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अरनाला का किला

सूची अरनाला का किला

अर्नाला का किला महाराष्ट्र की राजधानी के निकट वसई गाँव में है। यह दुर्ग जल के बीच एक द्वीप पर बना होने के कारण इसे जलदुर्ग या जन्जीरे-अर्नाला भी कहा जाता है। यह मुम्बई से ४८ किमी दूरी पर ख्य अर्नाला से ८ कि॰मी॰ दूरी पर स्थित है। इस किले पर १७३९ में पेशवा बाजीराव के भाई चीमाजी ने अधिकार कर लिया था। वैसे इस किले पर अधिकार के अलावा उस युद्ध में मराठाओं ने अपनी सेना के एक बड़े भाग की हानि सही थी। १८०२ ई॰ में पेशवा बाजीराव द्वितीय ने ब्रिटिश सेना से द्वितीय वसई सन्धि कर ली और तदोपरान्त अर्नाला का किला अंग्रेजो के अधिकार में आ गया। यह किला सामरिक दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण था। यहां से गुजरात के सुल्तान,पुर्तगाली,अंग्रेज और मराठाओं ने शासन किया है। अरनाला का किला तीनो ओर से समुद्र से घिरा हुआ है | .

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सामग्री की तालिका

  1. 11 संबंधों: चिमाजी अप्पा, पेशवा बाजीराव द्वितीय, बाजीराव प्रथम, बीजापुर सल्तनत, भारत, मराठा साम्राज्य, महाराष्ट्र, मुम्बई, शिवाजी, ईस्ट इण्डिया कम्पनी, वसई

  2. पालघर ज़िले में पर्यटन आकर्षण
  3. महाराष्ट्र में दुर्ग

चिमाजी अप्पा

चिमाजी अप्पा या चिमणाजी अप्पा बालाजी विश्वनाथ के बैठे और बाजीराव के छोटे भाई थे। उन्होंने पुर्तगाली शासन से भारत के पश्चिमी तट को मुक्त कराया। वह वसई किले में हुए एक कठिन युद्ध को जीत लिया। .

देखें अरनाला का किला और चिमाजी अप्पा

पेशवा बाजीराव द्वितीय

बाजीराव द्वितीय बाजीराव द्वितीय (१७७५ – 1 जनवरी, १८५१), सन १७९६ से १८१८ तक मराठा साम्राज्य के पेशवा थे। इनके समय में मराठा साम्राज्य का पतन होना शुरू हुआ। इनके शासनकाल में अंग्रेजों के साथ संघर्ष शुरू हुआ। बाजीराव द्वितीय आठवाँ और अन्तिम पेशवा (1796-1818) था। वह रघुनाथराव (राघोवा) का पुत्र था। अपने प्रधानमंत्री नाना फड़नवीस से बाजीराव द्वितीय सदा नफ़रत करता रहा। नाना फड़नवीस की मृत्यु के बाद वह स्वयं ही मराठा साम्राज्य की सत्ता सम्भालना चाहता था। बाजीराव द्वितीय एक क़ायर और विश्वासघाती व्यक्ति था, जिसने अंग्रेज़ों की सहायता प्राप्त करके पेशवा का पद प्राप्त किया था। परन्तु अंग्रेज़ों के साथ भी वह सच्चा सिद्ध नहीं हुआ। उसकी धोखेबाज़ी और बेइमानी के कारण अंग्रेज़ों ने उसे बंदी बनाकर बिठूर भेज दिया, जहाँ 1853 ई.

देखें अरनाला का किला और पेशवा बाजीराव द्वितीय

बाजीराव प्रथम

पेशवा बाजीराव प्रथम (१७०० - १७४०) महान सेनानायक थे। वे १७२० से १७४० तक मराठा साम्राज्य के चौथे छत्रपति शाहूजी महाराज के पेशवा (प्रधानमन्त्री) रहे। इनको 'बाजीराव बल्लाल' तथा 'थोरले बाजीराव' के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें प्रेम से लोग अपराजित हिन्दू सेनानी सम्राट भी कहते थे। इन्होंने अपने कुशल नेतृत्व एवं रणकौशल के बल पर मराठा साम्राज्य का विस्तार (विशेषतः उत्तर भारत में) किया। इसके कारण ही उनकी मृत्यु के २० वर्ष बाद उनके पुत्र के शासनकाल में मराठा साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच सका। बाजीराव प्रथम को सभी ९ महान पेशवाओं में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इनके पिता बालाजी विश्वनाथ पेशवा भी शाहूजी महाराज के पेशवा थे। बचपन से बाजीराव को घुड़सवारी करना, तीरंदाजी, तलवार भाला, बनेठी, लाठी आदि चलाने का शौक था। १३-१४ वर्ष की खेलने की आयु में बाजीराव अपने पिताजी के साथ घूमते थे।। वेबदुनिया उनके साथ घूमते हुए वह दरबारी चालों व रीतिरिवाजों को आत्मसात करते रहते थे।यह क्रम १९-२० वर्ष की आयु तक चलता रहा। जब बाजीराव के पिता का अचानक निधन हो गया तो मात्र बीस वर्ष की आयु के बाजीराव को शाहूजी महाराज ने पेशवा बना दिया। जब महाराज शाहू ने १७२० में बालाजी विश्वनाथ के मृत्यूपरांत उसके १९ वर्षीय ज्येष्ठपुत्र बाजीराव को पेशवा नियुक्त किया तो पेशवा पद वंशपरंपरागत बन गया। अल्पवयस्क होते हुए भी बाजीराव ने असाधारण योग्यता प्रदर्शित की। पेशवा बनने के बाद अगले बीस वर्षों तक बाजीराव मराठा साम्राज्य को बढ़ाते रहे। उनका व्यक्तित्व अत्यंत प्रभावशाली था; तथा उनमें जन्मजात नेतृत्वशक्ति थी। अपने अद्भुत रणकौशल, अदम्य साहस और अपूर्व संलग्नता से, तथा प्रतिभासंपन्न अनुज श्रीमान चिमाजी साहिब अप्पा के सहयोग द्वारा शीघ्र ही उसने मराठा साम्राज्य को भारत में सर्वशक्तिमान् बना दिया।हिन्दी विश्वकोश, भाग-7, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, संस्करण 1966, पृष्ठ 339.

देखें अरनाला का किला और बाजीराव प्रथम

बीजापुर सल्तनत

The House of Bijapur: Album leaf, ca. 168 बीजापुर सल्तनत या आदिलशाही सल्तनत (1490-1686) दक्कन का एक राज्य था। यह बहमनी सल्तनत का एक प्रांत था जिसका सूबेदार युसूफ़ आदिलशाह था जिसने बीजापुर को 1490 में स्वतंत्र घोषित कर दिया। उसने इसके साथ ही आदिलशाही वंश की स्थापना भी की। 1686 में औरंगजेब ने इसको मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया। श्रेणी:दक्षिण भारत का सम्राज्य श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:भारत के सल्तनत श्रेणी:मुगलकालिन भारत en:Adil Shahi.

देखें अरनाला का किला और बीजापुर सल्तनत

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

देखें अरनाला का किला और भारत

मराठा साम्राज्य

मराठा साम्राज्य या मराठा महासंघ एक भारतीय साम्राज्यवादी शक्ति थी जो 1674 से 1818 तक अस्तित्व में रही। मराठा साम्राज्य की नींव छत्रपती शिवाजी महाराज जी ने १६७४ में डाली। उन्होने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। बाद में आये पेशवाओनें इसे उत्तर भारत तक बढाया, ये साम्राज्य १८१८ तक चला और लगभग पूरे भारत में फैल गया। .

देखें अरनाला का किला और मराठा साम्राज्य

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .

देखें अरनाला का किला और महाराष्ट्र

मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

देखें अरनाला का किला और मुम्बई

शिवाजी

छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले (१६३० - १६८०) भारत के महान योद्धा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने १६७४ में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन १६७४ में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और छत्रपति बने। शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध (Gorilla War) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने शिवाजी के जीवनचरित से प्रेरणा लेकर भारत की स्वतन्त्रता के लिये अपना तन, मन धन न्यौछावर कर दिया। .

देखें अरनाला का किला और शिवाजी

ईस्ट इण्डिया कम्पनी

लन्दन स्थित ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मुख्यालय (थॉमस माल्टन द्वारा चित्रित, १८०० ई) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना ३१ दिसम्बर १६०० ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये २१ सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया। १८५८ में इसका विलय हो गया। .

देखें अरनाला का किला और ईस्ट इण्डिया कम्पनी

वसई

वसई मुंबई में वसई-विरार का एक क्षेत्र है। वसई एक ऐतिहासिक शहर है। पहले वसई का बेसिन नाम था। बाद मे वसई पड़ा। यह नगर पहले पोर्चियुगल (पुर्तगाल) लोगों के अधिन था। वसई विरार महानगर पालिका है जो महाराष्ट्र राजस्व मे दुसरा स्थान रखती है। मुंबई क़ा एक बेहतरीन शहर है। सब सुविधाओं युक्त शहर है। एज्युकेशन हब है। पालघर जिला, कोंकण डिवीजन मे आता है। मुंबई से यह 50 किलोमीटर दूर है। यहाँ की भाषा मराठी, अंग्रेजी, हिन्दी है। सरकारी काम काज मराठी व अंग्रेजी मे होता है। वसई रेल्वे जंक्शन है। यहाँ से हिन्दुस्तान के हर कोने से ट्रेनों का आवागमन है। MIDC मे मुंबई का नं० 1 शहर है। वसई विरार महानगर पालिका की जनसंख्या लगभग 1.50 लाख है। हरियाली ज्यादा होने के कारण इसे हरित वसई भी कहते हैं। श्रेणी:मुंबई के क्षेत्र.

देखें अरनाला का किला और वसई

यह भी देखें

पालघर ज़िले में पर्यटन आकर्षण

महाराष्ट्र में दुर्ग