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मुहम्मद बिन क़ासिम

सूची मुहम्मद बिन क़ासिम

मुहम्मद बिन क़ासिम के तहत भारतीय उपमहाद्वीप में उमय्यद ख़िलाफ़त का विस्तार अपने चरम पर उमय्यद ख़िलाफ़त मुहम्मद बिन क़ासिम (अरबी:, अंग्रेज़ी: Muhammad bin Qasim) इस्लाम के शुरूआती काल में उमय्यद ख़िलाफ़त का एक अरब सिपहसालार था। उसने १७ साल की उम्र में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी इलाक़ों पर हमला बोला और सिन्धु नदी के साथ लगे सिंध और पंजाब क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा कर लिया। यह अभियान भारतीय उपमहाद्वीप में आने वाले मुस्लिम राज का एक बुनियादी घटना-क्रम माना जाता है। .

29 संबंधों: ताइफ़, दमिश्क, दाहिर (राजा), देबल, पंजाब क्षेत्र, बनू सक़ीफ़, भारतीय उपमहाद्वीप, मकरान, मुल्तान, राष्ट्रकूट राजवंश, राजस्थान का युद्ध, रोहड़ी, सिन्धु नदी, सिंध, सउदी अरब, हज्जाज बिन युसुफ़, ईरान, ख़लीफ़ा, इराक़, इस्लाम, कन्नौज, कराची, कूफ़ा, अरब लोग, अरबी प्रायद्वीप, अरबी भाषा, अंग्रेज़ी भाषा, उमय्यद, उमय्यद ख़िलाफ़त

ताइफ़

सरवात पहाड़ियों में ताइफ़ जाती सड़क ताइफ़ (अरबी:, अंग्रेज़ी: Ta'if) सउदी अरब के मक्का प्रान्त में स्थित एक शहर है। यह मक्का से १०० किमी दक्षिणपूर्व में सरवात पहाड़ियों में १,८७९ मीटर (६,१६५ फ़ुट) की ऊँचाई पर बसा हुआ है और अपने लुभावने वातावरण के लिए जाना जाता है। इस शहर के मध्य में खुले क्षेत्रों में अंगूर और गुलाब उगाए जाते हैं और शहद भी बनाया जाता है। .

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दमिश्क

दमिश्क (अरबी: دمشق उच्चारण: दिमश्क़) सीरिया की राजधानी और सीरिया का सबसे बड़ा नगर है। देश के दक्षिण-पश्चिमी कोने में, लेबनॉन की सीमा के निकट बसा ये शहर ऐतिहासिक है, आज इसकी जनसंख्या ४५ लाख है। दमिश्क विश्व के प्राचीनतम नगरों में गिना जाता है और जहाँ आज भी लोग रह रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि दमिश्क में ८००० से १०००० ईसा पूर्व में लोगो ने रहना प्रारंभ कर दिया था। दमिश्क लेवेंट और अरब दुनिया का एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है। 2009 तक शहर की अनुमानित आबादी 1,711,000 थी। दक्षिण-पश्चिमी सीरिया में स्थित, दमिश्क 1,711,000 के साथ के बड़े महानगरीय क्षेत्र का केंद्र भी है। अंतर्देशीय समुद्र तल से 680 मीटर (2,230 फीट) के पठार पर भूमध्यसागरीय तट का किनारा, दमिश्क छाया प्रभाव के कारण अर्ध शुष्क जलवायु का अनुभव करता है। बरदा नदी दमिश्क से होकर बहती है। दमिश्क दूसरी सहस्राब्दी में बसाया गया था दमिश्क उमायाद खिलाफ़त की राजधानी 661 ईस्वी से 750 ईस्वी तक रहा था। अब्बासी खिलाफत की जीत के बाद, इस्लामी शक्ति की 7राजधानी बगदाद चली गई। दमिश्क ने अब्बासीद युग में राजनीतिक गिरावट देखी, केवल अय्यूबिद और मामलुक काल में महत्वपूर्ण महत्व हासिल करने के लिए। आज, यह केंद्र सरकार और सभी सरकारी मंत्रालयों की सीट है। .

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दाहिर (राजा)

राजा दाहिर सिंध के राजा थे। उनके समय में ही अरबों ने सर्वप्रथम सन ७१२ में भारत (सिंध) पर आक्रमण किया था। .

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देबल

देबल (अरबी:, अंग्रेज़ी: Debal) एक प्राचीन भारतीय बंदरगाह थी जो आधुनिक पाकिस्तान के सिंध प्रान्त की राजधानी कराची के पास स्थित थी। यह मनोड़ा प्रायद्वीप के पास थी। इसका नाम पास के एक महान मंदिर पर 'देवल' पड़ा था जो बिगड़कर 'देबल' बन गया। यह मकरान के तटवर्ती रेगिस्तान के पूर्वी छोर पर था।, Sir Henry Miers Elliot and John Dowson, pp.

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पंजाब क्षेत्र

पंजाब दक्षिण एशिया का क्षेत्र है जिसका फ़ारसी में मतलब पांच नदियों का क्षेत्र है। पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में शकों, हूणों, पठानों व मुगलों ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आर्यो का आगमन भी हिन्दुकुश पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की सिन्धु नदी की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-झेलम, चेनाब, राबी, व्यास और सतलज इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ। पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल। .

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बनू सक़ीफ़

६०० ईसवी में अरबी क़बीलों का विस्तार जिसमें थ़क़ीफ़​ भी देखे जा सकते हैं बनू सक़ीफ़ या बनू थ़क़ीफ़​ (अरबी:, अंग्रेज़ी: Banu Thaqif) पैग़म्बर मुहम्मद के काल में एक अरबी क़बीला था। यह ताइफ़ शहर का मुख्य क़बीला था और इसके वंशज अब सउदी अरब, सीरिया, लेबनान, मिस्र, जॉर्डन, इराक़ और तुनीसिया जैसे कई देशों में बसे हुए हैं। अक्सर इनके नाम में 'सक़ाफ़ी' नाम जुड़ा होता है। इस्लाम के आने से पहले यह अल-लात नामक अरबी देवी के उपासक हुआ करते थे।, Jan Knappert, Element, 1993, ISBN 978-1-85230-427-0,...

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भारतीय उपमहाद्वीप

भारतीय उपमहाद्वीप का भौगोलिक मानचित्र भारतीय उपमहाद्वीप, एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित एक उपमहाद्वीप है। इस उपमहाद्वीप को दक्षिण एशिया भी कहा जाता है भूवैज्ञानिक दृष्टि से भारतीय उपमहाद्वीप का अधिकांश भाग भारतीय प्रस्तर (या भारतीय प्लेट) पर स्थित है, हालाँकि इस के कुछ भाग इस प्रस्तर से हटकर यूरेशियाई प्रस्तर पर भी स्थित हैं। .

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मकरान

अंतरिक्ष से लिए गए इस चित्र में मकरान अरब सागर से लगी ज़मीन की अर्ध-रेगिस्तानी पट्टी है - यह दक्षिणी पाकिस्तान और ईरान में पड़ती है ग्वादर में मकरान का तटीय क्षेत्र मकरान तटीय राजमार्ग पर चलता ट्रक मकरान (फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Makran) पाकिस्तान के सिंध और बलोचिस्तान प्रान्तों के दक्षिणतम भाग में और ईरान के सिस्तान व बलोचिस्तान प्रान्त के दक्षिणतम भाग में अरब सागर से लगा एक शुष्क, अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र है। इस इलाक़े से भारतीय उपमहाद्वीप और ईरान के बीच का एक महत्वपूर्ण मार्ग गुज़रता है जिस से कई तीर्थयात्री, खोजयात्री, व्यापारी और आक्रामक इन दोनों भूभागों के बीच आते-जाते थे। Mecran region in the Map of Persia by Bowen 1747 .

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मुल्तान

मुल्तान में एक मक़बरा मुल्तान पाकिस्तान के पंजाब सूबे में एक शहर है। यह पाकिस्तान का छठा सबसे बड़ा शहर है। इसकी जनसंख्या 38 लाख है। यहाँ बहुत से बाज़ार, मस्जिदें और मक़बरे हैं। .

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राष्ट्रकूट राजवंश

राष्ट्रकूट (ರಾಷ್ಟ್ರಕೂಟ) दक्षिण भारत, मध्य भारत और उत्तरी भारत के बड़े भूभाग पर राज्य करने वाला राजवंश था। .

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राजस्थान का युद्ध

कन्नौज त्रिकोण सन ७३८ ई में लड़े गये कई युद्धों की शृंखला को राजस्थान के युद्ध कहते हैं। इन युद्धों में हिन्दुओं के संघ ने आक्रमणकारी अरब सेनाओं को सिन्ध नदी के पूर्वी भाग से पीछे धकेलते हुए इस भाग को अरबों के प्रभाव से मुक्त कर दिया था। अन्तिम युद्ध वर्तमान सिन्ध और राजस्थान की सीमा पर किसी स्थान पर हुआ था। अरब सेना ने सिन्ध पर अधिकार कर लिया किन्तु उनको सिन्ध नदी के पश्चिमी क्षेत्र तक रुकने के लिये मजबूर होना पड़ा। हिन्दू सेना गुर्जर-प्रतिहार राजवंश का बप्पा रावल नागभट्ट प्रथम, दक्षिण भारत के चालुक्य राजवंश का सम्राट विक्रमादित्य द्वितीय तथा कई छोटे-छोटे हिन्दू राजा थे। अरबों ने फारस को बहुत कम समय में बहुत कम प्रयत्न से जीत लिया था, उसी से उत्साहित होकर अरब सेनाओं ने भारत पर आक्रमण किया जिसमें उनको मुंह की खानी पड़ी। श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:युद्ध.

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रोहड़ी

रोहड़ी (सिन्धी:, उर्दू:, अंग्रेज़ी: Rohri), जिसे मध्यकाल में 'अरोर' और 'अलोर' कहा जाता था, पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के सक्खर ज़िले में सिन्धु नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित एक शहर है। .

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सिन्धु नदी

पाकिस्तान में बहती सिन्घु सिन्धु नदी (Indus River) एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लंबाई प्रायः 2880 किलोमीटर है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है। सिंधु की पांच उपनदियां हैं। इनके नाम हैं: वितस्ता, चन्द्रभागा, ईरावती, विपासा एंव शतद्रु.

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सिंध

सिंध सिंध पाकिस्तान के चार प्रान्तों में से एक है। यह देश के दक्षिण-पूर्व में बसा हुआ है जिसके दक्षिण में अरब की खाड़ी है। सिन्ध का सबसे बड़ा शहर कराँची है और यहाँ देश की 15 प्रतिशत जनता वास करती है। यह सिन्धियों का मूल स्थान है साथ ही यहाँ विभाजन के दौरान आकर बसे मोहाज़िरों की भी बहुतायात है। .

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सउदी अरब

सउदी अरब मध्यपूर्व में स्थित एक सुन्नी मुस्लिम देश है। यह एक इस्लामी राजतंत्र है जिसकी स्थापना १७५० के आसपास सउद द्वारा की गई थी। यहाँ की धरती रेतीली है तथा जलवायु उष्णकटिबंधीय मरुस्थल। यह विश्व के अग्रणी तेल निर्यातक देशों में गिना जाता है। सउदी अरब के पश्चिम की ओर लाल सागर है और उसके पार मिस्र। दक्षिण की ओर ओमान और यमन हैं और उनके दक्षिण में हिन्द महासागर। उत्तर में इराक और ज़ॉर्डन की सीमा लगती है जबकि पूरब में फारस की खाड़ी और कुवैत तथा संयुक्त अरब अमीरात। इसरायल-फ़िलिस्तीन का क्षेत्र इसके उत्तर की दिशा में है और अरबों ने इसके इतिहास को बहुत प्रभावित किया है। यहाँ इस्लाम के प्रवर्तक मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था और यहाँ इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना अवस्थित हैं। इस्लाम में हज का स्थान मक्का बताया गया है और दुनिया के सारे मुसलमान मक्का की ओर ही नमाज अदा करते हैं। यहाँ के मुसलमान मुख्यतः सुन्नी हैं और इस्लाम की राजनैतिक राजधानी के इस देश से बाहर रहने के बावजूद इस देश के लोगों ने इस्लाम धर्म पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। .

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हज्जाज बिन युसुफ़

अल-हज्जाज बिन युसुफ़ (अरबी:, अंग्रेज़ी: Hajjaj bin Yusuf) इस्लाम के शुरूआती काल में उमय्यद ख़िलाफ़त का एक अरब प्रशासक, रक्षामंत्री और राजनीतिज्ञ था जो इतिहास में बहुत विवादित रहा है। वह एक चतुर और सख़्त​ शासक था, हालांकि अब कुछ इतिहासकारों का मत है कि उमय्यद ख़िलाफ़त के बाद आने वाले अब्बासी ख़िलाफ़त के इतिहासकार उमय्यादों से नफ़रत करते थे और हो सकता है उन्होंने अपनी लिखाईयों में अल-हज्जाज का नाम बिगाड़ा हो।, Edmund Ghareeb, Beth Dougherty, pp.

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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ख़लीफ़ा

ख़लीफ़ा (अरबी:, अंग्रेज़ी: Caliph या Khalifa) अरबी भाषा में ऐसे शासक को कहते हैं जो किसी इस्लामी राज्य या अन्य शरिया (इस्लामी क़ानून) से चलने वाली राजकीय व्यवस्था का शासक हो। पैग़म्बर मुहम्मद की ६३२ ईसवी में मृत्यु के बाद वाले ख़लीफ़ा पूरे मुस्लिम क्षेत्र के राजनैतिक नेता माने जाते थे। ख़लीफ़ाओं का सिलसिला अंत में जाकर उस्मानी साम्राज्य के पतन पर १९२५ में ही ख़त्म हुआ।, David Nicolle, pp.

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इराक़

इराक़ पश्चिमी एशिया में स्थित एक जनतांत्रिक देश है जहाँ के लोग मुख्यतः मुस्लिम हैं। इसके दक्षिण में सउदी अरब और कुवैत, पश्चिम में जोर्डन और सीरिया, उत्तर में तुर्की और पूर्व में ईरान अवस्थित है। दक्षिण पश्चिम की दिशा में यह फ़ारस की खाड़ी से भी जुड़ा है। दजला नदी और फरात इसकी दो प्रमुख नदियाँ हैं जो इसके इतिहास को ५००० साल पीछे ले जाती हैं। इसके दोआबे में ही मेसोपोटामिया की सभ्यता का उदय हुआ था। इराक़ के इतिहास में असीरिया के पतन के बाद विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व रहा है। ईसापूर्व छठी सदी के बाद से फ़ारसी शासन में रहने के बाद (सातवीं सदी तक) इसपर अरबों का प्रभुत्व बना। अरब शासन के समय यहाँ इस्लाम धर्म आया और बगदाद अब्बासी खिलाफत की राजधानी रहा। तेरहवीं सदी में मंगोल आक्रमण से बगदाद का पतन हो गया और उसके बाद की अराजकता के सालों बाद तुर्कों (उस्मानी साम्राज्य) का प्रभुत्व यहाँ पर बन गया २००३ से दिसम्बर २०११ तक अमेरिका के नेतृत्व में नैटो की सेना की यहाँ उपस्थिति बनी हुई थी जिसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है। राजधानी बगदाद के अलावा करबला, बसरा, किर्कुक तथा नजफ़ अन्य प्रमुख शहर हैं। यहाँ की मुख्य बोलचाल की भाषा अरबी और कुर्दी भाषा है और दोनों को सांवैधानिक दर्जा मिला है। .

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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कन्नौज

कन्नौज, भारत में उत्तर प्रदेश प्रांत के कन्नौज जिले का मुख्यालय एवं प्रमुख नगरपालिका है। शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। माना जाता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मण मूल रूप से इसी स्थान के हैं। विन्ध्योत्तर निवासी एक ब्राह्मणौंकी समुह है जिनको पंचगौड कहते हैं। उनमें गौड, सारस्वत, औत्कल, मैथिल,और कान्यकुब्ज है। उनकी ऐसी प्रसिद्ध लोकोक्ति प्रचलित है- ""सर्वे द्विजाः कान्यकुब्जाःमागधीं माथुरीं विना"" कान्यकुब्जी ब्राह्मण अपनी इतिहासको बचाये रखें | वर्तमान कन्नौज शहर अपने इत्र व्यवसाय के अलावा तंबाकू के व्यापार के लिए मशहूर है। कन्नौज की जनसंख्या २००१ की जनगणना के अनुसार ७१,५३० आंकी गयी थी। यहाँ मुख्य रूप से कन्नौजी भाषा/ कनउजी भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। यहाँ के किसानों की मुख्य फसल आलू है। .

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कराची

कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा नगर है और सिन्ध प्रान्त की राजधानी है। यह अरब सागर के तट पर बसा है और पाकिस्तान का सबसे बड़ा बन्दरगाह भी है। इसके उपनगरों को मिलाकर यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह 3527 वर्ग किलोमीटर में फैला है और करीब 1.45 करोड़ लोगों का घर है। यहाँ के निवासी इस शहर की ज़िन्दादिली की वजह से इसे रौशनियों का शहर और क़ैद-ए-आज़म जिन्ना का निवास स्थान होने की वजह से इसे शहर-ए-क़ैद कह कर बुलाते हैं। जिन्‍नाह की जन्‍मस्‍थली के लिए प्रसिद्ध कराची पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत की राजधानी है। यह पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा शहर है। अरब सागर के तट पर बसा कराची पाकिस्‍तान की सांस्‍कृतिक, आर्थिक और शैक्षणिक राजधानी मानी जाती है। यह पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा बंदरगाह शहर भी है। यह शहर पाकिस्‍तान आने वाले पर्यटकों के बीच भी खासा लोकप्रिय है। पर्यटक यहां बीच, म्‍यूजियम और मस्जिद आदि देख सकते हैं। आज के पाकिस्तानी भूभाग का मानवीय इतिहास कम से कम 5000 साल पुराना है, यद्यपि इतिहास पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है। ईसापूर्व 3300-1800 के बीच यहाँ सिन्धुघाटी सभ्यता का विकास हुआ। यह विश्व की चार प्राचीन ताम्र-कांस्यकालीन सभ्यताओं में से एक थी। इसका क्षेत्र सिन्धु नदी के किनारे अवस्थित था पर गुजरात (भारत) और राजस्थान में भी इस सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं। मोहेन्जो-दारो, हड़प्पा इत्यादि स्थल पाकिस्तान में इस सभ्यता के प्रमुख अवशेष-स्थल हैं। इस सभ्यता के लोग कौन थे इसके बारे में विद्वानों में मतैक्य नहीं है। कुछ इसे आर्यों की पूर्ववर्ती शाखा कहते हैं तो कुछ इसे द्रविड़। कुछ इसे बलोची भी ठहराते हैं। इस मतभेद का एक कारण सिन्धु-घाटी सभ्यता की लिपि का नहीं पढ़ा जाना भी है। ऐसा माना जाता है कि 1500 ईसापूर्व के आसपास आर्यों का आगमन पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों के मार्फ़त भारत में हुआ। आर्यों का निवास स्थान कैस्पियन सागर के पूर्वी तथा उत्तरी हिस्सों में माना जाता है जहाँ से वे इसी समय के करीब ईरान, यूरोप और भारत की ओर चले गए थे। सन् 543 ईसापूर्व में पाकिस्तान का अधिकांश इलाका ईरान (फारस) के हख़ामनी साम्राज्य के अधीन आ गया। लेकिन उस समय इस्लाम का उदय नहीं हुआ था; ईरान के लोग ज़रदोश्त के अनुयायी थे और देवताओं की पूजा करते थे। सन् 330 ईसापूर्व में मकदूनिया (यूनान) के विजेता सिकन्दर ने दारा तृतीय को तीन बार हराकर हखामनी वंश का अन्त कर दिया। इसके कारण मिस्र से पाकिस्तान तक फैले हखामनी साम्राज्य का पतन हो गया और सिकन्दर पंजाब तक आ गया। ग्रीक स्रोतों के मुताबिक उसने सिन्धु नदी के तट पर भारतीय राजा पुरु (ग्रीक - पोरस) को हरा दिया। पर उसकी सेना ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया और वह भारत में प्रवेश किये बिना वापस लौट गया। इसके बाद उत्तरी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में यूनानी-बैक्ट्रियन सभ्यता का विकास हुआ। सिकन्दर के साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने आपस में बाँट लिया। सेल्युकस नेक्टर सिकन्दर के सबसे शक्तिशाली उत्तराधिकारियों में से एक था। मौर्यों ने 300 ईसापूर्व के आसपास पाकिस्तान को अपने साम्राज्य के अधीन कर लिया। इसके बाद पुनः यह ग्रीको-बैक्ट्रियन शासन में चला गया। इन शासकों में सबसे प्रमुख मिनांदर ने बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया। पार्थियनों के पतन के बाद यह फारसी प्रभाव से मुक्त हुआ। सिन्ध के राय राजवंश (सन् 489-632) ने इसपर शासन किया। इसके बाद यह उत्तर भारत के गुप्त और फारस के सासानी साम्राज्य के बीच बँटा रहा। सन् 712 में फारस के सेनापति मुहम्मद बिन क़ासिम ने सिन्ध के राजा को हरा दिया। यह फारसी विजय न होकर इस्लाम की विजय थी। बिन कासिम एक अरब था और पूर्वी ईरान में अरबों की आबादी और नियंत्रण बढ़ता जा रहा था। हालांकि इसी समय केन्द्रीय ईरान में अरबों के प्रति घृणा और द्वेष बढ़ता जा रहा था पर इस क्षेत्र में अरबों की प्रभुसत्ता स्थापित हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान का क्षेत्र इस्लाम से प्रभावित होता चला गया। पाकिस्तानी सरकार के अनुसार इसी समय 'पाकिस्तान की नींव' डाली गई थी। इसके 1192 में दिल्ली के सुल्तान पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद ही दिल्ली की सत्ता पर फारस से आए तुर्कों, अरबों और फारसियों का नियंत्रण हो गया। पाकिस्तान दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया। सोलहवीं सदी में मध्य-एशिया से भाग कर आए हुए बाबर ने दिल्ली की सत्ता पर अधिकार किया और पाकिस्तान मुगल साम्राज्य का अंग बन गया। मुगलों ने काबुल तक के क्षेत्र को अपने साम्राज्य में मिला लिया था। अठारहवीं सदी के अन्त तक विदेशियों (खासकर अंग्रेजों) का प्रभुत्व भारतीय उपमहाद्वीप पर बढ़ता गया.

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कूफ़ा

महान कूफ़ा मस्जिद, १९१५ में ली गई तस्वीर कूफ़ा (अरबी:, अल-कूफ़ा; अंग्रेज़ी: Kufa) इराक़ के नजफ़ प्रान्त में फ़ुरात नदी के किनारे स्थित एक शहर है। यह इराक़ की राजधानी बग़दाद से १७० किमी दक्षिण में और प्रांतीय राजधानी नजफ़ से १० किमी पूर्वोत्तर में पड़ता है। .

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अरब लोग

अरब लोग या अरबी लोग (अरबी:, अंग्रेज़ी: Arab) एक मानव जातियों का समूह है जो मुख्य रूप से पश्चिमी एशिया और उत्तर अफ़्रीका में रहते हैं। अरब लोग मुख्य रूप से अरबी भाषा और संस्कृति से जुड़े हुए हैं हालांकि ऐतिहासिक रूप से 'अरब' की परिभाषा में फेर-बदल आया है।, Mark Allen, pp.

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अरबी प्रायद्वीप

अरबी प्रायद्वीप अरबी प्रायद्वीप (अरबी: شبه الجزيرة العربية सिब्ह अल-जजी़रा अल-अरबिया या جزيرة العرب जजी़रत अल-अरब) दक्षिण पश्चिम एशिया का एक प्रायद्वीप है। यह एशिया एवं अफ्रीका की संधि पर है। यह मुख्यतः रेगिस्तान है। यह मध्य एशिया का एक महत्वपूर्ण भाग है, एवं अपने खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार के कारण महत्वपूर्ण राजनैतिक भूमिका निभाता है। प्रायद्वीप के तट, पश्चिम छोर पर लाल सागर एवं अकाबा की खाडी़, दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर (हिंद महासागर का भाग), उत्तर-पश्चिम में ओमान की खाडी़ एवं हॉर्मज़ जलडमरुमध्य तथा फारस की खाडी़ हैं। इसकी उत्तरी सीमा ज़गरोस कोलीजज्ञ जो़न है, जहाँ अरबी प्लेट एवं एशिया के बीच संयोजन/टक्कर होने से महाद्वीपीय उठाव है। यह सीरियाई रेगिस्तान से जा मिलता है, बिना किसी रेखांकित सीमा के। भौगोलिक दृष्टि से अरबी प्रायद्वीप में ईराक एवं सीरिया के भाग आते हैं। राजनैतिक रूप से प्रायद्वीप को शेष एशिया से अलग करता है उत्तरी सीमाएं। ये उत्तरी सीमाएं कुवैत एवं सऊदी अरब की सीमाएं। निम्न राष्ट्र इस प्रायद्वीप के भाग माने जाते हैं.

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अरबी भाषा

अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उमय्यद

उमय्यदों के समय, 661–750 उमाविया शासक इस्लाम के मुखिया, यानि ख़लीफ़ा, सन् 661 से सन् 750 तक रहे। प्रथम चार ख़लीफ़ाओं के बाद वे सत्ता में आए और इसके बाद ख़िलाफ़त वंशानुगत हो गई। उनके शासन काल में इस्लामिक सेना को सैनिक सफलता बहुत मिली और वे उत्तरी अफ़्रीका होते हुए स्पेन तक पहुँच गए। इसी काल में मुस्लिमों ने मध्य एशिया सहित सिन्ध पर (सन् 712) भी अधिकार कर लिया था। मूलतः मक्का के रहने वाले उमय्यों ने अपनी राजधानी दमिश्क में बनाई। सन् 750 में चले एक परिवर्तान आन्दोलन के बाद अब्बासी खलीफ़ाओं ने इनको हरा दिया और ख़ुद शासक बन बैठे। हाँलांकि उमावियाई वंश में से एक - अब्द उर रहमान (प्रथम) और उसका एक यूनानी दास - बचकर अफ़्रीका होते हुए स्पेन पहुँच गया और कोर्डोबा में अपनी ख़िलाफत स्थापित की जो ग्यारहवीं सदी तक रही। इस्लाम धर्म में इनको सांसारिकता के क़रीब और इस्लाम के संदेशों से दूर विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले शासक के रूप में देखा जाता है। इनके ख़िलाफ़ चौथे ख़लीफ़ा अली के पुत्र हुसैन ने विद्रोह किया पर उन्हें एक युद्ध में जान गंवानी पड़ी। अली और हुसैन के समर्थकों को शिया संप्रदाय कहा गया। ये वंश इस्लाम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि यहीं से शिया-सुन्नी मतभेद बढ़े थे। .

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उमय्यद ख़िलाफ़त

उमय्यद खिलाफत; (Umayyad Caliphate) हजरत मुहम्मद सहाब की मृत्यु के बाद स्थापित प्रथम रशीदुन चार खलीफाओं के बाद उमय्यद इस्लामी खिलाफत का हिस्सा बने, उमय्यद खलीफा बनू उमय्या बंश से या उमय्या के पृत्र जो मक्का शहर से जूड़े हुए थे। उमय्यद परिवार पहले रशीदुन खिलाफत के तीसरे खलीफा उस्मान इब्न अफ्फान (644-656) के अधीन सत्ता में रहे थे लेकीन उमय्यद शासन की स्थापना मुआविया इब्न अबी सुफीयान जो लम्बे समय तक रशीदुन शासन काल में सीरिया के गवर्नर रहे जिस कारण उन्होंने उमय्यद खिलाफत अथवा शासन स्थापना की थी, प्रथम मुस्लिम फितना (गृहयुद्ध) के समय में भी सीरिया उमय्यदो का प्रमुख शाक्ति केन्द्र बना रहा और राजधानी दमिश्क में स्थापित की जिसके साथ उमय्यदो ने मुस्लिम विजय अभियान जारी रखे जिसमें काकेशस, ट्रोक्सियाकिसयाना, सिन्ध, मगरीब (माघरेब) और इबेरिया प्रायद्वीप (अल अन्डालस) की विजय के साथ मुस्लिम दूनिया में शामिल किया गया। उमय्यदो की शक्ति; उमय्यद खलीफाओं ने 11.100.000 वर्ग किलो मीटर (4.300.000 वर्ग मील) क्षेत्र और 62 मिलियन लोग थे जिससे उमय्यद दूनिया की 29 प्रतिशत आबादी पर शासन किया करते जिसके साथ क्षेत्रफल के अनुपात में विश्व के बड़े और महान साम्राज्यो में से एक था। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

मुहम्मद बिन कासिम, अरबों का सिन्ध पर आक्रमण

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