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अल अन्दलुस

सूची अल अन्दलुस

अल-अंडलस (अरबी: الأندلس) मुस्लिम, या मूर द्वारा शासित इबेरियन प्रायद्वीप के उस हिस्से को दिया गया अरबी नाम जो 711 और 1492 के बीच की अवधि में इस्लामी राजनीतिक केन्द्र रहा था। यह उमय्यद ख़िलाफ़त का प्रांत था। बाद में कॉर्डोबा ख़िलाफ़त (929-1031), और आखिर में कॉर्डोबा ताइफा (उत्तराधिकारी) साम्राज्यों की खिलाफत का हिस्सा था। इतिहास के बड़े हिस्सों के लिए, विशेष रूप से कॉर्डोबा खिलाफत के तहत, अंडलुस प्रसिद्ध था और कॉर्डोबा शहर भूमध्य बेसिन और इस्लामी दुनिया दोनों में अग्रणी सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्रों में से एक बन गया था। .

9 संबंधों: पश्चिमी अफ्रीका, मुसलमान, यहूदी, ईसाई, घाना साम्राज्य, ग्रेनाडा, इबेरिया प्रायद्वीप, इस्लामी दुनिया, उमय्यद ख़िलाफ़त

पश्चिमी अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी भाग को दक्षिणी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बोत्सवानालेसोथोनामीबियादक्षिण अफ्रीकास्वाजीलैंड देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .

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मुसलमान

मिसरी (ईजिप्ट) मुस्लिमान नमाज़ पढ रहे हैं, एक तस्वीर। मुसलमान (अरबी: مسلم، مسلمة फ़ारसी: مسلمان،, अंग्रेजी: Muslim) का मतलब वह व्यक्ति है जो इस्लाम में विश्वास रखता हो। हालाँकि मुसलमानों के आस्था के अनुसार इस्लाम ईश्वर का धर्म है और धर्म हज़रत मुहम्मद से पहले मौजूद था और जो लोग अल्लाह के धर्म का पालन करते रहे वह मुसलमान हैं। जैसे कुरान के अनुसार हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम भी मुसलमान थे। मगर आजकल मुसलमान का मतलब उसे लिया जाता है जो हज़रत मुहम्मद लाए हुए दीन का पालन करता हो और विश्वास रखता हो। मध्यकालीन मुस्लिम इतिहासकारों ने भारत को हिन्द अथवा हिन्दुस्तान कहा है । .

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यहूदी

यहूदी जाति 'यहूदी' का मौलिक अर्थ है- येरूशलेम के आसपास के 'यूदा' नामक प्रदेशें का निवासी। यह प्रदेश याकूब के पुत्र यूदा के वंश को मिला था। बाइबिल में 'यहूदी' के निम्नलिखित अर्थ मिलते हैं- याकूब का पुत्र यहूदा, उनका वंश, उनकर प्रदेश, कई अन्य व्यक्तियों के नाम। यूदा प्रदेश (Kingdom of Juda) के निवासी प्राचीन इजरायल के मुख्य ऐतिहासिक प्रतिनिधि बन गए थे, इस कारण समस्त इजरायली जाति के लिये यहूदी शब्द का प्रयोग होने लगा। इस जाति का मूल पुरूष अब्राहम थे, अत: वे 'इब्रानी' भी कहलाते हैं। याकूब का दूसरा नाम था इजरायल, इस कारण 'इब्रानी' और 'यहूदी' के अतिरक्ति उन्हें 'इजरायली' भी कहा जाता है। यहूदी धर्म को मानने वालों को यहूदी (en:Jew) कहा जाता है। यहूदियों का निवास स्थान पारंपरिक रूप से पश्चिम एशिया में आज के इसरायल को माना जाता है जिसका जन्म १९४७ के बाद हुआ। मध्यकाल में ये यूरोप के कई क्षेत्रों में रहने लगे जहाँ से उन्हें उन्नीसवीं सदी में निर्वासन झेलना पड़ा और धीरे-धीरे विस्थापित होकर वे आज मुख्यतः इसरायल तथा अमेरिका में रहते हैं। इसरायल को छोड़कर सभी देशों में वे एक अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में रहते हैं। इन्का मुख्य काम व्यापार है। यहूदी धर्म को इसाई और इस्लाम धर्म का पूर्ववर्ती कहा जा सकता है। इन तीनों धर्मों को संयुक्त रूप से 'इब्राहिमी धर्म' भी कहते हैं। अल्लाह ने यहूदियों के बारे में पवित्र कुरान में कहा "ऐ बनी इसराइल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंने पहले तुम्हें दी और ये (भी तो सोचो) कि हमने तुमको सारे जहाँन के लोगों से बढ़ा दिया" (Sura 2-47) "और अपनी क़ौम से उन लोगों की हालत तो तुम बखू़बी जानते हो जो शम्बे (सनीचर) के दिन अपनी हद से गुज़र गए (कि बावजूद मुमानिअत शिकार खेलने निकले) तो हमने उन से कहा कि तुम राइन्दे गए बन्दर बन जाओ (और वह बन्दर हो गए)" (Sura2-65) "फिर तुममें से थोड़े आदमियों के सिवा (सब के सब) फिर गए और तुम लोग हो ही इक़रार से मुँह फेरने वाले.और (वह वक़्त याद करो) जब हमने तुम (तुम्हारे बुजुर्गों) से अहद लिया था कि आपस में खू़रेजि़याँ न करना और न अपने लोगों को शहर बदर करना तो तुम (तुम्हारे बुजुर्गों) ने इक़रार किया था और तुम भी उसकी गवाही देते हो .(कि हाँ ऐसा हुआ था) फिर वही लोग तो तुम हो कि आपस में एक दूसरे को क़त्ल करते हो और अपनों से एक जत्थे के नाहक़ और ज़बरदस्ती हिमायती बनकर दूसरे को शहर बदर करते हो (और लुत्फ़ तो ये हैं कि) अगर वही लोग क़ैदी बनकर तम्हारे पास (मदद माँगने) आए तो उनको तावान देकर छुड़ा लेते हो हालाँकि उनका निकालना ही तुम पर हराम किया गया था तो फिर क्या तुम (किताबे खु़दा की) बाज़ बातों पर ईमान रखते हो और बाज़ से इन्कार करते हो बस तुम में से जो लोग ऐसा करें उनकी सज़ा इसके सिवा और कुछ नहीं कि जि़न्दगी भर की रूसवाई हो और (आखि़रकार) क़यामत के दिन सख़्त अज़ाब की तरफ लौटा दिये जाए और जो कुछ तुम लोग करते हो खु़दा उससे ग़ाफि़ल नहीं है" (Sura 2-83,84,85) "और तुम्हारे पास मूसा तो वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आ ही चुके थे फिर भी तुमने उनके बाद बछड़े को खु़दा बना ही लिया और उससे तुम अपने ही ऊपर ज़ुल्म करने वाले थे"(Sura2-92) "बनी इसराईल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंनं तुम को दी हैं और ये कि मैंने तुमको सारे जहाँन पर फज़ीलत दी " (Sura 2-122) "बेशक हम ने तौरेत नाजि़ल की जिसमें (लोगों की) हिदायत और नूर (ईमान) है उसी के मुताबिक़ ख़ुदा के फ़रमाबरदार बन्दे (अम्बियाए बनी इसराईल) यहूदियों को हुक्म देते रहे और अल्लाह वाले और उलेमाए (यहूद) भी किताबे ख़ुदा से (हुक्म देते थे) जिसके वह मुहाफि़ज़ बनाए गए थे और वह उसके गवाह भी थे बस (ऐ मुसलमानों) तुम लोगों से (ज़रा भी) न डरो (बल्कि) मुझ ही से डरो और मेरी आयतों के बदले में (दुनिया की दौलत जो दर हक़ीक़त बहुत थोड़ी क़ीमत है) न लो और (समझ लो कि) जो ख़्स ख़ुदा की नाजि़ल की हुयी (किताब) के मुताबिक़ हुक्म न दे तो ऐसे ही लोग काफि़र हैं" (Sura 5-44) "(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तुम्हें ख़ुदा के नज़दीक सज़ा में इससे कहीं बदतर ऐब बता दॅू (अच्छा लो सुनो) जिसपर ख़ुदा ने लानत की हो और उस पर ग़ज़ब ढाया हो और उनमें से किसी को (मसख़ करके) बन्दर और (किसी को) सूअर बना दिया हो और (ख़ुदा को छोड़कर) शैतान की परस्तिश की हो बस ये लोग दरजे में कहीं बदतर और राहे रास्त से भटक के सबसे ज़्यादा दूर जा पहँचे हैं " (Sura 5-60) "यहूद तो कहते हैं कि अज़ीज़ ख़़ुदा के बेटे हैं और नुसैरा कहते हैं कि मसीहा (ईसा) ख़़ुदा के बेटे हैं ये तो उनकी बात है और (वह ख़ुद) उन्हीं के मुँह से ये लोग भी उन्हीं काफि़रों की सी बातें बनाने लगे जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं ख़़ुद उनको क़त्ल (तहस नहस) करके (देखो तो) कहाँ से कहाँ भटके जा रहे हैं" (Sura 9-30) "ऐ बनी इसराइल हमने तुमको तुम्हारे दुश्मन (के पंजे) से छुड़ाया और तुम से (कोहेतूर) के दाहिने तरफ का वायदा किया और हम ही ने तुम पर मन व सलवा नाजि़ल किया.और (फ़रमाया) कि हमने जो पाक व पाक़ीज़ा रोज़ी तुम्हें दे रखी है उसमें से खाओ (पियो) और उसमें (किसी कि़स्म की) शरारत न करो वरना तुम पर मेरा अज़ाब नाजि़ल हो जाएगा और (याद रखो कि) जिस पर मेरा ग़ज़ब नाजि़ल हुआ तो वह यक़ीनन गुमराह (हलाक) हुआ " (Sura 20-80,81) "और हमने बनी इसराईल को किताब (तौरेत) और हुकूमत और नबूवत अता की और उन्हें उम्दा उम्दा चीज़ें खाने को दीं और उनको सारे जहाँन पर फ़ज़ीलत दी.और उनको दीन की खुली हुई दलीलें इनायत की तो उन लोगों ने इल्म आ चुकने के बाद बस आपस की जि़द में एक दूसरे से एख़्तेलाफ़ किया कि ये लोग जिन बातों से एख़्तेलाफ़ कर रहें हैं क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार उनमें फैसला कर देगा" (Sura 45-16,17) .

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ईसाई

ईसाई वो व्यक्ति है जो ईसाई धर्म को मानता है। ईसाइयों कई साम्प्रदायों में बटे हैं, जैसे रोमन कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स। देखिये: ईसाई धर्म। श्रेणी:ईसाई धर्म.

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घाना साम्राज्य

घाना साम्राज्य घाना साम्राज्य या वागाडोयु साम्राज्य सन ७९० से १०७६ के बीच आज के दक्षिण पूर्वी मॉरीतानिया और पश्चिमी माली में स्थापित एक साम्राज्य था। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:अफ़्रीका का इतिहास श्रेणी:अफ़्रीकी साम्राज्य.

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ग्रेनाडा

ग्रेनाडा दक्षिण पूर्वी कैरेबियन सागर में ग्रेनेडियन्स के के दक्षिणी छोर पर स्थित एक संप्रभु द्वीप देश है, जो ग्रेनाडा द्वीप और छह छोटे द्वीपों से मिलकर बना है। ग्रेनेडा त्रिनिदाद और टोबैगो के उत्तरपश्चिम, वेनेजुएला के उत्तर-पूर्व और सेंट विंसेंट और द ग्रेनाडाइन्स के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। 344 वर्ग किमी में फैले इस देश की अनुमानित जनसंख्या 110,000 है। इसकी राजधानी सेंट जॉर्ज है। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका.

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इबेरिया प्रायद्वीप

इबेरियाई प्रायद्वीप इबेरियाई प्रायद्वीप या इबेरिया, यूरोप के दक्षिणपश्चिम भाग में स्थित एक प्रायद्वीप है। इस प्रायद्वीप के दक्षिण और पूर्व में भूमध्य सागर है और उत्तर और पश्चिम में अन्ध महासागर। यह ५,८२,८६० वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ यूरोप का तीसरा सबसे बड़ा प्रायद्वीप है। इबेरिया इस क्षेत्र के लिए एक प्राचीन यूनानी नाम है जिसे रोमन "हिस्पैनिया" कहते थे। हिस्पैनिया शब्द अब केवल स्पेन के लिए प्रयुक्त होता है, जबकि इबेरिया नाम इस पूरे प्रायद्वीप के लिए जिसपर अन्य देश भी स्थित हैं। .

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इस्लामी दुनिया

विश्व में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत. इस्लामी दुनिया; Islamic World or Muslim World): और मुस्लिम विश्व सामान्यतः इस्लामी समुदाय (उम्मत) का उल्लेख करता है, जिसमें वह सभी शामिल हैं जो इस्लाम धर्म का पालन करते हैं, या उस समाज के लिए जहां इस्लाम का अभ्यास होता है। एक आधुनिक भू- राजनीतिक अर्थ में, ये शब्द उन देशों का उल्लेख करता हैं जहां इस्लाम व्यापक है, हालांकि इसमें शामिल होने के लिए कोई मान्य मानदंड नहीं है। मुस्लिम दुनिया का इतिहास लगभग 1400 वर्ष पूराना है और इसमें विभिन्न सामाजिक- राजनीतिक विकास शामिल हैं, साथ ही कला, विज्ञान, दर्शन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रिम, विशेषकर इस्लामी स्वर्ण युग के दौरान। सभी मुसलमान कुरान के मार्गदर्शन की तलाश करते हैं और हजरत मुहम्मद सहाब की बातो में विश्वास करते हैं, लेकिन अन्य मामलों पर असहमति ने इस्लाम के भीतर विभिन्न धार्मिक स्कूलों और शाखाओं का प्रदर्शन किया है। आधुनिक युग में, अधिकांश मुस्लिम दुनिया यूरोपीय शक्तियों के प्रभाव या औपनिवेशिक वर्चस्व में आई थी। इतिहास बताता है कि औपनिवेशिक युग के बाद उभरे विभिन्न राजनीतिक और आर्थिक मॉडलों को अपनाया है, और वे धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक प्रवृत्तियों से प्रभावित हुए हैं। .

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उमय्यद ख़िलाफ़त

उमय्यद खिलाफत; (Umayyad Caliphate) हजरत मुहम्मद सहाब की मृत्यु के बाद स्थापित प्रथम रशीदुन चार खलीफाओं के बाद उमय्यद इस्लामी खिलाफत का हिस्सा बने, उमय्यद खलीफा बनू उमय्या बंश से या उमय्या के पृत्र जो मक्का शहर से जूड़े हुए थे। उमय्यद परिवार पहले रशीदुन खिलाफत के तीसरे खलीफा उस्मान इब्न अफ्फान (644-656) के अधीन सत्ता में रहे थे लेकीन उमय्यद शासन की स्थापना मुआविया इब्न अबी सुफीयान जो लम्बे समय तक रशीदुन शासन काल में सीरिया के गवर्नर रहे जिस कारण उन्होंने उमय्यद खिलाफत अथवा शासन स्थापना की थी, प्रथम मुस्लिम फितना (गृहयुद्ध) के समय में भी सीरिया उमय्यदो का प्रमुख शाक्ति केन्द्र बना रहा और राजधानी दमिश्क में स्थापित की जिसके साथ उमय्यदो ने मुस्लिम विजय अभियान जारी रखे जिसमें काकेशस, ट्रोक्सियाकिसयाना, सिन्ध, मगरीब (माघरेब) और इबेरिया प्रायद्वीप (अल अन्डालस) की विजय के साथ मुस्लिम दूनिया में शामिल किया गया। उमय्यदो की शक्ति; उमय्यद खलीफाओं ने 11.100.000 वर्ग किलो मीटर (4.300.000 वर्ग मील) क्षेत्र और 62 मिलियन लोग थे जिससे उमय्यद दूनिया की 29 प्रतिशत आबादी पर शासन किया करते जिसके साथ क्षेत्रफल के अनुपात में विश्व के बड़े और महान साम्राज्यो में से एक था। .

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