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अल-इन्फितार

सूची अल-इन्फितार

सूरा अल-इफ़्तियार (अरबी: سورة الانفطار) (टूट कर बिखर जाना) कुरान का 82वां सूरा है। इसमें 19 आयतें हैं। इस सूरा का अनुवाद ने अंग्रेजी में किया है: अल-इफ़्तियार ईश्वर के नाम पर, जो दयावान है:- जब जन्नत टुकडो में टूट जाता है; (1) जब तारे गिर कर बिखर जाते हैं; (2) और जब सागर आगे से फट जाते हैं; (3) और जब कब्रें उलटी होकर्, अन्दर वाले बाहर आ जाते हैं; (4) तब एक व्यक्ति को पता चलता है, कि उसके साथ क्या भेजा गया है और क्या पीछे छूट गया है (अच्छे और बुरे कर्मों में से) (5) हे मानव! वह क्या है, जिसने तुझे अपने उस उदार ईश्वर के प्रति लापरवाह बना दिया है? (6) किसने तुझे सजित किया, यह परिपूर्ण आकृति दी और तेरा अधिकृत अंश तुझे दिया; (7) In whatever form He willed, He put you together.

6 संबंधों: सूरा, आयत, क़ुरआन, अत-तकविर, अरबी भाषा, अल-मुतफ्फिफिन

सूरा

सूरा (यदा कदा सूरह भी कहा जाता है سورة, سور) एक अरबी शब्द है। इसका अक्षरशः अर्थ है "कोई वस्तु, जो किसी दीवार या बाडः से घिरी है"। यह शब्द कुरान के अध्याय के लिए प्रयोग होता है, जो कि परंपरा अनुसार कम होती लम्बाई के क्रम से लिखे हैं। प्रत्येक सूरा का नाम एक शब्द पर है, जो उस सूरा के अयाह (भाग) में उल्लेखित है। कुछ सूरा मुस्लिमों के लिए अपने रहस्योद्घाटन काल में विस्मयकारी थे। उदाहरणतः ईशू मसीह की माँ - मरियम का अति उच्च स्तर, जो कि इसाइयत (ईशू) की माँ थीं - जैसा सूरा 19 में उल्लेखित है। .

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आयत

आयत ऐसा चतुर्भुज जिसके चारों अंतः कोण समकोण हों उसे आयत (रेक्टैंगल) कहते हैं। .

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क़ुरआन

'''क़ुरान''' का आवरण पृष्ठ क़ुरआन, क़ुरान या कोरआन (अरबी: القرآن, अल-क़ुर्'आन) इस्लाम की पवित्रतम किताब है और इसकी नींव है। मुसलमान मानते हैं कि इसे अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रील द्वारा हज़रत मुहम्मद को सुनाया था। मुसलमान मानते हैं कि क़ुरआन ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है। यह ग्रन्थ लगभग 1400 साल पहले अवतरण हुई है। इस्लाम की मान्यताओं के मुताबिक़ क़ुरआन अल्लाह के फ़रिश्ते जिब्रील (दूत) द्वारा हज़रत मुहम्मद को सन् 610 से सन् 632 में उनकी मौत तक ख़ुलासा किया गया था। हालांकि आरंभ में इसका प्रसार मौखिक रूप से हुआ पर पैग़म्बर मुहम्मद की मौत के बाद सन् 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और सन् 653 में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतियाँ इस्लामी साम्राज्य में वितरित की गईं थी। मुसलमानों का मानना है कि ईश्वर द्वारा भेजे गए पवित्र संदेशों के सबसे आख़िरी संदेश क़ुरआन में लिखे गए हैं। इन संदेशों की शुरुआत आदम से हुई थी। हज़रत आदम इस्लामी (और यहूदी तथा ईसाई) मान्यताओं में सबसे पहला नबी (पैग़म्बर या पयम्बर) था और इसकी तुलना हिन्दू धर्म के मनु से एक हद तक की जा सकती है। जिस तरह से हिन्दू धर्म में मनु की संतानों को मानव कहा गया है वैसे ही इस्लाम में आदम की संतानों को आदमी कहा जाता है। तौहीद, धार्मिक आदेश, जन्नत, जहन्नम, सब्र, धर्म परायणता (तक्वा) के विषय ऐसे हैं जो बारम्बार दोहराए गए। क़ुरआन ने अपने समय में एक सीधे साधे, नेक व्यापारी इंसान को, जो अपने ‎परिवार में एक भरपूर जीवन गुज़ार रहा था। विश्व की दो महान शक्तियों ‎‎(रोमन तथा ईरानी) के समक्ष खड़ा कर दिया। केवल यही नहीं ‎उसने रेगिस्तान के अनपढ़ लोगों को ऐसा सभ्य बना दिया कि पूरे विश्व पर ‎इस सभ्यता की छाप से सैकड़ों वर्षों बाद भी इसके निशान पक्के मिलते हैं। ‎क़ुरआन ने युध्द, शांति, राज्य संचालन इबादत, परिवार के वे आदर्श प्रस्तुत ‎किए जिसका मानव समाज में आज प्रभाव है। मुसलमानों के अनुसार कुरआन में दिए गए ज्ञान से ये साबित होता है कि हज़रत मुहम्मद एक नबी है | .

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अत-तकविर

सूरा अत-तकविर (अरबी: سورة التكوير) (पदच्युत) कुरान का 81वां सूरा है। इसमें 29 आयतें हैं। इस सूरा की आयत 8,9 में लड़कियों की भ्रूण हत्या पर प्रतिबन्ध प्रकट किया गया है। "और स्त्री शिशु को जिंदा जलाना, जैसा कि अरबों की पगान जाति में होता था), का हिसाब लिया जायेगा, कि उसने क्या पाप किया था, जो उसे मारा गया? (9)" .

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अरबी भाषा

अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .

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अल-मुतफ्फिफिन

क़ुरान का अध्याय (सूरा)। अल-मुतफ्फिफिन श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

अल-इन्फितर, अल-इन्फितर्, अल-इफ्तियार

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