कहा जाता हे की अरुण और कृष्ण भगवन नर और नारायण के अवतार थे.यानी की अर्जुन और कृष्ण दो शरीर होते हुए भी एक प्राण थे, परन्तु ऐसा होने के बाद भी एकबार भगवान् कथा बहोत पहले की हे, की एक दिन महर्षि गालब प्रातःकाल स्नान कर भगवान् सूर्य को जल अर्पण कर रहे थे, पर तभी आकाशमार्ग से जाते हुए गंधर्व चित्ररथ की थूंकी हुयी पिक महर्षि गालब के हाथ में आकर गिर गयी थी, जिस से महर्षि गालब को बड़ा क्रोध आ गया, क्रोध में महर्षि चित्ररथ को श्राप देना ही चाहते थे तभी उन्हें अपने तपोबल के नाश होने का ध्यान आगया था, और वे रुक गए थे.
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