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एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम

सूची एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम

एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम (अंग्रेज़ी: Integrated Guided Missile Develoment Program-IGMDP; इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम) घोषित परमाणु राज्यों (चीन, ब्रिटेन, फ़्रांस, रूस, और संयुक्त राज्य अमेरिका) के बाद के मिसाइल कार्यक्रमों में से एक है। भारत अपने परिष्कृत मिसाइल और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के साथ, देश में ही लंबी दूरी की परमाणु मिसाइलों के विकास में तकनीकी रूप से सक्षम है। बैलिस्टिक मिसाइलों में भारत का अनुसंधान 1960 के दशक में शुरू हुआ। जुलाई 1983 में भारत ने स्वदेशी मिसाइल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के उद्देश्य के साथ समन्वित निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम-IGMDP) की शुरुआत की। आईजीएमडीपी द्वारा देश में ही विकसित सबसे पहली मिसाइल पृथ्वी थी। भारत की दूसरी बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली अग्नि मिसाइलों की श्रृंखला है जिसकी मारक क्षमता पृथ्वी मिसाइलों से ज्यादा है। .

21 संबंधों: चीन, नेल्लोर जिला, फ़्रान्स, ब्रिटेन, भारत का प्रधानमन्त्री, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, रैमजेट, रूस, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, संयुक्त राज्य, ओडिशा, आन्ध्र प्रदेश, इज़राइल, अटल बिहारी वाजपेयी, अग्नि पंचम, अग्नि-4, अग्नि-6, अग्नि-१, अग्नि-२, अग्नि-३, अंग्रेज़ी भाषा

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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नेल्लोर जिला

नेल्लोर भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश का एक िजला है। इसका मुख्यालय है नेल्लौर। क्षेत्रफल - 13,076 वर्ग कि.मी.

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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ब्रिटेन

ब्रिटेन शब्द का प्रयोग हालाँकि आम तौर पर हिंदी में संयुक्त राजशाही अर्थात् यूनाइटेड किंगडम देश का बोध करने के लिए होता है, परंतु इसका उपयोग अन्य सन्दर्भों के लिए भी हो सकता है.

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (अंग्रेज़ी:DRDO, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है। इस संस्थान की स्थापना १९५८ में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी। वर्तमान में संस्थान की अपनी इक्यावन प्रयोगशालाएँ हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण इत्यादि के क्षेत्र में अनुसंधान में रत हैं। पाँच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं। यहां राडार, प्रक्षेपास्त्र इत्यादि से संबंधित कई बड़ी परियोजनाएँ चल रही हैं। I love my India .

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रैमजेट

रैमजेट, को कभी-कभी उड़ता स्टोवपाइप या एथोडाइड (अंग्रेजी: athodyd, aero thermodynamic duct), भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का एयरब्रीदिंग जेट इंजन है जो इंजन के आगे बढ़ने की गति को हवा दबाने के लिए प्रयोग करता है, बिना किसी एक्सियल कंप्रेसर के। रैमजेट शून्य वायुगति पर थ्रस्ट पैदा नहीं कर सकता। इसलिए एक रैमजेट से चलने वाले वायुयान को सहायता प्राप्त टेक-ऑफ की आवश्यकता पड़ती है, जैसे राकेट से, जिससे इसे उस गति तक पहुँचाया जा सके, जहाँ पर यह थ्रस्ट पैदा करना शुरू कर दे। रैमजेट सुपरसॉनिक गति (3 मैक) पर काफी अच्छी तरह से काम करता है। इस तरह के इंजन 6 मैक तक काम करते हैं।.

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रूस

रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी२ के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना। वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है। .

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सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र का विहंगम दृश्य सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का प्रक्षेपण केंद्र है। यह आंध्र प्रदेश के श्रीहरीकोटा में स्थित है, इसे 'श्रीहरीकोटा रेंज' या 'श्रीहरीकोटा लाँचिंग रेंज' के नाम से भी जाना जाता है। 2002 में इसरो के पूर्व प्रबंधक और वैज्ञानिक सतीश धवन के मरणोपरांत उनके सम्मान में इसका नाम बदला गया। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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ओडिशा

ओड़िशा, (ओड़िआ: ଓଡ଼ିଶା) जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंतत: बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। क्षेत्रफल के अनुसार ओड़िशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। ओड़िआ भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है। पाराद्वीप को छोड़कर राज्य की अपेक्षाकृत सपाट तटरेखा (लगभग 480 किमी लंबी) के कारण अच्छे बंदरगाहों का अभाव है। संकीर्ण और अपेक्षाकृत समतल तटीय पट्टी जिसमें महानदी का डेल्टा क्षेत्र शामिल है, राज्य की अधिकांश जनसंख्या का घर है। भौगोलिक लिहाज से इसके उत्तर में छोटानागपुर का पठार है जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है लेकिन दक्षिण में महानदी, ब्राह्मणी, सालंदी और बैतरणी नदियों का उपजाऊ मैदान है। यह पूरा क्षेत्र मुख्य रूप से चावल उत्पादक क्षेत्र है। राज्य के आंतरिक भाग और कम आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र हैं। 1672 मीटर ऊँचा देवमाली, राज्य का सबसे ऊँचा स्थान है। ओड़िशा में तीव्र चक्रवात आते रहते हैं और सबसे तीव्र चक्रवात उष्णकटिबंधीय चक्रवात 05बी, 1 अक्टूबर 1999 को आया था, जिसके कारण जानमाल का गंभीर नुकसान हुआ और लगभग 10000 लोग मृत्यु का शिकार बन गये। ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है। ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। ब्रह्मपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख और कटक का बारबाटी किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं। .

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आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

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इज़राइल

इज़राइल राष्ट्र (इब्रानी:מְדִינַת יִשְׂרָאֵל, मेदिनत यिसरा'एल; دَوْلَةْ إِسْرَائِيل, दौलत इसरा'ईल) दक्षिण पश्चिम एशिया में स्थित एक देश है। यह दक्षिणपूर्व भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसके उत्तर में लेबनॉन, पूर्व में सीरिया और जॉर्डन तथा दक्षिण-पश्चिम में मिस्र है। मध्यपूर्व में स्थित यह देश विश्व राजनीति और इतिहास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इतिहास और प्राचीन ग्रंथों के अनुसार यहूदियों का मूल निवास रहे इस क्षेत्र का नाम ईसाइयत, इस्लाम और यहूदी धर्मों में प्रमुखता से लिया जाता है। यहूदी, मध्यपूर्व और यूरोप के कई क्षेत्रों में फैल गए थे। उन्नीसवी सदी के अन्त में तथा फ़िर बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में यूरोप में यहूदियों के ऊपर किए गए अत्याचार के कारण यूरोपीय (तथा अन्य) यहूदी अपने क्षेत्रों से भाग कर येरूशलम और इसके आसपास के क्षेत्रों में आने लगे। सन् 1948 में आधुनिक इसरायल राष्ट्र की स्थापना हुई। यरूशलम इसरायल की राजधानी है पर अन्य महत्वपूर्ण शहरों में तेल अवीव का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ की प्रमुख भाषा इब्रानी (हिब्रू) है, जो दाहिने से बाँए लिखी जाती है। यहाँ के निवासियों को इसरायली कहा जाता है। .

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अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpeyee), (जन्म: २५ दिसंबर, १९२४) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी हैं। वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है। सम्प्रति वे राजनीति से संन्यास ले चुके हैं और नई दिल्ली में ६-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। .

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अग्नि पंचम

अग्नि पंचम (अग्नि-५) भारत की अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। यह अत्याधुनिक तकनीक से बनी 17 मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी अग्नि-५ मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है। 5 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जाने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है। इसे हैदराबाद की प्रगत (उन्नत) प्रणाली प्रयोगशाला (Advanced Systems Laboratory) ने तैयार किया है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है MIRV तकनीक यानी एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित करने योग्य पुनः प्रवेश वाहन (Multiple Independently targetable Re -entry Vehicle), इस तकनीक की मदद से इस मिसाइल से एक साथ कई जगहों पर वार किया जा सकता है, एक साथ कई जगहों पर गोले दागे जा सकते हैं, यहां तक कि अलग-अलग देशों के ठिकानों पर एक साथ हमले किए जा सकते हैं। अग्नि 5 मिसाइल का इस्तेमाल बेहद आसान है। इसे रेल सड़क हो या हवा, कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। देश के किसी भी कोने में इसे तैनात कर सकते हैं जबकि किसी भी प्लेटफॉर्म से युद्ध के दौरान इसकी मदद ली जा सकती हैं। यही नहीं अग्नि पांच के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस की वजह से इस मिसाइल को कहीं भी बड़ी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है, जिससे हम अपने दुश्मन के करीब पहुंच सकते हैं। अग्नि 5 मिसाइल की कामयाबी से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि न सिर्फ इसकी मारक क्षमता 5 हजार किलोमीटर है, बल्कि ये परमाणु हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है। अग्नि-5 भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय यानी इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल है। अग्नी-5 के बाद भारत की गिनती उन 5 देशों में हो गई है जिनके पास है इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम है। भारत से पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ने इंटर-कॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल की ताकत हासिल की है. ये करीब 10 साल का फासला है जब भारत की ताकत अग्नि-1 मिसाइल से अब अग्नि 5 मिसाइल तक पहुंची है। 2002 में सफल परीक्षण की रेखा पार करने वाली अग्नि-1 मिसाइल- मध्यम रेंज की बालिस्टिक मिसाइल थी। इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर थी और इससे 1000 किलो तक के परमाणु हथियार ढोए जा सकते थे। फिर आई अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें. ये तीनों इंटरमीडिएट रेंज बालिस्टिक मिसाइलें हैं। इनकी मारक क्षमता 2000 से 3500 किलोमीटर है। और अब भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ परीक्षण करने जा रहा है अग्नि-5 मिसाइल का। 3 जून 2018 को प्रातः 9 बजकर 48 मिनट पर किया गया। जहां तक भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय बालिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की खूबियों का सवाल है। तो ये करीब एक टन का पे-लोड ले जाने में सक्षम होगा। खुद अग्नि-5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है। अग्नि-5 की लंबाई 17 मीटर और चौड़ाई 2 मीटर है। अग्नि-5 सॉलिड फ्यूल की 3 चरणों वाली मिसाइल है। आज जब ओडिशा तट के व्हीलर आईलैंड से भारत की पहली इंटर कॉन्टिनेन्टल बालिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा तो डीआरडीओ के प्रमुख डॉ॰ वी. के. सारस्वत समेत तमाम आला मिसाइल वैज्ञानिक मौजूद रहेंगे. अग्नि-5 में RING LASER GYROSCOPE यानि RLG तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। भारत में ही बनी इस तकनीक की खासियत ये हैं कि ये निशाना बेहद सटीक लगाती है। अगर सबकुछ ठीक से हुआ तो अग्नि-5 को 2014 से भारतीय सेना में शामिल कर दिया जाएगा। यही नहीं चीनी मिसाइल डोंगफेंग 31A को अग्नि-5 से कड़ी टक्कर मिलेगी क्योंकि अग्नि-5 की रेंज में चीन का सबसे उत्तरी शहर हार्बिन भी आता है जो चीन के डर की सबसे बड़ी वजह है। .

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अग्नि-4

अग्नि-4 (Agni-IV) एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। अग्नि-4 अग्नि श्रृंखला की मिसाइलों में चौथा मिसाइल है जिसे पहले अग्नि 2 प्राइम मिसाइल कहा जाता था। जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इस मिसाइल प्रौद्योगिकी में कई नई प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण सुधार को प्रदर्शित किया है। मिसाइल हल्के वजन वाली है और इसमें ठोस प्रणोदन के दो चरण और पुन: प्रवेश गर्मी कवच के साथ एक पेलोड मॉड्यूल है। यह मिसाइल अपने प्रकारों में एक अलग ही मिसाइल है, यह पहली बार कई नई प्रौद्योगिकियों को साबित करती है और मिसाइल प्रौद्योगिकी के मामले में एक क्वांटम छलांग दर्शाती है। मिसाइल वजन में हल्का है और इसमें ठोस प्रणोदन के दो चरण और पुन: प्रवेश गर्मी कवच के साथ एक पेलोड है। मिश्रित रॉकेट मोटर, जिसे पहली बार इस्तेमाल किया गया है, ने उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया है। उच्च स्तर की विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए मिसाइल प्रणाली आधुनिक और कॉम्पैक्ट उड्डयनकी से सुसज्जित है। स्वदेशी रिंग लेजर जाइरोस्कोप आधारित उच्च सटीकता वाला जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (एमआईजीआईएस) को एक-दूसरे के साथ पहली बार सफलतापूर्वक मार्गदर्शन मोड में चलाया गया है। वितरित उड्डयनकी आर्किटेक्चर, हाई स्पीड विश्वसनीय संचार बस और एक पूर्ण डिजिटल कंट्रोल सिस्टम के साथ उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर मिसाइल को लक्ष्य पर नियंत्रित और निर्देशित करता है। मिसाइल उच्च स्तर की बहुत सटीकता से लक्ष्य तक पहुंचता है। लॉन्च रेज के साथ रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल प्रणालियों ने मिसाइल के सभी मापदंडों को ट्रैक और मॉनिटर किया है। डॉ विजय कुमार सारस्वत, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार, डीआरडीओ के महानिदेशक, जिन्होंने इस प्रक्षेपण को देखा, ने अग्नि-4 के सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के सभी वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को बधाई दी। लॉन्च के बाद वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए, श्री अविनाश चंदर, चीफ कंट्रोलर (मिसाइल एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम), डीआरडीओ और अग्नि प्रोग्राम के डायरेक्टर ने इसे भारत में आधुनिक लांग रेंज नेविगेशन सिस्टम में एक नए युग के रूप में बुलाया। उन्होंने कहा, "इस परीक्षा ने अग्नि-5 मिशन की सफलता के लिए मार्ग प्रशस्त किया है, जो शीघ्र ही शुरू होगा।" श्रीमती टेस्सी थॉमस, अग्नि-4 परियोजना की निदेशक और उनकी टीम ने मिसाइल प्रणाली को तैयार और एकीकृत किया तथा मिसाइल को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। एक उत्साही स्वर में उन्होंने कहा कि डीआरडीओ ने मिश्रित रॉकेट मोटर्स जैसे मिसाइल प्रणाली में कई कला प्रौद्योगिकियां साबित कर दी हैं जिसमे बहुत उच्च सटीकता वाली स्वदेशी रिंग लेजर जाइरोस्कोप आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम, माइक्रो नेविगेशन सिस्टम, डिजिटल कंट्रोलर सिस्टम और बहुत शक्तिशाली जहाज पर कंप्यूटर सिस्टम आदि शामिल है। सेना के लिए सामरिक हथियार को ले जाने की क्षमता वाली मिसाइल ने देश के लिए एक शानदार प्रतिरोध प्रदान किया है और इसे बडी संख्या में उत्पादन कर जितनी जल्दी ही सशस्त्र बलों को दिया जाएगा। श्री एस.के.

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अग्नि-6

अग्नि-6 (Agni-VI) एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही है। .

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अग्नि-१

अग्नि-1 मिसाइल स्वदेशी तकनीक से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु सक्षम मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता सात सौ किलोमीटर है। मिसाइल का परीक्षण ओड़िशा के बालासोर से करीब 100 किलोमीटर दूर व्हीलर द्वीप स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया। 15 मीटर लंबी व 12 टन वजन की यह मिसाइल एक क्विंटल भार के पारंपरिक तथा परमाणु आयुध ले जाने में समक्ष है। मिसाइल को रेल व सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचरों से छोड़ा जा सकता है। अग्नि-१ में विशेष नौवहन प्रणाली लगी है जो सुनिश्चत करती है कि मिसाइल अत्यंत सटीक निशाने के साथ अपने लक्ष्य पर पहुंचे। इस मिसाइल का पहला परीक्षण 25 जनवरी 2002 को किया गया था। अग्नि-१ को डीआरडीओ की प्रमुख मिसाइल विकास प्रयोगशाला "एडवास्ड सिस्टम्स लैबोरैटरी" (एएसएल) द्वारा रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) हैदराबाद द्वारा एकीकृत किया गया था। .

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अग्नि-२

अग्नि द्वितीय (अग्नि-२) भारत की मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। यह अत्याधुनिक तकनीक से बनी 21 मीटर लंबी और 1.3 मीटर चौड़ी अग्नि-२ मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है। 3 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जाने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है। इसे हैदराबाद की प्रगत (उन्नत) प्रणाली प्रयोगशाला (Advanced Systems Laboratory) ने तैयार किया है। .

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अग्नि-३

अग्नि-३ (अग्नि तृतीय), अग्नि-२ के सफल प्रक्षेपण के बाद भारत द्वारा विकसित मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। जिसकी मारक क्षमता ३५०० किमी से ५००० किमी तक है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

भारत का प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम, भारत का मिसाइल कार्यक्रम

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