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आइन-ए-अकबरी

सूची आइन-ए-अकबरी

अकबर का दरबार, अकबरनामा की पाण्डुलिपि में दिखाया गया एक चित्र आइन-ए-एकबरी (अर्थ:अकबर के संस्थान), एक १६वीं शताब्दी का ब्यौरेवार ग्रन्थ है। इसकी रचना अकबर के ही एक नवरतन दरबारी अबुल फज़ल ने की थी। इसमें अकबर के दरबार, उसके प्रशासन के बारे में चर्चा की गई है। इसके तीन ख्ण्ड हैं, जिनमें अंतिम खंड अकबरनामा (اکبر نامه), के नाम से है। ये खंड स्वयं तीन प्रखंडों में है। .

4 संबंधों: अबुल फजल, अकबर के नवरत्न, अकबरनामा, १६वीं शताब्दी

अबुल फजल

परिचय – अबुल फजल का पुरा नाम अबुल फजल इब्न मुबारक था। इसका संबंध अरब के हिजाजी परिवार से था। इसका जन्म 14 जनवरी 1551 में हुआ था। इसके पिता का नाम शेक मुबारक था। अबुल फजल ने अकबरनामा एवं आइने अकबरी जैसे प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की। प्रारंभिक जीवन – अबुल फजल का पुरा परिवार देशांतरवास कर पहले ही सिंध आ चुका था। फिर हिन्दुस्तान के राजस्थान में अजमेर के पास नागौर में हमेशा के लिए बस गया। इसका जन्म आगरा में हुआ था। अबुल फजल बचपन से ही काफी प्रतिभाशाली बालक था। उसके पिता शेख मुबारक ने उसकी शिक्षा की अच्छी व्यवस्था की शीध्र ही वह एक गुढ़ और कुशल समीक्षक विद्वान की ख्याति अर्जित कर ली। 20 वर्ष की आयु में वह शिक्षक बन गया। 1573 ई. में उसका प्रवेश अकबर के दरबार में हुआ। वह असाधारण प्रतिभा, सतर्क निष्ठा और वफादारी के बल पर अकबर का चहेता बन गया। वह शीध्र अकबर का विश्वासी बन गया और शीध्र ही प्रधानमंत्री के ओहदे तक पहुँच गया। अबुल फजल का इतिहास लेखन – वह एक महान राजनेता, राजनायिक और सौन्य जनरल होने के साथ–साथ उसने अपनी पहचान एक लेखक के रूप ने भी वह भी इतिहास लेखक के रूप में बनाई। उसने इतिहास के परत-दर-परत को उजागर का लोगों के सामने लाने का प्रयास किया। खास कर उसका ख्याति तब और बढ़ जाती है जब उसने अकबरनामा और आईने अकबरी की रचना की। उसने भारतीय मुगलकालीन समाज और सभ्यता को इस पुस्तक के माध्यम से बड़े ही अच्छे तरीके से वर्णन किया है। श्रेणी:सिन्धी लोग श्रेणी:भारतीय इतिहासकार श्रेणी:1551 में जन्मे लोग श्रेणी:१६०२ में निधन श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अकबर के नवरत्न

अकबर के नवरत्न: टोडरमल, तानसेन, अबुल फजल, फैजी, अब्दुल रहीम भारत का महान मुगल बादशाह अकबर स्वयं निरक्षर होते हुए भी इतिहासज्ञों, चित्रकारों, सुलेख लिखने वाले केलिग्राफिस्ट, विचारकों, धर्म-गुरुओं, कलाकारों एवं बुद्धिजीवियो का विशेष प्रेमी था। कहा जाता है अकबर के दरबार में ऐसे नौ (९) गुणवान दरबारी थे जिन्हें कालांतर में अकबर के नवरत्न के नाम से भी जाना गया। .

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अकबरनामा

अकबरनामा का शाब्दिक अर्थ है अकबर की कहानी | इसे अबुल फजल जो की अकबर के दरबारी ने लिखा है। इसमे अकबर के जीवन काल की सुंदर व्याख्या है। श्रेणी:अकबर श्रेणी:मुगल श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:चित्र जोड़ें अकबरनामा 3 जिल्दो में प्राप्त होता है जिसमें तीसरा अत्यंत महत्वपूर्ण है जो आईने अकबरी के नाम से प्रसिद्ध है.

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१६वीं शताब्दी

१६वीं शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। शताब्दी, १६वीं.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

आईने अकबरी, आइने अकबरी

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