हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
निवर्तमानआने वाली
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

आदित्यवर्धन

सूची आदित्यवर्धन

आदित्यवर्धन थानेश्वर के पुष्यभूति वंश का राजा एंव कंठ (थानेश्वर) के राजवंश के प्रतिष्ठाता नरवर्धन का पौत्र था। आदित्यवर्धन ने मगधराज दामोदर गुप्त की पुत्री महासेना गुप्ता से विवाह किया जिससे वर्धनों की मर्यादा बढ़ी। आदित्यवर्धन के संबंध में इससे अधिक कुछ पता नहीं। उसके बाद उसका पुत्र प्रभाकरवर्धन थानेश्वर का राजा हुआ। विद्वानों का अनुमान है कि आदित्यवर्धन ने छठी शताब्दी के अंत में राज किया था.

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: थानेसर, पुष्यभूति राजवंश, प्रभाकरवर्धन

थानेसर

थानेसर या थानेश्वर (स्थानीश्वर) हरियाणा का ऐतिहासिक नगर एवं हिन्दुओं का तीर्थ है। यह सरस्वती घग्गर नदी के तट पर स्थित है।यह नगर कुरुक्षेत्र जिले में दिल्ली से १६० किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित है। कुरुक्षेत्र का शहरी सीमा अब थानेसर से मिल गयी है।1014 में महमूद गजनवी ने थानेश्वर में लूटपाट की और चक्रस्वामी की मूर्ति तोड़कर मन्दिर को भारी नुकसान पहुँचाया .

देखें आदित्यवर्धन और थानेसर

पुष्यभूति राजवंश

पुष्यभूति राजवंश या वर्धन राजवंश ने भारत के उत्तरी भाग में ६ठी तथा ७वीं शताब्दी में शासन किया। इस वंश का सबसे प्रतापी तथा अन्तिम राजा हर्षवर्धन हुआ जिसके शासन काल में यह वंश अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा। भारत का अधिकांश उत्तरी तथा पश्चिमोत्तर भाग इस समय हर्ष के साम्राज्य के अन्तर्गत था। पूर्व में यह साम्राज्य कामरूप तक फैला हुआ था तथा दक्षिण में नर्मदा नदी तक। कन्नौज इनकी राजधानी थी। इस वंश का शासन ६४७ ई तक रहा।International Dictionary of Historic Places: Asia and Oceania by Trudy Ring, Robert M.

देखें आदित्यवर्धन और पुष्यभूति राजवंश

प्रभाकरवर्धन

प्रभाकरवर्धन थानेश्वर का राजा था, जो पुष्यभूति वंश का था और छठी शताब्दी के अंत में राज्य करता था। प्रभाकरवर्धन की माता गुप्त वंश की राजकुमारी महासेनगुप्त नामक स्त्री थी।अपने पड़ोसी राज्यों, मालव, उत्तर-पश्चिमी पंजाब के हूणों तथा गुर्जरों के साथ युद्ध करके प्रभाकरवर्धन ने काफ़ी प्रतिष्ठा प्राप्त की थी।अपनी पुत्री राज्यश्री का विवाह प्रभाकरवर्धन ने कन्नौज के मौखरि राजा गृहवर्मन से किया था। प्रभाकरवर्धन की मृत्यु 604 ई.

देखें आदित्यवर्धन और प्रभाकरवर्धन