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अनुकोण प्रतिचित्रण

सूची अनुकोण प्रतिचित्रण

इस चित्र में नीचे वाली आकृति उपर वाले चित्र में बनी हुई आयताकार ग्रिड का 'इमेज' है जो एक अनुकोणी प्रतिचित्रण के द्वारा प्राप्त हुआ है। द्रष्टव्य है कि इस प्रतिचित्रण के अन्तर्गत 90° पर परस्पर काटने वाली रेखाएँ 'इमेज' में भी परस्पर 90° पर ही काटतीं हैं। गणित में उस फलन को अनुकोणी प्रतिचित्रण (Conformal mapping या angle-preserving mapping) कहते हैं जिसके अन्तर्गत कोण अपरिवर्तित रहते हैं। प्रायः यह समिश्र तल में उपयोग किया जाता है। अनुकोण प्रतिचित्रण में अनन्त-सूक्ष्म चित्रों के कोण और स्वरूप (shape) दोनों ही सुरक्षित रहते हैं किन्तु आवश्यक नहीं है कि आकार (साइज) भी अपरिवर्तित रहे। अनुकोणी प्रतिचित्रण का सबसे प्रसिद्ध प्रयोग मर्केटर प्रक्षेप कहलाता है जिसके द्वारा भूमंडल की आकृतियों का चित्रण समतल पर किया जाता है। .

5 संबंधों: फलन, मर्केटर प्रक्षेप, समिश्र संख्या, गणित, कोण

फलन

''X'' के किसी सदस्य का ''Y'' के केवल एक सदस्य से सम्बन्ध हो तो वह फलन है अन्यथा नहीं। ''Y''' के कुछ सदस्यों का '''X''' के किसी भी सदस्य से सम्बन्ध '''न''' होने पर भी फलन परिभाषित है। गणित में जब कोई राशि का मान किसी एक या एकाधिक राशियों के मान पर निर्भर करता है तो इस संकल्पना को व्यक्त करने के लिये फलन (function) शब्द का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिये किसी ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज की राशि मूलधन, समय एवं ब्याज की दर पर निर्भर करती है; इसलिये गणित की भाषा में कह सकते हैं कि चक्रवृद्धि ब्याज, मूलधन, ब्याज की दर तथा समय का फलन है। स्पष्ट है कि किसी फलन के साथ दो प्रकार की राशियां सम्बन्धित होती हैं -.

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मर्केटर प्रक्षेप

मर्केटर प्रक्षेप द्वारा निर्मित विश्व-मानचित्र मर्केटर प्रक्षेप (Mercator's Projection) एक भौगोलिक प्रक्षेपण विधि है। नौचालन में विशेषोपयोगी होने के कारण मर्केटर प्रक्षेप प्राचीन और सर्वाधिक सुविदित है। इसकी खोज मर्केटर नाम से विख्यात गर्हार्ड क्रेमर ने 1569 ई में की थी। लोगों की मिथ्या धारणा है कि बेलनाकार प्रक्षेप है। .

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समिश्र संख्या

किसी समिश्र संख्या का अर्गेन्ड आरेख पर प्रदर्शन गणित में समिश्र संख्याएँ (complex number) वास्तविक संख्याओं का विस्तार है। किसी वास्तविक संख्या में एक काल्पनिक भाग जोड़ देने से समिश्र संख्या बनती है। समिश्र संख्या के काल्पनिक भाग के साथ i जुड़ा होता है जो निम्नलिखित सम्बन्ध को संतुष्ट करती है: किसी भी समिश्र संख्या को a + bi, के रूप में व्यक्त किया जा सकता है जिसमें a और b दोनो ही वास्तविक संख्याएं हैं। a + bi में a को वास्तविक भाग तथा b को काल्पनिक भाग कहते हैं। उदाहरण: 3 + 4i एक समिश्र संख्या है। .

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गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

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कोण

"यदि कोई रेखा अपने एक सिरे को स्थिर रखकर घूमती हुई अपनी स्थिति में परिवर्तन करती है, तो रेखा के परिक्रमण की माप को कोण कहते है। "∠, कोण का प्रतीक ज्यामिति में कोण (Angle) वह आकृति है जो एकबिन्दु से दो सरल रेखाओं के निकलने पर बनती है। .

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