3 संबंधों: चाक, नव्य न्याय, करण (नृत्य)।
चाक
कुम्हार, चाक पर बर्तन बनाते हुए चाक वह गोल पहिया होता है, जिसपर कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाता है। श्रेणी:हिन्दी शब्दावली श्रेणी:व्यवसाय श्रेणी:मिट्टी श्रेणी:बर्तन.
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नव्य न्याय
नव्य न्याय, भारतीय दर्शन का एक सम्प्रदाय (school) है जो मिथिला के दार्शनिक गंगेश उपाध्याय द्वारा तेरहवीं शती में प्रतिपादित किया गया। इसमें पुराने न्याय दर्शन को ही आगे बढ़ाया गया है। वाचस्पति मिश्र तथा उदयन (१०वीं शती की अन्तिम बेला) आदि का भी इस दर्शन के विकास में प्रभाव है। गंगेश उपाध्याय ने श्रीहर्ष के खण्डनखण्डखाद्यम् नामक पुस्तक के विचारों के विरोध में अपनी पुस्तक तत्वचिन्तामणि की रचना की। खण्डनखण्डखाद्यम् में अद्वैत वेदान्त का समर्थन एवं न्याय दर्शन के कतिपय सिद्धान्तों का खण्डन किया गया था। .
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करण (नृत्य)
हवाई के हिन्दू मन्दिर में नृत्य के देवता नटराज द्वारा किये गये करणों की मूर्तियाँ वृश्चिकाकुट्टितम करण का एक परिवर्तित रूप नाट्यशास्त्र में वर्णित १०८ प्रकार की नृत्य-स्थितियों' को करण कहते हैं। .