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एकल स्वामित्व

सूची एकल स्वामित्व

एकल स्वामित्वएकल स्वामित्व (Sole proprietorship) एक प्रकार का व्यावसायिक संगठन है। इसका अर्थ है- 'एक व्यक्ति का स्वामित्व'। अर्थात् एक ही व्यक्ति व्यवसाय का स्वामी होता है। इस प्रकार एकल स्वामित्व वह व्यापार संगठन है, जिसमें एक ही व्यक्ति स्वामी होता है और व्यवसाय से संबंधित सभी कार्यकलापों का प्रबंधन और नियंत्रण उसी के हाथ में होता है। एकल व्यवसाय के स्वामी और संचालक ‘एकल स्वामी’ या ‘एकल व्यवसायी’ कहलाते हैं। एकल व्यवसायी अपने व्यवसाय से सम्बन्धित सभी संसाधनों को जुटाकर उन्हें योजनाबद्ध ढंग से व्यवस्थित करता हैं तथा लाभ कमाने के एकमात्र उद्देश्य से सारी गतिविधियों का संचालन करता है। इसे - जे.

4 संबंधों: भारत, भागीदारी, संगठन, हिन्दू अविभक्त कुटुम्ब

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भागीदारी

भागीदारी या साझेदारी (partnership) व्यावसायिक संगठन का एक स्वरूप है। यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों का पारस्परिक संबंध है, जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से एक व्यावसायिक उद्यम का गठन किया जाता है। वे व्यक्ति जो एक साथ मिलकर व्यवसाय करते है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से ‘साझेदारी’ और सामूहिक रूप से ‘फर्म’ कहा जाता है। जिस नाम से व्यवसाय किया जाता है उसे ‘फर्म का नाम’ कहते हैं। सुलतान एंड कंपनी, रामलाल एंड कंपनी, गुप्ता एंड कंपनी आदि कुछ फर्मों के नाम हैं। साझेदारी फर्म भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 के प्रावधनों के अंतर्गत नियंत्रित होती है। भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 की धरा 4 के अनुसार साझेदारी उन व्यक्तियों का आपसी संबंध है, जो उन सबके द्वारा या उन सबकी ओर से किसी एक साझेदार द्वारा संचालित व्यवसाय का लाभ आपस में बांटने के लिए सहमत होते हैं। चूंकि एकल स्वामित्व व्यवसायिक संगठन की कुछ सीमाएं होती हैं; इसके वित्तीय और प्रबंधकीय संसाधन बहुत सीमित होते हैं तथा एक निश्चित सीमा से आगे इस व्यवसाय का विस्तार करना भी संभव नहीं है। एकल स्वामित्व व्यावसायिक संगठन की इन्हीं सीमाओं से निपटने के लिए साझेदारी व्यवसाय अस्तित्व में आया है। उदाहरण मान लीजिए कि आप अपने इलाके में एक रेस्तराँ खोलना चाहते हैं। इसके लिए आपको पूँजी, काम करने वाले लोग, स्थान, बर्तन और कुछ अन्य वस्तुओं की आवश्यकता होगी। आपको लगा कि आप इसके लिए आवश्यक सारा धन नहीं जुटा पाएंगे और न ही आप इस काम को अकेले कर पाएंगे। इसलिए आपने अपने दोस्तों से बात की और उनमें से तीन व्यक्ति आपके साथ मिलकर इस रेस्तराँ को चलाने के लिए तैयार हो गए। वे तीनों रेस्तराँ चलाने के लिए कुछ पूँजी और कुछ दूसरी वस्तुओं की व्यवस्था करने के लिए भी तैयार हो गए। इस प्रकार आप चारों मिलकर रेस्तराँ के स्वामी बने और होने वाले लाभ हानि को भी आपस में बांटने के लिए तैयार हो गए। .

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संगठन

संगठन (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है, तथा अपने पर्यावरण से जिसकी अलग सीमा होती है। संगठन तरह-तरह के हो सकते हैं - सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सैनिक, व्यावसायिक, वैज्ञानिक आदि। .

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हिन्दू अविभक्त कुटुम्ब

दक्षिण भारत के बण्ट जाति का एक संयुक्त परिवार (१९०० ई) हिन्दू अविभक्त कुटुम्ब (Hindu Undivided Family, संक्षेप में: HUF) हिन्दू विवाह अधिनियम से सम्बन्धित एक विधिक शब्द है। इसके स्थान पर 'हिन्दू अविभाजित परिवार' या 'हिन्दू संयुक्त परिवार' भी प्रयुक्त होता है। भारतीय विधिक तंत्र के विकास के कारण अब स्त्रियों को भी हिन्दू अविभक्त कुटुम्ब के अन्तर्गत सम्पत्ति के अंश का अधिकार प्राप्त है। संयुक्त हिन्दू परिवार व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है जिसका स्वामित्व एक संयुक्त हिन्दू परिवार के सदस्यों के पास होता है। संगठन का यह स्वरूप हिन्दू अधिनियम के अंतर्गत कार्य करता है तथा उत्तराधिकार अधिनियम से नियंत्रित होता है। संयुक्त हिन्दू परिवार व्यावसायिक संगठन का ऐसा स्वरूप है जिसमें परिवार के पास पूर्वजों की कुछ व्यावसायिक संपत्ति होती है। संपत्ति में हिस्सा केवल पुरूष सदस्यों का होता है। किसी सदस्य को पूर्वजों की इस संपत्ति में से हिस्सा अपने पिता, दादा तथा परदादा से मिलता है। अतः तीन आनुक्रमिक पीढ़ियाँ एक साथ विरासत में संपत्ति प्राप्त कर सकती हैं। संयुक्त हिन्दू परिवार व्यवसाय को केवल पुरूष सदस्य चलाते हैं जो कि व्यवसाय के सहभागी कहलाते हैं। आयु में सबसे बड़े सदस्य को कर्ता कहते हैं। .

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