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उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन

सूची उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन

वैश्विक उत्पाद के जीवन चक्र. उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन/प्रोडक्ट लाइफसाइकिल मैनेजमेंट (पीएलएम/PLM) एक उत्पाद की संकल्पना से लेकर इसकी डिज़ाइन व उत्पादन से होते हुए सेवा एवं प्रशमन तक इसके सम्पूर्ण जीवनचक्र के प्रबंधन की प्रक्रिया है। पीएलएम (PLM) व्यक्तियों, डेटा, प्रक्रियाओं एवं व्यापारिक प्रणालियों को एकीकृत करती है तथा कम्पनियों व उनके विस्तारित उद्यम के लिये एक उत्पाद सूचना आधार प्रदान करती है। उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन (पीएलएम (PLM)) का अधिक संबंध किसी उत्पाद के विकास और उपयोगी जीवन के दौरान इसके गुणों व विवरणों के प्रबंधन से होता है, मुख्यतः एक व्यापारिक/इंजीनियरिंग दृष्टिकोण से; जबकि उत्पाद जीवन चक्र प्रबंधन (पीएलसीएम (PLCM)) किसी व्यापार/वाणिज्यिक लागतों और विक्रय मापनों के संदर्भ में बाज़ार में किसी उत्पाद के जीवन से संबंधित होता है। उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन किसी निगम की सूचना प्रौद्योगिकी संरचना की चार आधारशिलाओं में से एक है। सभी कंपनियों को अपने उपभोक्ताओं (सीआरएम (CRM)-उपभोक्ता संबंध प्रबंधन), अपने आपूर्तिकर्ताओं (एससीएम (SCM)-आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन), उद्यम के अंतर्गत अपने संसाधनों (ईआरपी (ERP)-उद्यम संसाधन नियोजन) और अपने नियोजन (एसडीएलसी (SDLC)- प्रणाली विकास जीवनचक्र) के साथ संचार और सूचना के प्रबंधन की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, उत्पादन इंजीनियरिंग कम्पनियों को अनिवार्य रूप से अपने उत्पादों के बारे में सूचना का विकास, प्रबंधन और संप्रेषण करने की आवश्यकता होती है। पीएलएम (PLM) के एक रूप को लोक-केंद्रित पीएलएम (PLM) कहा जाता है। एक ओर जहां पारंपरिक पीएलएम (PLM) उपकरणों को केवल रिलीज़ होने पर या रिलीज़ चरण के दौरान लागू किया जाता है, वहीं लोक-केंद्रित पीएलएम (PLM) डिज़ाइन चरण पर लक्ष्यित होता है। हालिया (2009 की जानकारी के अनुसार) आईसीटी (ICT) विकास (ईयू (EU) द्वारा वित्तपोषित प्रोमिस (PROMISE) परियोजना 2004-2008) ने पीएलएम (PLM) को पारंपरिक पीएलएम (PLM) के आगे विस्तारित करने और संवेदक के डेटा व वास्तविक समय के 'जीवनचक्र घटना डेटा' को पीएलएम (PLM) में एकीकृत करने तथा साथ ही, एक एकल उत्पाद के सकल जीवनचक्र में विभिन्न खिलाड़ियों तक (सूचना पाश को बंद करते हुए) यह सूचना उपलब्ध करवाने की अनुमति प्रदान की है। इसके परिणामस्वरूप एक क्लोज्ड लूप लाइफसाइकिल मैनेजमेंट/बंद पाश जीवनचक्र प्रबंधन (सीएलटूएम/CL2M) में पीएलएम (PLM) का विस्तार हुआ है। .

13 संबंधों: डिज़ाइन, डेस्कटॉप प्रकाशन, पुनर्चक्रण, मुक्त स्रोत, सूचना प्रौद्योगिकी, विपणन, विक्रय, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन, अनुकरण, अभियान्त्रिकी, उत्पाद, उत्पाद प्रबंधन, उत्पादन

डिज़ाइन

अभिकल्प या डिजाइन (Design) शब्द का उपयोग प्रयुक्त कलाओं, अभियांत्रिकी, वास्तुशिल्प एवं इसी तरह के अन्य सृजनात्मक कार्यों एवं क्षेत्रों में किया जाता है। इसे क्रिया के रूप में एवं संज्ञा के रूप में प्रयोग किया जाता है। क्रिया के रूप में डिजाइन का अर्थ उस प्रक्रिया से है जो किसी उत्पाद, ढांचा, तन्त्र या सामान को अस्तित्व में लाने या उसके विकास के लिये अपनायी जाती है। संज्ञा के रूप में डिजाइन शब्द दो अर्थों में प्रयुक्त होता है-.

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डेस्कटॉप प्रकाशन

'''स्क्राइबस''' नामक मुक्त-स्रोत डेस्कटॉप प्रकाशन सॉफ्टवेयर डेस्कटॉप प्रकाशन (Desktop publishing) या डीटीपी, प्रकाशन की आधुनिकतम् तकनीक है जिसके आने के कारण प्रकाशन का कार्य कम खर्च में एवं अत्यन्त सुविधा के साथ होने लगा है। डेस्कटॉप प्रकाशन के मुख्य तीन अवयव हैं - व्यक्तिगत कम्यूटर (पीसी), पेज-लेआउट करने के लिये एक यथा दृश्य तथा प्राप्ति (WYSIWYG) सॉसफ्टवेयर एवं अच्छे गुणवत्ता वाला एक प्रिन्टर। इसकी सहायता से लघु-स्तर पर के साथ-साथ वृहद-स्तर पर भी प्रकाशन सम्भव है। वस्तुत: इसके पदार्पण से फोटोटाइपसेटिंग नामक प्रचलित तकनीक का अन्त हो गया। .

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पुनर्चक्रण

पुनरावर्तन में संभावित उपयोग में आने वाली सामग्रियों के अपशिष्ट की रोकथाम कर नए उत्पादों में संसाधित करने की प्रक्रिया ताजे कच्चे मालों के उपभोग को कम करने के लिए, उर्जा के उपयोग को घटाने के लिए वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए (भस्मीकरण से) तथा जल प्रदूषण (कचरों से जमीन की भराई से) पारंपरिक अपशिष्ट के निपटान की आवश्यकता को कम करने के लिए, तथा अप्रयुक्त विशुद्ध उत्पाद की तुलना में ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए पुनरावर्तन में प्रयुक्त पदार्थों को नए उत्पादों में प्रसंस्करण की प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं। पुनरावर्तन आधुनिक अपशिष्ट को कम करने में प्रमुख तथा अपशिष्ट को "कम करने, पुनः प्रयोग करने, पुनरावर्तन करने" की क्रम परम्परा का तीसरा घटक है। पुनरावर्तनीय पदार्थों में कई किस्म के कांच, कागज, धातु, प्लास्टिक, कपड़े, एवं इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। हालांकि प्रभाव में एक जैसा ही लेकिन आमतौर पर जैविक विकृतियों के अपशेष से खाद बनाने अथवा अन्य पुनः उपयोग में लाने - जैसे कि भोजन (पके अन्न) तथा बाग़-बगीचों के कचरों को पुनरावर्तन के लायक नहीं समझा जाता है। पुनरावर्तनीय सामग्रियों को या तो किसी संग्रह शाला में लाया जाता है अथवा उच्छिस्ट स्थान से ही उठा लिया जाता है, तब उन्हें नए पदार्थों में उत्पादन के लिए छंटाई, सफाई तथा पुनर्विनीकरण की जाती है। सही मायने में, पदार्थ के पुनरावर्तन से उसी सामग्री की ताजा आपूर्ति होगी, उदाहरणार्थ, इस्तेमाल में आ चुका कागज़ और अधिक कागज़ उत्पादित करेगा, अथवा इस्तेमाल में आ चुका फोम पोलीस्टाइरीन से अधिक पोलीस्टाइरीन पैदा होगा। हालांकि, यह कभी-कभार या तो कठिन अथवा काफी खर्चीला हो जाता है (दूसरे कच्चे मालों अथवा अन्य संसाधनों से उसी उत्पाद को उत्पन्न करने की तुलना में), इसीलिए कई उत्पादों अथवा सामग्रियों के पुनरावर्तन में अन्य सामग्रियों के उत्पादन में (जैसे कि कागज़ के बोर्ड बनाने में) बदले में उनकें ही अपने ही पुनः उपयोग शामिल हैं। पुनरावर्तन का एक और दूसरा तरीका मिश्र उत्पादों से, बचे हुए माल को या तो उनकी निजी कीमत के कारण (उदाहरणार्थ गाड़ियों की बैटरी से शीशा, या कंप्यूटर के उपकरणों में सोना), अथवा उनकी जोखिमी गुणवत्ता के कारण (जैसे कि, अनेक वस्तुओं से पारे को अलग निकालकर उसे पुनर्व्यव्हार में लाना) फिर से उबारकर व्यवहार योग्य बनाना है। पुनरावर्तन की प्रक्रिया में आई लागत के कारण आलोचकों में निवल आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों को लेकर मतभेद हैं और उनके सुझाव के अनुसार पुनरावर्तन के प्रस्तावक पदार्थों को और भी बदतर बना देते हैं तथा अनुभोदन एवं पुष्टिकरण के पक्षपातपूर्ण पूर्वग्रह झेलना पड़ता है। विशेषरूप से, आलोचकों का इस मामले में तर्क है कि संग्रहीकरण एवं ढुलाई में लगने वाली लागत एवं उर्जा उत्पादन कि प्रक्रिया में बचाई गई लागत और उर्जा से घट जाती (तथा भारी पड़ जाती हैं) और साथ ही यह भी कि पुनरावर्त के उद्योग में उत्पन्न नौकरियां लकड़ी उद्योग, खदान एवं अन्य मौलिक उत्पादनों से जुड़े उद्योगों की नौकरियां को निकृष्ट सकझा जाती है; और सामग्रियों जैसे कि कागज़ की लुग्दी आदि का पुनरावर्तक सामग्री के अपकर्षण से कुछ ही बार पहले हो सकता है जो और आगे पुनरावर्तन के लिए बाधक हैं। पुनरावर्तन के प्रस्तावकों के ऐसे प्रत्येक दावे में विवाद है और इस संदर्भ में दोनों ही पक्षों से तर्क की प्रामाणिकता ने लम्बे विवाद को जन्म दिया है। .

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मुक्त स्रोत

फ्री एवं मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सैद्धांतिक आरेख मुक्त स्रोत (अंग्रेज़ी:ओपन सोर्स) किसी भी सामग्री के उत्पादन, विस्तार एवं विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह से खुली व्यवस्था होती है। इसमें स्रोत को प्रकाशित किया एवं बढ़ावा दिया जाता है। इस विचारधारा के आरंभ के समय यह केवल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तक ही सीमित थी, जिसके अंतरगत विभिन्न सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड को निःशुल्क वितरित किया जाता था और इस प्रकार उपयोक्ता की पहुंच सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड तक होती थी। इसके अंतर्गत उपयोक्ताओं को किसी भी अनुप्रयोग के विकास की प्रक्रिया में भाग लेने, इसे बदलने व इसमें किसी भी प्रकार का सुधार कर फिर स्वयं वितरित करने का अधिकार भी मिलता था। इस प्रकार उसे कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधानुसार नये और परिवर्तित सॉफ्टवेयर को बनाने के लिये प्रयोग करने हेतु मुक्त होता था। इसके किसी प्रकार के प्रयोग पर कोई निषेध नहीं होता है।।हिन्दुस्तान लाइव।५ नवंबर, २००९ इस तरह से ओपन सोर्स केवल सोफ्टवेयर तक सीमित न रहकर हर प्रकार की रचना तक पहुंच गया है, जैसे लेख, चित्र, संगीत और चलचित्र आदि।। सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केन्द्र। सॉफ्टवेयर उद्योग में मुक्त स्रोत का विचार सर्वप्रथम १९९० के दशक में आया था, जब कई कंपनियों ने अपने सॉफ्टवेयर, प्रचालन तंत्र आदि मुक्त स्रोत रूप में जारी किये थे। इसका आरंभ लाइनेक्स से हुआ था। पहली बार वृहत स्तर पर १९९८ में दिखा जब नेविगेटर (मोज़िला) का सोर्स कोड जारी किया। इसके कई स्तर होते हैं। कई कंपनियां मुक्त स्रोत को जारी करते समय उसके साथ कुछ कुछ प्रतिबंध या शर्तें आदि लगा देती हैं ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके। मुक्त स्रोत का मुख्य लाभ होता है कि उपभोक्ता के पास इसका सोर्स कोर्ड उपलब्ध होने के कारण वह इसका प्रयोग अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार कर सकता है। एप्पल आदि कई कंपनियां अपनी तकनीकों को मुक्त स्रोत लाइसेंस के द्वारा जारी करती हैं जिसके ऐवज में उपभोक्ताओं से वो पैसे लेती हैं। लगभग एक वर्ष पूर्व बाजार में गूगल फोन आया था जिसमें एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था। इसका प्रचालन तंत्र भी मुक्त स्रोत ही था और जिसमें डेवलपर परिवर्तन करके इसके प्रकार्यों और कुछ सुविधाओं को को बढ़ा और घटा भी सकते थे, जैसे फोन के मीडिया प्लेयर में इच्छानुसार परिवर्तन करना संभव था। मुक्त स्रोत के पीछे का उद्देश्य है, कि किसी भी उत्पाद के बारे में विकास और उसमें निहित त्रुटियां और कमियां जितनी अधिक और जल्दी उपयोक्ता बता सकते हैं, उतना अधिक उसके निर्माता नहीं कर सकते हैं। निर्मातागण मात्र सीमित दिशा में ही सोच सकते हैं, किन्तु बड़ी संख्या में उपयोक्ता असीमित आयामों सहित विकास कर सकते हैं, जिनको अध्ययन कर बाद में निर्माताओं का विकास अनुभाग नया और उत्कृष्ट वर्ज़न निकाल सकते हैं। लिनक्स, विकिपीडिया, फेडोरा, फ़ायरफ़ॉक्स आदि की सफलता ने मुक्त स्रोत की विचारधारा को मुख्यधारा में ला दिया है।। दैट्स हिन्दी।२६ मई, २००९। राजेश रंजन। वर्तमान युग में ये प्रणाली सॉफ्टवेयरों के अलावा बहुत जगह प्रयोग की जाने लगी है। इसका एक जीवंत उदाहरण है विकिपीडिया। इसे कोई भी कभी और कहीं भी संपादित कर सकता है। जिसका अध्ययन कर प्रबंधकवर्ग संशोधित संस्करण निकालते रहते हैं और ध्वंसकारी बदलाव वापस करते रहते हैं। .

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सूचना प्रौद्योगिकी

२००५ में विश्व के विभिन्न देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर व्यय राशि (यूएसए की तुलना में) सूचना प्रौद्योगिकी (en:information technology) आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रानिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। .

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विपणन

विपणन (marketing) एक सतत प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मार्केटिंग मिक्स (उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रोत्साहन जिन्हें प्रायः ४ Ps कहा जाता है) की योजना बनाई जाती है एवं कार्यान्वयन किया जाता है। यह प्रक्रिया व्यक्तियों और संगठनों के बीच उत्पादों, सेवाओं या विचारों के विनिमय हेतु की जाती है। विपणन को एक रचनात्मक उद्योग के रूप में देखा जाता है, जिसमें शामिल हैं विज्ञापन (advertising), वितरण (distribution) और बिक्री (selling) इसका सम्बन्ध ग्राहकों की भावी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं का पूर्व विचार करने से भी है, जो प्रायः बाज़ार शोध के माध्यम से पता लगाई जाती हैं। मूलतः, विपणन किसी संगठन को बनाने या निर्देशित करने करने की प्रक्रिया है, ताकि लोगों को सफलतापूर्वक वह उत्पाद या सेवा बेची जा सके जिसकी न केवल उन्हें ज़रूरत है बल्कि वे उसे खरीदने के इच्छुक भी हैं। इसलिए अच्छा विपणन इस काबिल होना चाहिए कि वह उपभोक्ताओं हेतु एक "प्रस्ताव" या लाभों का सेट बना सके, ताकि उत्पादों या सेवाओं के माध्यम से ग्राहक को उसके पैसे का मूल्य अदा किया जा सके.

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विक्रय

विक्रय अथवा बिक्री विपणन की एक प्रक्रिया है जिसमें कोई उत्पाद अथवा सेवा को धन अथवा किसी अन्य वस्तु के प्रतिफल के रूप में दिया जाता है। इसका तुल्य अंग्रेज़ी शब्द सेल अथवा सेल्स (Sales) है। .

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आपूर्ति शृंखला प्रबंधन

आपूर्ति शृंखला प्रबंधन (SCM) अंतरसम्बद्ध व्यापार के नेटवर्क का प्रबंधन है, जो कि ग्राहकों द्वारा अपेक्षित चरम उत्पाद व्यवस्था और सेवा संकुलों में शामिल होता है (हारलैंड, 1996).

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अनुकरण

यहाँ 'अनुकरण' शब्द यूनानी (ग्रीक) भाषा के ‘मिमेसिस’ (Mimesis) के पर्याय रूप में प्रयुक्त हुआ है। ‘मिमेसिस’ का अंग्रेजी अनुवाद है - ‘इमिटेशन’ (imitation) किन्तु ‘इमिटेशन’ से ‘मिमेसिस’ का पूरा अर्थ व्यक्त नहीं होता, क्योंकि यूनानी भाषा के बहुत सारे शब्दों की अर्थवत्ता या अर्थछटा अंग्रेजी में यथावत् व्यक्त नहीं हो पाती। हिन्दी में ‘अनुकरण’ अंग्रेजी के ‘इमिटेशन’ शब्द से रूपान्तर होकर आया है। अनुकरण का सामान्य अर्थ है- नकल या प्रतिलिपि या प्रतिछाया, जबकि वर्तमान सन्दर्भ में उसका मान्य अर्थ है- ‘‘अभ्यास के लिए लेखकों और कवियों को उपलब्ध उत्कृष्ट रचनाओं का अध्ययन एवं अनुसरण करना।’’ यूनानी भाषा में कला के प्रसंग में अनुकरण का व्यवहार अरस्तू का मौलिक प्रयोग नहीं है। अरस्तू से पूर्व प्लेटो ने अनुकरण का प्रतिपादन कविता को हेय तथा हानिकारक सिद्ध करने के हेतु किया था। .

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अभियान्त्रिकी

लोहे का 'कड़ा' (O-ring): कनाडा के इंजिनियरों का परिचय व गौरव-चिह्न सन् 1904 में निर्मित एक इंजन की डिजाइन १२ जून १९९८ को अंतरिक्ष स्टेशन '''मीर''' अभियान्त्रिकी (Engineering) वह विज्ञान तथा व्यवसाय है जो मानव की विविध जरूरतों की पूर्ति करने में आने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करता है। इसके लिये वह गणितीय, भौतिक व प्राकृतिक विज्ञानों के ज्ञानराशि का उपयोग करती है। इंजीनियरी भौतिक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है; औद्योगिक प्रक्रमों का विकास एवं नियंत्रण करती है। इसके लिये वह तकनीकी मानकों का प्रयोग करते हुए विधियाँ, डिजाइन और विनिर्देश (specifications) प्रदान करती है। .

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उत्पाद

विपणन के सन्दर्भ में, कोई भी वस्तु जो किसी बाजार में बेची जा सके और जो लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करे, उसे उत्पाद (product) कहते हैं। श्रेणी:वाणिज्यिक शब्दावली श्रेणी:परियोजना प्रबन्धन en:Product (business).

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उत्पाद प्रबंधन

किसी एक उत्पाद या अनेक उत्पादों से सम्बन्धित आयोजन, पूर्वानुमान लगाना, उत्पादन, विपणन आदि क्रियाओं को समग्र रूप से उत्पाद प्रबन्धन (प्रोडक्ट मैनेजमेण्ट) कहते हैं। श्रेणी:प्रबन्धन *.

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उत्पादन

अर्थशास्त्र में उत्पादन औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा वस्तुओं, सामानों या सेवाओं को निर्मित करने की प्रक्रिया को कहते हैं। उत्पादन का उद्देश्य ऐसी वस्तुएँ और सेवाएँ बनाना है जिनकी मनुष्यों को बेहतर जीवन यापन के लिए आवश्यकता होती है। उत्पादन भूमि, पूँजी और श्रम को संयोजित करके किया जाता है इसलिए ये उत्पादन के कारक कहलाते हैं। .

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