लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अनुप्रास

सूची अनुप्रास

जहां एक या अनेक वर्णों की क्रमानुसार आवृत्ति केवल एक बार हो अर्थात एक या अनेक वर्णों का प्रयोग केवल दो बार हो, वहां छेकानुप्रास होता है। छेकानुप्रास का एक उदाहरण द्रष्टव्य है— देखौ दुरौ वह कुंज कुटीर में बैठो पलोटत राधिका पायन। मैन मनोहर बैन बजै सुसजै तन सोहत पीत पटा है। उपर्युक्त पहली पंक्ति में 'द' और 'क' का तथा दूसरी पंक्ति में 'म' और 'ब' का प्रयोग दो बार हुआ है। वर्णों की आवृत्ति को अनुप्रास कहते हैं। उदाहरण - चारु चन्द्र की चंचल किरणें, खेल रहीं थीं जल-थल में। स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई थी, अवनि और अम्बरतल में॥ अनुप्रास के प्रकार छेकानुप्रासː जब वर्णों की आवृत्ति एक से अधिक बार होती है तो वह छेकानुप्रास कहलाता है। उदाहरण - मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथराजू॥ वृत्यानुप्रासː जब एक ही वर्ण की आवृत्ति अनेक बार होती है तो वृत्यानुप्रास होता है। उदाहरण - काम कोह कलिमल करिगन के। लाटानुप्रासː जब एक शब्द या वाक्यखण्ड की आवृत्ति होती है तो लाटानुप्रास होता है। उदाहरण - वही मनुष्य है, जो मनुष्य के लिये मरे। अन्त्यानुप्रासː जब अन्त में तुक मिलता हो तो अन्त्यानुप्रास होता है। उदाहरण - मांगी नाव न केवटु आना। कहहि तुम्हार मरमु मैं जाना॥ श्रुत्यानुप्रासː जब एक ही वर्ग के वर्णों की आवृत्ति होती है तो श्रुत्यानुप्रास होता है। उदाहरण - दिनान्त था थे दिननाथ डूबते, सधेनु आते गृह ग्वाल बाल थे। (यहाँ पर त वर्ग के वर्णों अर्थात् त, थ, द, ध, न की आवृति हुई है।) श्रेणी:अलंकार श्रेणी:काव्य श्रेणी:हिन्दी साहित्य श्रेणी:चित्र जोड़ें.

6 संबंधों: तुक, शब्द, वर्ण (बहुविकल्पी शब्द), वर्ग, आवृत्ति, अनुप्रास

तुक

कविताओं में अथवा छंद में ये आवश्यक होता है कि दो पंक्तियों के अन्तिम वर्णों का मिलान हो। उसी के आधार पर इसे कविता कहते हैं अन्यथा ये कविता न होती। इन अन्तिम वर्णों को जो आपस में मेल खाते हैं "तुक" कहते हैं।.

नई!!: अनुप्रास और तुक · और देखें »

शब्द

एक या एक से अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द है। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। एक से ज़्यादा शब्द मिलकर एक पूरा वाक्य बनाते है। .

नई!!: अनुप्रास और शब्द · और देखें »

वर्ण (बहुविकल्पी शब्द)

* अक्षर जो भाषा की सबसे छोटी इकाई है और वर्णमाला में एकत्रित किये जाते हैं।.

नई!!: अनुप्रास और वर्ण (बहुविकल्पी शब्द) · और देखें »

वर्ग

वर्ग (Square) ज्यामिति की एक आकृति है। यदि किसी चतुर्भुज की चारों भुजाएं बराबर हों और चारो कोण समकोण हों तो उस चतुर्भुज को वर्ग कहते है। .

नई!!: अनुप्रास और वर्ग · और देखें »

आवृत्ति

विभिन्न आवृतियों की तरंगें कोई आवृत घटना (बार-बार दोहराई जाने वाली घटना), इकाई समय में जितनी बार घटित होती है उसे उस घटना की आवृत्ति (frequency) कहते हैं। आवृति को किसी साइनाकार (sinusoidal) तरंग के कला (phase) परिवर्तन की दर के रूप में भी समझ सकते हैं। आवृति की इकाई हर्त्ज (साकल्स प्रति सेकण्ड) होती है। एक कम्पन पूरा करने में जितना समय लगता है उसे आवर्त काल (Time Period) कहते हैं। आवर्त काल .

नई!!: अनुप्रास और आवृत्ति · और देखें »

अनुप्रास

जहां एक या अनेक वर्णों की क्रमानुसार आवृत्ति केवल एक बार हो अर्थात एक या अनेक वर्णों का प्रयोग केवल दो बार हो, वहां छेकानुप्रास होता है। छेकानुप्रास का एक उदाहरण द्रष्टव्य है— देखौ दुरौ वह कुंज कुटीर में बैठो पलोटत राधिका पायन। मैन मनोहर बैन बजै सुसजै तन सोहत पीत पटा है। उपर्युक्त पहली पंक्ति में 'द' और 'क' का तथा दूसरी पंक्ति में 'म' और 'ब' का प्रयोग दो बार हुआ है। वर्णों की आवृत्ति को अनुप्रास कहते हैं। उदाहरण - चारु चन्द्र की चंचल किरणें, खेल रहीं थीं जल-थल में। स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई थी, अवनि और अम्बरतल में॥ अनुप्रास के प्रकार छेकानुप्रासː जब वर्णों की आवृत्ति एक से अधिक बार होती है तो वह छेकानुप्रास कहलाता है। उदाहरण - मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथराजू॥ वृत्यानुप्रासː जब एक ही वर्ण की आवृत्ति अनेक बार होती है तो वृत्यानुप्रास होता है। उदाहरण - काम कोह कलिमल करिगन के। लाटानुप्रासː जब एक शब्द या वाक्यखण्ड की आवृत्ति होती है तो लाटानुप्रास होता है। उदाहरण - वही मनुष्य है, जो मनुष्य के लिये मरे। अन्त्यानुप्रासː जब अन्त में तुक मिलता हो तो अन्त्यानुप्रास होता है। उदाहरण - मांगी नाव न केवटु आना। कहहि तुम्हार मरमु मैं जाना॥ श्रुत्यानुप्रासː जब एक ही वर्ग के वर्णों की आवृत्ति होती है तो श्रुत्यानुप्रास होता है। उदाहरण - दिनान्त था थे दिननाथ डूबते, सधेनु आते गृह ग्वाल बाल थे। (यहाँ पर त वर्ग के वर्णों अर्थात् त, थ, द, ध, न की आवृति हुई है।) श्रेणी:अलंकार श्रेणी:काव्य श्रेणी:हिन्दी साहित्य श्रेणी:चित्र जोड़ें.

नई!!: अनुप्रास और अनुप्रास · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

लाटानुप्रास, अनुप्रास अलंकार

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »