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कनकदास

सूची कनकदास

कनक दास (1509 – 1609) महान सन्त कवि, दार्शनिक, संगीतकार तथा वैष्णव मत के प्रचारक थे। उनकी गणना आचार्य माधव के अनुयायियों में होती है जिनमें मुख्य नाम नरहरि तीर्थ, श्रीपाद तीर्थ, व्यास तीर्थ, वादि राज, पुरन्दर दास, राघवेन्द्र तीर्थ, विजय दास, गोपाल दास आदि हैं। ये सभी परम ज्ञानी सन्त थे। कनक दास का जन्म कर्णाटक में धारवाड़ जिले के बंकापुर गांव में बीर गौडा और बचम्मा के गड़रिया परिवार में हुआ था। .

3 संबंधों: धारवाड़, पुरन्दर दास, कर्नाटक

धारवाड़

धारवाड़ कर्नाटक का एक नगर है। यह धारवाड़ जिले का मुख्यालय है। १९६१ में इसे हुबली के साथ मिला दिया गया जिससे हुबली-धारवाड नामक जुड़वा नगर बने। इसका क्षेत्रफल लगभग २०० वर्ग किमी है। यह बंगलुरु से ४२५ किमी उत्तर-पश्चिम में राष्ट्रीय राजमार्ग ४ पर बंगलुरु और पुणे के बीच स्थित है। यहाँ का दुर्ग ऊँची नीची भूमि पर स्थित है। कपास, इमारती लकड़ी और अनाज का व्यापार होता है। यहाँ वस्त्र बनाने के कारखाने हैं। बीड़ी, सुगंधित पदार्थ और चूड़ियों के कुटीर उद्योग हैं। कर्नाटक कालेज एवं वन-प्रशिक्षण-महाविद्यालय नामक शिक्षा सस्थाएँ उल्लेखनीय हैं।.

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पुरन्दर दास

पुरन्दर दास (ಪುರಂದರದಾಸರು, 1484-1564) कर्णाटक संगीत के महान संगीतकार थे। इन्हें कर्णाटक संगीत जगत के 'पितामह' मानते हैं। इनके कई कृतियां समकालीन तेलुगु गेयकार अन्नमचार्य से प्रेरित थे। .

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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