लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अधिसिद्धांत

सूची अधिसिद्धांत

अधिसिद्धांत (metatheory) ऐसा सिद्धांत (थिओरी) होता है जिसका विषय कोई अन्य सिद्धांत हो। स्टीफन हॉकिंग के शब्दों में "हर सिद्धांत सदैव अस्थाई होता है, वह केवल एक परिकल्पना मात्र होती है; उसे पूर्ण रूप से प्रमाणित नहीं करा जा सकता। चाहे कितनी ही बार प्रयोग कर के सिद्धांत सही पाया जाये, आप कभी-भी पूर्णतः निश्चिंत नहीं हो सकते कि अगली बार प्रयोग करने पर उसके परिणाम सिद्धांत को नहीं झुठलाएंगे। इसके विपरीत, किसी भी सिद्धांत को केवल एक बार उस से अलग नतीजा देने वाले प्रयोग द्बारा खण्डित करा जा सकता है।" .

4 संबंधों: परिकल्पना, सिद्धांत (थिअरी), स्टीफन हॉकिंग, अधिदर्शन

परिकल्पना

किसी घटना की व्याख्या करने वाला कोई सुझाव या अलग-अलग प्रतीत होने वाली बहुत सी घटनाओं के आपसी सम्बन्ध की व्याख्या करने वाला कोई तर्कपूर्ण सुझाव परिकल्पना (hypothesis) कहलाता है। वैज्ञानिक विधि के नियमानुसार आवश्यक है कि कोई भी परिकल्पना परीक्षणीय होनी चाहिये। सामान्य व्यवहार में, परिकल्पना का मतलब किसी अस्थायी विचार (provisional idea) से होता है जिसके गुणागुण (merit) अभी सुनिश्चित नहीं हो पाये हों। आमतौर पर वैज्ञानिक परिकल्पनायें गणितीय माडल के रूप में प्रस्तुत की जाती हैं। जो परिकल्पनायें अच्छी तरह परखने के बाद सुस्थापित (well established) हो जातीं हैं, उनको सिद्धान्त कहा जाता है। श्रेणी:विज्ञान *.

नई!!: अधिसिद्धांत और परिकल्पना · और देखें »

सिद्धांत (थिअरी)

सिद्धांत, सिद्धि का अंत है। यह वह धारणा है जिसे सिद्ध करने के लिए, जो कुछ हमें करना था वह हो चुका है और अब स्थिर मत अपनाने का समय आ गया है। धर्म, विज्ञान, दर्शन, नीति, राजनीति सभी सिद्धांत की अपेक्षा करते हैं। .

नई!!: अधिसिद्धांत और सिद्धांत (थिअरी) · और देखें »

स्टीफन हॉकिंग

स्टीफन विलियम हॉकिंग (८ जनवरी १९४२– १४ मार्च २०१८)), एक विश्व प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (Centre for Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक थे। .

नई!!: अधिसिद्धांत और स्टीफन हॉकिंग · और देखें »

अधिदर्शन

अधिदर्शन (Metaphilosophy), जिसे कभी-कभी दर्शन का दर्शन (philosophy of philosophy) भी कहा जाता है, स्वयं दर्शनशास्त्र को दर्शनशास्त्रीय सिद्धांतों के प्रयोग से समझने की क्रिया को कहते हैं। इसमें दर्शनशास्त्र के ध्येय, उसकी सीमाएँ और उसकी अध्ययन-प्रणालियाँ शामिल हैं। जहाँ दर्शनशास्त्र में अस्तित्व के बारे में, वस्तुओं की वास्तविकता पर, ज्ञान-प्राप्ति की सम्भावनाओं पर और सत्य के गुणों व लक्षणों के बारे में अध्ययन होता है, वहाँ अधिदर्शन में इन प्रशनों के उत्तर में किये गये प्रयासों के गुणों, ध्येयों और विधियों का स्वयं अध्ययन करा जाता है। उदाहरण के लिये अधिदर्शन में पूछा जाता है कि दर्शनशास्त्र क्या है, उसमें क्या प्रशन पूछे जाने चाहिये, उन प्रशनों का उत्तर कैसे मिल सकता है और उन उत्तरों से क्या ध्येय पूर्ण होगा। .

नई!!: अधिसिद्धांत और अधिदर्शन · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »