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अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध

सूची अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध

राष्ट्र महल (Palace of Nations): जेनेवा स्थित इस भवन में २०१२ में ही दस हाजार से अधिक अन्तरसरकारी बैठकें हुईं। जेनेवा में विश्व की सर्वाधिक अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंध (IR) विभिन्न देशों के बीच संबंधों का अध्ययन है, साथ ही साथ सम्प्रभु राज्यों, अंतर-सरकारी संगठनों (IGOs), अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों (INGOs), गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) की भूमिका का भी अध्ययन है। अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध को कभी-कभी 'अन्तरराष्ट्रीय अध्ययन' (इंटरनेशनल स्टडीज (IS)) के रूप में भी जाना जाता है, हालांकि दोनों शब्द पूरी तरह से पर्याय नहीं हैं। .

40 संबंधों: एशियाई विकास बैंक, दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन, द्वितीय विश्वयुद्ध, नाटो, नारीवाद, पर्यावरण, पहला विश्व युद्ध, ब्रिक, भारत के वैदेशिक सम्बन्ध, मानवाधिकार, यूरोपीय संघ, राष्ट्र संघ, राष्ट्रमंडल (बहुविकल्पी शब्द), राजनय, लाभ निरपेक्ष संस्था, शीतयुद्ध, सार्क, संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद्, संघाई सहयोग संगठन, जिनेवा, जी-20, जी८, विश्व बैंक, विश्व व्यापार संगठन, वैश्वीकरण, ओज़ोन, आतंकवाद, इस्लामिक विकास बैंक, अन्तरराष्ट्रीय विधि, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, अफ्रीकी संघ, अफ्रीकी विकास बैंक, अरब लीग, अशासकीय संस्था, अंतर अमेरिकी विकास बैंक, अंतरराष्ट्रीय संबंध सिद्धांत, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय, अंतरराष्‍ट्रीय न्यायालय

एशियाई विकास बैंक

एशियाई विकास बैंक के सदस्य राज्य एशियाई विकास बैंक (एडीबी) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना 19 दिसम्बर 1966 को एशियाई देशों के आर्थिक विकास के सुगमीकरण के लिए की गयी थी। यह बैंक यूऍन (UN) इकोनॉमिक कमीशन फॉर एशिया एंड फार ईस्ट (अब यूएनईएससीएपी- UNESCAP) और गैर क्षेत्रीय विकसित देशों के सदस्यों को सम्मिलित करता है। इस बैंक की स्थापना 31 सदस्यों के साथ हुई थी, अब एडीबी के पास अब 67 सदस्य हैं - जिसमे से 48 एशिया और पैसिफिक से हैं और 19 सदस्य बाहरी हैं। एडीबी (ADB) का प्रारूप काफी हद तक वर्ल्ड बैंक के आधार पर बनाया गया था और वर्ल्ड बैंक (विश्व बैंक) के समान यहां भी भारित वोट प्रणाली की व्यवस्था है जिसमे वोटों का वितरण सदस्यों के पूंजी अभिदान अनुपात के आधार पर किया जाता है। वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान दोनों के ही पास 552,210 शेयर हैं - इन दोनों के पास शेयरों का सबसे बड़ा हिस्सा है जो कुल का 12.756 प्रतिशत है। .

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दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन

दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (अंग्रेज़ी:एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस, लघु:आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। आसियान की स्थापना ८ अगस्त, १९६७ को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे। ब्रूनेई इस संगठन में १९८४ में शामिल हुआ और १९९५ में वियतनाम। इनके बाद १९९७ में लाओस और बर्मा इसके सदस्य बने। १९७६ में आसियान की पहली बैठक में बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए। १९९४ में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एशियन रीजनल फोरम) (एआरएफ) की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था। अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित एआरएफ के २३ सदस्य हैं। अपने चार्टर में आसियान के उद्देश्य के बारे में बताया गया है। पहला उद्देश्य सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता को कायम रखा जाए, इसके साथ ही झगड़ों का शांतिपूर्ण निपटारा हो। सेक्रेट्री जनरल, आसियान द्वारा पारित किए प्रस्तावों को लागू करवाने और कार्य में सहयोग प्रदान करने का काम करता है। इसका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। वर्तमान में थाईलैंड के सूरिन पिट्स्वान इसके सेक्रेट्री जनरल है। आसियान की निर्णायक बॉडी में राज्यों के प्रमुख होते हैं, इसकी वर्ष में एक बार बैठक होती है। भारत आसियान देशों से सहयोग करने और संपर्क रखने का सदा ही इच्छुक रहा है। हाल ही में १३ अगस्त,२००९को भारत ने आसियन के संग बैंगकॉक में सम्मेलन किया, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण समझौते हुए थे। भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2008, नई दिल्ली में आसियान मुख्य केन्द्र बिन्दु रहा था। नई व्यापार ब्लॉक के तहत दस देशों की कंपनियों और कारोबारियों ने मेले में भाग लिया था। थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, वियतनाम, फिलिपींस, ब्रुनेई, कंबोडिया और लाओस आसियान के सदस्य देश हैं, जिनके उत्पाद व्यापार मेले में खूब दिखे थे। आसियान भारत का चौथा सबसे बडा व्यापारिक भागीदार है। दोनों पक्षों के बीच २००८ में ४७ अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। फिक्की के महासचिव अमित मित्रा के अनुसार भारत और आसियान के बीच हुआ समझौता दोनों पक्षों के लिए उत्तम होगा। समझौता जनवरी २००९ से लागू हुआ था। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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नाटो

नाटो गठबंधन का ध्वज उत्‍तरी एटलांटिक संधि संगठन (नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो)) एक सैन्य गठबंधन है, जिसकी स्थापना ४ अप्रैल १९४९ को हुई। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे। गठन के शुरुआत के कुछ वर्षों में यह संगठन एक राजनीतिक संगठन से अधिक नहीं था। लेकिन कोरियाई युद्ध ने सदस्य देशों को प्रेरक का काम किया और दो अमरीकी सर्वोच्च कमांडरों के दिशानिर्देशन में एक एकीकृत सैन्य संरचना निर्मित की गई। लॉर्ड इश्मे पहले नाटो महासचिव बने, जिनकी संगठन के उद्देश्य पर की गई टिप्पणी, "रुसियों को बाहर रखने, अमरीकियों को अंदर और जर्मनों को नीचे रखने" (के लिए गई है।) खासी चर्चित रही। यूरोपीय और अमरीका के बीच रिश्तों की तरह ही संगठन की ताकत घटती-बढ़ती रही। इन्हीं परिस्थितियों में फ्रांस स्वतंत्र परमाणु निवारक बनाते हुए नाटो की सैनिक संरचना से १९६६ से अलग हो गया। १९८९ में बर्लिन की दीवार के गिरने के बाद संगठन का पूर्व की तरफ बाल्कन हिस्सों में हुआ और वारसा संधि से जुड़े हुए अनेक देश १९९९ और २००४ में इस गठबंधन में शामिल हुए। १ अप्रैल २००९ को अल्बानिया और क्रोएशिया के प्रवेश के साथ गठबंधन की सदस्य संख्या बढ़कर २८ हो गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में ११ सितंबर २००१ के आतंकवादी हमलों के बाद नाटो नई चुनौतियों का सामना करने के लिए नए सिरे से तैयारी कर रहा है, जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की और इराक में प्रशिक्षकों की तैनाती की गई है। बर्लिन प्लस समझौता नाटो और यूरोपीय संघ के बीच १६ दिसम्बर २००२ को बनाया का एक व्यापक पैकेज है, जिसमें यूरोपीय संघ को किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद की स्थिति में कार्रवाई के लिए नाटो परिसंपत्तियों का उपयोग करने की छूट दी गई है, बशर्ते नाटो इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता हो। नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के रक्षा व्यय का ७०% से अधिक है, जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले दुनिया का कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा खर्च करता है और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली १५ % खर्च करते हैं। .

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नारीवाद

नारीवाद राजनैतिक आंदोलन का एक सामाजिक सिद्धांत है जो स्त्रियों के अनुभवों से जनित है। हालाकि मूल रूप से यह सामाजिक संबंधो से अनुप्रेरित है लेकिन कई स्त्रीवादी विद्वान का मुख्य जोर लैंगिक असमानता और औरतों के अधिकार इत्यादि पर ज्यादा बल देते हैं। नारीवादी सिद्धांतो का उद्देश्य लैंगिक असमानता की प्रकृति एवं कारणों को समझना तथा इसके फलस्वरूप पैदा होने वाले लैंगिक भेदभाव की राजनीति और शक्ति संतुलन के सिद्धांतो पर इसके असर की व्याख्या करना है। स्त्री विमर्श संबंधी राजनैतिक प्रचारों का जोर प्रजनन संबंधी अधिकार, घरेलू हिंसा, मातृत्व अवकाश, समान वेतन संबंधी अधिकार, यौन उत्पीड़न, भेदभाव एवं यौन हिंसापर रहता है। स्त्रीवादी विमर्श संबंधी आदर्श का मूल कथ्य यही रहता है कि कानूनी अधिकारों का आधार लिंग न बने। आधुनिक स्त्रीवादी विमर्श की मुख्य आलोचना हमेशा से यही रही है कि इसके सिद्धांत एवं दर्शन मुख्य रूप से पश्चिमी मूल्यों एवं दर्शन पर आधारित रहे हैं। हालाकि जमीनी स्तर पर स्त्रीवादी विमर्श हर देश एवं भौगोलिक सीमाओं मे अपने स्त्र पर सक्रिय रहती हैं और हर क्षेत्र के स्त्रीवादी विमर्श की अपनी खास समस्याएँ होती हैं। .

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पर्यावरण

पर्यावरण प्रदूषण - कारखानों द्वारा धुएँ का उत्सर्जन पर्यावरण (Environment) शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिल कर हुआ है। "परि" जो हमारे चारों ओर है और "आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं। सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं के समुच्चय से निर्मित इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अन्दर सम्पादित होती है तथा हम मनुष्य अपनी समस्त क्रियाओं से इस पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं। इस प्रकार एक जीवधारी और उसके पर्यावरण के बीच अन्योन्याश्रय संबंध भी होता है। पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधे आ जाते हैं और इसके साथ ही उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएँ और प्रक्रियाएँ भी। अजैविक संघटकों में जीवनरहित तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएँ आती हैं, जैसे: चट्टानें, पर्वत, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि। .

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पहला विश्व युद्ध

पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं। पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध ख़त्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएँ फिर से निर्धारित हुई और अमेरिका निश्चित तौर पर एक 'महाशक्ति ' बन कर उभरा। .

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ब्रिक

ब्रिक यानी बीआरआईसी विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं वाले विकासशील देशों- ब्राजील, रूस, भारत और चीन का संगठन है। इस शब्द का पहली बार प्रयोग 2001 में गोल्डमैन शश ने किया था। ये चारों देश संयुक्त रूप से विश्व का एक-चौथाई क्षेत्र घेरते हैं और इनकी जनसंख्या विश्व की कुल आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक है। इन देशों का सकल घरेलु उत्पाद 15.435 ट्रिलियन डॉलर है।। वॉयस ऑफ रशिया। 14 सितंबर 2009 गोल्डमैन शश का तर्क था कि ब्राजील, रूस, चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक रूप से इतनी मजबूत हैं कि 2050 तक ये चारों अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक परिदृश्य पर हावी होगी। हालांकि शश का ये उद्देश्य कतई नहीं था कि ये चारों देश राजनीतिक गठजोड़ कर किसी संगठन का निर्माण करें। शश का आकलन था कि भारत और चीन उत्पादित वस्तुओं और सर्विस के सबसे बड़े प्रदाता होंगे, वहीं ब्राजील और रूस कच्चे माल के सबसे बड़े उत्पादक हैं। ब्राजील जहां लौह अयस्कों की आपूर्ति में प्रथम है तो रूस तेल एवं प्राकृतिक गैस के मामले में शीर्ष पर है। ब्रिक देशों की पहली आधिकारिक बैठक 16 जून, 2009 को रूस के येकेटिनबर्ग में हुई थी। 17 जून, 2009 को हुई बैठक में इन देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। इसमें एक वैश्विक मुद्रा बनाने की बात कही गई थी। 4 सितंबर, 2009 में इसकी बैठक लंदन में हुई थी। इसमें यह तय हुआ कि स्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विश्व मुद्रा कोष जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में बदलावों की ज़रूरत है। साथ ही बदलाव की इस प्रक्रिया में विकासशील देशों की बराबर हिस्सेदारी होनी चाहिए। 2010 की बैठक ब्राजील में आयोजित की जाएगी। File:Ponte estaiada Octavio Frias - Sao Paulo.jpg|साओ पाउलो, ब्राज़ील File:Moscow International Business Centre, Marc 2008.JPG|मॉस्को, रूस File:Mumbai Skyline at Night.jpg|मुंबई, भारत File:Shanghai Skyline 2009.jpg|शंघाई, चीन .

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भारत के वैदेशिक सम्बन्ध

किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है। भारत की विदेश नीति भी इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहासिक विरासत के रूप में भारत की विदेश नीति आज उन अनेक तथ्यों को समेटे हुए है जो कभी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से उपजे थे। शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्ष पुराने उस चिन्तन का परिणाम है जिसे महात्मा बुद्ध व महात्मा गांधी जैसे विचारकों ने प्रस्तुत किया था। इसी तरह भारत की विदेश नीति में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध महान राष्ट्रीय आन्दोलन की उपज है। भारत के अधिकतर देशों के साथ औपचारिक राजनयिक सम्बन्ध हैं। जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक व्यवस्था वाला देश भी है और इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ रूसी राष्ट्रपति, 34वाँ जी-8 शिखर सम्मेलन प्राचीन काल में भी भारत के समस्त विश्व से व्यापारिक, सांस्कृतिक व धार्मिक सम्बन्ध रहे हैं। समय के साथ साथ भारत के कई भागों में कई अलग अलग राजा रहे, भारत का स्वरूप भी बदलता रहा किंतु वैश्विक तौर पर भारत के सम्बन्ध सदा बने रहे। सामरिक सम्बन्धों की बात की जाए तो भारत की विशेषता यही है कि वह कभी भी आक्रामक नहीं रहा। 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अधिकांश देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है। वैश्विक मंचों पर भारत सदा सक्रिय रहा है। 1990 के बाद आर्थिक तौर पर भी भारत ने विश्व को प्रभावित किया है। सामरिक तौर पर भारत ने अपनी शक्ति को बनाए रखा है और विश्व शान्ति में यथासंभव योगदान करता रहा है। पाकिस्तान व चीन के साथ भारत के संबंध कुछ तनावपूर्ण अवश्य हैं किन्तु रूस के साथ सामरिक संबंधों के अलावा, भारत का इजरायल और फ्रांस के साथ विस्तृत रक्षा संबंध है। भारत की विदेश नीति के निर्माण की अवस्था को निम्न प्रकार से समझा जा सकता हैः- .

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मानवाधिकार

मानवाधिकार हर एक का हकदार होता है मानव अधिकारों से अभिप्राय "मौलिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता से है जिसके सभी मानव प्राणी हकदार है। अधिकारों एवं स्वतंत्रताओं के उदाहरण के रूप में जिनकी गणना की जाती है, उनमें नागरिक और राजनैतिक अधिकार सम्मिलित हैं जैसे कि जीवन और आजाद रहने का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के सामने समानता एवं आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के साथ ही साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार, भोजन का अधिकार काम करने का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार.

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यूरोपीय संघ

यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है। इसका अभ्युदय 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपिय आर्थिक परिषद के माध्यम से छह यूरोपिय देशों की आर्थिक भागीदारी से हुआ था। तब से इसमें सदस्य देशों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती रही और इसकी नीतियों में बहुत से परिवर्तन भी शामिल किये गये। 1993 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी। दिसम्बर 2007 में लिस्बन समझौता जिसके द्वारा इसमें और व्यापक सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु की गयी है। यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है एवं इसके कानून सभी सदस्य राष्ट्रों पर लागू होता है जो सदस्य राष्ट्र के नागरिकों की चार तरह की स्वतंत्रताएँ सुनिश्चित करता है:- लोगों, सामान, सेवाएँ एवं पूँजी का स्वतंत्र आदान-प्रदान.

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राष्ट्र संघ

राष्ट्र संघ (लंदन) पेरिस शांति सम्मेलन के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्ववर्ती के रूप में गठित एक अंतर्शासकीय संगठन था। 28 सितम्बर 1934 से 23 फ़रवरी 1935 तक अपने सबसे बड़े प्रसार के समय इसके सदस्यों की संख्या 58 थी। इसके प्रतिज्ञा-पत्र में जैसा कहा गया है, इसके प्राथमिक लक्ष्यों में सामूहिक सुरक्षा द्वारा युद्ध को रोकना, निःशस्त्रीकरण, तथा अंतर्राष्ट्रीय विवादों का बातचीत एवं मध्यस्थता द्वारा समाधान करना शामिल थे। इस तथा अन्य संबंधित संधियों में शामिल अन्य लक्ष्यों में श्रम दशाएं, मूल निवासियों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार, मानव एवं दवाओं का अवैध व्यापार, शस्त्र व्यपार, वैश्विक स्वास्थ्य, युद्धबंदी तथा यूरोप में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा थे। संघ के पीछे कूटनीतिक दर्शन ने पूर्ववर्ती सौ साल के विचारों में एक बुनियादी बदलाव का प्रतिनिधित्व किया। चूंकि संघ के पास अपना कोई बल नहीं था, इसलिए इसे अपने किसी संकल्प का प्रवर्तन करने, संघ द्वारा आदेशित आर्थिक प्रतिबंध लगाने या आवश्यकता पड़ने पर संघ के उपयोग के लिए सेना प्रदान करने के लिए महाशक्तियों पर निर्भर रहना पड़ता था। हालांकि, वे अक्सर ऐसा करने के लिए अनिच्छुक रहते थे। प्रतिबंधों से संघ के सदस्यों को हानि हो सकती थी, अतः वे उनका पालन करने के लिए अनिच्छुक रहते थे। जब द्वित्तीय इटली-अबीसीनिया युद्ध के दौरान संघ ने इटली के सैनिकों पर रेडक्रॉस के मेडिकल तंबू को लक्ष्य बनाने का आरोप लगाया था, तो बेनिटो मुसोलिनी ने पलट कर जवाब दिया था कि “संघ तभी तक अच्छा है जब गोरैया चिल्लाती हैं, लेकिन जब चीलें झगड़ती हैं तो संघ बिलकुल भी अच्छा नहीं है”.

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राष्ट्रमंडल (बहुविकल्पी शब्द)

"राष्ट्रमंडल" एक पद है जिसका अर्थ है एक राजनैतिक समुदाय राष्ट्रमंडल बह्विकल्पी शब्द है, जिसका अर्थ विशेषतया हो सकता है.

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राजनय

न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्रसंघ संसार का सबसे बडा राजनयिक संगठन है। राष्ट्रों अथवा समूहों के प्रतिनिधियों द्वारा किसी मुद्दे पर चर्चा एवं वार्ता करने की कला व अभ्यास (प्रैक्टिस) राजनय (डिप्लोमैसी) कहलाता है। आज के वैज्ञानिक युग में कोई देश अलग-अलग नहीं रह सकता। इन देशों में पारस्परिक सम्बन्ध जोड़ना आज के युग में आवश्यक हो गया है। इन सम्बन्धों को जोड़ने के लिए योग्य व्यक्ति एक देश से दूसरे देश में भेजे जाते हैं। ये व्यक्ति अपनी योग्यता, कुशलता और कूटनीति से दूसरे देश को प्रायः मित्र बना लेते हैं। प्राचीन काल में भी एक राज्य दूसरे राज्य से कूटनीतिक सम्बन्ध जोड़ने के लिए अपने कूटनीतिज्ञ भेजता था। पहले कूटनीति का अर्थ 'सौदे में या लेन देन में वाक्य चातुरी, छल-प्रपंच, धोखा-धड़ी' लगाया जाता था। जो व्यक्ति कम मूल्य देकर अधिकाधिक लाभ अपने देश के लिए प्राप्त करता था, कुशल कूटनीतिज्ञ कहलाता था। परन्तु आज छल-प्रपंच को कूटनीति नहीं कहा जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से आधुनिक काल में इस शब्द का प्रयोग दो राज्यों में शान्तिपूर्ण समझौते के लिए किया जाता है। डिप्लोमेसी के लिए हिन्दी में कूटनीति के स्थान पर राजनय शब्द का प्रयोग होने लगा है। अन्तर्राष्ट्रीय जगत एक परिवार के समान बन गया है। परिवार के सदस्यों में प्रेम, सहयोग, सद्भावना तथा मित्रता का सम्बन्ध जोड़ना एक कुशल राजनयज्ञ का काम है। .

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लाभ निरपेक्ष संस्था

लाभ निरपेक्ष संगठन (लानिसं) ऐसे संगठनों को कहते हैं जो अपने अतिरिक्त धन को शेयरधारकों या मालिकों में नहीं बांटते बल्कि इसका उपयोग अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये करते हैं। धर्मार्थ संस्थाएं, मजदूर यूनियन एवं सार्वजनिक कला संगठन इसके अन्तर्गत आते हैं। अधिकांश देशों में लाभ निरपेक्ष संगठनों को आयकर एवं सम्पत्ति कर से मुक्त रखा गया है। .

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शीतयुद्ध

नाटो तथा वार्सा संधि के देश द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को शीत युद्ध के नाम से जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों द्वारा इसे 'शस्त्र सज्जित शान्ति' का नाम भी दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर धूरी राष्ट्रों- जर्मनी, इटली और जापान के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी। रूस के नेतृत्व में साम्यवादी और अमेरिका के नेतृत्व में पूँजीवादी देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी। .

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सार्क

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संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना २४ अक्टूबर १९४५ को संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। वे चाहते थे कि भविष्य में फ़िर कभी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह के युद्ध न उभर आए। संयुक्त राष्ट्र की संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़्रांस, रूस और संयुक्त राजशाही) द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में १९३ देश है, विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश। इस संस्था की संरचन में आम सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है। .

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद्

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद्; United Nations Human Rights Council: (UNHRC) संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानव अधिकार आयोग की स्थापना वर्ष 1946-47 में आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् की एक कार्यात्मक समिति के रूप में की थी, जिसका मुख्य कार्य-प्रतिवेदन तैयार करना, अधिकारों के अंतर्राष्ट्रीय बिल, नागरिक स्वतंत्रता, स्त्री दशा एवं मानवाधिकार सम्बन्धी विषयों पर अपनी अनुशंसाएं प्रकट करना था दिसम्बर 1993 में महासभा ने मानवाधिकार गतिविधियों के प्रति जिम्मेदारी निश्चित करने के लिए मानवाधिकार उच्चायुक्त का पद सृजित किया। 15 मार्च, 2006 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक नई मानवाधिकार परिषद् के गठन का प्रस्ताव पारित किया। इस 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद् ने 53 सदस्यीय मानवाधिकार आयोग का स्थान लिया है। आयोग को 16 जून, 2006 को समाप्त कर दिया गया तथा 19 जून, 2006 को परिषद् प्रथम बैठक आयोजित की गई उल्लेखनीय है कि नई परिषद् स्थायी है तथा प्रत्यक्ष रूप से महासभा के अधीनस्थ है। यह कहीं भी एवं किसी भी देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन का गहन विश्लेषण कर सकेगी। इसका कार्य सार्वभौमिकरण, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता एवं सृजनात्मक अंतर्राष्ट्रीय संवाद के सिद्धांतों के अंतर्गत निर्देशित होगा इसे समय पर सभी एजेंसियों एवं निकायों को अपैनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी ताकि मानवाधिकार उल्लंघन की व्यवस्थापरक ढंग से रोका जा सके। ज्ञातव्य है कि भारत मानवाधिकार परिषद् का सदस्य देश है। .

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संघाई सहयोग संगठन

यह 14 जून 2001 को चीन, रूस, कजाकिस्तान, किरगिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान द्वारा पारस्परिक सहयोग के लिए स्थापित संगठन है। .

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जिनेवा

जिनेवा या जनेवा (अंग्रेज़ी: Geneva; जनीवा, फ़्रांसीसी: Genève; जेनेव, जर्मन: Genf; जेन्फ़), स्विट्ज़रलैंड का ज़्यूरिख़ के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है। ये फ़्रांस से सटा हुआ है और इसकी राजभाषा फ्रांसीसी है। ये शहर "जिनेवा सरोवर" के किनारे बसा है। यहाँ संयुक्त राष्ट्र संघ के कई निकायों के कार्यालय स्थित हैं। .

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जी-20

बीस वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स का समूह (जी20,जी -20 और बीस का समूह के रूप में भी जाना जाता है), जो कि विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रीयों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जिसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया है। from the Official G-20 website 12 वें जी -20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 7और 8 जुलाई 2017 को हैैैम्बर्ग में चान्सलर एन्जेला मर्केल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। .

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जी८

आठ का समूह समूह-8 (अंग्रेजी: Group of Eight .

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विश्व बैंक

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विश्व व्यापार संगठन

विश्व व्यापार संगठन का प्रतीक चिन्ह विश्व व्यापार संगठन (वर्ल्द ट्रेड ऑर्गनाइजेशन/डब्ल्यूटीओ) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विश्व व्यापार के लिए नियम बनाता है। इसकी स्थापना १९९५ में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनाए गए गैट (GATT) के स्थान पर लाने के लिए की गई थी। वर्तमान समय में इसके १६४ सदस्य हैं। डब्ल्यूटीओ के सचिव और महानिदेशक जेनेवा में निवास करते हैं। सचिवालय जिसमें अब केवल ५५० लोग काम करते हैं और संगठन के सभी पहलुओं के संचालन का प्रशासनिक कार्य संभालते हैं। सचिवालय के पास कानूनी निर्णय लेने की कोई शक्ति नहीं है लेकिन ऐसा करने वालों को यह महत्वपूर्ण सेवाएं और परामर्श प्रदान करता है। .

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वैश्वीकरण

Puxi) शंघाई के बगल में, चीन. टाटा समूहहै। वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है। इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं। यह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है।वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है, अर्थात, व्यापार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, पूंजी प्रवाह, प्रवास और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण.

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ओज़ोन

'ओजोन'OZONE' (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमण्डल में बहुत कम मत्रा (०.०२%) में पाई जाती हैं। यह तीखे गंध वाली अत्यन्त विषैली गैस है। जमीन के सतह के उपर अर्थात निचले वायुमंडल में यह एक खतरनाक दूषक है, जबकि वायुमंडल की उपरी परत ओजोन परत के रूप में यह सूर्य के पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी पर जीवन को बचाती है, जहां इसका निर्माण ऑक्सीजन पर पराबैंगनी किरणों के प्रभावस्वरूप होता है। ओजोन ऑक्सीजन का एक अपररूप है। यह समुद्री वायु में उपस्थित होती है। .

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आतंकवाद

विभाग राज्य Department of State) आतंकवाद एक प्रकार के erहौल को कहा जाता है। इसे एक प्रकार के हिंसात्मक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो कि अपने आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं विचारात्मक लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति के लिए गैर-सैनिक अर्थात नागरिकों की सुरक्षा को भी निशाना बनाते हैं। गैर-राज्य कारकों द्वारा किये गए राजनीतिक, वैचारिक या धार्मिक हिंसा को भी आतंकवाद की श्रेणी का ही समझा जाता है। अब इसके तहत गैर-क़ानूनी हिंसा और युद्ध को भी शामिल कर लिया गया है। अगर इसी तरह की गतिविधि आपराधिक संगठन द्वारा चलाने या को बढ़ावा देने के लिए करता है तो सामान्यतः उसे आतंकवाद नहीं माना जाता है, यद्यपि इन सभी कार्यों को आतंकवाद का नाम दिया जा सकता है। गैर-इस्लामी संगठनों या व्यक्तित्वों को नजरअंदाज करते हुए प्रायः इस्लामी या जिहादी के साथ आतंकवाद की अनुचित तुलना के लिए इसकी आलोचना भी की जाती है। .

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इस्लामिक विकास बैंक

इस्लामिक विकास बैंक (ISDB) जेद्दाह, सऊदी अरब में स्थित एक बहुपक्षीय विकास के लिए वित्तपोषण करने वाली संस्था है। यह 1973 में आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इस्लामिक कॉन्फ्रेंस (अब इस्लामिक सहयोग संगठन कहलाता है) के वित्त मंत्रियों द्वारा स्थापित किया गया था। .

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अन्तरराष्ट्रीय विधि

अन्तर्राष्ट्रीय विधि (International law) से आशय उन नियमों से है जो स्वतंत्र देशों के बीच परस्पर सम्बन्धों (विवादों) के निपटारे के लिये लागू होते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय कानून किसी देश के अपने कानून से इस अर्थ में भिन्न है कि अन्तर्राष्ट्रीय कानून दो देशों के सम्बन्धों के लिए लागू होता है न कि दो या अधिक नागरिकों के बीच। .

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अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (अंग्रेज़ी:International Monetary Fund; इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड, लघुरूप:IMF; आईएमएफ) एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है। इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य में है। इस संगठन के प्रबंध निदेशक डॉमनिक स्ट्रॉस है। आईएमएफ की विशेष मुद्रा एसडीआर (स्पेशल ड्राइंग राइट्स) है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्त के लिए कुछ देशों की मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है, इसे एसडीआर कहते हैं। एसडीआर में यूरो, पाउंड, येन और डॉलर हैं। आईएमएफ की स्थापना १९४४ में की गई थी। विभिन्न देशों की सरकार के ४५ प्रतिनिधियों ने अमेरिका के ब्रिटेन वुड्स में बैठक कर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक समझौते की रूपरेखा तैयार की थी। २७ दिसंबर, १९४५ को २९ देशों के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद आईएमएफ की स्थापना हुई। वॉशिंगटन डी॰ सी॰ में मुख्यालय आईएमएफ के कुल १८६ सदस्य देश हैं। २९ जून २००९ को कोसोवो गणराज्य १८६वें देश के रूप में शामिल हुआ था। आईएमएफ का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता सुरक्षित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है। सदस्य देशों की संख्या बढ़ने के साथ वैश्विक अर्थ-व्यवस्था में आईएमएफ का कार्य काफी बढ़ा है। कोई भी देश आईएमएफ की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। पहले यह आवेदन आईएमएफ के कार्यपालक बोर्ड द्वारा विचाराधीन भेजी जाती है। इसके बाद कार्यकारी बोर्ड, बोर्ड ऑफ गर्वनेस को उसकी संस्तुति के लिए भेजता है। वहां स्वीकृत होने पर सदस्यता मिल जाती है। .

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अफ्रीकी संघ

अफ्रीकी संघ 54 अफ्रीकी देशों का एक संघ है। यह संघ २००१ में स्थापित किया गया था। श्रेणी:अंतरराष्ट्रीय संगठन श्रेणी:अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संगठन श्रेणी:२००१ की स्थापनाएं.

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अफ्रीकी विकास बैंक

अफ्रीकी डेवलपमेंट बैंक की स्थापना 1964 में अफ्रीका में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के उदेश्य से की गयी थी। एएफडीबी (AfDB) अफ्रीकी सरकारों और अफ्रीका के क्षेत्रीय सदस्य देशों (आरएमसी) में निवेश करने वाली निजी कंपनिया के लिए ऋण और अनुदान उपलब्ध कराती है। श्रेणी:अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग संस्थान श्रेणी:आधार.

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अरब लीग

अरब राज्यों का लीग (جامعة الدول.), आमतौर पर अरब लीग (الجامعة अरबी.) कहा जाता है, यह उत्तरी अफ्रीका, पूर्वोत्तर अफ्रीका और दक्षिण पश्चिम एशिया (मध्य पूर्व) के अरब राज्यों का क्षेत्रीय संगठन है। इसका 22 मार्च 1945 को छह सदस्यों के साथ गठन किया गया था, जिसमें काहिरा में जॉर्डन) मिस्र, इराक, ट्रांसजॉर्डन (1949 में जॉर्डन), लेबनान, सऊदी अरब और सीरिया शामिल थे। .

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अशासकीय संस्था

गैर सरकारी संगठन (NGO) एक ऐसा शब्द है जो बिना किसी सरकारी भागीदारी या प्रतिनिधित्व के साथ प्राकृतिक या कानूनी व्यक्तियों के द्वारा बनाए गए विधिवत संगठित गैर सरकारी संगठनों को संदर्भित करने के लिए व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। उन मामले में जिनमें गैर सरकारी संगठन पूरी तरह से या आंशिक रूप से सरकारों द्वारा निधिबद्ध होते हैं, NGO अपना गैर-सरकारी ओहदा बनाए रखता है और सरकारी प्रतिनिधिओं को संगठन में सदस्यता से बाहर रखता है। शब्द इंटरगवर्नमेंटल ओर्गेनाइज़ेशन के विपरीत, "गैर सरकारी संगठन" एक आम उपयोग का शब्द है, लेकिन एक कानूनी परिभाषा नहीं है। कई न्यायालयों में इस प्रकार के संगठनों को "नागरिक समाज संगठन" के रूप में परिभाषित किया जाता है या अन्य नामों से निर्दिष्ट किया जाता है। अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय गैर सरकारी संगठनों की संख्या 40,000 है। राष्ट्रीय संख्या और भी अधिक है: रूस में 277,000 गैर सरकारी संगठन हैं। भारत में 1 मिलियन और 2 मिलियन के बीच गैर सरकारी संगठन होने का अनुमान है। .

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अंतर अमेरिकी विकास बैंक

अंतर अमेरिकी विकास बैंक (आईएडीबी या आईडीबी या BID) लैटिन अमेरिका और कैरेबियन के लिए विकास के वित्तपोषण का सबसे बड़ा स्रोत है। 1959 में स्थापित, आईडीबी लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई सरकारों और राज्य निगमों सहित सरकारी एजेंसियों, के लिए ऋण देकर आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और क्षेत्रीय एकीकरण में योगदान करता है। .

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अंतरराष्ट्रीय संबंध सिद्धांत

---- अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत में सैद्धांतिक परिप्रेक्ष्य से अंतरराष्ट्रीय संबंधों का अध्ययन किया जाता है। यह एक ऐसा वैचारिक ढांचा प्रदान करने का प्रयास करता है जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जा सके। ओले होल्स्ती कहता है की अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत रंगीन धूप के चश्में की एक जोड़ी के रूप में कार्य करते हैं, जो उसे पहनने वाले व्यक्ति को केवल मुख्य सिद्धांत के लिए प्रासंगिक घटनाओं को देखने की अनुमति देता है। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में यथार्थवाद, उदारवाद और रचनावाद, तीन सबसे लोकप्रिय सिद्धांत हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत मुख्यत: दो सिद्धांतों में विभाजित किये जा सकते हैं, "प्रत्यक्षवादी/बुद्धिवादी" जो मुख्यत: राज्य स्तर के विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। और उत्तर-प्रत्यक्षवादी/चिंतनशील जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत में उत्तर औपनिवेशिक युग में सुरक्षा, वर्ग, लिंग आदि के विस्तारित अर्थ को शामिल करवाना चाहते हैं। आईआर (IR) सिद्धांतो में443333 विचारों के अक्सर कई विरोधाभासी तरीके मौजूद हैं, जैसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों (IR) में रचनावाद, संस्थावाद, मार्क्सवाद, नव-ग्रामस्कियनवाद (neo-Gramscianism), और अन्य। हालांकि, प्रत्यक्षवादी सिद्धांतों के स्कूलों में सबसे अधिक प्रचलित यथार्थवाद और उदारवाद हैं। यद्यपि, रचनावाद अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तेजी से मुख्यधारा होता जा रहा है। .

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अंतरराष्ट्रीय अध्ययन

अंतरराष्ट्रीय अध्ययन (International Studies (IS)) विश्वविद्यालयों में पढाया जाने वाला विषय है जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हाबी प्रमुख राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक मुद्दों का गंभीर अध्ययन किया जाता है। .

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अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (फ्रेंच: Cour Pénale Internationale; प्रायः आईसीसी (ICC) या आईसीसीटी (ICCt) के रूप में संदर्भित) एक स्थायी न्यायाधिकरण है जिसमें जन-संहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराधों और आक्रमण का अपराध (हालांकि वर्तमान में यह आक्रमण के अपराध पर अपने न्यायाधिकार क्षेत्र का प्रयोग नहीं कर सकता है) के लिए अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाता है। आईसीसी का निर्माण, 1945 के बाद से अंतरराष्ट्रीय कानून का शायद सबसे महत्त्वपूर्ण सुधार रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून के दो निकायों को जो व्यक्तियों के साथ होने वाले व्यवहारों पर नज़र रखते हैं ताकत देता है: मानव अधिकार और मानवीय कानून.

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अंतरराष्‍ट्रीय न्यायालय

अंतरराष्‍ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का प्रधान न्यायिक अंग है और इस संघ के पांच मुख्य अंगों में से एक है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्रसंघ के घोषणा पत्र के अंतर्गत हुई है। इसका उद्घाटन अधिवेशन 18 अप्रैल 1946 ई. को हुआ था। इस न्यायालय ने अंतर्राष्ट्रीय न्याय के स्थाई न्यायालय की जगह ले ली थी। न्यायालय हेग में स्थित है और इसका अधिवेशन छुट्टियों को छोड़ सदा चालू रहता है। न्यायालय के प्रशासन व्यय का भार संयुक्त राष्ट्रसंघ पर है। 1980 तक अंतर्राष्ट्रीय समाज इस न्यायालय का ज़्यादा प्रयोग नहीं करती थी, पर तब से अधिक देशों ने, विशेषतः विकासशील देशों ने, न्यायालय का प्रयोग करना शुरू किया है। फ़िर भी, कुछ अहम राष्ट्रों ने, जैसे कि संयुक्त राज्य, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णयों को निभाना नहीं समझा हुआ है। ऐसे देश हर निर्णय को निभाने का खुद निर्णय लेते है। .

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