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जेनेटिक एल्गोरिद्म

सूची जेनेटिक एल्गोरिद्म

2006 में निर्मित नासा का अंतरिक्षयान एण्टेना (ST5): एण्टेना का यह जटिल आकार एक विकासात्मक एल्गोरिद्म का प्रयोग करके प्राप्त किया गया था। जेनेटिक एल्गोरिथ्म (GA) एक सर्च (खोज) तकनीक है जिसका उपयोग इष्टतमीकरण तथा खोजने की समस्याओं के लिए सटीक या सन्निकट हल प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह एल्गोरिद्म, अनेकों विकासात्मक कलनविधियों में से एक है। विकासात्मक कलनविधियाँ, विकासवाद तथा उससे सम्बन्धित अवधारणाओं (वंशागति, उत्परिवर्तन, चुनाव, तथा क्रासओवर आदि) तकनीकों के अनुसरण पर आधारित हैं। .

29 संबंधों: ऍल्गोरिथम, द्वयाधारी संख्या पद्धति, प्राकृतिक भाषा संसाधन, पूर्णांक, पॉप म्यूज़िक, बाइट, भौतिक शास्त्र, रसायन विज्ञान, रोबोट, सन्निकटन, समस्या, सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी, जनन, जनसंख्या, जैव सूचना विज्ञान, जीनोम, घोंसला, विनिर्माण, विकासशील जीव विज्ञान, विकासात्मक कलनविधि, व्यक्तिगत, खेल सिद्धांत, गणित, गुणसूत्र, इष्टतमकरण, कण दल इष्टतमीकरण, अभियान्त्रिकी, अर्थशास्त्र, उत्परिवर्तन

ऍल्गोरिथम

किसी गणितीय समस्या अथवा डाटा को कदम-ब-कदम इस प्रकार विश्लेषित करना जिससे कि वह कम्प्यूटर के लिये ग्राह्य बन सके और कम्प्यूटर उपलब्ध डाटा को प्रोग्राम मे लेकरगणितीय समस्या का उचित हल प्रस्तुत कर सके; एल्गोरिथ्म कहलाता है। वस्तुत: डाटा से वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिये कम्प्यूटर उसे संसाधित रूप मे ही ग्रहण कर सकता है। हम अपने जीवन मे जब भी किसी कार्य को करने की योजना बनाते है तो उसकी रूपरेखा अपने मस्तिष्क मे नियोजित कर लेते है। इसी रूपरेखा को विशिष्ट कार्यो के लिये विभिन्न चरणो को कागजो पर भी तैयार किया जाता है कि कार्य कैसे शुरू होगा, कब और कहां शुरू होगा, कैसे सम्पन्न होगा और कैसे पूर्ण होगा। इसी प्रकार कम्प्यूटर पर करने के लिये कोइ कार्य दिया जाता है तो प्रोग्रामर को उसकी पूर्ण रूपरेखा तैयार करनी होती है तथा कम्प्यूटर से बिना गलती कार्य करवाने के लिये किस क्रम से निर्देश दिये जाएंगे, यह तय करना होता है। अर्थात किसी कार्य को पूर्ण करने के लिये विभिन्न चरणो से गुजरना पडता है। जब समस्या के समाधान हेतु विभिन्न चरणो से क्रमबध्द करके लिखा जाये तो यह एल्गोरिथम कहलाता है।एल्गोरिथम के लिये इनपुट डाटा का होना आवश्यक नही है जबकि इससे किसी एक परिणाम पर पहुचने की उम्मीद की जाती है। इसमे दिये गए निर्देश समझने योग्य होने चाहिये। कम्प्यूटर से कोइ कार्य करवाने मे हमे बहुत सतर्क रहना पडता है। क्योंकि मनुष्य जब कोइ कार्य करता है तो उसके पास पूर्व अनुभव, सोचकर निर्णय लेने की क्षमता व स्वविवेक होता है जबकि कम्प्यूटर के पास यह सब नही होता, यह तो सब प्राप्त सूचनाओ के आधार पर ही कार्य करता है। अत: किसी कार्य को करने के लिये कम्प्यूटर को आवश्यक एवं सत्य तथ्य ही उपलब्ध कराये जाए। जब एल्गोरिथम को संकेतो द्वारा आरेखित किया जाता है तो आरेख क्रम निर्देशक या प्रवाह तालिका कहलाता है। इसी क्रम निर्देशक या प्रवाह तालिका के आधार पर प्रोग्राम तैयार होता है। ध्यान रखे: १-एल्गोरिथम मे दिये गए समस्त निर्देश सही एवं स्पष्ट अर्थ के होने चाहिये। २-प्रत्येक निर्देश एसा होना चाहिये कि जिसका अनुपालन एक निश्चित समय मे किया जा सके। ३-कोइ एक अथवा कै निर्देश ऎसे ना हो जो अन्त तक दोहराये जाते रहे। यह सुनिश्चित करे कि एल्गोरिथम का अन्तत: समापन हो। ४-सभी निर्देशो के अनुपालन के पश्चात, एल्गोरिथम के समापन पर वाछित परिणाम अवश्य प्राप्त होने चाहिये। ५-किसी भी निर्देश का क्रम बदलने अथवा किसी निर्देश के पीछे छूटने पर एक्गोरिथम के समापन पर वांछित परिणाम प्राप्त नही होंगे। उदाहरण: मान लिजिये आपको १ से ५० के मध्य की सभी संख्याओ का योग ज्ञात करने के लिये एल्गोरिथम बनाने के लिये दिया गया है। यह निम्न प्रकार बनेगा:-- step 1:A.

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द्वयाधारी संख्या पद्धति

द्वयाधारी संख्या पद्धति (दो नम्बर का सिस्टम या binary numeral system; द्वयाधारी .

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प्राकृतिक भाषा संसाधन

स्वचालित ऑनलाइन सहायक आजकल बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। प्राकृतिक भाषा संसाधन (एनएलपी) कम्प्यूटर विज्ञान, कृत्रिम बुद्धि तथा भाषा विज्ञान का एक क्षेत्र है तथा मानव (प्राकृतिक) भाषाओं और कंप्यूटर के अन्तःक्रियाओं से सम्बन्धित है। प्राकृतिक भाषा संसाधन, कम्प्यूटर के द्वारा, मानव द्वारा कही या लिखी भाषा से अर्थ निकालने का काम करता है। इसके अलावा प्राकृतिक भाषा का सृजन (लिखित या वाचित रूप में) करने के लिए भी एनएलपी प्रयुक्त होता है। .

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पूर्णांक

right पूर्ण संख्या धनात्मक प्राकृतिक संख्या, ऋणात्मक प्राकृतिक संख्या तथा शून्य के समूह को कहते हैं जैसे -2,-1,0,1,2 श्रेणी:गणित पूर्णांक श्रेणी:बीजीय संख्या सिद्धान्त.

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पॉप म्यूज़िक

पॉप म्यूज़िक या पॉप संगीत (यह शब्द मूलतः 'पॉप्यूलर' यानी "लोकप्रिय" शब्द से निकला है) को आमतौर पर युवाओं के बाजार के अनुकूल और व्यावसायिक तौर पर रिकॉर्ड किये गए संगीत के रूप में समझा जाता है; इसमें अपेक्षाकृत छोटे और साधारण गाने शामिल होते हैं और नवीन तकनीक का इस्तेमाल कर मौजूदा धुनों को नए तरीके से पेश किया जाता है। पॉप म्यूज़िक में लोकप्रिय संगीत के अधिकांश रूपों के प्रभाव को देखा जा सकता है, लेकिन एक शैली के तौर पर ये विशेष रूप से रॉक एंड रोल और रॉक स्टाइल के बाद के रूपों से संबंधित है। .

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बाइट

बाइट संगणन व दूरसंचार में सूचना की इकाई होता है। यह ८ बिट से मिलकर बना होता है। बाइट कंप्यूटर की स्मृति में एक अक्षर द्वारा ली जाने वाली जगह को कह्ते है। ये कंप्यूटर स्मृति की दूसरी सबसे छोटी इकाई होती है। १ बाइट में ८ बिट के बराबर जगह होती है। १ बिट या १ अक्षर (० अथवा १) से मिलकर बना होता है। ये द्विधारी संख्या पद्द्ति में अक्षर को लिखने के लिये होता है। १ बिट में आंकडे ० या १ के जोडे में होते हैं। ये जोडे निम्नलिखित में से कोई एक होते हैं। ०१, ००, ११, १० चुंकि कंप्यूटर की स्मृति में आंकडों को विद्दुत संकेतों कि तरह लिखा जाता है इसलिये यहॉं द्विधारी संख्या पद्द्ति का इस्तेमाल होता है। अक्षरों को विद्दुत संकेतों के रूप में दर्शाने के लिये ० या १ का उपयोग होता है। ० और १ विद्दुत संकेत होते हैं। इन्हें गणित कि संख्या ना समझें। १ बाइट .

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भौतिक शास्त्र

भौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु १८७० ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। .

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रसायन विज्ञान

300pxरसायनशास्त्र विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। इसका शाब्दिक विन्यास रस+अयन है जिसका शाब्दिक अर्थ रसों (द्रवों) का अध्ययन है। यह एक भौतिक विज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं, अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या प्रयुक्त हुए ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। संक्षेप में रसायन विज्ञान रासायनिक पदार्थों का वैज्ञानिक अध्ययन है। पदार्थों का संघटन परमाणु या उप-परमाण्विक कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से हुआ है। रसायन विज्ञान को केंद्रीय विज्ञान या आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे, खगोलविज्ञान, भौतिकी, पदार्थ विज्ञान, जीवविज्ञान और भूविज्ञान को जोड़ता है। .

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रोबोट

एक कारखाने में चीजों को उठाने और सही स्थान पर रखने वाला रोबोट रोबोट एक आभासी (virtual) या यांत्रिक (mechanical)कृत्रिम (artificial) एजेंट है व्यवहारिक रूप से, यह प्रायः एक विद्युत यांत्रिकी निकाय (electro-mechanical system) होता है, जिसकी दिखावट और गति ऐसी होती है की लगता है जैसे उसका अपना एक इरादा (intent) और अपना एक अभिकरण (agency) है।रोबोट शब्द भौतिक रोबोट और आभासी (virtual) सॉफ्टवेयर एजेंट (software agent), दोनों को ही प्रतिबिंबित करता है लेकिन प्रायः आभासी सॉफ्टवेयर एजेंट को बोट्स (bots) कहा जाता है। ऐसी कोई भी सर्वसम्मति नहीं बन पाई है की मशीन रोबोटों के रूप में योग्य हैं, लेकिन एक विशेषज्ञों और जनता के बीच आम सहमति है कि कुछ या सभी निम्न कार्य कर सकता है जैसे: घूमना, यंत्र या कल सम्बन्धी अवयव को संचालित करना, वातावरण की समझ और उसमें फेर बदल करना और बुद्धिमानी भरे व्यवहार को प्रधार्षित करना जो की मानव और पशुओं के व्यवहारों की नक़ल करना। कृत्रिम सहायकों और साथी की कहानिया और और उन्हें बनाने के प्रयास का एक लम्बा इतिहास है लेकिन पूरी तरह से स्वायत्त (autonomous) मशीने केवल 20 वीं सदी में आए डिजिटल (digital) प्रणाली से चलने वाला प्रोग्राम किया हुआ पहला रोबोट युनिमेट (Unimate), १९६१ में ठप्पा बनाने वाली मशीन से धातु के गर्म टुकड़ों को उठाकर उनके ढेर बनाने के लिए लगाया गया था। आज, वाणिज्यिक और औद्योगिक रोबोट (industrial robot) व्यापक रूप से सस्ते में और अधिकसे अधिक सटीकता और मनुष्यों की तुलना में ज्यादा विश्वसनीयता के साथ प्रयोग में आ रहे हैं उन्हें ऐसे कार्यों के लिए भी नियुक्त किया जाता है जो की मानव लिहाज़ से काफी खतरनाक, गन्दा और उबाऊ कार्य होता है रोबोट्स का प्रयोग व्यापक रूप से विनिर्माण (manufacturing), सभा और गठरी लादने, परिवहन, पृथ्वी और अन्तरिक्षीय खोज, सर्जरी, हथियारों के निर्माण, प्रयोगशाला अनुसंधान और उपभोक्ता और औद्योगिक उत्पादन के लिए किया जा रहा है आमतौर पर लोगों का जिन रोबोटों से सामना हुआ है उनके बारे में लोगों के विचार सकारात्मक हैं घरेलू रोबोट (Domestic robot) सफाई और रखरखाव के काम के लिए घरों के आस पास आम होते जा रहे हैंबहरहाल रोबोटिक हथियारों और स्वचालन के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता बनी हुई है, ऐसी चिंता जिसका समाधान लोकप्रिय मनोरंजन में वर्णित खलनायकी, बुद्धिमान, कलाबाज़ रोबोट के सहारे नहीं होता अपने काल्पनिक समकक्षों की तुलना में असली रोबोट्स अभी भी सौम्य, मंद बुद्धि और स्थूल हैं .

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सन्निकटन

किसी भी चीज के परिमाण को ठीक-ठीक (exact) मान के निकट के किसी मान के रूप में अभिव्यक्त करने को सन्निकटन (approximation) कहते हैं। इसे प्राय: ≈ चिंह द्वारा निरूपित किया जाता है। सन्निकटन उतना ही करना चाहिये कि सन्निकटन के बावजूद राशि का परिमाण उपयोगी बना रहे। .

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समस्या

बाधा, कठिनाई या चुनौती को समस्या कहते हैं। या ऐसी स्थिति जिसमें व्यक्ति सुल्झाने का प्रयत्न करता है।.

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सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी

सॉफ्टवेयर अभियान्त्रिकी (Software Engineering) अभियान्त्रिकी कि वह शाखा है जिसमे संगणक के सॉफ्टवेयर एवं संचालन प्रणाली की डिजाइन, रचना, विकास, परीक्षण तथा रखरखाव आदि का अध्ययन किया जाता है। .

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जनन

जनन (Reproduction) द्वारा कोई जीव (वनस्पति या प्राणी) अपने ही सदृश किसी दूसरे जीव को जन्म देकर अपनी जाति की वृद्धि करता है। जन्म देने की इस क्रिया को जनन कहते हैं। जनन जीवितों की विशेषता है। जीव की उत्पत्ति किसी पूर्ववर्ती जीवित जीव से ही होती है। निर्जीव पिंड से सजीव की उत्पत्ति नहीं देखी गई है। संभवत: विषाणु (Virus) इसके अपवाद हों (देखें, स्वयंजनन, Abiogenesis)। जनन के दो उद्देश्य होते हैं एक व्यक्तिविशेष का संरक्षण और दूसरा जाति की शृंखला बनाए रखना। दोनों का आधार पोषण है। पोषण से ही संरक्षण, वृद्धि और जनन होते हैं। जीवधारियों के अंतअंतहेलनस्पति और प्राणी दोनों आते हैं। दोनों में ही जैविक घटनाएँ घटित होती है। दोनों की जननविधियों में समानता है, पर सूक्ष्म विस्तार में अंतर अवश्य है। अत: उनका विचार अलग अलग किया जा रहा है। .

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जनसंख्या

1994 में विश्व की जनसंख्या का वितरण. विश्व की कुल जनसँख्या में एक अरब लोगों के जुड़ने में लगने वाला समय. (जिसमें भविष्य की गणना भी शामिल है) वैकल्पिक चार्ट भी देखें. जीव विज्ञान में, विशेष प्रजाति के अंत: जीव प्रजनन के संग्रह को जनसंख्या कहते हैं; समाजशास्त्र में इसे मनुष्यों का संग्रह कहते हैं। जनसँख्या के अन्दर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति कुछ पहलू एक दुसरे से बांटते हैं जो कि सांख्यिकीय रूप से अलग हो सकता है, लेकिन अगर आमतौर पर देखें तो ये अंतर इतने अस्पष्ट होते हैं कि इनके आधार पर कोई निर्धारण नहीं किया जा सकता.

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जैव सूचना विज्ञान

बायो इन्फार्मेटिक्स मानव जीनोम का चित्रण जैवप्रौद्योगिकी की सबसे बड़ी उपलब्धि है इन्फ्लुएन्जा के विषाणु का प्रारूप (मॉडल) जैवसूचनाविज्ञान (Bioinformatics) जीव विज्ञान की एक शाखा है। बायोइंफॉर्मैटिक्स या जैव सूचना विज्ञान, जीव विज्ञान का एक नया क्षेत्र है, जिसके अन्तर्गत जैव सूचना का अर्जन, भंडारण, संसाधन, विश्लेषण, वितरण, व्याख्याआदि कार्य आते हैं। इस कार्य में जीव विज्ञान, सूचना तकनीक तथा गणित की तकनीकें उपयोग में लाई जातीं हैं। हम यहाँ भी कहा सकते है की यह कंप्यूटर और सूचना तकनिकी विज्ञान का मेल है इसके माध्यम से खासतौर पर किसी पौधे के जीन्स में किस प्रकार के परिवर्तन करना, जानलेवा बीमारी के लिए उत्तरदायी जीन्स समूह का पता करना, औषधि निर्माण में सहायता आदि में किया जाता है। जैव सूचना विज्ञान इस विषय की स्थापना के बारे में पाउलिन होगेवेग और बेन हेस्पर ने वर्ष 1978 को विचार किया और दुनिया के सामने बायोइन्फार्मेटिक्स विषय लाए। वर्तमान में कम्प्यूटर की पैटर्न रिकॉगनेशन, डाटा माइनिंग, मशीन लर्निंग अलगोरिद्मस व विजुअलाइजेशन से संबंधित एप्लिकेशंस का प्रयोग किया जा रहा है। इसके माध्यम से जीन खोजना, जिनोम असेंबली, ड्रग डिजाइन, ड्रग डिस्कवरी, प्रोटीन स्ट्रक्चर अलाइनमेंट, प्रोटीन स्ट्रक्चर प्रिडिक्शन आदि क्षेत्रों में इसका प्रयोग किया जा रहा है। बायोइन्फार्मेटिक्स अथवा कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी मालिक्यूलर बायोलॉजी के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग अथवा बायोलॉजिकल डाटा के प्रबंधन एवं विश्लेषण हेतु कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी का अनुप्रयोग है। इसमें कम्प्यूटर का उपयोग बायोलॉजिकल आंकड़ों के संकलन, भंडारण, विश्लेषण तथा संयोजन के लिए किया जाता है। यह एक उभरता हुआ इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च क्षेत्र है तथा जिंदगी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इसका उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। बायोइन्फार्मेटिक्स का अंतिम लक्ष्य शृंखला, संरचना साहित्य तथा अन्य बायोलॉजिकल आंकड़ों में छिपी जैविक सूचनाओं को उजागर कर उसे मानव जीवन के स्तर को ऊपर उठाने के लिए उपयोग में लाना है। .

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जीनोम

किसी भी जीव के डी एन ए में विद्यमान समस्त जीनों का अनुक्रम संजीन या जीनोम (Genome) कहलाता है। मानव जीनोम में अनुमानतः 80,000-1,00,000 तक जीन होते हैं। .

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घोंसला

टोकरी के आकार का घोंसला घोंसला एक प्राणी विशेष तौर पर एक पक्षी का शरण स्थल है जहां पर यह अंडे देते हैं, रहते हैं और अपनी संतानो को पालते हैं। एक घोंसला आमतौर पर कार्बनिक सामग्री जैसे टहनी, घास और पत्ती; आदि से बना होता है पर, कभी कभी यह जमीन में एक गड्ढा़, पेड़ का कोटर, चट्टान या इमारत में छेद के रूप मे भी हो सकता है। मानव निर्मित धागे, प्लास्टिक, कपड़े, बाल या कागज जैसे पदार्थों का इस्तेमाल भी प्राणी घोंसला बनाने मे करते हैं। आमतौर पर प्रत्येक प्रजाति के घोंसले की एक विशिष्ट शैली होती है। घोंसलों को कई अलग अलग पर्यावासों में पाया जा सकता है। यह् मुख्यतः पक्षियों द्वारा बनाये जाते हैं पर स्तनधारी जन्तु (जैसे गिलहरी), मछली, कीट और सरीसृप भी घोंसलों का निर्माण करते हैं। .

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विनिर्माण

उत्पाद का जीवनचक्र मशीनों, औजारों और श्रम का उपयोग करके सामान बनाने की क्रिया को विनिर्माण (Manufacturing) कहते हैं। विनिर्मित सामान स्वयं प्रयोग के लिये हो सकते हैं, या बेचने के लिये। विनिर्माण के अन्तर्गत हस्तकला से लेकर उच्च तकनीकी तक बहुत सी मानवी गतिविधियाँ आ जाती हैं किन्तु इस शब्द का उपयोग प्रायः औद्योगिक उत्पादन के अर्थ में किया जाता है जिसमें कच्चा माल बड़े पैमाने पर तैयार माल में बदला जाता है। विनिर्माण से तैयार माल उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग किया जा सकता है या इसका प्रयोग अधिक जटिल वस्तुओं के विनिर्माण में किया जा सकता है। .

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विकासशील जीव विज्ञान

विकासशील जीव विज्ञान जीव विज्ञान की एक शाखा है।.

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विकासात्मक कलनविधि

विकासात्मक कलनविधियाँ (इवोलुशनरी एल्गोरिद्म्स) इष्टतमीकरण की कलनविधियाँ हैं जो विकासवाद तथा उससे सम्बन्धित अवधारणाओं (वंशागति, उत्परिवर्तन, चुनाव, तथा क्रासओवर आदि) तकनीकों के अनुसरण पर आधारित हैं। जेनेटिक एल्गोरिथ्म (GA) उनमें से एक है। .

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व्यक्तिगत

व्यक्तिगत का अर्थ निजी होता है।.

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खेल सिद्धांत

खेल सिद्धांत या गेम थ्योरी (game theory) व्यवहारिक गणित की एक शाखा है जिसका प्रयोग समाज विज्ञान, अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान, इंजीनियरिंग, राजनीति विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, कम्प्यूटर साइंस और दर्शन में किया जाता है। खेल सिद्धांत कूटनीतिक परिस्थितियों में (जिसमें किसी के द्वारा विकल्प चुनने की सफलता दूसरों के चयन पर निर्भर करती है) व्यवहार को बूझने का प्रयास करता है। यूँ तो शुरू में इसे उन प्रतियोगिताओं को समझने के लिए विकसित किया गया था जिनमें एक व्यक्ति का दूसरे की गलतियों से फायदा होता है (ज़ीरो सम गेम्स), लेकिन इसका विस्तार ऐसी कई परिस्थितियों के लिए करा गया है जहाँ अलग-अलग क्रियाओं का एक-दूसरे पर असर पड़ता हो। आज, "गेम थ्योरी" समाज विज्ञान के तार्किक पक्ष के लिए एक छतरी या 'यूनीफाइड फील्ड' थ्योरी की तरह है जिसमें 'सामाजिक' की व्याख्या मानव के साथ-साथ दूसरे खिलाड़ियों (कम्प्युटर, जानवर, पौधे) को सम्मिलित कर की जाती है। गेम थ्योरी के पारंपरिक अनुप्रयोगों में इन गेमों में साम्यावस्थाएं खोजने का प्रयास किया जाता है। साम्यावस्था में गेम का प्रत्येक खिलाड़ी एक नीति अपनाता है जो वह संभवतः नहीं बदलता है। इस विचार को समझने के लिए साम्यावस्था की कई सारी अवधारणाएं विकसित की गई हैं (सबसे प्रसिद्ध नैश इक्विलिब्रियम)। साम्यावस्था के इन अवधारणाओं की अभिप्रेरणा अलग-अलग होती है और इस बात पर निर्भर करती है कि वे किस क्षेत्र में प्रयोग की जा रहीं हैं, हालाँकि उनके मायने कुछ हद तक एक दूसरे में मिले-जुले होते हैं और मेल खाते हैं। यह पद्धति आलोचना रहित नहीं है और साम्यावस्था की विशेष अवधारणाओं की उपयुक्तता पर, साम्यवास्थाओं की उपयुक्तता पर और आमतौर पर गणितीय मॉडलों की उपयोगिता पर वाद-विवाद जारी रहते हैं। हालाँकि इसके पहले ही इस क्षेत्र में कुछ विकास चुके थे, गेम थ्योरी का क्षेत्र जॉन वॉन न्युमन्न और ऑस्कर मॉर्गनस्टर्न की 1944 की पुस्तक थ्योरी ऑफ गेम्स ऐंड इकोनोमिक बिहेविअर के साथ आस्तित्व में आया। इस सिद्धांत का विकास बड़े पैमाने पर 1950 के दशक में कई विद्वानों द्वारा किया गया। बाद में गेम थ्योरी स्पष्टतया 1970 के दशक में जीव विज्ञान में प्रयुक्त किया गया, हालाँकि ऐसा 1930 के दशक में ही शुरू हो चुका था। गेम थ्योरी की पहचान व्यापक रूप से कई क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में की गई है। आठ गेम थ्योरिस्ट्स अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं और जॉन मेनार्ड स्मिथ को गेम थ्योरी के जीव विज्ञान में प्रयोग के लिए क्रफूर्ड पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

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गुणसूत्र

गुण सूत्र का चित्र १ क्रोमेटिड २ सेन्ट्रोमियर ३ छोटी भुजा ४ लम्बी भुजा गुणसूत्र या क्रोमोज़ोम (Chromosome) सभी वनस्पतियों व प्राणियों की कोशिकाओं में पाये जाने वाले तंतु रूपी पिंड होते हैं, जो कि सभी आनुवांशिक गुणों को निर्धारित व संचारित करते हैं। प्रत्येक प्रजाति में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित रहती हैं। मानव कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या ४६ होती है जो २३ के जोड़े में होते है। इनमे से २२ गुणसूत्र नर और मादा में समान और अपने-अपने जोड़े के समजात होते है। इन्हें सम्मिलित रूप से समजात गुणसूत्र (Autosomes) कहते है। २३वें जोड़े के गुणसूत्र स्त्री और पुरूष में समान नहीं होते जिन्हे विषमजात गुणसूत्र (heterosomes) कहते है। .

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इष्टतमकरण

परवलयज का अधिकतम बिन्दु गणित में अभीष्टीकरण या इष्टतमकरण (optimization) उन गणितीय समस्याओं के अध्ययन को कहते हैं जिनमें किसी वास्तविक फलन (real function) का मान अधिकतम या न्यूनतम करने की चेष्टा की जाती है। इसके लिये उचित विधियों का सहारा लेते हुए, उस फलन में निहित वास्तविक चरों या पूर्णांक चरों का मान इस प्रकार चुना जाता है कि उस फलन का मान अधिकतम या न्यूनतम (अभीष्टतम् / optimum) हो जाय। इसके साथ यह भी आवश्यक है कि ये चर एक दिये हुए डोमेन (या समुच्चय) में से हों; दूसरे शब्दों में, ये चर कुछ अन्य दी हुई शर्तों का पालन भी करना चाहिये (जैसे x particularly in automated reasoning)।.

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कण दल इष्टतमीकरण

संगणक विज्ञान तथा गणित के क्षेत्र में कण दल इष्टतमीकरण (particle swarm optimization (PSO)) इष्टतमीकरण की एक विधि है। .

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अभियान्त्रिकी

लोहे का 'कड़ा' (O-ring): कनाडा के इंजिनियरों का परिचय व गौरव-चिह्न सन् 1904 में निर्मित एक इंजन की डिजाइन १२ जून १९९८ को अंतरिक्ष स्टेशन '''मीर''' अभियान्त्रिकी (Engineering) वह विज्ञान तथा व्यवसाय है जो मानव की विविध जरूरतों की पूर्ति करने में आने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करता है। इसके लिये वह गणितीय, भौतिक व प्राकृतिक विज्ञानों के ज्ञानराशि का उपयोग करती है। इंजीनियरी भौतिक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है; औद्योगिक प्रक्रमों का विकास एवं नियंत्रण करती है। इसके लिये वह तकनीकी मानकों का प्रयोग करते हुए विधियाँ, डिजाइन और विनिर्देश (specifications) प्रदान करती है। .

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अर्थशास्त्र

---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.

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उत्परिवर्तन

जीन डी एन ए के न्यूक्लियोटाइडओं का ऐसा अनुक्रम है, जिसमें सन्निहित कूटबद्ध सूचनाओं से अंततः प्रोटीन के संश्लेषण का कार्य संपन्न होता है। यह अनुवांशिकता के बुनियादी और कार्यक्षम घटक होते हैं। यह यूनानी भाषा के शब्द जीनस से बना है। क्रोमोसोम पर स्थित डी.एन.ए. (D.N.A.) की बनी अति सूक्ष्म रचनाएं जो अनुवांशिक लक्षणें का धारण एंव एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरण करती हैं, उन्हें जीन (gene) कहते हैं। जीन आनुवांशिकता की मूलभूत शारीरिक इकाई है। यानि इसी में हमारी आनुवांशिक विशेषताओं की जानकारी होती है जैसे हमारे बालों का रंग कैसा होगा, आंखों का रंग क्या होगा या हमें कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। और यह जानकारी, कोशिकाओं के केन्द्र में मौजूद जिस तत्व में रहती है उसे डीऐनए कहते हैं। जब किसी जीन के डीऐनए में कोई स्थाई परिवर्तन होता है तो उसे उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) कहा जाता है। यह कोशिकाओं के विभाजन के समय किसी दोष के कारण पैदा हो सकता है या फिर पराबैंगनी विकिरण की वजह से या रासायनिक तत्व या वायरस से भी हो सकता है। प्रकृति के परिवर्तन में आण्विक डीएनए म्यूटेशन हो सकता है या नहीं कर सकते मापने में परिवर्तन के परिणामस्वरूप एक जावक जीव की उपस्थिति या कार्य है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

आनुवंशिक एल्गोरिथ्म

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