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इंस्ट्रुमेंटेशन एम्प्लिफायर

सूची इंस्ट्रुमेंटेशन एम्प्लिफायर

तीन ऑप-ऐम्प का उपयोग करके निर्मित इंस्ट्रुमेंटेशन एम्प्लिफायर का स्कीमैटिक डायग्रामU_a .

4 संबंधों: पृथक्कारी प्रवर्धक, भेद प्रवर्धक, रव, आपरेशनल एम्प्लिफायर

पृथक्कारी प्रवर्धक

पृथक्कारी प्रवर्धक का प्रतीक ट्रान्सफॉर्मर के माध्यम से पृथक्करण प्रदान करने वाले पृथक्कारी प्रवर्धक का सिद्धान्त प्रकाशिक कपुलिंग के द्वारा पृथक्करण प्रदान करने वाले पृथक्कारी प्रवर्धक का सिद्धान्त पृथक्कारी प्रवर्धक (Isolation amplifiers) वे प्रवर्धक हैं जिनके इन्पुट और आउटपुट के बीच उच्च प्रतिरोध (या प्रतिबाधा) होती है तथा इनपुट और आउटपुट के बीच हजारों वोल्ट (एसी या डीसी) होने के वावजूद ये अपना काम करते हैं। दूसरे शब्दों में, इनके इन्पुट और आउटपुट के बीच कोई सीधा विद्युत चालक मार्ग नहीं होता। पृथक्कारी प्रवर्धक डिजाइन करने के लिये तीन विधियाँ प्रयोग में लायीं जातीं हैं-.

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भेद प्रवर्धक

भेद प्रवर्धक का प्रतीकVs+: धनात्मक सप्लाईVs-: ऋणात्मक सप्लाईV+: नॉन-इन्वर्टिंग इनपुटV-: इन्वर्टिंग इनपुटVout: आउटपुट दो बीजेटी से निर्मित क्लासिकल भेद प्रवर्धक जिसे 'लम्बी पूँछ वाला भेद प्रवर्धक' कहते हैं। एक ऑप-ऐम्प से निर्मित भेद प्रवर्धक। तीन ऑप-ऐम्प से निर्मित भेद प्रवर्धक कई मामलों में इसकी अपेक्षा उत्कृष्ट होता है। भेद प्रवर्धक एक विशेष प्रकार का इलेक्ट्रानिक प्रवर्धक है जो दो इनपुट के बीच के अन्तर को प्रवर्धित करता है किन्तु उनके योग (अथवा 'कॉमन मोड सिगनल) को कम करता है। भेद प्रवर्धक में दो इन्पुट \scriptstyle V_\text^- तथा \scriptstyle V_\text^+ होते हैं और एक आउटपुट \scriptstyle V_\text होता है। किसी भेद प्रवर्धक का आउटपुट निम्नलिखित व्यंजक (इक्सप्रेशन) द्वारा लिखा जाता है- जहाँ \scriptstyle Ad इस प्रवर्धक का 'डिफरेंशियल मोड गेन' तथा Ac 'कॉमन मोड गेन' है। आदर्श भेद प्रवर्धक के लिये Ac .

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रव

रव या 'शोर' (noise) का सामान्य अर्थ 'अवांछित ध्वनि' से है। किन्तु भौतिकी तथा एनालॉग एलेक्ट्रॉनिकी में रव से अभिप्राय 'किसी विद्युत संकेत में अवांछित यादृच्छ संकेत का जुड़ना' है। यदि रव से युक्त इस संकेत को ध्वनि में परिवर्तित किया जाय तो ये अवांछित संकेत शोर के रूप में प्रकट होंगे। इसी तरह यदि किसी विडियो संकेत में रव जुड़ जाय तो वह पर्दे पर छबि के साथ 'स्नो' के रूप में दिखेगा। यदि किसी संकेत पर रव की मात्रा बहुत अधिक हो जाय तो मूल अर्थ ही बदल जाय, भ्र्ष्ट हो जाय या पूर्णतः गायब हो जाय। किसी संकेत में मौजूद उपयोगी सूचना तथा अप्रासंगिक अनुपयोगी रव की मात्रा के अनुपात को सिगनल-रव अनुपात (Signal-to-noise ratio) कहते हैं जो एक अत्यन्त उपयोगी मापदण्ड है। श्रेणी:एलेक्ट्रॉनिकी.

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आपरेशनल एम्प्लिफायर

भिन्न-भिन्न आकार-प्रकार के ऑप-एम्प संक्रियात्मक प्रवर्धक का प्रतीक 741 ऑप-एम्प का आन्तरिक परिपथ 741 ऑप-ऐम्प के पिनों का विवरण संक्रियात्मक प्रवर्धक या आपरेशनल एम्प्लिफायर (या, ऑप-ऐम्प) एक एकीकृत परिपथ (आइ सी) के रूप में निर्मित DC-कपल्ड (DC-coupled), अत्यधिक-लब्धि (गेन) वाला वोल्टेज एम्प्लिफायर है। इसमें प्राय: डिफरेंसियल इनपुट और एकमेव आउटपुट होता है। आधुनिक एलेक्ट्रानिकी में इसके अनेकानेक उपयोग हैं। प्राय: इसे ऋणात्मक (निगेटिव) फीडबैक देकर अम्प्लिफायर आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है या धनात्मक (पॉजिटिव) फीडबैक देकर आसिलेटर आदि बनाये जाते हैं। इसका इनपुट इम्पीडेंस बहुत अधिक तथा आउटपुट इम्पीडेंस बहुत कम होता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

इन्स्ट्रुमेन्टेशन प्रवर्धक

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