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उत्पात

सूची उत्पात

उत्पात शब्द का अर्थ "उत्पातक" शब्द के अपभ्रंश के रूप में है, शाब्दिक अर्थ के रूप में "पातक की उत्पत्ति करना", पातक का अर्थ दोष माना जाता है, जो कार्य मानव हित के लिये सुखदायी नहीं हो और जिस कार्य के करने के बाद कलंक लग जाये। श्रेणी:शब्दार्थ.

1 संबंध: त्रिदोष

त्रिदोष

वात, पित्‍त, कफ इन तीनों को दोष कहते हैं। इन तीनों को धातु भी कहा जाता है। धातु इसलिये कहा जाता है क्‍योंकि ये शरीर को धारण करते हैं। चूंकि त्रिदोष, धातु और मल को दूषित करते हैं, इसी कारण से इनको ‘दोष’ कहते हैं। आयुर्वेद साहित्य शरीर के निर्माण में दोष, धातु मल को प्रधान माना है और कहा गया है कि 'दोष धातु मल मूलं हि शरीरम्'। आयुर्वेद का प्रयोजन शरीर में स्थित इन दोष, धातु एवं मलों को साम्य अवस्था में रखना जिससे स्वस्थ व्यक्ति का स्वास्थ्य बना रहे एवं दोष धातु मलों की असमान्य अवस्था होने पर उत्पन्न विकृति या रोग की चिकित्सा करना है। .

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