने का व्यवसाय प्रसिद्ध है। गोकाक प्राचीन कस्बा है। इसका प्रथम उल्लेख १०४७ ई. के एक अनुलेख (Inscription) में 'गोकागे' नाम से प्राप्य है। संभवत: यह हिंदुओं का पवित्र स्थल रहा है जो गऊ (गो) से संबंधित है। १६८५ ई. में यह 'सरकार' (मध्यकालीन जनपद) का प्रधान केंद्र था। १७१७-१७५४ काल में यह सबानूर के नवाबों के अधीन रहा जिन्होंने यहाँ मस्जिद तथा गंजीखाने का निर्माण कराया। पुन: यह हिंदुओं के अधीन हुआ। सन् १८३६ में गोकाक तालुका तथा नगर अंगरेजों के अधीन हो गए। नगर से पश्चिमोत्तर दिशा में तथा दक्षिण रेलमार्ग पर स्थित ध्रुपदल स्टेशन से तीन मील दूर स्थित गोकाक प्रपात है जहाँ घाटप्रभा नदी बलुआ पत्थर के शीर्ष से १७० फुट गहराई में गिरती है। प्रपात के बाद एक सुंदर खड्डमय घाटी (gorge) का निर्माण करती है। यहाँ प्रति वर्ष हजारों पर्यटक आते हैं। प्रपात के समीप ही नदी के दाएँ तट पर १८८७ ई. में सूती कपड़े का कारखाना निर्मित हुआ। कारखाने को बिजली देने तथा आसपास के क्षेत्र में सिंचाई करने के लिये 'गोकाक जलाशय' का निर्माण हुआ। श्रेणी:कर्नाटक का भूगोल.

नई!!: कर्नाटक और गोकाक · और देखें »

गोकक जल प्रपात

गोकक प्रपात का जुलाई, २००६ का छायाचित्र गोकक जल प्रपात दक्षिण भारत का एक जल प्रपात है। यह पश्चिमी घाट की पर्वतमाला में आता है। श्रेणी:दक्षिण भारत के जल प्रपात.

नई!!: कर्नाटक और गोकक जल प्रपात · और देखें »

ऑल इण्डिया रेडियो

ऑल इंडिया रेडियो भारत की सरकारी रेडियो सेवा है। भारत में रेडियो प्रसारण की शुरूआत 1920 के दशक में हुई। पहला कार्यक्रम 1923 में मुंबई के रेडियो क्‍लब द्वारा प्रसारित किया गया। इसके बाद 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्‍वामित्‍व वाले दो ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की स्‍थापना हुई। सन् 1930 में सरकार ने इन ट्रांसमीटरों को अपने नियंत्रण में ले लिया और भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से उन्‍हें परिचालित करना आरंभ कर दिया। 1936 में इसका नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो कर दिया और 1957 में आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा। महानिदेशालय, आकाशवाणी प्रसार भारती के तहत कार्य करता है। प्रसार भारतीय मंडल संगठन की नीतियों के निर्धारण और कार्यान्‍वयन शीर्ष स्‍तर पर सुनिश्‍चित करता है और प्रसार भारती अधिनियम, 1990 के संदर्भ में अधिदेश को पूरा करता है। कार्यपालक सदस्‍य निगम के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के रूप में मंडल के नियंत्रण और पर्यवेक्षण हेतु कार्य कारते हैं। सीईओ, सदस्‍य (वित्त) और सदस्‍य, (कार्मिक) प्रसार भारती मुख्‍यालय, द्वितीय तल, पीटीआई भवन, संसद मार्ग, नई दिल्‍ली-110001 से अपने कार्यों का निष्‍पादन करते हैं। वित्त, प्रशासन और कार्मिकों से संबंधित सभी महत्‍वपूर्ण नीतिगत मामले सीईओ के पास भेजे जाते हैं और आवश्‍यकतानुसार सदस्‍य (वित्त) और सदस्‍य (कार्मिक) के माध्‍यम से मंडल को भेजे जाते हैं, ताकि सलाह, प्रस्‍तावों का कार्यान्‍वयन और उन पर निर्णय लिए जा सके। प्रसार भारती सचिवालय में कार्यरत विभिन्‍न विषयों के अधिकारी सीईओ, सदस्‍य (वित्त) और सदस्‍य (कार्मिक) को कार्रवाई, प्रचालन, योजना और नीति कार्यान्‍वयन के समेकन में सहायता देते हैं और साथ ही निगम के बजट, लेखा और सामान्‍य वित्तीय मामलों की देखभाल करते हैं। प्रसार भारती में मुख्‍य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्‍व में मुख्‍यालय के एक एकीकृत सतर्कता व्‍यवस्‍था भी है। आकाशवाणी के महानिदेशालय का नेतृत्‍व महानिदेशक करते हैं। वे सीईओ सदस्‍य (वित्त) और सदस्‍य (कार्मिक) के सहयोग से आकाशवाणी के दैनिक मामलों का निपटान करते हैं। आकाशवाणी में मोटे तौर पर पांच अलग अलग विंग हैं जो विशिष्‍ट गतिविधियों के लिए उत्तरदायी हैं जैसे कार्यक्रम, अभियांत्रिकी, प्रशासन, वित्त और समाचार। .

नई!!: कर्नाटक और ऑल इण्डिया रेडियो · और देखें »

ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप

यॉनेक्स ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप का प्रतीक चिह्न ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप, या मात्र ऑल इंग्लैंड, विश्व की प्राचीनतम एवं स्म्मानीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में से एक है। यह वार्षिक आयोजन होती है। इसकी स्थापना १८९८ में गिल्डफ़ोर्ड में आयोजित हुए प्रथम विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशीप की सफ़लता के बाद की गई थी। इसके प्रायोजक हैं यॉनेक्स। .

नई!!: कर्नाटक और ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप · और देखें »

आदि शंकराचार्य

आदि शंकराचार्य अद्वैत वेदांत के प्रणेता, मूर्तिपूजा के पुरस्कर्ता, पंचायतन पूजा के प्रवर्तक है। उपनिषदों और वेदांतसूत्रों पर लिखी हुई इनकी टीकाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं। इन्होंने भारतवर्ष में चार मठों की स्थापना की थी जो अभी तक बहुत प्रसिद्ध और पवित्र माने जाते हैं और जिनके प्रबंधक तथा गद्दी के अधिकारी 'शंकराचार्य' कहे जाते हैं। वे चारों स्थान ये हैं- (१) बदरिकाश्रम, (२) शृंगेरी पीठ, (३) द्वारिका पीठ और (४) शारदा पीठ। इन्होंने अनेक विधर्मियों को भी अपने धर्म में दीक्षित किया था। ये शंकर के अवतार माने जाते हैं। इन्होंने ब्रह्मसूत्रों की बड़ी ही विशद और रोचक व्याख्या की है। उनके विचारोपदेश आत्मा और परमात्मा की एकरूपता पर आधारित हैं जिसके अनुसार परमात्मा एक ही समय में सगुण और निर्गुण दोनों ही स्वरूपों में रहता है। स्मार्त संप्रदाय में आदि शंकराचार्य को शिव का अवतार माना जाता है। इन्होंने ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, मांडूक्य, ऐतरेय, तैत्तिरीय, बृहदारण्यक और छान्दोग्योपनिषद् पर भाष्य लिखा। वेदों में लिखे ज्ञान को एकमात्र ईश्वर को संबोधित समझा और उसका प्रचार तथा वार्ता पूरे भारत में की। उस समय वेदों की समझ के बारे में मतभेद होने पर उत्पन्न चार्वाक, जैन और बौद्धमतों को शास्त्रार्थों द्वारा खण्डित किया और भारत में चार कोनों पर ज्योति, गोवर्धन, शृंगेरी एवं द्वारिका आदि चार मठों की स्थापना की। कलियुग के प्रथम चरण में विलुप्त तथा विकृत वैदिक ज्ञानविज्ञान को उद्भासित और विशुद्ध कर वैदिक वाङ्मय को दार्शनिक, व्यावहारिक, वैज्ञानिक धरातल पर समृद्ध करने वाले एवं राजर्षि सुधन्वा को सार्वभौम सम्राट ख्यापित करने वाले चतुराम्नाय-चतुष्पीठ संस्थापक नित्य तथा नैमित्तिक युग्मावतार श्रीशिवस्वरुप भगवत्पाद शंकराचार्य की अमोघदृष्टि तथा अद्भुत कृति सर्वथा स्तुत्य है। कलियुग की अपेक्षा त्रेता में तथा त्रेता की अपेक्षा द्वापर में, द्वापर की अपेक्षा कलि में मनुष्यों की प्रज्ञाशक्ति तथा प्राणशक्ति एवं धर्म औेर आध्यात्म का ह्रास सुनिश्चित है। यही कारण है कि कृतयुग में शिवावतार भगवान दक्षिणामूर्ति ने केवल मौन व्याख्यान से शिष्यों के संशयों का निवारण किय‍ा। त्रेता में ब्रह्मा, विष्णु औऱ शिव अवतार भगवान दत्तात्रेय ने सूत्रात्मक वाक्यों के द्वारा अनुगतों का उद्धार किया। द्वापर में नारायणावतार भगवान कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने वेदों का विभाग कर महाभारत तथा पुराणादि की एवं ब्रह्मसूत्रों की संरचनाकर एवं शुक लोमहर्षणादि कथाव्यासों को प्रशिक्षितकर धर्म तथा अध्यात्म को उज्जीवित रखा। कलियुग में भगवत्पाद श्रीमद् शंकराचार्य ने भाष्य, प्रकरण तथा स्तोत्रग्रन्थों की संरचना कर, विधर्मियों-पन्थायियों एवं मीमांसकादि से शास्त्रार्थ, परकायप्रवेशकर, नारदकुण्ड से अर्चाविग्रह श्री बदरीनाथ एवं भूगर्भ से अर्चाविग्रह श्रीजगन्नाथ दारुब्रह्म को प्रकटकर तथा प्रस्थापित कर, सुधन्वा सार्वभौम को राजसिंहासन समर्पित कर एवं चतुराम्नाय - चतुष्पीठों की स्थापना कर अहर्निश अथक परिश्रम के द्वारा धर्म और आध्यात्म को उज्जीवित तथा प्रतिष्ठित किया। व्यासपीठ के पोषक राजपीठ के परिपालक धर्माचार्यों को श्रीभगवत्पाद ने नीतिशास्त्र, कुलाचार तथा श्रौत-स्मार्त कर्म, उपासना तथा ज्ञानकाण्ड के यथायोग्य प्रचार-प्रसार की भावना से अपने अधिकार क्षेत्र में परिभ्रमण का उपदेश दिया। उन्होंने धर्मराज्य की स्थापना के लिये व्यासपीठ तथा राजपीठ में सद्भावपूर्ण सम्वाद के माध्यम से सामंजस्य बनाये रखने की प्रेरणा प्रदान की। ब्रह्मतेज तथा क्षात्रबल के साहचर्य से सर्वसुमंगल कालयोग की सिद्धि को सुनिश्चित मानकर कालगर्भित तथा कालातीतदर्शी आचार्य शंकर ने व्यासपीठ तथा राजपीठ का शोधनकर दोनों में सैद्धान्तिक सामंजस्य साधा। .

नई!!: कर्नाटक और आदि शंकराचार्य · और देखें »

आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

नई!!: कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश · और देखें »

आईएनजी वैश्य बैंक

आई। एन.जी वैश्य बैंक लि., (कन्नड़: ಐ.ಎನ್.ಜಿ ವೈಶ್ಯ ಬ್ಯಾಂಕ್ ಲಿಮಿಟೆಡ್, अंग्रेज़ी:ING Vysya Bank Limited) एक भारतीय खुदरा बैंक था। यह आई। एन.जी समूह के वैश्य बैंक में ४४% अंश लेने के उपरांत अक्टूबर २००२ को अस्तित्त्व में आया था। 1 अप्रैल 2015 से इसका विलय कोटक महिंद्रा बैंक में हो गया। http://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/PressReleases.aspx?ID.

नई!!: कर्नाटक और आईएनजी वैश्य बैंक · और देखें »

आकाशवाणी

आकाशवाणी (All India Radio) भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन संचालित सार्वजनिक क्षेत्र की रेडियो प्रसारण सेवा है। भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन १९२७ में दो निजी ट्रांसमीटरों से हुई। १९३० में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और तब इसका नाम भारतीय प्रसारण सेवा या (इंडियन ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन) रखा गया। बाद में १९५७ में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया। .

नई!!: कर्नाटक और आकाशवाणी · और देखें »

इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और इस्लाम · और देखें »

इंडियन प्रीमियर लीग

इंडियन प्रीमियर लीग (संक्षिप्त में IPL) भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित ट्वेन्टी ट्वेन्टी प्रतियोगिता है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के भारत में एक पेशेवर ट्वेन्टी ट्वेन्टी क्रिकेट लीग भारतीय शहरों का प्रतिनिधित्व मताधिकार टीमों द्वारा हर साल चुनाव लड़ा है। लीग, 2007 में भारत (बीसीसीआई) के सदस्य ललित मोदी ने क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा स्थापित किया गया, अप्रैल और हर साल के मई के ऊपर निर्धारित है। 2016 में आईपीएल का टाइटल प्रायोजक विवो इलेक्ट्रॉनिक्स, इस प्रकार लीग को आधिकारिक तौर पर विवो इंडियन प्रीमियर लीग के रूप में जाना जाता है। आईसीसी भविष्य यात्रा कार्यक्रम में एक विशेष विंडो है। आईपीएल दुनिया में सबसे-भाग लिया क्रिकेट लीग है और सभी खेल लीग के बीच छठे स्थान पर है। 2010 में आईपीएल बन गया दुनिया में पहली बार खेल के आयोजन यूट्यूब पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। आईपीएल की ब्रांड वैल्यू अमेरिकी मूल्यांकन, गूंथा हुआ आटा और फेल्प्स के एक प्रभाग द्वारा अमेरिका में 2015 में 3.5 अरब $ होने का अनुमान था। बीसीसीआई के मुताबिक, 2015 आईपीएल सीजन भारतीय अर्थव्यवस्था के जीडीपी में 11.5 लाख ₹ (अमेरिका $ 182 मिलियन) का योगदान दिया। 13 टीमों को लीग के पहले सत्र के बाद से प्रतिस्पर्धा करने के लिए है, छह में कम से कम एक बार खिताब जीत लिया है। जबकि राजस्थान रॉयल्स, डेक्कन चार्जर्स और सनराइजर्स हैदराबाद एक बार जीत लिया है तथा मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स तीन बार और कोलकाता नाइट राइडर्स, ने दो बार जीत लिया है। चेन्नई सुपर किंग्स मौजूदा चैंपियन 2018 के मौसम जीत चुके हैं। 2014 तक इस टूर्नामेंट में शीर्ष तीन टीमों को चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि, चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 2015 में बंद किया गया था और तब से मृत हो गया है। .

नई!!: कर्नाटक और इंडियन प्रीमियर लीग · और देखें »

इंफोसिस

इन्फोसिस लिमिटेड एक बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी मुख्यालय है जो बेंगलुरु, भारत में स्थित है। यह एक भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है जिसके पास 30 जून 2008 को (सहायकों सहित) 94,379 से अधिक पेशेवर हैं। इसके भारत में 9 विकास केन्द्र हैं और दुनिया भर में 30 से अधिक कार्यालय हैं। वित्तीय वर्ष|वित्तीय वर्ष २००७-२००८ के लिए इसका वार्षिक राजस्व US$4 बिलियन से अधिक है, इसकी बाजार पूंजी US$30 बिलियन से अधिक है। .

नई!!: कर्नाटक और इंफोसिस · और देखें »

कदंब वंश

The Kadamba Dynasty (ಕದಂಬರು) (345 - 525 CE) was an ancient royal family of Karnataka that ruled from Banavasi in present day Uttara Kannada district.

नई!!: कर्नाटक और कदंब वंश · और देखें »

कन्नड़

कोई विवरण नहीं।

नई!!: कर्नाटक और कन्नड़ · और देखें »

कन्नड़ भाषा

कन्नड़ (ಕನ್ನಡ) भारत के कर्नाटक राज्य में बोली जानेवाली भाषा तथा कर्नाटक की राजभाषा है। यह भारत की उन २२ भाषाओं में से एक है जो भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में साम्मिलित हैं। name.

नई!!: कर्नाटक और कन्नड़ भाषा · और देखें »

कबड्डी

कबड्डी एक खेल है, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेली जाती है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण में चेडुगुडु और पूरब में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। यह खेल भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी उतना ही लोकप्रिय है। तमिल, कन्नड और मलयालम में ये मूल शब्द, (கை-பிடி) "कै" (हाथ), "पिडि" (पकडना) का रूपान्तरण है, जिसका अनुवाद है 'हाथ पकडे रहना'। कबड्डी, बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। .

नई!!: कर्नाटक और कबड्डी · और देखें »

करावली

कन्नड़ क्षेत्र (टुलु:ಕರಾವಳಿ) या करावली क्षेत्र कर्नाटक राज्य के तीन तटीय जिलों, दक्षिण कन्नड़, उडुपी एवं उत्तर कन्नड़ को मिलाकर कहा जाता है। यह कोंकण तटरेखा का दक्षिणी भाग बनाता है। इस क्षेत्र की उत्तर से दक्षिण लंबाई ३०० कि.मी तक और चौड़ाई ३० से ११० कि.मी तक जाती है। क्षेत्र में बहती हवा के साथ झूलते हुए चीड़ के वृक्ष दृश्य होते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और करावली · और देखें »

कर्नाटक चित्रकला परिषत

कर्नाटक चित्रकला परिषत के व्याख्यान कक्षों का दृष्य, बंगलौर के दशक के अंतिम दौर में रखी गयी थी। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक चित्रकला परिषत · और देखें »

कर्नाटक प्रीमियर लीग

मंत्री कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ द्वारा स्थापित एक ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट लीग है। इसकी स्थापना अगस्त २००९ में हुई थी और यह भारतीय प्रीमियर लीग की तरह ही आयोजित किया जाता है। उसी की भांति ही इसके प्रायोजक भी हैं और वे हैं बंगलौर के रीयल एस्टेट विकासकर्तागण मातृ डवलपर्स। इन्हें इस ईवेन्ट को ५ वर्ष तक प्रायोजित करने हेतु का ठेका मिला है। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक प्रीमियर लीग · और देखें »

कर्नाटक बैंक

कर्नाटक बैंक लिमिटेड (कन्नड़: ಕರ್ನಾಟಕ ಬ್ಯಾಂಕ್ ಲಿಮಿಟೆಡ್) कर्नाटक राज्य में मंगलौर शहर आधारित एक निजी क्षेत्र का बैंक है। भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार यह एक ए-श्रेणी का अनुसूचित व्यापारिक बैंक है। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक बैंक · और देखें »

कर्नाटक रत्न

कर्नाटक रत्नकर्नाटक राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह किसी व्यक्ति को उसकी किसी क्षेत्र में असाधारण योगदान हेतु दिया जाता है। इसकी स्थापना १९९२ में कर्नाटक सरकार द्वारा हुई थी। अभी तक ये ८ लोगों को दिया जा चुका है। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक रत्न · और देखें »

कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम

One of the newly acquired buses of the Corporation कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की स्थापना १९६१ में १७९२ बसों के साथ कर्नाटक राज्य में की गई थी। यह पूर्णतया स्वामित्त्व वाली कर्नाटक सरकार की कंपनी है जिसमें भारत सरकार भी भागीदार है। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम · और देखें »

कर्नाटक सरकार

बंगलुरु स्थित कर्नाटक सरकार का विधान भवन: विधान सौध कर्नाटक राज्य में भारत के अन्र राज्यों कि भांति ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा चुनी गयी एक द्विसदनीय संसदीय सरकार है: विधान सभा एवं विधानपरिषद। विधाण सभा में २४ सदस्य हैं जो पांच वर्ष की अवधि हेतु चुने जाते हैं। विधान परिषद एक ७५ सदस्यीय स्थायी संस्था है और इसके एक-तिहाई सदस्य (२५) प्रत्येक २ वर्ष में सेवा से निवृत्त होते जाते हैं। कर्नाटक सरकार की अध्यक्षता शासन में आयी पार्टी के सदस्य द्वारा चुने गये मुख्य मंत्री करते हैं। मुख्य मंत्री अपने मंत्रिमंडल सहित तय किये गए विधायी एजेंडा का पालन अपनी अधिकांश कार्यकारी शक्तियों के उपयोग से करते हैं। फिर भी राज्य का संवैधानिक एवं औपचार्क अध्यक्ष राज्यपाल ही कहलाता है। राज्यपाल को ५ वर्ष की अवधि हेतु केन्द्र सरकार के परामर्ष से भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। कर्नाटक राज्य की जनता द्वारा आम चुनावों के माध्यम से २८ सदस्य लोक सभा हेतु भी चुने जाते हैं। विधान परिषद के सदस्य भारत के संसद के उच्च सदन, राज्य सभा हेतु १२ सदस्य चुन कर भेजते हैं। प्रशासनिक सुविधा हेतु कर्नाटक राज्य को चार राजस्व विभागों, ४९ उप-मंडलों, २९ जिलों, १७५ तालुक तथा ७४५ राजस्व वृत्तों में बांटा गया है। प्रत्येक जिले के प्रशासन का अध्यक्ष वहां का उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) होता है। उपायुक्त एक भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है तथा उसकी सहायता हेतु राज्य सरकार के अनेक उच्चाधिकारी तत्पर रहते हैं। भारतीय पुलिस सेवा से एक अधिकारी राज्य में उपायुक्त पद पर आसीन रह्ता है। उसके अधीन भी राज्य पुलिस सेवा के अनेक उच्चाधिकारी तत्पर रहते हैं। पुलिस उपायुक्त जिले में न्याय और प्रशासन संबंधी देखभाल के लिये उत्तरदायी होता है। भारतीय वन सेवा से एक अधिकारी वन उपसंक्षक अधिकारी (डिप्टी कन्ज़र्वेटर ऑफ फ़ॉरेस्ट्स) के पद पर तैनात होता है। ये जिले में वन और पादप संबंधी मामलों हेतु उत्तरदायी रहता है। प्रत्येक विभाग के विकास अनुभाग के जिला अधिकारी राज्य में विभिन्न प्रकार की प्रगति देखते हैं, जैसे राज्य लोक सेवा विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशुपालन आदि। ''गंद बेरुंड'' बीच में बना है। इसके ऊपर घेरे हुए चार सिंह चारों दिशाओं में देख रहे हैं। इसे सारनाथ में अशोक स्तंभ से लिया गया है। इस चिह्न में दो शरभ हैं, जिनके हाथी के सिर और सिंह के धड़ हैं। राज्य की न्यायपालिका में सर्वोच्च पीठ कर्नाटक उच्च न्यायालय है, जिसे स्थानीय लोग "अट्टार कचेरी" बुलाते हैं। ये राजधानी बंगलुरु में स्थित है। इसके अधीन जिला और सत्र न्यायालय प्रत्येक जिले में तथा निम्न स्तरीय न्यायालय ताल्लुकों में कार्यरत हैं। कर्नाटक राज के आधिकारिक चिह्न में ''गंद बेरुंड'' बीच में बना है। इसके ऊपर घेरे हुए चार सिंह चारों दिशाओं में देख रहे हैं। इसे सारनाथ में अशोक स्तंभ से लिया गया है। इस चिह्न में दो शरभ हैं, जिनके हाथी के सिर और सिंह के धड़ हैं। कर्नाटक की राजनीति में मुख्यतः तीन राजनैतिक पार्टियों: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल का ही वर्चस्व रहता है। कर्नाटक के राजनीतिज्ञों ने भारत की संघीय सरकार में प्रधानमंत्री तथा उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदों की भी शोभा बढ़ायी है। वर्तमान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यू.पी.ए सरकार में भी तीन कैबिनेट स्तरीय मंत्री कर्नाटक से हैं। इनमें से उल्लेखनीय हैं पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान क़ानून एवं न्याय मंत्रालय – वीरप्पा मोइली हैं। राज्य के कासरगोड और शोलापुर जिलों पर तथा महाराष्ट्र के बेलगाम पर दावे के विवाद राज्यों के पुनर्संगठन काल से ही चले आ रहे हैं। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक सरकार · और देखें »

कर्नाटक संगीत

300px कर्नाटक संगीत या संस्कृत में कर्णाटक संगीतं भारत के शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय शैली का नाम है, जो उत्तरी भारत की शैली हिन्दुस्तानी संगीत से काफी अलग है। कर्नाटक संगीत ज्यादातर भक्ति संगीत के रूप में होता है और ज्यादातर रचनाएँ हिन्दू देवी देवताओं को संबोधित होता है। इसके अलावा कुछ हिस्सा प्रेम और अन्य सामाजिक मुद्दों को भी समर्पित होता है। जैसा कि आमतौर पर भारतीय संगीत मे होता है, कर्नाटक संगीत के भी दो मुख्य तत्व राग और ताल होता है। कर्नाटक शास्त्रीय शैली में रागों का गायन अधिक तेज और हिंदुस्तानी शैली की तुलना में कम समय का होता है। त्यागराज, मुथुस्वामी दीक्षितार और श्यामा शास्त्री को कर्नाटक संगीत शैली की 'त्रिमूर्ति' कहा जाता है, जबकि पुरंदर दास को अक्सर कर्नाटक शैली का पिता कहा जाता है। कर्नाटक शैली के विषयों में पूजा-अर्चना, मंदिरों का वर्णन, दार्शनिक चिंतन, नायक-नायिका वर्णन और देशभक्ति शामिल हैं। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक संगीत · और देखें »

कर्नाटक विश्वविद्यालय

कर्नाटक विश्वविद्यालय (ಕರ್ನಾಟಕ್ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾನಿಲಯ) की स्थापना आरंभ में मुंबई में १९४९ में हुई थी, जिसे बाद में धारवाड़ में अक्टूबर १९४९ में स्थानांतरित किया गया। मार्च, १९५० को इसका आधिकारिक उद्घाटन हुआ था। यह परिसर ७५० एकड़ (३ कि.मी²) में फैला हुआ है। कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड़, उत्तर कन्नड़, कर्नाटक, भारत .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक विश्वविद्यालय · और देखें »

कर्नाटक क्रिकेट टीम

कर्नाटक से एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी अनिल कुंबले कर्नाटक क्रिकेट टीम भारतीय राज्य कर्नाटक की अन्तर्राज्यीय स्तर की क्रिकेट टीम है। यह टीम रणजी ट्रॉफी के एलाइट समूह की सबसे शक्तिशालि टीमों में से एक है। टीम ने भारतीय क्रिकेट टीम के बहुत से अग्रणी क्रिकेटर दिये हैं। इस टीम ने छः बार रणजी ट्रॉफी जीती है तथा ५ बार द्वितीय स्थाण पर रही है, जिसमें पूर्व मैसूर टीम २ बार अग्रणी रही थी। इस टीम का गृहस्थान मैदान बंगलुरु स्थित चिन्नास्वामी स्टेडियम है। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक क्रिकेट टीम · और देखें »

कर्नाटक के जिले

कर्नाटक के जिले यह सूची कर्नाटक के जिलों की है:-.

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक के जिले · और देखें »

कर्नाटक उच्च न्यायालय

कर्नाटक उच्च न्यायालय कर्नाटक उच्च न्यायालय कर्नाटक राज्य का न्यायालय है। यह कर्नाटक की राजधानी बंगलौर में स्थित है। न्यायालय की इमारत लाल ईंटो के बनाई गई हैं और कर्नाटक की विधानसभा के सामने स्थित हैं। .

नई!!: कर्नाटक और कर्नाटक उच्च न्यायालय · और देखें »

कस्तूरी टीवी

कस्तूरी टीवी एक कन्नड़ टीवी चैनल है। यह एक मनोरंजन चैनल है। टीवी, कस्तूरी.

नई!!: कर्नाटक और कस्तूरी टीवी · और देखें »

क़ानून एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार

क़ानून एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार भारत सरकार का एक मंत्रालय है। मंत्रालय, क़ानून एवं न्याय, भारत सरकार *.

नई!!: कर्नाटक और क़ानून एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार · और देखें »

कारवार

कारवार (कारवार, कन्नड़: ಕಾರವಾರ) उत्तर कन्नड़ जिले का प्रशासनिक केन्द्र है और कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह एक सागर तटीय क्षेत्र है और भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी ओर गिरने वाली काली नदी के किनारे स्थित है। यह कस्बा कर्नाटक-गोवा सीमा से १५ मि.मी.

नई!!: कर्नाटक और कारवार · और देखें »

कार्कल

कर्नाटक राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित कार्कल नगर मूर्ति निर्माण कला में निपुणता के लिए विश्व विख्यात है। यहां के उत्साही मूर्तिकार पत्थरों में जान डालने की क्षमता रखते हैं। उनकी कला का प्रत्यक्ष प्रमाण यहां देखा जा सकता है। मंगलौर से 35 किमी दूर स्थित कार्कल शहर भगवान बाहुबली की विशाल मूर्ति के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय है। हाल के वर्षो में प्रसिद्ध मूर्तिकार रंजल गोपाल शर्मा ने मूर्ति निर्माण कला की एक जीवंत पंरपरा यहां विकसित की है। यहां की मूर्तियों की पूरे विश्व में प्रशंसा की जाती है तथा मूर्तियों का निर्यात जापान में किया जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और कार्कल · और देखें »

कालिदास सम्मान

कालिदास सम्मान भारत के मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा दिया जाने वाला प्रतिष्ठित कला सम्मान है। इसकी स्थापना सन् १९८० में की गयी थी। श्रेणी:नृत्य पुरस्कार श्रेणी:भारतीय संगीत पुरस्कार श्रेणी:मध्य प्रदेश शासन.

नई!!: कर्नाटक और कालिदास सम्मान · और देखें »

कासरकोड जिला

कासरकोड (കാസര്‍ഗോഡ്‌), भारतीय राज्य केरल का एक जिला है। क्षेत्रफल - 1992 वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और कासरकोड जिला · और देखें »

कावेरी नदी

पश्चिमी घाट में. कावेरी कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली एक सदानीरा नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत ब्रह्मगिरीसे निकली है। इसकी लम्बाई प्रायः 800 किलोमीटर है। दक्षिण पूर्व में प्रवाहित होकर कावेरी नदी बंगाल की खाड़ी में मिली है। सिमसा, हिमावती,भवानी इसकी उपनदियाँ है। कावेरी नदी के किनारे बसा हुआ शहर तिरुचिरापल्ली हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। कावेरी नदी के डेल्टा पर अच्छी खेती होती है। इसके पानी को लेकर दोनो राज्यों में विवाद है। इस विवाद को लोग कावेरी जल विवाद कहते हैं। कावेरी नदी पर तमिलनाडु में होगेनक्कल जलप्रपात तथा कर्नाटक राज्य में भारचुक्की और बालमुरी जलप्रपात अवस्थित है। .

नई!!: कर्नाटक और कावेरी नदी · और देखें »

काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस

भोपाल के विद्यालय में विद्यार्थी काउन्सिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस (ICSE) भारत का एक निजी, गैर-सरकारी शिक्षा बोर्ड है। यह बोर्ड १९५६ में आंग्ल-भारतीय शिक्षा हेतु हुई एक अन्तर्राज्यीय बैठक में संगठित किया गया था। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है। यह भारत में दो परीक्षाएं संचालित करता है.

नई!!: कर्नाटक और काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस · और देखें »

किंगफिशर एयरलाईन्स

किंगफिशर एयरलाईन्स भारत (Kingfisher Airlines) में विमानन के क्षैत्र में उपलब्ध अवसरों को मद्देनजर रखते हुए कई भारतीय कम्पनीयों ने विमानन के अपने आपको स्थापित करने के प्रयास किये है। चूकिं सभी कम्पनीयों ने एक समान हवाईजहाज क्रय किये थे अतः सभी ने अपनी सुविधाँओ के प्रचार पर अपना ध्यान केंद्रित रखा.

नई!!: कर्नाटक और किंगफिशर एयरलाईन्स · और देखें »

किंगफिशर रेड

किंगफिशर रेड, पहले सिम्प्लीफ्लै डेक्कन और उसके पहले एयर डेक्कन के नाम से जाना जाता है। इस्का मुख्यालय मुंबई, भारत में किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा चलाए जा रहा एक कम लागत ब्रांड था। उड़ान में पठन सामग्री विशेष रूप से किंगफिशर रेड के लिए मुद्रित, सिने ब्लिट्ज पत्रिका के एक विशेष संस्करण के लिए सीमित था। २८ सितंबर २०११ को किंगफिशर रेड के अध्यक्ष, विजय माल्या ने यह घोषणा की कि कंपनी जल्द ही किंगफिशर रेड के संचालन को रोक रही है क्योंकि कम कीमत के संचालन में से उन्के कारोबार में कोई लाभ नहीं है। .

नई!!: कर्नाटक और किंगफिशर रेड · और देखें »

कुदरेमुख

कुदरेमुख (ಕುದುರೆಮುಖ) जिसे कई बार कुदुरेमुख भी कहा जाता है, कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिला में एक पर्वतमाला है। यहीं निकटस्थ ही के एक कस्बे का नाम भि यही है। यह कर्कला से ४८ कि॰मी॰ दूर स्थित है। कुदरेमुख शब्द का मूल यहां के स्थानीय निवासियों द्वारा अश्व के मुख को कहा जाने से पड़ा है। इस पर्वत की चोटी का आकार कुछ इसी प्रकार का है। इसे ऐतिहासिक नाम समसेपर्वत से भी जाना जाता है, क्योंकि इसका रास्ता समसे ग्राम से होकर निकलता था। यह कस्बा मुख्यतः लौह अयस्क के खनन के कारण प्रसिद्ध है, जहां एक सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कुदरेमुख आयरन ओर कंपनी लि. (KIOCL) स्थित है एवं अपने नाम के अनुसार इसी कार्य में संलग्न है। इसके साथ ही यह क्षेत्र नैसर्गिक संपदा के लिये भी मशहूर है। घने जंगल, वन्य जीवन यहां की सुंदरता को चार चांद लगाते हैं। यहां दक्षिण भारत की तीन नदियों का उद्गम है: तुंग, भद्रा एवं नेत्रवती। यहाम के प्रमुख आकर्षणों में एक भगवती दुर्गा का मंदिर एवं एक गुफ़ा में १.८ मीटर की वाराह मूर्ति हैं। Kudremukha Iron Ore Company logo .

नई!!: कर्नाटक और कुदरेमुख · और देखें »

कुदालसंगम

कुदालसंगम, उत्तरी कर्नाटक कुदालसंगम (जिसे कुदाल संगम भी लिखा जाता है) दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के प्रमुख लिंगायत तीर्थों में से एक है। यह बागलकोट जिले के अल्माटी बांध से १५ कि॰मी॰ दूर स्थित है। यहां कृष्णा नदी एवं मलयप्रभा नदी का संगम होता है एवं वे पूर्ववर्ती होकर एक अन्य तीर्थ श्रीशैलम की ओर बढ़ती हैं। .

नई!!: कर्नाटक और कुदालसंगम · और देखें »

कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान

कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान भारत के कर्नाटक राज्य में चिकमंगलूर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह भारत में पश्चिमी घाट का नम उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन के अंतर्गत दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र है। यह उद्यान ६००.३२ वर्ग कि॰मी॰ में फैला हुआ है। इसे १९८७ में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। .

नई!!: कर्नाटक और कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान · और देखें »

कुप्पाली वी गौड़ा पुटप्पा

कुपल्ली वेंकटप्पागौड़ा पुटप्पा (ಕುಪ್ಪಳ್ಳಿ ವೆಂಕಟಪ್ಪಗೌಡ ಪುಟ್ಟಪ್ಪ) (२९ दिसम्बर १९०४ - ११ नवम्बर १९९४) एक कन्नड़ लेखक एवं कवि थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के महानतम कन्नड़ कवि की उपाधि दी जाती है। ये कन्नड़ भाषा में ज्ञानपीठ सम्मान पाने वाले सात व्यक्तियों में प्रथम थे। पुटप्पा ने सभी साहित्यिक कार्य उपनाम 'कुवेम्पु' से किये हैं। उनको साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन १९५८ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य श्रीरामायण दर्शनम् के लिये उन्हें सन् १९५५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: कर्नाटक और कुप्पाली वी गौड़ा पुटप्पा · और देखें »

कुलोत्तुंग चोल प्रथम

कुलोत्तुंग चोल प्रथम (१०७०-११२२ ई.) दक्षिण भारत के चोल राज्य का प्रख्यात शासक था। यह वेंगी के चालुक्यनरेश राजराज नरेंद्र (१०१९-१०६१ ई०) का पुत्र था और इसका नाम राजेंद्र (द्वितीय) था। इसका विवाह चोलवंश की राजकुमारी मधुरांतका से हुआ था जो वीरराजेंद्र की भतीजी थी। यह वेंगी राज्य का वैध अधिकारी था किंतु पारिवारिक वैमनस्य के कारण वीरराजेंद्र ने राजेंद्र (द्वितीय) के चचा विजयादित्य (सप्तम) को अधीनता स्वीकार करने की शर्त पर राज्य प्राप्त करने में सहायता की। इस प्रकार यह वेंगी का अपना पैत्रिक राज्य प्राप्त न कर सका। किंतु कुछ वर्षों बाद वीरराजेंद्र का उत्तराधिकारी और पुत्र अधिराजेंद्र एक जनविद्रोह में मारा गया तब चालुक्य राजेंद्र (द्वितीय) ने चोल राज्य को हथिया लिया और कुलोत्तुंग (प्रथम) के नाम से इसका शासक बना। तब इसने अपने पैतृक राज्य वेंगी से विजयादित्य (सप्तम) को निकाल बाहर किया और अपने पुत्रों को वहाँ का शासक बनाकर भेजा। कुलोत्तुंग की गणना चोल के महान नरेशों में की जाती है। अभिलेखों और अनुश्रुतियों में उसका उल्लेख संगमतविर्त्त (कर-उन्मूलक) के रूप में हुआ है। उसके शासनकाल का अधिकांश भाग अद्भुत सफलता और समृद्धि का था। उसकी नीति थी अनावश्यक युद्ध न किया जाय और उनसे बचा जाए। परिणामस्वरूप श्रीलंका को छोड़कर चोल साम्राज्य के सारे प्रदेश १११५ ई. तक उसके अधीन बने रहे। उसे मुख्य रूप से वीरराजेंद्र के दामाद कल्याणी के चालुक्य नरेश विक्रमादित्य (षष्ठ) से निरंतर संघर्ष करना पड़ा। इसके कारण उसके अंतिम दिनों में चोल राज्य की स्थिति काफी दयनीय हो गई और वह तमिल देश और तेलुगु के कुछ भागों में ही सिमट कर रह गया। .

नई!!: कर्नाटक और कुलोत्तुंग चोल प्रथम · और देखें »

कुवेंपु विश्वविद्यालय

महान कवि कुवेंपु, जिसे विश्वविद्यालय नामित किया गया था के बाद. कुवेंपु विश्वविद्यालय (भी कुवेंपु विश्वविद्यालय के रूप में जाना), एक राज्य Shivamogga, कर्नाटक, भारत के शहर में स्थित विश्वविद्यालय है। Kuvempu वर्ष में विश्वविद्यालय की स्थापना 29 जून 1987 कर्नाटक राज्य विधानमंडल के एक अधिनियम के माध्यम से एक संशोधन No.28/1976 दिनांक 29 जनवरी 1989 को कर्नाटक राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के तहत किया गया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 1994 में मान्यता प्राप्त है और यह भी भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ का सदस्य है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद है Kuvempu विश्वविद्यालय से 'तीसरे सितारा स्तर "प्रदान किया। विश्वविद्यालय Jnana Sahyadri परिसर, Shivamogga में अपने मुख्यालय है। अपने परिसर Jnana Sahyadri कहा जाता है, जो ज्ञान के Sahyadri, काफी जिसे उपयुक्त साधन के रूप में विश्वविद्यालय Shivamogga और Chikmagalur, जिसके माध्यम से पहाड़ Sahyadri पास बुलाया पर्वतमाला के malnad जिलों के अधिकार क्षेत्र है। यह भी Davangere और Chitradurga के जिलों में लागू है। परिसर में 230 एकड़ के क्षेत्र में sprawls.

नई!!: कर्नाटक और कुवेंपु विश्वविद्यालय · और देखें »

कुक्के सुब्रमण्या मंदिर

कुक्के सुब्रमण्या मंदिर कुक्के सुब्रमण्या (टुलु/ಕುಕ್ಕೆ ಸುಬ್ರಹ್ಮಣ್ಯ) एक हिन्दू मंदिर है जो भारत के कर्नाटक राज्य के दक्षिणा कन्नड़ जिले, मैंगलोर के पास, के सुल्लिया तालुक के सुब्रमण्या के एक छोटे से गांव में अवस्थित है। यह मंदिर भारत के प्राचीन तीर्थ स्थानों में से एक है। यहां भगवान सुब्रमण्या की सभी नागों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। महाकाव्यों में यह सन्दर्भ आता है कि गरूड़ द्वारा डरने पर परमात्मा सर्प वासुकी और अन्य सर्प भगवान सुब्रमण्य के तहत सुरक्षा महसूस करते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और कुक्के सुब्रमण्या मंदिर · और देखें »

क्राइस्ट विश्वविद्यालय

क्राइस्ट विश्वविद्यालय भारत के कर्नाटक राज्य की राजधानी बंगलुरु में स्थित एक मानित विश्वविद्यालय है। यह बेंगलुरू के होसूर मार्ग पर स्थित है। .

नई!!: कर्नाटक और क्राइस्ट विश्वविद्यालय · और देखें »

क्रिकेट

क्रिकेट एक बल्ले और गेंद का दलीय खेल है जिसकी शुरुआत दक्षिणी इंग्लैंड में हुई थी। इसका सबसे प्राचीन निश्चित संदर्भ १५९८ में मिलता है, अब यह १०० से अधिक देशों में खेला जाता है। क्रिकेट के कई प्रारूप हैं, इसका उच्चतम स्तर टेस्ट क्रिकेट है, जिसमें वर्तमान प्रमुख राष्ट्रीय टीमें इंडिया(भारत), ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैण्ड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैण्ड, पाकिस्तान, ज़िम्बाब्वे, बांग्लादेश अफ़ग़ानिस्तान और आयरलैण्ड हैं। अप्रैल 2018 में, आईसीसी ने घोषणा की कि वह 1 जनवरी 2019 से अपने सभी 104 सदस्यों को ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय की मान्यता प्रदान करेगी। वरीयता में टेस्ट क्रिकेट के बाद एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को गिना जाता है जिसका 2011 का क्रिकेट विश्वकप भारत ने जीता था; इस टूर्नामेंट को २०० से अधिक देशों में टेलीविजन पर दिखाया गया था और अनुमानतः २ बिलियन से अधिक दर्शकों ने देखा था। एक क्रिकेट मुकाबले में ११ खिलाड़ियों के दो दल होते हैं इसे घास के मैदान में खेला जाता है, जिसके केन्द्र में भूमि की एक समतल लम्बी पट्टी होती है जिसे पिच कहते हैं। विकेट लकड़ी से बनी होती हैं, जिसे पिच के प्रत्येक सिरे में लगाया जाता है और उसका प्रयोग एक लक्ष्य के रूप में किया जाता है। गेंदबाज क्षेत्ररक्षण टीम का एक खिलाड़ी होता है, जो गेंदबाजी के लिए एक सख्त, चमड़े की मुट्ठी के आकार की क्रिकेट की गेंद को एक विकेट के पास से दूसरे विकेट की और डालता है, जिसे विपक्षी टीम के एक खिलाड़ी बल्लेबाज के द्वारा बचाया जाता है। आम तौर पर गेंद बल्लेबाज के पास पहुँचने से पहले एक बार टप्पा खाती है। अपने विकेट की रक्षा करने के लिए बल्लेबाज लकड़ी के क्रिकेट के बल्ले से गेंद को खेलता है। इसी बीच गेंदबाज की टीम के अन्य सदस्य मैदान में क्षेत्ररक्षक के रूप में अलग-अलग स्थितियों में खड़े रहते हैं, ये खिलाड़ी बल्लेबाज को दौड़ बनाने से रोकने के लिए गेंद को पकड़ने का प्रयास करते हैं और यदि सम्भव हो तो उसे आउट करने की कोशिश करते हैं। बल्लेबाज यदि आउट नहीं होता है तो वो विकेटों के बीच में भाग कर दूसरे बल्लेबाज ("गैर स्ट्राइकर") से अपनी स्थिति को बदल सकता है, जो पिच के दूसरी ओर खड़ा होता है। इस प्रकार एक बार स्थिति बदल लेने से एक रन बन जाता है। यदि बल्लेबाज गेंद को मैदान की सीमारेखा तक हिट कर देता है तो भी रन बन जाते हैं। स्कोर किए गए रनों की संख्या और आउट होने वाले खिलाड़ियों की संख्या मैच के परिणाम को निर्धारित करने वाले मुख्य कारक हैं। यह कई बातों पर निर्भर करता है कि क्रिकेट के खेल को ख़त्म होने में कितना समय लगेगा। पेशेवर क्रिकेट में यह सीमा हर पक्ष के लिए २० ओवरों से लेकर ५ दिन खेलने तक की हो सकती है। खेल की अवधि के आधार पर विभिन्न नियम हैं जो खेल में जीत, हार, अनिर्णीत (ड्रा), या बराबरी (टाई) का निर्धारण करते हैं। क्रिकेट मुख्यतः एक बाहरी खेल है और कुछ मुकाबले कृत्रिम प्रकाश (फ्लड लाइट्स) में भी खेले जाते हैं। उदाहरण के लिए, गरमी के मौसम में इसे संयुक्त राजशाही, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में खेला जाता है जबकि वेस्ट इंडीज, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में ज्यादातर मानसून के बाद सर्दियों में खेला जाता है। मुख्य रूप से इसका प्रशासन दुबई में स्थित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के द्वारा किया जाता है, जो इसके सदस्य राष्ट्रों के घरेलू नियंत्रित निकायों के माध्यम से विश्व भर में खेल का आयोजन करती है। आईसीसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाले पुरूष और महिला क्रिकेट दोनों का नियंत्रण करती है। हालांकि पुरूष, महिला क्रिकेट नहीं खेल सकते हैं पर नियमों के अनुसार महिलाएं पुरुषों की टीम में खेल सकती हैं। मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप, आस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड, दक्षिणी अफ्रीका और वेस्टइंडीज में क्रिकेट का पालन किया जाता है। नियम संहिता के रूप में होते हैं जो, क्रिकेट के कानून कहलाते हैं और इनका अनुरक्षण लंदन में स्थित मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एम सी सी) के द्वारा किया जाता है। इसमें आई सी सी और अन्य घरेलू बोर्डों का परामर्श भी शामिल होता है। .

नई!!: कर्नाटक और क्रिकेट · और देखें »

क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

श्रेणी:भारत का भूगोल श्रेणी:भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित सूचियाँ.

नई!!: कर्नाटक और क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र · और देखें »

कृष्णा नदी

विजयवाड़ा में बहती कृष्णा कृष्णा भारत में बहनेवाली एक नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत महाबलेश्वर से निकलती है। इसकी लम्बाई प्रायः 1290 किलोमीटर है। यह दक्षिण-पूर्व में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है। कृष्णा नदी की उपनदियों में प्रमुख हैं: तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मूसी और भीमा.

नई!!: कर्नाटक और कृष्णा नदी · और देखें »

केनरा बैंक

केनरा बैंक भारत की एक प्रमुख वाणिज्यिक बैंक है। भारत में इसकी स्थापना 1906 में, श्री अम्मेम्बल सुब्बा राव पई, एक महान दूरदर्शी और परोपकारी द्वारा की गयी थी इस नाते यह भारत के सबसे पुराने भारतीय बैंकों में से एक है। 2013 तक केनरा बैंक की भारत और अन्य देशों में 3600 से अधिक शाखायें थीं, बैंगलोर में अधिकतम शाखाओं के साथ। इसका मुख्य कार्यालय बंगलूरू में स्थित है। केनरा बैंक, विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए आवश्यक बल देने के विशेष रूप से निर्यात और अनिवासी भारतीयों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसके विभिन्न विदेशी विभागों के कामकाज की निगरानी के लिए, 1976 में अपने अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग की स्थापना की। बैंक की अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति, लंदन, हांगकांग, मास्को, शंघाई, दोहा और दुबई जैसे केन्द्रों मे है। व्यापार के संदर्भ में यह एक भारत के सबसे बडे़ राष्ट्रीयकृत बैंको में से एक है, जिसका कुल कारोबार 598,033 करोड़ रुपयों का है। .

नई!!: कर्नाटक और केनरा बैंक · और देखें »

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (अंग्रेज़ी:Central Board of Secondary Education या CBSE) भारत की स्कूली शिक्षा का एक प्रमुख बोर्ड है। भारत के अन्दर और बाहर के बहुत से निजी विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं - शिक्षा संस्थानों को अधिक प्रभावशाली ढंग से लाभ पहुंचाना, उन विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी होना जिनके माता-पिता केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी हैं और निरंतर स्थानान्तरणीय पदों पर कार्यरत हों। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में शिक्षा का माध्यम हिन्दी या अंग्रेजी हो सकता है। इसमें कुल ८९७ केन्द्रीय विद्यालय, १७६१ सरकारी विद्यालय, ५८२७ स्वतंत्र विद्यालय, ४८० जवाहर नवोदय विद्यालय और १४ केन्द्रीय तिब्बती विद्यालय सम्मिलित हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। १८ फ़रवरी २०१० इसका ध्येय वाक्य है - असतो मा सद्गमय (हे प्रभु ! हमे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।)-के.मा.शि.बोर्ड। वर्ल्ड प्रेस .

नई!!: कर्नाटक और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड · और देखें »

केन्द्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान

केन्द्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान (अंग्रेज़ी: सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट, लघु: सी.पी.आर.आई) जो आमतौर पर सी पी आर आई के नाम से जाना जाता है, संप्रति विघुत मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त सोसाइटी है। भारत सरकार द्वारा 1960 में इसकी स्थापना की गई तथा 1978 में स्वायत्त सोसाइटी के रूप में उसका पुनगर्ठन किया गया। संस्थान का प्रबंध शासी निकाय करता है जिसके सदस्य सरकार, विद्युत उपयोगिताओं, उद्योगों, शैक्षिणक संस्थाओं आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। सचिव विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार शासी पिरषद् के अध्यक्ष हैं। संस्थान के मुख्य अधिशासी महानिदेशक हैं, जो शासी परिषद् के सदस्य सचिव भी हें। सी पी आर आई वैद्युत शिक्त इंजीनियरी में अनुप्रयुक्त अनुसंधान के लिए कें के रूप में काम करने के अलावा विद्युत उपस्कर के परीक्षण और प्रमाणीकरण को संपन्न करने के लिए एक प्रधान निकाय के रूप में कायर्रत है। संस्थान स्थित मानीटरन एवं क्षेत्र निदान, ऊर्जा परीक्षण तथा वितरण प्रणाली प्रबंधन के अलावा उत्पाद अभिकल्प तथा विकास (डिजाइन एवं डेवलपमेंट) के लिए परामर्श सेवाएँ प्रदान करता है और साथ ही देश के दोनों ताप तथा जल विद्युत संयंत्रों के लिए शेष आयु निर्धारण/नवीकरण एवं आधुनीनकीकरण अध्ययन तथा आयु विस्तरण अध्ययन संपन्न करता है। .

नई!!: कर्नाटक और केन्द्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान · और देखें »

केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान

केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (अंग्रेज़ी: सेन्ट्रल फ़ूड रिसर्स इंस्टीट्यूट) कर्नाटक राज्य में मैसूर में स्थित एक संस्थान है। केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान (सी.एफ.टी.आर.आई), मैसूर (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की एक संघटक प्रयोगशाला) सन्‌ 1950 में संस्थापकों की दूरदर्शिता और खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्च अनंसुधान एवं विकास कार्य के प्रति समर्पित उत्साही वैज्ञानिकों के नेटवर्क के कारण अस्तित्व में आयाI संस्थान की सस्ती परन्तु प्रभावशाली प्रौद्योगिकियों का विकास, देशी कच्चे माल का उपयुक्त एवं प्रभावपूर्ण उपयोग, जैव प्रौद्योगिकियाँ, विशेषकर एकीकृत प्रविधियों का विकास, संपूर्ण प्रौद्योगिकी के लिए उच्च स्तरीय अनुसंधान प्रयास, खाद्य सुरक्षा, सभी वर्गों की जनता के लिए पोषण इत्यादि विषयों की ओर विशेष रूझान रहा है I संस्थान को अपने अनुसंधान एवं विकास कार्य बढाने और वैश्वीकरण से टक्कर के कारण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा बाह्यत: निधिक कई परियोजनाओं से बड़ा लाभ प्राप्त हुआ है। खाद्य उद्योग में बढ़ती पूँजी निवेश के साथ देश में प्रस्तुत परिदृश्य बड़ा उत्साहवर्धक है जिसका शहरी बजार में पर्यावरणानुकूल प्रौद्योगिकियों द्वारा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के लिए, विशेष रूप से पारंपरिक खाद्यों के लिए शीघ्र गति से विस्तार हो रहा है I इंस्टिच्यूट ऑफ फूड़ टेकनालजिस्ट्‌स (यू एस ए), संयुक्त राष्ट्र विश्र्वविद्यालय (टोकियो), यूरोपीय आर्थिक आयोग (बेल्जियम), नेशनल साइन्स फाउण्डेशन (यूएसए) जैसे कई और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के जरिए पोषित मानव संसाधन विकास एवं अ. & वि.

नई!!: कर्नाटक और केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान · और देखें »

केम्पेगोडा अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

केम्पेगोडा विमानक्षेत्र (ಕೆಂಪೇಗೌಡ ಅಂತಾರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ವಿಮಾನ ನಿಲ್ದಾಣ) बेंगलुरु में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VOBG और IATA कोड है BLR। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 10800 फी.

नई!!: कर्नाटक और केम्पेगोडा अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र · और देखें »

केरल

केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.

नई!!: कर्नाटक और केरल · और देखें »

कॉर्पोरेशन बैंक

कार्पोरेशन बैंक का प्रतीक चिह्न कार्पोरेशन बैंक, भारत का एक प्रमुख अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक है। इसकी संस्थापना 12 मार्च 1906 को 'केनरा बैंकिंग कार्पोरेशन (उडुपि) लिमिटेड' के नाम से उडुपि की मंदिर-शहर में क्रान्तदर्शियों के एक समूह के पुरोगामी प्रयत्नों से हुई। सन् 1952 में कार्पोरेशन बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक होने की अनुज्ञप्ति प्राप्त की व यह भारत का तीसरा अनुसूचित बैंक बन गया। कार्पोरेशन बैंक का राष्ट्रीयकरण, अप्रैल, 1980 में हुआ। उदारीकरण के बाद के दौर में वित्तीय क्षेत्र संबंधी सुधारों से उत्पन्न चुनौतियों का कार्पोरेशन बैंक ने सफलता पूर्वक सामना किया। रणनीतिपरक व्यापार योजनाओं एवं नवोन्मेषी कार्या की बदौलत भारत सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों में कार्पोरेशन बैंक एक दक्ष, सशक्त, लाभप्रद एवं सदृढ पूँजीकृत बैंक के रूप में उभर कर आया है। देश के सभी 100 उच्च बैंकिंग केन्द्रों में से सभी केन्द्रों में इसकी शाखाएँ हैं। बैंक में 12465 कर्मचारी काम करते हैं। .

नई!!: कर्नाटक और कॉर्पोरेशन बैंक · और देखें »

कोडगु जिला

कोडगु या कुर्ग भारत के कर्नाटक प्रान्त का एक जिला है। इसका मुख्यालय मडिकेरि में है। पश्चिमी घाट पर स्थित पहाड़ों और घाटियों का प्रदेश कुर्ग दक्षिण भारत का एक प्रमुख पर्यटक स्‍थल है। कर्नाटक का यह खूबसूरत पर्वतीय स्‍थल समुद्र तल से 1525 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां की यात्रा एक न भूलने वाला अनुभव है। कुर्ग के पहाड़, हरे-भरे जंगल, चाय और कॉफी के बागान और यहां के लोग मन को लुभाते हैं। कावेरी नदी का उदगम स्‍थान कुर्ग अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा हाइकिंग, क्रॉस कंट्री और ट्रेल्‍स के लिए भी मशहूर है। .

नई!!: कर्नाटक और कोडगु जिला · और देखें »

कोप्पल जिला

कोप्पल (कन्नड़:ಕೊಪ್ಪಳ) भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। कोप्पल कर्नाटक राज्य का एक जिला है। कोप्पल जिले का मुख्यालय कोप्पल शहर में हैं। यह जगह विशेष रूप से विभिन्न मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह ऐतिहासिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है। कोप्पल का इतिहास लगभग 600 वर्ष पुराना है। जिले का मुख्यालय कोप्पल है। क्षेत्रफल - 7,190 वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और कोप्पल जिला · और देखें »

कोरोमंडल तट

कोरोमंडल तटीय जिले तट का मानचित्र (फ़्रेंच) कोरोमंडल तट भारतीय प्रायद्वीप की दक्षिण-पूर्वी तटरेखा को दिया गया नाम है। यह क्षेत्र चोल राजवंश द्वारा शासित रहा है। चोल क्षेत्र या मंडल को तमिल में चोल-मंडलम कहते थे। वहीं से पुर्तगालियों एवं फ्रेंच लोगों ने बिगाड़ कर कोरमंडल नाम निकाला है।The Land of the Tamulians and Its Missions by T. Desikachari - Coins, Indic - 1984">South Indian Coins - Page 61 by T. Desikachari - Coins, Indic - 1984 Indian History - Page 112 by Nonica Datta, Encyclopaedia Brittanica (India) Pvt.

नई!!: कर्नाटक और कोरोमंडल तट · और देखें »

कोलार जिला

कोलार भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। अपने सोने की खानों के लिये प्रसिद्ध यह जिला बंगलोर के उत्तर-पूर्व में है। क्षेत्रफल - 8,225 वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और कोलार जिला · और देखें »

कोंकण रेलवे

कोंकण रेलवे भारतीय रेलवे की एक आनुषांगिक कंपनी है जो कोंकण के तटीय क्षेत्रों के लिए रेलों का परिचालन करती है। इसकी स्थापना 26 जनवरी 1998 में हुई थी। इसका मुख्यालय मुम्बई में स्थित है। .

नई!!: कर्नाटक और कोंकण रेलवे · और देखें »

कोंकणी भाषा

कोंकणी गोवा, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग, कर्नाटक के उत्तरी भाग, केरल के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। भाषायी तौर पर यह 'आर्य' भाषा परिवार से संबंधित है और मराठी से इसका काफी निकट का संबंध है। राजनैतिक तौर पर इस भाषा को अपनी पहचान के लिये मराठी भाषा से काफी संघर्ष करना पड़ा है। अब भारतीय संविधान के तहत कोंकणी को आठवीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है। १९८७ में गोवा में कोंकणी को मराठी के बराबर राजभाषा का दर्जा दिया गया किन्तु लिपि पर असहमति के कारण आजतक इस पर अमल नहीं किया जा सका। कोंकणी अनेक लिपियों में लिखी जाती रही है; जैसे - देवनागरी, कन्नड, मलयालम और रोमन। गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद दवनागरी लिपि में कोंकणी को वहाँ की राजभाषा घोषित किया गया है। .

नई!!: कर्नाटक और कोंकणी भाषा · और देखें »

अनिल कुंबले

अनिल कुंबले भारत के क्रिकेट खिलाड़ी हैं। यह जिम लेकर के बाद विश्व के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लिए हैं। अनिल कर्नाटक प्रदेश के बंगलोर नगर के निवासी हैं। इनके सम्मान में इस नगर के एक सबसे मुख्य चौराहे को अनिल कुंबले चौराहा का नाम दिया गया है। भारत की ओर से ५०० विकेट लेने वाले वह पहले खिलाड़ी हैं। ये भारतीय क्रिकेट टीम के कोच भी रह चुके हैं उन्होंने हाल ही में कप्तान विराट कोहली से मतभेदों के कारण इस्तीफा दे दिया .

नई!!: कर्नाटक और अनिल कुंबले · और देखें »

अब्बे जल प्रपात

अब्बे जल प्रपात कर्नाटक के कोडगु जिला के मुख्यालय मदिकेरी के निकट स्थित है। यह खूबसूरत जलप्रपात मदिकेरी से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है। एक निजी कॉफी बागान के भीतर यह झरना स्थित है। पर्यटक बड़ी संख्या में इस स्थान पर आते हैं। मॉनसून के दिनों में यहां की सुंदरता देखते ही बनती है। प्रपात, अब्बे जल प्रपात, अब्बे जल प्रपात, अब्बे जल.

नई!!: कर्नाटक और अब्बे जल प्रपात · और देखें »

अभयारण्य

अभयारण्य का अर्थ है अभय + अरण्य। अर्थात अभय घूम सकें जानवर, ऐसा अरण्य या वन। सरकार अथवा किसी अन्य संस्था द्वारा संरक्षित वन, पशु-विहार या पक्षी विहार को अभयारण्य कहते हैं। इनका उद्देश्य पशु, पक्षी या वन संपदा को संरक्षित करना, उसका विकास करना व शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र में उसकी मदद लेना होता है। .

नई!!: कर्नाटक और अभयारण्य · और देखें »

अम्बा विलास महल

मैसूर महल रात्रि उज्ज्वलन में महल ्भिन्न भिन्न प्रकारों की रात्रि उज्ज्वलनमहाराजा पैलेस, राजमहल मैसूर के कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ का है। यह पैलेस बाद में बनवाया गया। इससे पहले का राजमहल चन्दन की लकड़ियों से बना था। एक दुर्घटना में इस राजमहल की बहुत क्षति हुई जिसके बाद यह दूसरा महल बनवाया गया। पुराने महल को बाद में ठीक किया गया जहाँ अब संग्रहालय है। दूसरा महल पहले से ज्यादा बड़ा और अच्छा है। मैसूर पैलेस दविड़, पूर्वी और रोमन स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है। नफासत से घिसे सलेटी पत्थरों से बना यह महल गुलाबी रंग के पत्थरों के गुंबदों से सजा है। महल में एक बड़ा सा दुर्ग है जिसके गुंबद सोने के पत्तरों से सजे हैं। ये सूरज की रोशनी में खूब जगमगाते हैं। अब हम मैसूर पैलेस के गोम्बे थोट्टी - गुड़िया घर - से गुजरते हैं। यहां 19वीं और आरंभिक 20वीं सदी की गुड़ियों का संग्रह है। इसमें 84 किलो सोने से सजा लकड़ी का हौद भी है जिसे हाथियों पर राजा के बैठने के लिए लगाया जाता था। इसे एक तरह से घोड़े की पीठ पर रखी जाने वाली काठी भी माना जा सकता है। .

नई!!: कर्नाटक और अम्बा विलास महल · और देखें »

अरब सागर

अरब सागर जिसका भारतीय नाम सिंधु सागर है, भारतीय उपमहाद्वीप और अरब क्षेत्र के बीच स्थित हिंद महासागर का हिस्सा है। अरब सागर लगभग 38,62,000 किमी2 सतही क्षेत्र घेरते हुए स्थित है तथा इसकी अधिकतम चौड़ाई लगभग 2,400 किमी (1,500 मील) है। सिन्धु नदी सबसे महत्वपूर्ण नदी है जो अरब सागर में गिरती है, इसके आलावा भारत की नर्मदा और ताप्ती नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं। यह एक त्रिभुजाकार सागर है जो दक्षिण से उत्तर की ओर क्रमश: संकरा होता जाता है और फ़ारस की खाड़ी से जाकर मिलता है। अरब सागर के तट पर भारत के अलावा जो महत्वपूर्ण देश स्थित हैं उनमें ईरान, ओमान, पाकिस्तान, यमन और संयुक्त अरब अमीरात सबसे प्रमुख हैं। .

नई!!: कर्नाटक और अरब सागर · और देखें »

अशोक

चक्रवर्ती सम्राट अशोक (ईसा पूर्व ३०४ से ईसा पूर्व २३२) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व २६९ से २३२ प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शिर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहाँ जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों का सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्विपों में भी बौद्ध धर्म धर्म का प्रचार किया। सम्राट अशोक के संदर्भ के स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है। जीवन के उत्तरार्ध में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति में उन्होने कई स्तम्भ खड़े कर दिये जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल - लुम्बिनी - में मायादेवी मन्दिर के पास, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर एवं आदी श्रीलंका, थाईलैंड, चीन इन देशों में आज भी अशोक स्तम्भ के रूप में देखे जा सकते है। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से कई छात्र शिक्षा पाने भारत आया करते थे। ये विश्वविद्यालय उस समय के उत्कृट विश्वविद्यालय थे। शिलालेख सुरु करने वाला पहला शासक अशोक ही था, .

नई!!: कर्नाटक और अशोक · और देखें »

अशोकस्तम्भ

अशोकस्तम्भ वैशाली मे अशोक के धार्मिक प्रचार से कला को बहुत ही प्रोत्साहन मिला। अपने धर्मलेखों के अंकन के लिए उसने ब्राह्मी और खरोष्ठी दो लिपियों का उपयोग किया और संपूर्ण देश में व्यापक रूप से लेखनकला का प्रचार हुआ। धार्मिक स्थापत्य और मूर्तिकला का अभूतपर्वू विकास अशोक के समय में हुआ। परंपरा के अनुसार उसने तीन वर्ष के अंतर्गत 84,000 स्तूपों का निर्माण कराया। इनमें से ऋषिपत्तन (सारनाथ) में उसके द्वारा निर्मित धर्मराजिका स्तूप का भग्नावशेष अब भी द्रष्टव्य हैं। इसी प्रकार उसने अगणित चैत्यों और विहारों का निर्माण कराया। अशोक ने देश के विभन्न भागों में प्रमुख राजपथों और मार्गों पर धर्मस्तंभ स्थापित किए। अपनी मूर्तिकला के कारण ये स्तंभ सबसे अधिक प्रसिद्ध है। स्तंभनिर्माण की कला पुष्ट नियोजन, सूक्ष्म अनुपात, संतुलित कल्पना, निश्चित उद्देश्य की सफलता, सौंदर्यशास्त्रीय उच्चता तथा धार्मिक प्रतीकत्व के लिए अशोक के समय अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुकी थी। इन स्तंभों का उपयोग स्थापत्यात्मक न होकर स्मारकात्मक था। .

नई!!: कर्नाटक और अशोकस्तम्भ · और देखें »

अगुम्बे

अगुम्बे कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित एक ग्राम है। .

नई!!: कर्नाटक और अगुम्बे · और देखें »

अक्का महादेवी

अक्का महादेवी (ಅಕ್ಕ ಮಹಾದೇವಿ) वीरशैव धर्म संबंधी कन्नड़ कविता में प्रसिद्ध हस्ती थीं। ये १२वीं शताब्दी में हुई थीं। इनके वचन कन्नड़ गद्य में भक्ति कविता में ऊंचा योगदान माने जाते हैं। इन्होंने कुल मिलाकर लगभग ४३० वचन कहे थे, जो अन्य समकालीन संतों के वचनों की अपेक्षा कम हैं। फिर भी इन्हें वीरशैव धर्म के अन्य संतों जैसे बसव, चेन्न बसव, किन्नरी बोम्मैया, सिद्धर्मा, अलामप्रभु एवं दास्सिमैय्या द्वारा ऊंचा दर्जा दिया गया है। An idol of Akkamahadevi installed in a temple at her birth-place, Udathadi A statue of Akkamahadevi installed at her birth-place, Udathadi .

नई!!: कर्नाटक और अक्का महादेवी · और देखें »

उडुपी

उडुपी (औपचारिक रूप से उदीपी के रूप में वर्तनी) जिसे तुलु में ओडिपु ​​के नाम से जाना जाता है, वह भारतीय राज्य कर्नाटक प्रान्त में एक शहर है। यह उडुपी जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। उडुपी कृष्ण मंदिर, तुलु अष्टमथा के लिए उल्लेखनीय है और इसका नाम लोकप्रिय उडुपी व्यंजन पर है। यह भगवान परशुराम क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, और कानाकाणा किंडी के लिए प्रसिद्ध है। तीर्थयात्रा का केंद्र, उडुपी को राजाता पीठ और शिवली (शिबालेल) के रूप में जाना जाता है। इसे मंदिर शहर भी कहा जाता है। मणिपाल उडुपी शहर के भीतर एक इलाके है। उडुई औद्योगिक हब मैंगलोर से लगभग 60 किमी उत्तर में स्थित है और सड़क के अनुसार राज्य की राजधानी बेंगलुरू के लगभग 422 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। श्रेणी:कर्नाटक श्रेणी:कर्नाटक के शहर.

नई!!: कर्नाटक और उडुपी · और देखें »

उडुपी ज़िला

उडुपी का स्थान कर्नाटक में उडुपी (तुलु:ಉಡುಪಿ) भारतीय राज्य कर्नाटक का एक जिला है। जिले का मुख्यालय उडुपी है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: कर्नाटक और उडुपी ज़िला · और देखें »

उडुपी कृष्ण मंदिर

उडुपी श्री कृष्ण मठ (तुलु: ಉಡುಪಿ ಶ್ರೀ ಕೃಷ್ಣ ಮಠ) भारत के कर्नाटक राज्य के उडुपी शहर में स्थित भगवान श्री कृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। मठ का क्षेत्र रहने के लिए बने एक आश्रम जैसा है, यह रहने और भक्ति के लिए एक पवित्र स्थान है। श्री कृष्ण मठ के आसपास कई मंदिर है, सबसे अधिक प्राचीन मंदिर 1500 वर्षों के मूल की बुनियादी लकड़ी और पत्थर से बना है।(विस्तार के लिए उडुपी देखें) .

नई!!: कर्नाटक और उडुपी कृष्ण मंदिर · और देखें »

उत्तर कन्नड़ ज़िला

उत्तर कन्नड का स्थान कर्नाटक में thumb उत्तर कन्नड़ (कन्नड़:ಉತ್ತರ ಕನ್ನಡ) भारतीय राज्य कर्नाटक का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय कर्वार है। क्षेत्रफल - 10,250 वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - 1,353,644 (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

नई!!: कर्नाटक और उत्तर कन्नड़ ज़िला · और देखें »

उदया टीवी

उदया टीवी एक कन्नड़ टीवी चैनल है। यह एक मनोरंजन चैनल है। श्रेणी:कन्नड़ चैनल.

नई!!: कर्नाटक और उदया टीवी · और देखें »

उन्चल्ली प्रपात

उन्चल्ली जल प्रपात, जिसे लीशिंग्टन फ़ॉल्स भी कहते हैं, एक ऊंचाई का जलप्रपात है, जो अघन्शिनी नदि के गिरने से कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित है। .

नई!!: कर्नाटक और उन्चल्ली प्रपात · और देखें »

उपमा

अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार श्रेणी:साहित्य श्रेणी:अलंकार श्रेणी:हिन्दी साहित्य.

नई!!: कर्नाटक और उपमा · और देखें »

उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

नई!!: कर्नाटक और उर्दू भाषा · और देखें »

उर्दू साहित्य

उर्दू भारत तथा पाकिस्तान की आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है। इसका विकास मध्ययुग में उत्तरी भारत के उस क्षेत्र में हुआ जिसमें आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पूर्वी पंजाब सम्मिलित हैं। इसका आधार उस प्राकृत और अपभ्रंश पर था जिसे 'शौरसेनी' कहते थे और जिससे खड़ीबोली, ब्रजभाषा, हरियाणी और पंजाबी आदि ने जन्म लिया था। मुसलमानों के भारत में आने और पंजाब तथा दिल्ली में बस जाने के कारण इस प्रदेश की बोलचाल की भाषा में फारसी और अरबी शब्द भी सम्मिलित होने लगे और धीरे-धीरे उसने एक पृथक् रूप धारण कर लिया। मुसलमानों का राज्य और शासन स्थापित हो जाने के कारण ऐसा होना स्वाभाविक भी था कि उनके धर्म, नीति, रहन-सहन, आचार-विचार का रंग उस भाषा में झलकने लगे। इस प्रकार उसके विकास में कुछ ऐसी प्रवृत्तियाँ सम्मिलित हो गईं जिनकी आवश्यकता उस समय की दूसरी भारतीय भाषाओं को नहीं थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बोलचाल में खड़ीबोली का प्रयोग होता था। उसी के आधार पर बाद में उर्दू का साहित्यिक रूप निर्धारित हुआ। इसमें काफी समय लगा, अत: देश के कई भागों में थोड़े-थोड़े अंतर के साथ इस भाषा का विकास अपने-अपने ढंग से हुआ। उर्दू का मूल आधार तो खड़ीबोली ही है किंतु दूसरे क्षेत्रों की बोलियों का प्रभाव भी उसपर पड़ता रहा। ऐसा होना ही चाहिए था, क्योंकि आरंभ में इसको बोलनेवाली या तो बाजार की जनता थी अथवा वे सुफी-फकीर थे जो देश के विभिन्न भागों में घूम-घूमकर अपने विचारों का प्रचार करते थे। इसी कारण इस भाषा के लिए कई नामों का प्रयोग हुआ है। अमीर खुसरो ने उसको "हिंदी", "हिंदवी" अथवा "ज़बाने देहलवी" कहा था; दक्षिण में पहुँची तो "दकिनी" या "दक्खिनी" कहलाई, गुजरात में "गुजरी" (गुजराती उर्दू) कही गई; दक्षिण के कुछ लेखकों ने उसे "ज़बाने-अहले-हिंदुस्तान" (उत्तरी भारत के लोगों की भाषा) भी कहा। जब कविता और विशेषतया गजल के लिए इस भाषा का प्रयोग होने लगा तो इसे "रेख्ता" (मिली-जुली बोली) कहा गया। बाद में इसी को "ज़बाने उर्दू", "उर्दू-ए-मुअल्ला" या केवल "उर्दू" कहा जाने लगा। यूरोपीय लेखकों ने इसे साधारणत: "हिंदुस्तानी" कहा है और कुछ अंग्रेज लेखकों ने इसको "मूस" के नाम से भी संबोधित किया है। इन कई नामों से इस भाषा के ऐतिहासिक विकास पर भी प्रकार पड़ता है। .

नई!!: कर्नाटक और उर्दू साहित्य · और देखें »

१ नवंबर

१ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०५वॉ (लीप वर्ष मे ३०६ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ६० दिन बाकी है। .

नई!!: कर्नाटक और १ नवंबर · और देखें »

१०वीं शताब्दी

१०वीं शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। शताब्दी, १०वीं.

नई!!: कर्नाटक और १०वीं शताब्दी · और देखें »

१०९८

1098 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: कर्नाटक और १०९८ · और देखें »

११२२

११२२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: कर्नाटक और ११२२ · और देखें »

१२वीं शताब्दी

१२वीं शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। शताब्दी, १२वीं.

नई!!: कर्नाटक और १२वीं शताब्दी · और देखें »

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची राज्यश: इस लेख में दी गयी है। ये सभी सांसद भारतीय संसद की १६वीं लोक सभा के लिए अप्रैल – मई, २०१४ में हुए आम चुनावों में निर्वाचित हुए। इन सांसदों में ५८ प्रतिशत सांसद (३१५ सांसद) ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुये हैं। .

नई!!: कर्नाटक और १६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची · और देखें »

१६वीं शताब्दी

१६वीं शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। शताब्दी, १६वीं.

नई!!: कर्नाटक और १६वीं शताब्दी · और देखें »

१९५६

१९५६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: कर्नाटक और १९५६ · और देखें »

१९७४

1974 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: कर्नाटक और १९७४ · और देखें »

४ मई

4 मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 124वॉ (लीप वर्ष मे 125 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 241 दिन बाकी है। .

नई!!: कर्नाटक और ४ मई · और देखें »

५वीं शताब्दी ईसा

ईसवी संवत के जूलियन कैलेंडर के अनुसार ४०१ से ५०० तक की अवधि के समय को ५वीं शताब्दी ईसा कहा जाता है। .

नई!!: कर्नाटक और ५वीं शताब्दी ईसा · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

कर्णाटक, कर्णाटक राज्य, कर्णाटका, कर्नाटक राज्य, कर्नाटका

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »