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कमीने

सूची कमीने

कमिने विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित एवं शाहिद कपूर, प्रियंका चोपड़ा और अमोल गुप्ते अभिनीत शरारत भरे रहस्य से भरी 2009 की भारतीय फ़िल्म है। इसमें दो भाईयों की एक दिन की कहानी को दिखाया गया है जिनमें से एक तुतलाता है और दूसरा हकलाता है। .

17 संबंधों: प्रियंका चोपड़ा, मुम्बई, मोहित चौहान, यूटीवी मोशन पिक्चर्स, रोनी स्क्रूवाला, शाहिद कपूर, सुनिधि चौहान, सुखविंदर सिंह, वाग्बाधा, विशाल भारद्वाज, विशाल-शेखर, गुलज़ार (गीतकार), इश्किया, कुणाल गांजावाला, कैलाश खेर, अभिषेक चौबे, अमोल गुप्ते

प्रियंका चोपड़ा

प्रियंका चोपड़ा (जन्म: १८ जुलाई, १९८२) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मोहित चौहान

मोहित चौहान एक भारतीय पार्श्व गायक हैं जिन्हें मुख्यतः उनके रोमांटिक गानों के लिए जाना जाता है। वो दो बार फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। .

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यूटीवी मोशन पिक्चर्स

यूटीवी मोशन पिक्चर्स डिज्नी यूटीवी की फ़िल्म इकाई है जो द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी की सहायक है। यूटीवी मोशन पिक्चर्स भारत के अग्रणी स्टूडियों में से एक है। यह स्टूडियो की गतिविधियों में विस्तार भारत में और विश्वस्तर पर फ़िल्मों के रचनात्मक विकास, निर्माण, विपणन, वितरण, लाइसेंस, विक्रय और प्रबन्धन के क्षेत्र में है। .

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रोनी स्क्रूवाला

रोहिंटन सोली "रोनी" स्क्रूवाला यूटीवी मीडिया समूह (यूटीवी सॉफ़्टवेयर कमन्युकेशन, ब्लूमबर्ग यूटीवी और यूटीवी मोशन पिक्चर्स) के संस्थापक और सीईओ हैं जो १९९० में स्थापित हुआ। उन्हें एस्क्वायर की सितम्बर २००८ में प्रकाशित २१वीं सदी के ७५ सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया। (टाइम पत्रिका से संकलित)। .

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शाहिद कपूर

शाहिद कपूर (जन्म २५ फरवरी, १९८१ को मुंबई, भारत में हुआ।) वे एक बॉलीवुड मॉडल और अभिनेता हैं। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत, संगीत विडियो और विज्ञापन में काम कर के की। कपूर ने पहली बार बॉलीवुड में सुभाष घई (Subhash Ghai) कीताल (Taal) (१९९९) में पृष्ठभूमी डांसर के रूप में काम किया। ४ साल के बाद, उन्होंने इश्क विश्क (Ishq Vishk) (२००३) में मुख्य अभिनेता के रूप में काम किया और अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए फ़िल्म फेयर बेस्ट मेल डेब्यू पुरस्कार (Filmfare Best Male Debut Award) जीता। अपनी फिल्मों जैसे फिदा (२००४) और शिखर (Shikhar) (२००५) में किए गए प्रदर्शन के लिए उनकी बहुत अधिक समीक्षा की गई, उन्हें अपनी पहली व्यावसायिक सफलता सूरज आर के साथ मिली। बड़जात्या (Sooraj R. Barjatya) की विवाह (Vivah) (२००६), उनकी सबसे बड़ी व्यापारिक सफलता थी और बाद में उन्होंने इसे जब वी मेट (Jab We Met) (२००७) के साथ जारी रखा। तब से, उन्होंने अपने आप को फ़िल्म उद्योग का एक सफल अभिनेता के रूप में स्थापित कर लिया है। शाहिद कपूर का जन्म २५ फ़रवरी १९८१ को हुआ। शाहिद कपूर भारती कलाकार हैं। शाहिद कपूर पंकज कपूर के बेटे हैं। वह रझन्स विद्यालय में पड़ते थे। यह विद्यालया मुंबई मेे है। .

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सुनिधि चौहान

सुनिधि चौहान (जन्म निधी चौहान, १४ अगस्त १९८३) एक भारतीय पार्श्वगायिका है जो हिन्दी गीतों को गाने के लिए लोकप्रिय है। उन्होंने मराठी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, बंगाली, असमिया और गुजराती फ़िल्मों में भी २००० से अधिक गीत गाए हैं। चौहान ने गायन की शुरुआत चार वर्ष की आयु से की और एक स्थानीय टीवी मेज़बान ने उनकी इस प्रतिभा को देखा। उन्हें प्रसिद्धी टेलिविज़न गायन प्रतियोगिता मेरी आवाज़ सुनो से मिली जिसमे जित के बाद उन्होंने पार्श्वगायन क्षेत्र में शस्त्र फ़िल्म से पदार्पण किया। उन्हें लोकप्रियता राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म मस्त से मिली जिसमे उन्होंने "रुकी रुकी सी ज़िंदगी" गीत गाया जो एक हीट गीत साबित हुआ। उन्हें कुल चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों का नामांकन और तीन में जित हासिल हुई। उन्होंने दो स्टार स्क्रीन पुरस्कार, दो आइफा पुरस्कार और एक ज़ी सिने पुरस्कार जीते हैं। .

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सुखविंदर सिंह

सुखविंदर सिंह एक पार्श्वगायक हैं जिन्हें मुख्यतः बॉलीवुड में पार्श्वगायन के लिए जाना जाता है। उन्हें छैया छैया गाने से प्रसिद्धि मिली जिसके लिए उन्होंने 1999 फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक का पुरस्कार जीता है। सिंह मूल रूप से अमृतसर, पंजाब से आता है। वह भगवान शिव के एक समर्पित भक्त हैं सिंह ने पहली बार 8 साल की उम्र में मंच पर प्रदर्शन किया, 1 9 70 की फिल्म अभिनवत्री से किशोर कुमार और लता मंगेशकर के नंबर "सा रे गे मा पा पा, पे, दे, गा मा री, गा रे मैल गाँव साजना" का गायन करते हुए। उन्होंने एक पंजाबी एल्बम को भी जारी किया, जिसमें मुंडा साउथहॉल दा के साथ टी। सिंह लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल मंडली में शामिल हुए और काम की तलाश के लिए भारत के दक्षिण की ओर जाने से पहले जल्दी से एक संगीत संयोजक बन गए। इस समय उन्होंने रक्षकुडू नामक फिल्म बनाई। सिंह को फिल्म कर्म में अपना ब्रेक मिला, जिसमें उन्होंने कुछ लाइनें गाईं; फिर उन्होंने माधुरी दीक्षित फिल्म को खालाफ नाम दिया, जिसमें उन्होंने हिट गीत "आगा जाम" गाया। लेकिन गायक को एहसास हुआ कि उनकी आवाज़ में कुछ गायब हो गया था, एक विश्रामदिन और छोड़ दिया मुंबई को इंग्लैंड और अमेरिका के दौरे के लिए देखने, सुनना और संगीत के विभिन्न रूपों को समझना। अपने संगीत क्षितिज के विस्तार के बाद, वह अपने संगीत कैरियर को किक करने के लिए मुंबई लौट आए। हिंदी फिल्मों में उनका पहला प्रयास, आजा सनम, काफी हद तक अनौपचारिक रहा, हालांकि संगीत ने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के नामों को अपनाया। फिर दिल से...

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वाग्बाधा

वाक बाधा (अंग्रेज़ी: speech impediment) किसी मनुष्य की ऐसी स्थिति को कहते हैं जिसमें उसे आसानी से साधारण तरह से बातचीत करने में कठिनाई पेश आए। इसमें हकलाना, तुतलाना और अन्य प्रकार की वाकबाधाएँ शामिल हैं। ध्यान दें कि महज़ किसी के बोलने के अलग लहजे (ऐक्सेन्ट) को वाकबाधा नहीं कहा जा सकता। यदि कोई वाकबाधा पूर्ण रूप से या काफ़ी हद तक किसी को बोलने में असमर्थ करे तो उसे 'गूंगापन' (muteness) कहा जाता है। वाकबाधाएँ मानवों में आम पाई जाती हैं - उनके होने पर भी लोग सफल व सुखी जीवन जी सकते हैं और बहुत से उपचार भी उपलब्ध हैं। मसलन अध्ययन से पाया गया है कि अमेरिका के १% लोग, यानि ३० लाख अमेरिकी, हकलाते हैं।, pp.

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विशाल भारद्वाज

विशाल भारद्वाज भारतीय हिन्दी फिल्म उद्योग बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध संगीतकार, गीतकार, पटकथा लेखक व निर्देशक हैं। उन्हे गॉडमदर और इश्किया के लिये सर्वश्रेष्ठ संगीत के राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। विशाल के शब्दों मे "गुलजार" उनके प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। .

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विशाल-शेखर

विशाल-शेखर हिन्दी फिल्मों के संगीत निर्देशन की एक जोड़ी है (विशाल दादलानी और शेखर रवजियानी).

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गुलज़ार (गीतकार)

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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इश्किया

इश्किया 2010 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कुणाल गांजावाला

कुणाल गांजावाला (जन्म 14 अप्रैल 1972) एक भारतीय पार्श्व गायक हैं। वह हिंदी के अलावा कन्नड़, मराठी, बंगाली में भी पार्श्व गायन करते हैं। .

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कैलाश खेर

कैलाश खेर (जन्म ७ जुलाई १९७३) को उत्तर प्रदेश में हुआ वे एक भारतीय पॉप-रॉक गायक है जिनकी शैली भारतीय लोक संगीत से प्रभावित है। कैलाश खेर ने अबतक १८ भाषाओं में गाने गाया है और ३०० से अधिक गीत बॉलीवुड में गाये है। संगीत सीखने के लिए घर से की बगावत कैलाश जब 13 साल के थे तभी वो संगीत की बेहतर शिक्षा लेने के लिए घरवालों से लड़कर दिल्ली आ गए थे। यहां आकर उन्होंने संगीत की शिक्षा तो लेनी शुरू कर दी लेकिन साथ में पैसे कमाने के लिए छोटा सा काम शुरू कर दिया। साथ में विदेशी लोगों को संगीत भी सिखाकर पैसे कमाते थे। बिजनेस में घाटे के करना चाहते थे सुसाइड दिल्ली में रहते हुए 1999 तक कैलाश खेर ने अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ एक्सपोर्ट का बिजनेस करने लगे थे। इसी साल उन्हें इस कारोबार में इतना बड़ा घाटा हुआ जिसमें वह अपनी सारी जमा पूंजी गंवा चुके थे। इसी वक्त कैलाश इतने डिप्रेशन में चले गए थे कि वो जिंदगी से तंग आकर सुसाइड करना चाहते थे। इन सब से किसी तरह से निकलने के बाद कैलाश पैसे कमाने के लिए सिंगापुर और थाइलैंड चले गए। जहां 6 महीने रहने के बाद वो वापस भारत आकर ऋषिकेश चले गए और कुछ दिनों तक वहीं रहे। वहां वे साधू-संतो के लिए गाना गाया करते थे। कैलाश के गाने को सुनकर बड़ा से बड़ा संत झूम उठता था, इससे कैलाश का खोया विश्वास वापस आया और वह मुंबई चले गए। मुंबई आने के बाद कैलाश ने काफी गरीबी में दिन गुजारें। घर में नहीं बल्कि कैलाश वहां चॉल में रहते थे। उनके हालत कैसे थे वो इसी बात से पता चलता है कि उनके पास पहनने के लिए एक सही चप्पल भी नहीं थी। वह एक टूटी चप्पल ले 24 घंटे स्टूडियो के चक्कर लगाते रहते ताकि कोई तो उनकी आवाज को सुन उनको गाने का मौका दे दे। एक दिन उन्हें राम संपत ने एक ऐड का जिंगल गाने के लिए बुलाया, जिसके लिए उन्हें 5000 रुपए मिले। तब पांच हजार रुपए भी कैलाश को बहुत ज्यादा लगे और इनसे उनका कुछ दिन का काम चल गया। 'अल्ला के बंदे हम' ने दिलाई एक अलग पहचान दिलाई। कैलाश ने मुंबई में कई सालों तक स्ट्रगल करने के बाद फिल्म अंदाज से उन्हें ब्रेक मिला। इस फिल्म में कैलाश ने 'रब्बा इश्क ना होवे' में अपनी आवाज दी। लेकिन कैलाश के किस्मत का तारा तब चमका जब उन्होंने फिल्म वैसा भी होता है में 'अल्ला के बंदे हम' गाने में अपनी आवाज दी। ये गाना आजतक कैलाश के हिट गानों में से एक है। 18 भाषाओं में गया गाना कैलाश खेर ने अबतक 18 भाषाओं में गाने गा चुके हैं। 300 से अधिक गाने कैलाश ने सिर्फ बॉलीवुड में गाए हैं। कैलाश को अपने गानों के लिए दर्जनों अवार्ड मिल चुके हैं। कैलाश खेर 2009 में मुंबई बेस्ड शीतल से शादी की। उनका एक चार साल का बेटा है, जिसका नाम कबीर है। .

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अभिषेक चौबे

अभिषेक चौबे हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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अमोल गुप्ते

अमोल गुप्ते एक भारतीय अभिनेता, पटकथा लेखक, निर्देशक हैं जिन्हें मुख्यतः बॉलीवुड फ़िल्म तारे ज़मीन पर (2007) में उनके रचनात्मक निर्देशक और पटकथा लेखक के रूप में किये गये कार्य के लिए जाना जाता है। उन्होंने यह कार्य (अवधारणा, अनुसंधान और संपादन) अपनी पत्नी दीपा भाटिया के साथ किया। .

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