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क़फ़स

सूची क़फ़स

तोपकाप महल में वलीअहदों के हुजरे, जिसे ''क़फ़स'' भी कहा जाता था। क़फ़स, (उस्मानी तुर्कीयाई: قفس, शाब्दिक मतलब "पिंजरा") उस्मानी महल के शाही हरम का अंग था जहाँ तख़्त के संभावित उत्तराधिकारी (वलीअहद) महल के सिपाहियों द्वारा गिरफ़्तार, नज़रबंद और निरंतर निगरानी में रखे गए थे। उस्मानी साम्राज्य के प्रारंभिक इतिहास में मृत सुल्तान के प्रतिद्वंद्वी पुत्रों के बीच युद्ध छिड़ गया। एक नए सुल्तान के लिए अपने तमाम भाइयों का क़तल करना एक आम सी बात थी। शिशुओं भी क़तल किए गए थे। 'भ्रातृवध' की इस प्रथा ने उस्मानी तख़्त के दावेदारों की तादाद को निहायत कम कर दिया था, जिसके कारण कई अवसरों पर पूरे उस्मानी शाही ख़ानदान समाप्त होने लगा था। अहमद प्रथम द्वारा इस प्रथा की समाप्ति के बाद क़फ़स में संभावित वलीअहदों की नज़रबंदी ने मौजूदा सुल्तान के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की और शाही ख़ानदान के लिए निरंतरता सुनिश्चित की। .

4 संबंधों: शिशु, हरम, अहमद प्रथम, उस्मानी साम्राज्य

शिशु

एक रोता हुआ नवजात शिशु शिशु पृथ्वी पर किसी भी मानव (प्राणी) की सबसे पहली अवस्था है। जन्म से एक मास तक की आयु का शिशु नवजात (नया जन्मा) कहलाता है जबकि एक महीने से तीन साल तक के बच्चे को सिर्फ शिशु कहते हैं। आम बोल चाल की भाषा मे नवजात और शिशु दोनो को ही बच्चा कहते हैं। एक दूसरी परिभाषा के अनुसार जबतक बालक या बालिका आठ वर्ष के नहीं हो जाते तब तक वे शिशु कहलाते हैं। .

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हरम

हरम का एक दृश्य हरम किसी एक पुरुष की अनेक स्त्रियों के रहने के उस स्थान को कहते हैं जहाँ अन्य मर्दों का जाना वर्जित होता है। यह प्रथा मध्य पूर्व से शुरु हुई और अब पाश्चात्य सभ्यता में इसे उसमानी साम्राज्य से जोड़कर देखा जाता है। दक्षिणी एशिया में इसको पर्दा प्रथा कहते हैं। .

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अहमद प्रथम

अहमद प्रथम (احمد اول; I.; 18 अप्रैल 1590 – 22 नवम्बर 1617) 1603 से 1617 उनकी मौत तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। अहमद के दौर में "भ्रातृवध" की शाही उस्मानी परंपरा समाप्त हुई थी, इसके बाद किसी उस्मानी शासक ने तख़्त आसीन होने पर इनके सभी भाइयों का वध नहीं किया। वे नीली मस्जिद, तुर्की की सबसे जानी पहचानी मस्जिदों में से एक, के निर्माण करने हेतु प्रसिद्ध हैं। .

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

कफस, कफ़स, काफ़ेस

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