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ऑस्ट्रेलिया के महाराज्यपालगण की सूचि

सूची ऑस्ट्रेलिया के महाराज्यपालगण की सूचि

ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल, ऑस्ट्रेलिया की रानी के निवासिय स्थानीय राजप्रतिनिधि का पद है। गवर्नर-जनरल, ऑस्ट्रेलिया की रानी, जोकी ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राजशाही समेत कुल १६ प्रजाभूमियों की शासी नरेश एवं राष्ट्रप्रमुख हैं, के अनुपस्थिति में उनके संवैधानिक कार्यों का निर्वाह करते हैं। .

35 संबंधों: एलिज़ाबेथ द्वितीय, एॅलेक्ज़ॅण्डर होर-रथ्वेन, गाओरी के पहले अर्ल, थॉमस डेनमैन, तृतीय बॅरन डेनमैन, निनियन स्टीफ़ेन, पॉल हॅज़लक, पीटर हॉलिंगवर्थ, पीटर कॉस्ग्रोव, बिल हेडेन, महारानी विक्टोरिया, माइकल जेफ़्री, यूनाइटेड किंगडम, राष्ट्रप्रमुख, राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि, राजकुमार हेनरी, ग्लॉस्टर के ड्यूक, रिचर्ड केसी, बॅरन केसी, रोनाल्ड मुनरो फ़र्ग्यूसन, प्रथम वाइकाउण्ट नोवार, हेनरी नॉर्थकोट, प्रथम बॅरन नॉर्थकोट, हेनरी फ़ोस्टर, प्रथम बॅरन फ़ोस्टर, हॅलम टेनिसन, दूसरे बॅरन टेनिसन, ज़ेलमैन कॉवेन, जॉन ब्रेड, प्रथम वाइकाउण्ट स्टोनहॅवेन, जॉन होप, लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस, जॉन कर, जॉर्ज षष्ठम्, विलियम डीन, विलियम मैक्केल, विलियम मॉरिसन, प्रथम वाइकाउण्ट डनरॉसिल, विलियम सिडनी, प्रथम वाइकाउण्ट डी ल्'आइल, विलियम स्लिम, प्रथम वाइकाउण्ट स्लिम, विलियम हम्बल वार्ड, डड्ली के दूसरे अर्ल, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल, ऑस्ट्रेलियाई राजतंत्र, आइज़ैक आइज़ैक्स, क्वेण्टिन ब्राइस

एलिज़ाबेथ द्वितीय

एलिज़ाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) (एलिजाबेथ ऐलैग्ज़ैण्ड्रा मैरी, जन्म: २१ अप्रैल १९२६) यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, सन्त लूसिया, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, अण्टीगुआ और बारबूडा और सन्त किट्स और नेविस की महारानी हैं। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रमण्डल के ५४ राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख हैं और ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में, वह अंग्रेज़ी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल हैं और राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतन्त्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी हैं। एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था। उनके पिता, जॉर्ज षष्ठम को १९३६ में ब्रिटेन और ब्रिटिश उपनिवेश भारत का सम्राट बनाया गया था। ६ फरवरी १९५२ को अपने राज्याभिषेक के बाद एलिज़ाबेथ राष्ट्रकुल की अध्यक्ष व साथ स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अभिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व सिलोन की शासक रानी बन गयीं। उनका राज्याभिषेक समारोह अपने तरह का पहला ऐसा राज्याभिषेक था जिसका दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ था। 1956 से 1992 के दौरान विभिन्न देशों को स्वतंत्रता मिलते रहने से उनकी रियासतों की संख्या कम होती गई। वह विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी है। ९ सितम्बर २०१५ को उन्होंने अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़ दिया व ब्रिटेन पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली व साम्राज्ञी बन गयीं। एलिज़ाबेथ का जन्म लंदन में ड्यूक जॉर्ज़ षष्टम व राजमाता रानी एलिज़ाबेथ के यहाँ पैदा हुईं व उनकी पढाई घर में ही हुई। उनके पिता ने १९३६ में एडवर्ड ८ के राज-पाठ त्यागने के बाद राज ग्रहण किया। तब वह राज्य की उत्तराधिकारी हो गयी थीं। उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जनसेवाओं में हिस्सा लेना शुरु किया व सहायक प्रादेशिक सेवा में हिस्सा लिया। १९४७ में उनका विवाह राजकुमार फिलिप से हुआ जिनसे उनके चार बच्चे, चार्ल्स, ऐने, राजकुमार एँड्रयू और राजकुमार एडवर्ड हैं। एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया। .

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एॅलेक्ज़ॅण्डर होर-रथ्वेन, गाओरी के पहले अर्ल

ब्रिगेडियर जनरल एॅलेक्ज़ॅण्डर गोर आर्कराइट होर-रद़्वेन, गाओरी के पहले अर्ल (Alexander Hore-Ruthven, 1st Earl of Gowrie) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 23 जनवरी 1936-30 जनवरी 1945 के बीच, महाराज एडवर्ड अष्टम् और उनके उत्तराधिकारी, जॉर्ज षष्ठम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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थॉमस डेनमैन, तृतीय बॅरन डेनमैन

थॉमस डेनमैन, तृतीय बॅरन डेनमैन (Thomas Denman, 3rd Baron Denman) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 31 जुलाई 1911-18 मई 1914 के बीच, महाराज जॉर्ज पंचम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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निनियन स्टीफ़ेन

निनिय़न माऱ्टिन स्टीफ़ेन (Ninian Stephen) (1923-2017) एक ऑस्ट्रेलियाई राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 29 जुलाई 1982-16 फ़रवरी 1989 के बीच, ऑस्ट्रेलिया की रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। .

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पॉल हॅज़लक

परममान्य सर पॉल मीर्ना कॅड्वाला हॅज़लक (Paul Hasluck) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 30 अप्रैल 1969-11 जुलाई 1974 के बीच, महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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पीटर हॉलिंगवर्थ

पीटर हॉलिंगवर्थ (Peter Hollingworth) एक ऑस्ट्रेलियाई राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 29 जून 2001-11 अगस्त 2003 के बीच, ऑस्ट्रेलिया की रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। .

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पीटर कॉस्ग्रोव

जनरल सर पीटर जॉन कॉस्ग्रोव (Peter Cosgrove) एक ऑस्ट्रेलियाई सैन्य अधिकारी और राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें 28 मार्च 2014 को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। वे ऑस्ट्रेलिया के 26 वेँ गवर्नर-जनरल हैं। .

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बिल हेडेन

विलियम जॉर्ज हेडेन (Bill Hayden) एक ऑस्ट्रेलियाई राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 16 फ़रवरी 1989-16 फ़रवरी 1996 के बीच, ऑस्ट्रेलिया की रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। .

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महारानी विक्टोरिया

महारानी विक्टोरिया, संयुक्त राजशाही की महारानी थीं| .

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माइकल जेफ़्री

मेजर जनरल माइकल जेफ़्री (Michael Jeffery) एक ऑस्ट्रेलियाई राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 11 अगस्त 2003-5 सितंबर 2008 के बीच, ऑस्ट्रेलिया की रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। .

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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राष्ट्रप्रमुख

राष्ट्रप्रमुख अथवा राज्यप्रमुख,अंतर्राष्ट्रीय विधिशास्त्र में, किसी संप्रभु राज्य का एक सार्वजनिक राजनैतिक व्यक्तित्व होता है, जो कि राज्य के अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व को स्वरूपित करता है, और सैद्धांतिक रूप से उसे संपूर्ण राज्य के चिन्हात्मक मानवीय स्वरूप के रूप में देखा जाता है। विभिन्न देशों में राष्ट्रप्रमुख को राजा, सम्राट, राष्ट्रपति, परमाधिपति, महाराज्यपाल, अयातुल्लाह, राजकुमार, परम-नेता, इत्यादि जैसे विभिन्न उपधियों से संबोधित किया जाता है। राष्ट्रप्रमुख का पद, राजकीय व्यवस्थापिका का सर्वोच्च अंग होता है, और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर, राष्ट्रप्रमुख को उस देश के औपचारिक प्रमुख एवं एकमात्र वैधिक प्राधिकारी के रूप में देखा जाता है तथा अन्य तमाम राजकीय प्रतिनिधियों को उसके प्रतिनिधि के रूप में देखा जाता है। अनेक देशों में, सैद्धान्तिकरूपतः, राज्य की तमाम शक्तियाँ उसी के व्यय पर निहित होती है, और शासनापालिका, न्यायपालिका तथा विधानपालिका, इत्यादि सारे संसाधनों के शक्तियों का स्रोत राष्ट्रप्रमुख ही होता है। वहीं सरकार, शासनयंत्र का वह अंग होती है, जो कि, राष्ट्रप्रमुख पर निहित, राज्य के कार्यकारी प्राधिकारों का उपयोग करती है। जबकि अन्य कई शासन-पद्धतियों में न्यायपालिका और विधानपालिका को राष्ट्रप्रमुख के शक्ति के दायरे से स्वतंत्र रखा जाता है। साथ ही कई देश ऐसे भी हैं, जहाँ राष्ट्रप्रमुख के विवेकाधीन, केवल नाममात्र अधिकार निहित होते हैं। ऐसे देशों में राष्ट्रप्रमुख का पद केवल एक परंपरागत प्रमुखत्मक पद होता है। हालाँकि, सामान्यतः, राष्ट्रप्रमुख के पद पर एक व्यक्ति ही विराजमान होता है, परंतु यह आवश्यक नहीं है। कई देशों की विधि में, एक से अधिक व्यक्ति, व्यक्तिसमुह, परिषद् या संस्था को राष्ट्रप्रमुख का दर्जा दिया गया है। सामान्यतः, राष्ट्रप्रमुख की शक्तियाँ और प्राधिकार, अन्य संस्थानों और अधिकारियों पर निहित होते हैं, जिनका उपयोग, राष्ट्रप्रमुख स्वयं नहीं कर सकता हैं। विभिन्न देशों में, स्थानीय विधि, संविधान अथवा ऐतिहासिक परंपरा के अनुसार, राष्ट्रप्रमुख की विवेकाधीन शक्तियाँ भिन्न होती हैं। इन शक्तियों के आधार पर, विभिन्न देशों के राष्ट्रप्रमुख पदों को विभिन्न भेदों में वर्गीकृत किया जा सकता है। कई देशों में राष्ट्रप्रमुख को परम सत्ता प्रदान होती है, जबकि कुछ देशों में राष्ट्रप्रमुख सत्ताहीन होता है, अर्थात उसे किसी प्रकार की कोई शक्ति नहीं दी जाती है। अधिकांश देशों में राष्ट्रप्रमुख की शक्तियों को राज्य के विभिन्न अंगों में विभाजित किया गया है, और राष्ट्रप्रमुख पर विस्तृत मात्रा में शक्तियाँ निहित होती हैं, तथा इन शक्तियों पर विभिन्न प्रकार के रोक-थाम का प्रावधान होता है। .

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राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि या राष्ट्रमण्डल प्रदेश, जिन्हें अंग्रेज़ी में कॉमनवेल्थ रॆयल्म कहा जाता है, राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल के उन १६ सार्वभौमिक राष्ट्रों को कहा जाता है, जिनपर एक ही शासक, महारानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ का राज है। ये सारे देश एक ही राजसत्ता, शासक, राजपरिवार और उत्तराधिकार क्रम को साँझा करते हैं। इस व्यवस्था की शुरुआत १९३१ की वेस्टमिंस्टर की संविधि के साथ हुई थी, जिसके द्वारा ब्रिटेन के तत्कालीन डोमीनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैण्ड, आयरिश मुक्त राज्य और न्यूफाउण्डलैण्ड को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के बराबर के सदस्य होने के साथ ही पूर्ण या पूर्णात्मत वैधिक स्वतंत्रता प्रदान की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से, विश्व भर में विस्तृत, ब्रिटिश साम्राज्य के तमाम देशों को एक डोमिनियन के रूप में स्वाधीनता प्रदान कर दी गयी। जिनमे से कुछ राज्यों ने पूर्णतः स्वाधीन होने के बावजूद राजतंत्र के प्रति अपनी वफ़ादारी को बरक़रार रखा, जबकि कुछ राज्यों ने ब्रिटिश राजतंत्र को नाममात्र प्रमुख मानने से इनकार कर स्वयं को गणतांत्रिक राज्य घोषित कर दिया। आज, विश्व बाहर में कुल १६ ऐसे राज्य हैं जो स्वयं को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के एक प्रजाभूमि के रूप में पहचान करव्वते हैं। .

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राजकुमार हेनरी, ग्लॉस्टर के ड्यूक

राजकुमार हेनरी विलियम फ़्रेडरिक अॅल्बर्ट, ग्लॉस्टर के ड्यूक (Prince Henry, Duke of Gloucester) जॉर्ज पंचम और रानी मैरी, की सबसे छोटी संतान और तीसरे पुत्र थे। उनका जन्म, 31 मार्च 1900 में हुआ था। अपने जन्म के समय वे, राजगद्दी के अनुक्रम में पाँचवे स्थान पर थे। .

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रिचर्ड केसी, बॅरन केसी

रिचऱ्ड गाऱ्डिनर, बॅरन केय़ेसी (Richard Gardiner Casey, Baron Casey) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 7 मई 1965-30 अप्रैल 1969 के बीच, महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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रोनाल्ड मुनरो फ़र्ग्यूसन, प्रथम वाइकाउण्ट नोवार

प्रथम वाइकाउण्ट नोवार, सर रोनळ्ड क्रॉफ़ऱ्ड मन्रो फ़ऱ्ग्यूसन (Ronald Craufurd Munro Ferguson, 1st Viscount Novar) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 18 मार्च 1914-6 अक्टूबर 1920 के बीच, महाराज जॉर्ज पंचम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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हेनरी नॉर्थकोट, प्रथम बॅरन नॉर्थकोट

परममान्य हेनरी स्टॅफ़ऱ्ड नॉर्थकोट, प्रथम बॅरन नॉर्थकोट (Henry Stafford Northcote, 1st Baron Northcote) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 21 जनवरी 1904-9 सितंबर 1908 के बीच, महाराज एडवर्ड सप्तम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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हेनरी फ़ोस्टर, प्रथम बॅरन फ़ोस्टर

हेनरी विलियम फ़ोस्टर, प्रथम बॅरन फ़ोस्टर (Henry Forster, 1st Baron Forster) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 6 अक्टूबर 1920-8 अक्टूबर 1925 के बीच, महाराज जॉर्ज पंचम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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हॅलम टेनिसन, दूसरे बॅरन टेनिसन

हॅलम टेनिसन, दूसरे बॅरन टेनिसन (Hallam Tennyson, 2nd Baron Tennyson) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 9 जनवरी 1903-21 जनवरी 1904 के बीच, महाराज एडवर्ड सप्तम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। वे ऑस्ट्रेलिया के दूसरे गवर्नर-जनरल थे। उन्होंने होपटन के सातवें अर्ल के पदत्याग के बाद गवर्नर-जनरल के पद को संभाला था। .

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ज़ेलमैन कॉवेन

सर ज़ेल्मॅन काॅवेन (Zelman Cowen) एक ऑस्ट्रेलियाई राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 8 दिसंबर 1977-29 जुलाई 1982 के बीच, ऑस्ट्रेलिया की रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। .

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जॉन ब्रेड, प्रथम वाइकाउण्ट स्टोनहॅवेन

बॅरन स्टोनहॅवेन, जॉन लॉरेन्स ब्रेड (John Baird, 1st Viscount Stonehaven) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 8 अक्टूबर 1925-21 जनवरी 1931 के बीच, महाराज जॉर्ज पंचम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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जॉन होप, लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस

जॉन होप, लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस (John Hope, 1st Marquess of Linlithgow), जिन्हें, 1873 से 1902 के बीच, होपटन के सातवें अर्ल और 1873 से पूर्व, वाइकाउण्ट आइद़री के नाम से जाना जाता था, एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 1 जनवरी 1901-9 जनवरी 1903 के बीच, महारानी विक्टोरिया तथा, उनके उत्तराधिकारी, महाराज एडवर्ड सप्तम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। वे ऑस्ट्रेलिया के पहले गवर्नर-जनरल थे। गवर्नर-जनरल के रूप में अपने सेवाकाल के दौरान वे, शासक के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासन के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। 9 जनवरी 1903 को, ऑस्ट्रेलियाई सर्कार और उनके बीच हुए वित्त और गवर्नर-जनरल के पद की सहूलियतों के संबंध में हुए मतभेदोंके कारणवश उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 1902 को, उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा, लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस की उपाधि प्रदान की गई। 29 फरवरी 1908 को 47 वर्ष की आयु में, उनका निधन हो गया। ऑस्ट्रेलिया में इन्हें लाॅर्ड होपटन के नाम से जाना जाता है। .

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जॉन कर

परममान्य सर जॉन रॉबर्ट कर (John Kerr) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 11 जुलाई 1974-8 दिसंबर 1977 के बीच, महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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जॉर्ज षष्ठम्

जार्ज ६ (George VI) ब्रिटेन का शासक।.

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विलियम डीन

सर विलियम पैट्रिक डीन (William Deane) एक ऑस्ट्रेलियाई राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 16 फ़रवरी 1996-29 जून 2001 के बीच, ऑस्ट्रेलिया की रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। .

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विलियम मैक्केल

विलियम जोज़ेफ़ मैक्कॅल (William Joseph McKell) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 11 मार्च 1947-8 मई 1953 के बीच, महाराज जॉर्ज षष्ठम् और उनके उत्तराधिकारी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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विलियम मॉरिसन, प्रथम वाइकाउण्ट डनरॉसिल

विलियम शेफ़ऱ्ड मॉरिसन, प्रथम वाइकाउण्ट डनरॉसिल (William Morrison, 1st Viscount Dunrossil) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 2 फ़रवरी 1960-3 अगस्त 1961 के बीच, महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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विलियम सिडनी, प्रथम वाइकाउण्ट डी ल्'आइल

विलियम फ़िलिप सिडनी, प्रथम वाइकाउण्ट डी ल्'आइल (William Sidney, 1st Viscount De L'Isle) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 3 अगस्त 1961-7 मई 1965 के बीच, महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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विलियम स्लिम, प्रथम वाइकाउण्ट स्लिम

फ़ील्ड मार्शल परममान्य विलियम स्लिम, प्रथम वाइकाउण्ट स्लिम (William Slim, 1st Viscount Slim) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 8 मई 1953-2 फ़रवरी 1960 के बीच, महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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विलियम हम्बल वार्ड, डड्ली के दूसरे अर्ल

विलियम हम्बल वार्ड, डड्ली के दूसरे अर्ल (William Humble Ward, 2nd Earl of Dudley) एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 9 सितंबर 1908-31 जुलाई 1911 के बीच, महाराज एडवर्ड सप्तम्, तथा, उनके उत्तराधिकारी, जॉर्ज पंचम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

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ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल

ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल, ऑस्ट्रेलिया की रानी के निवासिय स्थानीय राजप्रतिनिधि का पद है। गवर्नर-जनरल, ऑस्ट्रेलिया की रानी, जोकी ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राजशाही समेत कुल १६ प्रजाभूमियों की शासी नरेश एवं राष्ट्रप्रमुख हैं, के अनुपस्थिति में उनके संवैधानिक कार्यों का निर्वाह करते हैं। .

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ऑस्ट्रेलियाई राजतंत्र

ऑस्ट्रेलियाई राजतंत्र, ऑस्ट्रेलिया की संवैधानिक राजतंत्र है। ऑस्ट्रेलिया के एकाधिदारुक को ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही ऑस्ट्रेलिया की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। ऑस्ट्रेलिया सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और ऑस्ट्रेलिया के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " ऑस्ट्रेलिया की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " ऑस्ट्रेलिया के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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आइज़ैक आइज़ैक्स

परममान्य सर आइज़ैक अॅल्बर्ट आइज़ैक्स (Isaac Albert Isaacs) एक ऑस्ट्रेलियाई न्यायाधीश और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 21 जनवरी 1931-23 जनवरी 1936 के बीच, महाराज जॉर्ज पंचम् और उनके उत्तराधिकारी, एडवर्ड अष्टम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले ऑस्ट्रेलिया में जन्मे व्यक्ति थे। अपने सेवाकाल के दौरान वे, महाराज के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। वे एक वरिष्ठ न्यायाधीश थे, और इस नियुक्ति से पूर्व, वे अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। .

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क्वेण्टिन ब्राइस

क्वेण्टिन एॅलिस लुईस ब्राइस (Quentin Bryce) एक ऑस्ट्रेलियाई राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 5 सितंबर 2008-28 मार्च 2014 के बीच, ऑस्ट्रेलिया की रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इस काल के दौरान वे, महारानी के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासक के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। .

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ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरलों की सूचि

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