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अल्मोड़ा जिला

सूची अल्मोड़ा जिला

अल्मोड़ा भारत के उत्तराखण्ड नामक राज्य में कुमांऊँ मण्डल के अन्तर्गत एक जिला है। इस जिले का मुख्यालय भी अल्मोड़ा में ही है। अल्मोड़ा अपनी सांस्कृतिक विरासत, हस्तकला, खानपान और ठेठ पहाड़ी सभ्यता व संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। .

63 संबंधों: चम्पावत जिला, चमोली जिला, चौखुटिया तहसील, चौखुटिया विकास खंड, ताड़ीखेत विकास खंड, ताकुला विकास खंड, दिल्ली, द्वाराहाट तहसील, द्वाराहाट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड, द्वाराहाट विकास खंड, देहरादून जिला, धौला देवी विकास खंड, नैनीताल, नैनीताल तहसील, नैनीताल जिला, पिथौरागढ़ जिला, पंतनगर, पौड़ी, पौड़ी गढ़वाल जिला, बागेश्वर, बागेश्वर जिला, भनोली तहसील, भारत, भिकियासैंण विकास खंड, भिक्यासैंण तहसील, भैसियाछाना विकास खंड, महात्मा गांधी, यूरोप, रानीखेत तहसील, रानीखेत विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड, रुद्रप्रयाग जिला, लमगड़ा विकास खंड, लखनऊ, शताब्दी एक्स्प्रेस, सल्ट तहसील, सल्ट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड, सल्ट विकास खंड, सुगौली संधि, स्याल्दे विकास खंड, सोमेश्वर तहसील, सोमेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड, हिमालय, हवालबाग विकास खंड, जागेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड, जैंती तहसील, ईस्ट इण्डिया कम्पनी, गढ़वाल रियासत, गढ़वाली भाषा, गोरखा युद्ध, गोरी नदी, ..., आगरा, काठगोदाम, काशीपुर, कुमाऊँ मण्डल, कुमाऊँनी भाषा, अमर उजाला, अल्मोड़ा, अल्मोड़ा तहसील, अल्मोड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, अल्मोड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सूची, उधम सिंह नगर जिला सूचकांक विस्तार (13 अधिक) »

चम्पावत जिला

चम्पावत भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है। इसका मुख्यालय चंपावत में है। उत्तराखंड का ऐतिहासिक चंपावत जिला अपने आकर्षक मंदिरों और खूबसूरत वास्तुशिल्प के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पहाड़ों और मैदानों के बीच से होकर बहती नदियां अद्भुत छटा बिखेरती हैं। चंपावत में पर्यटकों को वह सब कुछ मिलता है जो वह एक पर्वतीय स्थान से चाहते हैं। वन्यजीवों से लेकर हरे-भरे मैदानों तक और ट्रैकिंग की सुविधा, सभी कुछ यहां पर है। समुद्र तल से 1615 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चंपावत कई सालों तक कुंमाऊं के शासकों की राजधानी रहा है। चन्द शासकों के किले के अवशेष आज भी चंपावत में देखे जा सकते हैं। .

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चमोली जिला

चमोली भारतीय राज्य उत्तरांचल का एक जिला है। बर्फ से ढके पर्वतों के बीच स्थित यह जगह काफी खूबसूरत है। चमोली अलकनंदा नदी के समीप बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है। यह उत्तराचंल राज्य का एक जिला है। यह प्रमुख धार्मिल स्थानों में से एक है। काफी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। चमोली की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। पूरे चमोली जिले में कई ऐसे मंदिर है जो हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चमोली में ऐसे कई बड़े और छोटे मंदिर है तथा ऐसे कई स्थान है जो रहने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस जगह को चाती कहा जाता है। चाती एक प्रकार की झोपड़ी है जो अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। चमोली मध्य हिमालय के बीच में स्थित है। अलकनंदा नदी यहाँ की प्रसिद्ध नदी है जो तिब्बत की जासकर श्रेणी से निकलती है। चमोली का क्षेत्रफल 3,525 वर्ग मील है। .

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चौखुटिया तहसील

चौखुटिया तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के मध्य भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय चौखुटिया नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में सोमेश्वर तथा बागेश्वर जनपद की गरुड़ तहसील, पश्चिम में भिक्यासैंण तहसील, उत्तर में चमोली जनपद की थराली तहसील, तथा दक्षिण में द्वाराहाट है। .

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चौखुटिया विकास खंड

चौखुटिया विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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ताड़ीखेत विकास खंड

ताड़ीखेत विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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ताकुला विकास खंड

ताकुला विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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द्वाराहाट तहसील

द्वाराहाट तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के मध्य भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय द्वाराहाट नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में सोमेश्वर तथा अल्मोड़ा तहसील, पश्चिम में भिक्यासैंण तहसील, उत्तर में चौखुटिया तहसील, तथा दक्षिण में रानीखेत तहसील है। .

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द्वाराहाट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड

द्वाराहाट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखण्ड के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। अल्मोड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 84,170 मतदाता थे। .

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द्वाराहाट विकास खंड

द्वाराहाट विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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देहरादून जिला

यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.

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धौला देवी विकास खंड

धौला देवी विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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नैनीताल

नैनीताल भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख पर्यटन नगर है। यह नैनीताल जिले का मुख्यालय भी है। कुमाऊँ क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है। देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है। यह 'छखाता' परगने में आता है। 'छखाता' नाम 'षष्टिखात' से बना है। 'षष्टिखात' का तात्पर्य साठ तालों से है। इस अंचल में पहले साठ मनोरम ताल थे। इसीलिए इस क्षेत्र को 'षष्टिखात' कहा जाता था। आज इस अंचल को 'छखाता' नाम से अधिक जाना जाता है। आज भी नैनीताल जिले में सबसे अधिक ताल हैं। इसे भारत का लेक डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है आँखें और 'ताल' का अर्थ है झील। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा है। इसलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है। .

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नैनीताल तहसील

नैनीताल तहसील भारत के उत्तराखंड राज्य में नैनीताल जनपद की एक तहसील है। नैनीताल जनपद के मध्य में स्थित इस तहसील के मुख्यालय नैनीताल नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में धारी तहसील, पश्चिम में रामनगर तथा कालाढूंगी तहसील, उत्तर में बेतालघाट और कोश्याकुटौली तहसील, तथा दक्षिण में लालकुआँ और हल्द्वानी तहसील है। .

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नैनीताल जिला

नैनीताल जिला भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है। जिले का मूख्यालय नैनीताल है। नैनीताल जिला, कुमाऊँ मण्डल में स्थित है और इसके उत्तर में अल्मोड़ा जिला और दक्षिण में उधमसिंहनगर जिला है। हल्द्वानी इस जिले में सबसे बड़ा नगर है। .

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पिथौरागढ़ जिला

पिथौरागढ़ भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है। यह क्षेत्र 2,750 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। 2011 के जनसंख्या गणना के अनुसार यहाँ कुल 4,85,993 लोग रहते हैं। जिले का मुख्यालय पिथौरागढ़ है। यहाँ आधिकारिक रूप से और शिक्षा के लिए हिन्दी भाषा का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा यहाँ अधिक संख्या में कुमाऊँनी भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। 24 फरवरी 1960 को पिथौरागढ़ की 30 पट्टियां और अल्मोड़े की दो पट्टियों को मिलाकर पिथौरागढ़ जिले का गठन किया गया था। .

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पंतनगर

पंतनगर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद में स्थित एक नगर है। गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा पंतनगर विमानक्षेत्र यहां ही स्थित हैं। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री, गोविन्द बल्लभ पन्त के नाम पर ही इस नगर का नाम पंतनगर रखा गया है। .

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पौड़ी

पौढ़ी गढ़वाल भारतीय राज्य उत्तराखंड का एक शहर है। यह पौढ़ी गढ़वाल जिला का मु़यालय है। पौढ़ी गढ़वाल जिला वृत्ताकार रूप में है। जिसमें हरिद्वार, देहरादून, टिहरी गढ़वाल, रूद्वप्रयाग, चमोली, अल्‍मोड़ा और नैनीताल सम्मिलित है। यहां स्थित हिमालय, नदियां, जंगल और ऊंचे-ऊंचे शिखर यहां की खूबसूरती को अधिक बढ़ाते हैं। पौढ़ी समुद्र तल से लगभग 1814 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बर्फ से ढके हिमालय शिखर पौढ़ी की खूबसूरती को कहीं अधिक बढ़ाते हैं। .

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पौड़ी गढ़वाल जिला

पौड़ी गढ़वाल भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक जिला है। जिले का मुख्यालय पौड़ी है। जो कि 5,440 वर्ग किलोमीटर के भौगोलिक दायरे में बसा है यह ज़िला एक गोले के रूप मैं बसा है जिसके उत्तर मैं चमोली, रुद्रप्रयाग और टेहरी गढ़वाल है, दक्षिण मैं उधमसिंह नगर, पूर्व मैं अल्मोरा और नैनीताल और पश्चिम मैं देहरादून और हरिद्वार स्थित है। पौढ़ी हेडक्वार्टर है। हिमालय कि पर्वत श्रृंखलाएं इसकी सुन्दरता मैं चार चाँद लगते हैं और जंगल बड़े-बड़े पहाड़ एवं जंगल पौढी कि सुन्दरता को बहुत ही मनमोहक बनाते हैं। .

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बागेश्वर

बागेश्वर उत्तराखण्ड राज्य में सरयू और गोमती नदियों के संगम पर स्थित एक तीर्थ है। यह बागेश्वर जनपद का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यहाँ बागेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है, जिसे स्थानीय जनता "बागनाथ" या "बाघनाथ" के नाम से जानती है। मकर संक्रांति के दिन यहाँ उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा मेला लगता है। स्वतंत्रता संग्राम में भी बागेश्वर का बड़ा योगदान है। कुली-बेगार प्रथा के रजिस्टरों को सरयू की धारा में बहाकर यहाँ के लोगों ने अपने अंचल में गाँधी जी के असहयोग आन्दोलन शुरवात सन १९२० ई. में की। सरयू एवं गोमती नदी के संगम पर स्थित बागेश्वर मूलतः एक ठेठ पहाड़ी कस्बा है। परगना दानपुर के 473, खरही के 66, कमस्यार के 166, पुँगराऊ के 87 गाँवों का समेकन केन्द्र होने के कारण यह प्रशासनिक केन्द्र बन गया। मकर संक्रान्ति के दौरान लगभग महीने भर चलने वाले उत्तरायणी मेले की व्यापारिक गतिविधियों, स्थानीय लकड़ी के उत्पाद, चटाइयाँ एवं शौका तथा भोटिया व्यापारियों द्वारा तिब्बती ऊन, सुहागा, खाल तथा अन्यान्य उत्पादों के विनिमय ने इसको एक बड़ी मण्डी के रूप में प्रतिष्ठापित किया। 1950-60 के दशक तक लाल इमली तथा धारीवाल जैसी प्रतिष्ठित वस्त्र कम्पनियों द्वारा बागेश्वर मण्डी से कच्चा ऊन क्रय किया जाता था। .

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बागेश्वर जिला

बागेश्वर भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक जिला है, जिसके मुख्यालय बागेश्वर नगर में स्थित हैं। इस जिले के उत्तर तथा पूर्व में पिथौरागढ़ जिला, पश्चिम में चमोली जिला, तथा दक्षिण में अल्मोड़ा जिला है। बागेश्वर जिले की स्थापना १५ सितंबर १९९७ को अल्मोड़ा के उत्तरी क्षेत्रों से की गयी थी। २०११ की जनगणना के अनुसार रुद्रप्रयाग तथा चम्पावत के बाद यह उत्तराखण्ड का तीसरा सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है। यह जिला धार्मिक गाथाओं, पर्व आयोजनों और अत्याकर्षक प्राकृतिक दृश्यों के कारण प्रसिद्ध है। प्राचीन प्रमाणों के आधार पर बागेश्वर शब्द को ब्याघ्रेश्वर से विकसित माना गया है। यह शब्द प्राचीन भारतीय साहित्य में अधिक प्रसिद्ध है। बागनाथ मंदिर, कौसानी, बैजनाथ, विजयपुर आदि जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जिले में ही स्थित पिण्डारी, काफनी, सुन्दरढूंगा इत्यादि हिमनदों से पिण्डर तथा सरयू नदियों का उद्गम होता है। .

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भनोली तहसील

भनोली तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के पूर्वी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय भनोली ग्राम में स्थित हैं। इसके पूर्व में चम्पावत जनपद की लोहाघाट तथा पाटी तहसील, पश्चिम में अल्मोड़ा तहसील, उत्तर में पिथौरागढ़ जनपद की गंगोलीहाट तहसील, तथा दक्षिण में जैंती तहसील है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भिकियासैंण विकास खंड

भिकियासैंण विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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भिक्यासैंण तहसील

भिक्यासैंण तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय भिक्यासैंण नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में चौखुटिया, द्वाराहाट तथा रानीखेत तहसील, पश्चिम में सल्ट तहसील, उत्तर में चमोली जनपद की गैरसैंण तहसील, तथा दक्षिण में नैनीताल जनपद की बेतालघाट तहसील है। .

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भैसियाछाना विकास खंड

भैसियाछाना विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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महात्मा गांधी

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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रानीखेत तहसील

रानीखेत तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के मध्य भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय रानीखेत छावनी में स्थित हैं। इसके पूर्व में अल्मोड़ा तहसील, पश्चिम में भिक्यासैंण तहसील, उत्तर में द्वाराहाट तहसील, तथा दक्षिण में नैनीताल जनपद की कोश्याकुटौली तहसील है। .

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रानीखेत विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड

रानीखेत विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखण्ड के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। अल्मोड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 74,031 मतदाता थे। .

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रुद्रप्रयाग जिला

रुद्रप्रयाग जिला भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल का एक जिला है। इस जिले का कुल क्षेत्रफल २,४३९ वर्ग किमी है। रुद्रप्रयाग क्स्बा में इस जिले का प्रशासनिक मुख्यालय स्थित है। यह जिला उत्तर में उत्तरकाशी जिले, पूर्व में चमोली जिले, दक्षिण में पौड़ी जिले और दक्षिण में टिहरी जिले से घिरा हुआ है। .

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लमगड़ा विकास खंड

लमगड़ा विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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शताब्दी एक्स्प्रेस

सवारी यान (पैसेंजर कार) के अंदर का एक दृश्य शताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ियाँ तेज चलने वाली सवारी गाड़ियों की एक शृंखला है जिसका परिचालन भारतीय रेल करती है जो भारत के बड़े, महत्वपूर्ण एवं व्यवसायिक शहरों को आपस में जोड़ती है। शताब्दी एक्सप्रेस का परिचालन दिन के समय होता है एवं ये अपने मूलस्थान एवं गंत्व्य की यात्रा एक दिन में ही पूरी कर लेती हैं। .

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सल्ट तहसील

सल्ट, अल्मोड़ा जिले का एक तहसील है, जो कि भारत के उत्तराखंड राज्य मैं स्थित है। यह एक खुबसूरत पहाड़ी स्थान है जो चारों और से पहाड़ों की वादिओं से घिरा है। यहाँ का मौसम लगभग ठंडा व अनुकूल रहता है। यह उत्तराखंड राज्य के कुमाऊ मंडल में पड़ता है। इसकी तलहटी पर खुबसूरत रामगंगा नदी बहती है। यह एक पहाड़ी एरिया है जिसको रामगंगा नदी दो भागों में विभाजित करती है जो की वल सल्ट व पल सल्ट के नाम से जाने जाते हैं।.

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सल्ट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड

सल्ट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखण्ड के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। अल्मोड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 90,303 मतदाता थे। .

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सल्ट विकास खंड

सल्ट विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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सुगौली संधि

सुगौली संधि के क्षेत्रीय प्रभाव सुगौली संधि, ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के राजा के बीच हुई एक संधि है, जिसे 1814-16 के दौरान हुये ब्रिटिश-नेपाली युद्ध के बाद अस्तित्व में लाया गया था। इस संधि पर 2 दिसम्बर 1815 को हस्ताक्ष्रर किये गये और 4 मार्च 1816 का इसका अनुमोदन किया गया। नेपाल की ओर से इस पर राज गुरु गजराज मिश्र (जिनके सहायक चंद्र शेखर उपाध्याय थे) और कंपनी ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल पेरिस ब्रेडशॉ ने हस्ताक्षर किये थे। इस संधि के अनुसार नेपाल के कुछ हिस्सों को ब्रिटिश भारत में शामिल करने, काठमांडू में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि की नियुक्ति और ब्रिटेन की सैन्य सेवा में गोरखाओं को भर्ती करने की अनुमति दी गयी थी, साथ ही इसके द्वारा नेपाल ने अपनी किसी भी सेवा में किसी अमेरिकी या यूरोपीय कर्मचारी को नियुक्त करने का अधिकार भी खो दिया। (पहले कई फ्रांसीसी कमांडरों को नेपाली सेना को प्रशिक्षित करने के लिए तैनात किया गया था) संधि के तहत, नेपाल ने अपने नियंत्रण वाले भूभाग का लगभग एक तिहाई हिस्सा गंवा दिया जिसमे नेपाल के राजा द्वारा पिछ्ले 25 साल में जीते गये क्षेत्र जैसे कि पूर्व में सिक्किम, पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल राजशाही और दक्षिण में तराई का अधिकतर क्षेत्र शामिल था। तराई भूमि का कुछ हिस्सा 1816 में ही नेपाल को लौटा दिया गया। 1860 में तराई भूमि का एक बड़ा हिस्सा नेपाल को 1857 के भारतीय विद्रोह को दबाने में ब्रिटिशों की सहायता करने की एवज में पुन: लौटाया गया। काठमांडू में तैनात ब्रिटिश प्रतिनिधि मल्ल युग के बाद नेपाल में रहने पहला पश्चिमी व्यक्ति था। (यह ध्यान देने योग्य है कि 18 वीं सदी के मध्य में गोरखाओं ने नेपाल पर विजय प्राप्ति के बाद बहुत से ईसाई धर्मप्रचारकों को नेपाल से बाहर निकाल दिया था)। नेपाल में ब्रिटिशों के पहले प्रतिनिधि, एडवर्ड गार्डनर को काठमांडू के उत्तरी हिस्से में तैनात किया गया था और आज यह स्थान लाज़िम्पाट कहलाता है और यहां ब्रिटिश और भारतीय दूतावास स्थित हैं। दिसम्बर 1923 में सुगौली संधि को अधिक्रमित कर "सतत शांति और मैत्री की संधि", में प्रोन्नत किया गया और ब्रिटिश निवासी के दर्जे को प्रतिनिधि से बढ़ाकर दूत का कर दिया गया। 1950 में भारत (अब स्वतंत्र) और नेपाल ने एक नयी संधि पर दो स्वतंत्र देशों के रूप में हस्ताक्षर किए गए जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नए सिरे से स्थापित करना था। .

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स्याल्दे विकास खंड

स्याल्दे विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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सोमेश्वर तहसील

सोमेश्वर तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के मध्य भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय सोमेश्वर कस्बे में स्थित हैं। इसके पूर्व में बागेश्वर जनपद की बागेश्वर तहसील, पश्चिम में चौखुटिया तथा द्वाराहाट तहसील, उत्तर में बागेश्वर जनपद की गरुड़ तहसील, तथा दक्षिण में अल्मोड़ा तहसील है। .

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सोमेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड

सोमेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखण्ड के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। अल्मोड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 75,643 मतदाता थे। .

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हिमालय

हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। .

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हवालबाग विकास खंड

हवालबाग विकास खंड उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद का एक सामुदायिक विकास खंड है। श्रेणी:उत्तराखण्ड के सामुदायिक विकास खंड.

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जागेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड

जागेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखण्ड के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। अल्मोड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 81,998 मतदाता थे। .

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जैंती तहसील

जैंती तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के पूर्वी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय जैंती ग्राम में स्थित हैं। इसके पूर्व में भनोली तथा चम्पावत जनपद की पाटी तहसील, पश्चिम में नैनीताल जनपद की नैनीताल तहसील, उत्तर में अल्मोड़ा तहसील, तथा दक्षिण में नैनीताल जनपद की धारी तहसील है। .

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ईस्ट इण्डिया कम्पनी

लन्दन स्थित ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मुख्यालय (थॉमस माल्टन द्वारा चित्रित, १८०० ई) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना ३१ दिसम्बर १६०० ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये २१ सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया। १८५८ में इसका विलय हो गया। .

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गढ़वाल रियासत

गढ़वाल राज्य(Garhwal Kingdom) वर्तमान उत्तराखंड, भारत के विस्तार-क्षेत्र के पश्चिमी हिस्से वाले इलाके में पुराने समय में एक राज्य था यह 1358 ई. में स्थापित एक राजसी राज्य था जिस पर गोरखाओं द्वारा 1803 में कब्जा कर लिया गया था। एंग्लो नेपाली युद्ध और 1815 की सुगौली की संधि के बाद एक छोटे टिहरी गढ़वाल राज्य के गठन के साथ गढ़वाल राज्य को बहाल कर दिया गया, जोकि 1949 में भारत में सम्मिलित कर लिया गया। .

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गढ़वाली भाषा

गढ़वाली भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। .

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गोरखा युद्ध

सन् १८१४ से १८१६ चला अंग्रेज-नेपाल युद्ध (गोरखा युद्ध) उस समय के नेपाल अधिराज्य (वर्तमान संघीय लोकतांत्रिक गण राज्य) और ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के बीच में हुआ था। जिसका परिणाम सुगौली संधि में हुई और नेपाल ने अपना एक-तिहाई भूभाग ब्रिटिश हुकुमत को देना पडा। इस युद्धसे अमर सिंह थापा, बलभद्र कुँवर एवम् भक्ति थापाके सौर्य, पराक्रम एवम् राष्ट्रप्रेमके कहानी अंग्रेजी राज्योमे प्रचलित हुआ था। .

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गोरी नदी

गोरी नदी, जिसे गोरी गंगा या गोरी गाड़ भी कहा जाता है, भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बहने वाली काली नदी की एक सहायक नदी है। .

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आगरा

आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महानगर, ज़िला शहर व तहसील है। विश्व का अजूबा ताजमहल आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा २७.१८° उत्तर ७८.०२° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब १७१ मीटर (५६१ फ़ीट) है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। .

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काठगोदाम

काठगोदाम भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित हल्द्वानी नगर के अंतर्गत स्थित एक क्षेत्र है। इसे ऐतिहासिक तौर पर कुमाऊँ का द्वार कहा जाता रहा है। यह छोटा सा नगर पहाड़ के पाद प्रदेश में बसा है। गौला नदी इसके दायें से होकर हल्द्वानी बाजार की ओर बढ़ती है। पूर्वोतर रेलवे का यह अन्तिम स्टेशन है। यहाँ से बरेली, लखनऊ तथा आगरा के लिए छोटी लाइन की रेल चलती है। काठगोदाम से नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत और पिथौरागढ़ के लिए केएमओयू की बसें जाती है। कुमाऊँ के सभी अंचलों के लिए यहाँ से बसें जाती हैं। १९०१ में काठगोदाम ३७५ की जनसंख्या वाला एक छोटा सा गाँव था। १९०९ तक इसे रानीबाग़ के साथ जोड़कर नोटिफ़िएड एरिया घोषित कर दिया गया। काठगोदाम-रानीबाग़ १९४२ तक स्वतंत्र नगर के रूप में उपस्थित रहा, जिसके बाद इसे हल्द्वानी नोटिफ़िएड एरिया के साथ जोड़कर नगर पालिका परिषद् हल्द्वानी-काठगोदाम का गठन किया गया। २१ मई २०११ को हल्द्वानी-काठगोदाम को नगर पालिका परिषद से नगर निगम घोषित किया गया, और फिर इसके विस्तार को देखते हुए इसका नाम बदलकर नगर निगम हल्द्वानी कर दिया गया। .

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काशीपुर

काशीपुर निम्न में से कोई हो सकता है.

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कुमाऊँ मण्डल

यह लेख कुमाऊँ मण्डल पर है। अन्य कुमाऊँ लेखों के लिए देखें कुमांऊॅं उत्तराखण्ड के मण्डल कुमाऊँ मण्डल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के दो प्रमुख मण्डलों में से एक हैं। अन्य मण्डल है गढ़वाल। कुमाऊँ मण्डल में निम्न जिले आते हैं:-.

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कुमाऊँनी भाषा

कुमांऊँनी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाने वाली एक बोली है। इस बोली को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमांऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है और २६,६०,००० (१९९८) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। उत्तराखण्ड के निम्नलिखित जिलों - अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर के अतिरिक्त असम, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब, तथा हिमाचल प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में भी बोली जाती है। .

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अमर उजाला

अमर उजाला हिन्दी का एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रारम्भ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक शहर आगरा से १८ अप्रैल सन १९४८ को हुआ था। .

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अल्मोड़ा

अल्मोड़ा भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह अल्मोड़ा जिले का मुख्यालय भी है। अल्मोड़ा दिल्ली से ३६५ किलोमीटर और देहरादून से ४१५ किलोमीटर की दूरी पर, कुमाऊँ हिमालय श्रंखला की एक पहाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा की कुल जनसंख्या ३५,५१३ है। अल्मोड़ा की स्थापना राजा बालो कल्याण चंद ने १५६८ में की थी। महाभारत (८ वीं और ९वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के समय से ही यहां की पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव बस्तियों के विवरण मिलते हैं। अल्मोड़ा, कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। स्वतंत्रता की लड़ाई में तथा शिक्षा, कला एवं संस्कृति के उत्थान में अल्मोड़ा का विशेष हाथ रहा है। .

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अल्मोड़ा तहसील

अल्मोड़ा तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के मध्य भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय अल्मोड़ा नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में भनोली, जैंती तथा पिथौरागढ़ जनपद की गंगोलीहाट तहसील, पश्चिम में सोमेश्वर, द्वाराहाट तथा रानीखेत तहसील, उत्तर में बागेश्वर जनपद की बागेश्वर तहसील, तथा दक्षिण में नैनीताल जनपद की नैनीताल तहसील है। .

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अल्मोड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

अल्मोड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्री अजय टम्‍टा वर्तमान लोकसभा में यहाँ से सांसद हैं। वे भारतीय जनता पार्टी से सदस्य हैं। .

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अल्मोड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड

अल्मोड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तराखण्ड के 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। अल्मोड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 78,503 मतदाता थे। .

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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उत्तराखण्ड के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सूची

2008 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद, उत्तराखण्ड विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों की सूची निम्नलिखित है। .

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उधम सिंह नगर जिला

उधमसिंहनगर भारतीय राज्य उत्तरांचल का एक जिला है। जिले का मुख्यालय रुद्रपुर है। उधमसिंह नगर पहले नैनीताल जिले में था। लेकिन अक्टूबर 1995 में इसे अलग जिला बना दिया गया। इस जिले का नाम स्वर्गीय उधम सिंह के नाम पर रखा गया है। उधम सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड होने के पश्चात् इन्होंने ही जनरल डायर की हत्या की थी। .

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