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कंप्यूटर

सूची कंप्यूटर

निजी संगणक कंप्यूटर (अन्य नाम - संगणक, कंप्यूटर, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और विद्युत कोष (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि सुवाह्य संगणक, टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई (सीपीयू) और सूचना भन्डारण के लिए स्मृति होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। एकीकृत परिपथ पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि मोबाइल फ़ोन में भी समा सकते है और मोबाइल संगणक एक छोटी सी विद्युत कोष (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में व्यक्तिगत संगणक सूचना प्रौद्योगिकी युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, वायुयान व खिलौनो से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। .

54 संबंधों: चार्ल्स बैबेज, एकीकृत परिपथ, डेस्कटॉप, द्वितीय विश्वयुद्ध, दूरसंचार, निर्वात नली, प-पत्र, पनचक्की, पामटॉप, प्रचालन तन्त्र, प्रोग्रामिंग भाषा, फ्लैश मेमोरी, ब्लू-रे डिस्क, ब्लेज़ पास्कल, महासंगणक, माइक्रोप्रोसेसर, माउस, मैमोरी कार्ड, मेमोरी स्टिक, मोबाइल फ़ोन, मोबाइल कम्प्यूटिंग, यूऍसबी फ्लैश ड्राइव, यूनिक्स, रिले, रोबोट, लैपटॉप, लेखाकरण, शब्द संसाधक, सहयोग, सिमुलेशन, संयुक्त राज्य, सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, हार्ड डिस्क ड्राइव, हिस्ट्री (टीवी चैनल), घंटा, वायुयान, विद्युत कोष, व्यक्तिगत संगणक, गिनतारा, इंटेल, कम्प्यूटर विज्ञान, कसदी, कंप्यूटर स्मृति, क्रमानुदेशन, केंद्रीय प्रक्रमन एकक, अनुभाषक, अनुरूप अभिकलित्र, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मशीन निगम, अंकगणित, ..., अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी, उत्तोलक, उत्पाद, उर्वर अर्धचंद्र सूचकांक विस्तार (4 अधिक) »

चार्ल्स बैबेज

चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेजी बहुश्रुत थे वह एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के उद्धव के लिए जाने जाते हैं या याद किये जाते है। चार्ल्स बैबेज को "कंप्यूटर का पिता"(फादर ऑफ कम्प्यूटर) माना जाता है। बैबेज को अंततः अधिक जटिल डिजाइन करने के लिए एवं उनके नेतृत्व में पहली यांत्रिक कंप्यूटर की खोज करने का श्रेय दिया जाता है। इन्हें अन्य क्षेत्रों में अपने विभिन्न कामो के लिए भी जाना जाता है एवं इन्हें अपने समय में काफी लोकप्रियता एवं सम्मान भी मिला अपने विभिन्न खोज के लिए और वही आगे चल कर कंप्यूटर जगत में नए खोजो का श्रोत बना। बैबेज के द्वारा निर्मित अपूर्ण तंत्र के कुछ हिस्सों को लंदन साइंस म्यूजियम में प्रदर्शनी के लिए रखा गया है| 1991 में, एक पूरी तरह से कार्य कर रहा अंतर इंजन बैबेज की मूल योजना से निर्माण किया गया था। 19 वीं सदी में प्राप्त के लिए निर्मित, समाप्त इंजन की सफलता ने यह संकेत दिया की बैबेज की मशीन काम करती है। .

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एकीकृत परिपथ

माइक्रोचिप कम्पनी की इप्रोम (EPROM) स्मृति के एकीकृत परिपथ आधुनिक सरफेस माउण्ट आईसी ऐटमेल (Atmel) की एक आईसी, जिसके अन्दर स्मृति ब्लॉक, निवेश निर्गम (इन्पुट-ऑउटपुट) एवं तर्क के ब्लॉक देखे जा सकते हैं। यह एक ही चिप में पूरा तन्त्र (System on Chip) है। एलेक्ट्रॉनिकी में एकीकृत परिपथ या एकीपरि (इन्टीग्रेटेड सर्किट (IC)) को सूक्ष्मपरिपथ (माइक्रोसर्किट), सूक्ष्मचिप, सिलिकॉन चिप, या केवल चिप के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अर्धचालक पदार्थ के अन्दर बना हुआ एलेक्ट्रॉनिक परिपथ ही होता है जिसमें प्रतिरोध, संधारित्र आदि पैसिव कम्पोनेन्ट (निष्क्रिय घटक) के अलावा डायोड, ट्रान्जिस्टर आदि अर्धचालक अवयव निर्मित किये जाते हैं। जिस प्रकार सामान्य परिपथ का निर्माण अलग-अलग (डिस्क्रीट) अवयव जोड़कर किया जाता है, आईसी का निर्माण वैसे न करके एक अर्धचालक के भीतर सभी अवयव एक साथ ही एक विशिष्ट प्रक्रिया का पालन करते हुए निर्मित कर दिये जाते हैं। एकीकृत परिपथ आजकल जीवन के हर क्षेत्र में उपयोग में लाये जा रहे हैं। इनके कारण एलेक्ट्रानिक उपकरणों का आकार अत्यन्त छोटा हो गया है, उनकी कार्य क्षमता बहुत अधिक हो गयी है एवं उनकी शक्ति की जरूरत बहुत कम हो गयी है। संकर एकीकृत परिपथ भी लघु आकार के एकीपरि (एकीकृत परिपथ) होते हैं किन्तु वे अलग-अलग अवयवों को एक छोटे बोर्ड पर जोड़कर एवं एपॉक्सी आदि में जड़कर (इम्बेड करके) बनाये जाते हैं। अतः ये मोनोलिथिक आई सी से भिन्न हैं। .

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डेस्कटॉप

डेस्कटॉप(मेज़ के ऊपर कम्प्यूटर) एक ही स्थान पर, एक नियमित रूप से उपयोग के लिए एक व्यक्तिगत संगणक है। पुराने डेस्कटॉप कंप्यूटर के रूपांकित डेस्क पर क्षैतिज रखने के लिये था, जबकि आधुनिक मीनार डेस्कटॉप के रूपांकित ऊर्ध्वाधर खड़े होने का है। डेस्कटॉप कम्प्यूटर .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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दूरसंचार

दूरसंचार (Telecommunication) शब्द का प्रयोग किसी विद्युत संकेत का किसी दूरार्ध क्षेत्र तक संचारित या प्रेषित करने के अर्थ में होता है। .

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निर्वात नली

आधुनिक निर्वात नलियाँ (अधिकांशतः लघु आकार वाली) इलेक्ट्रॉनिकी में निर्वात नली एक ऐसी युक्ति है जिसका कार्य निर्वात में विद्युत धारा के प्रवाह पर आधारित है। इसे एलेक्ट्रॉन नली (उत्तरी अमेरिका), तापायनिक वॉल्व (यूके में) या केवल 'ट्यूब' या 'वॉल्व' भी कहते हैं। इनमें एक तप्त फिलामेण्ट (कैथोड) से निकलने वाले एलेक्ट्रॉन निर्वात में गति करके एनोड पर पहुंचते हैं जो कैथोड की अपेक्षा अधिक वोल्टता पर रखा गया होता है। निर्वात नलियों के प्रादुर्भाव ने एलेक्ट्रॉनिकी के जन्म और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। .

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प-पत्र

एक ई-मेल परमाणु पत्र (प-पत्र) ईमेल इलॅक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रूप है। यह संगणक द्वारा अंतरजाल के माध्यम से पत्र भेजने का एक तरीका है। एक ईमेल को भेजने के लिए एक ईमेल पते की आवश्यकता होती है जो यूजर-नेम आैर डोमेन नेम से मिल कर बना होता है | आमतौर इण्टरनेट पर कई मुफ्त ईमेल सेवायें उपलब्ध हैं और जिस प्रकार एक ईमेल को कंप्यूटर से भेजा जाता है उसी प्रकार से एक ईमेल को स्मार्टफ़ोन से भी भेजा जा सकता है | .

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पनचक्की

संग्रहालय में रखी एक '''पनचक्की''' पनचक्की (water wheel) वह यांत्रिक युक्ति है जो बहते हुए या गिरते हुए जल की उर्जा से घूमकर किसी दूसरी युक्ति को चलाती है जिससे उपयोगी काम होता है। मध्ययुग में पनचक्कियाँ विभिन्न देशों में कारखानों में बहुत से काम करतीं थीं। (इनके अतिरिक्त पवनचक्कियाँ, जानवरों की शक्ति एवं मानवशक्ति से काम होता था)। इन पनचक्कियों का सर्वाधिक उपयोग अनाज पीसकर आटा बनाने में होता था। .

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पामटॉप

पाल्म्टॉप कम्प्यूटर (Palm TX) पाल्म्टॉप (हथेली के ऊपर कम्प्यूटर) या पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट एक मोबाइल डिवाइस है जो व्यक्तिगत जानकारी प्रबंधक के रूप में कार्य करता है। आज के ज़माने, अधिकांश पाल्म्टॉप में इंटरनेट, ऑडियो और वीडियो क्षमताओं है, इसलिए उन्हें संगीत खिलाड़ी, वीडियो प्लेयर और मोबाइल फोन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। .

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प्रचालन तन्त्र

प्रचालन तंत्र (अंग्रेज़ी:ऑपरेटिंग सिस्टम) साफ्टवेयर का समूह है जो कि आंकड़ों एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है। यह हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर के बीच सेतु का कार्य करता है और कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर घटक होता है। इसी की सहायता से ही कंप्यूटर में स्थापित प्रोग्राम चलते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का मेरुदंड होता है, जो इसके सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर को नियंत्रण में रखता है। यह अनधिकृत व्यक्ति को कंप्यूटर के गलत प्रयोग करने से रोकता है।। हिन्दुस्तान लाइव।। प्रमोद पंत।२५ अक्टूबर, २००९ वह इसमें भी विभेद कर सकता हैं कि कौन सा निवेदन पूरा करना है और कौन सा नहीं, इसके साथ ही इनकी वरीयता भी ध्यान रखी जाती है। इसकी मदद से एक से ज्यादा सीपीयू में भी प्रोगाम चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा संगणक संचिका को पुनः नाम देना, डायरेक्टरी की विषय सूची बदलना, डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य भी प्रचालन तंत्र के द्वारा किए जाते है। डॉस (DOS), यूनिक्स, विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम (३.१, ९५, ९८, २०००, एक्स पी, विस्ता, विंडोज ७) और लिनक्स आदि कुछ प्रमुख प्रचालन तंत्र हैं।। तकनीक.कॉम।२ जुलाई, २००८।। कमल विभिन्न प्रचालन तंत्रों में से कुछ हैं:लिनक्स, मैक ओएस एक्स, डॉस, आईबीएम ओएस/2 (IBM OS/2), यूनिक्स, विन्डोज सीई, विन्डोज 3.x, विन्डोज ९५, विन्डोज ९८, विन्डोज मिलेनियम, विन्डोज़ एनटी, विन्डोज २०००, विन्डोज़ एक्स पी, विन्डोज़ विस्टा, विन्डोज़ 7। उबंटु प्रचालन तंत्र कंप्यूटर से जुड़े कई मौलिक कार्यों को संभालता है, जैसे की-बोर्ड से इनपुट लेना, डिस्प्ले स्क्रीन को आउटपुट भेजना, डाइरेक्टरी और संगणक संचिका को डिस्क में ट्रेक करना, इत्यादि। बड़े कंप्यूटरों में इसका काम और अधिक होता है। वह इनमें लगातार यह जांच करता है कि एक ही समय पर कंप्यूटर में चलने वाले प्रोगामों, फाइलों और एक ही समय पर खुलने वाली साइटों में दोहराव न हो। आरंभिक दौर में यह मेनफ्रेम कंप्यूटरों पर बड़े कामों के लिए ही हुआ करता था। बाद में धीरे-धीरे माइक्रोकम्प्यूटर्स में भी मिलने लगा, लेकिन उस समय इसमें एक समय पर केवल एक ही प्रोगाम रन करा सकते थे। मेनफ्रेम कंप्यूटर में १९६० में पहली बार बहुकार्यिक (मल्टीटास्किंग) सिस्टम आया था। इससे एक समय में एक से ज्यादा उपयोक्ता काम कर सकते थे। १९७० लिनक्स ने पहली बार पीडीपी-७ में प्रचालन तंत्र निकाला, जो मुख्यतया मल्टीटास्किंग, स्मृति प्रबंधन (मेमोरी मैनेजमेंट), स्मृति संरक्षण (मेमोरी प्रोटेक्शन) जैसे कार्य करता था। .

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प्रोग्रामिंग भाषा

पाइथन (Python) नामक प्रोग्रामन भाषा में लिखित प्रोग्राम का अंश प्रोग्रामिंग भाषा (programming language) एक कृत्रिम भाषा होती है, जिसकी डिजाइन इस प्रकार की जाती है कि वह किसी काम के लिये आवश्यक विभिन्न संगणनाओ (computations) को अभिव्यक्त कर सके। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग विशेषतः संगणकों के साथ किया जाता है (किन्तु अन्य मशीनों पर भी प्रोग्रामिंग भाषाओं का उपयोग होता है)। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग हम प्रोग्राम लिखने के लिये, कलन विधियों को सही रूप व्यक्त करने के लिए, या मानव संचार के एक साधन के रूप में भी कर सकते हैं। इस समय लगभग 2,500 प्रोग्रामिंग भाषाएं मौजूद हैं। पास्कल, बेसिक, फोर्ट्रान, सी, सी++, जावा, जावास्क्रिप्ट आदि कुछ प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं। .

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फ्लैश मेमोरी

यूएसबी (USB) से जुड़ने के योग्य एक फ्लैश ड्राइव; बाँयें तरफ फ्लैश मेमोरी की एक 'चिप' का दृष्य; दाँयें तरफ एक माइक्रोकन्ट्रोलर फ्लैश मेमोरी (Flash memory / चपला स्मृति) कम्प्यूटर एवं अन्य डिजिटल निकायों में प्रयुक्त होने वाली एक प्रकार की कंप्यूटर स्मृति है जो विद्युत शक्ति के न रहने पर भी बनी रहती है (अर्थात, नॉन्-वोलेटाइल मेमोरी)। आजकल यह मेमोरी बहुतायत में प्रयोग की जा रही है; जैसे- कंप्यूटर में प्रयुक्त फ्लैश ड्राइव (या पेन् ड्राइव), डिजिटल कैमरों एवं डिजिटल उत्पादों में प्रयुक्त मेमोरी कार्ड आदि। वस्तुत: यह एक प्रकार का ईईप्रोम (EEPROM) ही है किन्तु इसे बड़े-बड़े भागों (ब्लॉक्स) में मिटाया (इरेज) और प्रोग्राम किया जा सकता है जबकि साधारण ईईप्रोम को एक-एक बाइट करके ही मिटाया और प्रोग्राम किया जाता है। इस कारण इस पर नया आंकड़ा लिखने में अपेक्षाकृत कम समय लगता है। इसके अलावा फ्लैश मेमोरी, ईईप्रोम की अपेक्षा सस्ती भी है। .

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ब्लू-रे डिस्क

ब्लू-रे डिस्क (BD या ब्लू-रे नाम से भी प्रचलित) एक प्रकाशीय (Optical) डिस्क संग्रहण माध्यम है, जिसे मानक DVD प्रारूप का स्थान लेने के लिए बनाया गया है। मुख्य रूप से इसका प्रयोग उच्च-परिभाषा वाले वीडियो (High-Definition Video), प्लेस्टेशन 3 (PlayStation 3) वीडियो गेम्स तथा अन्य डाटा को, प्रत्येक एकल परत वाले प्रोटोटाइप पर 25 GB तक और दोहरी परत वाले पर 50 GB तक, संग्रहित करने के लिए किया जाता है। यद्यपि ये संख्याएं ब्लू-रे डिस्क के लिए मानक संग्रहण को बताती हैं, तथापि यह एक मुक्त (Open-ended) विनिर्देशन है, जिसमें ऊपरी सैद्धांतिक संग्रहण सीमा अस्पष्ट छोड़ दी गई है। 200 GB डिस्क उपलब्ध हैं, तथा 100 GB डिस्क को किसी भी अतिरिक्त उपकरण या संशोधित फर्मवेयर के बिना पढ़ा जा सकता है। डिस्क के भौतिक आयाम मानक DVDs तथा CDs के ही समान होते हैं। ब्लू-रे डिस्क का नाम इसे पढ़ने में प्रयुक्त नीले-बैंगनी (blue-violet) लेज़र से लिया गया है। एक मानक DVD में 650 नैनोमीटर लाल लेज़र का प्रयोग किया जाता है, जबकि ब्लू-रे डिस्क कम तरंग-दैर्घ्य का प्रयोग करती है, 400 nm वाला नीला-बैंगनी लेज़र, तथा एक DVD की तुलना में लगभग दस गुना अधिक डाटा संग्रहण की अनुमति देती है। उच्च-परिभाषा वाली प्रकाशीय डिस्क के प्रारूप पर जारी युद्ध के दौरान, ब्लू-रे डिस्क ने HD DVD प्रारूप से प्रतिस्पर्धा की.

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ब्लेज़ पास्कल

ब्लेज़ पास्कल (फ्रांसीसी: Blaise Pascal), (19 जून १६२३, क्लेरमों-फर्रां – १९ अगस्त १६६२, पैरिस) फ्रांसीसी गणितज्ञ, भौतिकज्ञ और धार्मिक दार्शनिक थे। पास्कल ने व्यावहारिक विज्ञान पर काम करते हुए मशीनी गणक बनाए, द्रव्यों के गुणों को समझा और टॉरिसैली के काम को आगे बढ़ाते हुए दबाव और निर्वात की अवधारणाओं को स्पष्ट किया। इन्होंने वैज्ञानिक विधि के समर्थन में भी लेख लिखे। साथ ही धार्मिक दर्शन में भी इनकी कृतियों ने बहुत असर छोड़ा। ३ वर्ष की आयु में इनकी माँ चल बसीं और इन्हें इनके पिता ने ही पाला-पोसा। ये बचपन से ही बहुत मेधावी थे। इनकी प्रतिभा को देखकर इनके पिता ने इन्हें स्वयं पढ़ाने-लिखाने का निर्णय लिया। बारह वर्ष की आयु से ये प्रसिद्ध गणितज्ञों की सभाओं में बैठने लगे। पास्कल बहुत माने हुए गणितज्ञ थे। इन्होंने वैज्ञानिक शोध के दो मुख्य क्षेत्रों में सर्वप्रथम कार्य शुरु किया- प्रक्षेपण ज्यामिति, जिस पर इन्होंने १६ साल की आयु में आलेख लिखा और संभाव्यता सिद्धान्त, जिसपर आधुनिक अर्थशास्त्र और समाज विज्ञान आधारित हैं। गैलीलियो और टॉरिसैली की तरह ही इन्होंने अरस्तू के कथन "प्रकृति को निर्वात से घृणा है" का जमकर विरोध किया। इनके कई निष्कर्षों पर बहुत समय विवाद हुआ, लेकिन अन्त में स्वीकार कर लिए गए। १६४२ में इन्होंने अपने पिता का गणना का काम आसान करने के लिए एक मशीनी गणक बनाया, जिसे आज "पास्कल गणक" कहा जाता है। द्रव्य विज्ञान के जरिये इन्होंने हाइड्रॉलिक प्रेस और सिरिंज का आविष्कार किया। १६४६ में इन्होंने अपनी बहन के साथ कैथोलिक संप्रदाय की जैन्सनवाद धारा को अपना लिया। इनके पिता १६५१ में चल बसे। १६५४ में एक आध्यात्मिक अनुभूति हुई, जिसके बाद इन्होंने वैज्ञानिक शोध छोड़कर अपना ध्यान धर्मशास्त्र और दर्शन में लगाना शुरु किया। इनकी दो सबसे प्रसिद्ध कृतियाँ इस काल की हैं। लैथ्र प्रोविन्सियाल (Lettres provinciales, प्रांतीय पत्र) में पास्कल ने पाप के प्रति कैथोलिक चर्च के नरम रुख की जमकर निन्दा की। इन पत्रों की शैली से वॉल्टेयर और ज़ां ज़ाक रूसो जैसे लेखक प्रभावित हुए। प्रकाशन के शीघ्र बाद ही इस पर चर्च ने प्रतिबन्ध लगा दिया, लेकिन फिर पोप एलेक्सैण्डर ने इसमें दिये तर्कों को माना और खुद चर्च के नरम रुख की निन्दा की। दूसरी रचना थी पौंसे (Pensées, विचार), जिसे इनकी मृत्यु के पश्चात इनके बिखरे कागज़ों को इकट्ठा करके प्रकाशित किया गया। इस रचना में इन्होंने कई दार्शनिक विरोधाभासों पर विचार किया-असीमता और शून्यता, विश्वास और तर्क, आत्मा और पदार्थ, मृत्यु और जीवन, उद्देश्य और अभिमान-और अन्त में ऐसा प्रतीत होता है कि ये किसी ठोस परिणाम पर नहीं पहुँचते, बस नम्रता, अज्ञानता और कृपा को मिलाते हुए एक दार्शनिक निष्कर्ष निकालते हैं, जिसे आजकल "पास्कल का दांव" कहा जाता है। इसी दौरान इन्होंने त्रिकोणों के अंकगणित पर और ठोस वस्तुओं का घनफल निकालने के लिए चक्रज के उपयोग पर भी प्रपत्र लिखे। १८ साल की उम्र से ही पास्कल की सेहत खराब रहने लगी थी और ३९ वर्ष की आयु में इनकी मृत्यु हो गई। दबाव की SI इकाई एवं एक कम्प्यूटर भाषा का नाम इनके सम्मान में पास्कल रखा गया है। .

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महासंगणक

नासा के एक अनुसंधान केन्द्र में लगा हुआ '''कोलम्बिया सुपरकम्प्यूटर''' महासंगणक (supercomputer) उन संगणकों को कहा जाता है जो वर्तमान समय में गणना-शक्ति तथा कुछ अन्य मामलों में सबसे आगे होते हैं। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस सुपर कंप्यूटर बहुत बड़े-बड़े परिकलन और अति सूक्ष्म गणनाएं तीव्रता से कर सकता है। इसमें कई माइक्रोप्रोसेसर एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिलतम समस्या का तुरंत हल निकाल लेते हैं। वर्तमान में उपलब्ध कंप्यूटरों में सुपर कंप्यूटर सबसे अधिक तीव्र क्षमता, दक्षता व सबसे अधिक स्मृति क्षमता वाला कंप्यूटर है। आधुनिक परिभाषा के अनुसार, वे कंप्यूटर, जो 500 मेगाफ्लॉप की क्षमता से कार्य कर सकते हैं, सुपर कंप्यूटर कहलाते है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है। इसकी गति को मेगा फ्लॉप से नापते है। .

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माइक्रोप्रोसेसर

माइक्रोप्रोसेसर (हिन्दी: सूक्ष्मप्रक्रमक) एक ऐसा डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जिसमें लाखों ट्रांजिस्टरों को एकीकृत परिपथ (इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी) के रूप में प्रयोग कर तैयार किया जाता है। इससे कंप्यूटर के केन्द्रीय प्रक्रमण इकाई (CPU या सीपीयू) की तरह भी काम लिया जाता है।। हिन्दुस्टान लाइव। २४ जनवरी २०१० इंटीग्रेटेड सर्किट के आविष्कार से ही आगे चलकर माइक्रोप्रोसेसर के निर्माण का रास्ता खुला था। माइक्रोप्रोसेसर के अस्तित्व में आने के पूर्व सीपीयू अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक अवयवों को जोड़कर बनाए जाते थे या फिर लघुस्तरीय एकीकरण वाले परिपथों से। सबसे पहला माइक्रोप्रोसेसर १९७० में बना था। तब इसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक परिकलकों में बाइनरी कोडेड डेसिमल (बीसीडी) की गणना करने के लिए किया गया था। बाद में ४ व ८ बिट माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग टर्मिनल्स, प्रिंटर और ऑटोमेशन डिवाइस में किया गया था। विश्व में मुख्यत: दो बड़ी माइक्रोप्रोसेसर उत्पादक कंपनियां है - इंटेल (INTEL) और ए.एम.डी.(AMD)। इनमें से इन्टैल कंपनी के प्रोसेसर अधिक प्रयोग किये जाते हैं। प्रत्येक कंपनी प्रोसेसर की तकनीक और उसकी क्षमता के अनुसार उन्हे अलग अलग कोड नाम देती हैं, जैसे इंटेल कंपनी के प्रमुख प्रोसेसर हैं पैन्टियम -1, पैन्टियम -2, पैन्टियम -3, पैन्टियम -4, सैलेरॉन, कोर टू डुयो आदि.उसी तरह ए.एम.डी. कंपनी के प्रमुख प्रोसेसर हैं के-5, के-6, ऐथेलॉन आदि। .

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माउस

माउस की भीतरी संरचना 'माउस' संगणकों में इस्तेमाल होने वाला एक इनपुट उपकरण है। यह कर्सर को चलाकर पटल के वांछित स्थान पर उसे ले जाने तथा इसका नोद्य (बटन) दबाकर उचित विकल्प चुनने में मदद करता है। यह एक छोटा सा यन्त्र है जो कड़े समतल सतह पर हथेली में पकड़कर चलाया जा सकता है। इसमें कम से कम एक नोद्य (बटन) लगा रहता है और कभी-कभी तीन से पाँच नोद्य (बटन) तक लगे रहते हैं। इसमे साधारणत: दो नोद्य तथा पटल (स्क्रीन) पर कर्सर (वैकल्पिक पेंसिल) उपर नीचे ले जाने के लिए एक गोलाकार नोद्य होता है। यह विशेषकर चियोसा (ग्राफिकल यूज़र इन्टरफेस) के लिए महत्वपूर्ण है। .

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मैमोरी कार्ड

मिनी एसडी (१.० जी.बी), एवं माइक्रोएसडी (२.० जी.बी) मेमोरी कार्ड या फ़्लैश मेमोरी कार्ड, सॉलिड स्टेट फ्लैश मेमोरी डाटा स्टोरेज आंकड़ों को एकत्र करने वाली इलेक्ट्रॉनिक युक्ति होती है, जिसका प्रयोग मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, म्यूज़िक प्लेयर और वीडियो गेम जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। इसमें प्रोगाम दोबारा लिखा जा सकता है और परिवर्तन भी किये जा सकते हैं।|हिन्दुस्तान लाइव। १० फ़रवरी २०१० सन् १९९० में बाजारों में उतरा पीसी कार्ड, पहला मेमोरी कार्ड था, जिसका वर्तमान में औद्योगिक रूप में प्रयोग होता है। १९९० में पीसी कार्ड से आकार में छोटे कई दूसरे मेमोरी कार्ड भी आए, जिनमें कॉम्पैक्ट फ्लैश, स्मार्ट मीडिया और मिनी कार्ड थे। वहीं मोबाइल फोन, वीडियो गेम और पीडीए जैसी युक्तियों में एमबेडेड मेमोरी कार्ड का प्रयोग भी होने लगा। १९९० से २००० के दशक में तक नए तरीके के कई मेमोरी कार्ड आए जिनमें मेमोरी स्टिक, एक्सडी पिक्चर जैसे कार्ड मुख्य थे। इनका आकार छोटा था। वर्तमान कंप्यूटरों, मोबाइल फोन में मेमोरी कार्ड के लिए स्थान (स्लॉट) होता है। कुछ उपकरणों में एक से अधिक मेमोरी कार्ड का भी प्रयोग किया जा सकता है। .

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मेमोरी स्टिक

मेमोरी स्टिक (लघु: MS) एक प्रकार का मेमोरी कार्ड होता है। इसका आकार ५०.० × २१.५ × २.८ mm होता है व DRM मैजिकगेट है। मेमोरी स्टिक ड्युओ (लघु: MSD) एक प्रकार का मेमोरी कार्ड होता है। इसका आकार ३१.० × २०.० × १.६ mm होता है व DRM मैजिकगेट है। मेमोरी स्टिक प्रो ड्युओ (लघु: MSPD) एक प्रकार का मेमोरी कार्ड होता है। इसका आकार ३१.० × २०.० × १.६ mm होता है व DRM मैजिकगेट है। मेमोरी स्टिक प्रो-एचजी ड्युओ (लघु: MSPDX) एक प्रकार का मेमोरी कार्ड होता है। इसका आकार ३१.० × २०.० × १.६ mm होता है व DRM मैजिकगेट है। मेमोरी स्टिक माइक्रो एम२ (लघु: M२) एक प्रकार का मेमोरी कार्ड होता है। इसका आकार १५.० × १२.५ × १.२ mm होता है व DRM मैजिकगेट है। श्रे णी:मेमोरी कार्ड श्रेणी:कंप्यूटर घटक.

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मोबाइल फ़ोन

अनु-फ्लिप मोबाइल फोन के कई उदाहरण. मोबाइल फ़ोन या मोबाइल (इसे सेलफोन और हाथफोन भी बुलाया जाता है, या सेल फोन, सेलुलर फोन, सेल, वायरलेस फोन, सेलुलर टेलीफोन, मोबाइल टेलीफोन या सेल टेलीफोन) एक लंबी दूरी का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे विशेष बेस स्टेशनों के एक नेटवर्क के आधार पर मोबाइल आवाज या डेटा संचार के लिए उपयोग करते हैं इन्हें सेल साइटों के रूप में जाना जाता है। मोबाइल फोन, टेलीफोन, के मानक आवाज कार्य के अलावा वर्तमान मोबाइल फोन कई अतिरिक्त सेवाओं और उपसाधन का समर्थन कर सकते हैं, जैसे की पाठ संदेश के लिए SMS, ईमेल, इंटरनेट के उपयोग के लिए पैकेट स्विचिंग, गेमिंग, ब्लूटूथ, इन्फ़रा रेड, वीडियो रिकॉर्डर के साथ कैमरे और तस्वीरें और वीडियो भेजने और प्राप्त करने के लिए MMS, MP3 प्लेयर, रेडियो और GPS.

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मोबाइल कम्प्यूटिंग

टेल्क्ज़ॉन PTC-710, MP 830-42 माइक्रोप्रिंटर ४२ कॉलम संस्करण के साथ एक १६-बिट मोबाइल कंप्यूटर PTC-710 है। इसे टेल्क्ज़ॉन कार्पोरेशन द्वारा १९९० के दशक के आरंभ में बनाया गया था। १९९० के दशक में उदाहरण के लिए एक पोर्टेबल टिकट मशीन के रूप में इसे चेक रेलवे (České dráhy) द्वारा इस्तेमाल किया गया था। मोबाइल कंप्यूटिंग एक सामान्य शब्द है जो गतिशील अवस्था में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की क्षमता का वर्णन करता है, पोर्टेबल कंप्यूटर के ठीक विपरीत, जो केवल तभी प्रयोग में लाये जा सकते हैं जब उन्हें स्थिर अवस्था में रखा जाए। मोबाइल कंप्यूटिंग में सामान्यतः यात्रा के दौरान इंटरनेट प्रयोग के लिए कई तकनीकों को समाहित किया जाता है। नोटबुक कंप्यूटरों से लेकर ब्लैकबेरी और आईफोन तक और साधारण मोबाइल फोन उपकरणों, जैसे पर्सनल डिजिटल एसिस्टेंट (पीडीए) के माध्यम से मोबाइल कंप्यूटिंग काफी प्रयोग में है। मोबाइल, लैपटॉप और नोटबुक कंप्यूटर में यात्रा के समय दो तरह की बेतार यानि वायरलेस एक्सेस सेवा का प्रयोग संभव है। अधिकतम होने वाली और सबसे सस्ती सेवा वाइफाई है, जिसके माध्यम से एक वायरलेस राउटर के द्वारा इंटरनेट सिग्नल कंप्यूटर तक पहुंचता है। वाइफाई का अधिकांश प्रयोग सार्वजनिक स्थानों, जैसे विमानक्षेत्र, कंपनियों, कार्यालयों आदि में किया जाता है। किन्तु इसकी कमी यह है कि इसे हॉटस्पॉट बनाना होता है और फिर उसे प्रसारण सीमा के भीतर ही सीमित रखना होता है। वाइफाई का विकल्प एक सेल्युलर ब्रॉडबैंड होता है। इसमें एक मोबाइल सेल्युलर मॉडम या एयरकार्ड के द्वारा मोबाइल टावरों से संपर्क किया जाता है। फिर इस एयरकार्ड को नोटबुक के पीसी कार्ड या एक्सप्रेस कार्ड में लगाया जाता है, जिससे यात्रा में इंटरनेट का प्रयोग हो सकता है। इसके बाद उपयोक्ता को जहां भी भी सेल्युलर सेवा उपलब्ध होती है, ब्रॉडबैंड का सिग्नल स्पष्ट मिलता रहता है। सेल्युलर ब्रॉडबैंड से मोबाइल फोनों को भी इंटरनेट सिग्नल मिलता है। मोबाइल कंप्यूटिंग के साथ ही जुड़ा शब्द है क्लाउड कंप्यूटिंग। इसमें नेटवर्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं जिससे फील्डवर्कर जालस्थल सेवाओं का भी लाभ उठाया जा सकता है। मोबाइल कंप्यूटिंग में इंटरनेट के माध्यम से कंपनी के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का भी संपर्क संभव होता है। वर्तमान युग में मोबाइल कंप्यूटिंग के द्वारा दैनिक कामकाज भी किये जाते हैं। इसलिये ईमेल सुविधाओं, सामाजिक नेटवर्क जैसे ट्विटर, स्काइपे और क्लाउड कंप्यूटिंग तथा वीपीएन तक उपयोक्ता जुड़े हुए हैं। सन् १९९० के बाद से कई प्रकार के मोबाइल कंप्यूटर प्रदर्शित किये जा चुके हैं, जिनमे से कुछ हैं.

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यूऍसबी फ्लैश ड्राइव

SanDisk USB फ्लैश ड्राइव एक USB फ्लैश ड्राइव, फ्लैश मेमोरी डेटा स्टोरेज डिवाइस से बना होता है जिसमें एक USB (यूनिवर्सल सीरियल बस) 1.1, 2.0 या 3.0 अंतराफलक एकीकृत होता है। USB फ्लैश ड्राइव आम तौर पर हटाने योग्य और रीराइटेबल होते हैं, जो एक फ्लॉपी डिस्क से छोटे होते हैं और अधिकांश का वज़न 30 g (1 oz) से कम होता है। आकार और मूल्य की बढ़ोतरी के साथ 2009 में भंडारण क्षमता 256 GB तक हो सकती है। कुछ, 1 मिलियन राईट या इरेज़ साइकिल की अनुमति देते हैं। और उनमें 10 साल का डेटा प्रतिधारण चक्र है। USB फ्लैश ड्राइव का प्रयोग प्रायः उसी उद्देश से किया जाता है जिस उद्देश से फ्लॉपी डिस्क का किया जाता था। हिलते हिस्सों के न होने के कारण वे अपेक्षाकृत छोटे, तेज़, हजारों गुना अधिक क्षमता वाले और वे अद्धिक टिकाऊ और विश्वसनीय हैं। लगभग 2005 तक, अधिकांश डेस्कटॉप और लैपटॉप कम्यूटरों की आपूर्ति एक फ्लॉपी डिस्क ड्राइव के साथ की जाती थी, लेकिन हाल ही में अधिकांश उपकरणों ने USB पोर्ट को अपनाते हुए फ्लॉपी डिस्क ड्राइव को त्याग दिया है। फ्लैश ड्राइव, USB मॉस स्टोरेज मानक का उपयोग करते हैं, जो आधुनिक ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा देशी रूप से समर्थित हैं जैसे माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज़, मैक ओएस (Mac OS) X, लिनक्स और Unix-like अन्य सिस्टम.

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यूनिक्स

यूनिक्स की फिलिएष्ण और यूनिक्स-जैसी प्रणालियां यूनिक्स (अधिकृत ट्रेडमार्क UNIX, कभी-कभी छोटे कैपिटल अक्षरों के साथ Unix भी लिखा जाता है), एक कम्प्यूटर परिचालन तंत्र है। यह मूल रूप से 1969 में बेल प्रयोगशाला में विकसित किया गया था। इसके विकास में एटी एंड टी के कर्मचारी केंन थोम्प्स्न, डेनिस रिची, ब्रियन केर्निघ्ग्न, दोग्ल्स मेक्लेरी और जो ओसाना आदि शामिल थे। आज "यूनिक्स" शब्द का प्रयोग आमतौर पर यूनिक्स मानकों के अनुरूप चलने वाले किसी भी परिचालन तंत्र के लिए किया जाता है। अर्थात भीतरी परिचालन व्यवस्था मूल युनिक्स परिचालन व्यवस्था के अनुरूप चलती है। ए टी एंड टी के साथ-साथ बहुत से व्यवसायिक विक्रेता और गैर लाभ संगठनों द्वारा विकसित आज की यूनिक्स प्रणालियां विभिन्न शाखाओं में विभाजित हैं। 1970 के अंत और 1980 के प्रारंभ के दौरान शैक्षिक समुदाय पर यूनिक्स के प्रभाव के परिणामस्वरूप यूनिक्स को व्यापारिक उद्घाटन द्वारा बड़े पैमाने पर स्वीकार किया गया। विशेषकर इसका केलिफोनिया विश्वविद्यालय, बर्कले से उत्पन्न BSD संस्करण बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अलावा मेक OS X, सोलारिस, HP-UX और AIX आदि भी प्रसिद्ध हुए। आज प्रमाणिक यूनिक्स प्रणालियों क्व अलावा यूनिक्स-जैसे परिचालन तंत्र जैसे कि लिनक्स और BSD आमतौर पर देखे जाते हैं। .

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रिले

relay maximam and minimum volts kitne ka hota ha चार अलग-अलग प्रकार के रिले रिले एक विद्युत स्विच या कुंजी है जो एक दूसरे विद्युत परिपथ के द्वारा खोली या बंद की जाती है जो कि मुख्य परिपथ से असम्बद्ध (आइसोलेटेड) होती है। रिले की एक या एक से अधिक कुंजियाँ एक विद्युत चुम्बक की सहायता से बंद या चालू होती हैं। रिले को भी एक सामान्यीकृत विद्युत प्रवर्धक (अम्प्लिफ़ायर) माना जा सकता है क्योंकि कम शक्ति वाले परिपथ की सहायता से एक अपेक्षाकृत अधिक शक्ति वाले परिपथ को नियंत्रित किया जाता है। कान्टैक्टर भी रिले के सिद्धांत पर ही काम करता है किन्तु प्राय: १५ अम्पीयर से अधिक धारा वाले कान्टेक्ट को बंद/चालू करने के लिए प्रयुक्त होता है। .

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रोबोट

एक कारखाने में चीजों को उठाने और सही स्थान पर रखने वाला रोबोट रोबोट एक आभासी (virtual) या यांत्रिक (mechanical)कृत्रिम (artificial) एजेंट है व्यवहारिक रूप से, यह प्रायः एक विद्युत यांत्रिकी निकाय (electro-mechanical system) होता है, जिसकी दिखावट और गति ऐसी होती है की लगता है जैसे उसका अपना एक इरादा (intent) और अपना एक अभिकरण (agency) है।रोबोट शब्द भौतिक रोबोट और आभासी (virtual) सॉफ्टवेयर एजेंट (software agent), दोनों को ही प्रतिबिंबित करता है लेकिन प्रायः आभासी सॉफ्टवेयर एजेंट को बोट्स (bots) कहा जाता है। ऐसी कोई भी सर्वसम्मति नहीं बन पाई है की मशीन रोबोटों के रूप में योग्य हैं, लेकिन एक विशेषज्ञों और जनता के बीच आम सहमति है कि कुछ या सभी निम्न कार्य कर सकता है जैसे: घूमना, यंत्र या कल सम्बन्धी अवयव को संचालित करना, वातावरण की समझ और उसमें फेर बदल करना और बुद्धिमानी भरे व्यवहार को प्रधार्षित करना जो की मानव और पशुओं के व्यवहारों की नक़ल करना। कृत्रिम सहायकों और साथी की कहानिया और और उन्हें बनाने के प्रयास का एक लम्बा इतिहास है लेकिन पूरी तरह से स्वायत्त (autonomous) मशीने केवल 20 वीं सदी में आए डिजिटल (digital) प्रणाली से चलने वाला प्रोग्राम किया हुआ पहला रोबोट युनिमेट (Unimate), १९६१ में ठप्पा बनाने वाली मशीन से धातु के गर्म टुकड़ों को उठाकर उनके ढेर बनाने के लिए लगाया गया था। आज, वाणिज्यिक और औद्योगिक रोबोट (industrial robot) व्यापक रूप से सस्ते में और अधिकसे अधिक सटीकता और मनुष्यों की तुलना में ज्यादा विश्वसनीयता के साथ प्रयोग में आ रहे हैं उन्हें ऐसे कार्यों के लिए भी नियुक्त किया जाता है जो की मानव लिहाज़ से काफी खतरनाक, गन्दा और उबाऊ कार्य होता है रोबोट्स का प्रयोग व्यापक रूप से विनिर्माण (manufacturing), सभा और गठरी लादने, परिवहन, पृथ्वी और अन्तरिक्षीय खोज, सर्जरी, हथियारों के निर्माण, प्रयोगशाला अनुसंधान और उपभोक्ता और औद्योगिक उत्पादन के लिए किया जा रहा है आमतौर पर लोगों का जिन रोबोटों से सामना हुआ है उनके बारे में लोगों के विचार सकारात्मक हैं घरेलू रोबोट (Domestic robot) सफाई और रखरखाव के काम के लिए घरों के आस पास आम होते जा रहे हैंबहरहाल रोबोटिक हथियारों और स्वचालन के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता बनी हुई है, ऐसी चिंता जिसका समाधान लोकप्रिय मनोरंजन में वर्णित खलनायकी, बुद्धिमान, कलाबाज़ रोबोट के सहारे नहीं होता अपने काल्पनिक समकक्षों की तुलना में असली रोबोट्स अभी भी सौम्य, मंद बुद्धि और स्थूल हैं .

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लैपटॉप

एक लैपटॉप सुवाह्य संगणक या लैपटॉप (अंग्रेजी:Laptop, Lap:गोद Top:ऊपर) या नोटबुक, एक व्यक्तिगत संगणक को कहते हैं जिसकी डिजाइन में इस बात का ध्यान रखा गया होता है कि इसे अपने साथ लाना-लेजाना आसान हो और जिसे गोद में रखकर काम किया जा सके। .

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लेखाकरण

चित्र:उदाहरण.jpgलेखा शास्त्र शेयर धारकों और प्रबंधकों आदि के लिए किसी व्यावसायिक इकाई के बारे में वित्तीय जानकारी संप्रेषित करने की कला है। लेखांकन को 'व्यवसाय की भाषा' कहा गया है। हिन्दी में 'एकाउन्टैन्सी' के समतुल्य 'लेखाविधि' तथा 'लेखाकर्म' शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है। लेखाशास्त्र गणितीय विज्ञान की वह शाखा है जो व्यवसाय में सफलता और विफलता के कारणों का पता लगाने में उपयोगी है। लेखाशास्त्र के सिद्धांत व्यावसयिक इकाइयों पर व्यावहारिक कला के तीन प्रभागों में लागू होते हैं, जिनके नाम हैं, लेखांकन, बही-खाता (बुक कीपिंग), तथा लेखा परीक्षा (ऑडिटिंग)। .

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शब्द संसाधक

शब्द संसाधक अथवा वर्ड प्रोसैसर ऐसे सॉफ्टवेयर को कहा जाता है जिसमें पाठ का सम्पादन एवं प्रसंस्करण किया जा सके। .

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सहयोग

सहयोग (collaboration) का अर्थ दो या अधिक व्यक्तियों या संस्थाओं का मिलकर काम करना है। सहयोग की प्रक्रिया में ज्ञान का बारंबार तथा सभी दिशाओं में आदान-प्रदान होता है। यह एक समान लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में उठाया गया बुद्धि विषयक कार्य है। यह जरूरी नहीं है कि सहयोग के लिये नेतृत्व की आवश्यक होता है। परन्तु यह आवश्यकता नहीं है कि नेतृत्व का भी सहयोग नहीं होता है। सहयोग एक दुसरे के माध्यम से होता है। फिर भी आपसी सहयोग का होना बहुत जरुरी होता है। एक दुसरे को आगे बढाना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं कि किसी भी संस्था के सहयोग करने से आपसी सहयोग कि संभावना बहुत अधिक होती है। फिर भी पारंपरिक या आर्थिक सहयोग का होना बहुत मायने रखता है। सहयोग कि भावना हर मनुष्य में होना चाहिए। और मैं दुसरो के सहयोग कर सकुँ। एक दुसरे के सहयोग से देश हो या मनुष्य कि जीवन में बढता रहता है। सहयोग भी कई प्रकार के होते हैं। आर्थिक हो या तकनिकी सहयोग इसके आदि और भी हो सकते हैं। परन्तु सहयोग एक विशिष्ट कार्य के रूप में होता है। तब पर भी घर हो या बाहर किसी जगह पर सहयोग का आदान-प्रदान किया जा सकता है। परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि रुपया से ही सहयोग किया जा सकता है। जीवन में मनुष्य का सहयोग एक कर्तत्व हि नहीं बल्कि मनुष्य की जीवन शैली में सहयोग का होना जरुरी है। सहयोग की कोई सीमा निर्धारित नहीं होता है जो कभी भी किसी व्यक्ति का सहयोग किसका मिल सके। तब पर भी अपने को एक सामान्य की भाँति जीवन में मनुष्य की सहयोग करना चाहिए। किसी संस्था हो या धर्म स्थान को आप सहयोग कर सकते हैं। चाहे हिन्दु की धर्म स्थान हो या मुस्लिम की किसी भी धर्म स्थान या संस्था या सोसाइटी में अपना सहयोग कर सकते हैं। किसी भी देश के नेता दुसरे देश जाते हैं तो वह एक दुसरे को आपसी सहयोग की भावना बनाता है। और दोनों देशों की आपस में सहयोग करता देखा जाता है। तब पर भी दोनों देश के बिच आपसी सहयोग का होना जरुरी होता है। सहयोग किसी भी क्षेत्र में आप दे सकते हैं। आर्थिक हो या तकनीकी एवं अन्य क्षेत्रों में आप सहयोग कर सकते हैं। सहयोग का मतलब होता है किसी भी प्रकार का हो सकता है। विकास हो या ऊर्जा या परमाणु और तकनीक आदि में सहयोग हो सकता है। और किसी भी देश के साथ एक दुसरे के लिए आप किसी भी क्षेत्र में आप सहयोग करने के लिए तैयार हो जाते हैं। क्योंकि सहयोग का अर्थ होता है। एक दुसरे का जब तक किसी भी देश दुसरे देश से सहयोग नहीं करते हैं। तब तक आगे नहीं बढ सकता है। और किसी भी देश चाहता है कि किसी भी देश से सहयोग बना रहे। तभी भी विकास हो सकता है। चाहे नेता हो या साधारण व्यक्ति कोई भी व्यक्ति चाहते हैं कि सहयोग बना रहे। और भारत कि बात है। तो भारत के लिए एक महत्वपुर्ण बात होता है कि किसी भी देश के लिए सहयोग बना होना। जिवन में किसी से भी सहयोग हो सकता है। परन्तु यह कहनाजरुरी नहीं है। कब किसका सहयोग कब मिल जायेगा। क्योंकि कोई किसी को नहीं जानते हैं कि किसका सहयोग किसको मिलेगा। और हर आदमी चाहते हैं कि मुझसे जितना हो सके सहयोग मैं करने के लिए तैयार रहता हुँ। सहयोग हर आदमी की भावना होना चाहिए। कि मैं सहयोग कर सकुँ। क्योंकि जीवन में क्या लेकर आये हैं। यही आदमी का एक मौका मिलता है कि मैं दुसरे का सहयोग कर सकुँ। चाहे अपना हो या पराया किसी को आप सहयोग कर सकते हैं। इसमें किसी पे सहयोग करने के लिये दबाब नहीं बनाया जाता है। क्योंकि सहयोग दबाब का जीज नहीं है। हर आदमी को कोई न कोई सहयोग करता है। चाहें आप कि जिवन में पत्नी हो या गाँव का लोग जरुर सहयोग करता है। यह जरुरी नहीं है कि आप का सहयोग गाँव का हि लोग कर सकते हैं। कहीं और का आदमी भी हो सकते हैं। सहयोग ही एक ऐसे शक्ति प्रदान करता है। जो आदमी को लक्ष्य तक पहुँचाता है। हर आदमी में सहयोग की भाबना होना चाहिए। मनुष्य ही एक ऐसे प्राणी है। जो हर किसी को सहयोग कर सकता है। क्योंकि सहयोग से किसी को सफलता मिलते हैं। तो उसे हमें सहयोग करना चाहिए। किसी भी तरह का सहयोग आप करना चाहते हैं। तो आप कर सकते हैं। सहयोग के लिए किसी को कोई दबाब नहीं दिया जाता है। जो अपनी श्रधा के अनुसार आप दे सकते हैं। लेकिन किसी भी संस्थान के लिये आप अपनी सहयोग का मापदंड आप पर निर्भल करता है। और मैं उसमें किस तरह का भागिदारी बन सके। हर किसी को सहयोग कि भावना होना चाहिए। क्योंकि सहयोग एक ऐसे बात नहीं है। जो दुसरो के लिये किया जा सकता है। परन्तु जब तक किसी भी संस्था के रूप में काम करती है। सहयोग हर आदमी को करना चाहिए। सहयोग से आदमी का मनोवल बदता है। सही समय पर किया गया काम अच्छा माने जाते हैं। सहयोग एक दुसरे के साथ मिलकर किया जाना चाहिए। परन्तु एक अपनी दिशा के अनुसार काम करना चाहिए। आज सहयोग के लिये अपना काम करता है। सहयोग हर गाँव या समाज में होता है। चाहें किसी भी जाति का हो सकता है। पर सहयोग सब कि करनी चहिए। और किसी भी प्रकार का आप को सहयोग करना चाहिए। सहयोग सबसे बड़ा मनुष्य के लिए महत्वपुर्ण काम है। जीवन के सारे पहलु में हमेश सहयोग का बहुत ही महत्त्वपुर्ण भुमिका होती है। हर हरह से मनुष्य का सहयोग करना चाहिए। सहयोग एक ऐसे काम के लिए जो दुसरे के लिए आगे आने का मौका मिल जाता है। सहयोग ही एक है जो हर देश, गाँव, समाज या किसी भी जाति वर्ग का आप सहयोग करते हैं। आपने देखा ही होगा कि जिस तरह का उत्तराखण्ड में बादल फटने से कितने आदमी का मौत हुआ है। उसी तरह समाज को आगे लाने के लिए लोग सहयोग कर रहे हैं। सहयोग एक वैसे चीज है जो हर प्रकार से आप सहयोग कर सकते हैं। जिस तरह का उत्तराखण्ड में हुआ है अगर आप इस में सहयोग नहीं किजिए गा तो किस में किजिए गा। यह बहुत बडी नुकसान हुआ है। देश के लिये। इस लिए सहयोग करना चाहिए। हर जाति धर्म के लिए सहयोग बहुत मैंने रखते हैं। गाँव हो या शहर कहीं पर भी आप किसी प्रकार का सहयोग कर सकते हैं। सहयोग के लिये कोइ पाबंधी नहीं है। किसी भी देश का आदमी कोइ भी देश में सहयोग कर सकता है। भारत में हि नहीं पूरे संसार में आप कहीं भी सहयोग कर सकते हैं। और किसी भी देश में कोइ आदमी सहयोग करना चाहते हैं। तो उस आदमी को कोइ नहीं रोक सकता सहयोग करने से चाहें सरकार हो या आम आदमी कुछ नहीं कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को पर्सनल काम में बाँधा नहीं करना चाहिए। हर मनुष्य की जीवन में एक व्यक्तिगत रूप से अपनी कोई न कोई ख्याल रखता है। और किसी भी परिस्थिति में वह अपना काम करते रहते हैं। यही कारण होता है। जब लोगों की अपनी भावना होती है कि मैं दुसरो की सहयोग कर सकते हैं। तो इस में किसी को विरोध नहीं करना चाहिए। और जीवन में हर प्रकार का काम करना चाहिए। जो मनुष्य के लिये लाभदायक होती है। वही करना चाहिए। .

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सिमुलेशन

द्वितीय विश्व युद्ध में प्रयुक्त लकड़ी का यांत्रिक घोड़ा (सिमुलेटर) किसी वास्तविक चीज, प्रक्रम (प्रॉसेस) या कार्यकलाप का किसी अन्य विधि से अनुकरण (नकल) करना अनुकार या सिमुलेशन (simulation) कहलाता है। कम्प्यूटरों के कारण सिमुलेशन का कार्य बहुत आम हो गया है। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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सूचना प्रौद्योगिकी

२००५ में विश्व के विभिन्न देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर व्यय राशि (यूएसए की तुलना में) सूचना प्रौद्योगिकी (en:information technology) आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रानिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। .

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सॉफ्टवेयर

कंप्यूटर विज्ञान में एक सॉफ्टवेयर सार्थक क्रमादेशों और ज़रूरी सूचनाओं का एक ऐसा तंत्र है जो कंप्यूटर के यन्त्रांश और दूसरे सॉफ्टवेयरों को आदेश देकर क्रमादेशक का मनचाहा काम करता है। व्यावहारिक तौर पर अगर कंप्यूटर को परिभाषित किया जाये तो हम हार्डवेयर को मनुष्य का शरीर और सॉफ्टवेर को उसकी आत्मा कह सकते हैं। हार्डवेयर कंप्यूटर के हिस्सों को कहते हैं, जिन्हें हम अपनी आँखों से देख सकते हैं, छू सकते हैं अथवा औजारों से उनपर कार्य कर सकते हैं। यह वास्तविक पदार्थ है। इसके विपरीत सॉफ्टवेयर कोई पदार्थ नहीं है। ये वे सूचनाएं, आदेश अथवा तरीके हैं जिनके आधार पर कंप्यूटर का हार्डवेयर कार्य करता है। कंप्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर से परिचित होते हैं अथवा सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्डवेयर से परिचित एवं उनपर आधारित होते हैं। .

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हार्ड डिस्क ड्राइव

हार्ड डिस्क ड्राइव (जिसे हार्ड डिस्क, हार्ड ड्राइव,, सख्त चक्रिका संचालक, डेटा भंडारण यन्त्र या HDD भी कहते हैं) एक आँकड़ों को सहेज कर सुरक्षित रखने वाला यन्त्र है, जो डिजिटल जानकारी चुम्बकीय रूप से लिख और पढ़ (पुनः प्राप्त) सकता है। इसमें घूमने वाले डिस्क्स (चिपटी गोल वस्तु,चक्रिका) होते हैं जिन्हें चुम्बकीय पदार्थ से लेप किया जाता है। बिजली न होने पर भी डेटा भंडारण यन्त्र आंकड़ों को सुरक्षित रखता है। डेटा भंडारण यन्त्र से आँकड़ों को बेतरतीब (रैंडम -एक्सेस) तरीके से पढ़ा जाता है। इसका मतलब है कि आँकड़ों के समूह को भंडारण यन्त्र में किसी भी जगह लिखकर सुरक्षित किया जा सकता है। मतलब आँकड़ों का भंडारण किसी खास क्रम में करने की आवश्यकता नहीं है। इसका अविष्कार १९५६ में आइ०बी०ऍम० नामक कंपनी में हुआ था। १९६० के दशक तक आँकडा भंडारण यन्त्र सभी सामान्य कार्य के संगणकों में सबसे प्रचलित अतिरिक्त/सहायक भंडारण यन्त्र बन गया। आँकड़ा भंडारण यन्त्र में नियमित रूप से सुधार होने लगा और आज सर्वर और व्यक्तिगत संगणकों के ज़माने में भी इसने अपनी जगह स्थिर रखी है। २०० से भी ज़्यादा औद्योगिक इकाइयों ने डेटा भंडारण यन्त्र बनाये हैं। हलाँकि ज़्यादातर डेटा भंडारण यन्त्र आज सीगेट(Segate),तोशिबा (Toshiba) और वेस्टर्न डिजिटल बनाते हैं। सारी दुनिया में आंकडा भंडारण यन्त्र का राजस्व २०१३ में $ ३२ बिलियन था जो की २०१२ की तुलना में ३% कम था। डेटा भंडारण यन्त्र को उसकी भंडारण क्षमता और प्रदर्शन के आधार पर विश्लेषित किया जाता हैं। डेटा भंडारण यन्त्र की क्षमता बाइट्स में होती हैं। १०२४ बाइट को १ किलोबाइट कहा जाता है। उसी तरह से १०२४ किलोबाइट को १ मेगाबाइट कहा जाता है। १०२४ मेगाबाइट को १ गीगाबाइट कहते है और १०२४ गीगाबाइट को १ टेराबाइट कहा जाता है। डेटा भंडारण यन्त्र का पूरा भंडारण स्थान उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध नहीं होता क्यूंकि कुछ हिस्सा प्रचालन तन्त्र(ऑपरेटिंग सिस्टम) को रखने और कुछ और हिस्सा फाइल सिस्टम के लिए और कुछ हिस्सा संभवतः अंदरुनी अतिरेकता (inbuilt redundancy.) गलती सुधारने और डेटा पुन:प्राप्ति के लिए होता है। आंकडों को लिखने वाले नोक(हेड) के पटरी तक पहुंचने के समय और पढ़ते वक़्त वांछित क्षेत्र के नोक के नीचे तक पहुंचने में लगने वाले समय और आँकड़ों के यन्त्र से आवागमन की गति के आधार पर प्रदर्शन क्षमता का निर्धारण किया जाता है। आज के डेटा भंडारण यन्त्र मेज पर रखे जा सकने वाले संगणकों (डेस्कटॉप कंप्यूटर) के लिए ३.५ इंच और गोद में रखे जा सकने वाले संगणकों में २.५ इंच के होते हैं। डेटा भंडारण यन्त्र मुख्य प्रणाली से साटा, यूएसबी या एस.ए.एस(सीरियल अटैच्ड SCSI) जैसे मानक विद्युत् चालक तारों से जुड़े होते हैं। २०१४ तक डेटा भंडारण यन्त्र को अतिरिक्त या सहायक भंडारण के क्षेत्र में ठोस अवस्था वाले संचालक के रूप में टक्कर देने वाली तकनीक थी फ्लैश मेमोरी | आने वाले समय में यह माना जा रहा है कि हार्ड डिस्क अपना आधिपत्य जारी रखेगी लेकिन जहाँ गति और बिजली की कम खपत ज़्यादा ज़रूरी हैं वहाँ ठोस अवस्था वाले उपकरण (सॉलिड स्टेट डिवाइस) को हार्ड डिस्क की जगह पर इस्तेमाल किया जा रहा है। .

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हिस्ट्री (टीवी चैनल)

हिस्ट्री, जिसे पूर्व में द हिस्ट्री चैनल के नाम से जाना जाता था, एक अंतर्राष्ट्रीय सैटलाईट और केबल टीवी चैनल है जो ब्ल्यू कॉलर अमेरिकाना, गुप्त रहस्यों, सनसनीखेज खबरों वाले कार्यक्रम, स्युडोवैज्ञानिक और अपसामान्य घटनाओं वाले कार्यक्रमों का प्रसारण करता है। व्याख्या और टिप्पणियां प्रायः इतिहासकारों, विद्वानों, लेखकों, गूढ़ तथ्यों का अध्ययन करने वाले विद्वानों, ज्योतिषी और बाइबिल संबंधी विद्वानों द्वारा दी जाती हैं- साथ ही साथ गवाहों और/या उनके परिवारों एवम अनेकों ऐतिहासिक घटनाओं और व्यक्तियों के साथ साक्षात्कार और घटना का पुनः अभिनय प्रस्तुत किया जाता है। .

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घंटा

घंटा समय की एक इकाई है। एक घंटे में ६० मिनट होते हैं। एक मिनट में ६० सैकंड होते हैं। 1 मिनट .

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वायुयान

एक बोईंग ७८७ ड्रीमलाइनर विमान हवा में उड़ान भरता हुआ वायुयान ऐसे यान को कहते है जो धरती के वातावरण या किसी अन्य वातावरण में उड सकता है। किन्तु राकेट, वायुयान नहीं है क्योंकि उडने के लिये इसके चारो तरफ हवा का होना आवश्यक नहीं है। .

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विद्युत कोष

विभिन्न प्रकार की विद्युत कोष (बांयी तरफ् नीचे से दक्षिणावर्त): दो 9-वोल्ट; दो AA; दो AAA; एक D विद्युत कोष; एक C विद्युत कोष; एक हैम-रेडियो की विद्युत कोष; कार्डलेस फोन की विद्युत कोष; और एक कैमराकार्डर विद्युत कोष (लेटी हुई) विद्युत कोष (Battery) विद्युत ऊर्जा का स्रोत है जिसे रासायनिक उर्जा से प्राप्त किया जाता है। वैद्युत अभियांत्रिकी एवं एलेक्ट्रानिक्स में दो या दो से अधिक विद्युतरासायनिक सेलों के संयोजन को विद्युत कोष कहते हैं। ये रासायनिक उर्जा भण्डारित करते हैं एवं इस उर्जा को विद्युत उर्जा के रूप में उपलब्ध करते हैं। सन १८०० में अलेसान्द्रो वोल्टा द्वारा sabse पहले बैटरी का आविष्कार हुआ। आजकल अधिकांश घरेलू एवं औद्योगिक उपयोगों के लिये विद्युत कोष ही विद्युत उर्जा का प्रमुख साधन है। सन २००५ के एक अनुमान के अनुसार विश्व भर में विद्युत कोष की बिक्री लगभग ४८ बिलियन अमेरिकी डालर के बराबर होता है। .

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व्यक्तिगत संगणक

व्यक्तिगत कम्प्यूटर व्यक्तिगत संगणक या पर्सनल कम्प्यूटर ऐसी कम्प्यूटर तंत्र है जो विशेष रूप से व्यक्तिगत अथवा छोटे समूह के द्वारा प्रयोग मे लाए जाते हैं। इन कम्प्यूटरों को बनाने में माइक्रोप्रोसेसर मुख्य रूप से सहायक होते है; इसीलिये इसे माइक्रो कम्प्यूटर भी कहते हैं। पर्सनल कम्प्यूटर का निर्माण विशेष क्षेत्र तथा कार्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। उदाहरणार्थ - घरेलू कम्प्यूटर तथा कार्यालय में प्रयोग किये जाने वाले कम्प्यूटर। बजार में, छोटे स्तर की कम्पनियाँ अपने कार्यालयों के कार्य के लिए पर्सनल कम्प्यूटर को प्राथमिकता देतीं हैं। पर्सनल कम्प्यूटर से किये जाने वाले मुख्य कार्यो में खेल-खेलना, इन्टरनेट का प्रयोग, शब्द-संसाधन (वर्ड प्रोसेसिंग) इत्यादि शामिल हैं। प्रथम पर्सनल कंप्यूटर सन 1974 में बिकसित किया गया था। किंतु सन 1977 में पहला व सफल माइक्रो कंप्यूटर पी, सी, विकसित हुआ। इसको विकसित करने का श्रेय युवा तकनीशियन स्टीव बोजनाइक को जाता है। 1.

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गिनतारा

एक चीनी गिनतारा '''कैल्कुलेटिंग टेबल,: ग्रेगोर रेइश, मार्गरीटा फिलॉसोफिका, १५०९'''। गिनतारा (अंग्रेजी: ऐबकस्) जिसे गणक सांचा भी कह सकते हैं, एक गणन उपकरण होता है, जिसका प्रयोग एशिया के भागों में अंकगणितीय प्रकायों के लिये किया जाता था। आज, गिनतारा अपने वर्तमाण रूप में, तारों पर बंधे मोतियों वाले एक बांस फ्रेम के रूप में दिखाई पड़ता है, लेकिन वे मूल रूप से ये फली के बीजों या पत्थरों या लकड़ी, पत्थर या धातु की गोलियों को रेत में खांचों/क्यारियों में चला कर प्रयोग किये जाते थे। लिखित प्रणाली के आरंभ से शताब्दियों पूर्व इनका प्रयोग किया जाता था। आज भी एशिया, अफ़्रीका आदि कई स्थानों पर व्यापारियों द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है। इसके प्रयोक्ता को गिनतारारे कहते हैं। .

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इंटेल

इंटेल कॉरपोरेशन (Intel Corporation) दुनिया की सबसे बडी सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) कंपनी है। इंटेल ने ही सबसे पहले माइक्रोप्रोसेसर बनाना चालू किया। आज ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर कंपनी इंटेल का चिप इस्तेमाल करती है। .

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कम्प्यूटर विज्ञान

कम्प्यूटर विज्ञान संगणन और उसके उपयोग की ओर वैज्ञानिक और व्यवहारिक दृष्टिकोण है। यह जानकारी के पहुँच, सम्प्रेषण, संचय, प्रसंस्करण, प्रतिनिधित्व और अर्जन हेतु उपयोग में लाये जाने वाले व्यवस्थित प्रक्रियाओं (या कलन विधियों) के मशीनीकरण, अभिव्यक्ति, संरचना, और साध्यता का व्यवस्थित अध्ययन है। संगणक विज्ञान एक वैकल्पिक, संक्षिप्त परिभाषा के अनुसार यह मापने योग्य स्वचालित कलन विधियों का अध्ययन है। संगणक वैज्ञानिक संगणन के सिद्धांत और गणना योग्य प्रणालियों की योजना में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। कंप्यूटर विज्ञान (कम्प्यूटर विज्ञान) के अन्तर्गत सूचना तथा संगणन (computation) के सैद्धान्तिक आधारों अध्ययन किया जाता है और साथ में इन सिद्धान्तों को कंप्यूटर प्रणालियों में व्यवहार में लाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है। कंप्यूटर विज्ञान को प्राय: कलन विधियों के विधिवत (systematic) अध्ययन के रूप में देखा जाता है और कंप्यूटर विज्ञान का मूल प्रश्न यही है - कौन सा काम (दक्षतापूर्वक) स्वत: किया जा सकता है? (What can be (efficiently) automated?) .

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कसदी

हाम्मुरबी (1728 ईसापुर्व 1683 ईसापुर्व) बेबीलोनिया का प्रसिध्द शासक जो एमोराइट राजवंश का था। तथा हम्बुराबी की सबसे बड़ी देन कानूनो की संहिता है हम्बुराबी विश्व का प्रथम शासक था जिसने सर्बप्रथम कानूनो का संग्रह कराया। श्रेणी:इराक़ का इतिहास श्रेणी:मेसोपोटामिया श्रेणी:कसदी.

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कंप्यूटर स्मृति

१ जीबी डीडीआर, रैंडम एक्सेस मेमोरी कंप्यूटर स्मृति या मैमोरी का कार्य किसी भी निर्देश, सूचना अथवा परिणाम को संचित करके रखना होता है। कम्प्यूटर के सी.पी.यू.

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क्रमानुदेशन

'बेसिक' नामक संगणक भाषा में लिखे किसी प्रोग्राम की कुछ पंक्तियाँ सामान्य जीवन मे जब हम किसी कार्य विशेष को करने का निर्णय करते हैं तो उस कार्य को करने से पूर्व उसकी रूपरेखा सुनिश्चित की जाती है। कार्य से संबंधित समस्त आवश्यक शर्तो का अनुपालन उचित प्रकार हो एवं कार्य मे आने वाली बाधाओ पर विचार कर उनको दूर करने की प्रक्रिया भी रूपरेखा तैयार करते समय महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होते हैं। कार्य के प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक एक चरण पर पुनर्विचार करके रूपरेखा को अंतिम रूप देकर उस कार्य विशेष को सम्पन्न किया जाता है। इसी प्रकार संगणक द्वारा, उसकी क्षमता के अनुसार, वाँछित कार्य कतिरछे अक्षरराये जा सकते हैं। इसके लिये आवश्यकता है संगणक को एक निश्चित तकनीक व क्रम मे निर्देश दिये जाने की, ताकि संगणक द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन कराकर वांछित कार्य को समपन्न किया जा सके। सामान्य बोलचाल की भाषा मे इसे क्रमानुदेशन या प्रोग्रामन या क्रमानुदेशन कहते हैं। सभी निर्देशों के समूह (सम्पूर्ण निर्देशावली) को प्रोग्राम कहा जाता है। .

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केंद्रीय प्रक्रमन एकक

८०४८६ का एक केप्रे (सीपीयू), अपनी पैकिंग में केंद्रीय प्रक्रमन एकक (केंप्रए) (अंग्रेज़ी: सैंट्रल प्रोसेसिंग युनिट, लघुरूप:सी.पी.यू.) का अर्थ है ऐसा भाग जिसमें संगणक का प्रमुख काम होता है। हिन्दी में इसे केन्द्रीय विश्लेषक इकाई भी कहा जाता है। जैसा इसके नाम से ही स्पष्ट है, यह संगणक का वह भाग है, जहां पर संगणक प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है। इसे हम संगणक का दिल भी कह सकते हैं। कभी कभी केंप्रए (सीपीयू) को सिर्फ प्रक्रमक या सूक्ष्मप्रक्रमक ही कहा जाता है। श्रेणी:कंप्यूटर * af:Sentrale verwerkingseenheid an:Microprozesador ar:وحدة المعالجة المركزية arz:بروسيسور bg:Централен процесор bs:Procesor ca:Unitat Central de Procés cs:Procesor cv:Процессор da:Central Processing Unit de:Hauptprozessor el:Κεντρική Μονάδα Επεξεργασίας eo:Procesoro es:Unidad central de procesamiento et:Protsessor eu:Prozesatzeko unitate zentral fa:واحد پردازش مرکزی fi:Suoritin fr:Processeur fur:CPU gl:CPU he:מעבד hr:Procesor hu:CPU ia:Processator central id:CPU is:Miðverk it:CPU ja:CPU kn:ಕೇಂದ್ರ ಸಂಸ್ಕರಣ ಘಟಕ ko:중앙 처리 장치 la:Processorium medium ln:Bɔngɔ́ (elektroníki) lt:Procesorius lv:Centrālais procesors mk:Процесор ml:സെന്‍ട്രല്‍ പ്രൊസസിങ് യൂണിറ്റ് mn:Төв процессор ms:Unit pemprosesan pusat nl:Processor nn:CPU no:CPU oc:Processor pl:Procesor ru:Процессор sah:Киин процессор simple:Central processing unit sk:CPU sl:Procesor sq:Procesori sr:Процесор sv:CPU sw:Bongo kuu (kompyuta) ta:மையச் செயற்பகுதி th:หน่วยประมวลผลกลาง tl:Processor tr:Merkezi işlem birimi uk:Центральний процесор ur:خرد عملیہ vi:CPU yi:פראצעסאר zh:中央处理器 zh-yue:處理器.

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अनुभाषक

किसी बहु-भाषी एवं बहु-लक्ष्यी (multi-target) कम्पाइलर की रचना का ब्लाक-आरेख अनुभाषक या कम्पाइलर (compiler) एक या अधिक कम्प्यूटर प्रोग्रामों का समूह होता है जो किसी उच्च स्तरीय कम्प्यूटर भाषा में लिखे प्रोग्राम को किसी दूसरी कम्प्यूटर भाषा में बदल देता है। जिस कम्प्यूटर भाषा में मूल प्रोग्राम है उसे स्रोत भाषा कहते हैं तथा इस प्रोग्राम को स्रोत कोड कहते हैं। इसी प्रकार जिस भाषा में स्रोत कोड को बदला जाता है उसे लक्ष्य-भाषा (target language) कहते हैं एवं इस प्रकार प्राप्त कोड को ऑब्जेक्ट कोड कहते हैं। ऑब्जेक्ट कोड प्रायः बाइनरी भाषा में होता है जिसे लेकर लिंकर किसी मशीन विशेष पर चलने लायक (executable) मशीन कोड पैदा करता है। ऐसे कम्प्यूटर-प्रोग्राम जो किसी निम्न-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा के प्रोग्राम कोलेकर किसी उच्च-स्तरीय भाषा का प्रोग्राम उत्पन्न करते हैं उन्हें डिकम्पाइलर (decompiler) कहा जाता है। ऐसा प्रोग्राम जो एक उच्च-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा को दूसरी उच्च-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा में बदलता है उसे कम्प्यूटर-भाषा अनुवादक (language translator) कहते हैं। .

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अनुरूप अभिकलित्र

अनुरूप अभिकलित्र सन १९४९ में अमेरिका के लेविस प्रोपल्सन प्रयोगशाला में कार्यरत एक एनॉलॉग कम्प्यूटर अनुरूप अभिकलित्र या एनालॉग कम्प्यूटर एक ऐसा एनालॉग विद्युत परिपथ होता है जो अनेक समस्याओं का समाधान करता है। उदाहरण के लिये यह किसी संकेत का समाकलन करके आउटपुट देगा या किसी संकेत का अवकलन कर सकता है आदि। इनमें निवेश एवं आउटपुट सभी सतत चर के रूप में होते हैं। अनुरूप संगणक यांत्रिक, हाइड्रालिक एलेक्ट्रानिक या अन्य प्रकार के हो सकते हैं। एलेक्ट्रानिक अनुरूप अभिकलित्रों के निर्माण के लिये मुख्य रूप से आपरेशनल प्रवर्धक प्रयोग किये जाते हैं। एक बात ध्यातब्य है कि अनुरूप अभिकलित्र सन्निकट समाधान (approximate solution) देता है जबकि अंकीय अभिकलित्र (digital computer) बिल्कुल सही (exact) समाधान देता है। .

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अंतरराष्ट्रीय व्यापार मशीन निगम

--> -->, इसका उपनाम है, बहुराष्ट्रीय कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी है और परामर्शी (consulting) निगम (corporation) का मुख्यालय अर्मोंक, न्यू यार्क (Armonk, New York), सयुंक्त राष्ट्र अमेरिका में है। १९ वीं शताब्दी के अनवरत इतिहास के साथ सुचना प्रोद्यौगिकी कंपनियों में से यह एक है आई बी एं कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेर बनाता और बेचता है और मेंफ्रम कंप्यूटर (mainframe computer) से नानो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र तक आधार भुत सेवाएं, होस्टिंग सेवाएं (hosting services) और परामर्शी सेवाएं (consulting services) भी प्रदान करता है। आई बी एं अपने हाल ही के इतिहास के कारण 388,000 कर्मचारियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर कंपनी के रूप में जाना जाता है, आई बी एं विश्व की सबसे बड़ी सुचना प्रौद्योगिकी नियोजक है।हेवलेट पेकार्ड (Hewlett-Packard) के गिरने के बावजूद 2006, तक के कुल आय में यह सबसे अधिक लाभदायक रहा। अमेरिका पर आधारित अन्य प्रोद्यौगिकी कंपनी में आई बी एं सबसे अधिक पेटंट है। तक़रीबन १७० देशों में इसके इंजिनियर और परामर्शी हैं और आई बी एं अनुसन्धान (IBM Research) के लिए दुनिया भर में आठ प्रयोगशालाएं हैं। आई बी एं के कर्मचारियों ने तीन नोबेल पुरस्कार, चार टूरिंग पुरूस्कार (Turing Award), पाँच राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी पदक (National Medals of Technology) और पाँच राष्ट्रीय विज्ञानं पदक (National Medals of Science) अर्जित की है। पिछले वर्षों में आई बी एं चिप निर्माता के रूप में दुनिया के शीर्ष २० अर्धचालक बिक्री नेता (Worldwide Top 20 Semiconductor Sales Leaders) में आता है और 2007 में दुनिया भर के बृहत् सॉफ्टवेर कंपनियों में आई बी एं का दूसरा स्थान था। .

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अंकगणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० अंकगणित (ग्रीक मेंΑριθμητική, जर्मन मेंArithmetik, अंग्रेजी मेंArithmetic) गणित की तीन बड़ी शाखाओं में से एक है। अंकों तथा संख्याओं की गणनाओं से सम्बंधित गणित की शाखा को अंकगणित कहा जाता हैं। यह गणित की मौलिक शाखा है तथा इसी से गणित की प्रारम्भिक शिक्षा का आरम्भ होता है। प्रत्येक मनुष्य अपने दैनिक जीवन में प्रायः अंकगणित का उपयोग करता है। अंकगणित के अन्तर्गत जोड़, घटाना, गुणा, भाग, भिन्न, दशमलव आदि प्रक्रियाएँ आती हैं। .

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अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी या डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स की एक शाखा है जिसमें विद्युत संकेत अंकीय होते हैं। अंकीय संकेत बहुत तरह के हो सकते हैं किन्तु बाइनरी डिजिटल संकेत सबसे अधिक उपयोग में आते हैं। शून्य/एक, ऑन/ऑफ, हाँ/नहीं, लो/हाई आदि बाइनरी संकेतों के कुछ उदाहरण हैं। जबसे एकीकृत परिपथों (इन्टीग्रेटेड सर्किट) का प्रादुर्भाव हुआ है और एक छोटी सी चिप में लाखों करोंड़ों इलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ भरी जाने लगीं हैं तब से डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है। आधुनिक व्यक्तिगत कम्प्यूटर (पीसी) तथा सेल-फोन, डिजिटल कैमरा आदि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिकी की देन हैं। लकडी की तख्ती पर हाथ से बुनी हुई एक द्विआधारी घड़ी एक औद्योगिक अंकीय नियंत्रक इनटेल 80486DX2 माइक्रोप्रोसेसर अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी, या सूक्ष्माड़विक आंकिक पद्धति ऐसी प्रणाली है जो विद्युत संकेतों को, रेखीय स्तर के एक निरंतर पट्टियों के बजाए एक अलग अलग पट्टियों की श्रृंखला के रूप में दर्शाती है। इस पट्टी के सभी स्तर संकेतों की एक ही अवस्था को दर्शाते हैं। संकेतो की इस पृथकता की वजह से निर्माण सहनशीलता के काऱण रेखीय संकेतो के स्तर में आये अपेक्षाकृत छोटे बदलाव अलग आवरण नहीं छोड़ते है। जिसके परिणाम स्वरुप संकेतो की अवस्था को महसूस करने वाला परिपथ इन्हे नजरअंदाज कर देता है। ज्यादातर मामलों में संकेतो की अवस्था की संख्या दो होती है और इन दो अवस्थाओं को दो वोल्टेज स्तरों द्वारा दर्शाया जाता है: प्रयोग में आपूर्ति वोल्टेज के आधार पर एक व दूसरा (आमतौर पर "जमीनी" या शून्य वोल्ट के रूप में कहा जाता है)| 1 उच्च स्तर पर होता है व 0 निम्न स्तर पर। अक्सर ये दोनों स्तर "लो" और "हाई" के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं। आंकिक तकनीक का मूल लाभ इस तथ्य पर आधारित है कि संकेतो की एक सतत श्रृंखला को पुनरुत्पादित करने के बजाए, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को संकेतो की ० या १ जैसे किसी ज्ञात अवस्था में भेजना ज्यादा आसान होता है। डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स आम तौर पर लॉजिक गेट्स के वृहद संयोजन व बूलियन तर्क प्रकार्य के सरल इलेक्ट्रोनिक्स से बनाया जाता है। .

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उत्तोलक

उत्तोलक की सहायता से एक बिन्दु पर कम बल लगाकर किसी दूसरे बिन्दु पर अधिक बल प्राप्त किया जा सकता है। सौ किलोग्राम का भार उत्तोलक की सहायता से एक किग्रा भार (बल) से उठाते हुए। सरौता, उत्तोलक के सिद्धान्त पर कार्य करता है। भौतिकी, यांत्रिकी और यांत्रिक प्रौद्योगिकी में उत्तोलक या लीवर (फ्रेंच में लीव्रे का अर्थ उठाना होता है) को एक सरल यंत्र कहा जाता है। उत्तोलक कई रूपों में विद्यमान होते हैं। अपने सरलतम रूप में यह एक लम्बी छड़ हो सकती है जिसके एक सिरे के पास एक अवलम्ब (fulcrum) लगाकर किसी भारी वस्तु को उठाने के काम में लिया जा सकता है। उत्तोलक, बलाघूर्ण के सिद्धान्त (theory of moments) पर कार्य करता है। आम जीवन में उत्तोलक का बहुत ही महत्व है और हर जगह इसे देखा जा सकता है। सी-सा झूला, एक उत्तोलक है। .

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उत्पाद

विपणन के सन्दर्भ में, कोई भी वस्तु जो किसी बाजार में बेची जा सके और जो लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करे, उसे उत्पाद (product) कहते हैं। श्रेणी:वाणिज्यिक शब्दावली श्रेणी:परियोजना प्रबन्धन en:Product (business).

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उर्वर अर्धचंद्र

उर्वर अर्धचंद्र का नक़्शा उर्वर अर्धचंद्र (fertile crescent, फ़र्टाइल क्रॅसॅन्ट) मध्य पूर्व में स्थित एक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में अपने आसपास के इलाक़ों की तुलना में धरती उपजाऊ है और सिंचाई के लिए पानी पार्यप्त है। उर्वर अर्धचंद्र के इलाक़े में इराक़ (विशेषकर दजला (टिगरिस) और फ़ुरात (इयुफ़्रेट्स) नदियों के बीच का क्षेत्र), दक्षिण-पश्चिमी ईरान का कुछ भाग, सीरिया, लेबनान, जॉर्डन और इज़राएल शामिल हैं। कभी-कभी मिस्र में नील नदी के इर्द-गिर्द के क्षेत्र को भी इसका हिस्सा माना जाता है। कई इतिहासकारों का मानना था के मानवी सभ्यता सबसे पहले इसी क्षेत्र में जन्मी और कृषि का आविष्कार इसी क्षेत्र में हुआ। इस इलाक़े में कई फसलों के पौधे (जैसे के जौ, गेंहू, मटर, दालें, चने, वग़ैराह) जंगली उगते हुए मिलतें हैं। यहाँ मानव के काम आने वाले कई जानवर (जैसे गाय, बकरी, भेड़, सूअर) भी मिलते थे। इसलिए समझा जाता था के खेती-बाड़ी और पशु-पालन यहीं से शुरू हुआ। लेकिन अब माना जाता है के यह अन्य स्थानों पर भी स्वतन्त्र रूप से शुरू हुआ था। फिर भी यहाँ पर 9000 ईसा-पूर्व से मानव बस्तियाँ चली आ रही हैं, इसलिए यह सभ्यता के सब से प्राचीन केन्द्रों में गिना जाता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

संगणक, संगणकों, कमप्यूटर, कम्पयूटर, कम्प्यूटर, कम्प्यूटर तंत्र, कंप्यूटर सिस्टम, अभिकलित्र, अंकीय संगणक, अंकीय अभिकलित्र

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