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आर्चर ब्लड

सूची आर्चर ब्लड

आर्चर केन्ट ब्लड (Archer Kent Blood, मार्च 20, 1923 – सितम्बर 3, 2004) एक अमेरिकी दूत थे। सन् 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान वे ढाका में अमेरिकी वाणिज्यदूतावास (कॉन्सुलेट) में तायनात थे। ढाका, जो आज बांग्लादेश की राजधानी है, उस समय पूर्वी पाकिस्तान का मुख्यालय था। आर्चर ब्लड उस समय ढाका से अपनी (यानि अमेरिकी) सरकार को पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे अत्याचार के विरुद्ध एक तार भेजेने के लिए प्रसिद्ध हुए। यह तार आगे जाकर ब्लड तार (Blood Telegram) कहलाया। .

7 संबंधों: ढाका, पाकिस्तानी सेना, पूर्वी पाकिस्तान, बांग्लादेश, बांग्लादेश मुक्ति युद्ध, राजनियक दूत, संयुक्त राज्य

ढाका

ढाका (बांग्ला: ঢাকা) बांग्लादेश की राजधानी है। बूढ़ी गंगा नदी के तट पर स्थित यह देश का सबसे बड़ा शहर है। राजधानी होने के अलावा यह बांग्लादेश का औद्यौगिक और प्रशासनिक केन्द्र भी है। यहाँ पर धान, गन्ना और चाय का व्यापार होता है। ढाका की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है (२००१ की जनसंख्या: ९,०००,०२)) जो इसे दुनिया के ग्यारहवें सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहर का दर्जा भी दिलाता है। ढाका का अपना इतिहास रहा है और इसे दुनिया में मस्जिदों के शहर के नाम से जाना जाता है। मुगल सल्तनत के दौरान इस शहर को १७ वीं सदी में जहांगीर नगर के नाम से भी जाना जाता था, यह न सिर्फ प्रादेशिक राजधानी हुआ करती थी बल्कि यहाँ पर निर्मित होने वाले मलमल के व्यापार में इस शहर का पूरी दुनिया में दबदबा था। आधुनिक ढाका का निर्माण एवं विकास ब्रिटिश शासन के दौरान उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ और जल्द ही यह कोलकाता के बाद पूरे बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया। भारत विभाजन के बाद १९४७ में ढाका पूर्वी पाकिस्तान की प्रशासनिक राजधानी बना तथा १९७२ में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आने पर यह राष्ट्रीय राजधानी घोषित हुआ। आधुनिक ढाका देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था, एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है। ढाका न सिर्फ देश का सबसे साक्षर (६३%) शहर है- - बल्कि बांग्लादेश के शहरों में सबसे ज्यादा विविधता वाला शहर भी है। हालांकि आधुनिक ढाका का शहरी आधारभूत ढांचा देश में सबसे ज्यादा विकसित है परंतु प्रदूषण, यातायात कुव्यवस्था, गरीबी, अपराध जैसी समस्यायें इस शहर के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। सारे देश से लोगों का ढाका की ओर पलायन भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। .

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पाकिस्तानी सेना

पाक सेना पाकिस्तान की थलसेना है। इसका काम पाकिस्तान की सरहदों की रक्षा करना है। इसमें कुल 5,00,000 रिज़र्व सिपाही हैं। यह ब्रिटिश भारतीय सेना से अस्तित्व में आया जिसका भारत के विभाजन के बाद अस्तित्व समाप्त कर दिया था। पाकिस्तानी सेना अगस्त 1947 में स्थापित की गयी। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) के मुताबिक, इसमे 2015 में लगभग 620,000 सक्रिय कर्मचारी थे। पाकिस्तान में, स्वैच्छिक सैन्य सेवा के लिए 16-23 वर्ष आयु है; पाकिस्तान राष्ट्र के संविधान के मुताबिक सैनिकों को 18 साल उम्र से कम पर युद्ध के लिए तैनात नहीं किया जा सकता है। प्राथमिक उद्देश्य और इसका संवैधानिक मिशन यह है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान की राष्ट्रीय एकता को बाहरी आक्रमण या युद्ध के खतरे के विरुद्ध बचाव के लिए सुनिश्चित करना है। राष्ट्रीय आपदाओं और आपातकाल की घटनाओं के दौरान, यह घर पर मानवीय बचाव कार्यों का संचालन करती है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनिवार्य शांति मिशन में भाग लेती है, सबसे उल्लेखनीय रूप से 1993 में सोमालिया में फंस गए अमेरिकी सैनिकों और 1992-95 में बोस्नियाई युद्ध के बचाव में इसने प्रमुख भूमिका निभाई। .

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पूर्वी पाकिस्तान

पूर्वी पाकिस्तान(পূর্ব পাকিস্তান,; مشرقی پاکستان,; East Pakistan, ईस्ट पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान की पूर्वी इकाई थी। यह वर्तमान बांग्लादेश के स्थान पर, १९५५ से १९७१ तक विद्यमान था। इसकी राजधनी ढाका थी, एवं राजभाषा बांग्ला थी। पूर्वी पाकिस्तान का कुल भूक्षेत्र, १,४७,५७० वर्ग की•मी• था। यह पूर्व, उत्तर व पश्चिम दिशाओं में भारत से घिरा हुआ था, और दक्षिण की ओर, बंगाल की खाड़ी के तट पर था। साथ ही पूर्व में यह एक छोटी सी सीमा रेखा, बर्मा के साथ साझा करता था। यह पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रंशन में से एक रहा है, और अर्थव्यवस्था, राजनैतिक प्रतिनिधितिव व जनसंख्या के आधार पर, तत्कालीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य था। अंत्यतः, १६ दिसंबर १९७१ को, नौ महीनों तक चले युद्ध के पश्चात्, पूर्वी पाकिस्तान ने बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्रता घोषित कर दी। .

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बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

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बांग्लादेश मुक्ति युद्ध

बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम १९७१ में हुआ था, इसे 'मुक्ति संग्राम' भी कहते हैं। यह युद्ध वर्ष १९७१ में २५ मार्च से १६ दिसम्बर तक चला था। इस रक्तरंजित युद्ध के माध्यम सेे बांलादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की। 16 दिसम्बर सन् १९७१ को बांग्लादेश बना था। भारत की पाकिस्तान पर इस ऐतिहासिक जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। पाकिस्तान पर यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी। भारत ने ९३ हजार पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। १९७१ के पहले बांलादेश, पाकिस्तान का एक प्रान्त था जिसका नाम 'पूर्वी पाकिस्तान' था जबकि वर्तमान पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान कहते थे। कई सालों के संघर्ष और पाकिस्तान की सेना के अत्याचार और बांग्लाभाषियों के दमन के विरोध में पूर्वी पाकिस्तान के लोग सड़कों पर उतर आए थे। १९७१ में आज़ादी के आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के विद्रोह पर आमादा लोगों पर जमकर अत्याचार किए। लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और अनगिनत महिलाओं की आबरू लूट ली गई। भारत ने पड़ोसी के नाते इस जुल्म का विरोध किया और क्रांतिकारियों की मदद की। इसका नतीजा यह हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी जंग हुई। इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिए। इसके साथ ही दक्षिण एशिया में एक नए देश का उदय हुआ। .

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राजनियक दूत

राजनयिक दूत (Diplomatic Envoys) संप्रभु राज्य या देश द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि होते हैं, जो अन्य राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन अथवा अंतरराष्ट्रीय संस्था में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय विधि का प्रचलन आरंभ होने के बहुत पूर्व से ही रोम, चीन, यूनान और भारत आदि देशों में एक राज्य से दूसरे राज्य में दूत भेजने की प्रथा प्रचलित थी। रामायण, महाभारत, मनुस्मृति, कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र और 'नीतिवाक्यामृत' में प्राचीन भारत में प्रचलित दूतव्यवस्था का विवरण मिलता है। इस काल में दूत अधिकांशत: अवसरविशेष पर अथवा कार्यविशेष के लिए ही भेजे जाते थे। यूरोप में रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत छिन्न भिन्न दूतव्यवस्था का पुनरारंभ चौदहवीं शताब्दी में इटली के स्वतंत्र राज्यों एवं पोप द्वारा दूत भेजने से हुआ। स्थायी राजदूत को भेजने की नियमित प्रथा का श्रीगणेश इटली के गणतंत्रों एवं फ्रांस के सम्राट् लुई ग्यारहवें ने किया। सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक दूतव्यवस्था यूरोप के अधिकांश देशों में प्रचलित हो गई थी। अंतरराष्ट्रीय विधि के अनुसार कोई भी राज्य या देश अन्य राज्यों से दौत्य संबंध स्थापित करने के लिए बाध्य नहीं है, परंतु अंतरराष्ट्रीय जगत्‌ में उत्तरोत्तर बढ़ते हुए पारस्परिक संबंध एवं सापेक्ष्य के कारण प्रत्येक राष्ट्र के लिए अन्य राष्ट्रों से दौत्य संबंध स्थापित करना उपयोगी सिद्ध होता है। दौत्य संबंध स्थापित करने का अधिकार केवल संप्रभु राष्ट्रों को ही है परंतु विशेष परिस्थितियों में यह अधिकार अर्धसंप्रभु और अधीनस्थ राज्यों को भी दिया जा सकता है। पोप और संयुक्त राष्ट्र यद्यपि राज्य की कोटि में नहीं आते तथापि दौत्य संबंध स्थापित करने का उनका अधिकार सर्वस्वीकृत है। मध्यकालीन यूरोप में दूतों की वरिष्ठता और पौर्वांपर्यक्रम के प्रश्नों पर बहुधा विवाद होता था अतएव वियेना की कांग्रेस ने 1815 में दूतों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया। 1818 में एक्स-ला-शैपल की कांग्रेस ने एक चौथी श्रेणी जोड़ दी। तदनुसार वरिष्ठता के क्रम से दूतों के चार वर्ग हैं- (1) राजदूत (Ambassadors), (2) पूर्णशक्तियुक्त महादूत तथा असाधारण दूत (Ministers Plenipotentiory & Envoys extraordinary), (3) निवासीमंत्री (Ministers Resdent), (4) कार्यभारवाहक (Charges de' affaires)। औपचारिकता एवं शिष्टचार के अतिरिक्त इस वर्गीकरण का अब कोई महत्व नहीं है। राष्ट्रमंडल के सदस्य राष्ट्रों के बीच परस्पर भेजे जानेवाले दूत 'उच्चायुक्त' कहे जाते हैं। एक राष्ट्र में स्थित विदेशों के राजनयिक दूतों के समूह को 'राजनयिक निकाय' (Diplomatic corps) कहते हैं। इसमें वरिष्ठतम दूत को 'दूतशिरोमणि' (Doyen) कहते हैं। राजनयिक निकाय दूतों के सम्मान एवं उन्मुक्तियों के पालन का ध्यान रखता है। नियुक्ति में समय प्रत्येक दूत को राज्य या राष्ट्र का अध्यक्ष एक मुद्रांकित 'प्रत्ययपत्र' (Letter of credence) प्रदान करता है, जिसे दूत प्रत्यायित राष्ट्र के अध्यक्ष को औपचारिक समारोह में स्वयं देता है। संधिवार्ता आदि के लिए नियुक्त दूत को एक 'पूर्णाधिकारपत्र' भी दिया जाता है। कोई भी राष्ट्र दूसरे राष्ट्र से दौत्य संबंध स्वीकार करने को बाध्य नहीं है परंतु प्रश्न विशेष पर वार्ताहेतु आए दूत को स्वीकार न करना उस प्रश्न पर वार्तां न करने के निश्चय का द्योतक है। व्यक्तिविशेष को अन्य राष्ट्र के दूत रूप में ग्रहण न करना उसी दशा में उचित होगा जब अपने चरित्र, प्रत्यातित राष्ट्र के प्रति व्यक्त विचार अथवा प्रत्यातित राष्ट्र का नागरिक होने के कारण वह व्यक्ति ग्राह्य न हो। अस्थयी राजनयिक दूत, समारोह अथवा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में, अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए अथवा प्रश्नविशेष पर वार्ता के लिए भेजे जाते हैं। उनके कृत्य और अधिकार उसी प्रयोजन तक सीमित रहते हैं। स्थायी राजदूतों की कार्यापरिधि बहुत विस्तृत है। दूत अपने राष्ट्र की नीति का आधिकारिक प्रवक्ता है और वह दोनों के बीच समस्त वार्ता संवहन एवं संपर्क का माध्यम होता है। अपने राष्ट्र की कीर्ति बढ़ाना एवं विदेशी राष्ट्र में स्वदेश के प्रति सद्भावना बढ़ाना उसका कर्तव्य है। दूत का अन्य महत्वपूर्ण कार्य है दूसरे देश की राजनीतिक स्थिति एवं गतिविधियों का पर्यवेक्षण करना और उसकी सूचना अपनेदेश को भेजना। दूत अपने देश प्रवासी नागरिकों की तथा उनकी सपंत्ति की रक्षा करता है और उनके जन्म, मरण, विवाहादि का पंजीकरण भी करता है। राजनयिक दूत को सप्रभु देश का प्रतिनिधि होने के नाते तथा अपना कार्य सुचारु रूप से करने की सुविधा के लिए कुछ विशिष्टाधिकार तथा उन्मुक्तियाँ प्राप्त हैं। दूत परराष्ट्र में अनुल्लंघनीय है। अपने देश में स्थित समस्त दूतों की सुरक्षा का प्रबंध करना प्रत्येक राष्ट्र का कर्तव्य है। राजदूत और उसका निवासस्थान, वाहन आदि भी प्रत्यातित राष्ट्र के क्षेत्राधिकार से परे हैं। राजदूत पर उसकी स्वेच्छा के बिना प्रत्यातित राष्ट्र के न्यायालयों में मुकदमा नहीं चल सकता और न अन्य न्यायिक कार्यवाही ही की जा सकती। कोई भी स्थानीय अधिकारी दूत की अनुमति के बिना उसके निवासस्थान अथवा कार्यालय में प्रवेश नहीं कर सकता। राजदूत को अपने देश से संपर्क स्थापन या संवादवहन की पूर्ण स्वतंत्रता है। दूतावास के कर्मचारियों और राजदूत के परिवार और वैयक्तिक सेवकों को भी राजनयिक विशिष्टाधिकार कुछ अंशों तक प्राप्त है। राजनयिक दौत्य की समाप्ति दोनों में से किसी राष्ट्र के शासन में क्रांतिकारी परिर्वतन, राष्ट्रों की अध्यक्षता में वैधानिक परिवर्तन होने पर, दोनों में से किसी राष्ट्र के अनुरोध पर अथवा दोनों देशों में युद्ध छिड़ जाने पर हो जाती है। दोनों देशों में गंभीर वैमनस्य होने पर विरोध प्रकट करने के लिए भी स्थायी अथवा अस्थायी रूप से दौत्य संबंध का विच्छेद कर दिया जाता है। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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