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अवकलजों की सूची

सूची अवकलजों की सूची

किसी व्यंजक या फलन का अवकलज निकालना अवकलन की प्राथमिक क्रिया है। नीचे बहुत से फलनों के अवकलज (differentials) या अवकल गुणांक दिए गये हैं। इनमे f एवं g, x के सापेक्ष अवकलनीय फलन हैं; c कोई वास्तविक संख्या है। .

6 संबंधों: चरघातांकी फलन, फलन, भाग का नियम, समाकल सूची, गणितीय सर्वसमिकाओं की सूची, अवकलज

चरघातांकी फलन

गणित में चरघातांकी फलन एक ऐसा फलन है जिसका अवकलज उसी के बराबर होता है। अर्थात किसी बिन्दु पर इस फलन के वृद्धि की दर उस बिन्दु पर इस फलन के मान के बराबर होती है। इस फलन को e^x से निरुपित किया जाता है जहाँ e एक अपरिमेय संख्या है जिसका मान लगभग 2.718281828 के बराबर होता है। इस फलन को प्रायः exp(x) भी लिखते हैं .

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फलन

''X'' के किसी सदस्य का ''Y'' के केवल एक सदस्य से सम्बन्ध हो तो वह फलन है अन्यथा नहीं। ''Y''' के कुछ सदस्यों का '''X''' के किसी भी सदस्य से सम्बन्ध '''न''' होने पर भी फलन परिभाषित है। गणित में जब कोई राशि का मान किसी एक या एकाधिक राशियों के मान पर निर्भर करता है तो इस संकल्पना को व्यक्त करने के लिये फलन (function) शब्द का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिये किसी ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज की राशि मूलधन, समय एवं ब्याज की दर पर निर्भर करती है; इसलिये गणित की भाषा में कह सकते हैं कि चक्रवृद्धि ब्याज, मूलधन, ब्याज की दर तथा समय का फलन है। स्पष्ट है कि किसी फलन के साथ दो प्रकार की राशियां सम्बन्धित होती हैं -.

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भाग का नियम

दूसरा पद *पहला पद का अवकलन +पहला पद * दूसरा पद का अवकलन उदाहरण.

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समाकल सूची

समाकलन, कलन की दो प्रमुख क्रियाओं में से एक है। अवकलन इस दृष्टि से समाकलन से भिन्न है कि अवकलज निकालने के लिये छोटे-छोटे और सरल नियम व उपाय हैं; जिनकी सहायता से कठिन से कठिन फलनों का भी अवकलज निकाला जा सकता है। समाकलन इस दृष्टि से कठिन है। इसलिये ज्ञात समाकलनों की सूची बहुत उपयोगी होती है। नीचे कुछ अति सामान्य फलनों के समाकल दिये गये हैं:(x) .

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गणितीय सर्वसमिकाओं की सूची

* वर्गान्तर.

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अवकलज

एक वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रवणता (स्लोप) वास्तव में उस बिन्दु पर '''x''' के सापेक्ष '''y''' का मान बढ़ने की दर के बराबर होता है। किसी चर राशि के किसी अन्य चर राशि के सम्बन्ध में तात्कालिक बदलाव की दर की गणना को अवकलन (Differentiation) कहते हैं तथा इस क्रिया द्वारा प्राप्त दर को अवकलज (Derivative) कहते हैं। यह किसी फलन को किसी चर राशि के साथ बढ़ने की दर को मापता है। जैसे यदि कोई फलन y किसी चर राशि x पर निर्भर है और x का मान x1 से x2 करने पर y का मान y1 से y2 हो जाता है तो (y2-y1)/(x2-x1) को y का x के सन्दर्भ में अवकलज कहते हैं। इसे dy/dx से निरूपित किया जाता है। ध्यान रहे कि परिवर्तन (x2 - x1) सूक्ष्म से सूक्ष्मतम (tend to zero) होना चाहिये। इसीलिये सीमा (limit) का अवकलन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। किसी वक्र (curve) का किसी बिन्दु पर प्रवणता (slope) जानने के लिये उस बिन्दु पर अवकलज की गणना करनी पड़ती है।; परिभाषा फलन ƒ का बिन्दु a पर अवकलज निम्नलिखित सीमा के बराबर होता है (बशर्ते सीमा का अस्तित्व हो) - यदि सीमा का अस्तित्व है तो ƒ बिन्दु a पर अवकलनीय कहलाता है।; उदाहरण d/dx (ज्या(x)) .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

अवकल गुणांकों की सूची

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