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अवशेष प्रमेय

सूची अवशेष प्रमेय

अवशेष प्रमेय सम्मिश्र विश्‍लेषण में गणित का एक क्षेत्र है जिसे कौशी अवशेष प्रमेय भी कहा जाता है जो कि बन्द वक्र में विश्लेषणात्मक फलनों का रेखा समाकल ज्ञात करने के लिए बहुत उपयोगी है; यह वास्तविक समाकल ज्ञात करने के लिए भी बहुत सहायक है। यह कौशी समाकल प्रमेय और कौशी समाकल सूत्र का व्यापकीकृत रूप है। ज्यामितीय परिप्रेक्ष्य से यह व्यापकीकृत स्टोक्स प्रमेय की विशेष अवस्था है। कथन का चित्रण। इसका कथन निम्न प्रकार है: माना U सम्मिश्र समतल में एकशः सम्बद्ध विवृत उपसमुच्चय है और a1,...,an, U पर परिमित बिन्दु हैं और f एक फलन है जो U \ पर परिभाषित और होलोमार्फिक है। यदि γ, U में चापकलनीय वक्र है जो कहीं भी ak से नहीं मिलता और इसका आरम्भिक बिन्दु ही इसका अन्तिम बिन्दु है, तो 2\pi i \sum_^n \operatorname(\gamma, a_k) \operatorname(f, a_k).

7 संबंधों: फलन, सम्मिश्र विश्लेषण, स्टोक्स प्रमेय, होलोमार्फिक फलन, विश्लेषणात्मक फलन, कौशी समाकल प्रमेय, कौशी समाकल सूत्र

फलन

''X'' के किसी सदस्य का ''Y'' के केवल एक सदस्य से सम्बन्ध हो तो वह फलन है अन्यथा नहीं। ''Y''' के कुछ सदस्यों का '''X''' के किसी भी सदस्य से सम्बन्ध '''न''' होने पर भी फलन परिभाषित है। गणित में जब कोई राशि का मान किसी एक या एकाधिक राशियों के मान पर निर्भर करता है तो इस संकल्पना को व्यक्त करने के लिये फलन (function) शब्द का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिये किसी ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज की राशि मूलधन, समय एवं ब्याज की दर पर निर्भर करती है; इसलिये गणित की भाषा में कह सकते हैं कि चक्रवृद्धि ब्याज, मूलधन, ब्याज की दर तथा समय का फलन है। स्पष्ट है कि किसी फलन के साथ दो प्रकार की राशियां सम्बन्धित होती हैं -.

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सम्मिश्र विश्लेषण

सम्मिश्र विश्‍लेषण (Complex analysis) जिसे सामान्यतः सम्मिश्र चरों के फलनों का सिद्धान्त भी कहा जाता है गणितीय विश्लेषण की एक शाखा है जिसमें सम्मिश्र संख्याओं के फलनों का अध्ययन किया जाता है। यह बीजीय ज्यामिति, संख्या सिद्धान्त, व्यावहारिक गणित सहित गणित की विभिन्न शाखाओं में उपयोगी है तथा इसी प्रकार तरल गतिकी, उष्मागतिकी, यांत्रिक अभियान्त्रिकी और विद्युत अभियान्त्रिकी सहित भौतिक विज्ञान में भी उपयोगी है। .

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स्टोक्स प्रमेय

सदिश कैलकुलस और अवकल ज्यामिति में स्टोक्स का प्रमेय निम्नलिखित है- वास्तव में स्टोक्स प्रमेय, नीचे दिये गये केल्विन-स्टोक्स प्रमेय का विस्तृत सामान्यीकरण है- .

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होलोमार्फिक फलन

एक आयताकार ग्रिड (उपर) और उसका ''f'' अनुकोण प्रतिचित्रण प्रतिबिम्ब (नीचे)। गणित में, होलोमार्फिक फलन अथवा पूर्णसममितिक फलन सम्मिश्र विश्‍लेषण में केन्द्रिय उद्देश्य का अध्ययन है। एक होलोमार्फिक फलन एक अथवा अधिक सम्मिश्र चरों का सम्मिश्र फलन है जो अपने प्रांत में प्रत्येक बिन्दु के प्रतिवेश में सम्मिश्र अवकलनिय हो। .

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विश्लेषणात्मक फलन

गणित में विश्लेषणात्मक फलन वह फलन कहलाता है जिसे अभिसारी बहुघात श्रेणी में बदला जा सके। वास्तविक व समिश्र दोनों तरह के विश्लेषणात्मक फलन पाये जाते हैं जिनके जिनकी श्रेणियाँ कुछ समानता व कुछ भिन्नता के साथ होती हैं। .

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कौशी समाकल प्रमेय

गणित में, ऑगस्टिन लुइस कौशी के नाम से नामकरण किया गया सम्मिश्र विश्लेषण कौशी समाकल प्रमेय (इसे कौशी-गूर्सा प्रमेय के नाम से भी जानते हैं।) (Cauchy integral theorem), title.

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कौशी समाकल सूत्र

गणित में, कौशी समाकल सूत्र (cauchy's Integral formula) सम्मिश्र विश्‍लेषण में महत्वपूर्ण सूत्र है। इसका नाम ऑगस्टिन लुइस कौशी के नाम पर किया गया है। इसके अनुसार किसी चकती पर परिभषित होलोमार्फिक फलन को चकती की सीमा पर इसके मान से पूर्णतया ज्ञात किया जा सकता है और यह सभी होलोमार्फिक फलनों के अवकलनों लिए समाकल सूत्र भी प्रदान कराता है। कौशी सूत्र के अनुसार सम्मिश्र विश्लेषण में "अवकलन, समाकलन के तुल्य है"। .

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