4 संबंधों: सिरसा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, सिरसा जिला, हरियाणा, इंडियन नैशनल लोकदल।
सिरसा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
सिरसा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के हरियाणा राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:हरियाणा के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.
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सिरसा जिला
सिरसा हरियाणा का एक जिला है। इसका मुख्यालय है सिरसा है। सितंबर 1975 को हरियाणा के प्रथम जिले के रूप में अस्तित्व में आया सिरसा नगर बठिंडा-रेवाड़ी पर रेलमार्ग पर तथा दिल्ली-फाजिल्का राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 पर स्थित है। हरियाणा के पश्चिम छोर पर बसा, पंजाब और राजस्थान की सीमाओं से सटा यह शहर मुक्तसर व बठिंडा (पंजाब) तथा गंगानगर और हनुमानगढ़ (राजस्थान) तथा हरियाणा के फतेहाबाद और हिसार जिलों के साथ लगता है। भौगोलिक दृष्टि से इसकी स्थिती अक्षांश में 29.53 तथा दक्षांश में 75.02 है तथा यह जिला 4276 वर्ग किलोमीटर में फैला है। हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ से 252 किलोमीटर दूर है। पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के मुख्य शहरों से इसकी दूरी निम्मलिखित तालिका में दिखाई गई है। तहसीलें: सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, कालांवाली। उप तहसीलें: कालांवाली, नाथूसरी चौपटा, चौटाला। उपमंडल: सिरसा, डबवाली ऐलनाबाद। खंड: सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, रानियां, कालांवाली, ओढ़ां, नाथूसरी चौपटा। लोकसभा चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र: सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, रानियां, कालांवाली, फतेहाबाद, रतिया, नरवाना। विधानसभा क्षेत्र एवं वर्तमान विधायक सिरसा -श्री मखन लाल सिंगला डबवाली-श्री अजय सिंह चौटाला। ऐलनाबाद-श्री अभय सिंह चौटाला। रानियां- श्री कृष्ण लाल कंबोज। कालांवाली- श्री चरणजीत सिंह। सिरसा जिले का नाम, इसके मुख्यायल सिरसा के नाम से उत्पन्न हुआ है। ऐसा माना जाता है कि सिरसा जिला, उत्तर भारत के सबसे पुराने जिलों में से एक है। सिरसा का जिक्र, महाभारत में भी हुआ है, हालांकि उस काल में इसे साईरिषाका के नाम से जाना जाता था। इस स्थल का उल्लेख, पाणिनी के अष्टाधायी और दिव्यावदन में भी मिलता है। महाभारत में, यह भी उल्लेख किया गया है कि साईरिषाका को पश्चिमी तिमाही के विजय अभियान में नकुल द्वारा लिया गया था। पाणिनी ने उल्लेख किया है कि सिरसा 5 वीं सदी का एक समृद्ध शहर था। इतिहास सिरसा, भारत के हरियाणा राज्य में स्थित एक शहर है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पर स्थित है। 1819 में, इस क्षेत्र को ब्रिटिश शासन ने अपने अधीन कर लिया था और बाद में इसे दिल्ली क्षेत्र के उत्तरी - पश्चिमी जिले का एक हिस्सा बना दिया था। एक साल बाद, उत्तर - पश्चिमी जिले को दो हिस्सों में बांट दिया गया जिन्हे उत्तरी और पश्चिमी जिलों के नाम से जाना गया और सिरसा, पश्चिमी जिले का हिस्सा बन गया जिसे बाद में हरियाणा नाम दिया गया। सिरसा और उसके आसपास स्थित पर्यटक स्थल सिरसा जिले में पर्यटकों की सैर के काफी स्थल है। सिरसा, डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है, यह एक प्रकार का धार्मिक समूह है जिसकी स्थापना शाह मस्ताना ने की थी, जिनका वास्तविक नाम खेमामल था। यह सेक्टर, अपनी सामाजिक सेवा गतिविधियों के कारण जाना जाता है और यहां सभी को मुफ्त में लंगर भी छकाया जाता है, साथ ही जनता से किसी भी प्रकार का दान भी नहीं स्वीकार किया जाता है। यहां का अन्य लोकप्रिय धार्मिक संप्रदाय, राधा स्वामी संप्रदाय है जो यहीं स्थित है। सिरसा शहर से 5 किलोमीटर दूर पूवर् की ओर राधा स्वामी सत्संग घर स्थित है। सेक्ट, पंजाब में स्थित अमृतसर के ब्यास में स्थित राधा स्वामी मुख्यालय की एक शाखा है। पर्यटक जब भी सिरसा जाएं तो वहां कगदाना में स्थित राम देव मंदिर में भी अवश्य जाएं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह मंदिर बाबा राम देवजी को समर्पित है जिन्हे भारत के कई राज्यों, विशेषकर राजस्थान में और पाकिस्तान के सिंध में देवता के रूप में पूजा जाता है। बाबारामदेव, गरीबों और पिछड़े वर्ग की मदद करने के लिए जाने जाते थे और उनके बारे में व उनकी चमत्कारी शक्तियों के बारे में कई कहानियां भी प्रचलित है। इसके अलावा, यहां आकर रामनगरिया में हनुमान मंदिर और चोरमार खेरा में गुरूद्वारा गुरू गोविंद सिंह की यात्रा भी अवश्य करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सिक्ख गुरू अपनी रात यहीं बिताते है। यहां डेरा बाबा सारसाई नाथ मंदिर है, जिसे 13 वीं सदी में यहां बनवाया गया था, इस मंदिर को सिरसा में हिसार द्वार के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण सारसाई नाथ ने करवाया था, जो एक प्रमुख गुरू या ऋषि थे, जिन्होने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर यहां प्रार्थना, ध्यान और कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए। सिरसा और उसके आसपास के क्षेत्रों में घग्गर घाटी की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक की अमूल्य विरासत यहां एक स्वर्ग समान है। यहां आकर पर्यटक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के उत्खनन स्थलों की यात्रा भी कर सकते है। श्रेणी:हरियाणा के जिले श्रेणी:सिरसा.
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हरियाणा
हरियाणा उत्तर भारत का एक राज्य है जिसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। इसकी सीमायें उत्तर में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। यमुना नदी इसके उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश राज्यों के साथ पूर्वी सीमा को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हरियाणा से तीन ओर से घिरी हुई है और फलस्वरूप हरियाणा का दक्षिणी क्षेत्र नियोजित विकास के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है। यह राज्य वैदिक सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान है। इस क्षेत्र में विभिन्न निर्णायक लड़ाइयाँ भी हुई हैं जिसमें भारत का अधिकत्तर इतिहास समाहित है। इसमें महाभारत का महाकाव्य युद्ध भी शामिल है। हिन्दू मतों के अनुसार महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ (इसमें भगवान कृष्ण ने भागवत गीता का वादन किया)। इसके अलावा यहाँ तीन पानीपत की लड़ाइयाँ हुई। ब्रितानी भारत में हरियाणा पंजाब राज्य का अंग था जिसे १९६६ में भारत के १७वें राज्य के रूप में पहचान मिली। वर्तमान में खाद्यान और दुध उत्पादन में हरियाणा देश में प्रमुख राज्य है। इस राज्य के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। समतल कृषि भूमि निमज्जक कुओं (समर्सिबल पंप) और नहर से सिंचित की जाती है। १९६० के दशक की हरित क्रान्ति में हरियाणा का भारी योगदान रहा जिससे देश खाद्यान सम्पन्न हुआ। हरियाणा, भारत के अमीर राज्यों में से एक है और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर यह देश का दूसरा सबसे धनी राज्य है। वर्ष २०१२-१३ में देश में इसकी प्रति-व्यक्ति १,१९,१५८ (अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य देखें) और वर्ष २०१३-१४ में १,३२,०८९ रही। इसके अतिरिक्त भारत में सबसे अधिक ग्रामीण करोड़पति भी इसी राज्य में हैं। हरियाणा आर्थिक रूप से दक्षिण एशिया का सबसे विकसित क्षेत्र है और यहाँ कृषि एवं विनिर्माण उद्योग ने १९७० के दशक से निरंतर वृद्धि का प्राप्त की है। भारत में हरियाणा यात्रि कारों, द्विचक्र वाहनों और ट्रैक्टरों के निर्माण में सर्वोपरी राज्य है। भारत में प्रति व्यक्ति निवेश के आधार पर वर्ष २००० से राज्य सर्वोपरी स्थान पर रहा है। .
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इंडियन नैशनल लोकदल
इंडियन नेशनल लोकदल या इनेलो (Indian National Lok Dal) भारत के हरियाणा राज्य की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है। इनेलो एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में १९८७ के दौरान राजनीतिक अस्तित्व में आयी। वर्तमान में ओमप्रकाश चौटाला पार्टी के अध्यक्ष और उनके ज्येष्ठ पुत्र अजय सिंह चौटाला पार्टी के महासचिव हैं। इनेलो पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अंग रह चुकी है। पार्टी के शीर्ष नेताओं की अनुपस्थिति में २०१४ के विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के छोटे पुत्र अभय चौटाला के नेतृत्व में 90 में से 19 सीट्स जीती और बीजेपी के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनी। विपक्ष के नेता के रूप में अभय चौटाला विधानसभा में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं।। अप्रैल २००१ में देवी लाल के निधन के बाद से इनेलो का राजनैतिक संघर्ष का दौर आरंभ हुआ और बीते 3 विधानसभा चुनावों में पार्टी दुसरे स्थान पर रही .
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