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आन्ध्र प्रदेश के राज्यपालों की सूची

सूची आन्ध्र प्रदेश के राज्यपालों की सूची

आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल नामक इस सूची में वर्ष १९५३ से आन्ध्र प्रदेश के राज्यपालों के नाम हैं। आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल का आधिकारिक निवास राजभवन है जो राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित है। .

14 संबंधों: ठाकुर राम लाल, नारायण दत्त तिवारी, मोहन लाल सुखाड़िया, रामेश्वर ठाकुर, राजभवन (आन्ध्र प्रदेश), राज्यपाल, शारदा मुखर्जी, शंकरदयाल शर्मा, सत्यवन्त मल्लान्नाह श्रीनागेश, हैदराबाद, आन्ध्र प्रदेश, इक्काडु श्रीनिवासन लक्ष्मी नरसिंहन, कुमुदबेन जोशी, कृष्ण कान्त

ठाकुर राम लाल

ठाकुर राम लाल (7 जुलाई 1929 - 6 जुलाई 2002) गांव बरथाटा, तहसील जुब्बल, जिला शिमला में पैदा हुए। 1951 में एसडी कालेज शिमला से स्नातक हुए। लॉ कालेज जालंधर से 1955 में इन्होंने एलएलबी पास की। 1957 से 1962 तक यह क्षेत्रीय परिषद के लिए चुने गए। वे 1957, 1962, 1967, 1977, 1980 और 1982 में जुब्बल-कोटखाई निर्वाचन क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए। वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने पर 28 जनवरी 1977 से 30 अप्रैल 1977 तक कार्यालय में बने रहे। वह 29 जून 1977 से 13 फ़रवरी 1980 तक हिमाचल प्रदेश विधान सभा में विपक्ष के नेता थे। वह फिर से 14 फ़रवरी 1980 को राज्य के मुख्यमंत्री बने और 7 अप्रैल 1983 तक पद पर बने रहे। बाद में वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में 15 अगस्त 1983 से 29 अगस्त 1984 तक पद पर बने रहे। उनका 6 जुलाई 2002 को शिमला में निधन हो गया। .

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नारायण दत्त तिवारी

नारायण दत्त तिवारी उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड (तब उत्तरांचल) के भूतपूर्व मुख्यमन्त्री हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं। .

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मोहन लाल सुखाड़िया

मोहनलाल सुखाड़िया (31 जुलाई 1916 – 2 फ़रवरी 1982) भारत के एक राजनेता थे। जन्म- 31 जुलाई, 1916, झालावाड़, राजस्थान; मृत्यु- 2 फ़रवरी, 1982, बीकानेर) राजस्थान के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों में से एक थे। उन्हें "आधुनिक राजस्थान का निर्माता" भी कहा जाता है। मोहन लाल सुखाड़िया सबसे लम्बे समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे थे। .

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रामेश्वर ठाकुर

रामेश्वर ठाकुर कर्नाटक, ओड़िशा और आन्ध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल थे। .

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राजभवन (आन्ध्र प्रदेश)

राजभवन हैदराबाद भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के राज्यपाल का आधिकारिक निवास है। यह राज्य की राजधानी हैदराबाद के सोमजीगुदा नामक इलाके में स्थित है। .

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राज्यपाल

राज्यपाल या गवर्नर (अंग्रेज़ी: governor) शासन करने वाले ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जो किसी देश के शासक के अधीन हो और उस देश के किसी भाग पर शासन कर रहा हो। संघीय देशों में संघ के राज्यों पर शासन कने वाले व्यक्तियों को अक्सर राज्यपाल का ख़िताब दिया जाता है। कुछ संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे गणतंत्रों में राज्यपाल सीधे उस राज्य की जनता द्वारा चुने जाते हैं और वह उस राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक अध्यक्ष होते हैं, जबकि भारत जैसे संसदीय गणतंत्रों में अक्सर राज्यपाल केन्द्रीय सरकार या शासक नियुक्त करती है और वह नाम मात्र का अध्यक्ष होता है (वास्तव में राज्य सरकार को चुना हुआ मुख्य मंत्री चलाता है, जो औपचारिक रूप से राज्यपाल के नीचे बतलाया जाता है)।, Nancy Harris, Heinemann-Raintree Classroom, 2007, ISBN 978-1-4034-9514-3,...

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शारदा मुखर्जी

शारदा मुखर्जी (जन्म 24 फ़रवरी 1919)) आंध्र प्रदेश और गुजरात की राज्यपाल रह चुकी हैं। .

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शंकरदयाल शर्मा

डॉ शंकरदयाल शर्मा (१९ अगस्त १९१८- २६ दिसंबर १९९९) भारत के नवें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २५ जुलाई १९९२ से २५ जुलाई १९९७ तक रहा। राष्ट्रपति बनने से पूर्व आप भारत के आठवे उपराष्ट्रपति भी थे, आप भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री (1952-1956) रहे तथा मध्यप्रदेश राज्य में कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में उन्होंने शिक्षा, विधि, सार्वजनिक निर्माण कार्य, उद्योग तथा वाणिज्य मंत्रालय का कामकाज संभाला था। केंद्र सरकार में वे संचार मंत्री के रूप में (1974-1977) पदभार संभाला। इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष (1972-1974) भी रहे। .

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सत्यवन्त मल्लान्नाह श्रीनागेश

जनरल सत्यवन्त मल्लान्नाह श्रीनागेश (11 मई 1903 – 27 दिसम्बर 1977), जिन्हें सामान्यतः एस एम श्रीनागेश के नाम से जाना जाता है, भारतीय थलसेना के तृतीय थलसेनाध्यक्ष थे जिनका इस पद पर कार्यकाल 14 मई 1955 से 7 मई 1957 तक रहा। उसके बाद १९५७ से १९६२ तक उन्हें भारतीय प्रशासनिक कॉलेज, हैदराबाद, हैदराबाद स्टेट के माननीय प्रधान के रूप में नियुक्त किया गया। सेवा निवृत्ति के पश्चात उन्होंने १४ अक्टूबर १९५९ से १२ नवम्बर १९६० तक और पुनः १३ जनवरी १९६१ से ७ सितम्बर १९६२ असम के राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया। ८ सितम्बर १९६२ से ४ मई १९६४ तक वो आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे एवं ४ मई १९६४ से २ अप्रैल १९६५ तक वे मैसूर के राज्यपाल रहे। .

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हैदराबाद

हैदराबाद (तेलुगु: హైదరాబాదు,उर्दू: حیدر آباد) भारत के राज्य तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी है, जो दक्कन के पठार पर मूसी नदी के किनारे स्थित है। प्राचीन काल के दस्तावेजों के अनुसार इसे भाग्यनगर के नाम से जाना जाता था। आज भी यह प्राचीन नाम अत्यन्त ही लोकप्रिय है। कहा जाता है कि किसी समय में इस ख़ूबसूरत शहर को क़ुतुबशाही परम्परा के पाँचवें शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने अपनी प्रेमिका भागमती को उपहार स्वरूप भेंट किया था, उस समय यह शहर भागनगर के नाम से जाना जाता था। भागनगर समय के साथ हैदराबाद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसे 'निज़ामों का शहर' तथा 'मोतियों का शहर' भी कहा जाता है। यह भारत के सर्वाधिक विकसित नगरों में से एक है और भारत में सूचना प्रौधोगिकी एवं जैव प्रौद्यौगिकी का केन्द्र बनता जा रहा है। हुसैन सागर से विभाजित, हैदराबाद और सिकंदराबाद जुड़वां शहर हैं। हुसैन सागर का निर्माण सन १५६२ में इब्राहीम कुतुब शाह के शासन काल में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है। चारमीनार, इस क्षेत्र में प्लेग महामारी के अंत की यादगार के तौर पर मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने १५९१ में, शहर के बीचों बीच बनवाया था। गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया यह शहर ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर है और भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी अलग अहमियत रखता है। निज़ामों के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं। अपने उन्नत इतिहास, संस्कृति, उत्तर तथा दक्षिण भारत के स्थापत्य के मौलिक संगम, तथा अपनी बहुभाषी संस्कृति के लिये भौगोलिक तथा सांस्कृतिक दोनों रूपों में जाना जाता है। यह वह स्थान रहा है जहां हिन्दू और मुसलमान शांतिपूर्वक शताब्दियों से साथ साथ रह रहे हैं। निजामी ठाठ-बाट के इस शहर का मुख्य आकर्षण चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालारजंग संग्रहालय आदि है, जो देश-विदेश इस शहर को एक अलग पहचान देते हैं। यह भारतीय महानगर बंगलौर से 574 किलोमीटर दक्षिण में, मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में तथा चेन्नई से 700 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। किसी समय नवाबी परम्परा के इस शहर में शाही हवेलियाँ और निज़ामों की संस्कृति के बीच हीरे जवाहरात का रंग उभर कर सामने आया तो कभी स्वादिष्ट नवाबी भोजन का स्वाद। इस शहर के ऐतिहासिक गोलकुंडा दुर्ग की प्रसिद्धि पार-द्वार तक पहुँची और इसे उत्तर भारत और दक्षिणांचल के बीच संवाद का अवसर सालाजार संग्रहालय तथा चारमीनार ने प्रदान किया है। वर्ष २०११ की जनगणना के अनुसार इस महानगर की जनसंख्या ६८ लाख से अधिक है। .

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आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

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इक्काडु श्रीनिवासन लक्ष्मी नरसिंहन

इक्काडु श्रीनिवासन लक्ष्मी नरसिंहन (जन्म १९४६) एक भारतीय राजनेता हैं जो आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल हैं। इससे पहले २००६ तक वह आसूचना ब्यूरो (इण्टॅलिजॅन्स ब्यूरो) के निदेशक थे और फिर २००७ से २०१० तक छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रहे। .

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कुमुदबेन जोशी

कुमुदबेन जोशी (पूरा नाम: कुमुदबेन मणिशंकर जोशी, जन्म: 1934) 26 नवम्बर 1985 से 7 फ़रवरी 1990 तक आन्ध्र प्रदेश की राज्यपाल रह चुकी हैं। ये शारदा मुखर्जी के बाद आन्ध्र प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल थी।.

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कृष्ण कान्त

कृष्ण कान्त पूर्व भारत के उपराष्ट्रपति थे। .

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