यह एक आदर्शवादी निगमनात्मक सिद्धांत है। जिसमें सकल साधारणीकरण की प्रक्रिया से औद्योगिक अवस्थितिकी तथा अनुकूलतम अवस्थिती के आधार पर अधिकतम लाभ प्राप्ति को परिकल्पित किया गया है। 1909 में यह है दक्षिण जर्मनी के औद्योगिक केंद्रों की अवस्थिति की के अध्ययन पर आधारित सिद्धांत है जो स्थानिक विश्लेषण एवं तंत्र उपागम का एक अनुपम उदाहरण है सिद्धांत की निम्नलिखित आधार है। 1.
0 संबंधों।