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अरैखिक नियंत्रण

सूची अरैखिक नियंत्रण

अरैखिक नियंत्रण (Nonlinear control theory), नियंत्रण सिद्धान्त का वह क्षेत्र है जो अरैखिक तंत्रों या समय के साथ परिवर्तनशील (time-variant) तंत्रों से सम्बन्धित है। दूसरे शब्दों में, जिन नियंत्रण तन्त्रों में (प्लान्ट में, या कन्ट्रोलर में, या दोनों में) अरैखिकता की महत्वपूर्ण भूमिका हो, उसे अरैखिक नियन्त्रण तन्त्र कहते हैं। बहुत से इंजीनियरी या प्राकृतिक तन्त्र मूलतः अरैखिक ही होते हैं। .

5 संबंधों: नियंत्रण सिद्धान्त, रैखिक निकाय, रैखिकीकरण, इष्टतम नियंत्रण, अरेखीय तंत्र

नियंत्रण सिद्धान्त

किसी दी हुई प्रणाली को नियंत्रित करने के लिये ऋणात्मक फीडबैक का कांसेप्ट नियंत्रण सिद्धान्त (Control theory), इंजिनियरी और गणित का सम्मिलित (interdisciplinary) शाखा है जो गतिक तन्त्रों के व्यवहार को आवश्यकता के अनुरूप बदलने से सम्बध रखती है। वांछित ऑउटपुट को सन्दर्भ (रिफरेंस) कहते हैं। .

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रैखिक निकाय

रेखीय तन्त्र (Linear systems) वे तन्त्र हैं अध्यारोपण का सिद्धान्त (superposition) तथा स्केलिंग (scaling) के गुण को सन्तुष्ट करते हैं .

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रैखिकीकरण

गणित में किसी फलन को किसी बिंदु पर किसी रैखिक फलन द्वारा अभिव्यक्त करने को रैखिकीकरण (linearization) कहते हैं। इसके बहुत से उपयोग हैं। इसका उपयोग इंजीनियरी, भौतिकी, अर्थशास्त्र एवं नियंत्रण सिद्धांत में होता है।; उदाहरण f(x) .

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इष्टतम नियंत्रण

इष्टतम नियंत्रण (Optimal control), नियंत्रण की नीति (कन्ट्रोल स्ट्रेटिजी) निर्धारित करने की एक गणितीय इष्टतमीकरण विधि है। यह विचरण-कलन (calculus of variations) का विस्तार है जिसका विकास १९५० के दशक में लेव पोंट्रयागिन (Lev Pontryagin) तथा रिचर्ड बेलमान (Richard Bellman) ने किया था। इष्टतम नियंत्रण के अनुप्रयोग विविध क्षेत्रों में हो रहे हैं, जैसे- इंजीनियरी, अर्थनीति, जीवविज्ञान, पर्यावरण, वित्त, प्रबन्धन, चिकित्सा आदि। .

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अरेखीय तंत्र

अरेखीय तंत्र (nonlinear system) वे तन्त्र हैं जो रेखीय नही हैं। अर्थात वे तन्त्र जो अध्यारोपण सिद्धान्त (superposition principle) के शर्तों को संतुष्ट नहीं करते, उन्हें अरेखीय कहा जाता है। भौतिकशास्त्रियों एवं इंजिनियरों को अरेखीय तन्त्रों में रुचि इसलिये है कि अधिकांश तन्त्र मूलतः अरेखीय ही होते हैं। या, अधिकांश तन्त्र केवल सीमित दायरे में ही रेखीय होते हैं, सम्पूर्ण दायरे में नहीं। इसके अलावा बहुत से कार्यों के लिये अरेखीय तन्त्र ही अधिक उपयुक्त होते हैं, न कि रेखीय। .

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