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ओब नदी

सूची ओब नदी

ओब-इरतिश नदियों का जलसम्भर क्षेत्र रूस के बारनाउल शहर के पास ओब नदी ओब नदी या ओबी नदी (रूसी: Обь, अंग्रेज़ी: Ob) उत्तरी एशिया के पश्चिमी साइबेरिया क्षेत्र की एक नदी है और दुनिया की सातवी सबसे लम्बी नदी है। येनिसेय नदी और लेना नदी के साथ यह आर्कटिक सागर में बहने वाली तीसरी महान साइबेरियाई नदी मानी जाती है। ओब की खाड़ी दुनिया की सबसे लम्बी एस्चुएरी मानी जाती है (वह क्षेत्र जहाँ नदी डेल्टा बनाने की बजाए समुद्री ज्वारभाटा के कारण सीधे समुद्र में विलय हो)। .

21 संबंधों: एशिया, डेल्टा, तेलेत्स्कोये झील, बिया नदी, यांग्त्सीक्यांग, येनिसेय नदी, रूसी भाषा, लेना नदी, साइबेरिया, हिमानी, ह्वांगहो, जलसम्भर, ज्वार-भाटा, ज्वारनदीमुख, इरतिश नदी, कतुन नदी, कारा सागर, अल्ताई पर्वत शृंखला, अल्ताई क्राय, अंग्रेज़ी भाषा, उत्तरध्रुवीय महासागर

एशिया

एशिया या जम्बुद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है। एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं। पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। विश्व के कुल भूभाग का लगभग ३/१०वां भाग या ३०% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग ३/५वां भाग या ६०%। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग ४,४५,७९,००० किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। .

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डेल्टा

नील नदी का डेल्टा नदीमुख-भूमि या डेल्टा नदी के मुहाने पर उसके द्वारा बहाकर लाय गए अवसादों के निक्षेपण से बनी त्रिभुजाकार आक्रति होती हैं। डेल्टा का नामकरणकर्त्ता हेरोडोड़स को माना जाता हैं। .

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तेलेत्स्कोये झील

झील का दक्षिणी छोर तेलेत्स्कोये झील (रूसी: Теле́цкое о́зеро, ओज़ेरो तेलेत्स्कोए; अल्ताई: Алтын Кӧл, अलत्यिन कोल, अर्थ: सुनहरी झील; अंग्रेज़ी: Lake Teletskoye) रूस के अल्ताई गणतंत्र विभाग में अल्ताई पर्वतों के दरम्यान स्थित एक झील है। समुद्र तल से ४३४ मीटर ऊपर स्थित यह झील ७८ किमी लम्बी, ५ किमी चौड़ी और ३२५ मीटर गहरी है। यह अल्ताई पहाड़ों में सयल्यूगेम​ पर्वत शृंखला और पश्चिमी सायन पर्वत शृंखला के मिलन स्थल पर स्थित है। .

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बिया नदी

बिया नदी का एक नज़ारा बिया नदी (रूसी: Бия, अंग्रेज़ी: Biya) रूस के साइबेरिया क्षेत्र में अल्ताई गणतंत्र और अल्ताई क्राय विभागों में स्थित एक ३०१ किमी लम्बी नदी है। यह तेलेत्स्कोये झील (Озеро Телецкое, Teletskoye lake) से शुरू होती है और आगे चलकर बियस्क शहर से २६ किमी दक्षिण-पश्चिम में इसका कतुन नदी के साथ विलय हो जाता है, जिसके बाद मिली हुई धारा साइबेरिया की महान ओब नदी कहलाती है।, Egon T. Degens, Stephan Kempe, International Council of Scientific Unions.

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यांग्त्सीक्यांग

'''यांग्त्सी नदी''' यांग्त्सीक्यांग, चीन की सबसे लम्बी नदी है, जो सीकांग के पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर, दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बहती हुई, पूर्वी चीन सागर में गिरती है। इसे चांग ज्यांग (Simplified Chinese 长江, Traditional Chinese 長江, Cháng Jiāng) या यांग्त्सी या यांग्ज़ी भी कहते हैं। यह विश्व की चौथी सबसे लम्बी नदी है। प्रायः पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहने वाली इस नदी की लम्बाई लगभग ६३०० किलोमीटर है। यह सर्वप्रथम कुछ दूर उच्च पहाड़ी क्षेत्र में बहने के पश्चात् लाल बेसिन में प्रसेश करती है, जहाँ धरातल अत्यंत कटा फटा एवं कुछ असमतल है। यहाँ मिलक्यांग, चुंगक्यांग, सुइनिंग और कयाओलिंगक्यांग सहायक नदियाँ उत्तर से आकर मिलती हैं। ये सभी नाव्य हैं तथा उपजाऊ घाटियाँ बनाती हैं। लाल बेसिन को पार कर यांग्त्सीक्यांग एक गहरी घाटी में बहती हुई समतल भूभाग में प्रवेश करती है। यहाँ कई झीलें मिलती हैं, जिनमें से तीन मिट्टी भर जाने से महत्वपूर्ण थालों का रूप ले चुकी हैं। दो थालों को तो नदी ने दो दो भागों में बाँट दिया है। तीसरा काफी नीचा है, जहाँ कभी कभी बाढ़ आ जाती है। नदी घाटी का यह भाग काफी उपजाऊ है। यहाँ उत्तर से हेन और दक्षिण से सियांग नामक सहायक नदियाँ इसमें आकर मिलती हैं, जो नाव्य हैं। बड़े समुद्री जहाज यांग्त्सीक्यांग द्वारा हैंकाऊ तथा बड़ी नावें और स्टीमर आइशांग तक आ जा सकते हैं। तत्पश्चात् यांग्त्सीक्यांग क्यांगसू प्रांत में डेल्टा बनाती है, जहाँ का भूभाग कुछ पहाडियों को छोड़कर लगभग समतल है। डेल्टा की संपूर्ण समतल भूमि बहुत उपजाऊ है। यांग्त्सी घाटी के विभिन्न भागों में धान, गेहूँ, जौ, कपास, चाय, ज्वार- बाजरा, मक्का, गन्ना, तंबबाकू, अफीम, तिलहन, मटर, बीन, फल और शाक भाजियाँ आदि उपजते हैं। रेशम का भी यहाँ उत्पादन होता है। अत: कृषि एवं यातायात की सुलभता के कारण संपूर्ण यांग्त्सीघाटी में जनसंख्या बहुत घनी हो गई है। .

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येनिसेय नदी

येनिसेय नदी का जलसम्भर, समेत बायकल झील के येनिसेय नदी (रूसी: Енисе́й, अंग्रेज़ी: Yenisei) उत्तरी एशिया के साइबेरिया क्षेत्र की एक महान नदी है जो आर्कटिक महासागर में विलय होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा नदी-मंडल है। यह नदी मंगोलिया के सायन पर्वतों से शुरू होकर रूस में दाख़िल होती है और फिर उत्तर की तरफ़ हज़ारों किलोमीटर बहकर आर्कटिक महासागर के कारा सागर में बह जाती है। कुल मिलाकर यह ५,५३९ किमी लम्बी है। इसकी औसत गहराई १४ मीटर (४५ फ़ुट) है और सबसे ज़्यादा गहराई २४ मीटर (८० फ़ुट) है। कुल मिलाकर येनिसेय नदी के जलसम्भर का क्षेत्रफल २५,८०,००० वर्ग किमी है। अपने कुल पानी के बहाव के हिसाब से यह नदी विश्व की छठी सब से बड़ी नदी है।, Trevor Day, Richard Garratt, Infobase Publishing, 2006, ISBN 978-0-8160-5328-5,...

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रूसी भाषा

विश्व में रूसी भाषा का प्रसार रूसी भाषा (русский язык,रूस्किय् यज़ीक्) - पूर्वी स्लाविक भाषाओं में सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। रूसी यूरोप की एक प्रमुख भाषा तो है ही, विश्व की प्रमुख भाषाओं में भी इस का विशेष स्थान है, हालाँकि भौगोलिक दृष्टि से रूसी बोलने वालों की अधिकतर संख्या यूरोप की बजाय एशिया में निवास करती है। रूसी भाषा रूसी संघ की आधिकारिक भाषा है। इसके अतिरिक्त बेलारूस, कज़ाकिस्तान, क़िर्गिस्तान, उक्राइनी स्वायत्त जनतंत्र क्रीमिया, जॉर्जियाई अस्वीकृत जनतंत्र अब्ख़ाज़िया और दक्षिणी ओसेतिया, मल्दावियाई अस्वीकृत जनतंत्र ट्रांसनीस्ट्रिया (नीस्टर का क्षेत्र) और स्वायत्त जनतंत्र गगऊज़िया नामक देशों और जनतंत्रों में रूसी भाषा सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार की गई है। रूसी भूतपूर्व सोवियत संघ के सभी १५ सोवियत समाजवादी जनतंत्रों की राजकीय भाषा थी। सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद भी इन सभी आधुनिक स्वतंत्र देशों में अपनी-अपनी राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ परस्पर आपसी व्यवहार के लिए सम्पर्क भाषा के रूप में रूसी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन १५ देशों में रहने वाले निवासियों में से भी अधिकांश की मातृभाषा रूसी ही है। विश्व के विभिन्न देशों में (इसराइल, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि) जहाँ कहीं भी भूतपूर्व सोवियत संघ या रूस के प्रवासी बसे हुए हैं, वहाँ कई जगहों पर रूसी पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, रूसी भाषा में रेडियो और दूरदर्शन काम करते हैं तथा स्कूलों में रूसी सिखाई जाती है। कुछ वर्ष पहले तक पूर्वी यूरोपियाई देशों के स्कूलों में रूसी भाषा विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाई जाती थी। कुल मिला कर विश्व में रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या ३०-३५ करोड़ है, जिस में से 16 करोड़ लोग इसे अपनी मातृभाषा मानते हैं। इसके आधार पर रूसी संसार की भाषाओं में पाँचवे स्थान पर है और वह संयुक्त राष्ट्र (UN) की ५ आधिकारिक भाषाओं में से एक है। .

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लेना नदी

रूस के याकुत्स्क शहर के पास लेना नदी लेना नदी (रूसी: Ле́на, अंग्रेज़ी: Lena) उत्तरी एशिया के पूर्वी साइबेरिया क्षेत्र की एक नदी है और दुनिया की ११वीं सबसे लम्बी नदी है। येनिसेय नदी और ओब नदी के साथ यह आर्कटिक सागर में बहने वाली तीसरी महान साइबेरियाई नदी मानी जाती है। इसकी पूरी लम्बाई ४,४७२ किमी (२,७७९ मील) है और यह पूरी तरह रूस के अन्दर बहने वाली सबसे लम्बी नदी है। .

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साइबेरिया

साइबेरिया का नक़्शा (गाढ़े लाल रंग में साइबेरिया नाम का संघी राज्य है, लेकिन लाल और नारंगी रंग वाले सारे इलाक़े साइबेरिया का हिस्सा माने जाते हैं गर्मी के मौसम में दक्षिणी साइबेरिया में जगह-जगह पर झीलें और हरियाली नज़र आती है याकुत्स्क शहर में 17वी शताब्दी में बना एक रूसी सैनिक-गृह साइबेरिया (रूसी: Сибирь, सिबिर) एक विशाल और विस्तृत भूक्षेत्र है जिसमें लगभग समूचा उत्तर एशिया समाया हुआ है। यह रूस का मध्य और पूर्वी भाग है। सन् 1991 तक यह सोवियत संघ का भाग हुआ करता था। साइबेरिया का क्षेत्रफल 131 लाख वर्ग किमी है। तुलना के लिए पूरे भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी है, यानि साइबेरिया भारत से क़रीब चार गुना है। फिर भी साइबेरिया का मौसम और भूस्थिति इतनी सख़्त है के यहाँ केवल 4 करोड़ लोग रहते हैं, जो 2011 में केवल उड़ीसा राज्य की आबादी थी। यूरेशिया का अधिकतर स्टॅप (मैदानी घासवाला) इलाक़ा साइबेरिया में आता है। साइबेरिया पश्चिम में यूराल पहाड़ों से शुरू होकर पूर्व में प्रशांत महासागर तक और उत्तर में उत्तरध्रुवीय महासागर (आर्कटिक महासागर) तक फैला हुआ है। दक्षिण में इसकी सीमाएँ क़ाज़ाक़स्तान, मंगोलिया और चीन से लगती हैं। .

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हिमानी

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर जल देता है। पृथ्वी पर ९९% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को अल्पाइन हिमनद कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है। ये हिमानियाँ समेकित रूप से विश्व के मीठे पानी (freshwater) का सबसे बड़ा भण्डार हैं और पृथ्वी की धरातलीय सतह पर पानी के सबसे बड़े भण्डार भी हैं। हिमानियों द्वारा कई प्रकार के स्थलरूप भी निर्मित किये जाते हैं जिनमें प्लेस्टोसीन काल के व्यापक हिमाच्छादन के दौरान बने स्थलरूप प्रमुख हैं। इस काल में हिमानियों का विस्तार काफ़ी बड़े क्षेत्र में हुआ था और इस विस्तार के दौरान और बाद में इन हिमानियों के निवर्तन से बने स्थलरूप उन जगहों पर भी पाए जाते हैं जहाँ आज उष्ण या शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है। वर्तमान समय में भी उन्नीसवी सदी के मध्य से ही हिमानियों का निवर्तन जारी है और कुछ विद्वान इसे प्लेस्टोसीन काल के हिम युग के समापन की प्रक्रिया के तौर पर भी मानते हैं। हिमानियों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये जलवायु के दीर्घकालिक परिवर्तनों जैसे वर्षण, मेघाच्छादन, तापमान इत्यादी के प्रतिरूपों, से प्रभावित होते हैं और इसीलिए इन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्र तल परिवर्तन का बेहतर सूचक माना जाता है। .

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ह्वांगहो

ह्वांगहो या ह्वांगहे या ह्वांगहा जिसे पीली नदी भी कहा जाता है, चीन से होकर बहने वाली एक नदी है। लम्बाई के हिसाब से यह विश्व में सातवां स्थान रखती है। .

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जलसम्भर

जलसंभर का उदहारण - लाल रंग की लकीर जलविभाजक क्षेत्र को दर्शा रही है जलसंभर या द्रोणी उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं जहाँ वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी नदियों, नेहरों और नालों से बह कर एक ही स्थान पर एकत्रित हो जाता है। उस स्थान से या तो एक ही बड़ी नदी में पानी जलसंभर क्षेत्र से निकास कर के आगे बह जाता है, या फिर किसी सरोवर, सागर, महासागर या दलदली इलाक़े में जा के मिल जाता है। इस सन्दर्भ में कभी-कभी जलविभाजक शब्द का भी प्रयोग होता है क्योंकि भिन्न-भिन्न जलसंभर किसी भी विस्तृत क्षेत्र को अलग-अलग जल मंडलों में विभाजित करते हैं। जलसंभर खुले या बंद हो सकते हैं। बंद जलसंभारों में पानी किसी सरोवर या सूखे सरोवर में जा कर रुक जाता है। जो बंद जलसंभर शुष्क स्थानों पर होते हैं उनमें अक्सर जल आ कर गर्मी से भाप बनकर हवा में वाष्पित (इवैपोरेट) हो जाता है या उसे धरती सोख लेती है। पड़ौसी जलसंभर अक्सर पहाड़ों, पर्वतों या धरती की भिन्न ढलानों के कारण एक-दुसरे से विभाजित होते हैं। भौगोलिक दृष्टि से जलसंभर एक कीप (यानि फनल) का काम करते हैं क्योंकि वे एक विस्तृत क्षेत्र के पानी को इक्कठा कर के एक ही नदी, जलाशय, दलदल या धरती के भीतर पानी सोखने वाले स्थान पर ले जाते हैं। .

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ज्वार-भाटा

धरती पर स्थित सागरों के जल-स्तर का सामान्य-स्तर से ऊपर उठना ज्वार तथा नीचे गिरना भाटा कहलाता है। ज्वार-भाटा की घटना केवल सागर पर ही लागू नहीं होती बल्कि उन सभी चीजों पर लागू होतीं हैं जिन पर समय एवं स्थान के साथ परिवर्तनशील गुरुत्व बल लगता है। (जैसे ठोस जमीन पर भी) पृथ्वी, चन्द्रमा और सूर्य की पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण शक्ति की क्रियाशीलता ही ज्वार-भाटा की उत्पत्ति का प्रमुख कारण हैं। .

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ज्वारनदीमुख

ज्वारनदीमुख (estuary, एस्चुएरी) सागर तट पर स्थित एक आधा-बंद खारे जल का समूह होता है जिसमें एक या एक से अधिक नदियाँ और झरने बहकर विलय होते हैं, और जो दूसरे अंत में खुले सागर से जुड़ा होता है। समय-समय पर ज्वारभाटा (टाइड) आकर इस से पानी व पानी में उपस्थित अन्य ढीला मलबा बाहर समुद्र में खींच लेता है। इस कारण से ज्वारनदीमुखों में साधारण नदीमुख (डेल्टा) की तरह मलबा एकत्रित नहीं होता, जो नदीतल पर जमा होने से उन्हें कई घाराओं में बिखरने को मजबूर कर देता है, जिससे कि उन धाराओं के बिखराव का आसानी से पहचाना जाने वाला त्रिकोण (डेल्टा) भौगोलिक रूप बन जाता है। उनके विपरीत ज्वारनदीमुख अक्सर एक ही लकीर में सागर में जल ले जाता है। ज्वारनदीमुख समुद्री और नदीय वातावरणों का मिश्रण होता है इसलिए इनमें ऐसे कई प्राणी व वनस्पति पनपते हैं जो और कहीं नहीं मिलते। .

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इरतिश नदी

इरतिश नदी का जलसम्भर क्षेत्र ओम्स्क शहर के पास इरतिश नदी इरतिश नदी (रूसी: Иртыш, अंग्रेज़ी: Irtysh) उत्तरी एशिया के साइबेरिया क्षेत्र की एक नदी है और ओब नदी की प्रमुख उपनदी है। इसके नाम का अर्थ 'सफ़ेद नदी' है। ओब-इरतिश का मिलाजुला क्षेत्र एशिया का एक विशाल जलसम्भर है जिसमें पश्चिमी साइबेरिया और अल्ताई पर्वत आते हैं। इसकी कुल लम्बाई ४,२४८ किलोमीटर (२,६४० मील) है। इरतिश नदी का मार्ग चीन, कज़ाख़स्तान, मंगोलिया और रूस के देशों से होकर निकलता है।, Britannica Educational Publishing, The Rosen Publishing Group, 2011, ISBN 978-1-61530-411-0,...

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कतुन नदी

तुन्गुर गाँव के पास कतुन नदी अल्ताई गणतंत्र में कतुन नदी का एक दृश्य कतुन नदी (रूसी: Катунь, अंग्रेज़ी: Katun) रूस के साइबेरिया क्षेत्र में अल्ताई गणतंत्र और अल्ताई क्राय विभागों में स्थित एक ६८८ किमी लम्बी नदी है। यह अल्ताई पर्वत शृंखला के सबसे ऊँचे पहाड़, बेलुख़ा पर्वत (Белуха, Belukha) पर स्थित हिमानी (ग्लेशियर) से शुरू होती है और आगे चलकर बियस्क शहर से २६ किमी दक्षिण-पश्चिम में इसका बिया नदी के साथ विलय हो जाता है, जिसके बाद मिली हुई धारा साइबेरिया की महान ओब नदी कहलाती है।, Egon T. Degens, Stephan Kempe, International Council of Scientific Unions.

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कारा सागर

कारा सागर की अवस्थिति दर्शाता मानचित्र आर्कटिक महासागर का एक भाग, कारा सागर (रूसी: море Карское) साइबेरिया के उत्तर में स्थित है। पश्चिम में इसे बेरिंट सागर से कारा जलडमरूमध्य और नोवाया ज़ेमल्या तथा पूर्व में, लाप्टेव सागर से इसे सेवेर्नाया ज़ेमल्या अलग करते हैं। कारा सागर की भौगोलिक उत्तरी सीमा का निर्धारण कोलसाट अंतरीप, ग्राहम बेल द्वीप, फ्रांज जोसेफ भूमि से लेकर आर्कटिक अंतरीप (आर्कटिक केप) जो कि सेवेर्नाया ज़ेमल्या का सबसे उत्तरी सिरा है, से गुजरती रेखा के द्वारा होता है। कारा सागर की लंबाई 1450 किलोमीटर, चौड़ाई लगभग 970 किलोमीटर, क्षेत्रफल 880000 किमी² तथा औसत गहराई लगभग 110 मीटर (360 फीट) है। कारा सागर, बेरिंट सागर जो कि अन्ध महासागर की अपेक्षाकृत गर्म जलधाराओं को ग्रहण करता है, की तुलना में अधिक ठंडा है और वर्ष में नौ महीने से अधिक समय तक जमा रहता है। कारा सागर में ओब, येनिसेय, प्यासिना और टैमिरा नदियां विसर्जित होती हैं और इनके मीठे पानी के कारण इसकी लवणता बदलती रहती है। इसके मुख्य बंदरगाह नोवी और डिकसोन हैं और यह मछली पकड़ने का प्रमुख स्थल है, बावजूद इसके की वर्ष के सिर्फ दो महीने ही इस गतिविधि के लिए उपयुक्त होते हैं, क्योंकि बाकी समय यह जमा रहता है। पश्चिम साइबेरियाई तेल बेसिन के विस्तार के तौर पर यहाँ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के भंडारों को खोजा गया है पर अभी तक इनका दोहन शुरु नहीं हुआ है। आर्किटिक महासागर को दुनिया का ‘एसी’ कहा जाता है, ये महासागर दुनिया की हिफाजत करता है। लेकिन आर्किटिक महासागर की बर्फ की मोटी चादर के नीचे दबी है एक न्‍यूक्लियर पनडुब्‍बी। इस पनडुब्‍बी में परमाणु बम के बराबर रेडियो एक्टिव पदार्थ है और ये पदार्थ समुद्र के पानी में घुलता जा रहा है। यकीन मानिए ये खतरा किसी एटम बम से कम नहीं है। .

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अल्ताई पर्वत शृंखला

अल्ताई पर्वत शृंखला का नक़्शा अल्ताई पर्वत शृंखला मध्य एशिया की एक बड़ी पर्वत शृंखला है जो उस क्षेत्र से गुज़रती है जहाँ रूस, चीन, कज़ाख़िस्तान और मंगोलिया मिलते हैं। मध्य एशिया की दो महत्वपूर्ण नदियाँ- इरतिश और ओब - इन्ही पहाड़ों से शुरू होती हैं। अल्ताई पर्वत क्षेत्र को ही तुर्की भाषा परिवार और भाषावैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तावित अल्ताई भाषा परिवार की जन्मभूमि बताया जाता है। अल्ताई पर्वत पश्चिमोत्तर में साइबेरिया की सायन पर्वत शृंखला से आरम्भ होते हैं और दक्षिण-पूर्व में धीरे-धीरे छोटे होकर गोबी के ऊंचे रेगिस्तानी पठार में जा मिलते हैं। तुर्की भाषाओँ में "अल्ताई" शब्द का अर्थ "सोने के पहाड़" है और यह दो शब्दों को जोड़कर बनता है - "अल" (जिसका मतलब "सोना" है) और ताऊ (यानि "पहाड़").

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अल्ताई क्राय

रूस के नक़्शे में अल्ताई क्राय की स्थिति बरनाऊल शहर के पास गुज़रती ओब नदी अल्ताई क्राय (रूसी: Алта́йский край, अल्ताईस्कीय क्राय) रूस के साइबेरिया क्षेत्र में स्थित एक 'क्राय' का दर्जा रखने वाला संघीय खंड है। सन् २०१० में की गई एक जनगणना के अनुसार इसकी आबादी २४,१९,७५५ थी। इस क्राय का क्षेत्रफल १,६९,१०० वर्ग किलोमीटर है, जो तुलना के लिए भारत के उड़ीसा और कर्नाटक राज्यों के क्षेत्रफलों के बीच है। दक्षिण से घड़ी की दिशा में घुमते हुए इस क्राय की सरहदें कज़ाख़स्तान, नोवोसिबिर्स्क ओब्लास्त, केमेरोवो ओब्लास्त और अल्ताई गणराज्य से लगती हैं। इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कृषि-प्रधान है। अल्ताई क्राय की राजधानी ओब नदी के किनारे बसा बरनाऊल (Барнау́л, Barnaul) शहर है।, A. J. Haywood, pp.

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उत्तरध्रुवीय महासागर

उत्तरीध्रुवीय महासागर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित उत्तरीध्रुवीय महासागर या आर्कटिक महासागर, जिसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। विश्व के पांच प्रमुख समुद्री प्रभागों (पांच महासागरों) में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) इसको एक महासागर स्वीकार करता है जबकि, कुछ महासागरविज्ञानी इसे आर्कटिक भूमध्य सागर या केवल आर्कटिक सागर कहते हैं और इसे अन्ध महासागर के भूमध्य सागरों में से एक मानते हैं। लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और उत्तरी अमेरिका से घिरा, आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ के ढका रहता है (और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से).

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