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अनामदास का पोथा

सूची अनामदास का पोथा

अनामदास का पोथा आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित एक उपन्यास है। इस उपन्यास में उपनिषदों की पृष्ठभूमि में चलती एक बहुत ही मासूम सी प्रेमकथा का वर्णन है। साथ ही साथ उपनिषदों की व्याख्या व समझने का प्रयास, मानव जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में विचारों के मानसिक द्वंद्व व उनके उत्तर ढूंढने का प्रयास इस उपन्यास की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ व कहना चाहिए कि उपलब्धियाँ भी है। इस उपन्यास में परिलक्षित लेखक का उपनिषद-ज्ञान व मानवीय मनोभावों को समझने की क्षमता व उनको अपनी कलम से सजीव कर देने की क्षमता निश्चित ही प्रशंसनीय है। .

3 संबंधों: राजकमल प्रकाशन, हजारी प्रसाद द्विवेदी, छांदोग्य उपनिषद

राजकमल प्रकाशन

राजकमल प्रकाशन हिन्दी पुस्तकों को प्रकाशित करने वाला सर्वाधिक प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थान है। वर्तमान समय में लोक भारती प्रकाशन और राधाकृष्ण प्रकाशन तथा अंग्रेजी प्रकाशक बनियन ट्री भी राजकमल प्रकाशन समूह के अंतर्गत आ गए हैं। इन्हें संयुक्त रूप से राजकमल प्रकाशन समूह प्राइवेट लिमिटेड नाम दिया गया है। इसका मुख्यालय दरियागंज नई दिल्ली (भारत) में स्थित है। १९४९ ई. में स्थापित यह प्रकाशन प्रति वर्ष लगभग चार सौ पुस्तकों का प्रकाशन करता है। .

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हजारी प्रसाद द्विवेदी

हजारी प्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी के मौलिक निबन्धकार, उत्कृष्ट समालोचक एवं सांस्कृतिक विचारधारा के प्रमुख उपन्यासकार थे। .

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छांदोग्य उपनिषद

छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छान्दोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। इसके आठ प्रपाठकों में प्रत्येक में एक अध्याय है। .

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