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विषुव

सूची विषुव

सूर्य द्वारा पृथ्वी पर विषुव के दिन प्रकाश (संध्या छोड़कर) विषुव (अंग्रेज़ी:इक्विनॉक्स) ऐसा समय-बिंदु होता है, जिसमें दिवस और रात्रि लगभग बराबर होते हैं। इसका शब्दिक अर्थ होता है - समान। 'विषुव' शब्द संस्कृत से है और इसका अर्थ दिन और रात्रि के समान होने से है (दिनरात्र्योः साम्यं वाति वा) | इक्वीनॉक्स शब्द लैटिन भाषा के शब्द एक्वस (समान) और नॉक्स (रात्रि) से लिया गया है। किसी क्षेत्र में दिन और रात की लंबाई को प्रभावित करने वाले कई दूसरे कारक भी होते हैं। पृथ्वी अपनी धुरी पर २३½° झुके हुए सूर्य के चक्कर लगाती है, इस प्रकार वर्ष में एक बार पृथ्वी इस स्थिति में होती है, जब वह सूर्य की ओर झुकी रहती है, व एक बार सूर्य से दूसरी ओर झुकी रहती है।|हिन्दुस्तान लाइव। १७ मई २०१०। तैयारी डेस्क इसी प्रकार वर्ष में दो बार ऐसी स्थिति भी आती है, जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर ही होता है और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इस स्थिति को विषुव या इक्विनॉक्स कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की बराबर लंबाई लगभग बराबर होती है। यदि दो लोग भूमध्य रेखा से समान दूरी पर खड़े हों तो उन्हें दिन और रात की लंबाई बराबर महसूस होगी। ग्रेगोरियन वर्ष के आरंभ होते समय (जनवरी माह में) सूरज दक्षिणी गोलार्ध में होता है और वहां से उत्तरी गोलार्ध को अग्रसर होता है। वर्ष के समाप्त होने (दिसम्बर माह) तक सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से होकर पुनः दक्षिणी गोलार्द्ध पहुचं जाता है। इस तरह से सूर्य वर्ष में दो बार भू-मध्य रेखा के ऊपर से गुजरता है। हिन्दू नव वर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर व विश्व में अन्य कई नव वर्ष इसी समय के निकट ही आरंभ हुआ करते हैं। .

33 संबंधों: दिसम्बर, दक्षिणी ध्रुव, दक्षिणी गोलार्ध, ध्रुव, नव वर्ष, पृथ्वी, भारत, भारतीय राष्ट्रीय पंचांग, भूमध्य रेखा, मार्च, यूरोप, लातिन भाषा, शक संवत, सितम्बर, संयुक्त राज्य, सूर्य, हिन्दू काल गणना, जनवरी, वर्ष, विषुव अयन, ग्रह, ग्रेगोरी कैलेंडर, अयन (खगोलविज्ञान), अंग्रेज़ी भाषा, उत्तरी ध्रुव, उत्तरी गोलार्ध, १३ अप्रैल, १४ अप्रैल, २० मार्च, २१ मार्च, २२ मार्च, २३ सितम्बर, ७९

दिसम्बर

दिसंबर ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से वर्ष का बारहवां और आखिरी महीना है, साथ ही यह उन सात ग्रेगोरी महीनो में से एक है जिनमे 31 दिन होते हैं। लैटिन में, दिसेम (decem) का मतलब "दस" होता है। दिसम्बर भी रोमन कैलेंडर का दसवां महीना था जब तक कि मासविहीन सर्दियों की अवधि को जनवरी और फरवरी के बीच विभाजित नहीं कर दिया गया। दिसंबर से संबंधित फूल हॉली या नारसीसस है। दिसंबर के रत्न फीरोज़ा, लापीस लाजुली, जि़रकॉन, पुखराज (नीला), या टैन्जानाईट रहे हैं। दिसंबर माह में उत्तरी गोलार्द्ध में दिन के (सूर्य की रोशनी का समय) सबसे कम और दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे अधिक घंटे होते हैं। दिसंबर और सितम्बर सप्ताह के एक ही दिन से शुरू होते हैं। .

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दक्षिणी ध्रुव

दक्षिणी ध्रुवदक्षिणी ध्रुव पृथ्वी का सबसे दक्षिणी छोर है। इसे अंटार्कटिका के नाम से भी जाना जाता है। तथ्यानुसार दो मुख्य दक्षिणी ध्रुव हैं, एक स्थिर और दूसरा जो घूमता है। चुम्बकीय उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव वहाँ होते है जहाँ पर कम्पास संकेत करता है। ये ध्रुव वर्ष प्रतिवर्ष घूमते रहते हैं। केवल कम्पास को देखकर ही लोग यह बता सकते हैं की वे इन ध्रुवों के निकट है। दक्षिणी ध्रुव से सारी दिशाएँ उत्तर में होती हैं, पर ध्रुवों के बिल्कुल निकट कम्पास भरोसेमंद नहीं है। भौगोलिक उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव वे ध्रुव हैं जिनपर पृथ्वी घूमती है, वहीं जिन्हें लोग एक ग्लोब पर देखते हैं कहाँ पर साती उत्तर/दक्षिण की रेखाएँ मिलती है। ये ध्रुव एक ही स्थान पर रहते है और यही वे ध्रुव होते हैं जब हम केवल उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव कहते हैं। लोग कुछ विशेष तारों को देखकर ये बता सकते हैं कि वे इन ध्रुवों पर है। ध्रुवों पर एक तारा समान ऊँचाई पर चक्कर लगाता है और क्षितिज पर कबी भी अस्त नहीं होता। दक्षिणी ध्रुव पर पड़ने वाला महाद्वीप है अंटार्कटिका। यह बहुत ही ठंडा स्थान है। सर्दियों के दौरान कई सप्ताहों तक यहाँ सूर्योदय नहीं होता। और गर्मियों के दौरान, दिसंबर के अंत से मार्च के अंत तक सूर्यास्त नहीं होता। स्वयं ध्रुवीय बिन्दु पर भी छः महीने की सर्दियाँ होती हैं और इतने समय तक सूर्योदय नहीं होता। और जब सूर्योदय होता है तो, यह छः महीनों की लंबी गर्मियाँ आरंभ होती हैं, जब कोई व्यक्ति दिन के किसी भी समय खड़े होकर सूरज को क्षितिज के ऊपर घड़ी की उल्टी दिशा में अपने चारो ओर घूमते हुए देख सकता है। दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचना कठिन है। उत्तरी ध्रुव के विपरीत, जोकि समुद्र और समतल समुद्री बर्फ से ढका होता है, दक्षिणी ध्रुव एक पर्वतीय महाद्वीप पर स्थित है। यह महाद्वीप है अंटार्कटिका। यह बर्फ की मोटी चादर से ढका है और अपने केंद्र पर तो १.५ किमी से भी मोटी बर्फ से। दक्षिणी ध्रुव बहुत ऊँचे स्थान पर है और बहुत वातमय (तूफ़ानी)। यह उन स्थानों से बहुत दूर है जहाँ पर वैज्ञानिकों की बस्तियाँ हैं और यहाँ जाने वाले जहाज़ों को प्रायः बर्फ़ीले समुद्री रास्ते से होकर जाना पड़ता है। तट पर पहुँचने के बाद भी भूमार्ग से यात्रा करने वाले खोजियों को ध्रुव तक पहुँचने के लिए १,६०० किलोमीटर से भी अधिक की यात्रा करनी पड़ती है। उन्हें तैरते हिमखंडों को पार करके बर्फ़ से ढकी भूमि और फ़िर सीधे खड़े पर्वतीय हिमनदों को जो टूटी, मुड़ी हुई समुद्र में गिरती बर्फ से ढके होते हैं और तेज़ जमाने वाली बर्फीली हवाओं वाले पठार को भी पार करना होता है। .

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दक्षिणी गोलार्ध

अपोलो १७ से पृथ्वी के एक प्रसिद्ध तस्वीर में मूल रूप से शीर्ष पर दक्षिण ध्रुव था, हालांकि, यह परंपरागत दृष्टिकोण फिट करने के लिए ऊपर से नीचे कर दिया गया था दक्षिणी गोलार्ध पीले में दर्शित दक्षिणी गोलार्ध दक्षिणी ध्रुव के ऊपर से दक्षिणी गोलार्ध किसी ग्रह का वह आधा भाग होता है, जो उसकी विषुवत रेखा के नीचे (दक्षिणी ओर) होता है। गोलार्ध का शाब्दिक अर्थ है आधा गोला। हमारा ग्रह अक्षवत् दो भागों में बंटा है, जिन्हे उत्तरी गोलार्ध व दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं। उत्तरी गोलार्ध का उत्तरी ‌छोर तथा दक्षिणी गोलार्ध का दक्षिणी ‌छोर बहुत ठंडे स्थान होने के कारण वहाँ बर्फ का साम्राज्य रहता है। दक्षिणी गोलार्ध के दक्षिणी ध्रुव पर तो बर्फ से बना विशाल महाद्वीप ही मौजूद है। दक्षिणी गोलार्ध में पांच महाद्वीप-आस्ट्रेलिया,नौ-दसवा दक्षिण अमेरिका,एक तिहाई अफ्रीका तथा एशिया के कुछ दक्षिणी द्वीपों मौजूद है। दक्षिण गोलार्द्ध चार महासागरों- हिन्द महासागर, अन्ध महासागर, दक्षिणध्रुवीय महासागर और प्रशान्त महासागर मौजूद है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव की वजह से उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु, दक्षिणायन (२२ दिसंबर के आसपास) से वसंत विषुव (लगभग २१ मार्च) तक चलता है और शीत ऋतु, उत्तरायण (२१ जून) से शरद विषुव (लगभग २३ सितंबर) तक चलता है। .

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ध्रुव

कोई विवरण नहीं।

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नव वर्ष

भारतीय नववर्ष की विशेषता   - ग्रंथो में लिखा है कि जिस दिन सृष्टि का चक्र प्रथम बार विधाता ने प्रवर्तित किया, उस दिन चैत्र शुदी १ रविवार था। हमारे लिए आने वाला संवत्सर २०७५ बहुत ही भाग्यशाली होगा, क़्योंकि इस वर्ष भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रविवार है,   शुदी एवम  ‘शुक्ल पक्ष एक ही  है। चैत्र के महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (प्रतिपद या प्रतिपदा) को सृष्टि का आरंभ हुआ था।हमारा नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को शरू होता है| इस दिन ग्रह और नक्षत्र मे परिवर्तन होता है | हिन्दी महीने की शुरूआत इसी दिन से होती है | पेड़-पोधों मे फूल,मंजर,कली इसी समय आना शुरू होते है,  वातावरण मे एक नया उल्लास होता है जो मन को आह्लादित कर देता है | जीवो में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है | इसी दिन ब्रह्मा जी  ने सृष्टि का निर्माण किया था | भगवान विष्णु जी का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था | नवरात्र की शुरुअात इसी दिन से होती है | जिसमे हमलोग उपवास एवं पवित्र रह कर नव वर्ष की शुरूआत करते है | परम पुरूष अपनी प्रकृति से मिलने जब आता है तो सदा चैत्र में ही आता है। इसीलिए सारी सृष्टि सबसे ज्यादा चैत्र में ही महक रही होती है। वैष्णव दर्शन में चैत्र मास भगवान नारायण का ही रूप है। चैत्र का आध्यात्मिक स्वरूप इतना उन्नत है कि इसने वैकुंठ में बसने वाले ईश्वर को भी धरती पर उतार दिया। न शीत न ग्रीष्म। पूरा पावन काल। ऎसे समय में सूर्य की चमकती किरणों की साक्षी में चरित्र और धर्म धरती पर स्वयं श्रीराम रूप धारण कर उतर आए,  श्रीराम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी को होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि  के ठीक नवे दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था | आर्यसमाज की स्थापना इसी दिन हुई थी | यह दिन कल्प, सृष्टि, युगादि का प्रारंभिक दिन है | संसारव्यापी निर्मलता और कोमलता के बीच प्रकट होता है हमारा अपना नया साल *  *विक्रम संवत्सर विक्रम संवत का संबंध हमारे कालचक्र से ही नहीं, बल्कि हमारे सुदीर्घ साहित्य और जीवन जीने की विविधता से भी है। कहीं धूल-धक्कड़ नहीं, कुत्सित कीच नहीं, बाहर-भीतर जमीन-आसमान सर्वत्र स्नानोपरांत मन जैसी शुद्धता। पता नहीं किस महामना ऋषि ने चैत्र के इस दिव्य भाव को समझा होगा और किसान को सबसे ज्यादा सुहाती इस चैत मेे ही काल गणना की शुरूआत मानी होगी। चैत्र मास का वैदिक नाम है-मधु मास। मधु मास अर्थात आनंद बांटती वसंत का मास। यह वसंत आ तो जाता है फाल्गुन में ही, पर पूरी तरह से व्यक्त होता है चैत्र में। सारी वनस्पति और सृष्टि प्रस्फुटित होती है,  पके मीठे अन्न के दानों में, आम की मन को लुभाती खुशबू में, गणगौर पूजती कन्याओं और सुहागिन नारियों के हाथ की हरी-हरी दूब में तथा वसंतदूत कोयल की गूंजती स्वर लहरी में। चारों ओर पकी फसल का दर्शन,  आत्मबल और उत्साह को जन्म देता है। खेतों में हलचल, फसलों की कटाई, हंसिए का मंगलमय खर-खर करता स्वर और खेतों में डांट-डपट-मजाक करती आवाजें। जरा दृष्टि फैलाइए, भारत के आभा मंडल के चारों ओर। चैत्र क्या आया मानो खेतों में हंसी-खुशी की रौनक छा गई। नई फसल घर मे आने का समय भी यही है | इस समय प्रकृति मे उष्णता बढ्ने लगती है, जिससे पेड़ -पौधे, जीव-जन्तु मे नव जीवन आ जाता है | लोग इतने मदमस्त हो जाते है कि आनंद में मंगलमय  गीत गुनगुनाने लगते है | गौर और गणेश कि पूजा भी इसी दिन से तीन दिन तक राजस्थान मे कि जाती है | चैत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के समय जो वार होता है वह ही वर्ष में संवत्सर का राजा कहा जाता है,  मेषार्क प्रवेश के दिन जो वार होता है वही संवत्सर का मंत्री होता है इस दिन सूर्य मेष राशि मे होता है | नये साल के अवसर पर फ़्लोरिडा में आतिशबाज़ी का एक दृश्य। नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। .

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पृथ्वी

पृथ्वी, (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है, सूर्य से तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 बिलियन साल हैं। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष में अन्य पिण्ड के साथ परस्पर प्रभावित रहती है, विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा से, जोकि पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह हैं। सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान, पृथ्वी अपनी कक्षा में 365 बार घूमती है; इस प्रकार, पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लंबा होता है। पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान इसके धुरी में झुकाव होता है, जिसके कारण ही ग्रह की सतह पर मौसमी विविधताये (ऋतुएँ) पाई जाती हैं। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते है, यह पृथ्वी को इसकी अपनी अक्ष पर स्थिर करता है, तथा इसकी परिक्रमण को धीमा कर देता है। पृथ्वी न केवल मानव (human) का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों (species) का भी घर है और साथ ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन (life) का अस्तित्व पाया जाता है। इसकी सतह पर जीवन का प्रस्फुटन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशाएँ (जैसे सूर्य से सटीक दूरी इत्यादि) न केवल पहले से उपलब्ध थी बल्कि जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल (the atmosphere) और अन्य अजैवकीय (abiotic) परिस्थितियों को भी बदला है और इसके पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है। पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है। जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं। पृथ्वी पर श्वशनजीवी जीवों (aerobic organisms) के प्रसारण के साथ ओजोन परत (ozone layer) का निर्माण हुआ जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र (Earth's magnetic field) के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली दूसरी परत बनती है और इस प्रकार पृथ्वी पर जीवन की अनुमति देता है। पृथ्वी का भूपटल (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास (geological history) के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से धरातल का करीब ७१% नमकीन जल (salt-water) के सागर से आच्छादित है, शेष में महाद्वीप और द्वीप; तथा मीठे पानी की झीलें इत्यादि अवस्थित हैं। पानी सभी ज्ञात जीवन के लिए आवश्यक है जिसका अन्य किसी ब्रह्मांडीय पिण्ड के सतह पर अस्तित्व ज्ञात नही है। पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर (inner core) के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी बाह्य अंतरिक्ष (outer space), में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (sidereal year) है जो ३६५.२६ सौर दिवस (solar day) के बराबर है पृथ्वी की घूर्णन की धुरी इसके कक्षीय समतल (orbital plane) से लम्बवत (perpendicular) २३.४ की दूरी पर झुका (tilted) है जो एक उष्णकटिबंधीय वर्ष (tropical year) (३६५.२४ सौर दिनों में) की अवधी में ग्रह की सतह पर मौसमी विविधता पैदा करता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (natural satellite) है, जिसने इसकी परिक्रमा ४.५३ बिलियन साल पहले शुरू की। यह अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है, धुरिय झुकाव को स्थिर रखता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है। ग्रह के प्रारंभिक इतिहास के दौरान एक धूमकेतु की बमबारी ने महासागरों के गठन में भूमिका निभाया। बाद में छुद्रग्रह (asteroid) के प्रभाव ने सतह के पर्यावरण पर महत्वपूर्ण बदलाव किया। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय राष्ट्रीय पंचांग

भारतीय राष्ट्रीय पंचांग या 'भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर' भारत में उपयोग में आने वाला सरकारी सिविल कैलेंडर है। यह शक संवत पर आधारित है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ-साथ 22 मार्च 1957 से अपनाया गया। भारत मे यह भारत का राजपत्र, आकाशवाणी द्वारा प्रसारित समाचार और भारत सरकार द्वारा जारी संचार विज्ञप्तियों मे ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ प्रयोग किया जाता है। चैत्र भारतीय राष्ट्रीय पंचांग का प्रथम माह होता है। राष्ट्रीय कैलेंडर की तिथियाँ ग्रेगोरियन कैलेंडर की तिथियों से स्थायी रूप से मिलती-जुलती हैं। चन्द्रमा की कला (घटने व बढ़ने) के अनुसार माह में दिनों की संख्या निर्धारित होती है | .

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भूमध्य रेखा

विश्व के मानचित्र पर भूमध्य रेखा लाल रंग में गोलक का महानतम चक्र (घेरा) उसे ऊपरी और निचले गोलार्धों में बांटाता है। भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से सामान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है। यह पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है। दूसरे शब्दों में पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य या विषुवत रेखा कहते हैं। इस पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं। अन्य ग्रहों की विषुवत रेखा को भी सामान रूप से परिभाषित किया गया है। इस रेखा के उत्तरी ओर २३½° में कर्क रेखा है व दक्षिणी ओर २३½° में मकर रेखा है। .

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मार्च

मार्च ग्रेगोरी कैलंडर का तीसरा महीना है। यह उन सात महीनों में से एक है जिनके दिनों की संख्या ३१ होती है। मार्च के दूसरे गुरूवार को “विश्व किडनी दिवस” मनाया जाता है। 04 मार्च : – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 08 मार्च : – अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 13 मार्च : – नहीं धूम्रपान दिवस 15 मार्च : – विश्व उपभोक्ता अधिकार                                       दिवस 18 मार्च : – आयुध निर्माण दिवस 21 मार्च : – विश्व वन दिवस 22 मार्च : – विश्व जल दिवस / बिहार     दिवस 23 मार्च : – विश्व मौसम विज्ञान दिवस 24 मार्च : – विश्व तापेदिक / क्षयरोग दिवस 26 मार्च : – बांग्‍लादेश का राष्‍ट्रीय दिवस 27 मार्च : – विश्व रंगमंच दिवस.

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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लातिन भाषा

लातीना (Latina लातीना) प्राचीन रोमन साम्राज्य और प्राचीन रोमन धर्म की राजभाषा थी। आज ये एक मृत भाषा है, लेकिन फिर भी रोमन कैथोलिक चर्च की धर्मभाषा और वैटिकन सिटी शहर की राजभाषा है। ये एक शास्त्रीय भाषा है, संस्कृत की ही तरह, जिससे ये बहुत ज़्यादा मेल खाती है। लातीना हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसी से फ़्रांसिसी, इतालवी, स्पैनिश, रोमानियाई और पुर्तगाली भाषाओं का उद्गम हुआ है (पर अंग्रेज़ी का नहीं)। यूरोप में ईसाई धर्म के प्रभुत्व की वजह से लातीना मध्ययुगीन और पूर्व-आधुनिक कालों में लगभग सारे यूरोप की अंतर्राष्ट्रीय भाषा थी, जिसमें समस्त धर्म, विज्ञान, उच्च साहित्य, दर्शन और गणित की किताबें लिखी जाती थीं। .

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शक संवत

शक संवत भारत का प्राचीन संवत है जो ७८ ई. से आरम्भ होता है। शक संवत भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है। शक संवत्‌ के विषय में बुदुआ का मत है कि इसे उज्जयिनी के क्षत्रप चेष्टन ने प्रचलित किया। शक राज्यों को चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने समाप्त कर दिया पर उनका स्मारक शक संवत्‌ अभी तक भारतवर्ष में चल रहा है।;कुछ अन्य संवत.

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सितम्बर

सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर और जूलियन कैलेंडर का नौवां महीना है और इस में दिनों की संख्या ३० होती है।.

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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सूर्य

सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K. (1995) The Barnhart Concise Dictionary of Etymology, page 776.

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हिन्दू काल गणना

हिन्दू समय मापन, लघुगणकीय पैमाने पर प्राचीन हिन्दू खगोलीय और पौराणिक पाठ्यों में वर्णित समय चक्र आश्चर्यजनक रूप से एक समान हैं। प्राचीन भारतीय भार और मापन पद्धतियां, अभी भी प्रयोग में हैं (मुख्यतः हिन्दू और जैन धर्म के धार्मिक उद्देश्यों में)। यह सभी सुरत शब्द योग में भी पढ़ाई जातीं हैं। इसके साथ साथ ही हिन्दू ग्रन्थों मॆं लम्बाई, भार, क्षेत्रफ़ल मापन की भी इकाइयाँ परिमाण सहित उल्लेखित हैं। हिन्दू ब्रह्माण्डीय समय चक्र सूर्य सिद्धांत के पहले अध्याय के श्लोक 11–23 में आते हैं.

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जनवरी

जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर का पहला महीना है। यह उन सात महीनों में से एक है जिनके दिनों की संख्या ३१ होती है।.

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वर्ष

एक वर्ष या साल सूर्य की चारों ओर अपनी कक्षा में चलती पृथ्वी की कक्षीय अवधि है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण, एक वर्ष का कोर्स ऋतुओं के गुजरने को देखता है, और वह चिन्हित होता हैं मौसम में, दिवालोक के घंटों में, और परिणामस्वरूप, वनस्पति और मिट्टी उर्वरता में बदलावों द्वारा। ग्रह के शीतोष्ण और उपध्रुवीय क्षेत्रों में, चार ऋतु आमतौर पर पहचाने जाते हैं: वसंत, ग्रीष्म, शरद और शीत ऋतु। उष्णकटिबन्धीय और उपोष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में, कई भौगोलिक क्षेत्र परिभाषित मौसम प्रस्तुत नहीं करते हैं; लेकिन मौसमी उष्णकटिबन्ध में, वार्षिक आर्द्र (गीले) और शुष्क (सूखे) ऋतु पहचाने जाते हैं और ट्रैक किए जाते हैं। चालू वर्ष है। एक कालदर्शक वर्ष किसी प्रदत्त कालदर्शक में गिने हुएँ पृथ्वी की कक्षीय अवधि के दिनों की संख्या का अनुमान है। ग्रेगोरियन, या आधुनिक, कालदर्शक, अपने कालदर्शक के रूप में 365 दिनों के एक आम वर्ष या 366 दिनों के अधिवर्ष को प्रस्तुत करता है, जो जूलियन कालदर्शक भी करते हैं; नीचे देखो। .

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विषुव अयन

विषुव का समय भी बदल रहे है। इसको विषुव अयन (Precession of Equinox) कहा जाता है। पृथ्वी अपनी धुरी पर २४ घन्टे में एक बार घूमती है। इस कारण दिन और रात होते हैं। पृथ्वी की धुरी भी घूम रही है और यह धुरी २५,७०० साल में एक बार घूमती है। यदि आप किसी लट्टू को नाचते हुये उस समय देखें जब वह धीमा हो रहा हो, तो आप देख सकते हैं कि वह अपनी धुरी पर भी घूम रहा है और उसकी धुरी भी घूम रही है। विषुव का समय धुरी के घूमने के कारण बदल रहा है। इसी लिये pole star भी बदल रहा है। आजकल ध्रुव तारा पृथ्वी की धुरी पर है और दूसरे तारों की तरह नहीं घूमता। इसी लिये pole star कहलाता है। समय के साथ यह बदल जायगा और तब कोई और तारा pole star बन जायगा। पृथ्वी अपनी धुरी पर लगभग २५,७०० साल में एक बार घूमती है। वह १/१२वें हिस्से को २१४१ या लगभग २१५० साल में तय करती है। वसंत विषुव के समय सूरज मेष राशि में ईसा से १६५० साल पहले (१६५०BC) से, ईसा के ५०० साल बाद (५०० AD) तक लगभग २१५० साल रहा। अलग अलग सभ्यताओं में, इसी समय खगोलशास्त्र या ज्योतिष का जन्म हुआ। इसी लिये राशिफल मेष से शुरु हुआ पर अब ऐसा नहीं है। इस समय वसंत विषुव के समय सूरज, पृथ्वी के सापेक्ष, मीन राशि में है। यह लगभग ईसा के ५०० साल बाद (५०० AD) से शुरु हुआ। ईसा के ५०० साल (५०० AD) के २१५० साल बाद तक यानि कि २७वीं शताब्दी (२६५० AD) तक, वसंत विषुव के समय सूरज, पृथ्वी के सापेक्ष, मीन राशि में रहेगा। उसके बाद वसंत विषुव के समय सूरज, पृथ्वी के सापेक्ष, कुम्भ राशि में चला जायगा। .

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ग्रह

हमारे सौरमण्डल के ग्रह - दायें से बाएं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून सौर मंडल के ग्रहों, सूर्य और अन्य पिंडों के तुलनात्मक चित्र सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इनके अतिरिक्त तीन बौने ग्रह और हैं - सीरीस, प्लूटो और एरीस। प्राचीन खगोलशास्त्रियों ने तारों और ग्रहों के बीच में अन्तर इस तरह किया- रात में आकाश में चमकने वाले अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं, एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया। पर कुछ ऐसे भी पिण्ड हैं जो बाकी पिण्डों के सापेक्ष में कभी आगे जाते थे और कभी पीछे - यानी कि वे घुमक्कड़ थे। Planet एक लैटिन का शब्द है, जिसका अर्थ होता है इधर-उधर घूमने वाला। इसलिये इन पिण्डों का नाम Planet और हिन्दी में ग्रह रख दिया गया। शनि के परे के ग्रह दूरबीन के बिना नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए प्राचीन वैज्ञानिकों को केवल पाँच ग्रहों का ज्ञान था, पृथ्वी को उस समय ग्रह नहीं माना जाता था। ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। .

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ग्रेगोरी कैलेंडर

ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar), दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला कालदर्शक या तिथिपत्रक है। यह जूलियन कालदर्शक (Julian calendar) का रूपान्तरण है। इसे पोप ग्रेगोरी (Pope Gregory XIII) ने लागू किया था। इससे पहले जूलियन कालदर्शक प्रचलन में था, लेकिन उसमें अनेक त्रुटियाँ थीं, जिन्हें ग्रेगोरी कालदर्शक में दूर कर दिया गया। .

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अयन (खगोलविज्ञान)

नाचता हुआ लट्टू पुरस्सरण भी करता है। घूर्णदर्शी (गाइरोस्कोप) का अयन भौतिकी में, किसी घूर्णन करने वाली वस्तु के अक्ष के घूर्णन को पुरस्सरण या अयन (precession) कहते हैं। पुरस्सरण दो तरह का होता है-.

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उत्तरी ध्रुव

उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र। उत्तरी ध्रुव हमारे ग्रह पृथ्वी का सबसे सुदूर उत्तरी बिन्दु है। यह वह बिन्दु है जहाँ पर पृथ्वी की धुरी घूमती है। यह आर्कटिक महासागर में पड़ता है और यहाँ अत्यधिक ठंड पड़ती है क्योंकि लगभग छः महीने यहाँ सूरज नहीं चमकता है। ध्रुव के आसपास का महासागर बहुत ठंडा है और सदैव बर्फ़ की मोटी चादर से ढका रहता है। इस भौगोलिक उत्तरी ध्रुव के निकट ही चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव है, इसी चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव की ओर ही कम्पास की सुई संकेत करती है। उत्तरी तारा या ध्रुव तारा उत्तरी ध्रुव के आकाश पर सदैव निकलता है। सदियों से नाविक इसी तारे को देखकर ये अनुमान लगाते रहे है की वे उत्तर में कितनी दूर हैं। यह क्षेत्र आर्कटिक घेरा भी कहलाता है क्योंकि वहां अर्धरात्रि के सूर्य (मिडनाइट सन) और ध्रुवीय रात (पोलर नाइट) का दृश्य भी देखने को मिलता है। उत्तरी ध्रुव क्षेत्र को आर्कटिक क्षेत्र भी कहा जाता है। यहां बर्फ से ढंके विशाल क्षेत्र के अतिरिक्त आर्कटिक सागर भी है। यह सागर अन्य कई देशों जैसे कनाडा, ग्रीनलैंड, रूस, अमेरिका, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड की जमीनों से लगा हुआ है। इसे अंध महासागर का उत्तरी छोर भी कहा जा सकता है।। ७ फ़रवरी २०१०। हिन्दुस्तान लाइव .

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उत्तरी गोलार्ध

उत्तरी गोलार्ध पीले में दर्शित उत्तरी गोलार्ध उत्तरी ध्रुव के ऊपर से उत्तरी गोलार्ध पृथ्वी का वह भाग है जो भूमध्य रेखा के उत्तर में है। अन्य सौर मण्डल के ग्रहों की उत्तर दिशा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के स्थिर समतल में लिया जाता है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव की वजह से उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु, दक्षिणायन (२२ दिसंबर के आसपास) से वसंत विषुव (लगभग २३ मार्च) तक चलता है और ग्रीष्म ऋतु, उत्तरायण (२१ जून) से शरद विषुव (लगभग २३ सितंबर) तक चलता है। उत्तरी गोलार्ध का उत्तरी ‌छोर पूरी तरह ठोस नहीं है, वहाँ समुद्र के बीच जगह-जगह विशाल हिमखन्ड मिलते हैं। .

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१३ अप्रैल

13 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 103वॉ (लीप वर्ष में 104 वॉ) दिन है। साल में अभी और 262 दिन बाकी है। .

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१४ अप्रैल

१४ अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १०४वॉ (लीप वर्ष में १०५ वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और २६१ दिन बाकी है। .

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२० मार्च

20 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 79वॉ (लीप वर्ष मे 80 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 286 दिन बाकी है। .

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२१ मार्च

21 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 80वॉ (लीप वर्ष मे 81 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 285 दिन बाकी है। .

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२२ मार्च

22 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 81वॉ (लीप वर्ष मे 82 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 284 दिन बाकी है। .

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२३ सितम्बर

२३ सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६६वॉ (लीप वर्ष मे २६७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९९ दिन बाकी है। .

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७९

७९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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