लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अनुरूप एलेक्ट्रॉनिकी

सूची अनुरूप एलेक्ट्रॉनिकी

अनुरूप एलेक्ट्रॉनिकी (Analogue electronics / analog electronics) के अन्तर्गत वे एलेक्ट्रानिक प्रणालियाँ आतिं हैं जिनमें पाये जाने वाले संकेत क्रमश: या सतत बदलते हैं (न कि बहुत तेजी से, एकाएक)। इसके विपरीत आंकिक एलेक्ट्रॉनिकी में पाये जाने वाले संकेत केवल द्विस्तरीय होते हैं - शून्य या एक। एलेक्ट्रानिकी के आरम्भिक दिनों में अधिकांश प्रणालियाँ (जैसे रेडियो, टेलीफोन, आदि) अनुरूप एलेक्ट्रानिक प्रणालियाँ थीं किन्तु अब अधिकांश प्रणालियाँ या तो डिजिटल हो चुकीं हैं या शीघ्र होने वाली हैं। .

3 संबंधों: शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी, विद्युत संकेत, अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी

शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी

हिताची की J100 परिवर्तनीय आवृत्ति ड्राइव का कार्ड ठोस-अवस्था-एलेक्ट्रानिकी का उपयोग करके विद्युत शक्ति का परिवर्तन एवं नियंत्रण से सम्बन्धित ज्ञान को शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी (Power electronics) कहते हैं। यद्यपि शक्ति एलेक्ट्रानिकी में छोटे-मोटे सभी इलेक्ट्रॉनिक अवयव प्रयुक्त होते हैं, किन्तु निम्नलिखित अवयवय शक्ति एलेक्ट्रानिकी के विशिष्टि पहचान हैं-.

नई!!: अनुरूप एलेक्ट्रॉनिकी और शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी · और देखें »

विद्युत संकेत

संचार, संकेत प्रसंस्करण और सामान्य रूप से विद्युत इंजीनियरी के सन्दर्भ में समय के साथ परिवर्तनशील या अवकाश के साथ परिवर्तनशील (spatial-varying) कोई भी राशि संकेत (signal) कहलाती है। उदाहरण के लिये किसी तापयुग्म से प्राप्त वोल्टता एक संकेत है जो तापमान की सूचना देती है। .

नई!!: अनुरूप एलेक्ट्रॉनिकी और विद्युत संकेत · और देखें »

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी या डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स की एक शाखा है जिसमें विद्युत संकेत अंकीय होते हैं। अंकीय संकेत बहुत तरह के हो सकते हैं किन्तु बाइनरी डिजिटल संकेत सबसे अधिक उपयोग में आते हैं। शून्य/एक, ऑन/ऑफ, हाँ/नहीं, लो/हाई आदि बाइनरी संकेतों के कुछ उदाहरण हैं। जबसे एकीकृत परिपथों (इन्टीग्रेटेड सर्किट) का प्रादुर्भाव हुआ है और एक छोटी सी चिप में लाखों करोंड़ों इलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ भरी जाने लगीं हैं तब से डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है। आधुनिक व्यक्तिगत कम्प्यूटर (पीसी) तथा सेल-फोन, डिजिटल कैमरा आदि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिकी की देन हैं। लकडी की तख्ती पर हाथ से बुनी हुई एक द्विआधारी घड़ी एक औद्योगिक अंकीय नियंत्रक इनटेल 80486DX2 माइक्रोप्रोसेसर अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी, या सूक्ष्माड़विक आंकिक पद्धति ऐसी प्रणाली है जो विद्युत संकेतों को, रेखीय स्तर के एक निरंतर पट्टियों के बजाए एक अलग अलग पट्टियों की श्रृंखला के रूप में दर्शाती है। इस पट्टी के सभी स्तर संकेतों की एक ही अवस्था को दर्शाते हैं। संकेतो की इस पृथकता की वजह से निर्माण सहनशीलता के काऱण रेखीय संकेतो के स्तर में आये अपेक्षाकृत छोटे बदलाव अलग आवरण नहीं छोड़ते है। जिसके परिणाम स्वरुप संकेतो की अवस्था को महसूस करने वाला परिपथ इन्हे नजरअंदाज कर देता है। ज्यादातर मामलों में संकेतो की अवस्था की संख्या दो होती है और इन दो अवस्थाओं को दो वोल्टेज स्तरों द्वारा दर्शाया जाता है: प्रयोग में आपूर्ति वोल्टेज के आधार पर एक व दूसरा (आमतौर पर "जमीनी" या शून्य वोल्ट के रूप में कहा जाता है)| 1 उच्च स्तर पर होता है व 0 निम्न स्तर पर। अक्सर ये दोनों स्तर "लो" और "हाई" के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं। आंकिक तकनीक का मूल लाभ इस तथ्य पर आधारित है कि संकेतो की एक सतत श्रृंखला को पुनरुत्पादित करने के बजाए, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को संकेतो की ० या १ जैसे किसी ज्ञात अवस्था में भेजना ज्यादा आसान होता है। डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स आम तौर पर लॉजिक गेट्स के वृहद संयोजन व बूलियन तर्क प्रकार्य के सरल इलेक्ट्रोनिक्स से बनाया जाता है। .

नई!!: अनुरूप एलेक्ट्रॉनिकी और अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

एनालाग परिपथ, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिकी, अनुरूप परिपथ, अनुरूप इलेक्ट्रानिकी, अनुरूप इलेक्ट्रॉनिकी

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »